samacharsecretary.com

सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता– मुख्यमंत्री साय

रायपुर : लुत्ती बांध के टूटने पर जताई गहरी नाराज़गी, इस तरह की गलती नहीं की जाएगी बर्दाश्त – मुख्यमंत्री साय सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता– मुख्यमंत्री साय मैदानी अधिकारी–कर्मचारी फील्ड में जाकर बांधों एवं संबंधित संरचनाओं का करें सतत निरीक्षण– मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षा रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में स्थित लुत्ती बांध के टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साय ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए। साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्यमंत्री साय ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने तथा निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट, इस प्रकार कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह कुल 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय होगी। इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके तथा बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग मंडलों के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

रायपुर को बड़ी सौगात: अब बिना जोखिम के होगी नदी पार, CM विष्णुदेव साय का ऐलान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले– अब जान जोखिम में डालकर नदी पार करने की जरूरत नहीं मुख्यमंत्री ने चार उच्च स्तरीय पुलों के निर्माण को दी मंजूरी रायपुर जशपुर जिले में आवागमन को सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय द्वारा लगातार पहल की जा रही है। जिले में सड़क, पुल-पुलियों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले में चार वृहद पुलों निर्माण के लिए कुल 13 करोड़ 46 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। जिले के गुलझरिया-बम्हनी मार्ग पर श्री नदी पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुँच मार्ग के निर्माण की काफी अरसे से मांग की जा रही थी। बरसात के दिनों में ग्रामीणों को नदी पार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रीनदी पर पुल निर्माण के लिए 3 करोड़ 66 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस पुल के निर्माण से गुलझरिया और बम्हनी के बीच बसे लगभग दर्जनभर गांवों के निवासियों का विकासखंड मुख्यालय दुलदुला तक पहुँचना सरल हो जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच कनेक्टिविटी हेतु एक वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध हो सकेगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले में अन्य तीन पुल निर्माण की भी स्वीकृति दी है। इनमें किलकिला से केराकछार मार्ग पर बेनसारी नाला में पुल निर्माण के लिए 1.71 करोड़ रुपये, कांसाबेल से शब्दमुंडा मार्ग पर मैनी नदी में पुराने जर्जर पुल की जगह नए पुल के निर्माण के लिए 3.49 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय जशपुर में बांकी नदी पर जर्जर पुल के स्थान पर उच्च स्तरीय नए पुल के निर्माण 4 करोड़ 60 लाख रुपये की स्वीकृति शामिल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि किसी भी जिले के विकास का आधार बुनियादी ढांचा होता है। जशपुर जिले में पिछले दो वर्षों के दौरान इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। सड़क और पुल-पुलिया निर्माण के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है। 

संपत्ति करों के युक्तियुक्तकरण के लिए उप मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों की ली बैठक

