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बुढ़ापा पेंशन बढ़ी: CM सैनी ने हरियाणा सरकार की सालगिरह पर बुजुर्गों को दिया खास तोहफा

चंडीगढ़ हरियाणा में नायब सैनी सरकार का आज यानी 17 अक्टूबर को एक साल पूरा हो रहा है। इस दौरान सीएम सैनी ने सरकार की सालगिरह पर बुजुर्गों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने बुढ़ापा पेंशन के 3000 से  बढ़ाकर 3200 रुपये की वृद्धि की है। ये घोषणा 1 नबंवर से लागू होगी। जानकारी के अनुसार हरियाणा में नायब सैनी सरकार 1 साल पूरे हो गए हैं। इसको लेकर आज पंचकूला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुजुर्गों के लिए बड़ी की है। उन्होंने बुढ़ापा पेंशन 3000 से बढ़ाकर 3200 रुपये की।  1 नवंबर से नई बुढ़ापा पेंशन लागू होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकारी नौकरी व बुढ़ापा पेंशन दो सबसे बड़े मुद्दे हैं। इसके अलावा सैनी ने कहा कि कल यानी शनिवार को छुट्टी के दिन सभी तहसीलें खुली रहेंगी। साथ में कार्यक्रम में हरियाणा सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व में हरियाणा विकास की ‘नॉनस्टॉप रफ्तार’ के साथ आगे बढ़ रहा है। अपने पहले ही साल में हरियाणा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले जनता से किए 217 में से 46 संकल्प पूरे कर लिए हैं। पिछले साल भी 250 रुपए बढ़ाई गई थी पेंशन हरियाणा में अब वृद्धावस्था पेंशन ₹3200 प्रति माह हो गई है, जो कि 1 नवंबर 2025 से होगी। इस वृद्धि का लाभ राज्य के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा। इससे पहले, जनवरी 2024 में पेंशन को ₹2750 से बढ़ाकर ₹3000 किया गया था। अब 200 रुपए और बढ़ाए गए है।

हरियाणा में 1,200 सांख्यिकीय कर्मियों को लेकर सरकार की योजना, 18 लाख रुपए होंगे खर्च

चंडीगढ़ हरियाणा सरकार ने राज्य में डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 1,200 सांख्यिकीय सहायकों और अधिकारियों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंज़ूरी दी है।  यह निर्णय  मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई “सांख्यिकीय सुदृढ़ीकरण हेतु सहयोग” (एस.एस.एस.) उप-योजना की राज्य कार्यान्वयन समिति की बैठक में लिया गया।  इस प्रशिक्षण पहल का उद्देश्य एक  सशक्त और समन्वित सांख्यिकीय तंत्र का निर्माण करना है, ताकि नीतिगत निर्णय सटीक और समयबद्ध डेटा पर आधारित हों। प्रदेश के हर जिले से लगभग 50 प्रतिभागियों को सांख्यिकीय तकनीकों, डिजिटल डेटा प्रबंधन और विश्लेषण पद्धतियों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर लगभग 18 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें प्रशिक्षण मॉड्यूल, लॉजिस्टिक व्यवस्था और विशेषज्ञ मानदेय शामिल हैं।  मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि राज्य के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने  के लिए निरंतर क्षमता निर्माण और अंतर-विभागीय समन्वय बेहद जरूरी है।  वित्त विभाग के विशेष सचिव डॉ. जयेंद्र सिंह छिल्लर ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण सर्वेक्षण और अध्ययन किए जाएंगे। इनमें ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों से वित्तीय आँकड़ों का संकलन, ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के लिए राज्य-विशिष्ट उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी.पी.आई.) का संकलन, चारे की फसलों की लागत का आकलन तथा पशुधन उत्पादों के थोक मूल्य आँकड़ों का संकलन शामिल है।  राज्य सरकार शोध की गुणवत्ता को और सुदृढ़ करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का भी सहयोग ले रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्चना चौधरी के साथ शुरुआती विचार-विमर्श भी किया जा चुका है।  आर्थिक एवं सांख्यिकीय कार्य विभाग (डी.ई.एस.ए.) इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। राज्य सरकार ने केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के साथ कुल 5.09 करोड़ रुपये की अनुदान राशि के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।  पहली किस्त के रूप में 55.73 लाख  रुपये की राशि से राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को आधुनिक बनाने हेतु कंप्यूटर, प्रिंटर और टैबलेट की खरीद की गई है। दूसरी किस्त के रूप में 13.99 लाख रुपये की राशि नवंबर 2024 में जारी की गई, जिससे डिजिटल अवसंरचना को और सुदृढ़ किया गया है।  मुख्य सचिव ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश में एक आधुनिक, पारदर्शी और कुशल सांख्यिकीय अवसंरचना के निर्माण में मदद मिलेगी। एस.एस.एस. उप-योजना के अंतर्गत किए जा रहे इन उपायों से विभागों को विश्वसनीय और अद्यतन आँकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे नीतिगत निर्णयों की गुणवत्ता और जनसेवा की प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।  बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकीय कार्य विभाग के निदेशक श्री मनोज कुमार गोयल, अतिरिक्त निदेशक श्री आर. के. मोर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 

