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झांसी से वापसी का मन बना चुकीं उमा भारती, 2029 में चुनाव लड़ने की तैयारी

ललितपुर  भारतीय जनता पार्टी (BJP) की फायरब्रांड नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 2029 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उमा भारती (UMA BHARTI) ने कहा है कि यदि पार्टी अनुमति देती है तो वे 'अगला लोकसभा चुनाव झांसी लोकसभा सीट' से लड़ेंगी। उमा ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। उत्तर प्रदेश के 'ललितपुर दौरे' के समय मीडिया से बातचीत में भी उमा भारती ने कहा, “अगर पार्टी कहेगी तो मैं चुनाव जरूर लड़ूंगी, लेकिन मैं सिर्फ झांसी से ही चुनाव लड़ूंगी।” उमा ने कहा कि उनका बुंदेलखंड क्षेत्र से उनका गहरा जुड़ाव है, और वे चाहेंगी कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड की जनता एक बार फिर उन्हें लोकसभा तक पहुंचाएं। उमा भारती का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। राजनीतिक विश्लेषक इसे '2029 लोकसभा चुनाव की शुरुआती गहमागहमी' के रूप में देख रहे हैं। पहले भी रही सुर्खियों इससे पहले, भाजपा नेता (BJP) उमा भारती पहले भी कई बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। अगस्त 2025 में उन्होंने कहा था कि वे अभी 65 वर्ष की नहीं हुई हैं और सही समय आने पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि “फिलहाल चुनाव लड़ना मेरे लिए एक बाधा हो सकता है।” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उमा भारती ने लिखा है कि यदि पार्टी का आदेश मिलेगा तो वे झांसी से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने अपने बयान को भाजपा को भी टैग किया है। झांसी से सांसद बनी थीं उमा इस बयान से एक बार फिर बुंदेलखंड की राजनीति में हलचल मच गई है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि पार्टी नेतृत्व उनके बयान को किस रूप में देखता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उमा भारती झांसी से ही सांसद चुनी गई थी। झांसी के लोकसभा चुनाव में कुल 17 बार में से 9 बार कांग्रेस का कब्जा रहा। 6 बार भाजपा जीत सकी। एक बार लोकदल को जीत मिली थी।

‘ऑपरेशन सिंदूर का मकसद PoK पर कब्जा’, उमा भारती ने किया दावा

भोपाल  भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. काशी और मथुरा पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 'दोनों मामले कोर्ट में हैं, लेकिन मेरा दिल हिंदू है और मेरी आस्था काशी और मथुरा में मंदिर देखना चाहती है.' ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य पीओके को वापस लेना है. उन्होंने साफ कहा कि 'हमारा मकसद तभी पूरा होगा जब पीओके भारत में शामिल होगा.' भारतीय सेना पर सवाल उठाने वालों पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोग न सेना का सम्मान करना जानते हैं और न ही राजनीति करने के काबिल हैं. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद एक दिन पाकिस्तान को खुद खत्म कर देगा. पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है.'  'जनता का दिल जीतकर जीते जाते हैं चुनाव' विपक्ष की ओर से लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों पर उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'इलेक्शन, चुनाव आयोग में नहीं, जनता का दिल जीतकर जीते जाते हैं. राहुल गांधी सेना का अपमान करते हैं, अनुच्छेद 370 बहाल करने की बात करते हैं, राम मंदिर के कार्यक्रम में भी नहीं गए. राष्ट्रीय गौरव को ठुकराकर चुनाव नहीं जीते जाते. राहुल को बोलने से पहले सोचना चाहिए या याददाश्त के लिए होम्योपैथिक दवा लेनी चाहिए.' 'लोकतंत्र में अंतिम फैसला जनता का' उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी भी आपातकाल लगाने के बाद चुनाव हार गई थीं क्योंकि लोकतंत्र में अंतिम फैसला जनता का होता है. 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत से सभी आरोपियों के बरी होने पर उमा भारती ने कहा कि यह हिंदुओं को बदनाम करने और तुष्टिकरण की राजनीति करने की साजिश थी. उन्होंने आरोप लगाया कि साध्वी प्रज्ञा सिंह को इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया गया कि आज वे चल भी नहीं पातीं. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को भी बुरी तरह यातना दी गई. 'पार्टी में योगदान की कोई उम्र तय नहीं' मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र पटवारी के बयान पर उन्होंने कहा कि 'उन्हें खुद नहीं पता कि क्या बोल रहे हैं. कांग्रेस खत्म हो चुकी है, कई नेता रिटायर हो गए हैं और नई पीढ़ी भाजपा में आ रही है. पटवारी अकेले रह गए हैं.' रिटायरमेंट की उम्र पर बहस को लेकर उमा भारती ने कहा कि 'किसी भी संस्था या पार्टी में योगदान की कोई उम्र तय नहीं होती. राजनीति एक मंच है और योगदान मेरी क्षमता है.'

