samacharsecretary.com

रियल एस्टेट सेक्टर को राहत, पंजाब सरकार ने तय की ये नई शर्तें

लुधियाना आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा फेस्टिवल सीजन के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है, जिसके तहत सी एल यू के साथ नक्शा पास करवाने की शर्त से छूट मिल गई है। यहां बताना उचित होगा कि लंबे समय से कोई कालोनी, बिल्डिंग, कमर्शियल प्रोजैक्ट के लिए सी.एल.यू. और नक्शा अलग-अलग पास करवाने का पैटर्न चल रहा था लेकिन 2023 के दोरान सी.एल.यू. के साथ ही नक्शा, ले आऊट पास करवाने की शर्त लगा दी गई। अब सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने के अलावा इंडस्ट्री को सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर जो लगातार मीटिंगें की जा रही है, इस दौरान रियल एस्टेट सैक्टर द्वारा सी.एल.यू. के साथ नक्शा पास करवाने की शर्त खत्म करने की मांग की गई है जिसके मद्देनजर शहरी विकास विभाग द्वारा एक बार फिर सिस्टम में बदलाव कर दिया गया है जिसके मुताबिक सी.एल.यू. के बाद अलग से नक्शा, ले आऊट पास करवाने या लाइसैंस लेने के लिए अप्लाई किया जा सकता है। इस संबंध में नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है जिसके लिए किसी भी रिहायशी या कमर्शियल प्रोजैक्ट का नक्शा पास करवाने से पहले लोन या अन्य विभागों से एन.ओ.सी. लेने के लिए सी.एल.यू. की मंजूरी जरूरी होने का हवाला दिया गया है।हालांकि सी.एल.यू. के साथ नक्शा पास करवाने का पुराना विकल्प भी खुला रखा गया है जो फॉर्मूला नगर निगम में भी लागू होगा। 4 साल की फिक्स की गई है डैडलाइन सी.एल.यू. पास करवाने के लिए 4 साल की डैडलाइन फिक्स की गई है जिसमें पहले 2 साल के लिए वैलिड होगी और फिर 20 फीसदी फीस जमा करने पर 2 साल की एक्सटैंशन मिल सकती है लेकिन यह शर्त मास्टर प्लान में बदलाव पर निर्भर करेगी। 3 महीने में देनी होगी मंजूरी सरकार द्वारा रियल एस्टेट सैक्टर के लोगों द्वारा किसी भी तरह के प्रोजैक्ट को पास करवाने के दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए 3 महीने के भीतर मंजूरी देना लाजिमी कर दिया है,जिसके तहत 23 दिन में सी.एल.यू. और नक्शा पास करवाने या लाइसेंस देने का फैसला एक महीने के अंदर करना होगा जिसके लिए यह भी तय कर दिया गया है कि किस ऑफिसर के लैवल पर मंजूरी मिलेगी और उसे कितने दिन में फाइल क्लीयर करनी होगी। 

रियल एस्टेट में बूम! ₹35,000 करोड़ के निवेश में भारतीय निवेशक आगे, विदेशियों को दी मात

