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मुख्यमंत्री साय ने 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए 41 करोड़ 59 लाख रुपए की दी मंजूरी

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात मुख्यमंत्री साय ने 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए  41 करोड़ 59 लाख रुपए की दी मंजूरी जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात दी है।  शिक्षा और विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए जिले के विभिन्न विकासखंडों एवं ग्रामों में नए छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी है। छात्रावास भवनों के निर्माण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा क्योकि विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों और वंचित वर्गों के छात्रों को एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलेगा । जिले में 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए  41 करोड़ 59 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।              प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने छात्रावास भवनों के निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता और समयसीमा का पालन करने निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी के लिए विभागीय अधिकारियों और सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है। छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए मंजूरी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। जिले में नए छात्रावास भवन निर्माण के लिए पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास जशपुर के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लोदाम के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पैकु के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास मनोरा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बगीचा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास रौनी के लिए 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल के लिए 2 करोड़ 89 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास पतराटोली के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन दुलदुला  के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई है।                इसी प्रकार प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दुलदुला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कुनकुरी वार्ड 2 में 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 92 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास तपकरा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लवाकेरा 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल हैं। प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बटाईकेला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बागबहार 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन गाला के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है,जिसका निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा। जर्जर भवन से विद्यार्थियों को मिलेगी मुक्ति, सर्व सुविधायुक्त भवन का किया जाएगा निर्माण                 इन छात्रावास भवनों के बन जाने से जशपुर जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को सुरक्षित और आधुनिक आवासीय सुविधा मिलेगी। खासतौर पर आदिवासी एवं सुदूर अंचल के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ रहने और भोजन की सुविधा भी बेहतर ढंग से उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जिले वासियों ने जताया आभार           जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणा,  विद्यार्थियों  के अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा और आदिवासी बच्चों के भविष्य को नई दिशा प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय बगिया में ’जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति’ का किया शुभारंभ

