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राज्योत्सव 2025: एयर शो से लेकर डिजिटल संग्रहालय तक, PM मोदी देंगे बच्चों से मुलाकात और आवास की सौगात

रायपुर  छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर को 25वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा. वहीं इस बार राज्योत्सव को 3 दिन से बढ़ाकर 5 दिन तक मनाया जाएगा. 1 से 5 नवंबर तक नवा रायपुर में भव्य आयोजन होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे, जबकि उपराष्ट्रपति समापन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. 1 से 5 नवंबर तक नवा रायपुर में भव्य आयोजन होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे, जबकि उपराष्ट्रपति समापन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। पीएम 31 अक्टूबर की शाम को रायपुर पहुंचेंगे। इसके साथ प्रदेश में पहली बार भारतीय वायुसेना की टीम एयर शो करेगी। देश के पहले आदिवासी डिजिटल संग्रहालय का होगा उद्घाटन भी किया जाएगा। राज्योत्सव में वायुसेना की सूर्यकिरण टीम करेगी एयरशो वहीं राज्योत्सव के मौके पर पहली बार छत्तीसगढ़ में पहली बार भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम शानदार एयर शो पेश करेगी. यह प्रदर्शन 5 नवंबर की सुबह सेन्ध तालाब के ऊपर होगा. करीब 40 मिनट तक चलने वाले इस शो में 9 फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट आसमान में एक साथ फॉर्मेशन फ्लाइंग और एयरोबेटिक स्टंट्स का रोमांचक प्रदर्शन करेंगे, जो राज्योत्सव के 25वें वर्ष को खास बना देगा। आवास योजना के तहत गृह प्रवेश कराया जाएगा गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ सांस्कृतिक नहीं होगा, बल्कि इस दौरान लाखों परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गृह प्रवेश भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा, “राज्योत्सव छत्तीसगढ़ की आत्मा को महसूस करने और उसे नई ऊंचाई देने का अवसर बनेगा।” पहली बार राज्योत्सव में एयर-शो छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर राजधानी रायपुर में पहली बार भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम शानदार एयर शो पेश करेगी। यह प्रदर्शन 5 नवंबर की सुबह सेन्ध तालाब के ऊपर होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। करीब 40 मिनट तक चलने वाले इस शो में 9 फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट आसमान में एक साथ फॉर्मेशन फ्लाइंग और एयरोबेटिक स्टंट्स का रोमांचक प्रदर्शन करेंगे, जो राज्योत्सव के 25वें वर्ष को खास बना देगा। ’25 सालों की विकास यात्रा’ थीम पर लगेगी प्रदर्शनी राज्योत्सव में ’25 सालों की विकास यात्रा’ थीम पर आधारित प्रदर्शनी लगायी जाएंगी. इसमें विभिन्न विभागों के विकास योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यकमों में स्थानीय कलाकार भी प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा. देश का पहला आदिवासी डिजिटल संग्रहालय होगा शुरू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर नवा रायपुर अटल नगर में बने शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर तैयार यह देश का पहला डिजिटल संग्रहालय होगा. इसके अलावा वे सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे. राज्य सरकार ने इन कार्यक्रमों को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. सुरक्षा व्यवस्था से लेकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों तक, हर पहलू को भव्य और जनभागीदारी से भरपूर बनाने की कोशिश हो रही है. देश के पहले आदिवासी डिजिटल संग्रहालय का होगा उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर नवा रायपुर अटल नगर में बने शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर तैयार यह देश का पहला डिजिटल संग्रहालय होगा। इसमें छत्तीसगढ़ के 16 आदिवासी विद्रोहों की झलक देखने-सुनने को मिलेगी। संग्रहालय में वीर नारायण सिंह, सोनाखान विद्रोह, भूमकाल आंदोलन जैसे प्रसंगों की डिजिटल प्रस्तुति की गई है। सरगुजा कलाकारों की नक्काशी, 1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति और 14 थीम आधारित गैलरियां इसकी खासियत होंगी। यह संग्रहालय आदिवासी शौर्य, बलिदान और गौरवगाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रतीक बनेगा। नए विधानसभा भवन का शुभारंभ करेंगे मोदी नवा रायपुर में निर्मित छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन अब पूरी तरह तैयार है। 1 नवंबर को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। यह भवन आधुनिक और सर्वसुविधायुक्त है, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा की झलक दिखाई देगी। सदन की सीलिंग में धान की बालियों की सुंदर नक्काशी की गई है। भवन को 3 सेक्टरों में विभाजित किया गया है और सभी सिविल कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शांति शिखर का शुभारंभ, बच्चों से मिलेंगे पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवा रायपुर में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग सेंटर “एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड- शांति शिखर” का शुभारंभ करेंगे। यह केंद्र विश्व शांति, आध्यात्मिकता और मानव मूल्यों के प्रसार के लिए समर्पित रहेगा। इसी दिन प्रधानमंत्री सत्य साई हॉस्पिटल में हृदय संबंधी ऑपरेशन करवा चुके बच्चों से भी मुलाकात करेंगे।वे उनके स्वास्थ्य और उपचार की जानकारी लेकर चिकित्सा टीम से भी बातचीत करेंगे। रजत जयंती वर्ष की शुरुआत, पूरे साल चलेगा उत्सव छत्तीसगढ़ को बने 24 साल पूरे हो चुके हैं और अब राज्य अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। सरकार ने इसे “रजत जयंती वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, खानपान, लोकनृत्य और खेलों को समर्पित विभिन्न कार्यक्रम होंगे। हर महीने अलग थीम पर आयोजन किए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य है कि गांव से लेकर शहर तक, और पंचायत से लेकर राजधानी तक, हर स्तर पर लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ा जाए। राज्योत्सव में प्रदेश के सभी जिलों से कलाकार, लोक-नर्तक, और हस्तशिल्पी शामिल होंगे। पिछली यात्रा में कई योजनाओं की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले अप्रैल 2024 में छत्तीसगढ़ आए थे। उस दौरान उन्होंने सक्ति, धमतरी और अंबिकापुर में जनसभाएं की थीं। बाद में मार्च 2025 में बिलासपुर दौरे पर कई विकास योजनाओं की शुरुआत की थी। इस बार उनके राज्योत्सव में शामिल होने से बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है। जीत के बाद बीजेपी सरकार का पहला राज्योत्सव 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी। कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मिली थी। भाजपा सरकार बनने के बाद यह पहला राज्योत्सव है। इसलिए पार्टी और सरकार दोनों इसे “नए छत्तीसगढ़ की शुरुआत” के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करने जा रही हैं। भव्य सजावट, लोक संस्कृति के प्रदर्शन, और विकास योजनाओं की घोषणाओं के साथ यह राज्योत्सव न केवल उत्सव का प्रतीक होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मगौरव यात्रा के 25 सालों का भी उत्सव होगा। तीन डोम … Read more

