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दुर्गोत्सव समितियों को ऊर्जा मंत्री का निर्देश: अस्थाई बिजली कनेक्शन लेकर ही करें झांकी और पंडाल की सजावट

भोपाल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने धार्मिक उत्सव समितियों और बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे रामलीला, दुर्गोत्सव, डांडिया एवं गरबा उत्सव के दौरान धार्मिक पण्डालों एवं झाकियों में बिजली साज-सज्जा कंपनी से नियमानुसार अस्थायी कनेक्शन लेकर ही करें। नवरात्रि त्यौहार तथा गरबा पंडालों को अस्थायी कनेक्शन देने के लिए उपयुक्त प्रबंध किए हैं। अस्थाई कनेक्शन लेने की प्रक्रिया बिजली कंपनी के पोर्टल http://saralsanyojan.mpcz.in पर जाकर निर्धारित प्रपत्र में सही संयोजित विद्युत भार को दर्शाते हुए अस्थायी कनेक्शन के लिये ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। समितियों के पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे लायसेंसी विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट आवेदन में संलग्न करें एवं वायरिंग इत्यादि लायसेंसधारी विद्युत ठेकेदार से ही करवाएं। आवेदन में दर्शाए अनुसार विद्युत भार के अनुरूप सुरक्षा निधि एवं अनुमानित विद्युत उपभोग की राशि अग्रिम जमा कराकर बिजली कंपनी से अस्थाई कनेक्शन की रसीद अवश्य लें। रसीद की लेमीनेटेड प्रति अनिवार्य रूप से पंडाल/झांकी के सामने लगाएं। आवेदित विद्युत भार से अधिक भार का उपयोग विद्युत साज-सज्जा के लिए न करें। विद्युत कनेक्शन मीटरीकृत होगा एवं विद्युत देयक की बिलिंग नियमानुसार अस्थायी कनेक्शन हेतु लागू घरेलू दर पर की जाएगी। झांकियों के निर्माण एवं विद्युत साज-सज्जा में सुरक्षा नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। अनधिकृत तरीके से विद्युत का उपयोग न करें। अधिक जानकारी के लिए कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल कर सकते हैं। अस्थाई कनेक्शन न लेने पर दंड का प्रावधान अधिक भार से ट्रांसफार्मर के जलने की संभावना तथा दुर्घटना की आशंका रहती है। पारेषण एव वितरण प्रणाली पर विपरीत असर होने से अंधेरे होने की संभावना रहती है। अनधिकृत विद्युत उपयोग करने पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत उपयोगकर्ता एवं जिस विद्युत ठेकेदार से कार्य कराया गया है, उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। अनाधिकृत विद्युत उपयोग की दशा में संबंधित विद्युत ठेकेदार के लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।  

