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बदलते दौर में बदलती शादियां: दिखावे से हटकर अब प्रैक्टिकल अप्रोच, परिवार अपनाएंगे ये रास्ता?

इंदौर  बिटिया की शादी, सोना खरीदना है… ये हर माता-पिता की चाहत होती है, और यही भारतीय परंपरा भी है. लेकिन अब कुछ ऐसे माता-पिता भी हैं, जो कह रहे हैं कि बिना गहनों के कैसे बिटिया को विदा करेंगे? भारतीय शादी में श्रृंगार का अहम स्थान है, और उसमें सोने की ज्वेलरी सबसे ऊपर है. दुल्हन के श्रृंगार से लेकर वर-वधू के परिवारों की शान तक, हर जगह सोना ही मुख्य आकर्षण होता है. यही कारण है कि सोने के बिना भारतीय शादी की कल्पना अधूरी-सी लगती है.  हालांकि शादी में मिले सोने-चांदी को संजोकर रखना भी हमारी परंपरा रही है, जो एक तरह से सुरक्षित निवेश भी है. परंपरा के अनुसार, दुल्हन को विवाह के समय सोने के गहने देना न सिर्फ उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए होता है, बल्कि यह उसके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा का भी संकेत है.  दरअसल, मौजूदा समय में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं, लेकिन इस साल शादी का सीजन कई परिवारों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है, क्योंकि इस वक्त सोना न सिर्फ महंगा हुआ है, बल्कि लगातार बढ़ती कीमतों ने उन परिवारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, जिनके यहां इस साल शादी है.  एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए शादी का बजट सीमित होता है. इस बदले हुए दौर में लोग ज्वेलरी के अलावा डेकोरेशन, फोटोग्राफी और हनीमून पैकेज जैसी चीजों पर खर्च कर रहे हैं. खासकर शहरों में युवाओं की सोच बदल रही है. ऐसे में शादी का बजट बिगड़ता जा रहा है और सोने का भाव भी बढ़ता जा रहा है.  सबसे ज्यादा चिंता उन परिवारों को है, जिनके यहां इस साल शादी है, क्योंकि पिछले एक साल में सोना करीब 46-47% महंगा हो चुका है. जबकि इसी साल यानी 2025 में ही सोने की कीमत करीब 40 फीसदी बढ़ चुकी है. एक साल पहले 24K कैरेट 10 ग्राम गोल्ड की कीमत करीब 75 हजार रुपये थी, जो बढ़कर 1,10,000 रुपये को पार कर चुकी है.  एक साल में सोने की  कितनी बढ़ी है (24 कैरेट)  सितंबर-2024         सितंबर- 2025 ₹75,930         ₹1,11,280 यानी एक साल में 10 ग्राम सोने की कीमत में 35000 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है.  आमतौर पर एक मध्यवर्गीय परिवार शादी में 5 से 10 लाख रुपये खर्च करता है, एक अनुमान 5 लाख रुपये खर्च करने वाला परिवार कम से कम 20 ग्राम सोना खरीदता था, जो करीब 1.50 लाख रुपये में आ जाता था. लेकिन इस साल शादी में 5 लाख खर्च करने वाला परिवार परेशान है, वो सोच रहे हैं कि अब कितने का सोना खरीदें, क्योंकि सोना हर रोज महंगा हो रहा है, और बजट से भी बाहर हो रहा है. भारत में शादी को लेकर परंपरा और दिखावे का दबाव हमेशा रहा है. ऐसी स्थिति बिना गहनों की शादी भी नहीं हो सकती. 10 लाख रुपये तक शादी में खर्च करने वाले पहले 40 ग्राम सोना खरीदते थे, जो कि करीब 3 लाख रुपये में आज जाता था, अब इस साल 10 लाख रुपये शादी में खर्च करने वाले केवल 20 ग्राम ही सोना खरीद सकता है, क्योंकि 40 ग्राम खरीदने पर बजट बिगड़ जाएगा.  सोना महंगा होने पर अब क्या विकल्प?    सोने की कीमतों में उछाल का सीधा असर ज्वेलरी बाजार पर भी दिख रहा है. ज्वेलर्स की बिक्री में गिरावट आई है और कई दुकानदार किस्तों पर गहने देने की योजना ला रहे हैं. जानकार भी कह रहे हैं कि कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो आने वाले महीनों में ज्वेलरी इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है.  हालांकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब लोग परंपरा निभाने के लिए नए विकल्प तलाश रहे हैं. शादी-ब्याह और त्योहारों में गहनों का महत्व बना रहता है, लेकिन बढ़ते दामों ने लोगों की पसंद और रणनीति दोनों बदल दी है.  1. हल्की और मिनिमल ज्वेलरी भारी नेकलेस और कंगन की जगह अब लोग हल्के डिजाइन चुन रहे हैं. छोटे चेन, स्लीक रिंग्स और मिनिमल ब्रेसलेट्स की डिमांड बढ़ी है. इससे सोना भी खरीदा जाता है और बजट पर बोझ भी कम पड़ता है. 2. 18 कैरेट और 14 कैरेट गोल्ड पहले लोग ज्यादातर 22 कैरेट और 24 कैरेट गोल्ड खरीदते थे, लेकिन अब 18K और 14K के गहने बनवा रहे हैं. इससे सोना सस्ता भी पड़ रहा है और फैशनेबल डिजाइनों की भी बड़ी रेंज मिलती है. 3. गोल्ड प्लेटेड और इमीटेशन ज्वेलरी खासकर शादी या फंक्शन के लिए, कई परिवार अब गोल्ड प्लेटेड ज्वेलरी या फिर हाई क्वालिटी वाली इमीटेशन ज्वेलरी ले रहे हैं. दिखने में ये लगभग असली सोने जैसी लगती हैं और खर्च काफी कम आता है. यानी बजट में होता है.  4. सिल्वर और प्लैटिनम सोने के विकल्प के तौर पर लोग अब सिल्वर और प्लैटिनम ज्वेलरी की तरफ रुख कर रहे हैं.. खासकर शहरी युवाओं में यह चलन बढ़ा है, क्योंकि यह आधुनिक लुक देता है और वैल्यू भी बनाए रखता है.