CM साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्रांति, जशपुर-बस्तर में बने 4 नए कॉलेज

रायपुर  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ शासन ने जशपुर और बस्तर जिलों में चार नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ये महाविद्यालय फरसाबहार (जशपुर), करडेगा (जशपुर), नगरनार (बस्तर) और किलेपाल (बस्तर) में खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इससे आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उनके अपने क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। अब छात्रों को पढ़ाई के लिए अपने घरों से दूर अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने शिक्षा को प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला बताया और कहा कि सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन और बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इन चार महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 और प्रयोगशाला कर्मी शामिल हैं। राज्य शासन ने महाविद्यालयों में कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन महाविद्यालयों की स्थापना फरसाबहार (जिला-जशपुर), करडेगा (जिला-जशपुर), नगरनार (जिला-बस्तर) तथा किलेपाल (जिला-बस्तर) में की जाएगी।मुख्यमंत्री की इस पहल से जशपुर एवं बस्तर जैसे जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अब उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। अच्छी शिक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन व बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इन पदों पर होगी भर्ती गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है. स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 और प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं. दूरस्थ अंचलों की बेटियों और बेटों को अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए अब अपने घरों से दूर अन्यत्र नही जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 एवं प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री साय की इस पहल से आदिवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं की शिक्षा, रोजगार एवं कौशल वृद्धि के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को गति मिलेगी। इस पहल से न केवल आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को इस कदम से नई गति मिलने की उम्मीद है। 

