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युवाओं को स्वावलंबी बनाने का सशक्त माध्यम हैं सहकारी समितियां: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को मिल रहे नए आयाम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव नए कार्यों में सहकारी समितियों को दी जा रही है प्राथमिकता युवाओं को स्वावलंबी बनाने का सशक्त माध्यम हैं सहकारी समितियां युवाओं को दिए सहकारिता के मूल मंत्र किसी भी काम में सफल होने के लिए जरूरी है मजबूत आत्मविश्वास सफलता के लिए कार्य अनुभव और उसके संबंध में जानकारी आवश्यक सहकारिता को लेकर लागू है पारदर्शी व्यवस्था, अब 30 दिन में हो रहा नई समिति का पंजीयन महिलाएं समिति बनाकर सतपुड़ा टाइगर रिर्जव में चला रही हैं सफारी मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर युवाओं से किया संवाद विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का किया समाधान भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के सहकारिता क्षेत्र को नए आयाम मिल रहे हैं। दुग्ध-उत्पादन, औद्योगिक विकास सहित अन्य क्षेत्रों में हो रहे नए कार्यों में सहकारी समितियों को प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता समाज को एक करने के साथ ही युवाओं को बेरोजगारी से बचाने का माध्यम है। रोजगार का अर्थ सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है। युवाओं को स्वरोजगार और स्वावलंबन से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है और वर्ष 2025 को रोजगार एवं उद्योग वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटी है, क्योंकि आंख पर पट्टी रहते हुए न्याय कैसे हो सकता है। नागरिकों के मूल अधिकार संविधान में उल्लेखित हैं और इसी भावना से व्यक्तियों के आपसी स्वावलंबन और सहभागिता का समावेश सहकारिता में है। वर्तमान सरकार में सहकारिता को लेकर व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। नई समिति की पंजीयन प्रक्रिया 30 दिन में पूर्ण की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस के अवसर पर समन्वय भवन में म.प्र. राज्य सहकारी संघ एवं अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज की ओर से आयोजित सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता ध्वज फहराकर समन्वय भवन में आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों को पौधा भेंटकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालयीन विद्यार्थियों से संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता से उद्योग प्राप्त करने वाली 30 महिलाओं को सिलाई मशीन टूल किट वितरण के प्रतीक स्वरूप एक महिला को सिलाई किट प्रदान की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश में सहकारिता का आंदोलन खड़ा करने के लिए गुजरात में अमूल की स्थापना की। हजारों लोगों को दुग्ध-उत्पादन से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने और बेरोजगारी खत्म करने का कार्य किया। राज्य सरकार भी दुग्ध-उत्पादन बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। अभी दुग्ध-उत्पादन में प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जो भविष्य में शीर्ष पर पहुंचेगा। इसी उद्देश्य से दुग्ध-उत्पादन में प्रदेश का योगदान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सहकारिता क्षेत्र की बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं को दिए मूल मंत्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं से संवाद करते हुए उन्हें सहकारिता क्षेत्र से जुड़े मूल मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता में आने का एक सूत्र है- जब भी कोई नया काम करें तो आत्मविश्वास मजबूत रखें। युवा जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, पहले उसका अनुभव लें और यह भी देखें कि सहकारी समिति के माध्यम से इस क्षेत्र में क्या-क्या किया जा सकता है। सहकारी समिति के नेतृत्वकर्ता का दायित्व है कि पहले वह स्वयं पूरी जानकारी रखें और दूसरे साथियों को भी बताएं। सभी क्षेत्रों में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं के जीवन की असली परीक्षा कॉलेज की शिक्षा पूर्ण होने के बाद शुरू होती है। राज्य सरकार सभी क्षेत्रों में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश वन्य संपदा और जलराशियों से संपन्न है। प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार संकल्पित है। हमारे युवा सभी साधनों से संपन्न होकर प्रदेश को आग बढ़ाए, इसी भावना से राज्य सरकार कार्य कर रही है। इसी उद्देश्य से अलग-अलग मंचों पर युवाओं से संवाद किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में उन्हें भी नेतृत्व का अवसर मिले। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 में विकसित राष्ट्र बनेगा। सहकारिता और भारतीय दर्शन के माध्यम से हम सबके कल्याण की प्रार्थना करते हैं। आय बढ़ाने के साथ समाज को एक करने की पहल है सहकारिता सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि आज विश्व अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में देश की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने विकसित भारत के लिए सहकारिता को आगे बढ़ाने पर बल दिया। देश में सहकारिता मंत्रालय बनाकर केन्द्रीय मंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी। देश का इतिहास है कि जहां व्यक्ति है, वहां सहकारिता है। जब व्यक्ति का एक-दूसरे से समन्वय होगा, तभी देश एक होगा। सहकारिता केवल आय बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि देश और समाज को एक करने की पहल है। हमें रोजमर्रा की जिंदगी में सहकारिता को आत्मसात करना होगा। हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों की जिज्ञासा का किया समाधान मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सामने महाविद्यालय छात्र-छात्राओं ने युवा संवाद कार्यक्रम में कई जिज्ञासाएं रखीं। एक छात्रा के सहकारी समिति बनाने की प्रक्रिया और शासकीय कार्य-प्रणाली संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में सहकारिता में पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की गई है और नई समितियों का पंजीयन 30 दिन में पूर्ण हो रहा है। एक अन्य छात्रा ने सहकारिता संबंधी विषय स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव रखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हर विषय पाठ्यक्रम में रखना कठिन है। लोगों को स्वयं सहकारिता की ओर पहल करनी चाहिए। सहकारिता में सबका स्वागत है, इसमें शिक्षा या आय का कोई बंधन नहीं है। … Read more

