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कुनकुरी को मिली सौगात: सीएम विष्णुदेव साय बनाएंगे अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

63 करोड़ 84 लाख की लागत से बनेगा अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच और नेतृत्व में जशपुर जिले को लगातार विकास की सौगातें मिल रही हैं। खेल प्रतिभाओं को पहचान और बेहतर अवसर दिलाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। जिले के कुनकुरी में अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए शासन द्वारा 63 करोड़ 84 लाख 89 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। यह खेल कॉम्प्लेक्स न केवल जशपुर बल्कि पूरे सरगुजा संभाग के लिए मील का पत्थर साबित होगा।            खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण से मिलेगा l  ग्रामीण और आदिवासी अंचल के खेल में रुचि रखने वाले युवाओं को  राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अब खिलाड़ियों को बड़े शहरों की ओर रुख करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यहीं पर उन्हें प्रशिक्षण, प्रतियोगिताएं और खेल आयोजन की बेहतर सुविधाएं  मिलेगी। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की छुपी हुई खेल प्रतिभाएं निखरकर सामने आएंगी। युवाओं के लिए खेलों में कैरियर और रोजगार की नई संभावनाएं भी खुलेंगी। स्थानीय खेल प्रेमियों और युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि इस कॉम्प्लेक्स के बनने से जशपुर जिले की पहचान खेलों के क्षेत्र में और भी मजबूत होगी। ये होंगी विशेष सुविधाएं इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को अत्याधुनिक खेल ढांचे और सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। इसमें शामिल होंगे— एथलेटिक्स ट्रैक एवं पवेलियन, बास्केटबॉल कोर्ट, कबड्डी और खो-खो के मैदान,आधुनिक स्विमिंग पूल एवं ड्रेस चेंजिंग रूम, वॉलीबॉल ग्राउंड , जंपिंग गेम और खेल उपकरण इन सभी व्यवस्थाओं से खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा। जशपुर का खेलों में नया स्वर्णिम अध्याय जशपुर जिला पहले से ही अपनी खेल प्रतिभाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहां से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं। अब इस इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण से यह परंपरा और मजबूत होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का यह कदम न केवल खेल प्रतिभाओं के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है, बल्कि यह जशपुर को खेलों की भूमि के रूप में नई पहचान भी दिलाएगा।

बस्तर में इन्वेस्टमेंट की नई पहल, CM विष्णुदेव साय करेंगे छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट का उद्घाटन

रायपुर  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 11 सितंबर को बस्तर में आयोजित होने वाले छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट का शुभारंभ करेंगे। यह आयोजन क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति देने के साथ-साथ अवसरों के नए द्वार खोलने वाला साबित होगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में बस्तर का विकास सदैव अग्रणी रहा है। इन्वेस्टर कनेक्ट इसी संकल्प को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समावेशी विकास की इस सोच के अंतर्गत उद्योग और निवेश को केवल आर्थिक गतिविधियों तक सीमित न रखकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे मूलभूत क्षेत्रों से जोड़ा गया है, ताकि बस्तर का विकास केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित न रहकर सामाजिक उन्नति का आधार भी बन सके। इन्वेस्टर कनेक्ट न केवल बस्तर में नए उद्योगों और व्यापक रोजगार के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि विकास की प्रत्येक उपलब्धि का लाभ सीधे स्थानीय समुदायों तक पहुँचे और वे इस प्रगति यात्रा के सक्रिय भागीदार बनें।  ये भी लिया गया फैसला इसी के साथ मंत्रिपरिषद की बैठक में पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत की निर्भरता को कम करने और गैर पारंपरिक स्त्रोत आधारित ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सौर ऊर्जा नीति में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। नई व्यवस्था के अनुसार संशोधित नीति अब 2030 तक लागू रहेगी या फिर जब तक राज्य सरकार नई सौर ऊर्जा नीति जारी नहीं करती। उद्योगों को लाभ के लिए निर्णय उद्योगों को लाभ देने के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया। सौर ऊर्जा परियोजनाओं को अब राज्य की औद्योगिक नीति के तहत प्राथमिकता उद्योग का दर्जा मिलेगा। इसके तहत निवेशकों को कई तरह की रियायतें और प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके तहत ब्याज अनुदान के अलावा पूंजी लागत पर अनुदान (सूक्ष्म उद्योग), जीएसटी प्रतिपूर्ति (लघु, मध्यम और बड़े उद्योग), बिजली शुल्क में छूट, स्टाम्प शुल्क में छूट, परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर अनुदान, भूमि उपयोग बदलने की फीस में छूट, भूमि बैंक से जमीन लेने पर शुल्क में रियायत मिलेगी। इसी के साथ अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक और तृतीय लिंग समुदाय के उद्यमियों को जमीन के प्रीमियम में छूट, दिव्यांगों को रोजगार देने पर अनुदान, मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है। मीडियाकर्मियों के लिए बड़ा ऐलान मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लोक सेवा आयोग की सदस्य एवं कार्यकारी अध्यक्ष रीता शांडिल्य को लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि के तहत सेवानिवृत्त हो चुके मीडिया कर्मियों को दी जाने वाली सम्मान राशि 10 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसकी घोषणा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई थी।   

तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या दोगुनी, 17 से बढ़कर हुई 35– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या पिछले तीन वर्षों में दोगुनी हो गई है। वर्ष 2022 में जहां बाघों की संख्या 17 थी, वहीं अप्रैल 2025 के सर्वेक्षण में यह बढ़कर 35 हो गई। यह जानकारी आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सम्पन्न छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक में दी गई।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों का संरक्षण और संवर्धन हमारी प्राथमिकता है। हमारा राज्य वन संपदा और वन्य प्राणियों के मामले में अत्यंत समृद्ध है। इन्हें सुरक्षित और विकसित करने के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में बाघों की संख्या में तीन वर्षों के भीतर हुई दोगुनी वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बाघों की संख्या 17 से बढ़कर 35 होना इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में संतोषजनक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि अब हमें अन्य वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी ठोस प्रयास करने होंगे। छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं जिन्हें वन्यजीव संरक्षण के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। जशपुर जिले के नीमगांव में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन हेतु आवश्यक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों की पहचान कर उनका भी विकास किया जाना चाहिए। इससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं वनमंत्री केदार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में बाघों की संख्या के साथ-साथ अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन में भी वृद्धि हुई है तथा उनके रहवासों में सुधार के प्रयास जारी हैं। आगे इसके और बेहतर परिणाम जनता के सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आज पारित प्रस्ताव जनहित के महत्वपूर्ण कार्य हैं, जो शांति का वातावरण स्थापित करने में सहायक होंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वन्यजीवों एवं जैव विविधता को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे। बोर्ड के सदस्य सचिव अरुण कुमार पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा विभागीय उपलब्धियों और एजेण्डा पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सदस्य सचिव ने बताया कि राज्य में सर्वाधिक बाघ अचानकमार टाइगर रिज़र्व में हैं। राज्य वन्यजीव बोर्ड की 14वीं बैठक में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व और गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व में मध्यप्रदेश से बाघ एवं बाघिन के ट्रांसलोकेशन की अनुमति मिल चुकी है। शीघ्र ही ट्रांसलोकेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। उन्होंने बताया कि राजकीय पशु वनभैंसा की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। असम से लाए गए वनभैंसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संरक्षण हेतु भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। “मैना मित्र” नामक समूह का गठन किया गया है, जो मैना के संरक्षण और उनके रहवास की निगरानी करता है। टाइगर रिज़र्व और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य सुविधाएं विस्तारित की जा रही हैं, जिससे समीपवर्ती ग्रामवासियों को रोजगार मिलेगा और वन्यजीव संरक्षण में भी सहयोग प्राप्त होगा। बैठक में वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन हेतु गश्ती मार्ग निर्माण तथा संरक्षित क्षेत्र के युक्तियुक्तकरण के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व, गरियाबंद अंतर्गत धवलपुर से कुकरार तक सड़क निर्माण कार्य; मिशन अमृत योजना के तहत पाइपलाइन विस्तार कार्य; तथा कवर्धा वनमंडल में इंटरनेट सुविधा के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की अनुमति प्रदान की गई। इससे वन क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, शासकीय योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान की सुविधा मिलेगी, ग्रामीणों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार होगा और क्षेत्रीय अमलों के लिए सूचना संप्रेषण मजबूत होगा। बैठक में राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड के सदस्यों ने वन्यजीव संरक्षण के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में विधायक धर्मजीत सिंह, विधायक चैतराम अटामी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, सचिव वन अमरनाथ प्रसाद तथा अन्य माननीय सदस्य और गैर-शासकीय संस्थाओं के प्रख्यात वन्यजीव विशेषज्ञ उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में अगले शैक्षणिक सत्र से 200 बच्चों को लाभ दिलाने की महत्वपूर्ण घोषणा