रायपुर से उठी पहचान की गूंज, छत्तीसगढ़ ने फिर रचा कीर्तिमान

रायपुर : छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर बनाई अपनी पहचान राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को किया सम्मानित: आदि कर्मयोगी अभियान और पीएम जनमन योजना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित जनजातीय सशक्तिकरण के क्षेत्र में पांच जिलों को मिली राष्ट्रीय पहचान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं मंत्री श्री नेताम ने दी बधाई एवं शुभकामनाएं राष्ट्रपति के हाथों राज्य सरकार की ओर से प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने किया सम्मान ग्रहण  रायपुर छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर अपनी सशक्त पहचान दर्ज कराई है। आदि कर्मयोगी अभियान और प्रधानमंत्री जनमन योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए राज्य को आज भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य’ के रूप में सम्मानित किया गया। यह सम्मान राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। राज्य सरकार और जनजातीय विकास विभाग की ओर से यह सम्मान प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने राष्ट्रपति के करकमलों से प्राप्त किया।  प्रमुख सचिव श्री बोरा ने इस मौके पर पीएम जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में जनजातियों और विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यो के संबंध में विस्तार से प्रस्तुती दी। वहीं मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी की कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने जिलों में जनजातियों के विकास में किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुआल ओराम तथा राज्य मंत्री श्री दुर्गा दास उइके, जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर भी उपस्थित थे।     मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस उपलब्धि पर समस्त विभागीय अधिकारियों और फील्ड टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान राज्य के उन कर्मयोगियों के परिश्रम और समर्पण की पहचान है, जिन्होंने जनजातीय सशक्तिकरण को धरातल पर साकार किया है। कार्यक्रम में धमतरी और कोरिया जिलों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इसके साथ ही जनजाति विभाग के स्टेट ट्रेनर श्री ललित शुक्ला को भी व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त हुआ। आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत मोहला-मानपुर, बालोद, दंतेवाड़ा और धमतरी जिलों को ‘स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड’ मिला, जो इस बात का प्रमाण है कि जनजातीय सेवा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को राज्य के प्रत्येक जिले में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। इस मौके धमतरी कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा, कोरिया कलेक्टर श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी, बालोद कलेक्टर श्रीमती दिव्या मिश्रा एवं दंतेवाड़ा कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत उपस्थित थे। आदिम जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम ने इस उपलब्धि पर पूरे विभाग को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जनजातीय विकास विभाग ने जन-कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर सफलतापूर्वक लागू किया है। उन्होंने कहा कि “यह पुरस्कार हमारे अधिकारियों, फील्ड कर्मचारियों और उन जनप्रतिनिधियों की मेहनत का परिणाम है, जो राज्य के दूरस्थ अंचलों तक योजनाओं की रोशनी पहुँचाने में दिन-रात जुटे हैं।” गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ ने हाल के वर्षों में जनजातीय शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के क्षेत्र में कई अभिनव कदम उठाए हैं। आदि कर्मयोगी अभियान ने प्रशासनिक दक्षता को नई दिशा दी है, वहीं पीएम जनमन योजना ने आदिवासी समाज के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार लाया है। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के जनजातीय कल्याण विभागों के अधिकारी, परियोजना निदेशक, विकास सहयोगी संस्थाएँ और जनजातीय प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए।

