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Drugs ने बुझाए 2 परिवारों के चिराग, 1 ही दिन में 2 युवकों की मौत, 2 वर्षों में करीब 30 युवक चढ़ चुके नशे की भेंट

रानियां रानियां क्षेत्र के गांव ओटू में नशे की लत ने एक बार फिर दो परिवारों के चिराग बुझा दिए। बुधवार को नशे की ओवरडोज से दो युवकों, सुखचैन (20) और विक्की (19) की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया। दोनों शिक्षित, कुंवारे और बाजीगर समुदाय से थे। पिछले दो वर्षों में करीब 30 युवा इस लत की भेंट चढ़ चुके हैं, जबकि एक महीने पहले भी दो मौतें हुई थीं। गांव में नशे का जाल इतना गहरा चुका है कि ग्रामीण अब पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। गुरुवार को इस मुद्दे पर ग्रामीण मीटिंग करेंगे, जिसमें नशे के खिलाफ ठोस कदमों पर चर्चा होगी। बुधवार सुबह 6 ले बजे सुखचैन पुत्र दयालूराम का शव ले रानियां ट्रक यूनियन के पास मिला। वह क मंगलवार शाम से लापता था। परिजनों स ने उसे कई जगह ढूंढा, लेकिन सुबह क किसी की सूचना पर शव मिला। उसी के दिन शाम 7 बजे दूसरी दुखद खबर मि आई। विक्की नामक युवक का शव जु गांव अभोली बस अड्डे के पास अचेत नि पड़ा मिला। उसे डॉक्टर के पास ले त जाया गया, लेकिन उसे मृत घोषित अ कर दिया गया। रानियां थाना के क एडिशनल एसएचओ गुरमिंदर सिंह इन ने कहा कि अभी तक थाने में कोई रा शिकायत नहीं आई। शिकायत मिलने अ पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। 

सीआईए फिरोजपुर की बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में हेरोइन और कैश बरामद, दो आरोपी दबोचे गए

फिरोजपुर  फिरोजपुर सीआईए स्टाफ ने पांच किलो हेरोइन व 29 लाख रुपये ड्रग्स मनी समेत दो तस्करों को काबू किया है। इनके पास से तीन मोबाइल भी बरामद हुए हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान साजन वासी बस्ती आवा और रमेश वासी गांव नौरंगके लेली वाला के तौर पर हुई है। थाना सिटी पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।  नार्को-टेरर नेटवर्क का भंडाफोड़: अंकुश कपूर मास्टरमाइंड, 8 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2020 के अंतरराष्ट्रीय नार्को-आतंकी गठजोड़ मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। पाकिस्तान से समुद्री मार्ग के जरिए गुजरात में ड्रग्स की तस्करी के मामले में यह कार्रवाई की गई है। ड्रग्स की कमाई लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी संगठन को फंडिंग के लिए इस्तेमाल होनी थी।  एनआईए ने दायर अपनी आठवीं पूरक चार्जशीट में यह स्पष्ट किया है कि यह साजिश इटली बेस्ड सिमरनजीत सिंह संधू, ऑस्ट्रेलिया निवासी तनवीर बेदी और भारत में अंकुश कपूर ने रची थी। चार्जशीट अहमदाबाद की एनआईए विशेष अदालत में एनडीपीएस एक्ट और यूए (पी) एक्ट की धाराओं के तहत दाखिल की गई है। इसके अलावा आरोपियों में पाकिस्तान के नागरिक तारिक उर्फ भाईजान, गगनदीप सिंह अरोड़ा, तमन्ना गुप्ता, सुखबीर सिंह उर्फ हैप्पी और अनवर मसीह भी शामिल हैं। जांच में सामने आया कि पाकिस्तान से करीब 500 किलोग्राम हेरोइन गुजरात लाई गई थी, जिसे आगे पंजाब भेजा गया था। इस ड्रग्स की बिक्री से मिली रकम लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होती थी। एनआईए की जांच में पता चला कि यह नार्को-टेरर नेटवर्क गुजरात, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में फैला था, जो आगे  इटली, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, पाकिस्तान, ईरान और थाईलैंड जैसे देशों तक फैला हुआ था। जांच के अनुसार, अंकुश कपूर भारत में नार्को-टेरर सिंडिकेट का मुख्य संचालक था, जिसकी पंजाब में तस्करी के जमीनी संचालन, लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज और स्थानीय वितरण की जिम्मेदार थी। सिमरनजीत इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड था, जो अवैध ड्रग्स की सप्लाई, स्टोरेज, प्रोसेसिंग और फंडिंग का काम देखता था। तनवीर बेदी ने अंतरराष्ट्रीय हवाला चैनलों के जरिए आतंकी समूह की भारत में गतिविधियों के लिए फंडिंग की। वहीं फरार गगनदीप सिंह अरोड़ा बड़ी धनराशि के स्थानांतरण में शामिल था। अब तक इस मामले में कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि आठ आरोपी फरार हैं। एनआईए फरार आरोपियों की तलाश में है, ताकि इस सिंडिकेट को खत्म करने के साथ ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद के गठजोड़ को समाप्त किया जा सके। 

