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चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत, देशभक्ति की पराकाष्ठा है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

चंद्रशेखर आजाद ने शहादत दे दी, पर अंग्रेजों के हाथ न आये, यह देश प्रेम की है पराकाष्ठा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव शहादत का वह क्षण जब आज़ाद ने चुनी मृत्यु, पर न झुके अंग्रेजों के आगे: सीएम डॉ. यादव चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत, देशभक्ति की पराकाष्ठा है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव चंद्रशेखर आजाद नगर में हुआ स्मरण आजाद कार्यक्रम मुख्यमंत्री डॉ. यादव वी.सी. के जरिए हुए कार्यक्रम में शामिल भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमें गर्व है कि अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जैसे महानायक मध्यप्रदेश की धरती पर जन्मे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी समूची चेतना, जीवन और अस्तित्व भारतमाता के चरणों में समर्पित करने वाले अमर बलिदानी चंद्रशेखर आज़ाद के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित कर हम गौरवान्वित हैं। मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए समर्पित चंद्रशेखर आजाद का जीवन ऊर्जा, संकल्प और सेवा का अमिट अध्याय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद ने जब यह देखा कि अब गिरफ्तारी से बच पाना मुश्किल है तो अपने हाथों से ही खुद के प्राणोत्सर्ग कर शहादत दे दी, पर अंग्रेजों के हाथ नहीं आये, यह देश प्रेम की परकाष्ठा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर अलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आज़ाद नगर (भाभरा) में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम "स्मरण-आजाद" को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। वीसी में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला सहित अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद एक साधारण परिवार में जन्मे असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। आज़ाद एक ऐसी आंधी थे, जिसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाकर रख दी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद एक नाम नहीं, भारत की क्रांति का वह तेजस्वी स्वर था, जिसकी गूंज आज भी देशभक्ति की शपथ लेने वालों के हृदय में सुनाई देती है। बाल्यकाल से ही उनमें एक अलग तेज और एक अलग सोच थी। जब काशी में उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया और गिरफ्तार हुए, तब न्यायाधीश के पूछने पर जो जवाब उन्होंने दिया, वह आज भी हर देशभक्त के हृदय में बसा है। जब उनसे, उनका नाम पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया- 'आजाद'। पिता का नाम पूछा, तो उन्होंने जवाब दिया-स्वाधीनता। तीसरी बार जब उनके घर का पता पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया था- जेल। वे केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं, एक विचारधारा और आत्मबल के प्रतीक थे, जिन्होंने यह संकल्प लिया था कि-'मैं आज़ाद था, आज़ाद हूं और आज़ाद ही रहूंगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद ने केवल एक क्रांतिकारी की ही नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वाधीनता आंदोलन के सेनापति की भूमिका निभाई। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सेनापति बने और शहीद भगत सिंह जैसे नौजवानों को भी उन्होंने दिशा दी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाला लाजपत राय की शहादत का बदला लेने के लिए जब सांडर्स को लाहौर में मार गिराया गया, तब इस योजना के केंद्र में चंद्रशेखर आज़ाद ही थे और जब देश की क्रांति को धन की आवश्यकता पड़ी, तब काकोरी कांड (1925) में ब्रिटिश खजाने को लूटकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया था कि अगर लक्ष्य पवित्र हो, तो क्रांति भी तपस्या बन जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि दुश्मनों से घिरे होने पर उन्होंने अंतिम गोली स्वयं पर चला दी, परंतु दुश्मन की पकड़ में नहीं आए। इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क (अब आज़ाद पार्क) में 27 फरवरी 1931 को पुलिस से घिरे होने पर अंतिम गोली खुद को मारकर प्राणोत्सर्ग कर दिया और अपने नाम के अनुरूप अंतिम सांस तक वे "आज़ाद" ही रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत आज भी हमें यह याद दिलाती है कि स्वतंत्रता किसी एक दिन की घटना नहीं, बल्कि लाखों बलिदानों का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर देश के युवाओं को उनके साहस, त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। आजाद केवल एक क्रांतिकारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना के प्रखर प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि आज की नई पीढ़ी को चाहिए कि वह आज़ाद जी के जीवन व चरित्र से सीखें कि कैसे कोई अकेला व्यक्ति इतिहास की धारा बदल सकता है। राष्ट्र के लिए जीना और राष्ट्र के लिए मरना क्या होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज हम जिस आज़ाद हवा में सांस ले रहे हैं, वह चंद्रशेखर आजाद जैसे रणबांकुरों के बलिदान की ही देन है। हम सबका यह परम कर्तव्य है कि हम एकजुट होकर उनके सपनों का भारत गढ़ें। उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म मध्यप्रदेश के वर्तमान अलीराजपुर जिले के एक छोटे से गांव भाभरा (अब चंद्रशेखर आज़ाद नगर के रूप में प्रचलित) में 23 जुलाई 1906 को हुआ था। चंद्रशेखर आजाद नगर में हुए मुख्य कार्यक्रम स्थल पर अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पूर्व विधायक एवं वर्तमान में म.प्र. लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष माधो सिंह डाबर, भाभरा नगर परिषद की अध्यक्षा श्रीमती निर्मला डाबर, नगर परिषद के अध्यक्ष नारायण अरोड़ा, भाभरा जनपद पंचायत के अध्यक्ष जगदीश गणावा और जनपद पंचायत उपाध्यक्ष परमार सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।  