ललमोतिया की दिवाली: मिट्टी के दीयों से रोशन होंगे घर-आंगन, इस बार होगा खास उत्सव

मिट्टी के दीयों से घर-आंगन जगमगाने वाली ललमोतिया की दिवाली इस बार होगी खास महतारी वंदन योजना से मिली आर्थिक मदद से बढ़ाया उत्पादन, दोगुनी हुई कमाई रायपुर अम्बिकापुर जिले के ग्राम कुमरता की कुम्हार महिला ललमोतिया की इस बार की दिवाली पहले से कहीं ज्यादा खास रहने वाली है। मिट्टी के दीये बनाकर लोगों के घरों को रोशन करने वाली ललमोतिया की मेहनत को अब शासन की महतारी वंदन योजना से नया सहारा मिला है। योजना से मिली आर्थिक सहायता के चलते उन्होंने इस वर्ष दीयों और कलशों की मात्रा बढ़ाई, जिससे उनकी कमाई दोगुनी हो गई है। ललमोतिया बताती हैं कि यह उनका पारंपरिक व्यवसाय है वे मिट्टी से दीये, कलश और अन्य सामग्री बनाकर जीवन-यापन करती हैं। पहले सीमित आमदनी के कारण उत्पादन बढ़ाना मुश्किल था, क्योंकि मिट्टी की व्यवस्था से लेकर भट्टी में पकाने तक हर चरण में मेहनत और खर्च दोनों अधिक लगते थे। लकड़ी, कोयला और अन्य सामग्रियों की व्यवस्था करने में भी कठिनाई होती थी।     उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत हर माह मिलने वाले एक हजार रुपये को उन्होंने बचाकर दिवाली के लिए उपयोग किया। इस राशि से आवश्यक सामग्री खरीदी और उत्पादन की मात्रा बढ़ा दिया। अब वे पहले की तुलना में अधिक दीये बना रही हैं, जिससे बिक्री और आय दोनों में वृद्धि हुई है। पहले वे केवल अपने गांव के बाजार में सामग्री बेचती थीं, पर अब नवानगर, दरिमा, कर्रा और टपरकेला जैसे आसपास के बाजारों में भी अपने उत्पाद बेचने जाती हैं। ललमोतिया कहती है कि पहले लगा था कि पारंपरिक काम छोड़कर मजदूरी करनी पड़ेगी, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमारी उम्मीदों को फिर से जगाया। इस योजना ने न केवल हमारी आर्थिक स्थिति सुधारी है बल्कि हमारी कला और परंपरा को भी संजोने का अवसर दिया है।     मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना उनके परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस बार उनकी भी दिवाली खुशियों और रोशनी से भरपूर होगी।

दण्डकारण्य में बड़ा आत्मसमर्पण: 200 से अधिक नक्सली छोड़ेंगे हिंसा का रास्ता

बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक सफलता — दण्डकारण्य क्षेत्र के 200 से अधिक माओवादी कैडर करेंगे आत्मसमर्पण रायपुर राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और निरंतर सशक्त रणनीतिक प्रयासों के परिणामस्वरूप दण्डकारण्य क्षेत्र के लगभग 200 माओवादी कैडर, जिनमें वरिष्ठतम हार्डकोर कैडर भी शामिल हैं, ने हिंसा का मार्ग त्यागकर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। इन आत्मसमर्पित माओवादी कैडरों के औपचारिक पुनर्समावेशन समारोह का आयोजन शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को प्रातः 11:00 बजे, रिज़र्व पुलिस लाइन, जगदलपुर (जिला बस्तर) में किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय तथा उपमुख्यमंत्री (गृहमंत्री)  विजय शर्मा उपस्थित रहेंगे। यह निर्णायक और ऐतिहासिक घटनाक्रम मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन की उस नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसमें शांति, संवाद और विकास को केंद्र में रखकर विश्वास और पुनर्वास का वातावरण निर्मित किया गया है। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर की वास्तविक शक्ति उसके लोगों की आत्मनिर्भरता, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक सम्मान में निहित है। इन्हीं मूल्यों पर आधारित शासन की नीति ने अब दण्डकारण्य के भीतरी इलाकों तक नई उम्मीद और परिवर्तन का संदेश पहुँचाया है।यह अवसर बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक निर्णायक मोड़ का प्रतीक बनेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में शासन ने न केवल सुरक्षा मोर्चे पर ठोस पहल की है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों, संचार और आजीविका से जुड़े विकास कार्यों के माध्यम से स्थायी शांति की आधारभूमि भी तैयार की है।यह सफलता पुलिस और सुरक्षा बलों की रणनीतिक मुहिम, स्थानीय प्रशासन के समन्वित प्रयासों, तथा जागरूक समाज और जनप्रतिनिधियों की रचनात्मक भागीदारी का भी परिणाम है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर दीपावली से पूर्व कर्मचारियों को अग्रिम वेतन का तोहफा

