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भविष्य सुरक्षित करना है तो स्वास्थ्य जांच को अपनाएं — उप मुख्यमंत्री शुक्ल

बेहतर भविष्य के लिये स्वास्थ्य की जांच आवश्यक : उप मुख्यमंत्री  शुक्ल सेवा पखवाड़ा, स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के तहत कन्या महाविद्यालय रीवा में आयोजित हुआ स्वास्थ्य शिविर भोपाल  उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने बेहतर भविष्य के लिये स्वास्थ्य की जांच की आवश्यकता समझाते हुए कहा कि सेवा पखवाड़ा अन्तर्गत स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान में लगाये जा रहे स्वास्थ्य शिविर में सभी किशोरी बालिकाएँ तथा महिला अपने स्वास्थ्य की जांच अवश्य करायें और शिविर का लाभ लें। कन्या महाविद्यालय रीवा में स्वास्थ्य शिविर में किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि स्वस्थ रहने पर ही सुखी रहा जा सकता है। इस लिए आवश्यक है कि शरीर की जांच हो तथा यदि कोई बीमारी निकले तो उसका उपचार हो सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिविर में किशोरी बालिकाओं के आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट) कार्ड बनाये जा रहे हैं जिसमें जांच का विवरण रहेगा और चिकित्सक संबंधित को उचित परामर्श दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह अभियान नि:शुल्क जांच एवं जागरूकता का अभियान है जिसका लाभ हर किशोरी बालिका अवश्य ले और हमारा प्रदेश व जिला सबसे ज्यादा जांच एवं स्क्रीनिंग करने वाला बने। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व स्टाफ को निर्देश दिये कि कन्या महाविद्यालय में आयोजित शिविर में एक-एक किशोरी बालिका के स्वास्थ्य की जांच की जाए। यदि आवश्यक हो तो दूसरे दिन भी शिविर लगायें। इस दौरान सांसद  जनार्दन, जिला पंचायत अध्यक्ष मती नीता कोल, अध्यक्ष नगर निगम  व्यंकटेश पाण्डेय सहित चिकित्सक, महाविद्यालय के प्राध्यापक तथा छात्राएँ उपस्थित रहे।  

रीवा में पुनर्घनत्वीकरण कार्यों की समीक्षा बैठक: उप मुख्यमंत्री शुक्ल रहे उपस्थित

रीवा उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में रीवा जिले में मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के अंतर्गत चल रहे और प्रस्तावित कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने केंद्रीय जेल रीवा, बीहर रिवर फ्रंट, वॉटर स्पोर्ट्स, बोट क्लब सहित अन्य परियोजनाओं का अवलोकन करते हुए अधिकारियों को योजनानुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि विकास कार्यों में भविष्य की आवश्यकताओं और जन-सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक योजना का क्रियान्वयन आधुनिक शहरी अधोसंरचना और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने नगर निगम रीवा में अमृत 2.0 अंतर्गत पेय जल व्यवस्था के कार्यों की भी समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे, आयुक्त एमपीएचआईडीबी राहुल हरिदास फटिंग, आयुक्त नगर निगम रीवा डॉ. सौरभ सोनवड़े सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

इंदौर में चूहों द्वारा नवजात काटने की घटना, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई – उप मुख्यमंत्री शुक्ल

स्वास्थ्य संस्थानों में प्रभावी उपायों के दिए निर्देश भोपाल उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय, भोपाल में इंदौर में घटित चूहे काटने की घटना पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि पूरी कार्यवाही निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं तथ्यों के आधार पर की जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएँ स्वास्थ्य सेवाओं की छवि को धूमिल करती हैं, दोषी व्यक्तियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी रोकथाम उपाय तुरंत लागू किए जाएँ। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव, प्रो. एवं विभागाध्यक्ष डॉ. बृजेश लाहोटी, प्रो. डॉ. मनोज जोशी एवं सहायक प्रभारी नर्सिंग अधिकारी श्रीमती कलावती भलावी को उक्त घटना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। सहायक अधीक्षक एवं भवन प्रभारी डॉ. मुकेश जायसवाल, प्रभारी नर्सिंग अधिकारी सुप्रवीणा सिंह, नर्सिंग अधिकारी सुआकांक्षा बेंजामिन एवं सुश्वेता चौहान को निलंबित किया गया है। नर्सिंग अधीक्षक श्रीमती मार्गरेट जोसफ को पद से हटाया गया है तथा नर्सिंग अधिकारी श्रीमती प्रेमलता राठौर का स्थानांतरण मानसिक चिकित्सालय में किया गया है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि अस्पताल परिसरों की स्वच्छता, सुरक्षा और मरीजों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त तरुण राठी, तथा एम.डी. एम.पी. पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड मयंक अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।  