24 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे CM डॉ. यादव, वन विकास निगम की होगी विशेष बैठक

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर 24 जुलाई को स्वर्ण जयंती वर्ष का उद्घाटन एवं राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे।वे ‘विजन डॉक्यूमेंट-2047’ का विमोचन एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे। कार्यक्रम में निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारी को सम्मानित भी किया जायेगा। वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री दिलीप सिंह अहिरवार, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव भी उपस्थित रहेंगे। गुरुवार 24 जुलाई को प्रात: 10:30 बजे से भारतीय वन प्रबंधन संस्थान नेहरू नगर भोपाल के ऑडिटोरियम में होने वाले कार्यक्रम के संबंध में प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम श्री व्ही.एन. अम्बाड़े ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, तेलंगाना और कर्नाटक राज्य के वन विकास निगम के प्रबंध संचालक द्वारा विभिन्न विषयों जैसे थिनिंग व फेलिंग, जनरल प्लानटेशन, मियॉवाकी प्लानटेशन, डिपॉजिट वर्क, थीम वर्क, ईको टूरिज्म विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया जायेगा। कार्यशाला का उद्देश्य मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड द्वारा विगत 50 वर्षों में किये गये वानिकी, वन एवं वन्य जीव संरक्षण कार्य को रेखांकित किया जाना है। कार्यक्रम में वन विकास निगम के कार्यों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी किया जायेगा। वनीकरण में निगम की अनेक उपलब्धियां मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम की स्थापना 24 जुलाई 1975 को हुई थी। निगम की स्थापना का उद्देश्य निम्न कोटि के वन क्षेत्रों को तेजी से बढ़ने वाली बहुमूल्य तथा बहु उपयोगी प्रजातियों के रोपण द्वारा उच्च कोटि के वन क्षेत्रों में उत्पादन क्षमता एवं गुणवत्ता में सुधार लाना है। निगम का कार्य प्रदेश के 22 जिलों में संचालित है। निगम अंतर्गत कुल 13 काष्ठगार एवं 15 स्थाई रोपणियां स्थापित हैं। निगम को लगभग 4.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें से वर्ष 2025 तक 3.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का उपचारण किया जा चुका है एवं 3.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया गया है। विगत 2 वर्षों में निगम द्वारा 2 करोड़ 48 लाख पौधों का रोपण किया गया है। निगम की रोपणियों में वर्ष 2025 में कुल 1 करोड़ 70 लाख सागौन रूटशूट सागौन का उत्पादन हुआ है। टाइगर रिजर्व में चुनौती पूर्ण कार्य वन विकास निगम की अधिकांश परियोजना मंडल टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य क्षेत्र बफर जोन से लगे हैं। इन क्षेत्रों में बाघ, तेंदुआ, भालू एवं हिरण आदि वन्य जीवों के विचरण की उपस्थिति दर्ज की गई है। वन्य जीवों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये निगम द्वारा बोरीबंधान, तालाब निर्माण एवं झिरियां निर्माण का कार्य किया जाता है। वर्ष 2024-25 में लगभग 60 हजार घनमीटर इमारती काष्ठ एवं 3100 टन बांस का उत्पादन किया गया। जैव विविधता के साथ साथ जलगंगा संवर्धन भी निगम ने व्यावसायिक वृक्षारोपण के साथ जैव विविधता संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य भी किया जा रहा है। निगम द्वारा ‘जल गंगा संवर्धन’ एवं ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अंतर्गत लगभग 125 करोड़ पौधों का रोपण वृहद स्तर पर किया जा रहा है। निगम को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 170 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।   

विकसित भारत @2047 अंतर्गत रोजगार आधारित शिक्षा: रुझान एवं नए अवसर राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्यपाल और मुख्यमंत्री हुए शामिल