रायपुर : अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए खुला बेहतर शिक्षा का रास्ता – मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री ने अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में अगले शैक्षणिक सत्र से 200 बच्चों को लाभ दिलाने की महत्वपूर्ण घोषणा मुख्यमंत्री साय ने अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना का किया शुभारंभ, चयनित बच्चों का किया सम्मान रायपुर मुख्यमंत्री ने "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" में अगले शैक्षणिक सत्र से 200 बच्चों को लाभ दिलाने की महत्वपूर्ण घोषणामुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" का शुभारंभ किया। उन्होंने चयनित बच्चों का सम्मान करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। साय ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है। उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएँ, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करे, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने।इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" प्रारंभ की है। इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी। इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है। हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री साय ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी। श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है। सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएँगे। श्रम मंत्री देवांगन ने आगे कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुँचाया गया है। उन्होंने योजना के तहत चयनित बच्चों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे। उनके लिए "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने चयनित बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव श्रीमती फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।

मेरा लक्ष्य मेरा अभियान’: रायपुर में वनमंत्री कश्यप ने कार्यक्रम में दी विशेष भागीदारी

रायपुर : वनमंत्री कश्यप ‘मेरा लक्ष्य मेरा अभियान’ कार्यक्रम में हुए शामिल मेरा लक्ष्य मेरा अभियान’: रायपुर में वनमंत्री कश्यप ने कार्यक्रम में दी विशेष भागीदारी वनमंत्री कश्यप ने रायपुर में बढ़ाया उत्साह, ‘मेरा लक्ष्य मेरा अभियान’ कार्यक्रम में हुए शामिल रायपुर वन मंत्री केदार कश्यप आज कोण्डागांव जिले के फरसगांव स्थित आदर्श विद्यालय में आयोजित विधानसभा स्तरीय ‘मेरा लक्ष्य मेरा अभियान’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने जीवन में स्पष्ट लक्ष्य तय करने के लिए प्रेरित करना था। इस कार्यक्रम में कुल 4,000 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें कालेज के प्रथम वर्ष के लगभग 1 हजार और कक्षा 11वीं के करीब 3 हजार छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बस्तर भूमि से जुड़े प्रेरणादायक व्यक्तित्वों को आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर कांकेर विधायक आशाराम नेताम, डीआईजी कमललोचन कश्यप सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। वन मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर क्षेत्र की प्रतिभाएं आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प, गृह मंत्री अमित शाह के अदम्य साहस और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ रहा है। इससे न केवल विकास कार्यों की गति तेज होगी बल्कि बस्तर क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी बनेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में हम छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का रजत जयंती  महोत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर हम देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करते हैं और उनके योगदान के लिए आभार प्रकट करते हैं। वन मंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखें, जीवन में एक लक्ष्य तय कर एकाग्रता के साथ मेहनत करें और लक्ष्य प्राप्ति तक निरंतर आगे बढ़ते रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल नौकरी के बारे में न सोचकर अपनी रुचि के अनुसार कैरियर का चयन करना चाहिए। अंत में उन्होंने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं और बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।  इस अवसर पर बस्तर की बेटी लैंड एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित पर्वतारोहिणी नैना सिंह धाकड़, कोण्डागांव जिले के प्रख्यात कृषक डॉ. राजाराम त्रिपाठी, सोशल मीडिया के क्षेत्र में प्रसिद्ध सीजी मास्टर टीम सहित बस्तर क्षेत्र के कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे। इस अवसर पर पूर्व विधायक सेवक राम नेताम, नगर पंचायत फरसगांव और केशकाल के अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत राज्य सरकार की 1.85 करोड़ रुपये की सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण

रायपुर : प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता ऊर्जा उत्पादक के साथ-साथ बन रहे हैं ऊर्जा दाता : मुख्यमंत्री साय प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता ऊर्जा उत्पादक के साथ-साथ बन रहे हैं ऊर्जा दाता पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत राज्य सरकार की 1.85 करोड़ रुपये की सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक जागरूकता के लिए सूर्य रथ को दिखाई हरी झंडी मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में हुए शामिल, उत्कृष्ट वेंडरों को किया सम्मानित रायपुर प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता अब केवल ऊर्जा उत्पादक ही नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी महत्वाकांक्षी पहल के माध्यम से प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति के संकल्प को तीव्र गति से पूर्ण करने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में हुए शामिल, उत्कृष्ट वेंडरों को किया सम्मानित मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर सौर ऊर्जा के फायदों, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और इसके अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी के विषय में लोगों को जानकारी देने और जागरूक करने के उद्देश्य से सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने 618 उपभोक्ताओं के खातों में प्रत्येक को 30 हजार रुपये की दर से कुल 1.85 करोड़ रुपये की राज्यांश सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण किया। मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में हुए शामिल, उत्कृष्ट वेंडरों को किया सम्मानित मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ता प्रदूषण हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में पूरे समर्पण और क्षमता के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए हॉफ बिजली बिल से आगे बढ़ते हुए मुफ्त बिजली की ओर ले जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इसे हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि प्रदेशवासी इस योजना के महत्व को समझते हुए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आमजन से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इस योजना से जोड़ें और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रदेश को अग्रसर बनाने में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं। साथ ही बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से आसान वित्तीय सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उपभोक्ताओं को पूर्ण रूप से मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत आज लाभार्थियों को लेटर ऑफ अवार्ड प्रदान किए गए हैं। इन योजनाओं से उपभोक्ता स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन कर बिजली का विक्रय कर रहे हैं और साथ ही सस्ती बिजली का लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सौभाग्य योजना के माध्यम से हर घर बिजली पहुँचाने का संकल्प लिया था। उस समय देश के 18 हजार गाँव अंधेरे में थे और आज उन सभी गाँवों तक बिजली पहुँच चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब देश स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, जबकि आज प्रदेश 30,000 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है और पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि नई उद्योग नीति के अंतर्गत ऊर्जा क्षेत्र में 3.50 लाख करोड़ रुपये के एमओयू संपादित हुए हैं और आने वाले समय में प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता और भी बढ़ जाएगी। मुख्यमंत्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनेगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाएँ और स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएँ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष राजनांदगांव से आए कक्षा 12वीं के छात्र प्रथम सोनी ने सौर ऊर्जा की विशेषताओं और शासन द्वारा इसे बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘इम्पैक्ट ऑफ डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी ऑन ग्रिड स्टेबिलिटी’ तथा ‘एग्रीवोल्टाइक्स परफार्मर हैण्डबुक’ का भी विमोचन किया। इस अवसर पर पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन में विशेष भूमिका निभाने वाले उत्कृष्ट वेंडरों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, क्रेडा के चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, क्रेडा के सीईओ राजेश राणा, भारतीय सौर ऊर्जा महासंघ के अध्यक्ष सुमन कुमार, तीनों पॉवर कंपनी के प्रबंध निदेशक सहित बड़ी संख्या में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता उपस्थित थे।

सुपोषण, महतारी वंदन योजना सहित राज्य सरकार के प्रयासों की यूनिसेफ इंडिया ने की सराहना

रायपुर : विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में यूनिसेफ इंडिया देगा तकनीकी सहयोग सुपोषण, महतारी वंदन योजना सहित राज्य सरकार के प्रयासों की यूनिसेफ इंडिया ने की सराहना मुख्यमंत्री से यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य भेंट रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने विकसित छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और यूनिसेफ की ओर से तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यूनिसेफ इंडिया के सहयोग का स्वागत करते हुए कहा कि यूनिसेफ द्वारा विश्वभर में जनकल्याण हेतु विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अंजोर विजन 2047 दस्तावेज़ के अंतर्गत सरकार की प्राथमिकताओं को प्रतिनिधिमंडल के साथ साझा किया। मुख्यमंत्री को यूनिसेफ के प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति से अवगत कराया। यूनिसेफ इंडिया की फील्ड सर्विसेज प्रमुख सुसोलेदाद हेरेरो ने राज्य की पोषण संबंधी पहल और "विकसित छत्तीसगढ़" निर्माण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। सुहेरेरो ने कहा कि महतारी वंदन योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि यूनिसेफ छत्तीसगढ़ में हमर स्वस्थ लइका कार्यक्रम में भी सहयोग प्रदान कर रहा है, जिसके अत्यंत सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस पहल को मध्यप्रदेश, राजस्थान और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने यूनिसेफ इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ में किए जा रहे योगदान की सराहना की और भविष्य में भी अंजोर विजन 2047 के लक्ष्यों को केंद्र में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का आह्वान किया है। उसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार भी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पित है और इसके लिए अंजोर विजन 2047 दस्तावेज़ तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंजोर विजन 2047 के तहत आदिवासी समुदाय, विशेषकर विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) का उत्थान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। शिशु मृत्यु दर, कुपोषण सहित स्वास्थ्य एवं पोषण के सूचकांकों को बेहतर बनाने में यूनिसेफ का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए बेहतर स्वास्थ्य एवं शिक्षा के महत्व पर भी चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख विलियम हैनलॉन जूनियर तथा डॉ. बाल परितोष दास भी उपस्थित रहे।