धार्मिक यात्राओं के लिए योगी सरकार की योजना, पात्र लोगों को मिलेंगे 10-10 हजार रुपए

लखनऊ यूपी की योगी सरकार लगातार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में लगी हुई है। प्रदेश के धार्मिक स्थलों के लिए पहले ही खजाना खोला जा चुका है। अयोध्या, काशी और मथुरा के अलावा तमाम हिंदू धर्मस्थलों को सजाया और संवारा जा रहा है। अब इसी क्रम में बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार बड़ी योजना लेकर आई है। इन श्रद्धालुओं के लिए सरकार दो तीर्थ यात्राएं शुरू करने जा रही है। तीर्थ यात्रियों को दस-दस हजार रुपए अनुदान के रूप में दिया भी जाएगा। शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीर्थ यात्राएं भारतीय संस्कृति में आत्मिक उत्थान और सामाजिक समरसता का माध्यम रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार का दायित्व है कि वह नागरिकों को उनकी आस्था से जुड़े स्थलों तक पहुंचने में सहायता प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बौद्ध श्रद्धालुओं की विशष्टि तीर्थ यात्राओं हेतु 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और सिख श्रद्धालुओं के लिए 'पंच तख्त यात्रा योजना' प्रारम्भ की जाए। इन योजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा, ताकि वह अपनी आस्था के प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा सुलभता से कर सकें। मुख्यमंत्री ने योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार पंच तख्त यात्रा योजना सिख श्रद्धालुओं के लिए होगी। इसके अंतर्गत प्रदेश के निवासी सिख श्रद्धालुओं को भारत के पाँच पवित्र 'तख्त साहिब' स्थल की यात्रा कराई जाएगी। बता दें कि सिख पंथ के लिए पवित्र पंच तख्त स्थलों में 'श्री आनंदपुर साहिब, पंजाब, श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर, पंजाब, श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो, पंजाब, श्री तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र, श्री हरमंदिर जी साहिब (पटना साहिब), बिहार,' शामिल हैं। प्रस्तावित दोनों ही योजनाओं में प्रति व्यक्ति न्यूनतम 10 हजार रुपये की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों योजनाओं के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी जानी चाहिए। श्रद्धालुओं के चयन में पूरी पारदर्शिता के साथ कमजोर आय वर्ग के लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए। दोनो ही योजनाएं आईआरसीटीसी के सहयोग से संचालित की जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ये दोनों योजनाएं श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक आस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लागू की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि ये योजनाएं प्रदेश की समावेशी विकास नीति और 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना को और सशक्त करेंगी। प्रदेश की धार्मिक सहिष्णुता और पर्यटन को नया आयाम देंगी। इसके साथ ही 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को भी मूर्त रूप प्रदान करेंगी।  