भोपाल  राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाओं को पहचान कर विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम तैयार करें। उन्होंने प्रदेश में देश विदेश से निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल की सराहना की है। अपेक्षा की है कि निवेश परियोजना क्रियान्वयन के साथ ही उद्योग में रोजगार के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी उपलब्ध कराने के लिए कोर्स प्रारम्भ करें, जिससे परियोजना शुरू होने के साथ ही आवश्यकता अनुसार स्थानीय स्तर के युवा उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज करेंसी का जमाना है, लेकिन स्किल (कौशल) ही करेंसी है, भारत इसे अच्छी तरह समझता है। इसीलिए हम नवाचार करते हुए कौशल विकास की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान और तेजी से बढ़ता राज्य है। इसीलिए हम खेती की पढ़ाई को सामान्य महाविद्यालयों तक लेकर गए हैं। अगर कोई युवा खेती में करियर बनाना चाहे तो उसे आधुनिक तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों के दायरे विस्तृत होने चाहिए। सभी कोर्स यहां से संचालित होने चाहिए। राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उक्त विचार उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विकसित मध्यप्रदेश @2047 ‘रोजगार आधारित शिक्षा-रूझान एवं नए अवसर’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही है। कार्यशाला का आयोजन बुधवार को  कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में किया गया। राज्यपाल पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय रोजगार आधारित शिक्षा-रूझान एवं नए अवसर कार्यशाला समय की आवश्यकता है। भविष्य की तैयारी का सशक्त मंच है। रोजगार केन्द्रित शिक्षा और विकसित भारत के निर्माण में प्रदेश के योगदान को बढ़ाने की प्रभावी पहल है। राज्यपाल पटेल ने कहा कि शिक्षा समाज की रीढ़ है। यह समय के साथ तालमेल बैठाने, नवाचारों को अपनाने और नवीन अवसरों का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को सक्षम बनाती है। इसलिए हमारी शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थियों को रोजगार के अवसरों तक सुलभ पहुंच देने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बनाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा से मनुष्य का समग्र विकास होता है। यह आयोजन को बदलते दौर में रोजगार आधारित शिक्षा और अवसरों का विकास करने के क्रम किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सबसे पहले 1968 और उसके बाद 1988 में मंथन हुआ। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर तीसरी बार मंथन हो रहा है। लेकिन आजादी के बाद 2020 से पहले कभी भी लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति से बाहर आकर विचार नहीं किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल शासन की मंशा को समझने वाले दृष्टा थे। इसी भाव से उन्होंने सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करते हुए देश की जड़ों को मजबूत करने का कार्य किया। महात्मा गांधी ने अहिंसा के अस्त्र का उपयोग करते हुए देश के गांव-गांव तक स्वतंत्रता की अलख जगाई थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुनिया, भारत के साथ आने के लिए लालायित है। आक्रांताओं ने भारतीय संस्कृति पर आक्रमण करने के लिए हमारी शिक्षा के बड़े केंद्रों तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला को तोड़ने और जलाने का कार्य किया। मध्य प्रदेश 64 कलाओं की शिक्षा वाली भूमि है। इसीलिए भगवान श्रीकृष्ण शिक्षा ग्रहण करने के लिए उज्जैन के सांदीपनि आश्रम आए थे। हम उस देश के वासी हैं, जहां होठों पर सच्चाई रहती है और जो होठों पर सच्चाई लेकर आए वही शिक्षा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में शासकीय और निजी मिलाकर 70 से अधिक विश्वविद्यालय हैं। भारत विश्वगुरु है और गुरु वह जो हमारे जीवन में अंधकार हटाकर उसे प्रकाशमय कर दे। जेएनयू ने भी मध्यप्रदेश की कुलगुरु परंपरा को आत्मसात कर लिया है। सरकार प्रदेश में 10 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थाओं में एनईपी लागू करने पर आगे बढ़ चुकी है। प्रदेश में 220 से अधिक सांदीपनि विद्यालयों की शुरुआत की गई है। यहां विद्यार्थियों के लिए आधुनिक कंप्यूटर कोडिंग लैब स्थापित की गई हैं। शिक्षा केवल कागज की डिग्री लेने के लिए न हो, बल्कि वह भविष्य की चुनौतियों से लड़ने और उसे समझने में समर्थ हो। इसीलिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई), डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्युटिंग और बायोटेक्नोलॉजी जैसे कोर्स शुरू किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है। हमने शीर्ष स्तर पर पहुंचने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक पशुधन है, इसीलिए राज्य सरकार प्रदेश में वेटेनरी कॉलेज की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है। हम सिंचाई के रकबे के साथ-साथ मत्स्य उत्पादन को भी बढ़ाने के लिए संकल्पित हैं। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षा हर काल में सर्वोच्च रही है। भारतीय संस्कृति में संस्कारों को आगे बढ़ाते हुए रोजगार देने की परंपरा थी। बिना संस्कारों के हम श्रेष्ठ और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक नहीं बना सकते हैं। प्रदेश में नई शिक्षा नीति और कार्य की जवाबदेही तय करने की पहल देश भर में स्थान बनाएगी और प्रदेश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। राज्यपाल पटेल का उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने पौधा, श्रीफल, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। कार्यशाला में विषय -विशेषज्ञ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और आई.ई.यू.ए.सी. के निदेशक डॉ. ए.सी. पांड़े ने विचार रखे। राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने स्वागत उद्बोधन दिया। मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. भरत शरण सिंह ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव के.सी. गुप्ता, उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त प्रबल सिपाहा, प्रदेश के सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, वरिष्ठ प्राध्यापक और विषय-विशेषज्ञ उपस्थित रहे।  

किसान बगीचा लगाएं और उद्यानिकी विभाग उपलब्ध कराये पौधे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