1.10 लाख पार पहुंचा सोना, रतलाम सहित प्रदेश भर में सराफा कारोबार मंदा

रतलाम   सोने के दाम सातवें आसमान पर हैं, जिसका सीधा असर जेवरों की डिमांड पर पड़ रहा है. सोने में तूफानी तेजी के साथ सराफा बाजार में ज्वेलरी की खरीदी बुरी तरह से गिरी है. बारिश के सीजन में डिमांड पहले से ही कमजोर थी, जिसके बाद अब सोने की ऊंची कीमतों की वजह से 22 कैरेट सोने की ज्वेलरी के ऑर्डर्स में बड़ी गिरावट आई है. जिससे ज्वेलरी निर्माण से जुड़े कारीगरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. रतलाम सराफा बाजार पड़ा ठंडा शुद्ध सोने और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध रतलाम के सराफा बाजार से ग्राहकों की रौनक गायब है. ऐसे में ज्वेलरी निर्माण से जुड़े सुनार समाज और बंगाली कारीगरों को नए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं. जिससे इन कारीगरों का काम करीब 3 महीनो से बंद पड़ा हुआ है. रतलाम सराफा में ज्वेलरी निर्माण से जुड़े व्यावसायी  ने बताया, '' सोने की कारीगरी से जुड़े लोगों की स्थिति बहुत खराब है. रतलाम ही नहीं पूरे भारत में स्वर्णकारो की यही हालत है.'' कोरोना काल से ज्यादा बुरा हाल थेवा कला आर्टिस्ट और स्वर्णकार ने बताया, '' सोने के दाम में तेजी और अनिश्चितता की वजह से पूरे सराफा का कामकाज ठप्प हो गया है. यह स्थिति कोरोना काल और लॉकडाउन से भी अधिक गंभीर है क्योंकि सोने के दाम को लेकर अस्थिरता बनी हुई है. ऐसे में ग्राहक भी हल्के कैरेट ज्वेलरी या अन्य विकल्पों पर जा रहे हैं. ग्राहकी मंदी होने से नए ऑर्डर मिलना बिल्कुल बंद हो गए हैं.'' गौरतलब है कि रतलाम में 500 के करीब बंगाली कारीगर स्वर्णकारी का कार्य करते हैं. बताया कि 3 महीने से कोई काम ही नहीं मिला है. कुछ कारीगर तो वापस अपने गांव चले गए हैं. क्यों नहीं मिल रहा काम? दरअसल, वर्तमान में 24 कैरेट सोने के दाम 1 लाख 10 हजार प्रति 10 ग्राम के करीब हैं, जिससे ग्राहकी कमजोर हुई है. बाजार की अस्थिरता की वजह से सोने के दामों में वृद्धि या कमी होने का डर बना हुआ है जिसकी वजह से 22 कैरेट ज्वैलरी की मांग तेजी से घटी है. यही वजह है कि वर्तमान में ज्वेलरी निर्माण से जुड़े लोगों को कम नहीं मिल पा रहा है. 3 महीने से काम नहीं मिलने की वजह से खाली हाथ बैठे ज्वेलरी निर्माताओं और कारीगरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसके बाद इन कारीगरों ने सरकार से राहत देने और कोई ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई है.