11 नए जिलों की लिस्ट तैयार, हरियाणा सरकार के पास पहुंचा अहम प्रस्ताव

हरियाणा  हरियाणा में 11 नए जिले बनाने के प्रस्ताव सरकार के पास पहुंचे हैं। इनमें करनाल का असंध, अंबाला का नारायणगढ़, गुरुग्राम के मानेसर और पटौदी, कैथल का पिहोवा, हिसार के हांसी और बरवाला, जींद का सफीदों, सोनीपत का गोहाना और सिरसा का डबवाली शामिल हैं। इसके साथ ही 14 नए उपमंडल, चार तहसील और 27 उप तहसील बनाने के प्रस्ताव भी मंत्रियों की उप समिति को मिले हैं। डबवाली और हांसी को पहले ही पुलिस जिला घोषित किया जा चुका है। चंडीगढ़ के सिविल सचिवालय में मंगलवार को हुई पुनर्गठन उप-समिति की पांचवीं बैठक में विकास एवं पंचायत और खनन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि सरकार प्रशासनिक पुनर्गठन को लेकर गंभीर है। उन्होंने बताया कि अब तक समिति को कुल 73 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। बैठक में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी मौजूद थे। बैठक में उपमंडल, तहसील और उप तहसील बनाने के लिए अलग-अलग मानदंड तय किए गए हैं। नए जिले बनाने के लिए कम से कम 125 से 200 गांव, चार लाख से अधिक आबादी और 80 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल आवश्यक है। समिति ने कुछ गांवों को उपमंडल और तहसील में शामिल करने की सिफारिश भी सरकार को भेजी है। कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 31 दिसंबर तक नए जिले और तहसील नहीं बनाए गए, तो जनगणना के कारण अगले डेढ़ साल तक इस प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हो सकेगा। रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने भी प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा निर्धारित की है। यदि इस अवधि में बदलाव नहीं होता है तो अगली कार्रवाई जून 2027 के बाद ही संभव होगी।  

सरकारी बंगले में बसा विवाद, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा सख्त सवाल

चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास में अपने 2 अधिकारियों के निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने के मामले में हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के रुख में विरोधाभास पाए जाने के बाद यह जवाब मांगा गया है। मार्च 2025 में केंद्र शासित प्रदेश की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि वीरेंद्र सिंह शेरावत और नीरज कुमार नाम के 2 अधिकारी 6 माह की रियायती अवधि समाप्त होने के बाद भी सरकारी आवास में रह रहे हैं। हरियाणा सरकार ने दावा किया था कि किसी भी सरकारी आवास में इस तरह की कोई भी अवधि समाप्त होने से पहले नहीं रुकी है। अदालत ने कहा कि हरियाणा का रुख गलत प्रतीत होता है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव एक अधिकारी से 14 अक्तूबर तक हलफनामा मांगते हुए कहा कि हरियाणा या उसके पदाधिकारियों के खिलाफ आगे बढ़ने से पहले हरियाणा को उपरोक्त विसंगति या गलत जानकारी बा स्पष्टीकरण देने का अवसर देना उचित होगा। न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन से यह भी पूछा कि हाईकोर्ट के कितने कर्मचारियों/अधिकारियों को सरकारी आवास आबंटित किया गया है और वे उसमें रह रहे हैं और कितने लोग इसका इंतजार कर रहे हैं। यह जानकारी हाईकोर्ट के कर्मचारियों को चंडीगढ़ में उचित सरकारी आवास नहीं मिलने के मुद्दे पर 2024 में शुरू की गई एक स्वप्रेरणा जनहित याचिका की पुनः सुनवाई दौरान मांगी गई थी।   इस वर्ष मार्च में न्यायालय ने कहा था कि जब चंडीगढ़ में न्यायिक अधिकारियों के लिए 45 मकान विशेष रूप से निर्धारित हैं तो फिर हाईकोर्ट के विशेष नियंत्रण में एक समान पूल न्यायालयों के कर्मचारियों को आबंटन के लिए क्यों नहीं उपलब्ध कराया जाए ?  

