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धर्म परिवर्तन की चर्चा: राजस्थान में पादरी ने की बड़ी संख्या में लोगों की धर्मांतरण

जयपुर  राजस्थान में पिछले सप्ताह ही जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ विधानसभा में कानून पारित हुआ है. उसके बाद श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ में एक पादरी की ओर से कराए जा रहे धर्म परिवर्तन का घिनौना खेल सामने आया. पादरी पोलिस बरजो ने पिछले कुछ बरसों में अनूपगढ में 450 लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर हिंदू से ईसाई बना चुका है. एक पीड़ित ने अब पादरी के खिलाफ केस दर्ज कराया तो उसकी करतूत सामने आई. राजस्थान सरकार के नए धर्म परिवर्तन कानून के मुताबिक ऐसे अपराध के लिए संस्था का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है. पचास लाख का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. पादरी को पकड़कर उससे पूछताछ की जा रही है. संदीप पहले हिंदू था. संदीप की शादी नहीं हो रही थी. संदीप ने अपनी ये पीड़ा अनूपगढ में ऑटो पार्टस की दुकान चलाने वाले आर्यन और विनोद को बताई. दोनों पिता पुत्र है. दोनों ने उसको पादरी पोलस बरजो से मिलवाया. उन्होंने संदीप से कहा कि बरजो तुम्हारी शादी करवा देंगे. पोलस बरजो ने बहला फुसलाकर और फिर यह कहकर जबरन उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया कि वो उसकी शादी करवा देगा. संदीप ने विरोध भी किया लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया. उसके बाद संदीप पुलिस के पास पहुंचा और बरजो तथा पिता पुत्र आर्यन तथा विनोद के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायत कर केस दर्ज कराया. हर महीने 20 लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का टारगेट मिला हुआ है पोलस बरजो पेशे से पादरी है. उसकी तनख्वाह प्रतिमाह महज 9 हजार रुपये है. वह फ्रेंडस मिशनरी प्रेयर बैंड नामक एक ईसाई मिशनरी संस्था के लिए काम करता है. इस संस्था का काम है हिंदुओं को लालच या किसी तरह से फंसाकर धर्म परिवर्तन कराकर ईसाई बनाना. इसी संस्था में हर पादरी के लिए धर्म परिवर्तन का टारगेट है. पोलस बरजो को हर महीने 20 लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का टारगेट मिला हुआ है. पोलिस अब तक 450 का धर्म परिवर्तन करा चुका है. वो 2008 से इस संस्था में काम कर रहा है. पुलिस अब पीड़ितों का पता लगाने में जुटी है इस खुलासे के बाद हिंदुवादी संगठन गुस्से में है. विश्व हिंदू परिषद अनूपगढ़ के जिला मंत्री कृष्ण राव का आरोप है कि पोलस बरजो और यह संस्था लोगों को बहला फुसाकर कभी बीमारी ठीक करने के नाम पर तो कभी शादी जैसे झांसा देकर लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रही है. अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। वह उन पीड़ितों का पता लगा रही है जिनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया. पुलिस पता लगाने में जुटी है कि यह गिरोह कितना बड़ा है और इसे फंडिग कहां से हो रही है.

धर्म परिवर्तन विवाद: इंदौर में बहू पर पति को मुस्लिम बनाने का आरोप, परिजनों ने पुलिस में दी शिकायत

