samacharsecretary.com

संपत्ति 242 करोड़, प्राइवेट जेट… फिर भी चर्चा में क्यों हैं विधायक संजय पाठक?

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजनीति में संजय पाठक एक चर्चित चेहरा हैं। कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से विधायक संजय पाठक को प्रदेश के सबसे अमीर विधायकों में गिना जाता है। उनकी पहचान न केवल एक प्रभावशाली नेता के रूप में है, बल्कि अपार संपत्ति और आलीशान जीवनशैली के कारण भी वे सुर्खियों में रहते हैं। संपत्ति और आलीशान जीवन साल 2023 विधानसभा चुनाव में दाखिल एफिडेविट के अनुसार, संजय पाठक की कुल संपत्ति 242.09 करोड़ रुपये (BJP MLA Sanjay Pathak Net Worth) है। वे प्राइवेट जेट के मालिक भी हैं, जो उन्हें अन्य विधायकों से अलग बनाता है। 2022-23 में उनकी आय 3.9 करोड़ रुपये रही, जबकि उनकी पत्नी निधि पाठक की आय 4.02 करोड़ रुपये दर्ज की गई। हालांकि, अपार संपत्ति के बावजूद उनके ऊपर करीब 19 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। राजनीतिक सफर विजयराघवगढ़ सीट से लगातार राजनीति कर रहे संजय पाठक का नाम क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले नेताओं में आता है। उनकी सक्रियता और संगठन पर पकड़ ने उन्हें पार्टी में पहचान दिलाई। विवादों से घिरा नाम हाल ही में वे अवैध खनन से जुड़े मामले में चर्चा में आए। हाई कोर्ट के जज विशाल मिश्रा ने खुलासा किया कि पाठक ने उनसे फोन पर बातचीत करने की कोशिश की थी। इसके बाद जज ने खुद को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया। इतना ही नहीं, पाठक के वकील अंशुमान सिंह ने भी केस से खुद को अलग कर लिया। 'मैं ये केस छोड़ रहा हूं…' उन्होंने साफ किया है कि मैंने कोर्ट को लिखा है कि आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन और निर्मला मिनरल्स, जिन दो कंपनियों के केस की मैं पैरवी कर रहा था, उनके किसी रिलेटिव ने जस्टिस मिश्रा को कॉल किया। इस बात का जस्टिस मिश्रा ने एक सितंबर के आदेश में जिक्र किया। इसकी वजह से मैं ये केस छोड़ रहा हूं और मैंने इस बारे में अपने क्लाइंट को बता दिया है।  

संजय पाठक के वकील का बड़ा कदम, केस से खुद को किया अलग और सोशल मीडिया पर दी जानकारी

जबलपुर  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा द्वारा विधायक संजय पाठक द्वारा फोन किए जाने के बाद खुद को उस मामले से अलग किए जाने के बाद नया मोड आया है। अब पाठक के वकील अंशुमान सिंह ने भी खुद को केस से अलग कर लिया है। उन्होंने साफ किया है कि मैंने कोर्ट को लिखा है कि आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन और निर्मला मिनरल्स, जिन दो कंपनियों के केस की मैं पैरवी कर रहा था, उनके किसी रिलेटिव ने जस्टिस मिश्रा को कॉल किया। इस बात का जस्टिस मिश्रा ने एक सितंबर के आदेश में जिक्र किया। इसकी वजह से मैं ये केस छोड़ रहा हूं और मैंने इस बारे में अपने क्लाइंट को बता दिया है। अधिवक्ता सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि जिन दो कंपनियों की वो पैरवी कर रहे थे, उसमें विधायक संजय पाठक का कितना शेयर है। उनका संजय पाठक से सीधा सरोकार नहीं है। वो कई सारी कंपनियों के केस लड़ते हैं, ऐसे में हर केस के क्लाइंट का किससे क्या रिलेशन है, इस बात की जांच नहीं करेंगे।  