‘चिराग’ योजना के तहत हरियाणा में EWS बच्चों के लिए फंड जारी, स्कूलों को सीधे मिलेगा भुगतान

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए 1 करोड़ 24 लाख 87 हजार 200 रुपये जारी किए हैं। यह राशि मुख्यमंत्री हरियाणा समान शिक्षा राहत, सहायता व अनुदान (चिराग) योजना के अंतर्गत दी जा रही है। इस धनराशि से निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे ईडब्ल्यूएस छात्रों की अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक की पूर्ण फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह भुगतान जिलेवार किया जाएगा। सबसे अधिक राशि सिरसा जिले को 23 लाख 62 हजार 800 रुपये मिलेगी, जबकि हिसार को 18 लाख 74 हजार 400 और भिवानी को 17 लाख 55 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा फरीदाबाद को 7 लाख 12 हजार 800 और जींद को 17 लाख 68 हजार 800 रुपये का भुगातन होगा। करनाल को 5 लाख 28 हजार, नूंह को 16 लाख 23 हजार 600, सोनीपत को 9 लाख 37 हजार, कुरुक्षेत्र को 3 लाख 16 हजार 800, पानीपत को 5 लाख 1 हजार 600, अंबाला और रेवाड़ी को 52-52 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि वे लंबे समय से इस प्रतिपूर्ति का इंतजार कर रहे थे। सरकार की ओर से भुगतान में देरी के कारण उन्हें वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। कई स्कूल संचालकों ने तो हाल ही में सरकार को अल्टीमेटम तक दे डाला था कि यदि शीघ्र राशि जारी नहीं हुई तो वे नए शैक्षणिक सत्र में ईडब्ल्यूएस छात्रों का दाखिला रोकने पर मजबूर होंगे। शिक्षा विभाग ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि यह व्यय स्वीकृत बजट के भीतर ही किया जाएगा और नियमों के अनुरूप खर्च होना चाहिए। यह राशि ‘2202-जनरल एजुकेशन-02 सेकेंडरी एजुकेशन-110 असिस्टेंस टू नॉन-गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल्स (94) चीफ मिनिस्टर पॉलिसी फॉर इक्वल एजुकेशन रिलीफ, 34 अदर चार्जेज’ हेड से देय होगी। इस निर्णय से राज्य के हजारों ईडब्ल्यूएस छात्रों और निजी स्कूलों को बड़ी राहत मिलेगी। शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार ने कहा है कि विभाग सुनिश्चित करेगा कि राशि निर्धारित समय में ही स्कूलों तक पहुंचे और छात्र निर्बाध शिक्षा प्राप्त कर सकें। निजी स्कूल संचालक अब उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में सरकार समय पर प्रतिपूर्ति की राशि जारी करेगी, ताकि गरीब बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े और स्कूलों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।

हरियाणा में सुरक्षा बढ़ाने के लिए दो खास बटालियन तैयार करेगा राज्य

हरियाणा   हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में हरियाणा आपदा राहत बल की दो बटालियन बनाई जाएगी, जो राज्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने और लोगों की सहायता के लिए काम करेगी। इसके अलावा, जिला जींद में बनने वाले फायर एवं डिजास्टर ट्रेनिंग इंस्टीटयूट का शिलान्यास जल्द किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की रिन्यूअल के लिए एनओसी आवदेन करते ही ऑटोमैटिक मिल जाएगी। लेकिन रिन्यूअल होने के बाद विभाग के अधिकारी 15 दिन में रैन्डम चैक करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही और समय सीमा तय की जाए। साथ ही फायर एनओसी को सीएम डैशबोर्ड के साथ जोड़ा जाए।  मुख्यमंत्री ने फायर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेंडिंग एनओसी रखने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नई तकनीक से लैस 101 मीटर वाली अग्निशमन की दो गाड़ियां जल्द ही खरीदी जाएं। साथ ही हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की 13 अग्निशमन वाहन, जो विभिन्न मीटर के होंगे तथा 250 अग्निशमन वाहन भी खरीदे जाएंगे, जो ब्लॉक लेवल तक होंगे। इसके अलावा, फायर गाड़ियों में लगे पानी के पाइप की क्षमता को एक हजार मीटर तक बढ़ाया जाए ताकि भीड़भाड वाले क्षेत्रों में आपदा के दौरान यह काम आ सके। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला जींद में बनने वाले फायर एवं डिजास्टर ट्रेनिंग इंस्टिटयूट में एनडीआरएफ के मानदंडों के तहत कार्य होंगे और भूकंप, आग, बाढ़ आदि आपदा से संबंधित ट्रेनिंग करवाई जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश में जितने भी तैराक है उनका डाटा तैयार कर एक पोर्टल बनाया जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में फायर स्टेशन खोलने के लिए मैपिंग करवाई गई थी, जिसके तहत प्रदेश में 59 नए फायर स्टेशन खोले जाएंगे। इसके अलावा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि 10 आधुनिक फायर फाइट रोबोट भी जल्द खरीदे जाए। इनका पायलट के तौर उपयोग किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, अग्निशमन सेवाएँ, हरियाणा के महानिदेशक शेखर विद्यार्थी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव राहुल हुड्डा सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।