इतिहास रचा सोने ने: भारत में 10 ग्राम का भाव 1,10,047 रुपये, लगातार बढ़ रही कीमतें

मुंबई  वैश्विक बाजारों में तेजी और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के बीच मंगलवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतें ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं. एमसीएक्स पर सोना वायदा दिसंबर डिलीवरी के लिए 458 रुपये की बढ़त के साथ 1,10,047 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर ट्रेड कर रहा था. इसी तरह, अक्टूबर डिलीवरी के लिए सोना वायदा 482 रुपये या 0.44 प्रतिशत बढ़कर 1,09,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदें और अमेरिका में हाल ही में जारी हुए कमजोर श्रम बाजार आंकड़े सोने की मांग को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण बने हैं. रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट में निराशाजनक परिणाम आने के बाद निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में और कटौती करेगा. इस कदम से डॉलर कमजोर हुआ और निवेशकों ने सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोने की ओर रुख किया. विदेशी बाजारों में भी सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. कॉमेक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना वायदा बढ़कर 3,694.75 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में गिरावट और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने सोने को निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बना दिया है. विश्लेषकों का मानना है कि अगर अमेरिका में रोजगार आंकड़ों में सुधार नहीं आता और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति ढीली रहती है, तो सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है. वहीं, भारत में भी निवेशक सोने में निवेश के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं. आर्थिक अनिश्चितताओं और वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच सोना सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में प्रमुख बना हुआ है. इस हफ्ते सोने के बढ़ते रुझान ने निवेशकों और व्यापारियों की नजरें इस कीमती धातु पर और मजबूत कर दी हैं. घरेलू बाजार में भी मांग बढ़ने के कारण वायदा बाजार में कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना जताई जा रही है. सोने की कीमतों में यह रिकॉर्ड वृद्धि न केवल निवेशकों के लिए बल्कि ज्वेलरी और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में वैश्विक आर्थिक डेटा और फेडरल रिजर्व की नीतियों की दिशा इस कीमती धातु की कीमतों को प्रभावित करती रहेंगी.

गोल्ड प्राइस में ऐतिहासिक उछाल, 1 लाख 5 हजार पार; चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड

इंदौर  सोने और चांदी की कीमतें रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है. एक ओर जहां एमसीएक्स पर गोल्ड रेट ने अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहली बार 1,05,729 रुपये प्रति 10 ग्राम का नया हाई लेवल छुआ है, तो वहीं चांदी की कीमतों ने भी तगड़ी छलांग लगाई है और ये कीमती धातु 1,24,990 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही है. न केवल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, बल्कि घरेलू मार्केट में भी सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल आया है.  एमसीएक्स पर सोने-चांदी में उछाल एमसीएक्स पर 3 अक्टूबर की एक्सपायरी वाले सोने का भाव सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को 1,03,899 रुपये पर ओपन हुआ और फिर दोपहर 12 बजे के आस-पास ये उछलकर 1,05,729 रुपये के हाई लेवल पर पहुंच गया. इसमें 1830 रुपये प्रति 10 ग्राम की जोरदार तेजी दर्ज की गई. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना ही नहीं, बल्कि चांदी का भाव भी खूब उछला और ये 3000 रुपये प्रति किलो के आसपास उछाल के साथ 1,24,990 रुपये के नए लाइफ टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई.   घरेलू मार्केट में भी चमका सोना न केवल एमसीएक्स पर, बल्कि घरेलू मार्केट में सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी आई है. इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के वेबसाइट IBJA.Com पर अपडेट किए गए रेट्स पर नजर डालें, तो 29 अगस्त को 24 कैरेट सोने का भाव 1,02,388 रुपये प्रति 10 ग्राम था, लेकिन सोमवार की सुबह ये 1,04,792 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. मतलब सोना 2,404 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हो गया. वहीं इस साल सोने की कीमतों में अब तक 28,630​ रुपये की तेजी आ चुकी है.  बात चांदी के घरेलू मार्केट में दाम की करें, तो ये भी सोने की तरह ही चढ़े हैं. बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन 29 अगस्त शुक्रवार को एक किलो चांदी का भाव 1,17,572 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो कि सोमवार को खुलने के साथ ही 1,23,250 रुपये के हाई लेवल पर पहुंच गया. इस हिसाब से कैलकुलेशन करें, तो चांदी झटके में 5,678 रुपये प्रति किलो महंगी हो गई.  जीएसटी और मेकिंग चार्ज से बढ़ती है कीमत गौरतलब है कि इंडियन बुलियन ज्वेलर्स की वेबसाइट पर अपडेट किए जाने वाले सोने चांदी के रेट देशभर में समान रहते हैं, लेकिन जब आप सर्राफा दुकान पर आभूषण खरीदने के लिए जाते हैं, तो फिर इस पर लागू होने वाले 3 फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज को जोड़ने के बाद इसकी कीमत बढ़ जाती है. बता दें कि विभिन्न शहरों में मेकिंग चार्ज अलग-अलग हो सकते हैं.  एक्सपर्ट ने बताई तेजी के पीछे ये वजह  बात करें, सोने और चांदी की कीमतों में आए इस जोरदार उछाल के पीछे की वजह के बारे में, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पॉलिसी रेट कट की आशंका और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर जारी अनिश्चितताओं के चलते सोने और चांदी के दाम में ये उछाल देखने को मिल रहा है. रिपोर्ट में एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतीन त्रिवेदी के हवाले से कहा गया है कि टैरिफ से जुड़ी चिंताएं बढ़ने और भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनसुलझे मुद्दे सोने के भाव को लगातार बढ़ा रहे हैं. रुपये में गिरावट भी भारतीय बाजारों में सोने को और महंगा करने में अहम रोल निभा रही है. उन्होंने अनुमान जताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में गोल्ड रेट 1,00,000 रुपये से 1,05,000 रुपये के दायरे में ही रह सकते हैं. 

धरती के नीचे दबा है लाखों टन सोना: जबलपुर के सिहोरा में मिला विशाल सोना भंडार

जबलपुर अपनी सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा के लिए मशहूर मध्य प्रदेश का जबलपुर काफी सुर्खियों में है। जबलपुर की सिहोरा तहसील के महंगवा केवलारी क्षेत्र में भू-वैज्ञानिकों ने एक विशाल सोने के भंडार की खोज की है। यह खोज भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीम द्वारा कई वर्षों की मेहनत और मिट्टी के नमूनों के रासायनिक विश्लेषण के बाद सामने आई है। लगभग 100 हेक्टेयर में फैले इस क्षेत्र में लाखों टन सोना होने का अनुमान है, जो मध्य भारत की सबसे बड़ी खनिज खोजों में से एक हो सकती है। वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लाई भू-वैज्ञानिकों की टीम ने महंगवा केवलारी में मिट्टी और चट्टानों के सैंपल की स्टडी की। रासायनिक परीक्षणों में न केवल सोने की मौजूदगी की पुष्टि हुई, बल्कि तांबा और अन्य कीमती धातुओं के अंश भी मिले। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह क्षेत्र पहले से ही लौह अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट और संगमरमर जैसे खनिजों के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन सोने की खोज ने इसकी महत्ता को और बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों के चेहरों पर इस खोज ने नई चमक ला दी है और वे इसे मध्य प्रदेश के आर्थिक भविष्य के लिए गेम-चेंजर मान रहे हैं। जबलपुर बना खनिज संपदा का नया केंद्र जबलपुर पहले से ही 42 खदानों के साथ खनन गतिविधियों का केंद्र रहा है, जहां से लौह अयस्क चीन सहित कई देशों में निर्यात किया जाता है। अब सोने के भंडार की खोज ने इस क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर और आकर्षक बना दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह भंडार आर्थिक रूप से व्यवहार्य साबित होता है, तो जल्द ही व्यावसायिक खनन शुरू हो सकता है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं। क्या बदलेगी मध्य प्रदेश की किस्मत? यह खोज न केवल जबलपुर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक पल हो सकता है। पहले पन्ना की हीरे की खदानों ने मध्य प्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर जगह दिलाई थी और अब जबलपुर का सोना इसे और चमका सकता है। हालांकि, अगला कदम इस भंडार की मात्रा और खनन की संभावनाओं का विस्तृत अध्ययन करना होगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह खोज मध्य प्रदेश को खनिज संपदा के मामले में देश का एक नया सितारा बना सकती है।

जूनूनी तेजी: सोने ने छूआ ₹1 लाख का आंकड़ा, चांदी 1.11 लाख की ओर

मुंबई   घरेलू वायदा बाजार में आज कारोबार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। सोने की कीमतों ने एक बार फिर ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर लिया है। सोमवार (4 अगस्त) को सोना ₹1,00,272 और चांदी करीब ₹1,11,021 प्रति किलोग्राम के आसपास कारोबार कर रही थी। अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो वहां सोने की कीमतों में मजबूती देखने को मिल रही है, जबकि चांदी की चाल फिलहाल कुछ धीमी बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना चांदी तेज अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। Comex पर सोना 3,416.60 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 3,399.80 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 7.10 डॉलर की तेजी के साथ 3,406.90 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। सोने के वायदा भाव ने इस साल 3,509.90 डॉलर के भाव पर ऑल टाइम हाई छू लिया है। Comex पर चांदी के वायदा भाव 37.09 डॉलर के भाव पर खुले। पिछला क्लोजिंग प्राइस 36.92 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.14 डॉलर की तेजी के साथ 37.07 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।