रायपुर : नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर रोकथाम के लिए राज्य भर में कार्रवाई लगातार जारी

रायपुर दवाओं का दुरुपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। औषधि विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में की गई कार्रवाइयों में कई स्थानों से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित औषधियां जब्त की गईं और आरोपियों को हिरासत में भी लिया गया।    हाल ही में पंडरिया जिला कबीरधाम में प्रतिबंधित औषधि की अवैध बिक्री की सूचना पर छापा मारकर इसकी 200 स्ट्रिप जब्त की गई। वहीं रायपुर में कोडीन फॉस्फेट युक्त औषधियों की अवैध बिक्री पर कार्रवाई करते हुए दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया और इनसे 120 नग औषधियां बरामद की गयी। दोनों मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।        गरियाबंद जिले के कोपरा में चन्दन मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर प्रतिबंधित नशीली दवाओं के क्रय विक्रय रिकॉर्ड में अनियमितता पायी गयी। इसके पश्चात दुकान संचालक के विरूद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 व नियमावली 1945 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।      महासमुंद में नगर पालिका कार्यालय में मेडिकल संचालकों की बैठक आयोजित की गई। इसमें नशामुक्त महासमुंद अभियान पर चर्चा हुई और सभी दवा विक्रेताओं ने समाज को नशे की बुराई से बचाने के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया। बैठक में ये चर्चा की गयी कि नशे के आदि लोग अक्सर दवाइयों का गलत उपयोग करते हैं, जिससे अपराधों में वृद्धि होती है। सभी से अपील है कि नशीली दवाओं की अवैध बिक्री में किसी भी प्रकार से सहयोग न करें।         औषधि विभाग द्वारा  जागरूकता गतिविधियां भी लगातार संचालित की जा रही हैं। इसी क्रम में बेमेतरा जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए आमजन को नशा पान से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अतिरिक्त जिला कोंडागांव, जांजगीर-चाम्पा, बिलासपुर,  एवं राजनांदगांव मे भी औषधि निरीक्षकों द्वारा समाज में नशीली दवायों के दुष्प्रभावों के सम्बन्ध में जागरूकता लाने के उद्देश्य से शासकीय विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजन किये गए व युवाओं को नशे की लत से दूर रहने के लिए शपथ दिलाई गयी।        एम्स रायपुर के सेंट्रल फार्मेसी स्टोर का राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन के अधिकारियों एवं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के प्रतिनिधियों द्वारा,  सीडीएससीओ मुंबई से प्राप्त निर्देशों के अनुसार संयुक्त निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड,  पुणे की कुछ दवाइयों का विधिक सैंपल लिया गया। ये नमूने निर्धारित विधिक प्रक्रियाओं के अनुसार एकत्र किए गए हैं तथा परीक्षण एवं विश्लेषण हेतु अग्रेषित किए जाएंगे, ताकि दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं प्रभावकारिता सुनिश्चित की जा सके।