संजय पाठक के लिए मुश्किलें बढ़ीं: GST व ब्याज के साथ पेनल्टी, जबलपुर में होगी कलेक्शन कार्रवाई

जबलपुर खनिज विभाग जबलपुर की सीमा में आने वाली खदानों में अवैध उत्खनन करने के आरोप में विधायक संजय पाठक से 443 करोड़ वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है। यह जिम्मा जबलपुर खनिज विभाग को दिया गया है। विभाग के अधिकारियों ने वसूली करने के लिए जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना से स्वीकृति मांगी है। विभाग ने इस संबंध में मांग पत्र तैयार कर कलेक्टर को भेजा है, लेकिन गुरुवार तक इस पर सहमति नहीं मिल सकी। अब संभवतः शुक्रवार को कलेक्टर इस पर सहमति देंगे, जिसके बाद संजय पाठक से वसूली की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। खदानों में तय सीमा से ज्यादा किया उत्खनन दरअसल, संजय पाठक ने सन् 2004 से 2017 तक अपनी खदानों में तय सीमा से ज्यादा उत्खनन किया। इसकी जानकारी न तो जबलपुर खनिज विभाग को लगी और न ही भोपाल में बैठे अधिकारियों को। करीब 13 साल तक विधायक ने अपनी स्वीकृत खदानों से तय मात्रा से ज्यादा उत्खनन किया, लेकिन कागजों पर तय सीमा में ही उत्खनन दिखाया गया। इसकी शिकायत जब भोपाल पहुंची तो हड़कंप मच गया और जांच टीम गठित कर संजय पाठक की मां और बेटे के नाम पर ली गई खदानों की जांच की गई।   हर कंपनी से किया अवैध उत्खनन दरअसल भोपाल खनिज विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले संजय पाठक की मां निर्मला पाठक और पुत्र यश पाठक के नाम पर ली गई खदानों की जांच की। इसमें आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स, पैसेफिक एक्सपोर्ट और आनंद माइनिंग कार्पोरेशन ने ली खदानों में अवैध उत्खनन लिया। जांच के बाद खनिज विभाग ने आनंद माइनिंग पर 234.51 करोड़, निर्मला मिनरल पर 126.79, पैरोफिक एक्सपोर्ट पर 81.79 करोड़ और आनंद कॉर्पोरेशन से 20.02 करोड़ की पेनल्टी लगाई है। इसे वसूलने का काम जबलपुर जिला प्रशासन को दिया गया है। कलेक्टर से सहमति के बाद वसूली जिले के खनिज विभाग द्वारा मांग पत्र पर कलेक्टर से सहमति के बाद वसूली के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। इतना ही नहीं भुगतान न करने पर संजय पाठक की खदानों में उत्खनन करने पर रोक भी लग सकती है। वसूली न हो, इसलिए निवेश कर दिया हाल ही में कटनी में हुए कॉन्क्लेव में देशभर की खनिज क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने निवेश किया। इस दौरान संजय पाठक की फर्मों पर लगाए 443 करोड़ के जुर्माना को लेकर चर्चा रही। अवैध उत्खनन पर सरकार के रुख को ठंडा करने के लिए संजय पाठक ने अपनी और अपने बेटे यश पाठक की फर्मों द्वारा निवेश करने की राशि में इजाफा किया और बढ़ाकर चार हजार करोड़ कर दिया गया। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री और खनिज विभाग के आला अधिकारियों ने इस निवेश पर संजय पाठक की प्रशंसा भी की। कोर्ट के आदेश पर आगे बढ़ी कार्रवाई इसके बाद यह कयास लगाए गए कि अब सरकार, जुर्माने की राशि वसूलने पर जोर नहीं देगी, लेकिन अचानक हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा की ऑर्डर शील पर संजय पाठक द्वारा फोन पर अप्रोच लगाने की बात कही, जिसके बाद आनन-फानन में जुर्माना की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया। जबलपुर खनिज अधिकारी एके राय ने कहा कि भोपाल से आए आदेश के बाद जुर्माना वसूलने की कार्रवाई के संबंध में मांग पत्र तैयार किया गया है, जिस पर कलेक्टर की सहमति के बाद जुर्माना वसूलने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।

