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ED की बड़ी कार्रवाई: 15 ठिकानों पर छापेमारी, 2 करोड़ कैश और विदेशी करेंसी बरामद

गुरुग्राम नया गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी जोनल कार्यालय ने 28 और 29 सितंबर 2025 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत बड़ी कार्रवाई की। यह छापामारी गोवा, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और राजकोट स्थित 15 ठिकानों पर की गई। यह कार्रवाई मेसर्स गोल्डन ग्लोब होटल्स प्रा लि, मेसर्स वर्ल्डवाइड रिज़ॉर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्रा लि. और गोवा के बिग डैडी कसीनो से जुड़े मामलों में हुई। ईडी की तलाशी में लगभग 2.25 करोड़ नकद, 14,000 अमेरिकी डॉलर, और अन्य विदेशी मुद्रा करीब 8.50 लाख के बराबर जब्त किए गए। वहीं, जांच में पता चला कि कसीनो में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा के बदले पोकर चिप्स दिए जाते थे और जीत की राशि भी विदेशी मुद्रा में लौटाई जाती थी। जांच में यह भी सामने आया कि पोकर खिलाड़ियों के क्रिप्टो वॉलेट्स का इस्तेमाल लेन-देन के लिए किया जा रहा था। अंगड़िया सेवाओं और क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए दुबई सहित कई देशों में यूएसडीटी ट्रांसफर किए जाते थे। साथ ही कई म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल जुए की रकम जमा और निकालने के लिए किया जा रहा था जिसे बाद में विदेशों में भेजा जाता था। वहीं, कार्रवाई के दौरान 90 लाख से अधिक मूल्य के यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) को फ्रीज किया गया। साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं, जिनसे फेमा के उल्लंघन और हवाला/क्रिप्टो लेन-देन की पुष्टि होती है। ईडी के अनुसार, मामले की आगे की जांच जारी है।

पाथ ग्रुप पर ED का शिकंजा, अनिल अंबानी केस से कनेक्शन और करोड़ों की हेराफेरी की जांच

इंदौर  प्रदेश के औद्योगिक शहर इंदौर में मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने छापामार कार्रवाई की है। ईडी ने पाथ इंडिया ग्रुप के ठिकानों पर अचानक रेड की है। तड़के करीब 6 बजे ईडी की टीम पांच से छह गाड़ियों के साथ महू स्थित बंगला नंबर 76 और शहर के अन्य ठिकानों पर पहुंची। टीम ने ग्रुप से जुड़े कार्यालयों और निदेशकों के आवासों में तलाशी अभियान शुरू किया। मीडिया को छापामारी स्थल पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। कौन हैं पाथ ग्रुप के डायरेक्टर पाथ इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन अग्रवाल हैं। कंपनी में निपुण अग्रवाल, सक्षम अग्रवाल, नीति अग्रवाल और संतोष अग्रवाल डायरेक्टर हैं। इसके अलावा आशीष अग्रवाल और आदित्य उपाध्याय को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर जोड़ा गया है। साथ ही कंपनी की मैनेजमेंट टीम में राजेश झमानी (सीनियर जनरल मैनेजर), संजय कुमार बोरसे (जीएम), जेपी मिश्रा (सीजीएम एचआर एंड एडमिन), नुकुंज परमार (जीएम फाइनेंस), मनीष शर्मा (जीएम टोल ऑपरेशन), अनुज गोयल (जीएम कॉन्ट्रैक्ट्स), अनुराग सुराना (सीनियर जीएम मैकेनिकल), हेमंत गर्ग (सीएस), विशाल मुदगल (जीएम मार्केटिंग), नवनीत शर्मा, सुलतान अहमद खान और असरफ हुसैन कुरैशी (चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर) शामिल हैं। ईडी ने इन सभी से जुड़े दस्तावेजों और लेन-देन की गहन जांच शुरू कर दी है। अनिल अंबानी केस से जुड़ रही कड़ी सूत्रों का कहना है कि यह छापेमारी अनिल अंबानी से संबंधित बैंक लोन घोटाले की जांच का हिस्सा है। जानकारी के मुताबिक अंबानी की एक कंपनी और पाथ ग्रुप के बीच कई निर्माण परियोजनाओं को लेकर करार हुए थे। ईडी को शक है कि इन समझौतों के बहाने करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई। 10 साल पहले भी पड़ी थी रेड करीब दस साल पहले भी पाथ ग्रुप पर आयकर विभाग ने दबिश दी थी। तब खुलासा हुआ था कि राजस्थान में एक हाईवे निर्माण प्रोजेक्ट का ठेका अनिल अंबानी की कंपनी को मिला था। जिसे पाथ ग्रुप को सब-कॉन्ट्रैक्ट के रूप में सौंपा गया। इस दौरान दो अलग-अलग अनुबंध सामने आए थे। आरोप था कि सीक्रेट एग्रीमेंट के जरिए अतिरिक्त रकम को अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से बाहर भेजा गया। बाद में दुबई से वापस भारत लाया गया।