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एक तरफ NDA तैयार, दूसरी तरफ महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी

पटना बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख (17 अक्टूबर) में अब केवल चार दिन शेष हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध गहराता जा रहा है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपनी सीट-बंटवारा रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है, हालांकि दोनों पक्षों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर तनाव महागठबंधन की बातचीत में मुख्य विवाद आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों की संख्या को लेकर है। विपक्षी खेमे के सूत्रों के अनुसार, आरजेडी अपने प्रमुख सहयोगी कांग्रेस को 243 सदस्यीय विधानसभा में 55 से अधिक सीटें देने के मूड में नहीं है, जबकि कांग्रेस कम से कम 60 सीटों की मांग कर रही है। कांग्रेस ने पहले ही 90 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की छंटनी कर ली है और सीट बंटवारे पर सहमति बनने का इंतजार कर रही है। सोमवार को बिहार के लिए एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने पत्रकारों से कहा, "सीट बंटवारे के अंतिम रूप लेने के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी। हमारा प्रयास है कि बिहार के लोगों के लिए एक अच्छी सरकार बने। गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और बिहार को इसका लाभ मिलना चाहिए।" तेजस्वी और कांग्रेस नेताओं की बैठक महागठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दल, मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और अन्य सहयोगी दलों ने अपनी बातचीत को तेज कर दिया है। सोमवार शाम को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कृष्णा अल्लावरु के साथ बंद कमरे में चर्चा की। इससे पहले, तेजस्वी ने बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम और पार्टी नेता शकील अहमद खान के साथ प्रारंभिक विचार-विमर्श किया था। पटना में, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर टिकट के दावेदारों की भीड़ लगी रही। लालू ने कुछ उम्मीदवारों को पार्टी के चुनाव चिह्न सौंपे, लेकिन सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। वहीं, वामपंथी दलों, विशेष रूप से सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने कुछ चुनिंदा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को पार्टी चिह्न जारी करना शुरू कर दिया है। महागठबंधन में जल्द समझौते की उम्मीद महागठबंधन के कुछ नेताओं का मानना है कि अगले एक-दो दिनों में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो सकता है। कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा, “हमें अपने नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर पूरा भरोसा है। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे जल्द से जल्द सीट बंटवारे को अंतिम रूप दें और इसकी घोषणा करें।” एनडीए ने सीट बंटवारे को दिया अंतिम रूप दूसरी ओर, एनडीए ने अपनी सीट-बंटवारा रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) (जेडी(यू)) दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को छह-छह सीटें आवंटित की गई हैं। राज्य बीजेपी प्रमुख दिलीप जायसवाल ने कहा कि एनडीए के सभी पांच सहयोगी दलों द्वारा मंगलवार तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने की संभावना है और दोनों चरणों के लिए नामांकन इस सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा। चुनाव की तारीखें चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर होगा, जिसके लिए नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर है। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को 122 सीटों पर होगा, और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। जैसे-जैसे नामांकन की समय सीमा नजदीक आ रही है, बिहार की सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। महागठबंधन के लिए समय की कमी एक बड़ी चुनौती है, जबकि एनडीए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। अब यह देखना बाकी है कि विपक्षी गठबंधन कब तक अपने मतभेदों को सुलझा पाता है और अपने उम्मीदवारों की घोषणा करता है।