CM साय ने पंचायत प्रतिनिधियों को दिए नेतृत्व के मंत्र, बोले – पंचायतों का विकास ही छत्तीसगढ़ की समृद्धि की नींव, सेवा भाव से करें काम

रायपुर नवा रायपुर स्थित निमोरा में आज राज्य के नवनियुक्त जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सेवा भावना और ईमानदारी से काम करने पर जनता हमेशा साथ देती है। उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने कई बार निर्विरोध चुनाव जीते हैं। विधायक और सांसद दोनों रूपों में जनता ने मुझ पर भरोसा जताया है, क्योंकि जब भावनाएं सच्ची होती हैं, तब जनता भी मजबूती से साथ खड़ी रहती है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध प्रदेश है, जहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि राज्य को अब डबल इंजन की सरकार का लाभ मिल रहा है, जिससे योजनाएं और तेज़ी से धरातल पर उतर रही हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, जबकि अब भाजपा सरकार नक्सलवाद के समूल नाश के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा पहले बस्तर में गोलियों की आवाजें आती थीं, अब वहां विकास की गूंज सुनाई देती है। उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पूरी मेहनत से काम कर रहा है और यदि पंचायतों का सशक्तिकरण होता है तो छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री साय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। हम सब भी सीखने की प्रक्रिया में हैं। हमारे मंत्रीगण भी दो-दो बार प्रशिक्षण ले चुके हैं। आगामी समय में मैनपाट में भी इस प्रकार का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की 11,000 पंचायतों में “अटल डिजिटल सेवा” की शुरुआत की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी और स्थानीय प्रशासन तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनेगा। CM ने नक्सलियों के शांति वार्ता पत्र पर दी प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री साय ने नक्सलियों द्वारा भेजे गए शांति वार्ता पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शुरू से ही नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने का आह्वान करती रही है। उन्होंने कहा, “हमने हिंसा छोड़ने वालों को पुनर्वास का अवसर दिया है। बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यदि कोई शस्त्र त्यागकर बात करना चाहता है, तो सरकार तैयार है, लेकिन यदि गोलीबारी की भाषा आएगी तो जवाब भी मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन के अंत में कहा कि पंचायतें यदि जागरूक और सक्रिय होंगी तो छत्तीसगढ़ के गांवों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के माध्यम से शासन की गहराई को समझने और अपने क्षेत्र में नवाचारों को लागू करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों को शुभकामनाएं दीं और “जय हिंद, जय छत्तीसगढ़” के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी जनप्रतिनिधियों को उनके दायित्वों के प्रति सजग रहने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देना चाहिए। गौरतलब है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए, जिनमें पंचायत संचालन, वित्तीय प्रबंधन, योजनाओं के क्रियान्वयन, और डिजिटल गवर्नेंस जैसे विषयों को शामिल किया गया। इससे नवचयनित जनप्रतिनिधियों को शासन की बारीकियों को समझने और बेहतर कार्य करने की दिशा में मार्गदर्शन मिला।

सीएम यादव ने डॉ. मुखर्जी के कश्मीर एकीकरण और धारा 370 के विरोध में किए गए संघर्ष को ऐतिहासिक बताया