तोमर का संदेश: लोकतंत्र सिर्फ शासन नहीं, यह जीवन की आत्मा है

लोकतंत्र केवल शासन पद्धति नहीं, बल्कि जीवन की आत्मा है : तोमर तोमर का संदेश: लोकतंत्र सिर्फ शासन नहीं, यह जीवन की आत्मा है “लोकतंत्र जीवन की आत्मा है, केवल शासन पद्धति नहीं” – तोमर तोमर ने उजागर किया लोकतंत्र का असली महत्व, इसे बताया जीवन की आत्मा स्व. विट्ठल भाई पटेल शताब्दी वर्ष समारोह अखिल भारतीय पीठासीन सम्मेलन में तोमर का संबोधन भोपाल  विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत का लोकतंत्र केवल शासन पद्धति भर नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन की आत्मा है। लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी रही हैं। यह एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक सत्य है कि भारत ने ही दुनिया को लोकतंत्र का बीज दिया। लोकतंत्र हमारे लिए केवल संविधान की देन नहीं है, बल्कि सबसे पुरानी जीवन परंपरा का हिस्सा है, जो हजारों वर्षों से हमारी संस्कृति, समाज और राजनीति का मार्गदर्शन करता आया है। तोमर दिल्ली विधानसभा में आयोजित केंद्रीय विधानसभा के प्रथम निर्वाचित भारतीय स्पीकर स्व. विट्ठल भाई पटेल शताब्दी वर्ष समारोह में आयोजित अखिल भारतीय पीठासीन सम्मेलन में “भारत−लोकतंत्र की जननी” विषय पर व्याख्यान सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस सत्र का विषय प्रवर्तन राज्यसभा के उपसभापति हरवंश ने किया। दो दिन चले व्याख्यान सत्र में देश के लगभग 12 विधानसभा अध्यक्षों/उपाध्यक्षों ने अपने विचार रखे। समापन सत्र के दौरान लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार एवं दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे। तोमर ने कहा कि भारत का लोकतंत्र केवल शासन पद्धति भर नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन की आत्मा है। लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी रही हैं। आज दुनिया के अनेक लोग यह मानते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्य यूनान से शुरू हुए, लेकिन सच यह है कि भारत में उनकी नींव बहुत पहले पड़ चुकी थी। "ऋग्वेद" और "अथर्ववेद" में 'सभा' और 'समिति' जैसे शब्दों का उल्लेख मिलता है। ये संस्थाएँ सामूहिक विमर्श और निर्णय का प्रतीक थीं, जिनमें राजा तक को अपनी राय थोपने का अधिकार नहीं था। उपनिषद भी हमें यही शिक्षा देते हैं। "सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः" जैसी प्रार्थनाएँ केवल धार्मिक मंत्र नहीं हैं। यह मानवता की साझी भलाई, समानता और समावेश का उद्घोष है। यही लोकतंत्र का मूल तत्व है। लोकतंत्र का मतलब केवल वोट देना और सरकार चुनना नहीं है। लोकतंत्र का मतलब है ऐसी व्यवस्था जिसमें सबका कल्याण, सबकी साझेदारी और सबकी सुरक्षा सुनिश्चित हो। यही बात हमारे ऋषियों ने हजारों साल पहले कह दी थी। विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि स्व. विट्ठलभाई पटेल ने तत्कालीन राजनीति को नए आयाम दिए और लोकतंत्र के नए मानदंड स्थापित किए। सभी राज्यों की विधानसभाओं को उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। तोमर ने कहा कि यह भवन विपिन चंद्र पाल एवं पं. मदन मोहन मालवीय की कर्म स्थली रही है। स्व. बटुकेश्वर दत्त और स्व. भगत सिंह के बम कांड की गवाही भी यह भवन देता है यह हमारी स्वतंत्रता आंदोलन की एक महत्वपूर्ण घटना है। तोमर ने कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। हर पाँच साल में करोड़ों नागरिक मतदान करके सरकार चुनते हैं। सत्ता का शांतिपूर्ण परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि जनता को चुनने और बदलने का अधिकार प्राप्त है। यही लोकतंत्र की आत्मा है -जनता सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद भारत का लोकतंत्र मजबूत है। इसका कारण यही है कि यह लोकतंत्र केवल संविधान तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की जनता की चेतना और उसकी संस्कृति में गहराई से रचा-बसा है। तोमर ने कहा कि अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस लोकतांत्रिक परंपरा को और सशक्त करें। लोकतंत्र का अर्थ केवल सरकार को चुनना नहीं, बल्कि नागरिक के रूप में अपने दायित्वों को निभाना भी है। सम्मेलन में देशभर की विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष विधान परिषदों के सभापति, उपसभापति एवं विधानसभा सचिवालयों के अधिकारी सम्मिलित हुए। सम्मलेन का शुभारंभ 24 अगस्त को गृहमंत्री भारत सरकार अमित शाह द्वारा किया गया। समापन दिवस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विशेष रूप से उपस्थित थे। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह भी उपस्थित थे।  

ऊर्जा मंत्री तोमर का निर्देश: झांकी-पंडाल सजाने के लिए अस्थाई कनेक्शन का ही उपयोग करें