कम खर्च में ज्यादा फायदा देने वाले फलदार और छायादार पौधों का बहुतायत में करें रोपण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव निजी सेक्टर और किसानों को भी जोड़ें पौधरोपण से किसान बगीचा लगाएं और उद्यानिकी विभाग उपलब्ध कराये पौधे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की समीक्षा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसान हो या आमजन, खरीदकर पौधे लगाने और उन्हें बड़ा करने में लागत अधिक आती है, इसलिए सबको नर्सरी और बगीचा लगाने के लिए प्रेरित तो करें, परंतु उन्हें पौधे उद्यानिकी विभाग उपलब्ध कराये। कम खर्च में ज्यादा फायदा देने वाले फलदार और छायादार पौधों का बहुतायत में रोपण कराया जाये। पौधरोपण के कार्य में निजी सेक्टर और किसानों को भी जोड़ा जाये। अधिक लाभ देने वाली पौध प्रजाति का चयन किया जाये, जिससे भविष्य में इनकी मांग के अनुरूप आपूर्ति (पौध उत्पादन) भी तैयार की जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की बैठक में समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के किसानों और निजी क्षेत्रों को भी 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान से जोड़ा जाए। सभी विभाग लक्ष्य की पूर्ति के लिए पौधरोपण में तेजी लाएं और रोपे गए पौधों की मॉनिटिरिंग भी बेहतर तरीके से करें। उद्यानिकी विभाग किसानों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करे, जिससे निकट भविष्य में फलों को बेचकर उनकी आय में वृद्धि हो सके। 'एक बगिया मां के नाम' के माध्यम से राज्य सरकार स्व-सहायता समूहों की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए भी संकल्पित है। फलों की बगिया विकसित करने के लिए उन्हें तीन साल तक आर्थिक मदद दी जाएगी। वन विभाग ने लगाए हैं अब तक 5 करोड़ 38 लाख से अधिक पौधे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर प्रदेशभर में गत 5 जून से 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान चलाया जा रहा है, जो 30 सितंबर तक चलेगा। प्रमुख सचिव पर्यावरण ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस से प्रारंभ 'एक पेड़ मां के नाम अभियान' की मॉनीटरिंग के लिए मेरी लाइफ पोर्टल तैयार किया गया है। गत 5 जून से अब तक प्रदेश के विभिन्न विभागों और जिलों में करीब 5 करोड़ 54 लाख से अधिक पौधरोपण कर पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया है। इस अभियान में अकेले वन विभाग ने ही वर्ष 2025-26 में 3.40 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य के विरूद्ध 22 जुलाई तक 5 करोड़ 38 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर दिया गया है। कुल पौधरोपण की 95 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि वन विभाग ने हासिल की है। वन विभाग ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की थी, जिसमें पौधरोपण क्षेत्रों को अभियान से जोड़ने, शासन के निर्देशानुसार पौधरोपण की तैयारियां, संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की सक्रिय भागीदारी, प्लांटेशन मॉनिटरिंग सिस्टम से पौधों की निगरानी और “मेरी लाइफ” पोर्टल पर पौधरोपण की नियमित जानकारी अपलोड करना भी शामिल है। अभियान की अब तक की प्रगति 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में उच्च शिक्षा विभाग ने 1.60 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। अब तक प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालय परिसरों में 1 लाख से अधिक देशी फलदार पौधे लगाए जा चुके हैं। इसी प्रकार नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 1 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य के विरूद्ध प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 4.15 लाख छायादार और औषधीय पौधे लगाए जा चुके हैं। यह अभियान नगरीय क्षेत्र में अर्बन फॉरेस्ट (ग्रीन कवर) तैयार करने में बेहद सहायक सिद्ध होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने बड़े पैमाने पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं को पौधरोपण अभियान से जोड़ा है। अब तक 7 हजार से अधिक महिलाओं को पौधरोपण स्थल का भ्रमण कराया गया है। विभाग की योजना रोपित किए गए सभी पौधों के रख-रखाव की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने की है। करीब 50 हजार पौधे रोजाना लगा रहा स्कूल शिक्षा विभाग अभियान के तहत स्कूल शिक्षा विभाग ने 86 लाख 27 हजार से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश के सभी स्कूलों और खुले मैदान में अब तक 5 लाख 37 हजार 625 आम, अमरूद, नीम, पीपल, बरगद, सागौन एवं शीशम जैसे फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जा चुके हैं। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने बताया कि विभाग ने स्कूली बच्चों को इस अभियान से सक्रियता से जोड़ा है। विभाग प्रतिदिन बच्चों से पौधरोपण कराकर बच्चों की माता के साथ फोटो खिंचवाकर इन्हें मेरी लाइफ पोर्टल पर दर्ज कर रहा है। उन्होंने बताया कि सबके सामूहिक सहयोग एवं प्रयासों से विभाग द्वारा रोजाना 50 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। अगले दो से तीन माह में विभाग अपना लक्ष्य पूर्ण कर लेगा। उद्यानिकी विभाग ने लगाए 9.34 लाख से अधिक पौधे उद्यानिकी विभाग ने 4862 हेक्टेयर क्षेत्र में 21 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेशभर में खेत, नदियों से सटे क्षेत्र तथा जलाशयों व नालों के आसपास अब तक 9.34 लाख से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है। इनमें आम, अमरूद, संतरा, नीबू जैसे विभिन्न फलदार पौधे शामिल हैं। इसी प्रकार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 15 अगस्त से 15 सितंबर तक प्रदेश में “एक बगिया मां के नाम” अभियान प्रारंभ कर पौधरोपण का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है। विभाग द्वारा विगत 15 जुलाई से गंगोत्री हरित परियोजना, मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर पौधरोपण की शुरुआत कर दी गई है। पर्यावरण विभाग ने ईको क्लब से माध्यम से लगभग 37 हजार स्कूल परिसरों में अब तक 2 लाख 76 से अधिक पौधरोपण किया है। बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव पर्यावरण नवनीत मोहन कोठारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव, आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास संकेत भोंडवे, संचालक सह आयुक्त एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास छोटे सिंह, आयुक्त उद्यानिकी श्रीमती प्रीति मैथिल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