उमा भारती ने पटवारी को कहा ‘बेचारा’, राजनीति में उम्र कोई बाधा नहीं—उन्होंने बोला

भोपाल  मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र जीतू पटवारी के बयान पर भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने करारा पलटवार किया है। उन्होंने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाटवारी खुद नहीं जानते कि वे क्या बोल रहे हैं। वे बिना सोचे-समझे बयान देते हैं। उमा भारती ने उन्हें “बेचारा” बताते हुए कहा कि कांग्रेस अब मध्य प्रदेश में समाप्त हो चुकी है और पटवारी ही उसके इकलौते नेता बचे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता अब राजनीति से संन्यास ले चुके हैं, जबकि नई पीढ़ी के नेता भाजपा से जुड़ रहे हैं। जो कांग्रेस नेता भाजपा में जगह नहीं पा रहे वे कांग्रेस में ही छूट गए हैं। राजनीति में योगदान की कोई उम्र तय नहीं  सेवानिवृत्ति की उम्र को लेकर चल रही बहस पर भी उमा भारती ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी संगठन, राजनीतिक दल या संस्था सेवानिवृत्ति की आयु तय कर सकती है, लेकिन योगदान की उम्र तय नहीं की जा सकती। उनके अनुसार राजनीति एक ऐसा मंच है, जहां योगदान देने की क्षमता ही असली पहचान है। उमा ने कहा कि डॉक्टर, टीचर, वकील की योगदान की क्षमता कभी खत्म नहीं होती। बता दें हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि 75 साल की उम्र में पद छोड़ देंगे या किसी को इस उम्र में रिटायर्ड हो जाना चाहिए। संघ प्रमुख की इस टिप्पणी ने उनकी कुछ दिनों पहले दी उनकी टिप्पणी पर चल रही अटकलों पर उम्र विराम लगा दिया। 

उमा भारती का बयान: विपक्ष कर रहा गुलामी से जुड़े नामों का समर्थन, CM योगी से अपील

शाहजहांपुर  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यूपी के शाहजहांपुर जिले का नाम बदलने की मांग करते हुए विवाद को फिर हवा दे दी है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक जिले का नाम किसी स्वतंत्रता सेनानी, संत या समाज सुधारक के नाम पर रखा जाना चाहिए, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व करता हो। उमा भारती ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने विपक्ष पर "गुलामी से जुड़े नामों" का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दल केवल वोट बैंक की राजनीति में जुटे हैं और जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं करते। राहुल गांधी पर पलटवार उमा भारती ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया आरोपों पर भी तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्था है और सभी शिकायतों की जांच करता है। "अगर जनता राहुल गांधी को वोट नहीं दे रही है, तो उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए, बजाय इसके कि वे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाएं,"। कांग्रेस की 'मतदाता अधिकार यात्रा' शुरू इधर, बिहार में कांग्रेस ने वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों और "वोट चोरी" के खिलाफ 'मतदाता अधिकार यात्रा' की शुरुआत की है। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और 20 से अधिक जिलों से होकर गुज़रते हुए 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। इस यात्रा की शुरुआत रविवार को सासाराम से हुई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पवन खेड़ा, कन्हैया कुमार और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और भाजपा पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया।  