रायपुर  दीपावली के शुभ अवसर पर राज्य शासन ने अपने शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए माह अक्टूबर 2025 का वेतन 17 एवं 18 अक्टूबर को अग्रिम रूप से भुगतान करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने सभी विभागों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मेरे लिए शासन केवल तंत्र नहीं, बल्कि उन कर्मठ साथियों का परिवार है जो पूरे मन से जनता की सेवा में लगे हैं। दीपावली पूर्व अग्रिम वेतन भुगतान का यह निर्णय उसी आत्मीयता का प्रतीक है — कि सरकार अपने हर साथी की खुशियों में सहभागी बने और हर घर में उजियारा तथा प्रसन्नता फैले। उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व प्रसन्नता, एकता और उत्साह का प्रतीक है। शासन का उद्देश्य है कि प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी इस पर्व को परिवार सहित उल्लासपूर्वक मना सके और किसी प्रकार की आर्थिक असुविधा का सामना न करना पड़े। वेतन भुगतान की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संपन्न करने हेतु राज्य के सभी कोषालय एवं उपकोषालय 18 अक्टूबर (शनिवार, अवकाश दिवस) को भी खुले रहेंगे, ताकि किसी कर्मचारी को भुगतान प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। राज्य शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि मजदूरी, मानदेय एवं पारिश्रमिक जैसे अन्य मदों में भी नियमानुसार अग्रिम भुगतान किया जा सकेगा।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दीपावली पूर्व अग्रिम वेतन भुगतान से न केवल शासकीय कर्मचारियों को आर्थिक सुविधा और राहत प्राप्त होगी, बल्कि इससे जीएसटी बचत उत्सव के दौरान राज्य के बाजारों में रौनक, व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि और आर्थिक प्रवाह में तीव्रता आएगी। इससे स्थानीय व्यापारियों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को भी प्रत्यक्ष लाभ होगा तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में उत्सव और विश्वास का वातावरण बनेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन का हर निर्णय अपने कर्मठ साथियों की खुशियों और सम्मान से जुड़ा है। दीपावली से पहले अग्रिम वेतन भुगतान उसी आत्मीय भावना का प्रतीक है कि हर घर में उजियारा फैले और हर हृदय में प्रसन्नता एवं विश्वास का दीप जले।