GST केस में फंसे विधायक संजय पाठक, ब्याज और पेनल्टी समेत भरना होगा टैक्स

भोपाल  पूर्व मंत्री और विधायक संजय पाठक के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। उनसे जुड़ी कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि अवैध खनन के मामले में विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों से 443 करोड़ की वसूली हो सकती है। यह मामला जबलपुर के सिहोरा तहसील के अलग-अलग गांवों में लौह अयस्क खदानों से जुड़ा है। जहां पर अवैध उत्खनन के मामले में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों से 443 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की जानी है। अवैध खनन में 443 करोड़ रुपए की पेनल्टी के केस में हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा को फोन पर सीधे अप्रोच करने वाले विजयराघवगढ़ के भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। जस्टिस मिश्रा की ऑर्डर शीट सामने आने व केस से खुद को अलग कर लेने के बाद खनिज विभाग ने विधायक पाठक और पारिवारिक फर्मों पर शिकंजा कसा है। तय मात्रा से अधिक आयरन और खनन पर लगाई 443 करोड़ रुपए की पेनल्टी की राशि वसूलने की कार्यवाही शुरू की। खनिज विभाग ने विधायक से जुड़ी फर्मों को इस संबंध में मांग पत्र जारी कर दिए हैं। उक्त राशि के साथ जीएसटी और ब्याज की राशि भी भरनी होगी। जांच दल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई आसपास स्थित विधायक पाठक से जुड़ी आयरन ओर की खदानों में अवैध खनन की शिकायत की गई थी। इसकी जांच के लिए राज्यशासन ने दल का गठन किया था। दल ने मौके पर खनन और दस्तावेजों में स्वीकृत अनुमति के आधार पर जांच कर रिपोर्ट सरकार को दी थी। शासन के पत्र के आधार पर खनिज विभाग ने पेनल्टी की वसूली की कार्रवाई शुरू की है। मां और पुत्र के नाम से संचालन जिन खदानों पर पेनल्टी की वसूली कार्रवाई शुरू की गई है। उनमें से कुछ फर्में सीधे विधायक संजय पाठक, मां निर्मला पाठक और पुत्र यश पाठक के नाम पर हैं। इसी तरह एक अन्य फर्म में उनकी 50% भागीदारी है। किस फर्म से कितनी वसूली फर्म का पूरा नाम – वसूली योग्य राशि 1-आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन – 234.51 2-निर्मला मिनरल्स – 126.79 3-पेसेफिक एक्सपोर्ट – 81.79 4-आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन – 20.02 अब तक क्या-क्या – 26 अगस्त को जिला खनिज कार्यालय को पत्र मिला। – 443 करोड़ रुपए की मांग भेजी। – विभाग ने आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन पर दो बार, निर्मला मिनरल्स, पैसिफिक एक्सपोर्ट पर पेनल्टी ठोंकी। – 1 सितंबर को शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित की याचिका पर सुनवाई – जज ने विधायक के अप्रोच करने की बात ऑर्डर में लिख दी। 443 करोड़ की पैनल्टी वसूलने की कार्यवाही शुरू राज्य शासन से मिले निर्देशों के अनुसार सिहोरा की खदानों में तय मात्रा से ज्यादा खनन के प्रकरण में लगाई गई 443 करोड़ रुपए की पेनल्टी राशि वसूलने की कार्यवाही शुरू की गई है। फर्मों के संचालकों को इसके लिए मांग पत्र जारी किए गए हैं। – -एके राय, खनिज अधिकारी, जबलपुर।