रायपुर : विसंगतियां दूर करने संपत्ति कर सुधार अति आवश्यक : अरुण साव संपत्ति करों के युक्तियुक्तकरण के लिए उप मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों की ली बैठक वार्षिक भाड़ा मूल्य को संपत्ति के वर्तमान मूल्यों के अनुरूप अपडेट करने के दिए निर्देश महापौर, आयुक्त, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष तथा सीएमओ वर्चुअल बैठक में हुए शामिल रायपुर उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज नगरीय निकायों में संपत्ति करों के युक्तियुक्तकरण के लिए बैठक ली। मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित वर्चुअल बैठक में राज्य के सभी नगर निगमों के महापौर व आयुक्त तथा नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री साव के साथ नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक आर. एक्का भी मंत्रालय से बैठक में ऑनलाइन जुड़े। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि नगरीय निकायों के कार्यों से प्रदेश की छवि निर्मित होती है। शहर में नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराना संबंधित नगरीय निकाय की जिम्मेदारी है। उन्होंने महापौरों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों से कहा कि शहर को आगे ले जाने का जिम्मा आप पर है। शहर में संपत्ति करों के मूल्यांकन और उनमें सुधार की शुरुआत अपने कार्यालयों और अपने घरों से करें। उन्होंने कहा कि वार्षिक भाड़ा मूल्य (ARV) को वर्तमान संपत्ति मूल्यों के अनुरूप अपडेट करने से राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होगी। इससे कर भार सभी संपत्ति मालिकों पर समानुपातिक रूप से वितरित होगा। उन्होंने कहा कि अधिक राजस्व से निकाय वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे और उन्हें अनुदानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बढ़े हुए राजस्व से नागरिकों को तेजी से बेहतर जनसुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। उप मुख्यमंत्री साव ने नगरीय निकायों से कहा कि राज्य शासन की मंशा ई-गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से नागरिकों को पारदर्शी और सुगम सेवाएं प्रदान करने की है। यह शहरों के चहुंमुखी विकास और त्वरित नागरिक सेवाओं के लिए जरूरी है। इससे साफ-सफाई, पानी और बिजली आपूर्ति की व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी। साव ने बताया कि वर्ष 2016 के बाद से संपत्ति कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके चलते कई नगरीय निकायों में विसंगतियां उत्पन्न हो गई हैं। उन्होंने सभी महापौरों और अध्यक्षों से संपत्ति करों में सुधार के कार्यों को पूरी शिद्दत और गंभीरता से करने का आग्रह किया। साव ने बैठक में नगरीय निकायों को अटल परिसरों और नालंदा परिसरों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने को कहा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को रोज प्रातः भ्रमण कर निर्माण और साफ-सफाई के कार्यों का निरीक्षण करने को भी कहा। उन्होंने निविदा प्रक्रिया में त्रुटि या लापरवाही पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। नगरीय प्रशासन विभाग की उप सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य भी बैठक में मौजूद थे।

रायपुर में CM साय के निर्देश पर तेजी से राहत, बाढ़ पीड़ितों को राशन-इलाज के साथ मिलेंगे जरूरी दस्तावेज

रायपुर बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अपने विदेश दौरे से लौट कर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा पहुंचकर संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत और बचाव कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये थे। अब मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर तेजी अमल किया जा रहा है।  बाढ़ पीड़ित नागरिकों को जहां एक ओर राशन, ईलाज और दवाईयां के साथ-साथ गैस चुल्हे और सिंलेण्डर दिये गये हैं वहीं राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की उपयोगी सभी व्यवस्थाएं भी की गई है। अब बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान का वास्तविक आंकलन और अन्य जरूरी सहायता तथा मुआवजा देने की कार्यवाही पर भी तेजी से अमल किया जा रहा है। बाढ़ के पानी में खराब या नष्ट हो गये जरूरी दस्तावेजों को बनाने का काम भी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया हैं। बाढ़ की इस भीषण आपदा में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य और सहायता-मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।       बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के लोहन्डीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।       सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके। स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला आधिकारियों की इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। जो यह दर्शाता है कि आपदा की घड़ी में सरकार न सिर्फ राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलती है।

मुख्यमंत्री करमा तिहार 2025 कार्यक्रम में हुए शामिल, करमा दलों को सम्मानित कर किया प्रोत्साहित