रायपुर : प्रकृति और संस्कृति का संगम है जशपुर : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय बगिया में ’जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति’ का किया शुभारंभ जशपुर जम्बूरी से जिले के पर्यटन को मिल रही नयी पहचान, नए सीजन का आयोजन 06 से 09 नवंबर तक रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने   मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में पर्यटन एवं कृषि क्रांति का शुभारंभ किया। जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति इको टूरिज्म और होमस्टे से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम जशपुर के स्व सहायता समूह और किसानों को  इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इस अवसर पर झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कलेक्टर रोहित व्यास, एस एस पी शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, सुनील गुप्ता, मुकेश शर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय बगिया में ’जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति’ का किया शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय जशपुर में आयोजित कार्यकम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकास के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर सबका साथ सबका विकास को चरितार्थ किया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्व सहायता समूह और युवाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय बगिया में ’जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति’ का किया शुभारंभ मुख्यमंत्री ने कहा कि नए दायित्वों और जिम्मेदारियों की वजह से अब ज्यादातर समय मुझे जशपुर से बाहर रहना पड़ता है, लेकिन जशपुर निरंतर आता रहूंगा और विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद जशपुर जम्बूरी के जरिए जशपुर को पर्यटन के नक्शे पर नयी पहचान दिलाने की पहल की गई है। वर्ष 2024 में हुए जशपुर जम्बूरी में हमारे पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेने और उस अवसर का गवाह बनने पहुँचे। जशपुर जम्बूरी में न सिर्फ ईको-टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट के लिए लोगों ने नया महौल दिया, बल्कि जनजातीय परम्पराओं से भी रूबरू कराया गया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सांस्कृतिक प्रदर्शन, स्थानीय व्यंजनों का मेला और जनजातीय नृत्यों ने पर्यटकों को आकर्षित किया, जिससे स्थानीय कारीगरों और गाइड्स को रोजगार मिला।  मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार फिर जशपुर जम्बूरी के नए सीजन का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें आगामी 6 से 9 नवम्बर तक देश, दुनिया के लोग यहाँ पहुँचकर रोमांच, कला और सामुदायिक अनुभवों से परिचित हो पाएँगे। जशपुर की मिट्टी की खुशबू को जीवंत करने के लिए कर्मा, सरहुल जैसे जनजातीय नृत्य के साथ गोदना कला, काष्ट शिल्प और लौह शिल्प जैसे हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और लोकनाट्य पर आधारित सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी। इससे न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और प्रसार होगा, बल्कि स्थानीय कला और हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान भी मिलेगी। जशपुर जम्बूरी एक ऐसा उत्सव है जो प्रकृति, संस्कृति और विकास को एक सूत्र में पिरोता है। यह आयोजन जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय विरासत और आधुनिक विकास को एक साथ पेश करता है। जशपुर जंबूरी केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तीकरण का माध्यम भी है।  उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत मयाली नेचर कैंप में बोटिंग, कैक्टस गार्डन और टेंट सुविधाएँ जोड़ी गई हैं। यहाँ के पर्यटक स्थल अब बेहतर सुविधाओं से सजे हैं, मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है जो जशपुर को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम टूरिज्म सेक्टर को एक उद्योग के रूप में देख रहे हैं, जिससे स्थानीय उद्यमशीलता बढ़ेगी। राज्य में होम-स्टे नीति लागू की है ताकि पर्यटक जनजातीय संस्कृति को जानना-समझना चाहते हैं। उनके भीतर आदिवासी संस्कृति, परम्पराओं, उनके खान-पान, रहन-सहन को लेकर एक जिज्ञासा और उत्सुकता रहती है। ऐसे में होम-स्टे छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नयी अवधारणा है, जिसमें स्थानीय समुदायों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहा है। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जशपुर जम्बूरी जैसे उत्सव से स्थानीय होम-स्टे, गाइड्स और शिल्पकारों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जशपुर जम्बूरी को एक वार्षिक महोत्सव के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी जशपुर आकर्षण का बड़ा केन्द्र बन पाए। जीआईएस (GIS) मैपिंग और डिजिटल मार्केटिंग से जशपुर की पहुँच बढ़ेगी।   यहाँ युवाओं और पर्यटन से जुड़े सभी लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे वैश्विक मानकों पर खरे उतर सकें।  कार्यकम में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत और जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय ने भी संबोधित किया और जशपुर के विकास, पर्यटन के क्षेत्र और कृषि क्रांति की विस्तार से जानकारी दी।      दूसरी जम्बूरी 6 से 9 नवम्बर तक, पहली 2024 में हुई जशपुर जम्बूरी जशपुर की वादियों और झरनों के बीच हर साल एक ऐसा उत्सव मनाया जाता है, जो केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि इस जिले की आत्मा का अनुभव है। जशपुर जम्बूरी ने 2024 में अपनी शानदार शुरुआत की और अब 2025 में एक और भव्य रूप में लौट रहा है। 2024 में आयोजित पहली जशपुर जम्बूरी ने रोमांच, संस्कृति और समुदाय का ऐसा संगम पेश किया, जिसने देशभर से प्रतिभागियों को आकर्षित किया। झारखंड, ओडिशा, रायपुर और छत्तीसगढ़ के कई जिलों से आए लोगों ने इस उत्सव में हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने रानी दाह, टी-गार्डन और जशपुर संग्रहालय जैसे स्थलों की सैर कर इतिहास और संस्कृति को करीब से महसूस किया। फ़ूड लैब ने स्थानीय व्यंजनों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत कर सबका दिल जीता। सरहुल और कर्मा नृत्य की प्रस्तुतियों ने जनजातीय परंपराओं की गहराई दिखाई। चार दिन रोमांचक गतिविधियों, सांस्कृतिक रंग और सामुदायिक मेलजोल के नाम रहे। इस आयोजन ने जशपुर को ईको-टूरिज़्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स का नया गंतव्य बना दिया। दूसरी जशपुर जम्बूरी 2025 नये अनुभवों की ओर अब यह उत्सव और बड़े स्वरूप में वापस आ रहा है। 6 नवम्बर से 9 नवम्बर 2025 तक आयोजित होने वाला जशपुर जम्बूरी 2025 रोमांच, … Read more

नरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री: क्षेत्रवासियों को दी विभिन्न सौगात