डॉ. रमन सिंह के गुणों की सराहना, CM साय बोले – मितभाषिता और सेवा ही उनकी पहचान

राजनांदगांव  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजनांदगांव के स्टेट स्कूल ग्राउंड में युवा वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित भव्य समारोह में  विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डॉ. रमन सिंह जी जन-जन के नेता हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ को नई दिशा दी। प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है कि वे दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें और अपना मार्गदर्शन इसी तरह देते रहें। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज हम एक ऐसे व्यक्तित्व का जन्मदिन मना रहे हैं, जिन्होंने पंद्रह वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास का नया इतिहास रचा।  उन्होंने कहा कि  डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का ऐसा प्रभावी मॉडल तैयार हुआ, जिसे पूरे देश ने अपनाया। गरीबों और वंचितों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की यह योजना आज भी उनकी संवेदनशीलता की मिसाल है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए धान खरीदी की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया और किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य दिलाया। आज छत्तीसगढ़ अपने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का भुगतान कर रहा है तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक की खरीदी कर रहा है — यह उनके द्वारा स्थापित मॉडल की निरंतरता है। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। विशेषकर जनजातीय अंचलों में स्कूलों और अस्पतालों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। यही कारण है कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी दंतेवाड़ा के एजुकेशन सिटी पहुँचे, तो वहाँ के बच्चों से मिलकर उन्होंने राज्य की इस उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि सादगी और मितभाषिता डॉ. रमन सिंह के स्वभाव की पहचान है। वे अपनी विशाल उपलब्धियों के बावजूद सदैव विनम्र रहे हैं। छोटे-बड़े हर व्यक्ति से वे सहजता से मिलते हैं और हर किसी पर अपनी सौम्य व्यक्तित्व की गहरी छाप छोड़ते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रही है। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में विधानसभा ने कई नवाचार किए हैं, जैसे प्रबोधन कार्यक्रम, जिसमें विधायकों को संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की गहन समझ दी गई। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से वातावरण को सुरमयी बना दिया।  इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल,  राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।  

विश्व मानक दिवस पर मुख्यमंत्री ने दिलाई गुणवत्ता शपथ, कहा — हर क्षेत्र में पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकार और नवाचार सर्वोपरि