इंदौर  इंदौर जिला न्यायालय ने एक बहू के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत मंगलवार को मामला दर्ज किया है। आरोप है कि विवाह के बाद महिला ने हिंदू पति और ससुराल पक्ष पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया और मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी। शादी के कुछ दिनों बाद ही बढ़ने लगे विवाद मरीमाता क्षेत्र की एक युवती का विवाह अप्रैल 2022 में एरोड्रम इलाके के युवक से हुआ था। ससुराल पक्ष के अनुसार, महिला विवाह के बाद केवल 15–20 दिन ही घर पर रही। इस दौरान वह अपने मुस्लिम मित्रों के प्रभाव में आकर मुस्लिम धर्म की इबादत करने लगी। परिवार का आरोप है कि बहू दरगाह जाकर ताबीज, भभूत और फल लाकर जबरदस्ती पति को खिलाने लगी। जब धर्म परिवर्तन के लिए पति ने मना किया तो महिला ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की धमकी दी। पति और सास पर दबाव, 10 लाख की मांग ससुराल वालों ने बताया कि एक दिन बहू ने अपनी अलमारी से सभी जेवर निकाल लिए और कहा कि वह "अल्लाह के सजदे" में जा रही है। उसने पति से भी साथ चलने का दबाव बनाया। 17 मार्च 2024 को महिला अपने मायके वालों और दोस्तों के साथ घर आई और 10 लाख रुपए की मांग की। इसी दौरान उसने पति को धर्म बदलने का दबाव बनाकर धमकाया। ससुराल पक्ष ने पुलिस को बुलाया, लेकिन महिला और उसके साथी मौके से चले गए। पुलिस शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं परिवार ने वर्ष 2024 में ही पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी। एरोड्रम थाने में मामला दर्ज भी हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद भी बहू लगातार ससुराल पर दबाव बनाती रही। अदालत ने लिया संज्ञान, बहू को नोटिस थक हारकर परिवार ने एडवोकेट डॉ. रुपाली राठौर और कृष्ण कुमार कुन्हारे के माध्यम से जिला न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया। अदालत को दी गई जानकारी में पीड़ित पति और सास ने बहू की धमकियों और जबरदस्ती का पूरा ब्यौरा दिया। महिला एवं बाल विकास अधिकारी की गोपनीय जांच रिपोर्ट में भी बहू द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की पुष्टि हुई। इसके आधार पर अदालत ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत केस दर्ज कर बहू को नोटिस जारी किया है। 

बिलासपुर :अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई: प्रार्थना भवन ध्वस्त, मतांतरण के आरोप में तीन महिलाएं हिरासत में

बिलासपुर   बिलासपुर जिले में धार्मिक गतिविधियों को लेकर दो बड़े मामले सामने आए हैं। सकरी क्षेत्र के भरनी गांव में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए प्रार्थना भवन को सोमवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर हटा दिया। यहां पहले मतांतरण के प्रयास का आरोप लगा था। वहीं, सरकंडा थाना क्षेत्र के बहतराई में प्रार्थना सभा की आड़ में मतांतरण का प्रयास होने पर हंगामा खड़ा हो गया और पुलिस ने मौके से तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया। सुर्खियों में आया था प्रार्थना भवन प्रशासन ने शासकीय भूमि पर बना यह प्रार्थना भवन पिछले माह तब सुर्खियों में आया था जब यहां मतांतरण का आरोप लगाया गया था। ग्रामीणों और संगठनों का कहना था कि भवन के भीतर कुछ लोग प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रहे थे। आक्रोशित ग्रामीणों ने तीन संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले भी किया था। इसके बाद प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाने और मतांतरण रोकने की मांग की गई थी। शिकायत पर राजस्व विभाग ने संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया और भूमि दस्तावेज मांगे, लेकिन वैध अनुमति प्रस्तुत नहीं की गई। जांच में भूमि शासकीय साबित होने पर सोमवार को प्रशासन ने बैकहो लोडर चलवाकर अतिक्रमण हटा दिया। तहसीलदार सकरी, सीएसपी और थाना प्रभारी प्रदीप आर्य के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। पास्टर सहित तीन महिलाएं गिरफ्तार इधर, सरकंडा थाना क्षेत्र के बहतराई में भी प्रार्थना सभा के दौरान मतांतरण की कोशिश का मामला सामने आया। सूचना पर विभिन्न संगठन मौके पर पहुंचे और विरोध करने लगे, जिससे हंगामा मच गया। आरोप है कि सभा में धार्मिक ग्रंथ और सामग्री के माध्यम से लोगों को धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित कर तीन महिलाओं, जिनमें एक पास्टर भी शामिल है, को गिरफ्तार किया।