मुंबई घरेलू पूंजी के सहारे भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) के दौरान इस सेक्टर में 4.3 बिलियन डॉलर (₹35,000 करोड़) का बड़ा निवेश हुआ है. यह आंकड़ा पिछले पांच सालों के औसत निवेश को पार कर गया है.  यह निवेश पिछले पांच वर्षों के जनवरी से सितंबर की अवधि के औसत 4 बिलियन डॉलर के प्रवाह से अधिक रहा है, जैसा कि कोलियर्स इंडिया (Colliers India) की एक रिपोर्ट में बताया गया है. यह प्रवृत्ति भारतीय अर्थव्यवस्था की मूलभूत मज़बूती और रियल एस्टेट बाज़ार में निवेशकों के लगातार विश्वास को दर्शाती है. कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, "भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश Q3 2025 (जुलाई-सितंबर तिमाही) में $1.3 बिलियन तक पहुंच गया, जो कि साल-दर-साल 11 प्रतिशत की वृद्धि है'.  घरेलू निवेशकों का बढ़ता दबदबा रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू संस्थागत पूंजी में साल-दर-साल (YoY) 52 प्रतिशत की भारी उछाल दर्ज की गई है, जो $2.2 बिलियन तक पहुंच गई है. यह भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेशकों की बढ़ती गहराई और रुचि को दर्शाता है. घरेलू निवेशकों की सबसे अधिक रुचि ऑफिस और आवासीय (Residential) सेगमेंट में दिखी. तिमाही के दौरान घरेलू निवेश में तीन-चौथाई से अधिक हिस्सा अकेले ऑफिस संपत्तियों का रहा, जो तैयार और निर्माणाधीन दोनों तरह की वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए लगातार भूख को दर्शाता है. कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, "मुख्य एसेट क्लास में निरंतर मांग और घरेलू पूंजी की बढ़ती गहराई के साथ, निवेश की गति स्थिर रहने की संभावना है, भले ही वैश्विक चुनौतियों के कारण विदेशी निवेशक निकट भविष्य में सतर्क बने रहें." ऑफिस सेगमेंट और प्रमुख शहर ऑफिस सेगमेंट में निवेश का प्रवाह मजबूत बना हुआ है, जो वर्ष 2024 के स्तर के लगभग बराबर है, 2025 के पहले नौ महीनों में ऑफिस सेगमेंट में संस्थागत निवेश $1.5 बिलियन तक पहुंच गया, जो इस अवधि के कुल निवेश का 35 प्रतिशत है. पिछली छमाही की तुलना में Q3 2025 में ऑफिस सेगमेंट में संस्थागत निवेश में जबरदस्त उछाल आया, जो साल-दर-साल 27 प्रतिशत बढ़कर $0.8 बिलियन हो गया.  कोलियर्स इंडिया में राष्ट्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख विमल नाडार ने बताया, "ऑफिस संपत्तियों ने कुल तिमाही प्रवाह का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाया, जिसका नेतृत्व तैयार वाणिज्यिक संपत्तियों के उल्लेखनीय अधिग्रहणों ने किया, खासकर चेन्नई और पुणे में." प्रमुख शहर और भविष्य की रणनीति मुंबई इस साल निवेश आकर्षित करने में सबसे आगे रहा, करीब $0.8 बिलियन के प्रवाह के साथ, मुंबई ने 2025 में कुल संस्थागत निवेश का 19 प्रतिशत आकर्षित किया, जिसका मुख्य कारण ऑफिस और आवासीय संपत्तियों में बड़ी डील्स थीं. इसके बाद बेंगलुरु का स्थान रहा, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि घरेलू संस्थान निरंतर पूंजी का स्थिर स्रोत बने रहने की उम्मीद है.

रियल एस्टेट क्षेत्र में योगी सरकार ने स्थापित किया नया कीर्तिमान

 ई-नीलामी में लखनऊ, कानपुर, आगरा समेत 7 से अधिक जिलों की संपत्तियां शामिल पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन व पारदर्शी होने से बढ़ा निवेशकों का भरोसा, ई-नीलामी में जमकर लिया हिस्सा विकास कार्यों और जनता के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने में किया जाएगा धन का उपयोग लखनऊ, विजयदशमी के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। परिषद द्वारा 30 सितंबर 2025 को आयोजित मेगा ई-नीलामी ने रियल एस्टेट क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस नीलामी के माध्यम से परिषद को लगभग ₹1168.43 करोड़ की आय प्राप्त होने की संभावना है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। यह सफलता योगी सरकार की पारदर्शी नीतियों और निवेशकों के बीच बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। इस मेगा ई-नीलामी में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, गाजियाबाद, और कासगंज आदि महत्वपूर्ण जिलों में स्थित कुल 992 संपत्तियों (391 आवासीय और 601 अनावासीय) को प्रस्तावित किया गया था। इनमें व्यावसायिक भूखंड, ग्रुप हाउसिंग प्लॉट्स, संस्थागत भूखंड, और आईटी सिटी प्लॉट्स के साथ-साथ आवासीय संपत्तियां शामिल थीं। नीलामी की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से संपन्न किया गया। पंजीकरण प्रक्रिया 18 सितंबर 2025 से शुरू होकर डिजिटल ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से सुगम बनाई गई थी। योगी सरकार के प्रभावी प्रचार-प्रसार और तकनीकी पारदर्शिता के कारण निवेशकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रतिस्पर्धात्मक बोलियां लगाईं। इस नीलामी में निवेशकों का भारी उत्साह न केवल परिषद की विश्वसनीयता को मजबूत किया है, बल्कि प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल को भी दर्शाता है। मेगा ई-नीलामी से प्राप्त होने वाली ₹1168.43 करोड़ की संभावित आय का उपयोग परिषद द्वारा नई आवासीय योजनाओं, आधारभूत संरचना विकास और जनता के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने में किया जाएगा। यह उपलब्धि योगी सरकार की उस नीति को बल देती है, जो प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। उत्तर प्रदेश में निवेशकों का बढ़ रहा विश्वास नीलामी न केवल परिषद की आम जनमानस एवं निवेशकों के बीच लोकप्रियता एवं विश्वास का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश में निवेश वातावरण को और अधिक प्रोत्साहन देने वाली है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी आवासीय / अनावासीय योजनाएं अब निवेशकों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बन चुकी हैं। इस प्रकार उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा विजयदशमी के अवसर पर संपन्न कराई गई यह मेगा ई-नीलामी आर्थिक दृष्टि से ऐतिहासिक सफलता है, जिससे संभावित ₹1168 करोड़ की आय परिषद और प्रदेश दोनों की आर्थिक सुदृढ़ता को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी । प्रदेश में दिख रहा योगी सरकार की नीतियों का असर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पारदर्शी प्रशासन और निवेश-अनुकूल नीतियों का असर साफ दिख रहा है। यह वजह है कि योगी सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। यह मेगा ई-नीलामी न केवल परिषद की लोकप्रियता का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश में आर्थिक समृद्धि और विकास के नए द्वार खोलने वाली है। विजयदशमी के अवसर पर प्राप्त यह उपलब्धि योगी सरकार की प्रतिबद्धता और जनकल्याणकारी योजनाओं की सफलता का एक और उदाहरण है। यह नीलामी न केवल परिषद के लिए, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, जो राज्य की आर्थिक सुदृढ़ता को नई दिशा प्रदान करेगा।