जिम में ड्रग्स डोज़ देने का खुलासा, पुलिस पकड़ने से पहले संचालक हुआ फरार

भोपाल  भोपाल के हाई प्रोफाइल ड्रग तस्करी, रेप-ब्लैकमेलिंग और जमीन कब्जाने के गिरोह से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी चाचा शाहवर और भतीजे यासीन मछली के गुर्गों से भोपाल के एक फेमस जिम का संचालक मोनिस खान सबसे ज्यादा ड्रग्स खरीदता था।  इसका खुलासा 18 जुलाई 2025 को सबसे पहले गिरफ्तार किए गए सैफउद्दीन ने पूछताछ में किया था। मोनिस जिम संचालन करने से पहले फिटनेस ट्रेनर भी रह चुका है। क्राइम ब्रांच ने मेमोरेंडम के आधार पर मोनिस को आरोपी बनाया है, लेकिन केस में नाम आने के बाद वह मलेशिया भाग गया। अब पुलिस उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कराने की तैयारी में है। सैफउद्दीन की ही निशानदेही पर मछली चाचा-भतीजे अरेस्ट सैफउद्दीन की ही निशानदेही पर पुलिस ने शाहवर और यासीन की गिरफ्तारी की थी। पूछताछ में उसने दोनों से ड्रग लेकर बेचने की बात स्वीकार की थी। तब मेमोरेंडम में पुलिस ने चाचा और भतीजे को आरोपी बना दिया था। इसकी जानकारी इन दोनों को नहीं थी। 21 जुलाई को घेराबंदी कर अलग-अलग जगहों से टीम ने चाचा-भतीजे को गिरफ्तार कर लिया। यासीन के मोबाइल से नाबालिग किशोर, युवक और युवतियों को टॉर्चर करते वीडियो मिले थे। जिसके बाद उसके खिलाफ रेप पॉक्सो और धोखाधड़ी की शिकायतें अलग-अलग थानों में दर्ज की गईं। बेन नाम के नाइजीरियन से अंशुल खरीदता था एमडी चाचा-भतीजे की निशानदेही पर पुलिस ने पुराने बदमाश अंशुल सिंह उर्फ भूरी को गिरफ्तार किया। शाहवर और यासीन इसी से ड्रग खरीदते थे। अंशुल ने पूछताछ में बताया था कि वह बेन नाम के नाइजीरियन नागरिक से एमडी ड्रग खरीदकर भोपाल लाता था और पार्टियों में खास ग्राहकों को बेचा करता था। यासीन और शाहवर भी उसके ग्राहक थे। सैफउद्दीन से ड्रग खरीदकर आगे बेचने का काम करते थे सैफउद्दीन ने ही पूछताछ में इस बात का भी खुलासा किया था कि कोहेफिजा और चूना भट्‌टी में स्थित जिम का संचालन करने वाले मोनिस खान और जहांगीराबाद के उमेर पट्‌टी भी ड्रग की तस्करी करते हैं। ये लोग उससे नशे का सामान लेकर आगे बेचने का काम करते थे। मोनिस इस ड्रग्स को अपने जिम में आने वाली युवतियों सहित युवकों को वजन कम कराने की दवा बताकर बेचता था। अरेरा कॉलोनी निवासी विशाल उर्फ सावन और अशोका गार्डन निवासी लारिब उर्फ बच्चा भी सैफउद्दीन से ड्रग खरीदकर आगे बेचने का काम करते थे। शाहिद मछली को सालाना 30 हजार कारतूस की लिमिट ड्रग्स तस्करी के बाद भोपाल के मछली परिवार का कनेक्शन अब शूटिंग की आड़ में कारतूसों की हेराफेरी से भी जुड़ गया है। जांच के दौरान पता चला है कि मछली परिवार के बुधवारा निवासी शाहिद अहमद पिता शरीफ अहमद का आपराधिक रिकॉर्ड है। इसी वजह से उसके तीन गन लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। शाहिद मछली को 2012 में लाइसेंस मिला था। उसके पास तीन हथियार 0.32 बोर रिवॉल्वर, 12 बोर सेमी-ऑटोमैटिक गन और 30.06 राइफल (विदेश से खरीदी गई) थे। उसे सालाना 30 हजार कारतूस की लिमिट मिली थी। शाहिद ने किसी शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया जांच में सामने आया कि शाहिद ने किसी शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। न इस आधार पर कारतूस खरीदे। उसने सिर्फ आत्मरक्षा के लिए जरूरी कारतूस खरीदे। जिला प्रशासन के मुताबिक मछली परिवार से जुड़े कुल 5 लोगों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। शाहिद के अलावा सोहेल, शहरयार, शफीक और शावेज के नाम पर भी शस्त्र लाइसेंस थे। इन पर कुल 8 हथियार दर्ज थे।

