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तीसरी बार चालान का झटका – भोपाल में हेलमेट की अनदेखी अब महंगी पड़ सकती है

भोपाल सड़कों पर लोगों के चालान काट खुद नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले पुलिसकर्मियों को यातायात सुरक्षा नियमों की अनदेखी अब बहुत भारी पड़ेगी। पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (पीटीआरआई) ने पुलिसकर्मियों को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य किया है। नए निर्देशों में कहा गया है कि दो बार से अधिक बिना हेलमेट किसी पुलिसकर्मी का चालान हुआ तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। बात यहीं तक नहीं है। नये आदेशों में यह भी है कि इस कार्रवाई के बाद भी पुलिसकर्मी यातायात सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने से बाज नहीं आए तो उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी। यानी इस मनमानी से उनकी नौकरी पर भी आंच आ सकती है। पीटीआरआई के इस निर्देश के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस में हलचल मच गई है। भोपाल में ही अब तक 100 से अधिक पुलिसकर्मियों के चालान बनाए जा चुके हैं। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जो बिना हेलमेट ड्यूटी पर या निजी काम से दोपहिया वाहन लेकर निकले थे। कई मामलों में तो पुलिसकर्मी खुद ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते या मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाते हुए पकड़े गए।   पीटीआरआई ने सभी जिला पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों पर नियमित निगरानी रखें और यदि कोई नियमों की अनदेखी करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। यह भी कहा गया है कि सड़क पर पुलिसकर्मी आम जनता के सामने अनुशासन और जिम्मेदारी का प्रतीक होते हैं, ऐसे में उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे खुद ट्रैफिक नियमों का पालन कर उदाहरण प्रस्तुत करें। अधिकारियों का कहना है कि इस सख्ती का मकसद केवल अनुशासन बनाना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति पुलिसकर्मियों में जागरूकता बढ़ाना भी है। अगर पुलिस ही नियमों को तोड़ेगी तो जनता से पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? इस तरह पकड़ में आएगी खाकी की बदमाशी चालानी कार्रवाई के दौरान पुलिस नाम और मोबाइल नंबर का ब्यौरा लेती है। जिस-जिस व्यक्ति का चालान बनता है, उसका रिकॉर्ड जिला पुलिस के पास दर्ज होता है। एक निश्चित समय के बाद जिला पुलिस देखेगी कि कितने पुलिसकर्मियों पर लगातार हेलमेट नहीं पहनने को लेकर कार्रवाई हुई है। उनका डाटा तैयार किया जाएगा और फिर दो बार से अधिक उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव तैयार होगा। पुलिस को समाज के आदर्श के रूप में देखा जाता है। नए आदेश के जरिए पुलिसकर्मियों में हेलमेट के प्रति अनुशासन बढ़ाने का प्रयास है। यदि वे लगातार उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो कार्रवाई होगी। शाहिद अवसार, एआईजी, पीटीआरआई।

अब इंदौर में बिना हेलमेट भी मिलेगा पेट्रोल, कलेक्टर बोले – सख्ती नहीं, समझदारी जरूरी