जिसने खरीदा था प्लॉट 5 साल पहले, अब कमा रहा है मोटा मुनाफा – यमुना एक्सप्रेसवे पर 536% तक बढ़ी कीमतें

नई दिल्‍ली यमुना एक्सप्रेसवे, जो कभी सिर्फ एक रास्ता हुआ करता था, अब NCR का सबसे पसंदीदा रियल एस्टेट कॉरिडोर बन गया है, पिछले पांच सालों में यहां के अपार्टमेंट और प्लॉट की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. यहां प्लॉट की कीमतें 500% से ज़्यादा और अपार्टमेंट की कीमतें 158% तक बढ़ गई हैं. इनवेस्टोएक्सपर्ट (InvestoXpert) एडवाइजर्स  की ताज़ा RealX Stats रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2025 के बीच इस कॉरिडोर पर अपार्टमेंट की कीमतें 158% बढ़ी हैं, जबकि प्लॉट की कीमतों में 536% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो पांच गुना से भी ज़्यादा है.   अपार्टमेंट की कीमतों में उछाल अपार्टमेंट खरीदना निवेशकों और खरीदारों, दोनों के लिए एक अच्छा दांव साबित हुआ है. 2020 में जहां एक वर्ग फुट की औसत कीमत 3,950 रुपये थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 10,200 रुपये हो गई. जब NCR के बाकी इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आई, तब भी यमुना एक्सप्रेसवे पर कीमतें लगातार बढ़ती रहीं, साल 2025 में ही यहां अपार्टमेंट की कीमतों में 7.37% की बढ़ोतरी देखी गई, जिससे यह साफ है कि यहां घर खरीदना एक बेहतर फैसला है. Chi 3 जैसे इलाकों में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है, जहां ज़मीन की कीमतें दस गुना से भी ज़्यादा बढ़कर 1,200 रुपये प्रति वर्ग फुट से 12,950 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं हैं. सेक्टर 22D और Chi Phi में भी पांच साल में कीमतें 400% से ज़्यादा बढ़ी हैं. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कमाल यह जबरदस्त उछाल कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की वजह से आया है. इन सबमें सबसे बड़ा कारण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो जेवर में बन रहा है और जिसका उद्घाटन 30 अक्टूबर 2025 को होना है. उम्मीद है कि यह एयरपोर्ट यहां की ग्रोथ में सबसे बड़ा रोल अदा करेगा. इसके अलावा, UER-II एक्सप्रेसवे, YEIDA की इंडस्ट्रियल टाउनशिप, लॉजिस्टिक्स पार्क और बनने वाली फिल्म सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स ने भी यमुना एक्सप्रेसवे को एक आम इलाके से ग्रोथ के बड़े हब में बदल दिया है.  इनवेस्टोएक्सपर्ट एडवाइजर्स के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर, विशाल रहेजा कहते हैं, "यमुना एक्सप्रेसवे अब NCR के सबसे शानदार रियल एस्टेट कॉरिडोर में से एक बन गया है. प्लॉट की कीमतों में पांच गुना का उछाल दिखाता है कि निवेशकों को इस पर कितना भरोसा है और जेवर एयरपोर्ट और UER-II जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स का यहां कितना असर हुआ है. इंडस्ट्रियल क्लस्टर, लॉजिस्टिक्स हब और प्लांड टाउनशिप के साथ, यह इलाका सिर्फ बढ़ नहीं रहा, बल्कि पूरे NCR का भविष्य तय कर रहा है." अब जब अपार्टमेंट की कीमतें 10,000 रुपये प्रति वर्ग फुट का आंकड़ा पार कर चुकी हैं और प्लॉट ने जबरदस्त रिटर्न दिया है, तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि यमुना एक्सप्रेसवे की यह डबल-डिजिट ग्रोथ जारी रहेगी. एयरपोर्ट के खुलने से यहां विकास का एक नया दौर शुरू होने की उम्मीद है.