रायपुर : संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री साय करमा तिहार के रंग में डूबा मुख्यमंत्री निवास मुख्यमंत्री करमा तिहार 2025 कार्यक्रम में हुए शामिल, करमा दलों को सम्मानित कर किया प्रोत्साहित रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग रायपुर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत – 2025 करमा तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की।  मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। ऐसे पर्व और परंपराएँ समाज को एकजुट होने का अवसर देती हैं, जिससे स्नेह, सद्भाव एवं सौहार्द की भावना विकसित होती है। संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कंवर समाज के युवाओं द्वारा राजधानी रायपुर में करमा तिहार का आयोजन किया जा रहा है। हमारी आदिवासी संस्कृति में अनेक प्रकार के करमा तिहार मनाए जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है, जो हमारी कुंवारी बेटियों का पर्व है। इस करमा तिहार का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को उत्तम वर और उत्तम गृहस्थ जीवन मिले। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर बेटियाँ अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का पर्व आता है, जिसमें विवाह के पश्चात पहली बार जब बेटी मायके आती है, तो वह उपवास रखकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। इसी प्रकार जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है, जिसमें माताएँ पुत्र-पुत्रियों के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। यह एक कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएँ चौबीस घंटे तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करती हैं। संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री साय ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यदि छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां अंग्रेजों के विरुद्ध 12 आदिवासी क्रांतियाँ हुईं। हमारी सरकार नया रायपुर स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी संस्कृति के महानायकों की छवि को आमजन की जागरूकता के लिए प्रदर्शित करने मॉडल के रूप में उकेरा जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित किया जा रहा है। उनके करकमलों से इस म्यूजियम का शुभारंभ किया जाएगा। संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देती रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आजादी के लगभग 40 वर्षों बाद आदिवासी विभाग का पृथक मंत्रालय बनाकर आदिवासी समाज के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हीं के बताए मार्ग पर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आदिवासी समाज के बेहतरी एवं समग्र विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के लिए पीएम जनमन योजना का संचालन कर रहे हैं, जिससे हितग्राहियों को शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह ने बस्तर, सरगुजा एवं मध्य क्षेत्र प्राधिकरण का गठन कर विकास को गति प्रदान करने का कार्य किया। मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि युवा आदिवासियों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से हमने नई उद्योग नीति बनाई है, जिसमें बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतें दी गई हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आदिवासी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना राज्य में ही की जा रही है। वन मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली परंपरा रही है। इसी परंपरा के निर्वहन में आज हम करमा तिहार मना रहे हैं। हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। साय जी के नेतृत्व में ही बस्तर संभाग में बस्तर पांडुम के नाम से ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिसकी चर्चा पूरे भारत में हुई। कश्यप ने इस अवसर पर समस्त छत्तीसगढ़वासियों को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। संरक्षक, अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति पमशाला, जशपुर, श्रीमती कौशिल्या साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज और प्रकृति एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। आदिवासी समाज के लिए प्रकृति सदैव आराध्य रही है। करमा पर्व प्रकृति प्रेम का पर्व है। हमारी संस्कृति अत्यंत गौरवशाली रही है और उसका संरक्षण तथा समय के साथ संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि समाज की महिलाएँ आगे आकर इस संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने सभी को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राम कुमार टोप्पो, विधायक आशाराम नेताम, विधायक प्रबोध मिंज, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम राम सेवक सिंह पैकरा, केशकला बोर्ड की अध्यक्ष सुमोना सेन, सभापति जिला पंचायत धमतरी टीकाराम कंवर, प्रदेश अध्यक्ष कंवर समाज हरवंश सिंह मिरी, अध्यक्ष कंवर समाज रायपुर महानगर मनोहर सिंह पैकरा सहित कंवर समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

CM विष्णुदेव साय का ऐलान: जीरो पावर कट स्टेट से अब छत्तीसगढ़ की ओर मुफ्त बिजली

CM विष्णुदेव साय का ऐलान: जीरो पावर कट स्टेट से अब छत्तीसगढ़ की ओर मुफ्त बिजली छत्तीसगढ़ बनेगा मुफ्त बिजली वाला राज्य, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया वादा रायपुर से बड़ी घोषणा: जीरो पावर कट के बाद अब हर घर को मुफ्त बिजली – CM साय मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में संयुक्त पावर कंपनीज मुख्यालय भवन की रखी आधारशिला एक पेड़ माँ के नाम अभियान में किया वृक्षारोपण रजत जयंती वर्ष पर साझा की 25 वर्षों की विकास यात्रा रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर सेक्टर-24 में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज के संयुक्त मुख्यालय भवन का शिलान्यास किया। रजत जयंती वर्ष और गणेशोत्सव जैसे पावन अवसर पर सम्पन्न इस समारोह में उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और भवन का थ्री-डी मॉडल अनावृत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यकुशलता को नई ऊँचाई देगा, तीनों पावर कंपनियों के बीच समन्वय को मजबूत करेगा और उपभोक्ताओं को एक ही छत के नीचे सभी सेवाएँ उपलब्ध कराएगा। उन्होंने इस अवसर पर एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत मौल पौधरोपण किया। छत्तीसगढ़ जीरो पावर कट स्टेट से अब मुफ्त बिजली की ओर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षीय यात्रा यह प्रमाण है कि जब संकल्प और संवेदनशीलता साथ चलें तो परिणाम ऐतिहासिक होते हैं। वर्ष 2000 में प्रदेश केवल 1400 मेगावाट बिजली उत्पादन करता था, आज यह क्षमता बढ़कर 30 हजार मेगावाट हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 1320 मेगावाट क्षमता के नए संयंत्र का शुभारंभ इस उपलब्धि को और सुदृढ़ करने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की यह प्रगति हर नागरिक के विश्वास, मेहनत और भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सम्पन्न उनकी जापान और दक्षिण कोरिया यात्रा ने यह अनुभव कराया कि छत्तीसगढ़ अब वैश्विक स्तर की अधोसंरचना और कार्यसंस्कृति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। संयुक्त मुख्यालय भवन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भवन का निर्माण गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए, ताकि यह ऊर्जा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की नई पहचान बने। मुख्यमंत्री ने बताया कि नई उद्योग नीति के अंतर्गत पावर सेक्टर में हाल ही में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में 30 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन संभव होगा। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल प्रदेशवासियों को 24 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध कराएगी बल्कि पड़ोसी राज्यों की ज़रूरतें भी पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने छत्तीसगढ़ को मुफ्त बिजली की ओर तेजी से अग्रसर कर दिया है और अब दूरस्थ अंचलों तक इस योजना का लाभ पहुँच रहा है। वन मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को राज्य निर्माण में उनके योगदान के लिए नमन किया। उन्होंने कहा कि लगभग 270 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह भवन ग्रीन एनर्जी आधारित होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध होगा। कार्यक्रम में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक अनुज शर्मा, विधायक इंद्र कुमार साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ जीरो पावर कट स्टेट से अब मुफ्त बिजली की ओर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ जीरो पावर कट स्टेट से अब मुफ्त बिजली की ओर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उल्लेखनीय है कि संयुक्त मुख्यालय भवन 10,017 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में नौ मंजिला स्वरूप में निर्मित होगा। इसमें  छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के लिए तीन अलग-अलग टॉवर होंगे। 1300 कर्मचारियों की क्षमता वाले इस भवन में 210 सीटों का प्रेक्षागृह, कर्मचारियों के लिए जिम, दो मंजिला बेसमेंट पार्किंग, मैकेनिकल स्टैक पार्किंग और ई-व्हीकल चार्जिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। यह भवन बीईई की पाँच सितारा और गृहा की फाइव स्टार ग्रीन रेटिंग मानकों के अनुरूप निर्मित होगा तथा भवन प्रबंधन प्रणाली से इसका संपूर्ण संचालन होगा। नवा रायपुर में बन रहा यह अत्याधुनिक भवन मंत्रालय, संचालनालय और पुलिस मुख्यालय के समीप होने से अंतर्विभागीय समन्वय को और सुदृढ़ करेगा तथा प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र को नई ऊँचाई प्रदान करेगा।

रायपुर में किसानों की बदलती तस्वीर, हितैषी नीतियों से मिल रही नई दिशा

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पारदर्शी सुशासन का परिणाम अब गावों में दिखने लगा है। नेक नियत व ईमानदारी ने शासकीय योजनाओं को लागू करने से इससे प्रदेश के किसानों का जीवन स्तर कैसे सुधारा जा सकता है, इसका जीता-जागता उदाहरण हमें दिखने को मिल रहा है। जिला मुंगेली के विकासखण्ड पथरिया अंतर्गत ग्राम क़लारजेवरा के कृषक सीताराम राजपूत, पिता ईश्वर प्रसाद ने सब्जी की आधुनिक खेती अपनाकर अपनी मेहनत और लगन से एक नई मिसाल कायम की है। राजपूत के परिवार में उनके दादाजी और पिताजी पहले से ही बागवानी और कृषि कार्य करते आ रहे थे। लगभग 10 वर्षों तक उनके पिता ने परंपरागत धान की खेती की। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सीताराम राजपूत ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती को अपना व्यवसाय बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 02 एकड़ भूमि में सब्जी की खेती की शुरुआत की और धीरे-धीरे इसे बड़े पैमाने पर विस्तार दिया। आज सीताराम राजपूत सब्जी की खेती से प्रतिवर्ष लगभग 15-16 लाख रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं।     जिला उद्यानिकी विभाग मुंगेली के मार्गदर्शन में राजपूत ने विभिन्न योजनाओं का लाभ लिया। इनमें सब्जी मिनीकिट, कृषि यंत्र, बीज, जैविक खाद, सामुदायिक नर्सरी और ड्रिप सेट जैसी आधुनिक सुविधाएँ शामिल हैं। इन संसाधनों का उपयोग कर उन्होंने खेती को लाभकारी और टिकाऊ व्यवसाय का रूप दिया। सीताराम राजपूत ने स्वच्छ श्रीजना महोत्सव, जिला स्तरीय किसान मेला, मत्स्य पालन एवं कृषि संगोष्ठियों तथा विभिन्न कृषि प्रदर्शनियों में सक्रिय रूप से भाग लेकर अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी यह उपलब्धि जिले के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणास्रोत है।

रायपुर : दो सिंचाई योजना के कार्यों के लिए 6.78 करोड़ रूपए स्वीकृत

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की दो सिंचाई योजनाओं के कार्यों के लिए 6 करोड़ 78 लाख 16 हजार रूपए स्वीकृत किए है। सिंचाई योजना के कार्यों में विकासखण्ड बलौदाबाजार की कोटानाला व्यपवर्तन के नहर लाईनिंग एवं जीर्णोद्धार कार्य के लिए तीन करोड़ 33 लाख 20 हजार रूपए और मल्लीन नाला पर घुलघुल स्टापडेम निर्माण कार्य के लिए तीन करोड़ 44 लाख 96 हजार रूपए स्वीकृत किए है। स्वीकृत इन कार्यों को पूर्ण कराने जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।

आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय समाज होगा सशक्त: डॉ. ओम डहरिया

   रायपुर देश की आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब किसी सरकार ने जनजातीय समाज के जीवन स्तर को उपर उठाने के लिए देशव्यापी अभियान छेड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार जैसे मूलभुत सुविधाओं से जोड़ने और इनका लाभ दिलाने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरूआत की है। यह अभियान देशभर के 30 राज्यों में संचालित किया जा रहा है। यह अभियान देश भर के 550 से ज्यादा जिलों और 1 लाख से अधिक आदिवासी बहुल गांवों में बदलाव के लिए काम करेगी।  बता दें कि जब भारत 2047 में अपनी आज़ादी के 100 वर्ष पूरा करेगा। उस समय तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए यह जरूरी है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे। आदिवासी समाज को आगे बढ़ाए बिना यह सपना अधूरा रहेगा। आदि कर्मयोगी अभियान इस अंतर को भरने के लिए एक ठोस कदम है। यह अभियान शासन और समाज के बीच की दूरी को कम करेगा, पारदर्शिता लाएगा और योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अभियान को सेवा पर्व का रूप दिया है। उनका कहना है कि यह केवल योजनाओं की जानकारी देने का प्रयास नहीं, बल्कि समाज और शासन को जोड़ने वाला पुल है। छत्तीसगढ़ में इस अभियान के लिए वृहद स्तर पर आदिकर्म योगियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कर्मयोगी जनजातीय परिवारों से घर-घर संपर्क कर उनकी आवश्यकताओं और जरूरतों को समझेंगे तथा केंद्र और राज्य सरकार  की योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेंगे, राज्य और जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। राज्य सरकार के सभी विभागों के अधिकारी इस कार्य में संवेदनशीलता के साथ सीधे जुड़ेंगे। आदिकर्मयोगी अभियान का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर इसलिए भी है क्योंकि भारत की जनजातीय आबादी लगभग 10 करोड़ से अधिक है। इतने बड़े समुदाय को मुख्यधारा में लाए बिना 2047 तक विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री की उस सोच से जुड़ा है, जिसमें हर क्षेत्र, हर समाज और हर नागरिक को विकसित भारत” की यात्रा में समान अवसर देना है। भारत का विकास केवल शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं रह सकता। एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र वही कहलाएगा, जहाँ समाज के हर तबके को समान अवसर मिले और उसकी संस्कृति को उचित सम्मान दिया जाए। इसी सोच को मूर्त रूप ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के जरिए दिया जा रहा है। यह वस्तुतः जनजातीय समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। छत्तीसगढ़ देश का वह राज्य है जहाँ सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। इसीलिए इस अभियान का यहां विशेष महत्व है। आदिवासी समाज की असली चुनौती यही रही है कि अनेक योजनाएँ होते हुए भी उनकी जानकारी और लाभ ज़रूरतमंदों तक समय पर नहीं पहुँच पाते। ऐसे में लाखों कर्मयोगी स्वयंसेवक योजना और समाज के बीच सेतु बन सकेंगे। यह अभियान राज्य के 28 जिलों और 138 विकासखंडों के 6 हजार 650 गांवों में 1 लाख 33 हजार से अधिक वालंटियर्स तैयार करने का लक्ष्य रखा है। छत्तीसगढ़ में यह अभियान 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक पूरे राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाया जाएगा।  आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम में अधिकारियों को पंचायतों में आदि सेवा केंद्र स्थापित करने और जनजातीय परिवारों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, छात्रवृत्ति, रोजगार, कौशल विकास जैसी सुविधाओं के लिए मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इस अभियान को सेवा पर्व के रूप में मनाया जाए और जनजातीय योजनाओं को घर-घर तक पहुँचाने का ठोस प्रयास किया जाए। आदि कर्मयोगी अभियान के पीछे एक गहरी सामाजिक सोच है। जब कोई स्थानीय युवा, महिला या स्वयंसेवक अपने ही गाँव में जाकर योजनाओं की जानकारी देता है, तो लोग उस पर भरोसा करते हैं और यह विश्वास ही बदलाव की असली ताकत है। अभियान का असर शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर आजीविका तक हर क्षेत्र में दिखेगा। जब एक वालंटियर किसी परिवार को यह बताता है कि उनकी बेटी को छात्रवृत्ति मिल सकती है, या बुजुर्ग को पेंशन का हक़ है, तो यह केवल सूचना नहीं होती, बल्कि उस परिवार की ज़िंदगी बदलने वाला अवसर होता है।

मुख्यमंत्री साय का संदेश: मेड इन इंडिया चिप्स, भारत की गौरवशाली पहचान

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप आज भारत ने तकनीक के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। Semicon India 2025 सम्मेलन में देश का पहला स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर ‘विक्रम’ लॉन्च किया गया है। यह उपलब्धि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और नवाचार क्षमता का सशक्त प्रमाण है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘विक्रम’ प्रोसेसर का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह प्रोसेसर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के स्पेस लॉन्च व्हीकल्स के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इससे न केवल भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी को मजबूती मिलेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत अपनी तकनीकी श्रेष्ठता का परिचय देगा। मुख्यमंत्री साय ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारत ने अर्धचालक निर्माण (Semiconductor Manufacturing) के क्षेत्र में जिस तीव्रता से प्रगति की है, वह विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की युवा इंजीनियरिंग प्रतिभा और वैज्ञानिक समुदाय की मेहनत का भी परिणाम है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण यह संदेश देता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं बल्कि निर्माता और वैश्विक तकनीकी नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को यह सफलता और अधिक गति प्रदान करेगी। स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान बल्कि रक्षा, संचार और अन्य उच्च तकनीकी क्षेत्रों में भी उपयोगी सिद्ध होगा। यह भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी को हार्दिक बधाई और अभिनंदन दिया। उन्होंने कहा कि यह सफलता स्वर्णिम भारत की नई पहचान है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।