रायपुर : गुणवत्ता और मानक ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान — मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय गुणवत्ता और मानक ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान — मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय विश्व मानक दिवस पर मुख्यमंत्री ने दिलाई गुणवत्ता शपथ, कहा — हर क्षेत्र में पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकार और नवाचार सर्वोपरि विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान कर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा रही है और इसके माध्यम से मिलावट व नकली वस्तुओं के कारोबार पर प्रभावी रोक लगी है। मुख्यमंत्री  साय आज राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनों को गुणवत्ता शपथ दिलाते हुए मानकीकृत उत्पादों को बढ़ावा देने और बीआईएस के प्रयासों में भागीदारी निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मानकों की स्थापना में विशेष योगदान देने वाले मानक क्लबों, संस्थाओं और मेंटर्स का सम्मान किया। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था देशभर में गुणवत्ता की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि एक समय था जब सोने जैसी धातुओं की शुद्धता का पता लगाना कठिन था, लेकिन आज हर उपभोक्ता बीआईएस हॉलमार्क देखकर ही आभूषण खरीदता है। बीआईएस का हॉलमार्क अब उपभोक्ता भरोसे का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने बताया कि बीआईएस द्वारा बोतलबंद पानी, हेलमेट, खिलौने, गहनों से लेकर करीब 22 हजार वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच मानक चिन्हों के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मानकों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और मानकीकरण के कारण आज देश के गांव और कस्बों में बने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना रहे हैं। मुख्यमंत्री  साय ने उपस्थित जनों से मानक चिन्हों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि “विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही पूरा होगा।” उन्होंने कहा कि गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री  दयालदास बघेल ने कहा कि विश्व मानक दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं और समाज में मानकीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह हमारे वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के प्रयासों को सराहने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि देश तेजी से विकास कर रहा है और गुणवत्ता सुधार अब केवल नीति नहीं, बल्कि एक संकल्प बन चुका है।  बघेल ने कहा कि “जागो ग्राहक जागो” का संदेश उपभोक्ताओं को सजग और जागरूक रहने की प्रेरणा देता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को समाज में आगे बढ़ाएं, ताकि उपभोक्ता संरक्षण और अधिक सशक्त हो सके। भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक  एस. के. गुप्ता ने कहा कि बीआईएस का प्रत्येक मानक उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को समर्पित है। उन्होंने बताया कि उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और ब्यूरो इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।  गुप्ता ने ब्यूरो द्वारा संचालित गतिविधियों और विभिन्न उत्पादों के मानकीकरण की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीआईएस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में निर्मित हर उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरे। मुख्यमंत्री ने मानक महोत्सव में विभिन्न स्टालों का किया अवलोकन विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तथा अन्य संस्थानों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने मानक स्थापना से जुड़ी गतिविधियों और संस्थाओं की कार्यप्रणाली की जानकारी ली और उनके प्रयासों की सराहना की। सिपेट रायपुर के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि संस्था प्रदेश के युवाओं को लघु एवं दीर्घकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, साथ ही उद्योगों को गुणवत्ता परामर्श और तकनीकी सलाह भी उपलब्ध कराती है। मुख्यमंत्री ने सिपेट की पहल की सराहना की और इसे उद्योग-शिक्षा समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। बीआईएस की रायपुर शाखा द्वारा लगाए गए स्टॉल में उपभोक्ता जागरूकता संबंधी गतिविधियों की जानकारी दी गई। प्रतिनिधियों ने बताया कि बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से उपभोक्ता स्वयं आईएसआई, एचयूआईडी और हॉलमार्क युक्त आभूषणों की प्रमाणिकता जांच सकते हैं। ऐप के जरिए उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित शिकायतें दर्ज करने और आईएसआई मुहर के दुरुपयोग की सूचना देने की सुविधा भी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने इस पहल को उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया। शैक्षणिक संस्थानों के नवाचारी स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र मानक महोत्सव में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा लगाए गए नवाचार आधारित स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बने। मुख्यमंत्री  साय ने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित नवाचारों का अवलोकन किया और उनके रचनात्मक प्रयासों की सराहना की। गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बिरकोनी के विद्यार्थियों ने रक्तचाप जांचने की मशीन और मिट्टी की नमी मापने की मशीन तैयार की। पंडित आर. डी. तिवारी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्रों ने “एक्सप्लोरर रोबोट” प्रस्तुत किया, जो अंधेरे और दुर्गम स्थानों में रास्ता खोजने में सक्षम है। यह रोबोट खदानों और औद्योगिक स्थलों पर उपयोगी सिद्ध हो सकता है। वहीं गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल अंडा के विद्यार्थियों ने स्मार्ट ट्रेन का मॉडल तैयार किया, जो विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी है। मुख्यमंत्री  साय ने विद्यार्थियों से चर्चा की, उनके नवाचारी कार्यों की जानकारी ली और उनकी रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा —“युवाओं की सोच में जब गुणवत्ता और नवाचार जुड़ता है, तभी भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर होता है।” मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि गुणवत्ता सिर्फ उद्योग या उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन के हर पहलू का संस्कार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि “मानक केवल नियम नहीं, राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं।” मुख्यमंत्री … Read more

250 गांवों तक पहुँची बस सुविधा, मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का दिखा असर

