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मंत्री डॉ. शाह ने जताई संवेदना, मृतकों के परिजनों से मिलकर दिया मदद का भरोसा

पन्धाना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने शुक्रवार को पन्धाना तहसील के ग्राम जामली राजगढ़ में ट्रैक्टर ट्रॉली दुर्घटना के मृतकों के परिजन के घर जाकर संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। मंत्री डॉ. शाह ने मृतकों के परिजन को हर संभव मदद प्रदान किये जाने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने दुर्घटना के घायलों के हर संभव इलाज के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने मेडिकल कॉलेज खंडवा के अधीक्षक डॉक्टर रंजीत बडोले से फोन पर बात कर दुर्घटना के घायल मरीजों की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि आवश्यकता हो तो घायलों को उच्च स्तरीय उपचार के लिये इंदौर रेफर किया जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार एयरश्री एंबुलेंस सुविधा की मदद भी लें। मंत्री डॉ. शाह ने इस दौरान मृतकों के परिवार की बेटी सोनू और पिंकी खरते का अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के छात्रावास में एडमिशन कराने के निर्देश भी दिए।  

भारी भगदड़ के बाद विजय का बड़ा कदम, पीड़ित परिवारों को मिलेगी आर्थिक मदद

करूर करूर में भगदड़ के बाद तमिलगा वित्रा कजगम (TVK) चीफ और ऐक्टर विजय ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इस रैली में जिन लोगों की जान गई है उनके परिवारों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। बता दें कि शनिवार को तमिलनाडु के करूर में मची भगदड़ में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये देने का ऐलान किया था। शनिवार को ऐक्टर से राजनेता बने विजय ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया था। इसमें 10 हजार लोगें के पहुंचने का अनुमान था। हालांकि पहुंचने वालों की संख्या 27 हजार को भी पार कर गई। लोग सुबह से ही विजय का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में वे गर्मी और भूख-प्यास से परेशान थे। ऐक्टर विजय शाम को 7 बजे के बाद पहुंचे। उनके भाषण के दौरान ही लोग बेहोश होकर गिरने लगे और भगदड़ मच गई। इसमें करीब 39 लोगों की मौत हो गई और 100 के करीब लोग घायल हो गए। घटना को लेकर राजनीति गलियारों में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को ही तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से करूर में अभिनेता एवं टीवीके प्रमुख विजय की रैली में मची भगदड़ के बाद की स्थिति की जानकारी ली और उन्हें स्थिति से निपटने के लिए हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव के. पलानीस्वामी ने रविवार को दावा किया कि शनिवार को यहां टीवीके की राजनीतिक रैली में हुई भगदड़ पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा में हुई चूक का सबूत है। पलानीस्वामी ने कहा कि अगर पुलिस और राज्य सरकार ने पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए होते तो ऐसी ‘‘त्रासदी’’ टाली जा सकती थी। इस हादसे में 39 बेकसूर लोगों की जान चली गई और 51 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पलानीस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विजय की तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) की सभा में सुरक्षा चूक के सबूत हैं। बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण अफरा-तफरी और भगदड़ मची। टीवीके को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए एहतियाती कदम उठाने चाहिए थे, क्योंकि उसने अब तक चार सभाएं की हैं।’’  

रायपुर में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दिव्यांग युवक को दी स्कूटी, कहा- आगे बढ़ने से मत रुको

 रायपुर उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा के कवर्धा विधायक कार्यालय में आज एक भावुक पल देखने को मिला। जब बोड़ला विकासखंड के ग्राम घोंघा निवासी अमर मरकाम, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। उन्होंने अपनी पीड़ा उप मुख्यमंत्री के समक्ष व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बाहर आने-जाने में उन्हें अत्यधिक कठिनाई होती है और उन्हें स्कूटी की आवश्यकता है। अमर मरकाम की व्यथा सुनते ही उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अत्यंत संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्काल उन्हें स्कूटी प्रदान की।  उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जरूरतमंदों तक वास्तविक रूप से पहुंचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता समाज के अंतिम छोर तक विकास और सुविधा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी असमर्थताओं के कारण कठिनाई झेल रहे हैं, उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना ही सच्ची जनसेवा है। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार समाज के कमजोर, वंचित और दिव्यांग वर्ग के साथ खड़ी है। सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है, जिससे हर व्यक्ति सम्मानपूर्वक और आत्मनिर्भर जीवन जी सके। अमर मरकाम को दी गई स्कूटी केवल एक सहायता नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता और आमजन के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस पहल ने पूरे जिले में संदेश दिया है कि जरूरतमंद की आवाज सरकार तक न केवल पहुंचती है, बल्कि उस पर त्वरित कार्रवाई भी होती है।