महिला समेत मणिपुर में 10 लाख रुपये मूल्य का ड्रग्स पकड़ा गया

इंफाल मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में सुरक्षा बलों ने 49 वर्षीय एक महिला के घर से 10 लाख रुपये मूल्य के मादक पदार्थ बरामद होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिला को सोमवार को जिले के एस मुन्नुअम इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘उसके पास से 1,200 नशीली गोलियां जब्त की गईं, जिन्हें ‘याबा टैबलेट’ के नाम से जाना जाता है। उनकी कीमत लगभग 10 लाख रुपये है।’’ याबा टैबलेट में मेथामफेटामीन और कैफीन का मिश्रण होता है। इसे ‘क्रेजी ड्रग’ भी कहा जाता है। यह भारत में प्रतिबंधित है। इस बीच, पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित गुट प्रीपैक (पीआरओ) के एक सक्रिय सदस्य को सोमवार को इंफाल पूर्वी जिले के नापेट पल्ली से गिरफ्तार किया गया। मणिपुर में दो साल पहले जातीय हिंसा भड़कने के बाद से सुरक्षा बल तलाशी अभियान चला रहे हैं। मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय संघर्ष में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है।  

यासीन मछली गिरोह का पर्दाफाश, टेलीग्राम पर छुपाकर ड्रग्स की तस्करी, दिल्ली-राजस्थान से लाई जाती है ड्रग्स

भोपाल  भोपाल के हाईप्रोफाइल ड्रग तस्करी केस के मास्टरमाइंड यासीन अहमद उर्फ मछली के 15 गुर्गों की गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच कर चुकी है। उसके बेहद करीबी अंशुल सिंह उर्फ भूरी को रिमांड खत्म होने के बाद 7 अगस्त को क्राइम ब्रांच ने जेल भेज दिया है। उसने पूछताछ में पूरे नेटवर्क की अहम जानकारियां पुलिस को दी हैं। उसने बताया कि पब-क्लब में आने वाले युवक-युवतियों को यासीन ड्रग तस्करी के नेटवर्क में जोड़ता था।ड्रग डीलिंग के लिए टेलीग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल सिखाता था। माल की डिलीवरी विश्वासपात्र ग्राहकों को ही दी जाती थी। ऑर्डर देने के लिए खास कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। पूरे शहर में यासीन के लिए 50 से अधिक लोग ड्रग तस्करी का काम कर रहे थे। यह लोग दिल्ली और राजस्थान से ड्रग लाने से लेकर भोपाल में खपाने तक का काम करते थे।अलग-अलग पब और क्लब में सक्रिय हैं गुर्गे यासीन के गुर्गे शहर के अलग-अलग क्लब और पब में सक्रिय रहते हैं। यहां आने वाली युवतियों और युवकों में से ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता था जो पहले से ही शराब या अन्य नशे के आदी हों। उनसे दोस्ती के बाद शुरुआती दिनों में फ्री ड्रग दिया जाता था। लत लगने पर इनसे एक डोज की कीमत 7 से 10 हजार रुपए तक की वसूली जाती थी।विदेशी नागरिकों से ड्रग डील के सबूत मिले यासीन और अंशुल के मोबाइल फोन में नाइजीरियन युवकों से चैट्स मिले हैं। सभी चैट्स में ड्रग डीलिंग के संबंध में बात हैं। इससे पहले भी क्राइम ब्रांच एक नाइजीरियन की गिरफ्तारी कर चुकी है। दो अन्य नाइजीरियन को भी पहचान कर हिरासत में लेने की बात कह रही है। फरारी में मदद करने वाला भी गिरफ्तार केस में ऐशबाग की सोनिया कॉलोनी में रहने वाला आरोपी सनव्वर फरार है। क्राइम ब्रांच ने उसके भाई शाकिर उर्फ छोटू अंसारी की गिरफ्तारी कर ली है। छोटू पर भाई की फरारी में मदद करने का आरोप है। एडिशनल डीसीपी बोले- अब तक 14 गिरफ्तार एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पूरे केस में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हर रोज यासीन के गिरोह से जुड़े होने के संदेह में संदेहियों को बुलाकर पूछताछ की जा रही है। अब तक 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। साक्ष्य मिलने पर पूछताछ के बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया है। राजस्थान से दिल्ली तक यासीन को ड्रग सप्लाई करने वालों की तलाश की जा रही है।