CM डॉ. यादव ने ग्वालियर सड़क हादसे पर जताया गहरा शोक, की आर्थिक मदद की घोषणा

CM यादव ने ग्वालियर में सड़क दुर्घटना में चार कांवड़ियों के निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया, 4-4 लाख रुपए की अनुग्रह सहायता ग्वालियर हादसे पर CM यादव ने जताया शोक, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की सहायता CM डॉ. यादव ने ग्वालियर सड़क हादसे पर जताया गहरा शोक, की आर्थिक मदद की घोषणा मृतकों के परिजन को दी जाएगी 4-4 लाख रुपए की अनुग्रह सहायता  ग्वालियर  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान हुई सड़क दुर्घटना में 4 कांवड़ियों के आकस्मिक निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मृतक कावड़ियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बाबा महाकाल से दिवंगतों की आत्मा की शांति एवं श्रीचरणों में स्थान देने के लिए प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए चारों मृतकों के निकटतम परिजनों को 4-4 लाख रुपए की अनुग्रह सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो कि 22 जुलाई 2025 की अर्द्धरात्रि लगभग 12:30 से 1 बजे के मध्य ग्वालियर के शीतला माता मंदिर चौराहा, शिवपुरी लिंक रोड पर घाटीगांव निवासी छह कांवड़ियों को एक अनियंत्रित कार द्वारा टक्कर मारे जाने से 4 कांवड़ियों की मृत्यु हो गई और 2 कांवड़िये घायल हो गए थे। कार चालक मौक़े से फ़रार हो गया था, जिसे बाद में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। जिला प्रशासन ग्वालियर द्वारा चिकित्सकों को बेहतर एवं नि: शुल्क इलाज करने के निर्देश दिए है। पीड़ितों को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद भी उपलब्ध कराई जा रही है। उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटना में घाटीगांव निवासी मृतकों में श्री वकील पुत्र गिरवर (40 वर्ष), श्री रमेश पुत्र पांडेय (38 वर्ष), श्री दिनेश पुत्र बेताल (21वर्ष) एवं श्री छोटू पुत्र अंतराम (18 वर्ष) शामिल हैं तथा दो कांवड़िये घायल हैं।  

स्पेन से सीखेंगे उन्नत खेती के गुर: किसानों का दल विदेश भेजेगी राज्य सरकार — सीएम डॉ. यादव

कृषि, उद्यानिकी और फल उत्पादन की उन्नत तकनीकी प्रबंधन की जानकारी के लिए कृषक दल जाएंगे स्पेन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश के प्राकृतिक खेती और हरित ऊर्जा पर आधारित उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे प्रोत्साहित मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सफल दुबई-स्पेन यात्रा के लिए मंत्रीगण ने किया अभिवादन मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रीगण को किया संबोधित भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 13 से 19 जुलाई तक दुबई-स्पेन की सफल निवेश यात्रा से प्रदेश को वैश्विक निवेश के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान मिली है और यूरोप तथा खाड़ी देशों में यह संदेश पहुंचा है कि मध्यप्रदेश निवेश मित्र राज्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस यात्रा में कुल 11 हजार 119 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे लगभग 14 हजार से अधिक रोजगार सृजन की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। दुबई-स्पेन की सफल निवेश यात्रा के लिए मंत्रीगण ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर उनका अभिवादन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्पेन में उद्यानिकी, फल उत्पादन और कृषि क्षेत्र का प्रबंधन सराहनीय और अनुकरणीय है। इस क्षेत्र में आधुनिकतम तकनीक अपनाने के लिए प्रदेश के कृषक दलों को स्पेन भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वस्त्र व्यवसाय में लगे अंतर्राष्ट्रीय समूह, हरित ऊर्जा के उपयोग और प्राकृतिक खेती से उत्पादित सामग्री को विशेष महत्व देते हैं। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश के उत्पादों का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विशेष महत्व है। राज्य सरकार प्रदेश के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करने की पहल करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुबई, मैड्रिड, बार्सिलोना में आयोजित “इन्वेस्ट इन मध्यप्रदेश’’ कार्यक्रम एवं “प्रवासी भारतीयों से चर्चा’’ में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। मध्यप्रदेश में टेक्समास (दुबई) के साथ एमओयू हुआ है। अरब देशों में मध्यप्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिये अरब चैम्बर ऑफ कामर्स के साथ भी एमओयू किया गया। इसी तरह निवेश, तकनीकी सहयोग और सतत ‍डिजिटल अधोसंरचना विकास के लिये सबमर टेक्नॉलाजीस एस.एल. के साथ एमओयू किया गया। दुबई में इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टील मेन्युफेक्चरिंग, हॉस्पिटैलिटी, डिफेंस, वेयरहाउसिंग और सस्टेनेबल सिटी जैसे क्षेत्रों में कम्पनियों से कुल 6801 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। स्पेन में डिजिटल, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन में कम्पनियों से 4318 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें उन्नत बायोफ्यूल और एसएएफ प्रोजेक्ट्स में 4000 करोड़ रुपये का एक बड़ा निवेश प्रस्ताव भी शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह यात्रा मध्यप्रदेश को निवेश के नए क्षेत्रों में व्यापार की संभावनाएं बनाने और उसे वैश्विक मंच पर एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में अभूतपूर्व रूप से सफल रही है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे। महाकाल की सवारी में मंत्रीगणों को किया आमंत्रित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संपूर्ण वैश्विक जगत में विख्यात 12 ज्योतिर्लिंगों में से उज्जैन की धरती पर भूतभावन महाकाल बाबा विराजमान हैं। श्रावण तथा भाद्र मास में बाबा महाकाल की सवारी के रूप में आमजन के बीच पहुंचते हैं। बाबा महाकाल की सवारी का स्वरूप प्रत्येक सोमवार को अलग-अलग रूप में देखा जाता है। बाबा महाकाल की गौरवशाली सवारी में उपस्थित होने के लिए मंत्रि-परिषद के सभी साथियों के लिए उज्जैन के स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई। अब तक 21 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खरीफ-2025 के लिए कुल उपलब्ध उर्वरक 31.52 लाख मीट्रिक टन था, जिसमें से 20 जुलाई तक 21.05 लाख मीट्रिक टन वितरण हो चुका है। विपणन संघ के डबललॉक केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक टोकन सिस्टम लगाने की व्यवस्था कराई जा रही है। डबललॉक केन्द्रों पर किसानों को सुविधा से, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के लिये ट्रांजिट रेक, प्राप्त होने वाली संभावित रेक, जिले में उपलब्ध स्कंध का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये एवं इसकी जानकारी समस्त जन-प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाये। विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों एवं पैक्स में निर्धारित अनुपात अनुसार उर्वरक का भंडारण करवाया जा रहा है। रासायनिक उर्वरकों की विक्रय दरों का अनुमोदन किया गया है। जैव-विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण की पहल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जैव विविधता से सम्पन्न क्षेत्रों की पहचान कर उक्त क्षेत्र में सतत संरक्षण के लिये बायोस्फियर रिजर्व स्थापित किये जा रहे हैं। बायोस्फियर रिजर्व घोषित होने से उक्त क्षेत्र में सतत विकास और जैव विविधता एवं पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित होता है। पचमढ़ी क्षेत्र को 1999 में, अचानकमार-अमरकंटक को 2011 में एवं पन्ना को 2011 में बायोस्फियर रिजर्व घोषित किया गया है। लगभग 15 वर्षों के अंतराल के बाद राज्य शासन के प्रयास एवं पहल से कान्हा, पेंच एवं बांधवगढ़ को भी बायोस्फियर रिजर्व घोषित किये जाने के लिये प्रोजेक्ट डॉक्यूमेंट तैयार कर भारत सरकार/यूनेस्को को प्रेषित किये गये हैं तथा इन्हें यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फियर रिजर्व में नामांकित करने के लिये प्रयास करेंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यटन तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल तथा लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने अभिवादन किया। मंत्रि-परिषद की बैठक राष्ट्रगीत वंदे-मातरम के सामूहिक गायन के साथ प्रारंभ हुई।  