भोपाल  सीएम डॉ. मोहन यादव ने आज भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार से मुलाकात की। इस अवसर पर नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उनके साथ उपस्थित थे। मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम चहुमुंखी प्रगति कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर प्रदेश सरकार बड़े स्तर पर दो कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी का योगदान अतुलनीय है और आज भी हम सब उनके जीवन से प्रेरणा ग्रहण करते हैं। मुख्यमंत्री ने की वरिष्ठ बीजेपी नेता से भेंट सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के भोपाल स्थित निवास पहुँचकर उनसे भेंट की और हालचाल जानें। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उपस्थित रहे। इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रमोत्सव को एशिया का वाउ गोल्ड अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह उनके साथ है और ये सौभाग्य की बात है कि प्रदेश के युवा नाम रोशन कर रहे हैं। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर होंगे प्रदेशस्तरीय कार्यक्रम  रविवार को जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मौके पर राज्य सरकार दो बड़े आयोजन करने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि डॉ श्यामाप्रसाद का सबसे महत्वपूर्ण योगदान जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के लिए उनका संघर्ष था। वे एक देश, एक विधान, एक निशान के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने धारा 370 के खिलाफ जम्मू-कश्मीर बचाओ आंदोलन शुरू किया, जो बेहद उल्लेखनीय है। उन्होंने डॉ. मुखर्जी को याद करते हुए उन्हें नमन किया और कहा कि आज भी उनकी शिक्षा प्रासंगिक हैं और सभी उससे प्रेरणा लेते हैं।

सुरक्षाबलों की कार्रवाई से नक्सलियों को झटका, मुठभेड़ में दो ढेर

बीजापुर शनिवार को छत्तीसगढ़ एक बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर हुई इस मुठभेड़ में दो माओवादियों की मौत हो गई है। पुलिस ने आज यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई, जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ माओवादी कैडरों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया गया था और शुक्रवार से ही इलाके में रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही थी। मुठभेड़ स्थल से दो पुरुष नक्सली के शव और हथियार बरामद किए गए हैं। सुरक्षा कारणों से जानकारी गोपनीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह ऑपरेशन अभी भी जारी है, इसलिए विस्तृत जानकारी गोपनीय रखी गई है। ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद ही पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।  

मुख्यमंत्री साय संसदीय पत्रकारिता विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में हुए शामिल

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर के प्रेक्षागृह में संसदीय रिपोर्टिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य और विधानसभा के रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा ने भी 25 वर्षों की गौरवमयी यात्रा पूरी की है और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ किया है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हाल ही में विधायकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था, जिसका लाभ हमारे सदस्यों को मिला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में अनेक नवनिर्वाचित विधायक भी हैं, जिनकी यह जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाएं। इसी तरह पत्रकारों की भी अहम भूमिका है, जो विधानसभा की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी पत्रकार बंधु बड़ी मेहनत से विधानसभा की कार्यवाही को कवर करते हैं, जिससे आमजन यह जान पाते हैं कि विधायकों द्वारा उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को भी सराहा और कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है तथा संसदीय रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी और इसके माध्यम से विधानसभा की गतिविधियां और अधिक प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेंगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में संसदीय पत्रकारिता की महत्ता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में पत्रकारों का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने कहा कि संसदीय पत्रकारिता अत्यंत संवेदनशील दायित्व है, जो सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए जनता तक सटीक एवं निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने का कार्य करती है। डॉ. सिंह ने कहा कि पत्रकार जब पक्ष–विपक्ष से परे रहकर निष्पक्ष रूप से विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन करते हैं और उसे प्रस्तुत करते हैं, तब लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली की गहरी समझ से ही पत्रकार बेहतर ढंग से जनता को विधानसभा की गतिविधियों से अवगत करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय पत्रकारिता में विशेष रूप से विधानसभा की प्रक्रिया से जुड़े समाचारों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि आमजन तक वे प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ एवं दिवंगत पत्रकारों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि प्रदेश की पत्रकारिता परंपरा ने सदैव विधानसभा की गरिमा बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कार्यशाला में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों की भूमिका को नारद मुनि की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि पत्रकार समयबद्धता और सजगता के साथ लोकतंत्र के संवाहक होते हैं। डॉ. महंत ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से सभी को कुछ नया सीखने का अवसर मिलेगा और संसदीय पत्रकारिता को समझने का दायरा और व्यापक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा और पत्रकारों के कार्य को नई दिशा देगा। उन्होंने अपनी लंबी संसदीय यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि इस दौरान पत्रकारों के साथ बिताए गए समय और अनुभव अत्यंत मूल्यवान रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों की सजगता, सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की, जो वर्षों से संसदीय गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा, आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक श्री संजय द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे।