रायपुर नरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री: क्षेत्रवासियों को दी विभिन्न सौगातनरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री: क्षेत्रवासियों को दी विभिन्न सौगातनरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री: क्षेत्रवासियों को दी विभिन्न सौगात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर में आदिवासी समाज द्वारा आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उनके साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री साय ने ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में आदिवासी समाज के ईष्ट आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई उद्योग नीति में आदिवासी विकास को प्राथमिकता देते हुए बस्तर सहित सरगुजा को विशेष तौर पर फोकस किया गया है, ताकि यहां के निवासियों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें अधिकतम लाभ दिलाया जा सके। ब्लॉक मुख्यालय नरहरपुर के उन्मुक्त खेल मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने आदिवासी समाज के ईष्ट देवी-देवताओं का जयघोष करते हुए उपस्थित लोगों को ठाकुर जोहारनी और नवाखाई की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की यह अनूठी परंपरा आगे भी जीवित रहनी चाहिए और समाज की एकजुटता हमेशा बनी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवा आगे बढ़ें, सुशिक्षित बनें, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने बताया कि आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईआईटी जैसी राष्ट्रीय स्तर की उच्च शिक्षण संस्थाएं प्रदेश में संचालित हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध हो सके। इसी तरह प्रयास और एकलव्य जैसे श्रेष्ठ संस्थानों के माध्यम से भी लगातार सुधार के प्रयास हो रहे हैं। दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल संचालित है और प्रदेशभर में नालंदा परिसर स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुरक्षा बलों को माओवाद के विरुद्ध अभियान में लगातार बड़ी सफलताएँ मिल रही हैं। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पशुपालन, मुर्गीपालन जैसी रोजगारमूलक गतिविधियों से लोगों को जोड़ने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, चरणपादुका वितरण, रामलला दर्शन योजना सहित ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की पीएम जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से आदिवासियों के सतत् और समग्र विकास को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारा उत्सव का कार्यक्रम है। जल, जंगल, जमीन और अपनी परंपराओं, लोकनृत्य, गीत, मांदर और मृदंग के साथ जीने वाले आदिवासियों की अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि अपनी जड़ों को मजबूत करते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।  कार्यक्रम को सांसद भोजराज नाग, कांकेर विधायक आशाराम नेताम और केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम सहित गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष सुमेर सिंह नाग, जिला अध्यक्ष राजेश भास्कर तथा राजाराम तोड़ेम ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए अनेक घोषणाएँ भी कीं। इनमें 30 करोड़ की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण, नरहरपुर में 132 केवी विद्युत सब स्टेशन स्थापना हेतु 30 करोड़ रुपये, नरहरपुर में मावा मोदोल लाइब्रेरी के लिए 20 लाख रुपये, ग्राम ढोढ़रापहार में गोंडवाना सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 20 लाख रुपये, नरहरपुर में मोबाइल टॉवर की स्थापना, नरहरपुर में सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह निर्माण के लिए 80 लाख रुपये और नरहरपुर विकासखंड के गोंडवाना समाज के सभी 12 मुड़ा क्षेत्रों में 12 टीन शेड निर्माण हेतु 10–10 लाख रुपये के मान से कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम धनेसरा में गोंडवाना समाज द्वारा संचालित जंगोरायतार इंग्लिश मीडियम स्कूल हेतु आवश्यक सहयोग की घोषणा भी की गई। कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग, कांकेर विधायक आशाराम नेताम, अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेंडी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, प्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, नगरपालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष अरुण कौशिक, कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी और समाज के प्रमुखजन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी आपकी सफलता : मुख्यमंत्री साय

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज बलरामपुर जिले के चयनित 26 अग्निवीरों ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, गांव और जिले के लिए गौरव की बात है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अग्निवीर योजना युवाओं को सेना में शामिल होकर देशसेवा का सुनहरा अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने चयनित युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और देशप्रेम की भावना से ही सफलता की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सेना में शामिल होकर ये युवा सीमाओं की रक्षा करेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे। इस अवसर पर बलरामपुर जिले के चयनित अग्निवीरों में पिंकू पैकरा, जिन्दल, विकाश पैकरा, प्रकाश सिंह, खेल साय, आर्यन, देव नंन्दन पन्ना, नरेन्द्र यादव, रंजीत केरकेट्टा, रमेश पैकरा, प्रियांशु, सनोज, निकिता नरसिंह, शशि किरण, सोहन लाल, महेन्द्र पैकरा, मिथलेश पैकरा, छोंटू, बज्जू पैकरा, पंकज, विवेक पैकरा, विधायक पैकरा, किशुन पैकरा, सोभनाथ पैकरा, अमित कुजूर और एंजेल लकड़ा शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने अतिथि शिक्षक सुदर्शन यादव और उनकी टीम के निःशुल्क सेना भर्ती प्रशिक्षण के उल्लेखनीय प्रयासों की भी सराहना की। उनके प्रशिक्षण से लाभान्वित 30 युवाओं में से 26 युवा अग्निवीर भर्ती में चयनित हुए हैं।