सीएम यादव का ऐलान: बहनों और युवाओं को मिलेगा स्थायी रोजगार का अवसर

युवाओं और बहनों के रोजगार के लिए राज्य सरकार संकल्पित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव युवाओं और बहनों के रोजगार को मिलेगी प्राथमिकता: सीएम डॉ. यादव का संकल्प राज्य सरकार रोजगार सृजन को लेकर प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री ने जताया भरोसा सीएम यादव का ऐलान: बहनों और युवाओं को मिलेगा स्थायी रोजगार का अवसर अचारपुरा में 24 जुलाई को होगा पांच इकाइयों का भूमि-पूजन 400 करोड़ के निवेश से 1500 युवाओं को मिलेगा रोजगार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार युवाओं और बहनों के रोजगार के लिए संकल्पित है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। गुरुवार 24 जुलाई को भोपाल जिले के औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में पांच औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उन्होंने हाल ही में स्पेन और दुबई की यात्रा में अनेक निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2025 उद्योग और रोजगार वर्ष है। गांव से लेकर शहरों तक समृद्धि लाना, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए निर्णायक भूमिका निभा कर मध्यप्रदेश ने नए औद्योगिक युग की शुरूआत की है। पांच इकाईयों का होगा भूमि-पूजन मुख्यमंत्री डॉ. यादव 24 जुलाई को अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 12.88 हेक्टेयर में 400 करोड़ से अधिक निवेश और लगभग 1500 व्यक्तियों को रोजगार देने वाली 5 इकाइयों का भूमि-पूजन करेंगे। इनमें गारमेंट सेक्टर में गोकुलदास एक्सपोर्टस, टेक्सटाइल सेक्टर में इंडो एकॉर्ड अप्पेरल्स, हाई टेक इलेक्ट्रानिक में एसेडस प्राइवेट लिमिटेड, फार्मा सेक्टर में सिनाई हेल्थ केयर और कृषि उपकरण में समर्थ एग्रीटेक इकाइयां शामिल हैं।  

‘तन्वी द ग्रेट’ को प्रदेश में टैक्स‑फ्री घोषित किया गया — मुख्यमंत्री यादव की घोषणा

फिल्म  तन्वी द ग्रेट मध्यप्रदेश में कर मुक्त होगी: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश में कर मुक्त: ‘तन्वी द ग्रेट’ को मिली बड़ी सरकारी घोषणा — मुख्यमंत्री डॉ. यादव ‘तन्वी द ग्रेट’ को प्रदेश में टैक्स‑फ्री घोषित किया गया — मुख्यमंत्री यादव की घोषणा डीबी माल के सिनेमाघर में हुआ फिल्म का प्रदर्शन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फिल्म "तन्वी द ग्रेट" का देखा विशेष प्रदर्शन भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में फिल्म "तन्वी द ग्रेट" कर मुक्त होगी। मध्यप्रदेश शासन द्वारा ऐसी सार्थक फिल्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फिल्म अभिनेता और निर्देशक अनुपम खेर के साथ मंगलवार की रात्रि भोपाल में फिल्म "तन्वी द ग्रेट" का विशेष प्रदर्शन देखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फिल्म सिने प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि फिल्म का विषय चयन, कलाकारों का अभिनय, गीत संगीत, सभी दर्शकों का दिल जीतने योग्य रहा। यह फिल्म मानवीय संवेदनाओं और हमारे तानेबाने से संबंधित सार्थक संदेश देती है। यह फिल्म नहीं बल्कि एक सीख और एक पाठ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सेना से जुड़े विषयों पर ऐसी फिल्मों को प्रोत्साहित करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आटिज्म से प्रभावित बच्चे भी सक्षम होते हैं और वे सेना में भर्ती होने की योग्यता भी रखते हैं। यह फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि फिल्मकार अनुपम खेर और सभी कलाकार अभिनंदन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डीबी मॉल स्थित सिनेमाघर परिसर में अनेक नागरिकों से भेंट और चर्चा भी की। फिल्म के प्रदर्शन के प्रारंभ में अभिनेता और निर्देशक अनुपम खेर ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार व्यक्त किया। खेर ने फिल्म प्रदर्शन के बाद कहा कि पिता का स्वप्न पूरा करने के लिए बेटी सभी जतन करती है। कोई व्यक्ति सबसे अलग हो सकता है लेकिन वह कमजोर नहीं होता। इस फिल्म की नायिका ने सिद्ध किया है, कि उसकी योग्यता से ही भारतीय सेना में उसका चयन होता है। फिल्म प्रदर्शन के अवसर पर हेमंत खण्डेलवाल, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोंविद सिंह राजपूत, संस्कृति, पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी, विधायक भगवान दास सबनानी, समाजसेवी रविन्द्र यति सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। 

मंत्रि-परिषद की मुहर: सांख्यिकी से समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम, डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने सांख्यिकी से समृद्धि के लिए डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को दी स्वीकृति मंत्रि-परिषद की मुहर: सांख्यिकी से समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम, डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को मंजूरी डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को मिली हरी झंडी, 'सांख्यिकी से समृद्धि' पर सरकार का फोकस सटीक आंकड़े, सशक्त नीति: डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को मंत्रिमंडल की स्वीकृति नीति निर्माण को मिलेगा मजबूती का आधार, डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को मिली कैबिनेट की स्वीकृति ‘सांख्यिकी से समृद्धि’ मिशन के तहत डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा बूस्ट, मंत्रि-परिषद ने दी मंजूरी गांधीसागर जल विद्युत गृह की इकाइयों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण का अनुमोदन मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय   भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अंतर्गत सांख्यिकी संबंधी आंकड़ों का समयावधि में संकलन (डाटा कलेक्शन) एवं विश्लेषण कर विभागों, आमजन एवं योजनाविदों के उपयोग के लिए आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में ''डाटा सुदृढ़ीकरण योजना'' की स्वीकृति प्रदान की गयी। राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से "सांख्यिकी से समृद्धि" की दिशा में एक नई पहल कर रही है। योजना से सरकार को डाटा के आधार पर बेहतर और सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। साथ ही डाटा और उसका विश्लेषण समय पर मिलने से सरकार बेहतर नीति बना सकेगी। समस्त विभाग बिना किसी रुकावट के डाटा साझा कर सकेंगे, जिससे काम में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारियों की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी। स्वतंत्र शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को भी डाटा उपलब्ध होगा, जिससे नई योजनाओं का निर्माण आसान होगा। नागरिकों को भी डाटा की जानकारी मिल सकेगी, जिससे शासन अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगा। डाटा की उपलब्धता से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। गांधीसागर जल विद्युत गृह की इकाइयों के नवीनीकरण का अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालित (5×23) मेगावाट गांधीसागर एवं (4×43 मेगावाट) राणाप्रताप सागर जल विद्युत गृह के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए मध्यप्रदेश ‌द्वारा देय राशि का अनुमोदन प्रदान किया गया। निर्णय अनुसार गांधीसागर जल विद्‌युत गृह की पांचों इकाइयों (5×23 मेगावाट) के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण की पुनरीक्षित अनुमानित लागत 464 करोड़ 55 लाख रुपये का अनुमोदन प्रदान किया गया। राणा प्रताप सागर जल विद्युत गृह की चारों इकाइयों (4×43 मेगावाट) के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण की डी.पी.आर. में वर्णित अनुमानित लागत 573 करोड़ 76 लाख रूपये का अनुमोदन प्रदान किया गया। दोनो परियोजनाओं की स्वीकृति परियोजना राशि पर निर्धारित अंशपूँजी को मध्यप्रदेश एवं राजस्थान राज्य द्वारा 50:50 अनुपात पर वित्त विभाग के परामर्श अनुसार मध्यप्रदेश की हिस्से की राशि 127 करोड़ 6 लाख रुपये को वर्षवार प्रदान किये जाने का अनुमोदन किया गया। मशीनरी बदलने के लिए राशि का व्यय होगा। परियोजना अगले 40 साल के लिए उपयोगी है दोनों प्रदेश कि विद्युत् उत्पादन कंपनियां अपने-अपने राज्य में स्थित परियोजना का क्रियान्वयन करेगी एवं कार्यों की लागत का लेखा-जोखा पारदर्शी रूप से संधारित कर एक दूसरे से साझा करेंगी तथा मौजूदा प्रथा के अनुसार वितीय खातों का तिमाही/वार्षिक मिलान कर समायोजित करेगी। विक्रमोत्सव व्यापार मेला उज्जैन मोटरयान कर में 50 प्रतिशत छूट के निर्णय का अनुसमर्थन मंत्रि-परिषद ने उज्जैन के विक्रमोत्सव व्यापार मेला वर्ष-2025 में ऑटोमोबाइल विक्रय पर मोटरयान कर में 50% छूट प्रदान करने का निर्णय लेते हुए परिवहन विभाग की अधिसूचना 14 जनवरी 2025 एवं 9 अप्रैल 2025 का अनुसमर्थन किया गया। निर्णय अनुसार ऐसे समस्त गैर-परिवहन यानों (मोटर साइकिल, मोटर कार, निजी उपयोग के लिए ओमनी बस) तथा हल्के परिवहन यानों को, विक्रय पर जीवनकाल मोटरयान कर की दर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी, जिनका कि वर्ष 2025 में उज्जैन व्यापार मेला की मेला अवधि के दौरान विक्रय किया जाएगा। छूट केवल विक्रीत वाहनों का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, उज्जैन से स्थाई पंजीयन कराने पर ही प्रदान की जाएगी। उज्जैन के बाहर से आने वाले ऑटोमोबाइल व्यवसायी को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, उज्जैन से व्यवसाय प्रमाण-पत्र प्राप्त करने तथा उज्जैन में मेला प्रांगण में अपनी भौतिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के उपरांत ही वाहन विक्रय करने को अनुमत किया जाएगा। ग्वालियर व्यापार मेला 2024-25 में मोटरयान कर में 50 प्रतिशत छूट के निर्णय का अनुसमर्थन मंत्रि-परिषद द्वारा ग्वालियर व्यापार मेला 2024-25 में ऑटोमोबाइल विक्रय पर कर में 50% छूट प्रदान करने का निर्णय लेते हुए परिवहन विभाग की अधिसूचना 14 जनवरी 2025 का अनुसमर्थन किया गया। अधिसूचना में ग्वालियर व्यापार मेला वर्ष 2024-25 के लिए शर्तों के आधार पर सहमति प्रदाय की गई थी। निर्णय अनुसार ग्वालियर व्यापार मेला वर्ष 2024-2025 में गैर-परिवहन यानों (मोटर साइकिल, मोटर कार, ओमनी बस निजी उपयोग के लिए) और हल्के परिवहन यानों को मेला अवधि के दौरान विक्रय पर जीवनकाल मोटरयान कर की दर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। विक्रीत वाहनों का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, ग्वालियर से स्थाई पंजीयन करने पर ही छूट प्रदान की जाएगी। ग्वालियर के बाहर से आने वाले ऑटोमोबाइल व्यवसायी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, ग्वालियर में व्यवसाय प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के उपरांत मेला प्रांगण में अपनी भौतिक उपस्थिति सुनिश्चित करने पर ही वाहन विक्रय कर सकेंगे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक दिवसीय पौधरोपण अभियान में लगाया बेल-पत्र का पौधा

सुंदर-स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण का उपहार है पौधरोपण – मुख्यमंत्री डॉ. यादव पौधरोपण को बताया जीवन का रक्षा कवच, सीएम यादव ने दिए पर्यावरण संरक्षण के मंत्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक दिवसीय पौधरोपण अभियान में लगाया बेल-पत्र का पौधा राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में हुआ पौधरोपण कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह सौभाग्य का विषय है कि मध्यप्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक वन संपदा विद्यमान है। वृक्ष ही पृथ्वी पर जीवन का आधार हैं, कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का परस्पर एक दूसरे पर अवलंबन ही धरा पर जीवन प्रदान करता है। सावन के महीने में पौधारोपण का संकल्प राजधानी की आने वाली पीढ़ियों को सुंदर, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण का उपहार है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को नगर निगम भोपाल और भोजपाल मित्र परिषद के सहयोग से राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में सामूहिक वृहद् वृक्षारोपण कार्यक्रम में यह विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बेल-पत्र का पौधा रोपा एवं स्कूली विद्यार्थियों द्वारा पौधारोपण एवं पर्यावरण जागरुकता का संदेश देती पेंटिंग्स और प्रोजेक्ट्स का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छात्र-छात्राओं से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अतीत में जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, वहां दोबारा पौधारोपण करना आवश्यक है। पौधारोपण से प्रभावित क्षेत्र पुनः हरे-भरे और जीवंत हो उठेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस पुनीत कार्य को समर्पित संस्थाओं को बधाई और शुभकामनाएं दीं। एक दिवसीय वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत भोपाल शहर में 5100 पौधे लगाने का संकल्प लिया गया है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर भोपाल श्रीमती मालती राय सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पर्यावरण प्रेमी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।