सोने की कीमतों पर सरकार का असरदार फैसला, अब 40 हजार से नीचे मिलेगा शुद्ध सोना

मुंबई  सोना (Gold) काफी महंगा हो गया है, 24 कैरेट 10 ग्राम गोल्ड का भाव 1 लाख रुपये के आसपास बना हुआ है. भारत में बड़े पैमाने पर लोग सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं, खासकर महिलाएं गहने लेती हैं. लेकिन अब सोना महंगा होने से महिलाएं चाहकर भी गोल्ड ज्वेलरी नहीं खरीद पा रही हैं. इस बीच अब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिससे आने वाले दिनों में सोने की ज्वेलरी की बिक्री बढ़ सकती है. क्योंकि आप 40 हजार रुपये से कम में 10 ग्राम गोल्ड ज्वेलरी (Gold Jewellery) खरीद सकते हैं.   दरअसल, सोना इतना महंगा हो गया है कि ग्राहक 22 या 18 कैरेट की जगह सस्ते 9 कैरेट के गहनों की खरीदारी में इंटरेस्ट ले रहे हैं. कम कैरेट वाले गोल्ड ज्वेलरी खरीदना लोग बेहतर समझ रहे हैं, क्योंकि ये जेब पर कम बोझ डालते हैं. इसलिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधीन काम करने वाले भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ऐलान किया है कि अब 9 कैरेट सोने के गहनों पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी. सरकार का तर्क है कि 9 कैरेट गोल्ड पर हॉलमार्क होने से लोग ठगी से बचेंगे. 9 कैरेट गोल्ड के फायदे  इसलिए अब 9 कैरेट सोने के आभूषणों के लिए भी हॉलमार्किंग (Hallmarking) अनिवार्य है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 9 कैरेट सोने को अनिवार्य हॉलमार्किंग श्रेणियों की सूची में शामिल कर लिया है. यह नियम इसी जुलाई से लागू हो गया है, यानी अब आप हॉलमार्क वाले 9 कैरेट वाली गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकते हैं. इससे पहले 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य थी. एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल 9 कैरेट गोल्ड की कीमत करीब 37000 से 38000 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकती है. वहीं, 22 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के लिए आपको कम से कम 1 लाख रुपये चुकाने होंगे. सरकार के इस कदम से ग्राहकों को सोने की शुद्धता के बारे में सही जानकारी मिलेगी. 9 कैरेट सोना 22 या 24 कैरेट सोने से सस्ता होता है, और इस पर आधुनिक डिजाइन बनाना भी आसान है.  हॉलमार्किंग से निर्यात को मिलेगा बढ़ावा यही नहीं, 9 कैरेट सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा, विदेशों में भी 9 कैरेट गोल्ड की खूब डिमांड है. 9 कैरेट सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से ग्राहकों को सुरक्षा मिलेगी, और 9 कैरेट सोने के आभूषणों की लोकप्रियता भी बढ़ेगी.  अगर फायदे की बात करें तो 9 कैरेट गोल्ड हॉलमार्किंग से गहनों की कीमत कम होगी और लोगों को सस्ता गोल्ड ज्वेलरी खरीदने का बेहतरीन विकल्प मिल जाएगा. हॉलमार्किंग से 9 कैरेट गोल्ड की 37.5% शुद्धता पक्की होगी. नियम के मुताबिक अब ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग केंद्रों को इसका पालन करना होगा. कैसे करें शुद्ध ज्वेलरी की पहचान सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की जांच करने के लिए, आप भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का BIS-Care ऐप इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ऐप के जरिये आप ज्वेलरी पर दिए गए HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर को डालकर असली या नकली हॉलमार्किंग की पहचान कर सकते हैं. इसके अलावा आप BIS की वेबसाइट पर जाकर भी हॉलमार्क की जांच कर सकते हैं.  गौरतलब है कि आप जब 22 कैरेट सोने की ज्वेलरी लेते हैं तो आपको पता होनी चाहिए कि उसमें 22 कैरेट गोल्ड के साथ 2 कैरेट कोई और मेटल मिक्स होता है. वहीं जब आप 18 कैरेट की ज्वेलरी खरीदते हैं, उसमें 6 कैरेट कोई और मेटल मिला होता है. हालांकि अगर आप निवेश के लिए ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो फिर 22 कैरेट की ज्वेलरी ही खरीदें.   हॉलमार्क क्यों जरूरी? हॉलमार्किंग का मतलब होता है सोने की शुद्धता की सही पहचान. जब आप कोई सोने का गहना खरीदते हैं, तो उस पर एक छोटा-सा निशान बना होता है, जो बताता है कि वो गहना कितने कैरेट का है और उसकी गुणवत्ता क्या है. हॉलमार्किंग से ग्राहक को भरोसा रहता है कि जो सोना वह खरीद रहा है, वह असली है और उसकी कीमत के हिसाब से उसमें कोई धोखा नहीं है. इससे न सिर्फ खरीदार को सुरक्षा मिलती है, बल्कि सोने की बिक्री या आगे चलकर एक्सचेंज में भी आसानी होती है.