साध्वी प्रज्ञा से मिल भावुक हुईं उमा भारती, कहा- ये मेरी मसीहा हैं

भोपाल  राजधानी भोपाल में आज बहुत सुखद दृश्य दिखाई दिया, दो साध्वी, दो भगवा वस्त्रधारी बहनों का मिलन मीडिया के कैमरों में कैद हुआ, अवसर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मिलन का था, उमा भारती प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मिलने उनके निवास पर पहुंची थी। मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोपी के रूप में 17 साल तक मानसिक, शारीरिक और सामाजिक यातनाएं झेलने के बाद पिछले दिनों जब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को NIA अदालत ने दोषमुक्त किया तो हिन्दू समाज में ख़ुशी की लहर दौड़ गई, सनातन और भगवा में आस्था रखने वालों ने इसे भगवा और हिंदुत्व की जीत बताया। प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मिलकर भावुक हुई उमा भारती  जिस दिन प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अदालत ने बरी किया उस दिन उमा भारती की आँखों में आंसू थे और आज जब वे उनसे मिलने पहुंची तब भी भावुक थीं, निवास पर पहुँचते ही उमा भारती ने माला पहनाकर साध्वी प्रज्ञा का सम्मान किया और गले लगाकर उनका माथा चूम लिया। मैं साध्वी नहीं, दीदी प्रज्ञा का तप बहुत बड़ा  मीडिया ने जब इस मिलन को दो बहनों, दो साध्वियों का मिलन कहा तो उमा भारती ने टोकते हुए कहा मैं बड़ी बहन जरूर हूँ लेकिन साध्वी नहीं हूँ, मैंने अपने गुरु से सिर्फ सन्यास लिया है लेकिन दीदी प्रज्ञा का तप उनकी तपस्या बहुत बड़ी है वे मेरी मसीहा हैं। साजिश रचने वालों पर चले देशद्रोह का मुकदमा  उमा भारती ने कहा जिस तरह हिंदुत्व को, भगवा को बदनाम करने की साजिश रची गई उसका पर्दाफाश हो गया, मालेगांव बम ब्लास्ट की साजिश बेनकाब हो गई, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा जिन्होंने ये किया साध्वी प्रज्ञा सिंह को यातनाएं दी उन्हें झूठा फंसाया, उनके लिए क्या क़ानूनी प्रक्रिया है ये मैं नहीं जानती लेकिन मेरा मानना है ये साजिश रचने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उमा दीदी ने मेरे लिए वो किया जो कोई पुरुष नहीं कर सका  साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा मुझे हमेशा एक बड़ी बहन की तरह उमा दीदी का प्यार और स्नेह मिला है , ये हमेशा से भगवा और हिंदुत्व के लिए संघर्ष करती रही है ये मुझसे मिलने एम्स आई थी, नासिक जेल, भोपाल जेल भी आई है, जो कोई पुरुष नहीं कर सका वो इन्होने किया, इनका आशीर्वाद मुझे मिला है मैं कृतज्ञ हूँ।  

‘अभी बहुत कुछ बाकी है’ — 63 की उम्र में भी चुनावी राजनीति में सक्रिय रहने का संकेत- उमा भारती

 भोपाल  मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती ने शुक्रवार को वह अभी 63 वर्ष ही हुई हैं, इसलिए आगे चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा से मुझे कोई अलग नहीं कर सकता। मेरे भाजपा से अलग होने की बातें बेबुनियाद हैं। राजनीति की मुख्य धारा में लंबे समय से अनुपस्थित दिख रहीं उमा भारती ने यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत द्वारा 75 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाने संबंधित बयान पर पत्रकारों द्वारा मांगी गई प्रतिक्रिया में कही। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह संघ प्रमुख के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती, लेकिन मेरा मानना है कि शिक्षक, अधिवक्ता, चिकित्सक, कलाकार, कवि, पत्रकार कभी रिटायर नहीं होते। उसी तरह नेता भी कभी रिटायर नहीं हो सकते, उन्हें तब तक जन सेवा करनी होती है जब तक इसकी आवश्यकता होती है। अभी 15-20 साल तक और राजनीति करना है उमा भारती भोपाल में अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अटल जी, आडवाणी जी के आंदोलन में मेरा नाम चला, इसलिए लोग मुझे 75 का समझते हैं पर ऐसा नहीं है, मैं उनसे बहुत छोटी हूं। अभी मुझे 15-20 साल तक और राजनीति करना है, हो सकता है आगे चुनाव भी लड़ूं। उमा ने यह भी कहा कि यह दुष्प्रचार किया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुझसे खफा रहते हैं। अमित शाह और मेरी बात हो गई है, कोई भी अब भ्रम न फैलाए। मैं और मेरे परिवार को सभी सरकारों ने प्रताड़ित किया उमा भारती ने कहा कि मैं किसी भी नेता का नाम नहीं लूंगी, लेकिन मुझे और मेरे परिवार को मध्य प्रदेश की सभी सरकारों में 1990 से 1992 और 2005 से 2013 तक प्रताड़ित किया गया। मेरे भाइयों पर लूट, डकैती के केस बने, जो डकैती हुई ही नहीं, उसका भी मुकदमा किया गया। दिग्विजय सिंह के समय में हत्या तक का केस दर्ज हुआ। आज तक मुझे यह पता नहीं चला कि व्यापम में मेरा नाम क्यों आया। कम से कम सीबीआइ यह जांच तो कर ले। ह्रदय में पीड़ा रहती ही है, मुझे कष्ट देने वालों को मैंने अपने सामने रोते देखा है। गंगा, गोमाता और शराबबंदी पर संघर्ष जारी रहेगा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रशंसा करते हुए उमा भारती ने कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं। निवेश और रोजगार ला रहे हैं। भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है। राजनीति में शुचिता आ गई है, अब ब्यूरोक्रेसी में लानी जरूरी है। केंद्र सरकार गंगा शुद्धिकरण के लिए काम कर रही है। मप्र सरकार भी गो-संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है लेकिन इन दोनों क्षेत्रों में सुधार आवश्यक है। प्रदेश में सही तरीके से शराब बंदी लागू की जानी चाहिए। गंगा, गोमाता और शराबबंदी के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा।