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अपना त्योहार, अपनों से व्यवहार—भोपाल में विश्व हिंदू परिषद के पोस्टर से भड़की राजनीति

भोपाल  देश में त्योहार अब उत्सव से ज्यादा कथित 'जिहाद' से निपटने की जंग बनते जा रहे हैं. नवरात्रों में 'गरबा जिहाद' के नारे लगे, करवाचौथ पर मेहंदी हिंदुओं से ही लगाने की अपील हुई, तो अब दीपावली से पहले विश्व हिंदू परिषद के होर्डिंग्स ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भोपाल में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए हैं, जिन पर मुख्य रूप से यह नारा लिखा है- 'अपना त्योहार, अपनों से व्यवहार', और 'दीपावली की खरीदी उनसे करें, जो आपकी खरीदी से दीपावली मना सकें.' राजनीतिक गलियारों में यह नारे अब 'अपनों से व्यवहार या दूसरों से बहिष्कार' के तौर पर देखे जा रहे हैं, जिसने एक नई सियासी तकरार को जन्म दिया है.  इससे पहले नवरात्रि के दौरान देशभर में 'गरबा जिहाद' के नाम से मुसलमान की प्रवेश को रोकने की मुहिम चली तो करवाचौथ के मौके पर हिंदू संगठनों ने आह्वान किया कि मेहंदी हिंदुओं से ही लगवाई जाए. दीपावली पास आई तो विश्व हिंदू परिषद ने हिंदुओं के लिए होर्डिंग लगवा दिए. विहिप का बयान विश्व हिंदू परिषद के प्रचार प्रमुख जितेंद्र चौहान ने इस विवाद पर सफाई दी है. उनका कहना है कि संगठन की ओर से लगवाए इन पोस्टर्स का एकमात्र उद्देश्य हिंदू दुकानदारों, व्यापारियों और रेहड़ी-पटरी वालों का समर्थन करना है ताकि साल में एक बार आने वाले इस त्योहार से वो कुछ कमाई कर सकें और उनकी भी दीपावली अच्छी मना सके. 

VHP का बयान: 3 अक्टूबर के वक्फ आंदोलन पर जताई चिंता, हिंसा हुई तो मुस्लिम संगठनों की जवाबदेही तय होगी

नई दिल्ली वक्फ कानून में संशोधन के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कई मुस्लिम संगठनों द्वारा 3 अक्टूबर को बुलाए गए देशव्यापी आंदोलन और बंद को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गंभीर चिंता जताई है. वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यह आंदोलन देश की शांति और कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला साबित हो सकता है. वीएचपी ने कहा कि आश्चर्य इस बात पर है कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर अभी केवल अंतरिम आदेश दिया है, जिसे खुद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ने स्वागत योग्य माना था. ऐसे में अंतिम फैसले का इंतजार किए बिना इस तरह का आंदोलन शुरू करना पूरी तरह अनुचित है. ‘3 अक्टूबर को हिंसा हुई तो मुस्लिम संगठन होंगे जिम्मेदार’ आलोक कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में बारावफात और उसके बाद हुई हिंसा से यह साफ है कि ऐसे आंदोलनों की आड़ में अराजकता और तोड़फोड़ की संभावना बनी रहती है. वीएचपी ने चेतावनी दी कि यदि 3 अक्टूबर को बुलाए गए बंद और प्रदर्शनों में हिंसा हुई तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह मुस्लिम संगठनों की होगी. वीएचपी की मांग है कि आंदोलन कानून के दायरे और पूरी तरह शांतिपूर्ण हो. केंद्र और राज्य सरकारों को पहले से तैयारी करनी चाहिए ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न फैले. साथ ही समाज से भी अपील की गई कि आत्मरक्षा और सतर्कता के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. वीएचपी अध्यक्ष ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे नेता युवाओं को नेपाल और श्रीलंका जैसी अराजकता की राह पर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है भारत में ऐसी स्थिति नहीं बनेगी. वीएचपी ने साफ किया कि आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उसकी आड़ में देश की शांति भंग करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी. सरकार, समाज और कानून व्यवस्था मिलकर किसी भी असामाजिक तत्व के इरादों को नाकाम करेंगे. शहबाज शरीफ को हिंदुत्व वाले बयान पर लताड़ा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र में हिंदुत्व को लेकर दिए बयान पर वीएचपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू कभी अतिवादी नहीं हो सकता, क्योंकि उसकी प्रार्थना ही सबके कल्याण और शांति की होती है. हिंदूफोबिया फैलाने की कोशिश पहले भारत में और अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर की जा रही है, लेकिन सच यह है कि हिंदू हिंसक नहीं, बल्कि शांतिप्रिय है और यह सच्चाई दुनिया जानती है.