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यूपी में EV खरीदना हुआ फायदेमंद, सरकार दे रही रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए ग्राहकों को एक तगड़ी सौगात दी है. अब यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारी और भी किफायती होगी. लखनऊ में धनतेरस और दीपावली पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदने वालों को अब रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क वापस मिलेगा. सरकार ने ईवी खरीदारों को अगले दो साल तक इन शुल्कों से छूट देने का फैसला किया है. औद्योगिक विकास विभाग ने 17 अक्टूबर को वित्तीय प्रोत्साहन बढ़ाने का आदेश जारी किया, अब परिवहन विभाग पोर्टल में संशोधन करेगा. इससे पहले भी नीति लागू होने के समय खरीदारों को रिफंड मिल चुका है. 14 अक्टूबर से पहले तक ईवी खरीदने वालों को 10 लाख रुपये तक के वाहन पर 9% और 10 लाख से ऊपर के वाहन पर 11% रोड टैक्स देना पड़ रहा था. दोपहिया वाहन मालिकों से 300 रुपये और चारपहिया वाहन स्वामियों से 600 रुपये पंजीकरण शुल्क लिया गया था. अब फेस्टिवल मे गाड़ी लेने वालो को यह पूरा शुल्क वापस किया जाएगा और भविष्य में भी दो साल तक ईवी पर रोड टैक्स या पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा. नीति लागू होने के समय यानी 13 अक्टूबर 2022 को भी इसी तरह रिफंड की प्रक्रिया अपनाई गई थी. उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने ईवी नीति को मंजूरी दी थी. किस वाहन पर कितनी सब्सिडी आदेश व पोर्टल अपडेट में समय लगने के बावजूद सभी खरीदारों को छूट का लाभ मिला था. इस बार भी आदेश लागू होने के बाद टैक्स रिफंड प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इस नीति के तहत दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 हजार, चारपहिया पर 1 लाख और इलेक्ट्रिक बस पर 20 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. नीति में तय वाहनों की बिक्री पूरी न होने पर जुलाई 2024 में संशोधन हुआ था, अब सब्सिडी 2027 तक सशर्त जारी रहेगी. नीति के तहत 25 हजार चारपहिया, 2 लाख दोपहिया, 400 ई-बस और 1000 ई-गुड्स कैरियर को सब्सिडी दी जानी है. अब तक लगभग 17 हजार चारपहिया ईवी को सब्सिडी मिल चुकी है और त्योहारों में बिक्री बढ़ने से यह संख्या और बढ़ गयी है.

हादसे में तबाह ट्रक, उजड़े घर: सासाराम में टक्कर के बाद झारखंड चालक की मौत, दूसरा गंभीर

पटना बिहार के सासाराम में शनिवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में झारखंड के एक ट्रक ड्राईवर की जान चली गई जबकि उत्तर प्रदेश के ट्रक चालक की हालत नाजुक बनी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, घटना अहले सुबह सासाराम चौसा पथ पर अमवलिया चर्च के समीप की है। मृतक शख्स की पहचान झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ निवासी टुनटुन उर्फ धनेश्वर कुमार के रुप में हुई है जबकि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिला का निवासी अर्जुन यादव घायल हो गया। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि अर्जुन यादव प्लाईवुड लोड कर सासाराम जा रहे थे। वहीं धनेश्वर कुमार टाटा कंपनी का सरिया लोड कर बक्सर जा रहे थे। इस दौरान सासाराम चौसा पथ पर अमवलिया चर्च के पास दोनों गाड़ियों में आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भयावह थी कि ट्रक गहरे पानी में पलट गया और झारखंड के ड्राईवर धनेश्वर कुमार की मौके पर मौत हो गई और यूपी चालक अर्जुन यादव घायल हो गया और उसका अस्पताल में इलाज जारी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया है।  