स्वास्थ्य सेवा की दिशा में पहल: उप मुख्यमंत्री ने दो नये केन्द्रों का शुभारंभ किया

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सिकल सेल परामर्श केन्द्र एवं पोषण मित्र केन्द्र का किया शुभारंभ उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सिकल सेल व पोषण मित्र केन्द्रों का किया उद्घाटन स्वास्थ्य सेवा की दिशा में पहल: उप मुख्यमंत्री ने दो नये केन्द्रों का शुभारंभ किया सिकल सेल एनीमिया के प्रबंधन के लिए एनएचएम, गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा और किरण सेवा संस्थान के मध्य एमओयू भोपाल उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा एवं पोषण आर्गेनिक किट उपलब्ध कराने में किरण सेवा संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल की उपस्थिति में किरण सेवा संस्थान, एनएचएम तथा गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा के मध्य एमओयू किया गया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने किरण सेवा संस्थान रीवा में सिकल सेल परामर्श एवं पोषण मित्र केन्द्र का शुभारंभ किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सिकल सेल को वर्ष 2030 तक प्रदेश से उन्मूलित किया जायेगा। रीवा जिले के साथ शहडोल जिले में भी किरण सेवा संस्थान ग्रामीण क्षेत्र तक सिकल सेल से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें चिकित्सकीय परामर्श व आर्गेनिक पोषण किट प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता का सेवा में शासन के साथ स्वयंसेवी संस्थाएँ भी आगे आयें। सिकल सेल रक्त में विकृतियों से होने वाली बीमारी है। इसका प्रकोप जनजातीय क्षेत्रों में अधिक होता है। सभी के समन्वित प्रयासों से इसका उन्मूलन किया जा सकेगा। कार्यक्रम में डॉ. बीनू कुशवाहा ने बताया कि गांधी मेमोरियल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं में सिकल सेल के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है। जेनेटिक लैब के प्रारंभ होने पर इसका संपूर्ण इलाज भी संभव हो जायेगा। कार्यक्रम में डॉ. अभय मिश्रा ने बताया कि किरण सेवा संस्थान द्वारा चिकित्सकों के माध्यम से नि:शुल्क परामर्श दिया जायेगा साथ ही उन्हें शत-प्रतिशत आर्गेनिक किट भी उपलब्ध कराई जायेगी। इस अवसर पर समाजसेवी अतुल जैन ने कहा कि इस केन्द्र के माध्यम से सिकल से पीड़ित मरीजों की पहचान कर इलाज मिलेगा।  

उप मुख्यमंत्री शुक्ल बोले– हिंदी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा से डॉक्टर-रोगी संवाद होगा आसान