विपक्ष का सरकार पर निशाना, विजय शाह की बर्खास्तगी को लेकर विधानसभा में हंगामा

 भोपाल  मध्य प्रदेश विधानसभा में जनजातीत कार्य, भोपाल गैस राहत त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भोपाल गैस पीड़ित समिति की अनुशंसाओं को लेकर प्रश्न पूछा था। मंत्री विजय शाह को इसका जवाब देना था। लेकिन तभी कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने मंत्री पर महिला सैन्य अधिकारी का अपमान करने का आरोप लगा दिया। विपक्ष ने जमकर की नारेबाजी इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और फिर आसंदी के सामने आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने सबको अपने स्थान पर जाने और प्रश्नकाल में बात करने के लिए बार-बार आग्रह किया, लेकिन स्थिति नहीं संभली। इस बीच सत्ता पक्ष से भी नारेबाजी होने लगी। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सेना का अपमान करने वाले सेना के सम्मान की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान और चीन का सपोर्ट करते हैं। इसके बाद सत्ता पक्ष से भी नारेबाजी हुई। थोड़ी देर बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सदन में उपस्थित थे। मीडिया से बचते नजर आए विजय शाह मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन मंत्री विजय शाह को लेकर बवाल मच गया। विपक्ष ने विजय शाह को सदन से बाहर करने की मांग की और इस्तीफा दो के नारे लगाए। आसंदी के पास पहुंचकर धरना दिया। भारी हंगामे के बीच कार्यवाही को प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद मंत्री विजय शाह सदन से बाहर निकले। इस दौरान मीडिया ने उनसे सवाल किया, लेकिन वे बचते नजर आए। सदन के अंदर से लेकर मीडिया के कैमरे पर भी सवालों की बौछार के बीच मुस्कुराते रहे। जब तक इस्तीफा नहीं होगा छोड़ेंगे नहीं- नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बीजेपी को हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की टीप और सुनवाई सुनाई नहीं देती है। भाजपा देश की भावनाओं को नहीं समझती है। 1971 की लड़ाई नहीं समझती है। बीजेपी हर मोर्चे पर विफल रही है, सिर्फ बहाने बनाती है, बयान पलटती है। न राष्ट्रभक्ति की बात करती है न देश प्रेम की बात करती, बीजेपी सिर्फ राजनीति करती है। विजय शाह ने हमारी बहन हमारी सेना के मान का अपमान किया है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह इनका देश प्रेम नहीं मंत्री प्रेम है, जब तक इस्तीफा नहीं होगा हम छोड़ेंगे नहीं। उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि देश का अपमान करने वालो की सदन में कोई जगह नहीं है। जबसे मंत्री विजय ने देश की बेटी का अपमान किया, हम उसी दिन से विरोध कर रहे है। हम इस्तीफा लेकर रहेंगे। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि चीन हो या पाकिस्तान किसने की जासूसी, किसके पाकिस्तानी एजेंट पकड़ाए यह जनता के सामने हैं। बीजेपी की राष्ट्रभक्ति सिर्फ छलावा है। कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि बात देश की हो या प्रदेश की हर मामले में सदन से लेकर सड़क बीजेपी भागती है। यही भाजपा का चेहरा है। विजय शाह के मामले में सरकार में बात करने का दम नहीं है। किस मुंह से देश प्रेम की बात कह रहे- मंत्री सारंग मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने आज फिर सदन की गरिमा को तार-तार किया। ये किस मुंह से देश प्रेम की बात कह रहे है। लोकसभा में राहुल गांधी ने देश और सेना का अपमान किया। विपक्ष चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलता है। कांग्रेस का मकसद ही देश द्रोह के साथ देश का अपमान करना है।