गोल्ड की चमक हुई फीकी, बिक्री में 60% की गिरावट – जानिए इसके पीछे की वजहें

नई दिल्ली जून में सोने की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 60% गिरकर सिर्फ 35 टन रह गई। कोविड के बाद वॉल्यूम में वे सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी वजह यह है कि ऊंची और उतार-चढ़ाव वाली कीमतों की वजह से ग्राहक सोने से दूर रहे। इंडिया बुलियन एंड जूलर्स असोसिएशन (IBJA) ने ये जानकारी दी है। जुलाई में भी सोने के दाम में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। अभी कीमतों में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है।  IBJA के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता बताया कि हमें डिमांड में तुरंत कोई रिकवरी नहीं दिख रही है। देश भर में सोने के गहने बनाने वाली कई यूनिट्स ने अपना प्रोडक्शन लगभग आधा कर दिया है। उन्होंने कहा कि छोटे प्लेयर्स पर इसका असर पड़ रहा है। सोने के कारोबार के लिए ये काफी मुश्किल वक्त है। डिस्काउंट देने के बावजूद वॉल्यूम डिमांड बढ़ नहीं रही है। क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत सोने के ट्रेड एनालिस्ट्स का कहना है कि कि इंटरनैशनल लेवल पर सोने के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की यूरोपियन यूनियन और मेक्सिको पर और टैरिफ लगाने की धमकी है इससे ट्रेड टेंशन फिर से बढ़ गई है। हालांकि, ट्रंप ने 1 अगस्त तक बातचीत का वक्त दिया है, लेकिन हालात के तेजी से बिगड़ने की आशंका ने रिस्क असेट्स को दबाव में रखा है। इससे निवेशक सोने जैसे सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं। IBJA के सुरेंद्र मेहता का कहना है कि उनकी असोसिएशन ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से कई दौर की बातचीत की है, ताकि 9- कैरेट सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की सुविधा शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि हमें BIS ने बताया है कि उन्होंने 9 कैरेट जूलरी के लिए हॉलमार्किंग का मॉडल तैयार कर लिया है। हमें उम्मीद है कि सरकार से हॉलमार्किंग के लिए जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी। सोने की गिरती कीमतों पर क्या बोले एक्सपर्ट्स केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया के मुताबिक, सोने के दाम में आई आज की गिरावट की पांच वजहे हैं। ईरान और इजरायल-अमेरिका के बीच युद्ध विराम की घोषणा, अमेरिका ने ईरान पर सैंक्शन में ढील देने के संकेत दिए, रेट कट को लेकर फेडरल रिजर्व का डोविश रुख, घरेलू बाजार में रुपए में आई उछाल और सोने में मुनाफावसूली प्रमुख हैं। LKP सिक्योरिटी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने सोने की दामों में आई गिरावट के बारे में कारण बताते हुए कहा कि ईरान और इजरायल के बीच हुए युद्धविराम का असर गोल्ड मार्केट पर पड़ा है। सोने में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है। MCX पर इसकी तत्काल सीमा ₹96,000 और ₹98,000 के बीच देखी जा रही है। ₹96,000 से नीचे की निरंतर चाल आगे की गिरावट का संकेत दे सकती है, जबकि ₹98,000 से ऊपर की रिकवरी तेजी भी देखी जा रही है। जतिन त्रिवेदी ने बताया कि Comex गोल्ड में $25 की गिरावट और रुपये में 0.75% की मजबूती के दोहरे दबाव के कारण भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई। घरेलू सोना लगभग ₹2,000 गिरकर ₹97,350 के करीब कारोबार कर रहा है। ईरान और इजरायल के बीच संभावित युद्धविराम की खबरों के साथ-साथ अमेरिका की आधिकारिक घोषणाओं से भी गिरावट आई। भू-राजनीतिक तनाव कम होने के साथ ही सोने की सुरक्षित मांग कमजोर पड़ गई है। बिक्री बढ़ाने को 14 कैरेट का सहारा दामों में भारी उछाल के बीच अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए जूलर्स अब 14 कैरेट सोने के गहनों को खूब बढ़ावा दे रहे हैं। दरअसल, जूलरी बनाने में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले 22 कैरेट सोने के मुकाबले 14 कैरेट के गहने सस्ते पड़ते हैं। इसकी वजह से ये जूलरी खरीदने वालों के लिए एक ज्यादा प्रैक्टिकल ऑप्शन बन गया है। ऑल इंडिया जेन एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन राजेश रोकड़े का कहना है कि भारत में 14 कैरेट सोने की डिमांड बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ये ट्रेड आगे भी बढ़ेगा, क्योंकि हल्के वजन वाले गहनों की मांग बढ़ रही है। ये खूबसूरती तो देते हैं, लेकिन आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ते।