सीट बंटवारे पर एनडीए में अब तक सहमति नहीं, चिराग पासवान ने पिता की सीख दिलाई याद

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अब तक तय नहीं हुआ है। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को 35 सीटों से कम मंजूर नहीं है। इधर, भाजपा 28 देने तक ही देने के लिए तैयार है। मंगलवार को बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से बातचीत की। उन्हें समझाने की कोशिश लेकिन बात नहीं बन पाई। बुधवार को चिराग पासवान ने सीट शेयरिंग के सवाल पर कहा कि अभी बातचीत चल रही है। बात फाइनल होने पर आपको जानकारी दे दी जाएगी। इन सब के बीच चिराग पासवान का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। उन्होंने अपने पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तस्वीर को शेयर करते हुए उन्हें याद किया। कहा कि पापा हमेशा कहा करते थे। जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो। कदम-कदम पर लड़ना सीखो। अब चिराग पासवान के इस पोस्ट के बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। इससे पहले चिराग पासवान ने एक और पोस्ट लिखा। उन्होंने कहा कि पापा आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन “बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फर्स्ट” को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं। बिहार के समग्र और सर्वांगीण विकास का जो सपना आपने देखा था, अब समय आ गया है उसे धरातल पर उतारने का। आपने मेरे कंधों पर जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है। चिराग बोले- इस चीज के लिए मैं दृढ़ संकल्पित हूं बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू होने जा रहा है। आगामी चुनाव आपके संकल्प को पूरा करने का अवसर है। बिहार को नई दिशा देने, हर बिहारी के सपनों को साकार करने का अवसर है। आपके द्वारा बनाई गई लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए मैं दृढ़ संकल्पित हूं। पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का सपना है कि आगामी चुनाव में आपके सपनों को पूरा किया जा सके। पापा आपकी प्रेरणा, आशीर्वाद और आदर्श सदैव मेरे मार्गदर्शक रहेंगे। एनडीए में चिराग-मांझी की जिद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का काम 80 फीसदी तक हो चुका है। भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय चिराग पासवान की पार्टी को 28, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आठ और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी को करीब पांच सीटें  भाजपा और जदयू देना चाहती है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मानने को तैयार नहीं। चिराग 40 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वहीं जीतन राम मांझी का तर्क है कि राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए आठ विधायक चाहिए। हमारे पास पहले से चार विधायक हैं। ऐसे में 10 से 12 सीटों से कम पर चुनाव हमलोग नहीं लड़ कसते हैं। दोनों पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर अपनी-अपनी बात रख दी है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दावा किया है कि एनडीए के घटक दलों के कहीं कोई मतभेद नहीं है। सबलोग एकजुट हैं। जल्द ही सीट बंटवारे का एलान कर दिया जाएगा।

आज होगी इंडिया गठबंधन की अहम बैठक, सीट शेयरिंग पर हो सकता है फ़ैसला

पटना इंडिया गठबंधन में सीट शेटरिंग फॉर्मूला को लेक पिछले कुछ दिनों से जारी मंथन अब अंतिम चरण में हैं। रविवार को इंडिया गठबंधन के समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पोलो रोड में अहम बैठक हुई। इसमें इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए। आज फिर से इंडिया गठबंधन के सभी घटक दल पोलो रोड में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर बैठक करेंगे। इसके बाद सात अक्टूबर यानी कल तेजस्वी यादव संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस कर सीट शेयरिंग की घोषणा कर देंगे। अब इंडिया गठबंधन इस बार आठ दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा। इनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई),  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), भाकपा माले, विकासशील इंसान पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी शामिल हैं। सूत्र बता रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में राजद के खाते में करीब 130, कांग्रेस को 55 सीट, वामदल को 35, वीआईपी को 20 सीटें मिल सकती है। हालांकि कुछ सीटों को लेकर अब भी खींचतान जारी है। संभावना है कि आज की बैठक में इस पर सभी दलों की सहमति बन जाए। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा राजद कोटे से पांच सीओं पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सूत्र बता रहे हैं कि इंडिया गठबंधन की बैठक में 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टियों में वोट प्रतिशत और सीटों के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हुआ है। ओवैसी को नहीं मिला अब तक जवाब इधर, AIMIM पार्टी के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी को इंडिया गठबंधन अपने साथ रखेगा या नहीं? इस पर कोई बात अब तक नहीं हुई है। संभावना है कि आज की बैठक में इस मुद्दे पर बात हो। हालांकि, ओवैसी ने राजद से गठबंधन को लेकर कहा कि हमने उनके सामने प्रस्ताव रखा था और बीजेपी से लड़ने के लिए सिर्फ 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।