संस्कृत हमारी विरासत का आधार, इसे संरक्षित करना सबकी जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री साय विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन में हुए शामिल रायपुर भारतीय संस्कृति की आत्मा संस्कृत में निहित है, जो हमें विश्व पटल पर एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है। संस्कृत भाषा व्याकरण, दर्शन और विज्ञान की नींव है, जो तार्किक चिंतन को बढ़ावा देती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के संजय नगर स्थित सरयूपारीण ब्राह्मण सभा भवन में आयोजित विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी प्रासंगिक और उपयोगी है। संस्कृत भाषा और साहित्य हमारी विरासत का आधार हैं, जिन्हें हमें संरक्षित और संवर्धित करना चाहिए।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि देववाणी संस्कृत पर चर्चा के साथ यह सम्मेलन भारतीय संस्कृति, संस्कार और राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने का एक महान प्रयास है। मुख्यमंत्री साय ने संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ और सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आधुनिक शिक्षा में संस्कृत भाषा को शामिल करने से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास सुनिश्चित होगा। संस्कृत में वेद, उपनिषद और पुराण जैसे ग्रंथों का विशाल भंडार है, जो दर्शन, विज्ञान और जीवन-मूल्यों का संदेश देते हैं। वेदों में वर्णित आयुर्वेद, गणित और ज्योतिष आज भी प्रासंगिक हैं और शोध का विषय हो सकते हैं। इन ग्रंथों में कर्म, ज्ञान और भक्ति के सिद्धांत स्पष्ट रूप से प्रतिपादित हैं, जो आधुनिक जीवन में शांति और संतुलन ला सकते हैं।ऐसे में संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी उतनी ही प्रासंगिक और उपयोगी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि वेदों और उपनिषदों के ज्ञान को अपनाकर हम अपनी विरासत को संजोने के साथ-साथ अपने जीवन को भी समृद्ध बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं को संस्कृत साहित्य से जोड़ने के लिए प्रेरित करना होगा, ताकि वे इस ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुँचा सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तकनीक के माध्यम से संस्कृत शिक्षा को आकर्षक और प्रासंगिक बनाया जा सकता है। राज्य में संस्कृत विद्वानों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें संस्कृत विद्या के प्रचार-प्रसार और अगली पीढ़ी को जोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने सरयूपारीण ब्राह्मण सभा, छत्तीसगढ़ के प्रचार पत्रक का विमोचन भी किया। विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन का आयोजन संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ एवं सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।  सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्कृत भारती के प्रांताध्यक्ष डॉ. दादू भाई त्रिपाठी ने कहा कि इतिहास में ऐसे अनेक प्रमाण मिलते हैं, जिनसे सिद्ध होता है कि एक समय संस्कृत जनभाषा के रूप में प्रचलित थी। छत्तीसगढ़ी भाषा का संस्कृत से सीधा संबंध है। छत्तीसगढ़ी में पाणिनि व्याकरण की कई धातुओं का सीधा प्रयोग होता है। उन्होंने यह भी बताया कि सरगुजा क्षेत्र में सर्वाधिक आदिवासी विद्यार्थी संस्कृत की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्लेषा शुक्ला, उत्कृष्ट तैराक अनन्त द्विवेदी तथा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला शामिल थे। सम्मेलन को दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला और अखिल भारतीय संस्कृत भारती शिक्षण प्रमुख डॉ. श्रीराम महादेव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. सतेंद्र सिंह सेंगर, अजय तिवारी, बद्रीप्रसाद गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संस्कृत शिक्षकगण, सामाजिक प्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने गोंडी अनुवादक ऐप ‘आदि वाणी’ परियोजना की सफलता पर दी बधाई