इंदौर क्लीन सिटी इंदौर में अब हेलमेट पहनकर गाड़ियों में पेट्रोल डलवाना जरूरी नहीं है, बल्कि हेलमेट को लेकर जागरूकता ज्यादा जरूरी है. इसी तरह के एक आदेश के बाद क्लीन सिटी इंदौर में अब हेलमेट लगाना स्वैच्छिक कर दिया गया है. बीते 1 अगस्त को इंदौर जिला प्रशासन ने दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट लगाना जरूरी किया था. इस आदेश को वर्तमान कलेक्टर शिवम वर्मा ने जारी रखने से इनकार कर दिया है. पूर्व कलेक्टर ने अनिवार्य किया था हेलमेट इंदौर में आए दिन होने वाले टू व्हीलर गाड़ियों के एक्सीडेंट में लोगों की सर पर चोट लगने से मौत एक बड़ी वजह है. लिहाजा पूर्व कलेक्टर आशीष सिंह ने पिछले महीने एक आदेश निकालकर शहर में दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य किया था. इतना ही नहीं बिना हेलमेट के पेट्रोल पंपों पर वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं देने के भी आदेश दिए थे. नए कलेक्टर ने स्वैच्छिक किया हेलमेट लगाना उस दौरान इसी आदेश के उल्लंघन के कारण कई पेट्रोल पंप को सील भी किया गया था. 1 अक्टूबर को फिर इस आदेश को सुचारू रखने के लिए नया आदेश किया जाना था, लेकिन वर्तमान कलेक्टर शिवम वर्मा ने उसे सुचारू नहीं रखते हुए शहर में हेलमेट लगाना एक बार फिर स्वैच्छिक कर दिया है. इतना ही नहीं अब बिना हेलमेट के भी वाहन चालक पेट्रोल पंपों पर अपने वाहनों में पेट्रोल डलवा पाएंगे. हालांकि नए कलेक्टर के इस फैसले से शहर के उन वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है जिन्हें ट्रैफिक पुलिस द्वारा हेलमेट के नाम पर लगातार परेशान किया जा रहा था. पेट्रोल डलवाने के लिए भी पहनना पड़ता था हेलमेट वहीं, वाहनों में पेट्रोल डलवाने के लिए भी लोगों को हेलमेट लेकर पेट्रोल पंप पर पहुंचना पड़ता था. इधर इस आदेश को सुचारू नहीं रखने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि अधिकांश वाहन चालक पेट्रोल डलवाते समय ही हेलमेट लगा रहे थे. जबकि वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने वाले लोगों की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हुई थी. इधर इस आदेश का स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी विरोध किया था. मध्य प्रदेश में सड़क हादसों में इंदौर अव्वल लोगों को हेलमेट न लगाना पड़े इसको लेकर एक जनहित याचिका भी कोर्ट में प्रस्तुत की थी, लेकिन कोर्ट से भी हेलमेट लगाने संबंधी फैसले पर लोगों को राहत नहीं मिल पाई थी. अब जबकि खुद जिला प्रशासन ने ही अपने आदेश को सुचारू नहीं रखा तो पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के पेट्रोल दिए जाने की पुरानी व्यवस्था फिर शुरू हो गई है. एक्सीडेंट के मामले में इंदौर पहले नंबर पर है, जहां पिछले साल ही करीब 6075 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं जो तुलनात्मक रूप से भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर से सर्वाधिक थी. इन दुर्घटनाओं में अधिकांश वाहन चालक टू व्हीलर थे, जो हेलमेट नहीं लगाए थे.  

सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला: बिना हेलमेट दोपहिया चालकों को नहीं मिलेगा पेट्रोल और शराब

बालोद जिले में बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को न तो पेट्रोल पंपों में पेट्रोल मिलेगा, और न ही शराब दुकानों में शराब. सड़क दुर्घटनाओं में हो रही जनहानि को रोकने के लिए बालोद जिला एवं पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिले के पेट्रोल पंप संचालकों एवं दोपहिया वाहन विक्रेताओं की बैठक लेकर इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश दिए हैं. कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक नागरिकों की जीवन की सुरक्षा करना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. इस अभियान को सफल बनाने में पेट्रोल पंप संचालकों एवं दोपहिया वाहन विक्रेताओं को महत्वपूर्ण कड़ी मानते हुए, उन्हें जनहित के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की है. इसके अलावा कलेक्टर मिश्रा ने जिले के दोपहिया वाहन विक्रेताओं को उनके दुकानों से दोपहिया वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को दोपहिया वाहन के साथ साथ अनिवार्य रूप से हेलमेट भी प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी पेट्रोल पंप संचालकों को परिवहन विभाग से समन्वय स्थापित कर पेट्रोल पंप के समीप आईएसआई मार्क वाले हेलमेट दुकान प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए. मिश्रा ने जिला परिवहन अधिकारी को इस संबंध में शीघ्र जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए. कलेक्टर मिश्रा ने संयुक्त जिला कार्यालय परिसर स्थित कलेक्टोरेट एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा जिला पंचायत एवं रक्षित आरक्षी केन्द्र में दोपहिया वाहन से कार्यालय आने वाले सभी अधिकारी, कर्मचारियों के लिए भी हेलमेट का उपयोग सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. इस कार्य को सुनिश्चित कराने हेतु उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्धारित स्थानों पर पुलिस के जवानों की तैनातगी भी कराने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने दोपहिया वाहन के माध्यम से बिना हेलमेट पहने कार्यालय आने वाले तथा नियमों का अवहेलना करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन के माध्यम से शासकीय कार्यालयों में आने वाले आम नागरिकों के विरूद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में सर्वसम्मति से जिले के शासकीय शराब दुकानों में दोपहिया वाहन के माध्यम से बिना हेलमेट पहने शराब खरीदी के लिए आने वाले लोगों को भी शराब की बिक्री नहीं करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है इसलिए शराब दुकानों में भी दोपहिया वाहन में बिना हेलमेट पहने आने वाले लोगों को शराब की बिक्री प्रतिबंधित करना अत्यंत आवश्यक है. कलेक्टर मिश्रा ने जिला आबकारी अधिकारी को इस संबंध में आदेश जारी कर इसका शतप्रतिशत पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने हेतु नियमित रूप से पुलिस बल के द्वारा पेट्रोलिंग कराने तथा निर्धारित स्थलों पर पुलिस जवानों की भी ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए. मिश्रा ने जिला आबकारी अधिकारी को परिवहन विभाग से समन्वय स्थापित कर शराब दुकानों के समीप आईएसआई मार्क वाले हेलमेट दुकान प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए.