CM साय का नरहरपुर को बड़ा तोहफ़ा: 75.31 करोड़ के 11 विकास कार्यों का भूमिपूजन

क्षेत्रवासियों को मिली विभिन्न विकास कार्यों की सौगात रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने  कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड मुख्यालय में आयोजित गोंडवाना समाज के “ठाकुर जोहारनी“ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र में 75 करोड़ 31 लाख 72 हजार रुपए की लागत वाले 11 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इन निर्माण कार्यों में अमोड़ा-नरहरपुर मार्ग ( लंबाई 16 कि.मी.) के चौड़ीकरण कार्य पर 40 करोड़ 22 लाख 71 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसी भैंसमुण्डी से झलियामारी मार्ग (लंबाई 4.67 कि.मी.) पर 4 करोड़ 90 लाख 16 हजार रुपये का कार्य शामिल है। साथ ही नरहरपुर हाई स्कूल बिरनपुर, नावडबरी और रावस में तीनों स्कूल भवन निर्माण कार्यों पर 75.23-75.23 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्यों का भूमिपूजन कार्य शामिल है।  इसी तरह नरहरपुर टूरी व्यपवर्तन योजना के तहत नहर का जीर्णाेद्धार एवं लाइनिंग कार्य हेतु (8 करोड़ 94 लाख 51 हजार रू.), पैरी नदी पर धनेसरा एनीकट निर्माण (4 करोड़ 82 लाख 54 हजार रू.), सिहारी नाला तालाब एवं नहर कार्य का जीर्णाेद्धार व शूटफॉल निर्माण (3 करोड़ 84 लाख 12 हजार रू.), बागोड़ एनीकट दायीं तट पर बाढ़ नियंत्रण कार्य (4 करोड़ 31 लाख 90 हजार रू.) तथा कोचवाही नाला एनीकट निर्माण (4 करोड़ 37 लाख 33 हजार) के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री साय ने 1 करोड़ 62 लाख 76 हजार रुपये के लागत वाले आदिवासी बालक आश्रम चरभट्टी भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।

रायपुर : मुख्यमंत्री का नरहरपुर आगमन पर किया गया आत्मीय स्वागत

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का आज कांकेर जिले के नरहरपुर पहुंचने पर हेलीपैड में जनप्रतिनिधियों, आदिवासी समाज के पदाधिकारियो और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद कांकेर भोजराज नाग, विधायक कांकेर आशाराम नेताम, पुलिस उप महानिरीक्षक अमित तुकाराम कांबले, कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पारंपरिक पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।

रायपुर : मुख्यमंत्री से पूज्य संत श्री असंग देव जी ने की सौजन्य भेंट

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में परम पूज्य संत श्री असंग देव जी ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने शॉल और श्रीफल भेंट कर पूज्य संत श्री असंग देव जी का सम्मान किया तथा प्रदेश की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया। संत श्री असंग देव जी ने मुख्यमंत्री को गौमाता की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और पूज्य संत श्री असंग देव जी के मध्य विभिन्न आध्यात्मिक विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब तथा बड़ी संख्या में संत असंग देव जी के अनुयायी संतगण भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय बोले: कार्टून सिर्फ हँसाते नहीं, समाज को भी आईना दिखाते हैं

