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क्या रोहित और गंभीर के बीच बढ़ा तकरार? चैम्पियंस ट्रॉफी को लेकर सामने आई लड़ाई

मुंबई  भारत ने जब इस साल की शुरुआत में चैंपियंस ट्रॉफी जीती तो टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ नहीं बल्कि गौतम गंभीर थे. इसके बावजूद रोहित शर्मा उस जीत का क्रेडिट कोच गौतम गंभीर को नहीं बल्कि राहुल द्रविड़ को दिया. अब कुछ लोग इसे वनडे कप्तानी छीने जाने से जोड़कर देख रहे हैं. दरअसल, मंगलवार की रात मुंबई में सीएट क्रिकेट रेटिंग पुरस्कार समारोह हुआ. जिसमें रोहित शर्मा ने माना कि पूर्व कोच राहूल द्रविड़ के कार्यकाल में बनाई गए प्लान में चलने की वजह से भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद मिली. रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में भारत ने 2023 वनडे विश्व कप फाइनल में मिली हार से उबरते हुए 2024 टी-20 विश्व कप जीता. इसके बाद भारतीय टीम ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीती. रोहित ने सीएट क्रिकेट रेटिंग पुरस्कार समारोह के दौरान कहा:     मुझे वह टीम पसंद है और उसके साथ खेलना भी. हम सभी इस सफर में कई साल से थे. यह एक या दो साल का काम नहीं था. बहुत सालों से काम चल रहा था. हम कई बार ट्रॉफी जीतने के बहुत करीब पहुंचे लेकिन जीत नहीं सके. तभी सभी ने तय किया कि हमें कुछ अलग करना होगा और इसे देखने के दो तरीके हैं. ‘राहुल भाई को चैंपियंस ट्रॉफी जीत का क्रेडिट’ चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए एक स्मृति चिन्ह पाने वाले रोहित ने कहा, ‘उस चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों ने यह सोचा कि कैसे मैच जीते जाए और कैसे खुद को चुनौती दी जाए और आत्मसंतुष्ट न हों तथा किसी भी चीज को हल्के में न लें. जब हम टी-20 विश्व कप की तैयारी कर रहे थे तो मुझे और राहुल भाई को इस प्रक्रिया से काफी मदद मिली. हमने उसे चैंपियंस ट्रॉफी में भी बरकरार रखा. कप्तानी छीने जाने पर भी बोले रोहित शर्मा? आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय वनडे टीम की कमान रोहित नहीं बल्कि शुभमन गिल के पास होगी. रोहित ने कहा, ‘मुझे जब भी मौका मिला मैंने तीनों प्रारूपों में अच्छा खेलने की कोशिश की. मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है. वहां क्रिकेट खेलना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. वहां खेलने का काफी अनुभव है तो पता है कि कैसे खेलना है. 2023 WC हार पर फ‍िर छलका रोहित का दर्द…  रोहित ने कहा- 2023 में भले ही हम फाइनल में जीत नहीं पाए, लेकिन हमने टीम के रूप में एक लक्ष्य तय किया था और हर किसी ने उसे पूरा किया. हिटमैन ने आगे कहा कि उन्हें सभी तीनों फॉर्मेट में खुद को साबित करने पर गर्व है और उन्हें पता है कि आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे में उनसे क्या उम्मीद की जा रही है. इस दौरे से पहले ही उनसे वनडे कप्तानी छीन ली गई है. रोहित, जिन्हें अब टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में शुभमन गिल से बदल दिया गया है, विराट कोहली के साथ ऑस्ट्रेलिया में तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में टीम का हिस्सा होंगे. यह सीरीज 19 अक्टूबर से शुरू होगी. ऑस्ट्रेल‍िया के ख‍िलाफ खेलना मुझे पसंद : रोहित  रोहित ने कहा- मुझे पर्सनली सभी फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करने पर गर्व है.  ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर उन्होंने कहा- मुझे उनके खिलाफ खेलना पसंद है. मुझे ऑस्ट्रेलिया में खेलना अच्छा लगता है. वहां क्रिकेट खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है और लोग वहां इस खेल से बहुत प्यार करते हैं. ऑस्ट्रेलिया हर बार हमारे लिए एक अलग चुनौती पेश करता है. मैं वहां कई बार जा चुका हूं और जानता हूं कि क्या उम्मीद करनी चाहिए. उम्मीद है कि हम वहां वही करेंगे जो भारतीय टीम को करना चाहिए और नतीजा अपने पक्ष में लाएंगे.    

रोहित को नहीं हटाना था’, पूर्व चयनकर्ता का बड़ा खुलासा

नई दिल्ली इंग्लैंड दौरे से पहले ही रोहित शर्मा ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में खेला था। तब वह टीम के कप्तान थे। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से दौरान वह खराब फॉर्म से जूझ रहे थे और इस वजह से उन्होंने सिडनी में हुए ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट में खुद को ही ड्रॉप कर दिया था। पूर्व चयनकर्ता जतिन परांजपे ने अब कहा है कि वह रोहित के फैसले से थोड़ा निराश हुए थे। अगर वह सिडनी टेस्ट खेले होते तो भारत सीरीज बराबर कर सकता था। सायरस ब्रोचा के साथ 'अ सेंचुरी ऑफ स्टोरीज' पॉडकास्ट में परांजपे ने बताया कि रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट से खास लगाव है। उन्होंने कहा, 'मुझे याद है वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल रहे थे। जब मैंने उनसे बात की तब उन्होंने कहा- जतिन, मैंने क्रिकेट खेलना ही रेड बॉल से शुरू किया है। आप कैसे कह सकते हैं कि मेरी टेस्ट क्रिकेट में रुचि नहीं हैं?' परांजपे ने आगे कहा, 'उन्होंने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट के लिए जीते हैं। मुझ लगता है कि रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में और भी ज्यादा कर सकते थे। मुझे तब थोड़ी बहुत निराशा हुई थी जब उन्होंने सिडनी टेस्ट में खुद को ड्रॉप कर दिया क्योंकि हम सीरीज की बराबरी कर सकते थे।' भारत सिडनी टेस्ट हार गया था और उसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शिकस्त झेलनी पड़ी थी। परांजपे ने कहा कि सिडनी टेस्ट जब चल रहा था तब रोहित शर्मा ने कहा कि वह 'कहीं नहीं जा रहे' लेकिन कुछ ही महीने बाद आखिरकार उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा ही कह दिया। परांजपे ने टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा के उभार का श्रेय रवि शास्त्री को दिया। उन्होंने खुलासा किया कि जब वह चयन समिति में थे तब शास्त्री ने रोहित को भारत के लिए ओपनिंग करने के बारे में पूछा था। शास्त्री तब हेड कोच थे। रोहित शर्मा ने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए। उन्होंने 2019 में टेस्ट में ओपनिंग शुरू की और तब से वह क्रिकेट के इस सबसे लंबे फॉर्मेट में भारत के अहम बल्लेबाज बन गए। 2020 से 2024 तक वह टेस्ट में भारत के सबसे कंसिस्टेंट परफॉर्मर थे। हालांकि, सितंबर 2024 में उनका मुश्किल वक्त आया और बल्ले से रन बनाने के लिए जूझने लगे। फिर उन्होंने संन्यास ही ले लिया।