हिन्दी माध्यम से एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई से मरीजों के इलाज में सुगमता होगी : उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी में एमबीबीएस पढ़ाई से इलाज में आएगी सरलता: उप मुख्यमंत्री शुक्ल उप मुख्यमंत्री शुक्ल बोले– हिंदी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा से डॉक्टर-रोगी संवाद होगा आसान मिशन मातृ भाषा, प्रोत्साहन एवं जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि हिन्दी माध्यम से एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई से मरीजों के इलाज में सुगमता होगी। मध्यप्रदेश हिन्दी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा देने वाला राज्य है जहाँ इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा में मिशन मातृभाषा प्रोत्साहन एवं जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी भाषा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन प्रशंसनीय है। हिन्दी माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा से ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा साथ ही उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रदेश में हिन्दी के माध्यम से चिकित्सा की शिक्षा देने का शुभारंभ किया था जो अब मूर्तरूप ले रहा है और हिन्दी माध्यम से पुस्तकों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। श्री शुक्ल ने शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वह एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई के उपरांत गांव में अपनी सेवा देकर पीड़ित मानवता का पुण्य लें क्योंकि भारत को समझना है तो गांव को समझना होगा। ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों को सुविधा संपन्न बनाया जा रहा है तथा चिकित्सकों व स्टाफ के लिये आवास सहित अन्य व्यवस्थायें भी सुनिश्चित कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि रीवा में चिकित्सा सुविधाओं के लिये अतिरिक्त भवन, मशीनें तथा चिकित्सकों व चिकित्सकीय स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मिल सके। इस अवसर पर डीन मेडिकल कालेज डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी माध्यम से की गई पढ़ाई से मातृभाषा को लोग बेहतर ढ़ंग से समझ सकेंगे व मरीजों को समझा भी सकेंगे। उन्होंने बताया कि हिन्दी माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। कार्यक्रम में अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा, चिकित्सक, विधायक प्रतिनिधि विवेक दुबे, के.के. गर्ग तथा छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। छात्र दिव्यांश व छात्रा कुमकुम मण्डलोई ने हिन्दी माध्यम से की जाने वाली पढ़ाई की विशेषताओं को बताया।  

एक पेड़, एक ज़िंदगी अभियान को उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सराहा

भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि विकास और पर्यावरण संतुलन एक साथ आवश्यक हैं। सुखद, समृद्ध और सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के पुनीत कार्य में सभी की सहभागिता ज़रूरी है। पौधारोपण व्यक्ति को जीवन और प्रकृति के बीच आत्मीय संबंध की गहरी अनुभूति भी कराता है। प्रदेश में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनचेतना के लिए मीडिया समूह के “एक पेड़, एक ज़िंदगी” अभियान की उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सराहना की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि यह अभियान हरियाली बढ़ाने में सहायक होगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि मीडिया समूह द्वारा जनसामान्य को तुलसी के बीज वितरित कर आयुर्वेदिक परंपरा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच के संबंध को भी सशक्त किया जा रहा है। यह नवाचार न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि प्रेरणादायक भी है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली भूमिका निभाई है। मध्यप्रदेश में “जल-गंगा संवर्धन अभियान”, “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान से जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति वृक्षारोपण को अपनी भावनाओं और स्मृतियों से जोड़ता है, तो उसका संरक्षण भी स्वाभाविक रूप से होता है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि पर्यावरण और विकास विरोधी तत्व नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं। जितना आवश्यक अधोसंरचना, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में विकास है, उतना ही महत्वपूर्ण स्वच्छ हवा, शुद्ध जल और हरियाली को संरक्षित रखना भी है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने नागरिकों से अपील की है कि वे पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों से जुड़ें और अपने आसपास हरियाली बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय – जगतगुरू रामभद्राचार्य

आध्यात्म, धर्म और संस्कृति के साथ विकास वरदान बनता है – उप मुख्यमंत्री शुक्ल रामायण के माध्यम से भारतीय संस्कृति का होता है प्रगटीकरण- संस्कृति मंत्री लोधी श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय – जगतगुरू रामभद्राचार्य अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में रामायण शोधपीठ होगा स्थापित भोपाल अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में रामायण शोधपीठ की स्थापना की जाएगी। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, संस्कृति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेन्द्र सिंह लोधी और जगतगुरू रामभद्राचार्य ने गुरुवार को इसकी शिलापट्टिका का अनावरण किया। रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जगतगुरू रामभद्राचार्य ने कहा कि राम चरित्र वत्सल हैं। उनका आदर्श अनुकरणीय है, जितना समृद्ध साहित्य भगवान श्रीराम का है उतना और किसी का नहीं है। रामायण शोध पीठ की स्थापना रीवा विश्वविद्यालय के लिए शुभ हो और यह रामायण के शोधार्थियों के लिए वरदान बने। इसकी स्थापना रीवा के पूर्व महाराज रामायण अनुरागी रघुराज सिंह को श्रद्धांजलि भी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आचार्यों को ऐसी मर्यादा प्रस्तुत करनी चाहिए, जिससे शिष्य उनका अनुकरण करें। जगतगुरू ने रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की बात भी कही। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि देश की सबसे बड़ी ताकत आध्यात्म धर्म और संस्कृति है। इनके साथ से ही विकास वरदान बन जाएगा। आज का दिन अविस्मरणीय रहेगा जब जगतगुरू के कर-कमलों से पीठ की स्थापना की शुरुआत हुई है। रामायण पीठ के माध्यम से रामायण के गुणों को अंगीकार करने और शोधार्थियों को नवीनतम शोध में मदद मिलेगी। उन्होंने रामायण पीठ के लिए 25 लाख रुपए देने की घोषणा की और आश्वस्त किया कि अन्य आवश्यकताओं की भी पूर्ति की जाएगी। संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार लोधी ने कहा कि रामायण के माध्यम से भारतीय संस्कृति का प्रगटीकरण होता है। चरित्रवान व मर्यादाशील होने का भगवान राम से सीख मिलती है। रामायण की शिक्षाएं आज के परिवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि रामायण से जीवन की दशा को सुधार कर चरित्रवान बनते हुए देशहित के लिए सीख मिलती है। सांसद जनार्दन मिश्र ने रामायण पीठ की स्थापना के लिए साधुवाद देते हुए सांसद निधि से 25 लाख रुपए देने की घोषणा की। कुलगुरू दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट शिशिर पाण्डेय, कुलसचिव सुरेन्द्र सिंह परिहार, नोडल अधिकारी नलिन दुबे, कुलगुरू अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद कुड़रिया, अध्यक्ष नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।  