विजय शाह के खिलाफ कांग्रेस की दूसरी सुप्रीम कोर्ट याचिका, पद से हटाने की उठी मांग

भोपाल  कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिला कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की है. जिसमें मंत्री को पद से हटाने की मांग गई है. नेता ने अपनी याचिका में कहा है कि मंत्री शाह का आचरण संविधान के अनुच्छेद 164 (3) के तहत ली गई शपथ का उल्लंघन करता है. जिसके आधार पर याचिकाकर्ता ने मंत्री के खिलाफ क्वो-वारंटो रिट जारी करने की मांग की है, ताकि उन्हें मंत्री पद से हटाया जा सके। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि डॉ. अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित एक समारोह के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. याचिका में कहा गया है कि ये टिप्पपणी किसी और के लिए नहीं बल्कि कर्नल सोफिया के लिए हो सकती है. कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि डॉ. अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित एक समारोह के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. याचिका में कहागया है कि ये टिप्पपणी किसी और के लिए नहीं बल्कि कर्नल सोफिया के लिए हो सकती है. कार्यक्रम में दिया था विवादित बयान दरअसल मंत्री विजय शाह ने मध्य प्रदेश के मही में जलसंरक्षण कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसको लेकर काफी हंगामा मचा था. देशभर में मंत्रीय के बयान की निंदा की गई थी उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने मंत्री शाह के बयान कको शर्मनाक बताया था और इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी. 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा.’ ऑपरेशन सिंदूर की दी थी जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ने एक साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमें इस ऑपरेशन को लेकर तमाम तरह की जानकारियां दी थीं और बताया था कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने इस ऑपरेशन को अंजाम देकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी. कर्नल सोफिया कुरैशी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चेहरा बन गई थीं. मंत्री के बयान पर मचा बवाल इधर मंत्री के बयान पर बवाल मच गया और मामला कोर्ट तक पहुंच गया. हाई कोर्ट ने उनकी टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई की थी और मंत्री शाह को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में SIT को जांच के निर्देश भी दिए थे. तीन सदस्यीय SIT का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 19 मई को देर शाम को ही तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया था. 20 मई से जांच शुरू की गई और इस मामले में 125 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. तीन सदस्यीय SIT टीम में सागर रेंज के तत्कालीन IG प्रमोद वर्मा के साथ तत्कालीन SAF DIG कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी SP वाहिनी सिंह को शामिल किया गया था. 20 मई को SIT ने विजय शाह केस की जांच शुरू की. 21 मई को SIT टीम महू के रायकुंडा गांव भी पहुंची थी, जहां मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी. SIT ने 22 मई को बेस कैंप में लोगों के बयान दर्ज करना शुरू किए. कार्यक्रम में शामिल 125 से ज्यादा लोगों को बुलाया. ये सिलसिला 5 दिन तक चला. इसमें वीडियो बनाने वाले पत्रकार से लेकर पूर्व मंत्री और स्टूडेंट से लेकर कुलपति तक के बयान दर्ज किए गए थे. कार्यक्रम में दिया था विवादित बयान दरअसल मंत्री विजय शाह ने मध्य प्रदेश के मही में जलसंरक्षण कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसको लेकर काफी हंगामा मचा था. देशभर में मंत्रीय के बयान की निंदा की गई थी उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने मंत्री शाह के बयान कको शर्मनाक बताया था और इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी. मंत्री विजय शाह ने क्या कहा था 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा.’ ऑपरेशन सिंदूर की दी थी जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ने एक साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमें इस ऑपरेशन को लेकर तमाम तरह की जानकारियां दी थीं और बताया था कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने इस ऑपरेशन को अंजाम देकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी. कर्नल सोफिया कुरैशी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चेहरा बन गई थीं. मंत्री के बयान पर मचा बवाल इधर मंत्री के बयान पर बवाल मच गया और मामला कोर्ट तक पहुंच गया. हाई कोर्ट ने उनकी टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई की थी और मंत्री शाह को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में SIT को जांच के निर्देश भी दिए थे. तीन सदस्यीय SIT का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 19 मई को देर शाम को ही तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया था. … Read more