रायपुर राज्य शासन द्वारा ग्रामीण अंचलों में लोगों को सस्ती और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना’ लागू की गई है। योजना का प्रथम चरण बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों में शुरू किया गया है। अब तक 34 चयनित मार्गों में से 33 बसों का संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिससे कुल 250 नए गाँवों को पहली बार बस सुविधा मिली है। परिवहन मंत्री  केदार कश्यप ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ऐसे ग्रामों को जनपद मुख्यालय, तहसील, नगरीय क्षेत्र और जिला मुख्यालय से जोड़ना है, जहाँ पहले बस सुविधा नहीं थी। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा, रोजगार के अवसर और आपसी संपर्क में बढ़ोतरी मिली है, जिससे ग्राम विकास को नई दिशा मिल रही है। परिवहन सचिव  एस. प्रकाश ने बताया कि राज्य शासन द्वारा बस संचालकों को प्रोत्साहन के रूप में प्रथम वर्ष में 26 रूपए, द्वितीय वर्ष में 24 रूपए तथा तृतीय वर्ष में 22 प्रति किलोमीटर की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही बस संचालकों को मासिक कर से 3 वर्ष तक की पूर्ण छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बस मार्गों का चयन जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। चयनित मार्गों पर निविदा प्रक्रिया के माध्यम से सबसे कम वित्तीय दर देने वाले आवेदक को बस संचालन की अनुमति दी जाती है, जिसके बाद परमिट जारी किया जाता है। इस योजना के तहत सुकमा जिले में छह, नारायणपुर में 4, जगदलपुर में 1, कोंडागांव में 3, कांकेर में 5, दंतेवाड़ा में 1, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 2, सूरजपुर में 2, कोरिया में 3, जशपुर में 4 और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 2 बस का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, 9 नए मार्गों पर बस संचालन के लिए परमिट जारी करने की प्रक्रिया जारी है। उल्लेखनीय है कि विगत 5 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री  अमित शाह और मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने जगदलपुर में इस योजना की शुरुआत करते हुए बसों को हरी झंडी दिखाई। पहले चरण में यह योजना आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभागों के गांवों को कवर करेगी और 34 बसों के जरिए 34 मार्गों पर सेवाएं शुरू की जाएंगी जो 11 जिलों के 250 गांवों को जोड़ेंगी।

मुख्यमंत्री ने 1.98 लाख विद्यार्थियों के खाते में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृति ऑनलाईन अंतरित की

रायपुर : सुशासन की नई पहल : ऑनलाईन छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए समय-सीमा निर्धारित मुख्यमंत्री ने 1.98 लाख विद्यार्थियों के खाते में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृति ऑनलाईन अंतरित की एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए नई सुविधा  तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी अब ऑनलाईन मिलेगी छात्रवृत्ति नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में अंतरित की जाएगी राशि रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति का भुगतान अब उनके बैंक खाते में ऑनलाईन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री  साय ने आज मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में इन वर्गों के 1.98 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति ऑनलाईन अंतरित की।  प्रमुख सचिव  सोनमणि बोरा ने बताया कि प्री. मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति तथा शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में विद्यार्थियों को ऑनलाईन भुगतान किया जाएगा। इस पहल से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या से निजात मिलेगी। छात्रवृत्ति पहले विद्यार्थियों को दिसंबर एवं फरवरी-मार्च में वर्ष में एक बार छात्रवृति एवं शिष्यवृति की राशि प्रदान की जाती थी।  प्रमुख सचिव  बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री  साय के नेतृत्व में सुशासन की दिशा में लगातार हो रहे इन प्रयासों से शासन-प्रशासन को पूर्व की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक जवाबदेही एवं पारदर्शी बनाया गया है।  बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री  साय के हाथों आज आश्रम-छात्रावासों के 1 लाख 86 हजार 50 विद्यार्थियों को शिष्यवृति की द्वितीय किश्त की राशि 79 करोड़ 27 लाख रूपए एवं पो. मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12 हजार 142 विद्यार्थियों को 5 करोड़ 38 लाख 81 हजार रूपए विद्यार्थियों के बैंक खातों में राशि अंतरित की गई है।  प्रमुख सचिव  बोरा ने बताया कि विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति ऑनलाईन भुगतान की शुरूआत मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के हाथों पहली बार 10 जून 2025 को की गई थी। राज्य में संचालित सभी प्री. मैट्रिक छात्रावास एवं आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही शिष्यवृति की प्रथम किश्त राशि 77 करोड़ रूपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों हेतु भोजन सहाय की प्रथम किश्त के रूप में राशि 8.93 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 85 करोड़ रूपए की राशि जारी कर एक अभिनव पहल की गई थी। साथ ही इसके दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8370 विद्यार्थियों को छात्रवृति की राशि 6.2 करोड़ रूपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया था।  इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री  रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री  ओ.पी. चौधरी, राजस्व मंत्री  टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री  गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री  राजेश अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  सुबोध सिंह, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर भी उपस्थित थे।