नवजात माताओं के लिए खुशखबरी: रीवा में मेटरनिटी विंग शुरू, उप मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

उप मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय रीवा में नवीन मेटरनिटी विंग कक्ष का किया शुभारंभ भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने जिला चिकित्सालय रीवा के नवीन मेटरनिटीविंग कक्ष का शुभारंभ किया। उन्होंने मेटरनिटी विंग के बन जाने से मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर बताया गया कि नवीन मेटरनिटीविंग में प्रसूति एवं स्त्री रोग से संबंधित मरीजों को पृथक से ओपीडी की सुविधा के साथ जांच के लिए सेम्पल प्राप्त करने के लिये व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला चिकित्सालय के 100 बिस्तर के अतिरिक्त भवन के बन जाने से मरीजों को और सुविधा मिलेगी साथ ही इसमें मेटरनिटीविंग के लिए भी स्थान आरक्षित रहेगा। उप मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय के विस्तार भवन का अवलोकन किया तथा शेष कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव शुक्ल सहित चिकित्सक उपस्थित रहे। ग्राम शाहपुर में माँ भगवती हेल्थ केयर सेंटर का किया शुभारंभ उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने ग्राम शाहपुर हिनौता में माँ भगवती हेल्थ केयर सेंटर का उद्घाटन किया। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि हम स्वस्थ्य रहेंगे तभी हर तरह का विकास सार्थक होगा। हेल्थ केयर सेंटर आसपास के पूरे क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य की जांच और उपचार की अच्छी सुविधा देगा। कई बार समय पर जांच होने से रोग का उपचार तत्काल शुरू हो जाता है। समय पर उपचार से कैंसर का रोग भी साध्य हो जाता है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। रीवा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कई गंभीर रोगों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा रहा है। टेलीमेडिसीन के माध्यम से उप स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिकत स्वास्थ्य केन्द्र मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपचार की सुविधा मिल रही है। इस अवसर पर विधायक सिरमौर श्री दिव्यराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, पूर्व विधायक श्री के.पी. त्रिपाठी तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।  

हिंदी माध्यम में प्रथम स्थान पर 2 लाख, द्वितीय पर 1 लाख 50 हजार, तृतीय पर 1 लाख रुपए और चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार

भाषाई बंधन से प्रतिभा नहीं होगी बाधित, चिकित्सा शिक्षा में हिंदी छात्रों को विशेष प्रोत्साहन : उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट: उप मुख्यमंत्री शुक्ल हिंदी माध्यम में प्रथम स्थान पर 2 लाख, द्वितीय पर 1 लाख 50 हजार, तृतीय पर 1 लाख रुपए और चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार भोपाल  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा में भाषाई बंधन से प्रतिभा को बाधित नहीं होने देने के लिए मातृभाषा में उच्च शिक्षा के कई कोर्स के संचालन की व्यवस्था की है। प्रदेश में मातृभाषा हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हिंदी माध्यम से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की है। यह योजना इसी दिशा में एक अतिरिक्त प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेगी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सर्वसमावेशी शिक्षा के विजन और गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प से प्रेरित है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहाँ हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई। वर्तमान में प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम की पुस्तकें प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक पूरी संख्या में उपलब्ध हैं, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह योजना केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह उन विद्यार्थियों के लिए सम्मान और स्वाभिमान की पहचान है जो हिंदी माध्यम में दक्ष हैं और चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं। इस पहल से प्रदेश के ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं हिंदीभाषी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अपनी क्षमता सिद्ध करने का नया मंच प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा प्रदेश के सभी संबद्ध मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों को हिंदी माध्यम में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज ऐसे विद्यार्थियों की सूची विश्वविद्यालय को भेजेंगे जो स्वेच्छा से हिंदी में परीक्षा देना चाहते हैं। कक्षाओं और प्रायोगिक सत्रों में उपयुक्त व्यवस्था के साथ हिंदी के परीक्षकों की अनुशंसा की जाएगी। हिंदी माध्यम को और अधिक सशक्त बनाने के लिये शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे विद्यार्थियों के साथ सुगमता से संवाद कर सकें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों के लिए समाधान कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। योजना के तहत हिंदी में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, हिंदी माध्यम में अध्ययन कर विश्वविद्यालय स्तर पर मेरिट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। एमबीबीएस या बीडीएस डिग्री पाठ्यक्रम में हिंदी माध्यम से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को 2 लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा, द्वितीय स्थान पर 1 लाख 50 हजार रुपए, तृतीय स्थान पर 1 लाख रुपए तथा चतुर्थ स्थान पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष या प्रोफेशन में विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम से चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः 1 लाख रुपए, 75 हजार रुपए, 50 हजार रुपए और 25 हजार रुपए की राशि से सम्मानित किया जाएगा।  

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ‘सुशिक्षा मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम में हुए शामिल

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार विकास के आधार स्तंभ: उप मुख्यमंत्री शुक्ल मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ रहा है आगे: उप मुख्यमंत्री शुक्ल उप मुख्यमंत्री शुक्ल ‘सुशिक्षा मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम में हुए शामिल भोपाल उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के सशक्त आधार हैं। उचित शिक्षा से कौशल विकास होता है, और कौशल ही रोजगार और आत्मनिर्भरता का मूल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अभूतपूर्व विकास के पथ पर अग्रसर है, और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एवं सेक्टोरल इन्वेस्टमेंट कॉनक्लेव से मध्यप्रदेश में देश-विदेश से निवेश आ रहा है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हो रहा है, और एमएसएमई, टेक्सटाइल, फार्मा, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन एवं कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश देश के अग्रणी विकसित होते राज्यों की पंक्ति में खड़ा है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल एक निजी मीडिया समूह के ‘सुशिक्षा मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण, चिकित्सा शिक्षा के विस्तार और मैनपॉवर विकास की योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया। चिकित्सकों को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा के लिए आना चाहिए आगे उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त हो रही हैं। टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से अब प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे ग्रामीण नागरिकों को बेहतर इलाज उनके निकटतम स्वास्थ्य संस्थानों में मिल रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजना अनुसार आगामी वर्षों में 5,000 से अधिक एमबीबीएस सीटों और 2,500 से अधिक पीजी सीटों की वृद्धि की जा रही है। इससे प्रदेश में डॉक्टर्स की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नवीन शिक्षित चिकित्सकों को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा के लिए आगे आना चाहिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में हरित, औद्योगिक और पर्यटन क्रांति एक साथ हो रही है, जिससे रोजगारों का सृजन हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सुगठित और समन्वित प्रयासों से हर क्षेत्र में विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में शासकीय और निजी दोनों क्षेत्रों में तकनीकी, चिकित्सा एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। चिकित्सा अधोसंरचना को मज़बूत करने के लिए नवीन उपकरणों की आपूर्ति एवं चिकित्सकीय मैनपॉवर की बड़े स्तर पर भर्ती भी की जा रही है। मीडिया समूह के वरिष्ठ अधिकारी, शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद उपस्थित रहे।