भोपाल गणेशोत्सव त्यौहार तथा अन्य त्यौहारों में पंडालों को अस्थायी कनेक्शन देने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों ने माकूल प्रबंध किए हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने धार्मिक उत्सव समितियों और बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे गणेशोत्सव के दौरान धार्मिक पण्डालों एवं झॉंकियों में बिजली साज-सज्जा,नियमानुसार ऑनलाइन अस्थाई कनेक्शन लेकर ही करें। अस्थाई कनेक्शन लेने के लिये क्या करें बिजली कंपनी के पोर्टल http://saralsanyojan.mpcz.in:8888/home पर जाकर निर्धारित प्रपत्र में सही, संयोजित विद्युत भार को दर्शाते हुए अस्थायी कनेक्शन के लिये ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करें। लायसेंसी विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट आवेदन में संलग्न करें एवं वायरिंग इत्यादि लायसेंसधारी विद्युत ठेकेदार से ही करवाएं। आवेदन में दर्शाए अनुसार विद्युत भार के अनुरूप सुरक्षा निधि एवं अनुमानित विद्युत उपभोग की राशि अग्रिम जमा कराकर बिजली कंपनी से अस्थाई कनेक्शन की रसीद अवश्य लें। रसीद की लेमीनेटेड प्रति अनिवार्य रूप से पंडाल/झॉंकी के सामने लगाएं। आवेदित विद्युत भार से अधिक भार का उपयोग विद्युत साज-सज्जा के लिए न करें। विद्युत कनेक्शन मीटरीकृत होगा एवं विद्युत देयक की बिलिंग नियमानुसार अस्थायी कनेक्शन के लिये लागू घरेलू दर पर की जाएगी। झांकियों के निर्माण एवं विद्युत साज-सज्जा में सुरक्षा नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। अनधिकृत तरीके से विद्युत का उपयोग न करें। अधिक जानकारी के लिए कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 पर भी कॉल कर सकते हैं। अस्थाई कनेक्शन न लेने से होने वाले नुकसान अधिक भार से ट्रांसफार्मर के जलने की संभावना तथा दुर्घटना की आशंका। पारेषण एव वितरण प्रणाली पर विपरीत असर होने से अंधेरे की संभावना। अनधिकृत विद्युत उपयोग करने पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत उपयोगकर्ता एवं जिस विद्युत ठेकेदार से कार्य कराया गया है, उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही। अनधिकृत विद्युत उपयोग की दशा में संबंधित विद्युत ठेकेदार के लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही।  

सावधान! बिजली उपभोक्ताओं को साइबर ठग बना रहे निशाना: ऊर्जा मंत्री की चेतावनी

बिजली उपभोक्ता सायबर जालसाजों से रहें सावधान : ऊर्जा मंत्री तोमर बिजली बिल का भुगतान बिजली कंपनी के अधिकृत गेटवे अथवा बिजली कंपनी के कैश काउण्टर पर करें : ऊर्जा मंत्री तोमर सावधान! बिजली उपभोक्ताओं को साइबर ठग बना रहे निशाना: ऊर्जा मंत्री की चेतावनी भोपाल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने बिजली बिलों का नकद भुगतान कंपनी के जोन, वितरण केन्द्र कार्यालय, पीओएस मशीन अथवा अधिकृत भुगतान केन्द्रों जैसे एम.पी.ऑनलाइन, कॉमन सर्विस सेन्टर, आईसेक्ट कियोस्क पर ही करें। उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के केशलेश भुगतान के लिये कंपनी के पोर्टल portal.mpcz.in (नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई, ईसीएस, बीबीपीएस, कैश कार्ड एवं वॉलेट आदि) फोन पे, अमेजान पे, गूगल पे, पेटीएम ऐप, व्हाट्सएप एवं उपाय मोबाइल ऐप के माध्यम से भी बिल भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने उपभोक्ताओं से सायबर जालसाजों से बचने की अपील की है। बिजली कंपनी के सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकारियों ने बताया है कि कंपनी अंतर्गत विद्युत देयकों के भुगतान के लिए उपभोक्ता पहचान नंबर यानि आईवीआरएस नंबर की जरूरत होती है। आईवीआरएस नंबर के आधार पर ही जोन, वितरण केन्द्रों या अन्य गेटवे एमपी ऑनलाइन, पेटीएम, फोन, गूगल, अमेजन, व्हाट्सएप आदि पर बिजली बिलों का भुगतान होता है। कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे किसी भी मोबाइल नंबर से आए फोन के आधार पर किसी भी मोबाइल नंबर पर देयकों की राशि अंतरित न करें। साथ ही अपना पिन नंबर भी किसी के साथ साझा न करें। कंपनी के संज्ञान में आया है कि सायबर जालसाजों द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज अथवा आई.व्ही.आर. तकनीक से फोन कॉल पर नंबर दबाने के लिये कहा जाता है। जालसाजों द्वारा बिल भुगतान कराने के लिये बिजली कुछ घंटों बाद काट दी जाएगी, जैसा भय बनाया जाता है और इसके लिए बिल भुगतान करने के लिये विशेष नंबर दबाएं अथवा मोबाइल नंबर विशेष पर संपर्क कर बकाया राशि जमा कराएं, जैसे संदेश दिये जाते हैं, जो सायबर ठगी है। इस प्रकार के एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज एवं आई.व्ही.आर. फोन कॉल फर्जी हैं, इन पर ध्यान नहीं दिया जाए। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि इस प्रकार के फर्जी सायबर जालसाजों से सतर्क और सावधान रहें।  