मुख्यमंत्री साय कार्टून फेस्टिवल-2025 में हुए शामिल रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में कार्टून वॉच पत्रिका द्वारा आयोजित कार्टून फेस्टिवल-2025 में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कार्टून केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण भी है, जो हास्य और व्यंग्य के माध्यम से गंभीर मुद्दों को सरलता से प्रस्तुत करता है। कार्टून मनोरंजन के साथ ही समाज को जागरूक करने और सोचने के लिए प्रेरित करने वाली कला है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने जम्मू-कश्मीर के प्रख्यात कार्टूनिस्ट मनोज चोपड़ा को कार्टून वॉच पत्रिका का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया। उन्होंने कार्टून फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे कार्टूनिस्टों का उत्साहवर्धन करते हुए स्वयं भी कार्टून बनाया। कार्टून वॉच फेस्टिवल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह गर्व की बात है कि कार्टून वॉच पत्रिका ने 29 वर्षों का सफल सफर तय कर लिया है और अब अपने 30वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। मैं कार्टून वॉच की पूरी टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ कि वे आगे भी कार्टून की इस विधा में उत्कृष्ट कार्य करते रहें। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यदि अगले वर्ष कार्टून वॉच फेस्टिवल बस्तर में आयोजित हो तो यह अत्यंत हर्ष का विषय होगा। बस्तर में अब शांति स्थापित हो रही है और जल्द ही यह क्षेत्र पूर्णतः नक्सलमुक्त होगा। नियद नेल्ला नार योजना (जिसका अर्थ है – आपका अच्छा गाँव) के माध्यम से सरकार की योजनाएँ बस्तर के लोगों तक पहुँच रही हैं। 300 से अधिक गाँवों में अब तक सड़क, बिजली, पानी और राशन कार्ड जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। जहाँ पहले बंदूक की आवाज गूंजती थी, वहाँ अब स्कूल की घंटी बज रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इसी तरह बस्तर की सांस्कृतिक पहचान का उत्सव बस्तर पंडुम आयोजित किया गया, जिसमें 47 हजार लोग शामिल हुए। यह इस बात का प्रमाण है कि बस्तर के लोग अब मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। कल ही मैं बस्तर में इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में शामिल हुआ। अब बस्तर में बड़े पैमाने पर निवेश के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के रोडमैप के रूप में हमने विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा सेंटर और टेक्सटाइल सहित अनेक क्षेत्रों में निवेश हो रहा है। हाल ही में जापान और कोरिया की यात्रा के दौरान भी हमने उद्योगों के साथ कई एमओयू किए हैं। छत्तीसगढ़ का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि कार्टून एक बेहद सशक्त माध्यम है। कार्टून वॉच की टीम सरकार की योजनाओं को भी कार्टून के जरिए आमजन तक पहुँचाए। कार्टून वॉच का यह प्रयास कार्टूनिस्टों को मंच प्रदान करता है, जो उनकी रचनात्मकता को और निखारने में सहायक है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कार्टून की विधा मीडिया और साहित्य का अद्भुत संगम है। यह विधा चुटीलेपन के साथ गागर में सागर भरने का सामर्थ्य रखती है। मैं स्वयं जब भी समाचार पत्र पढ़ता हूँ, कार्टून अवश्य देखता हूँ। त्रयम्बक शर्मा ने कार्टून की इस विधा को जीवंत बनाए रखने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि कार्टून वॉच देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका है। 30 वर्षों की यह यात्रा इसके संपादक त्रयम्बक शर्मा के जज़्बे को दर्शाती है। उनका यह सफर सभी कलाकारों के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने अपने कार्य से यह साबित किया है कि किसी भी क्षेत्र में पूरे समर्पण और निष्ठा से कार्य करने पर सफलता अवश्य प्राप्त की जा सकती है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी, कार्टून वॉच के संपादक त्रयम्बक शर्मा सहित अनेक कार्टूनिस्ट और साहित्य-कला जगत के गणमान्यजन उपस्थित थे।

सीएम विष्णुदेव साय का ऐलान: आदिवासी क्षेत्रों के विकास में संसाधनों की नहीं होगी कमी