विकसित यूपी के लिए प्रदेश के युवा दे रहे सबसे अधिक सुझाव

विकसित यूपी @2047: शिक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास बने जनसुझावों के शीर्ष विषय अब तक 32 लाख से अधिक लोगों ने दिए सुझाव, ग्रामीण इलाकों से मिले 25 लाख से ज्यादा फीडबैक  विकसित यूपी के लिए प्रदेश के युवा दे रहे सबसे अधिक सुझाव  शिक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास बने जनसुझावों के शीर्ष विषय संभल, जौनपुर और सोनभद्र जिले फीडबैक में सबसे आगे – बलिया से कृषि में वैज्ञानिक तकनीक अपनाने का सुझाव – हाथरस से जिला अस्पतालों में हाईटेक सुविधाओं की मांग – वाराणसी से पशुधन संरक्षण और डेयरी विकास पर जोर – अभियान के तहत नोडल अधिकारी और प्रबुद्ध जन कर रहे संवाद – मुख्यमंत्री योगी की पहल से जनता बनी नीति निर्माण की सहभागी लखनऊ  उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की दिशा में चल रहा 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान' आम जनता की भागीदारी से नई ऊंचाइयां छू रहा है। प्रदेश के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों द्वारा छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, किसानों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संघटनों, मीडिया और आम जनमानस के साथ संवाद स्थापित कर विकास यात्रा पर चर्चा की जा रही है। इस अभियान के तहत अब तक 32 लाख से अधिक सुझाव और फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जो सरकार की 'जनभागीदारी से जनविकास' की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन सुझावों में से 25 लाख से अधिक राय ग्रामीण क्षेत्रों से और करीब 7 लाख सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। वहीं युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही  है, करीब 15 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं ने दिए हैं, जबकि लगभग इतने ही सुझाव मध्यम आयु वर्ग (31 से 60 वर्ष) के लोगों से प्राप्त हुए हैं। वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। शिक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास शीर्ष प्राथमिकताएं बनीं अभियान के दौरान मिले सुझावों में शिक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास सबसे प्रमुख विषय रहे। शिक्षा क्षेत्र से करीब 9 लाख, कृषि क्षेत्र से 7.5 लाख, और ग्रामीण विकास से लगभग 6 लाख सुझाव आए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, समाज कल्याण, उद्योग, पशुधन, डेयरी, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक सुझाव प्राप्त हुए हैं। सर्वाधिक सक्रिय जिले- संभल, जौनपुर और सोनभद्र फीडबैक के मामले में संभल, जौनपुर, सोनभद्र, महाराजगंज, बिजनौर और गोरखपुर शीर्ष जिलों में रहे हैं। वहीं फिरोजाबाद, महोबा, इटावा, बुलंदशहर और ललितपुर जैसे जिलों से अपेक्षाकृत कम सुझाव प्राप्त हुए हैं। जनसुझावों में उभरे नए विचार बलिया के त्रिपाठी पांडेय ने कृषि में वैज्ञानिक तकनीकों, जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के विस्तार का सुझाव दिया है। हाथरस के अवनेंद्र सिंह राठौर ने जिला अस्पतालों में अत्याधुनिक जांच सुविधाओं और बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट की स्थापना पर जोर दिया। वहीं वाराणसी की शोभा चौहान ने पशुधन संरक्षण, डेयरी विकास और मत्स्य पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। सुझावों के आधार पर तैयार होगा विजन डॉक्युमेंट बता दें कि इस अभियान का उद्देश्य न केवल जनता के विचार जानना है, बल्कि जनता को नीति निर्माण का सक्रिय भागीदार बनाना भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह अभियान जनसहभागिता के माध्यम से उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास साबित हो रहा है। सुझावों के आधार पर प्रदेश का विजन डॉक्युमेंट तैयार किया जाएगा। वहीं प्रदेश और जनपद स्तर पर अच्छे सुझावों को सम्मानित भी किया जाएगा।     

तीन राज्यों में सक्रिय ब्लैकमेलिंग गैंग पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, झालावाड़ से गिरफ़्तारी और 3 लग्जरी कारें बरामद