इंदौर में बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलेगा, हाईकोर्ट ने भी लगाई मुहर, नहीं होगा बदलाव

इंदौर  नो हेलमेट, नो पेट्रोल का नियम इंदौर में लागू रहेगा। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही इस नियम को लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है। कलेक्टर के आदेश के बाद इंदौर में लागू इस नियम के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी। इंदौर के बाद भोपाल और जबलपुर में भी नियम लागू हो गया है कि बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट ने नियम को सही ठहराया वहीं, हाईकोर्ट ने इस नियम को सही ठहराया है। इंदौर बेंच ने कहा कि यह नियम लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि यह नियम सही है। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि यह नियम सही नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। एक अगस्त से इंदौर में नियम लागू इंदौर में यह नियम एक अगस्त से लागू किया है। कलेक्टर आशीष सिंह के बाद यह आदेश लागू किया है। हाईकोर्ट में आदेश के बाद दो जनहित याचिकाएं लगाई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इस नियम से लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि शहर के बीच में हेलमेट की जरूरत नहीं है क्योंकि वहां ट्रैफिक धीमा रहता है। सारे तर्क को खारिज कर दिया वहीं, याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कई तर्क दिए हैं। उनलोगों ने कहा कि बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं देना सही नहीं है। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट में भी ऐसा कोई नियम नहीं है। शहर में ट्रैफिक बहुत ज्यादा है। गाड़ियां धीरे चलती हैं। शहर में कई बाइक पर पांच-पाच लोग सवार रहते हैं। पुलिस को उनका चालान काटना चाहिए। पुलिस भी हेलमेट नहीं लगाती है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकारी विभागों में हेलमेट का नियम शुरू हो गया है। यह तो अस्थायी ऑर्डर है। हाईकोर्ट भी अपने कर्मचारियों के लिए ऐसा नियम लागू करेगा। कोर्ट में भी बिना हेलमेट की एंट्री नहीं होगी।

अब हेलमेट पहनिए और इंदौर के दफ्तरों में पाइए सम्मान, नियम तोड़ने वालों को एंट्री नहीं