‘मिशन से वापस नहीं लौटा अमेरिका का एक B-2 बॉम्बर लापता! वॉशिंगटन में सन्नाटा

वॉशिंगटन  अमेरिकी वायु सेना के ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए बमबारी अभियान ने एक आश्चर्यजनक मोड़ लिया है. दरअसल, अमेरिकी वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल एक बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ऑपेशन के बाद अपने बेस पर वापस नहीं पहुंचा है. इसे लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. 27 जून को यूरेशियन टाइम्स की छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने 21 जून को मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से बी-2 बॉम्बर्स के दो अलग-अलग समूहों को रवाना किया था. बी-2 स्पिरिट बॉम्बर्स के एक समूह ने प्रशांत महासागर की ओर पश्चिम की दिशा में उड़ान भरी, जिसका मकसद ईरान के डिफेंस को चकमा देना था. वहीं बॉम्बर्स के दूसरे समूह में सात बी-2 स्पिरिट बॉम्बर शामिल थे. इन्होंने पूर्व दिशा में तेहरान के फोर्डो और नतांज स्थित अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के लिए रवाना किया गया था. 37 घंटे के बाद मिशन पूरा कर लौटे थे बॉम्बर विमान ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने गई टीम 37 घंटे की बिना रुके की गई राउंड ट्रिप के बाद अपना मिशन पूरा कर बेस पर वापस सुरक्षित लैंड कर गई. वहीं प्रशांत महासागर की ओर से ईरानी डिफेंस को चकमा देने के लिए उड़ान भरने वाले बॉम्बर समूह के बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि अमेरिकी बी-2 बॉम्बर के समूह से लापता हुआ विमान हवाई में किसी कारण से इमरजेंसी लैंडिंग को मजबूर हो गया. उल्लेखनीय है कि यह स्टील्थ बॉम्बर डैनियल के. इनौये इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, यह एयरपोर्ट होनोलूलू में हिकम एयरफोर्स बेस के साथ रनवे शेयर करता हैं. जानिए क्या हुआ था उस दिन मिशन के तहत दो ग्रुप बनाए गए थे. दोनों ने उड़ान भरी मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से. एक ग्रुप पश्चिम की ओर गया, यानी प्रशांत महासागर की दिशा में. मकसद था – ईरान को गुमराह करना. दूसरा ग्रुप, जिसमें सात B-2 बॉम्बर थे, सीधे ईरान की ओर बढ़ा. उनका टारगेट था ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी – फोर्डो और नतांज. साथ में फ्यूल टैंकर और फाइटर जेट्स भी थे. इन जेट्स ने अपनी-अपनी जगह से मिसाइलें दागीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन B-2 बॉम्बर्स ने कुल 14 GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए. सातों बॉम्बर 37 घंटे बाद सुरक्षित लौट आए. लेकिन इस बीच पश्चिम की ओर भेजे गए डिकॉय ग्रुप का एक B-2 बॉम्बर अब तक नहीं लौटा. लापता बॉम्बर को लेकर क्या पता चला है? खबर है कि यह बॉम्बर उड़ान के दौरान इमरजेंसी में फंस गया था. इसे हवाई के डेनियल K इनोए इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतारा गया. यही रनवे हिकम एयर फोर्स बेस के साथ साझा किया जाता है. इस बॉम्बर का कॉलसाइन था – ‘MYTEE’. लैंडिंग के बाद से यह वहीं खड़ा है. इसकी मरम्मत या वापसी को लेकर कोई अपडेट अब तक नहीं आया है. इस लैंडिंग का एक वीडियो भी वायरल है, जिसे पूर्व अमेरिकी एयरफोर्स पायलट डेविड मार्टिन ने शेयर किया है. हालांकि, अमेरिकी वायुसेना ने अब तक इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है. न कोई बयान, न कोई स्पष्टीकरण. पहले भी दिक्कत में रहे हैं B-2 बॉम्बर B-2 बॉम्बर टेक्नोलॉजी का चमत्कार माना जाता है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब इन्हें तकनीकी संकट झेलना पड़ा हो. अप्रैल 2023 में भी एक B-2 को हवाई में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. 2022 में तो पूरे B-2 फ्लीट को ग्राउंड कर दिया गया था, जब एक बॉम्बर मिसौरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. 2008 में सबसे गंभीर हादसा हुआ था. ‘स्पिरिट ऑफ कंसास’ नाम का B-2 उड़ान भरते ही गुआम में क्रैश हो गया. हालांकि पायलट बच गए थे. B-2 बॉम्बर की खासियत क्या है? B-2 अमेरिका का सबसे महंगा और हाईटेक बॉम्बर है. एक यूनिट की कीमत है दो अरब डॉलर. इसका मुख्य रोल है – दुश्मन की परमाणु और अंडरग्राउंड फैसिलिटी को बर्बाद करना. अमेरिका के पास सिर्फ 19 B-2 बॉम्बर हैं. यानी, हर एक का नुकसान अमेरिका की ताकत में बड़ी सेंध है. ईरान की प्रतिक्रिया क्या रही? ईरान ने दावा किया है कि उनके न्यूक्लियर साइट्स को कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ. वहीं अमेरिका कहता है कि यह हमला पूरी तरह सफल था और ईरान का परमाणु प्रोग्राम पीछे चला गया. लेकिन लापता बॉम्बर की गूंज अब वॉशिंगटन से लेकर तेहरान तक सुनाई दे रही है. क्या यह तकनीकी फेलियर था? क्या ईरान ने जवाबी हमला किया? या फिर अमेरिका कुछ छुपा रहा है?

‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नया मंत्र दिया , सहकारिता के साथ लोकतंत्र की भावना के साथ देश आगे बढ़ रहा : CM डॉ. यादव

भोपाल   'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नया मंत्र दिया है। सहकारिता के साथ लोकतंत्र की भावना के साथ देश आगे बढ़ रहा है। परस्पर स्वावलंबन के साथ जीने का नाम ही सहकारिता है। इस मंत्र पर देश और प्रदेश में काम किया जा रहा है। हर दिन नए आंकड़े सामने आ रहे हैं। विद्यार्थियों वास्तविक जीवन जीकर जानकारी और अनुभव हासिल करते हैं। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 जुलाई को कही। सीएम डॉ. यादव अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर भोपाल के समन्वय भवन में आयोजित 'सहकारी युवा संवाद' को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कई युवाओं के साथ संवाद भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कॉलेज की पढ़ाई मात्र किताबी ज्ञान तक सीमित रहती है। हमारा प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरा है। इसे नदियों का मायका भी कहा जाता है। आधुनिकता के इस दौर में औद्योगिकीकरण की जरूरत है। इसीलिए हमने उद्योगों को बढ़ावा दिया है। उद्योगों के बढ़ने से प्रदेश में मौजूद वस्तुओं की कीमत बढ़ी है। युवाओं को नई दिशा और रोजगार के अवसर मिले हैं।  साकार करना है पीएम मोदी का सपना सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर व्यक्ति के सपनों को पंख मिलें। हमारी कामना है कि उन्नति के दरवाजे सबके लिए खुलें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 2047 तक भारत नंबर वन बनेगा, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी सहकारिता का सबसे बड़ा उदाहरण हमारी धार्मिक गतिविधियां हैं, जो बिना सबके कल्याण के पूरी नहीं होती। 

भाजपा सरकार हर वर्ग के हक में ठोस काम कर रही, ओबीसी को 27 % आरक्षण देने के लिए पूर्णरूप से प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री यादव

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आंकड़ों के अनुसार कानून का मसौदा तैयार किया जाए, जिसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। 14 प्रतिशत बचे लोगों को भी आरक्षण का  लाभ मिले। प्रमोशन में सबको लाभ दिया गया। भाजपा सरकार आरक्षण भी ठोस काम कर रही हैं। भाजपा की सरकार ने तो सामान्य को भी 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया हैं। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ भ्रम फैलाने का काम करती है। हमने जातिगत जनगणना की पहल की, लेकिन कांग्रेस अब उसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। सच ये है कि कांग्रेस ने कभी ओबीसी को न मुख्यमंत्री बनाया, न उन्हें आरक्षण देना चाहा। जनता अब सब जान चुकी है।  यहां कांग्रेस की दाल नहीं गलने वाली  राहुल गांधी के भोपाल दौरे को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी यहां आकर क्या करेंगे? उनकी और कांग्रेस की दाल अब मध्यप्रदेश में नहीं गलने वाली है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर ने जीवन भर संघर्ष किया, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें कभी सम्मान नहीं दिया। हमारी सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चल रही है।  मध्यप्रदेश को बताया शांति का टापू मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस जितनी भी कोशिश कर ले, मध्यप्रदेश की शांति को भंग नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है और हमारी सरकार इस अमन-चैन को बनाए रखने के लिए पूरी तरह सजग है।  सीएम ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही सहकारिता के क्षेत्र को गंभीरता से ले रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सहकारिता विभाग का गठन किया गया है और मध्यप्रदेश में भी सरकार इस दिशा में प्रतिबद्धता से काम कर रही है।  

लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जड़ें जितनी गहरी और स्थानीय स्तर पर सिंचित होंगी, हमारा राष्ट्र उतना ही सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनेगा- कैलाश विजयवर्गीय

भोपाल  गुरुग्राम की पुण्यभूमि मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्य प्रदेश 'मॉडल स्टेट' के रूप में उभर करके सामने आया। सम्मेलन के अंतिम दिन मध्य प्रदेश के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2014 के बाद से शहरी स्थानीय निकाय के बजट में काफी वृद्धि हुई है। शहरी स्थानीय निकाय हमारे लोकतंत्र की नींव है। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जड़ें जितनी गहरी और स्थानीय स्तर पर सिंचित होंगी, हमारा राष्ट्र उतना ही सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनेगा। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शहरी स्थानीय निकायों में जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। इंदौर का उदाहरण को देते हुए जनभागीदारी के बारे में बताया। उन्होंने बीते समय की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार इंदौर नगर निगम में फंड की कमी हो गई थी। तब उन्होंने आमजन से सीमेंट के लिए बोला था। उस दौरान जनभागीदारी की पहल से उनके पास 80 करोड़ रुपये की सीमेंट इकट्ठा हुई थी। इसी सीमेंट से फिर सड़कों का निर्माण कराया गया। ये जन सहभागिता की सफलता का प्रमाण है। आज अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के पावन अवसर पर उन सभी सहकारी संस्थाओं को हार्दिक शुभकामनाएं, जो राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय सहकारिता मंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में भारत में सहकारिता एक नई ऊर्जा और विस्तार के साथ आगे बढ़ रही है। गांव-गांव में रोजगार, संसाधन और सहभागिता का सशक्त माध्यम बन चुकी सहकारिता, आज समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की नींव बन रही है।