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से यहाँ उनके निवास कार्यालय में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने सौजन्य मुलाकात की।मुख्यमंत्री साय ने ‘आदि वाणी’ परियोजना के अंतर्गत गोंडी भाषा अनुवादक मोबाइल ऐप के सफल लॉन्च पर प्रोफेसर व्यास एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से गोंडी बोलने वाले जनजातीय भाई-बहनों की आवाज़ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचेगी। यह तकनीक उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने, शिक्षा तथा शासन-प्रशासन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ट्रिपल आई टी नया रायपुर भविष्य में भी इसी प्रकार के नवाचार और समाजोन्मुखी अनुसंधान से प्रदेश एवं देश का गौरव बढ़ाएगा। प्रोफेसर व्यास ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना में गोंडी भाषा के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच एवं अनुवाद प्रणाली विकसित की गई है। इसके माध्यम से गोंडी से हिंदी और अंग्रेज़ी तथा इसके विपरीत अनुवाद संभव होगा। यह सुविधा अब मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध है, जिससे आम नागरिक इसे आसानी से उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने अवगत कराया कि इस परियोजना में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के साथ-साथ आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और बिट्स पिलानी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी सहभागी हैं। ‘आदि वाणी’ परियोजना को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया है। प्रोफेसर व्यास ने बताया कि इस उपलब्धि से ट्रिपल आई टी नया रायपुर ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज कराई है। विशेष रूप से बस्तर अंचल के 30 लाख से अधिक गोंडी भाषी समुदाय को इस तकनीक से अपनी भाषा और संस्कृति की पहचान सुरक्षित करने और डिजिटल युग में अपनी आवाज़ को बुलंद करने का अवसर मिलेगा।

सीएम विष्णु देव साय ने रायगढ़ के गढ़ उमरिया में नवगुरुकुल का किया शुभारंभ

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को नई दिशा देने के लिए नवगुरुकुल का उद्घाटन किया नवगुरुकुल : बालिकाओं की शिक्षा और संस्कारों के संवर्धन की नई पहल रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ जिले के प्रवास के दौरान खरसिया तहसील अंतर्गत ग्राम गढ़ उमरिया में नवगुरुकुल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने नवप्रवेशी छात्राओं को लैपटॉप वितरित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।  मुख्यमंत्री साय ने नवगुरुकुल में स्थापित आधुनिक कंप्यूटर लैब का निरीक्षण करते हुए शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे बालिकाओं को उच्चस्तरीय शिक्षा और मूल्य आधारित संस्कार प्रदान करें ताकि उनका भविष्य सुनहरा बने।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम गणेशोत्सव, शिक्षक दिवस और चक्रधर समारोह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है, इसलिए समाज में उनका सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने स्मरण कराया कि पिछले वर्ष चक्रधर समारोह के समापन अवसर पर रायगढ़ में प्रयास विद्यालय का उद्घाटन किया गया था और आज नवगुरुकुल की स्थापना इस कड़ी को आगे बढ़ाती है। उन्होंने इस अभिनव पहल के लिए वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुनिधि और उनकी टीम की प्रशंसा की तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी बालिकाओं को बधाई देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार लगातार युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर कार्य कर रही है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक नीति लागू की गई है, जिससे प्रदेश के युवाओं को व्यापक लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने विशेष रूप से नवगुरुकुल संस्था द्वारा जशपुर जिले की 150 बालिकाओं को प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की सराहना की और इस प्रयास को और व्यापक बनाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था में प्रवेश पाने वाली 120 बालिकाएँ अपनी योग्यता और मेहनत का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास, ऊर्जा, जज्बा, जुनून और कठिन परिश्रम की पराकाष्ठा आवश्यक है। निराशा के लिए जीवन में कोई स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशा के साथ कोई भी व्यक्ति प्रगति नहीं कर सकता। उप मुख्यमंत्री ने सभी बालिकाओं को निरंतर आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने की प्रेरणा दी। वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार बनने के बाद से प्रदेश में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने नवगुरुकुल की स्थापना को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया और कहा कि यह संस्था विशेष रूप से बहनों के लिए समर्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि रायगढ़ जिले में 35 करोड़ रुपये की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।  महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बदलती तकनीक और समय की जरूरतों के अनुरूप छात्राओं को शिक्षा प्राप्त कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुनिधि ने गुरुकुल की शिक्षा प्रक्रिया और प्रशिक्षण पद्धति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य छात्राओं को न केवल तकनीकी शिक्षा देना है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने योग्य बनाना है। शुभारंभ समारोह में पूर्व विधायक विजय अग्रवाल, गुरुपाल भल्ला, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थीं। सभी ने नवगुरुकुल की स्थापना को इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पहल बताते हुए इसे बालिकाओं के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर करार दिया।