  जयपुर झालावाड़ पुलिस ने एक बड़े संगठित अपराध रैकेट का पर्दाफाश करते हुए हेमराज सुमन हिस्ट्रीशीटर द्वारा संचालित गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यह गैंग पिछले 10 वर्षों से राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश राज्यों में सक्रिय थी और धोखाधड़ी, वाहनों की चोरी और खुर्द-बुर्द करने के साथ-साथ हनीट्रैप के जरिए व्यापारियों को ब्लैकमेल करने में संलिप्त थी। पुलिस ने इस गिरोह के तीन और इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। गैंग दो मुख्य तरीकों से वारदातों को अंजाम देती थी: 1. ट्रेक्टर खुर्द-बुर्द: गैंग के सदस्य गरीब व्यक्तियों को झांसे में फंसाकर उनकी जमीन पर लोन/फाइनेंस करवाकर नए ट्रेक्टर उठवाते थे। इसके बाद वे ट्रेक्टरों को खुर्द-बुर्द करके झूठी चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाते थे और बीमा कंपनी से क्लेम की राशि हड़प लेते थे। अवैध बेचान के लिए फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी भी तैयार की जाती थी। 2. हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग: गैंग में 10 से अधिक महिला सदस्य शामिल थीं। ये महिलाएं कारोबारी और व्यापारी वर्ग के लोगों को अपने जाल में फंसाती थीं। गैंग के सदस्य, जिनमें कुछ पुलिस की वर्दी में भी होते थे, फिर झूठे बलात्कार, छेड़छाड़ के मुकदमे दर्ज करवाने या धमकी देकर लोगों से लाखों रुपये की मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस का शिकंजा पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर संगठित अपराधों में सक्रिय हेमराज सुमन गैंग के कुल 13 सदस्यों को पहले गिरफ्तार किया गया था। उनसे गहन पूछताछ के बाद वाहन खुर्द-बुर्द की वारदातों में शामिल तीन इनामी अभियुक्तों सुनील माली (25) निवासी सारोला, गोलू बंजारा (23) निवासी सांगोद और प्रदीप धाकड (32) निवासी तेजगढ़ थाना सदर बारां को रविवार 05 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। इन अभियुक्तों की निशानदेही पर 3 लग्जरी कारें (स्विफ्ट और आई-20) भी जब्त की गई हैं। इस मामले में अब तक कुल 16 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें गैंग लीडर हेमराज सुमन और मुख्य महिला आरोपी सीमा मीणा शामिल हैं। गैंग की संलिप्तता को देखते हुए गहन जांच के लिए एक एस.आई.टी. विशेष जांच दल का गठन किया गया है। जाँच में यह भी पुष्टि हुई है कि गैंग ने अवैध आय से कई स्थानों पर सम्पत्ति खरीदने और अन्य धंधों में निवेश करने का काम भी किया है। गैंग की 10 महिला सदस्य सीमा शर्मा उर्फ सीमा मीणा निवासी बारां हाल अकलेरा, सीमा राजपूत निवासी मध्य प्रदेश, हेमलता मीणा निवासी कोटा शहर, भूरी बाई उर्फ सुनीता निवासी झालावाड़ हाल मध्य प्रदेश, मुस्कान राजपूत निवासी इंदौर मध्य प्रदेश हाल सारोला, संध्या उर्फ गोलू वाल्मीकि निवासी इंदौर मध्य प्रदेश लीलाबाई भील निवासी मध्य प्रदेश और मनीषा ढोली, छोटी बाई माली और लाड बाई माली निवासी सारोला जिला झालावाड़ पूर्व में अलग-अलग थानों (कोटा, बारां, खानपुर) में हनीट्रैप के मामलों में गिरफ्तार हो चुकी हैं, जिससे गैंग के बड़े और संगठित नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या की साजिश का खुलासा , ATS ने 3 संदिग्धों को किया गिरफ्तार

लखनऊ यूपी एटीएस (अतिरिक्त पुलिस सेवा) ने मुजाहिदीन आर्मी नाम के सिंडिकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या की साजिश रचने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद रजा और उसके साथियों की खोजबीन जारी है। सोमवार को एटीएस की टीम ने छापेमारी कर मोहम्मद रजा से जुड़े तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। सभी से पूछताछ जारी है। मास्टरमाइंड ने भेजे थे 300 से ज्यादा भड़काऊ वीडियो एटीएस की जांच में पता चला है कि मोहम्मद रजा ने व्हाट्सएप के कई ग्रुप में 300 से अधिक भड़काऊ वीडियो भेजे थे। इन वीडियोज में लोगों को दूसरे धर्म के खिलाफ उकसाने का काम किया जा रहा था। साथ ही यह दिखाया जा रहा था कि कैसे एक संप्रदाय के लोग उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। वीडियो के अलावा मोहम्मद रजा ने कई बार वीडियो कॉल के जरिए भी ग्रुप के सदस्यों को संबोधित किया था और उन्हें भड़काया था। साजिश का मकसद था हिंसक जिहाद से देश में शरिया सरकार बनाना एटीएस ने अब तक इस मामले में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों का मकसद हिंसक जिहाद कर देश में शरिया सरकार बनाना था। मोहम्मद रजा और उसके साथी युवकों को उकसाकर अलग-अलग जगह हिंसा भड़काना चाहते थे। 3 युवकों को हिरासत में लिया गया, पूछताछ जारी सोमवार को एटीएस ने मुजाहिदीन आर्मी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें तीन और युवकों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी से एटीएस मुख्यालय पर पूछताछ की जा रही है। जांच के दौरान पता चला है कि ये युवकों ने कई बार मोहम्मद रजा से संपर्क किया था और उसके आदेश मानते थे। एटीएस ने कॉल डिटेल और सर्विलांस के जरिए दर्जनों नंबरों पर नजर रखी हुई है। इसके जरिए केरल और यूपी के अन्य शहरों में मोहम्मद रजा के संपर्क में रहने वालों की जानकारी जुटाई गई है। केरल में भी एटीएस की टीम ने संदिग्धों से पूछताछ की है। वहीं, फतेहपुर में भी एटीएस की टीम ने हाल ही में छापेमारी की है। मोहम्मद रजा को जल्द लिया जा सकता है कस्टडी रिमांड पर मोहम्मद रजा को जल्द ही कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए एटीएस सोमवार को अदालत में अर्जी दे सकती है ताकि उससे लंबी पूछताछ की जा सके और इस साजिश में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।