samacharsecretary.com

पेंशन स्कीम में EPFO के 5 अहम अपडेट, जानें कैसे होगा फायदा

नई दिल्ली अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और हर महीने आपकी सैलरी से PF  कटता है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने Employee Pension Scheme (EPS) में कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जो सीधे तौर पर आपकी पेंशन की राशि और प्रोसेस को प्रभावित करेंगे। आइए जानते हैं कौन से हैं ये 5 अहम बदलाव… अब औसत वेतन पर तय होगी पेंशन पहले पेंशन की गणना आखिरी वेतन के आधार पर की जाती थी। अब EPFO ने इसे बदलते हुए पिछले 60 महीनों (5 साल) के औसत वेतन को आधार बनाया है। इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जिनकी सैलरी धीरे-धीरे बढ़ी है। यह नियम पहले से लागू है, लेकिन अब प्रोसेस को और आसान बना दिया गया है ताकि किसी को पेंशन कैलकुलेशन में नुकसान न हो। पेंशन की लिमिट बढ़कर ₹15,000 प्रति माह EPFO ने पेंशन लिमिट को बढ़ा दिया है। अब अधिकतम पेंशन ₹7,500 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रति माह कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया यह फैसला उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जिनकी सैलरी तो अधिक थी, लेकिन पेंशन लिमिट की वजह से उन्हें कम रकम मिलती थी। अब 50 साल की उम्र में भी मिलेगी पेंशन अब कर्मचारियों को 50 वर्ष की आयु पूरी होते ही पेंशन निकालने का विकल्प मिल गया है। पहले न्यूनतम उम्र 58 साल थी, लेकिन अब इसे घटा दिया गया है। हालांकि, जल्दी पेंशन लेने पर राशि थोड़ी कम हो सकती है। अब पेंशन क्लेम होगा ऑनलाइन EPFO ने डिजिटल क्लेम प्रोसेस को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है। अब फॉर्म भरने से लेकर दस्तावेज अपलोड करने तक की प्रक्रिया आप EPFO की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से पूरी कर सकते हैं। इससे पहले जो काम महीनों में होता था, अब कुछ हफ्तों में पूरा हो जाएगा। नौकरी बदलने पर नहीं होगा नुकसान EPFO ने Pension Portability System को बेहतर बना दिया है। अब अगर आप नौकरी बदलते हैं, तो आपकी पुरानी सर्विस अपने आप नई कंपनी के रिकॉर्ड में जुड़ जाएगी। यानी पेंशन कंटिन्यूटी बनी रहेगी और पुरानी सर्विस का फायदा भी मिलेगा। EPFO के इन बदलावों से न सिर्फ कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन भी ज्यादा पारदर्शी और आसान तरीके से प्राप्त होगी।  

पेंशन स्कीम पर बड़ा अपडेट: कर्मचारियों को 30 सितंबर तक करना होगा विकल्प चयन, वरना छूट सकते हैं फायदे

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन को लेकर बड़ा फैसला किया है. वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वे 30 सितंबर 2025 की समयसीमा से पहले ही यूनाइटेड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विकल्प चुन लें, ताकि उनके आवेदन समय पर निपटाए जा सकें और भविष्य में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. सबसे बड़ी बात यह है कि निर्धारित समयसीमा के अंदर इस विकल्प को नहीं चुनने पर सरकारी कर्मचारियों को दोबारा मौका नहीं मिलेगा. एनपीएस में शामिल कर्मचारियों के लिए यूपीएस का विकल्प सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अंतर्गत यूनाइटेड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की शुरुआत की थी. इसके तहत कर्मचारियों को निश्चित पेंशन की सुविधा मिलेगी. एनपीएस में शामिल पात्र कर्मचारी और पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारी 30 सितंबर 2025 तक यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं. मंत्रालय का कहना है कि यदि कोई कर्मचारी एनपीएस में बने रहने का विकल्प चुनता है, तो वह अंतिम तिथि के बाद यूपीएस में शामिल नहीं हो सकेगा. इसीलिए सभी पात्र कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वे समयसीमा से पहले ही अपना निर्णय स्पष्ट करें. 30 सितंबर 2025 तक यूपीएस चुनें वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि एनपीएस के तहत काम करने वाले मौजूदा कर्मचारी और रिटायर्ड लोग 30 सितंबर 2025 तक यूपीएस चुन सकते हैं. अभी तक 20 जुलाई तक करीब 31,555 सेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारियों ने इस स्कीम का ऑप्शन लिया है. मंत्रालय ने सलाह दी है कि देर न करें, क्योंकि अंतिम समय में भीड़ से प्रोसेस में देरी हो सकती है. अगर आपका मन बदल जाए तो 25 अगस्त को दी गई एक खास सुविधा का फायदा ले सकते हैं. मंत्रालय ने एक बार का एकतरफा स्विच ऑप्शन शुरू किया है, जिससे यूपीएस चुनने वाले कर्मचारी बाद में एनपीएस में वापस जा सकते हैं. मिलेंगे ये सभी फायदे ये स्विच सुविधा रिटायरमेंट से एक साल पहले या वॉलंटरी रिटायरमेंट से तीन महीने पहले तक इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका मतलब है कि अगर कोई कर्मचारी यूपीएस ले ले और बाद में लगे कि एनपीएस बेहतर है, तो एक बार मौका मिलेगा. ये फैसला सोच-समझकर लेना होगा, क्योंकि ये सिर्फ एक तरफा है. यूपीएस का फायदा ये है कि रिटायरमेंट पर आधी सैलरी पेंशन के रूप में मिलेगी, जो मार्केट की चाल पर निर्भर नहीं. अगर कर्मचारी की सर्विस के दौरान मौत हो जाए या वे अक्षम हो जाएं, तो सीसीएस (पेंशन) रूल्स 2021 या सीसीएस (एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन) रूल्स 2023 के तहत लाभ मिलेगा. इसके अलावा, रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी का फायदा भी यूपीएस में बढ़ाया गया है. टैक्स में भी राहत है, क्योंकि यूपीएस को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत एनपीएस जितने ही छूट मिलेंगे. ये सुविधाएं कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा देती हैं. मंत्रालय का मकसद है कि हर कर्मचारी को फायदा मिले, इसलिए ऑनलाइन क्रेजी सिस्टम से आवेदन करें. अगर तकनीकी दिक्कत हो तो नोडल ऑफिस में फॉर्म जमा कर सकते हैं. लंबे समय से कर्मचारी एनपीएस से नाखुश थे, क्योंकि उसमें मार्केट रिस्क था. यूपीएस आना जैसे उनकी सुनवाई हुई. लेकिन 30 सितंबर की डेडलाइन नजदीक है, तो जल्दी फैसला लें. दिल्ली में एक कर्मचारी ने कहा, “मैं यूपीएस लेना चाहता हूं, लेकिन डर है कि समय निकल न जाए.” मंत्रालय का कहना है कि देर करने से नुकसान हो सकता है. अगर आप सेंट्रल गवर्नमेंट में हैं, तो अपने डिपार्टमेंट से बात करें और पोर्टल चेक करें. ये स्कीम परिवारों को मजबूत करेगी और रिटायरमेंट की चिंता कम करेगी. सरकार का ये कदम कर्मचारी हित में बड़ा है, लेकिन समय पर एक्शन जरूरी है. कितने कर्मचारियों ने चुना यूपीएस? सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 20 जुलाई 2025 तक करीब 31,555 केंद्र सरकार के कर्मचारी यूपीएस से जुड़ चुके हैं. मंत्रालय का मानना है कि अंतिम समय में विकल्प चुनने पर तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए जल्द निर्णय लेना कर्मचारियों के हित में होगा.