ऊर्जा मंत्री तोमर का ऐलान: सभी बिजली कंपनियों में लागू होगी अंशदायी कैशलेस हेल्थ स्कीम

सभी विद्युत कंपनियों में अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना स्वीकृत : ऊर्जा मंत्री  तोमर कैशलेस स्वास्थ्य योजना : नियमित कार्मिक सहित संविदा कार्मिक, पेंशनर और उनके परिजन होंगे लाभान्वित ऊर्जा मंत्री तोमर का ऐलान: सभी बिजली कंपनियों में लागू होगी अंशदायी कैशलेस हेल्थ स्कीम क्रियान्वयन की प्रक्रिया प्रारंभ भोपाल ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि प्रदेश के सभी 6 विद्युत कंपनियों में अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना स्वीकृत कर दी गई है। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने प्रदेश की समस्त विद्युत कंपनियों में कार्यरत अभियंता व कार्मिकों के लिए बहुप्रतीक्ष‍ित पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना (एमपीपीसीएचएस) के क्रि‍यान्वयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। लगभग एक लाख 82 हजार होंगे लाभार्थी मंत्री श्री तोमर ने बताया है कि इस योजना का लाभ प्रदेश की 6 विद्युत कंपनियों में कार्यरत नियमित कार्मिकों, संविदा कार्मिकों व विद्युत कंपनियों के पेंशनरों और उनके परिजन को मिलेगा। इनकी संख्या लगभग एक लाख 82 हजार है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी को प्रदेश की विद्युत कंपनियों में पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। कार्यान्वयन सहायता एजेंसी के लिये ई-टेंडर जारी मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने जानकारी दी कि पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना के कार्यान्वयन के लिये 15 जुलाई को ई-टेंडर जारी कर दिया गया है। इस योजना के कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आईएसए) चयन के लिये भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा लाइसेंस प्राप्त किसी मौजूदा तृतीय पक्ष प्रशासक (टीपीए) या उसकी होल्डिंग कंपनी या उसकी सहायक कंपनी या उसकी समूह कंपनी, जिन्हें इस क्षेत्र में कार्य करने का वृहद् अनुभव हो, से टेंडर आमंत्रि‍त किए गए हैं। पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना के लिए प्री-बिड मीटिंग 24 जुलाई को होगी। विद्युत कंपनियों के लिए पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना के क्रि‍यान्वयन करने को इच्छुक कंपनियां 18 अगस्त तक टेंडर प्रक्रि‍या में अपनी निविदा जमा कर सकेंगी। आगामी 20 अगस्त को ई-टेंडर खोले जाएंगे। पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक श्री सिंह ने बताया है कि योजना एक अक्टूबर 2025 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है।  

सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया

नागौद सब-स्टेशन में अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई की सुविधा सतना और देवेंद्रनगर दोनों से रहेगी विद्युत आपूर्ति सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया भोपाल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि विंध्य क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और विश्वसनीयता के लिए सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया है। यह सब-स्टेशन अब वैकल्पिक व्यवस्था के साथ दोहरी आपूर्ति प्रणाली पर कार्य करेगा। तोमर ने बताया कि पूर्व में यह सबस्टेशन एक रेडियल सब-स्टेशन के रूप में क्रियाशील था, जहां से 132 के.व्ही. की विद्युत आपूर्ति केवल 220 के.व्ही. सिल्परा (सतना) सब-स्टेशन से प्राप्त होती थी। 441 लाख रुपए से हुआ विस्तार क्षेत्र में अधिक विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) द्वारा 441 लाख रुपये की अनुमानित लागत से देवेन्द्र नगर से एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन अब नागौद तक विस्तारित की गई है। परिणामस्वरूप अब किसी एक सर्किट में शटडाउन या ब्रेकडाउन की स्थिति में भी उपभोक्ताओं को विद्युत बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता राजेश द्विवेदी के अनुसार यह व्यवस्था, 132 के.व्ही. नागौद–देवेंद्रनगर (पन्ना) 27.6 किलो मीटर और 132 के व्ही नागौद -सतना 18.9 किलोमीटर लाइन के सर्किट को 'लाइन इन–लाइन आउट' (लिलो) कर नागौद से जोड़े जाने से संभव हो सकी है। इस नई व्यवस्था से देवेंद्रनगर, वसुधा, रहिकवाड़ा, नागौद, सिंहपुर, जसो, कटन और सलेहा क्षेत्र के 42,000 से अधिक विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।