रायपुर : आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये किया गया रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज कोरबा  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के बाद आज की यह प्रथम बैठक एक नए संकल्प और दृष्टिकोण के साथ आयोजित हो रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण और समग्र विकास के लिए सरकार सभी ठोस कदम उठा रही है। विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।  मुख्यमंत्री साय ने मध्य क्षेत्र अंतर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति समुदाय के बेहतर विकास के लिए प्राधिकरण की बजट राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने प्राधिकरणों का पुनर्गठन मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का गठन कर समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्राधिकरणों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जनसुविधाओं को हर गाँव, हर परिवार तक पहुँचाना है। पूर्व सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण प्राधिकरणों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी रही। निगरानी के अभाव में कई योजनाएँ धरातल पर नहीं उतर पाईं। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है। प्राधिकरण में जनप्रतिनिधित्व को और व्यापक बनाने के लिए सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई है। अब प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, आदिवासी विकास के क्षेत्र में कार्यरत दो समाजसेवियों और विशेषज्ञों को प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ विकास योजनाओं को मिल सके।  पीएम जनमन योजना ने खोलीं नई संभावनाएँ मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएँ लागू करने पर सरकार विशेष जोर दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू की गई धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ खोली हैं। इन योजनाओं के तहत आवास, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढाँचों का विकास तेजी से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्व-सहायता समूहों को और मजबूत करने पर बल दिया जा रहा है। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएँ और बाजार से जोड़ने की पहल की जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति समृद्ध है। हमें जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की व्यवस्थाओं में प्राधिकरण मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु पुनर्वास केंद्र, प्रारंभिक शिक्षा, खेल और विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु स्थायी पंप कनेक्शन उपलब्ध कराने के सुझाव दिए। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं पूरी सरकार के साथ बैठक करने कोरबा आए हैं। 30 नवंबर 2019 के बाद यह बैठक नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री स्वयं अनुसूचित क्षेत्र में जाकर बैठक कर रहे हैं। यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रणव कुमार मरपच्ची ने कहा कि बजट राशि बढ़ाए जाने से आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास कार्यों में वृद्धि होगी। शिक्षा, खेल, पर्यटन और सिंचाई को मिली सौगात मुख्यमंत्री साय ने आदिवासी बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए विशेष घोषणाएँ कीं। उन्होंने कोरबा में बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर के निर्माण और संचालन के लिए 10-10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसी तरह विशेष पिछड़ी जनजातियों के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए दो बालक-बालिका खेल परिसरों हेतु 10-10 करोड़ रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करने हेतु 5 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की भी घोषणा की। आधारभूत संरचना और पर्यटन मुख्यमंत्री साय ने कोरबा शहर में आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण सुनालिया पुल निर्माण हेतु 9 करोड़ रुपये की घोषणा की। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुका-सतरेंगा पर्यटन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने वन विभाग को 2 माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 से पहले की 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2,800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 76 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मध्य क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के 544 विकास कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 539 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ 72 लाख रुपये के कुल 491 स्वीकृत कार्यों में से 482 कार्य पूर्ण हो गए। वर्ष 2023-24 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के कुल 464 स्वीकृत कार्यों में से 424 कार्य पूर्ण हुए। वर्ष 2024-25 में 48 करोड़ 28 लाख रुपये के कुल 508 स्वीकृत कार्यों में से 123 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं तथा शेष कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्रीगण रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ.पी. चौधरी, टंकराम वर्मा, गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब, राजेश अग्रवाल, सांसद लोकसभा  संतोष पांडेय सहित विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यगण, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, अतिरिक्त … Read more

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ

रायपुर : बेटियों की शिक्षा से पीढ़ियाँ होती हैं शिक्षित : मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु मिलेगी वित्तीय सहायता देश के किसी भी संस्थान में पढ़ाई के लिए बालिकाओं को मिलेंगे वार्षिक 30 हजार रुपए बेटियों की उच्च शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान, आर्थिक दिक्कतें नहीं बनेंगी बाधा रायपुर बेटियों को शिक्षा मिलने से हमारी पीढ़ियाँ शिक्षित होती हैं। प्रदेश सरकार बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को बधाई देते हुए कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना से हजारों बेटियों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हुआ है और इसमें बेटियों ने भी अपनी भूमिका निभाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। बेटियाँ आर्थिक दिक्कतों के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी न छोड़ें—इसी उद्देश्य से यह पहल की गई है। यह योजना प्रदेश में बालिकाओं की उच्च शिक्षा में नामांकन दर को और अधिक बढ़ाने में सहायक होगी। साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संकल्प को यह स्कॉलरशिप आगे बढ़ाएगी। इसके माध्यम से शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली निम्न आय वर्ग की छात्राओं को विशेष रूप से मदद मिलेगी और वे अपनी उच्च शिक्षा जारी रख पाएँगी।  बेटियों की शिक्षा से पीढ़ियाँ होती हैं शिक्षित : मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बेटियाँ पढ़ती हैं तो वे केवल दो परिवारों को ही नहीं बल्कि पूरी पीढ़ियों को शिक्षित करती हैं। उन्होंने सभी महाविद्यालयों में इस योजना की जानकारी व्यापक रूप से पहुँचाने के निर्देश दिए। उल्लेखीय है कि इस योजना के तहत प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली नियमित छात्राएँ पात्र होंगी। जो छात्राएँ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक के प्रथम वर्ष अथवा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में देश के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लेंगी, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।योजना का लाभ पाने के लिए वेबसाइट https://azimpremjifoundation.org/what-we-do/education/azim-premji-scholarship पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही, क्यूआर कोड स्कैन कर भी आवेदन किया जा सकता है। आवेदन दो चरणों में स्वीकार किए जाएँगे—पहला चरण 10 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तथा दूसरा चरण 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक। फाउंडेशन द्वारा छात्रवृत्ति योजना की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क संचालित की जाएगी। यदि योजना से संबंधित किसी प्रकार की धोखाधड़ी या शिकायत की जानकारी हो, तो उसे scholarship@azimpremjifoundation.org पर प्रेषित किया जा सकता है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष देवांगन, संचालक तकनीकी शिक्षा विजय दयाराम के., तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के स्टेट हेड सुनील शाह उपस्थित थे।