इंदौर हेलमेट नहीं पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने नो हेलमेट-नो पेट्रोल का आदेश एक अगस्त से लागू किया है। अब इसकी अगली कड़ी में शासकीय कार्यालयों में भी दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जा रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर अपने कार्यालयों में आने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों और अन्य दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य करने के लिए निर्देशित किया था। इसके बाद जिले के शासकीय कार्यालयों में भी हेलमेट अनिवार्य किया गया है। आज से शासकीय कार्यालयों में इसको प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया है। दोपहिया वाहनों से आने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। वहीं कार्यालय आने वाले आवेदकों को भी हेलमेट पहनने के लिए समझाइश दी जाएगी। दिखने लगा असर… जिले में शुक्रवार से लागू हुए नो हेलमेट-नो पेट्रोल के आदेश का प्रभावी रूप से पालन किया जा रहा है। रविवार को भी पंपों से दोपहिया वाहन चालकों को बगैर हेलमेट के पेट्रोल नहीं दिया गया। वाहन चालकों के लिए कुछ पंपों पर हेलमेट भी बिक्री के लिए रख दिए गए हैं। साथ ही शहर के फुटपाथों पर भी अब हेलमेट की दुकानें खुल गई हैं। सख्ती का असर अब दिखने लगा है और पंपों पर लोग हेलमेट पहनकर ही पेट्रोल भरवाने आने लगे हैं। प्रशासन और खाद्य विभाग की टीम पंपों की मानिटरिंग भी कर रही है। प्रशासनिक कार्यालय और सभी तहसील कार्यालयों में हेलमेट अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा आइडीए, नगर निगम, डीएवीवी और स्कूल शिक्षा विभाग ने भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया है। विभाग प्रमुखों को किया निर्देशित     सड़क दुर्घटनाओं के दौरान दोपहिया वाहन चालक सुरक्षित रहें, इसके लिए हेलमेट पहनना जरूरी है। पंपों पर पेट्रोल भरवाने के दौरान हेलमेट अनिवार्य किया गया है। वहीं शासकीय कार्यालयों में भी हेलमेट पहनने का नियम लागू करने के लिए सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया है। – आशीष सिंह, कलेक्टर कर्मचारियों को दिए निर्देश, जनता से अपील     हमने निगम के सभी कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं कि यदि वह दोपहिया वाहन से मुख्यालय, जोन कार्यालय पर आ रहे हैं, तो हेलमेट पहनकर आएं। इसके अलावा हमने निगम कार्यालयों में आने वाले कर्मचारियों से भी अपील की है कि वह अपने दोपहिया वाहन पर हेलमेट पहनकर ही कार्यालय आएं। – शिवम वर्मा, निगमायुक्त आवेदकों को भी जागरूक करेंगे     दुर्घटनाओं के दौरान सुरक्षा के लिए हेलमेट बहुत जरूरी है, इसलिए दोपहिया वाहन चलाने के दौरान सभी को हेलमेट पहनना चाहिए। बगैर हेलमेट के लोगों को वाहन नहीं चलाना चाहिए। कार्यालय में इसके लिए निर्देशित किया है और आवेदकों को भी इसके लिए जागरूक किया जाएगा।– आरपी अहिरवार, सीईओ आईडीए परिसर में हेलमेट लगाकर ही आएं     एमजीएम मेडिकल सहित सभी अस्पतालों में दोपहिया वाहन से आने वाले डाक्टर, विद्यार्थी और अन्य स्टाफ को निर्देशित कर दिया है कि वह हेलमेट लगाकर ही परिसर में आएं। साथ ही यह अपील भी की गई है कि शराब पीकर वाहन नहीं चलाना है। – डॉ. अरविंद घनघोरिया, डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज  

भोपाल-इंदौर में नई व्यवस्था: बिना हेलमेट वालों को नहीं मिलेगा पेट्रोल, प्रशासन ने कसी कमर

भोपाल / इंदौर मध्य प्रदेश के दो शहर भोपाल और इंदौर में सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब आज 1 अगस्त 2025 से शहर के किसी भी पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा. यह सख्त निर्देश दोनों शहरों के कलेक्टर ने जारी किए हैं. प्रशासन का मानना है कि इस कदम से सड़क हादसों में कमी लाई जा सकेगी और लोगों में ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता बढ़ेगी. इस आदेश को लागू करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया. बैठक में इंदौर की मौजूदा यातायात व्यवस्था और सड़क दुर्घटनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके बाद जिला प्रशासन ने यह ठोस कदम उठाने का ऐलान किया. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि यह आदेश दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है औरआज  1 अगस्त से इसे सख्ती से लागू किया जाएगा. आदेश से पहले 30 और 31 जुलाई को शहर भर में जनजागरूकता अभियान चलाया गया , ताकि लोगों को समय रहते जानकारी मिल सके और वे नियमों का पालन करें. नियम नहीं माना तो पेट्रोल पंप के खिलाफ होगी कार्रवाई प्रशासन ने पेट्रोल पंप संचालकों को भी निर्देशित किया है कि वे बिना हेलमेट आए किसी भी व्यक्ति को पेट्रोल न दें. अगर कोई पेट्रोल पंप इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश के लागू होने से शहर में हेलमेट पहनने की आदत को मजबूती मिलेगी और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा. मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा-129 मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा-129 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक दो पहिया वाहन चालक और सवारी को आईएसआई मार्क हेलमेट(Helmet Petrol Rule 2025) पहनना जरूरी है। यह प्रतिबंध 01 अगस्त 2025 से लागू होकर 29 सितंबर 2025 तक प्रभावशील रहेगा। इसके उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्ति, संस्था या संचालक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी। किस कानून के तहत आया आदेश?  यह नियम मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129, आपदा प्रबंधन अधिनियम और नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत लागू किया गया है। इसके तहत दोनों शहरों के पेट्रोल पंप संचालकों को आदेशित किया गया है कि वे बिना हेलमेट आए ग्राहक को ईंधन न दें। आदेश का उल्लंघन करने पर पंप संचालकों पर कानूनी कार्रवाई होगी, हालांकि उपभोक्ता पर क्या सज़ा होगी, इसका अभी स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है। कहां, कैसे और किसको मिलेगी हेलमेट न पहनने की छूट? यदि किसी व्यक्ति के पास मेडिकल इमरजेंसी या आकस्मिक परिस्थिति है, तो उसे इस नियम से अस्थायी रूप से छूट दी जाएगी। लेकिन अन्य सभी मामलों में यह नियम सख्ती से लागू होगा। इमरजेंसी में मिले सकेगी छूट     प्रतिबंध मेडिकल संबंधी मामलों व आकस्मिक स्थिति में लागू नहीं होगा। यह प्रतिबंध अन्य किसी नियम/आदेश के प्रतिबंध के अतिरिक्त होंगे।     यह आदेश 1 अगस्त 25 से लागू होगा। 29 सितंबर 25 तक की अवधि में प्रभावशील रहेगा।     इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था और संचालक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता-23 की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकेगी। बिना हेलमेट आने वालों पर क्या कार्रवाई? पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन बिना हेलमेट के पेट्रोल देने पर पंप संचालक पर तो कार्रवाई करेगी, लेकिन जो पेट्रोल ले रहा है, उस पर क्या कार्रवाई होगी? सड़क पर पुलिस बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को नहीं पकड़ पा रही है। इस पर भी सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और रिटायर्ड न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने मंगलवार को इंदौर में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली थी। इस दौरान उन्होंने कुछ जरूरी निर्देश दिए थे।     सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए।     अगले 6 महीनों में सुधार के लिए रणनीति तैयार की जाए ताकि सकारात्मक बदलाव और नतीजे देखने को मिलें। न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा था कि इंदौर में लोगों को हेलमेट पहनने की आदत डालनी चाहिए। सीट बेल्ट के इस्तेमाल को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए। शराब पीकर वाहन चलाने वालों और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। लोक परिवहन के साधन बढ़ाए जाएं ताकि सड़कों पर छोटे निजी वाहनों की भीड़ कम हो। पुलिस, सरकारी कर्मचारी और विद्यार्थी जब भी वाहन चलाएं, तो हेलमेट पहनना अनिवार्य हो। सरकारी दफ्तरों में बिना हेलमेट एंट्री नहीं  इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर सरकारी कार्यालयों में हेलमेट अनिवार्य करने की सिफारिश की थी। अब बिना हेलमेट किसी सरकारी दफ्तर में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों पर अमल  सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज अभय मनोहर सप्रे ने इंदौर समीक्षा बैठक में हेलमेट अनिवार्यता, शराब पीकर वाहन चलाने पर सज़ा, और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहन जैसे बिंदुओं पर सख्त अमल की मांग की थी। यही दिशा-निर्देश अब जमीन पर उतारे जा रहे हैं। कब से लागू होगा हेलमेट पहनने का आदेश? क्या मिलेगा दंड? यह आदेश 1 अगस्त से 29 सितंबर 2025 तक लागू रहेगा। नियम का उल्लंघन करने पर IPC की धारा 223 के तहत चालान या अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आदेश में स्पष्ट नहीं प्रशासन का निर्णय ठीक है, लेकिन आदेश में स्पष्ट नहीं है कि पेट्रोल पंप(Helmet Petrol Rule 2025) पर यदि कोई बिना हेलमेट के पेट्रोल भरवाता है तो इसमें पेट्रोल पंप संचालक को दोषी नहीं माना जाएगा। पंप संचालक को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। पंप संचालक पर इसकी अनिवार्यता नहीं होना चाहिए।-अजय सिंह, अध्यक्ष, मप्र पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन