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सुशासन एक्सप्रेस रथ घर-घर पहुंच रही शासन की सेवाएं- मुख्यमंत्री

रायपुर : विष्णु के सुशासन में ग्रामीणों की समस्याओं का हो रहा त्वरित निराकरण सुशासन एक्सप्रेस रथ घर-घर पहुंच रही शासन की सेवाएं- मुख्यमंत्री  रायपुर जिला प्रशासन द्वारा सुशासन को लेकर की जा रही अभिनव पहल रायपुर रायपुर जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश में आम जनता को शासन की योजनाओं और सेवाओं को घर के समीप पहुंचाने की दिशा में “सुशासन एक्सप्रेस” नाम से एक अभिनव और अनुकरणीय पहल शुरू की गई है, जो जनसमस्याओं के त्वरित निदान मॉडल के रूप में स्थापित हुई है। इसका शुभारंभ 29 मई को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के तहत ग्राम भैंसा में आयोजित समाधान शिविर में किया था। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में प्रारंभ की गई इस पहल के माध्यम से हजारों ग्रामीणों को शासन की दो दर्जन से अधिक सेवाओं का लाभ सहजता से मिलने लगा है।  ग्रामीणों ने कहा अब घर के समीप ही मिल रही है सुविधा ग्राम पंचायत संकरी के युवा उत्तम साहू के लिए खुशी का क्षण था जब घर बैठे ही उन्हें लर्निंग लाइसेंस मिल गई, जो उनके गांव में आए सुशासन रथ से मिली। उत्तम कहते हैं कि उनके घर में अन्य सदस्यों ने लाइसेंस बनाया तो गांव के बाहर जाना पड़ा था और समय भी लगा था, अब कुछ दिन पहले गांव में कोटवार ने हांका लगाया तो सुशासन रथ आने की जानकारी मिली। मैंने वहां जा कर आवेदन किया। प्रक्रिया पूरी हुई और मुझे लाइसेंस मिल गया। सांकरा के रहने वाले राजेश कुमार यादव भी बड़े प्रफुल्लित हैं  कि उनका राशन कार्ड बन गया, इसके लिए बार-बार पंचायत कार्यालय में जाना नहीं पड़ा  उन्होंने सुशासन रथ में आवेदन दिया, प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशन कार्ड बन गया। उत्तम और राजेश मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि अब जिला प्रशासन रायपुर द्वारा उनके घर के समीप ही शासकीय सेवाएं मिल रही हैं जिसके लिए उन्हें अलग से समय निकाल कर जाना पड़ता था, कई बार कागजात अपूर्ण होने पर दुबारा भी जाना पड़ता था।  67 हजार से अधिक आवेदनों का त्वरित निराकरण सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से अब तक कुल 75,864 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 67,788 आवेदनों का त्वरित निराकरण किया जा चुका है। शेष लंबित आवेदनों की कार्यवाही भी प्राथमिकता से की जा रही है। सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से अब तक जरूरतमंद 15,741 आवेदकों को आय प्रमाण पत्र, 5741 को जाति प्रमाण पत्र, 4273 को निवास प्रमाण पत्र, 7536 को आयुष्मान भारत कार्ड, 6014 को राशन कार्ड, 8269 को ड्राइविंग लाइसेंस, 1306 को किसान क्रेडिट कार्ड, 2051 को नरेगा जॉब कार्ड, 577 को जन्म प्रमाण पत्र, 50 को मृत्यु प्रमाण पत्र, 4093 श्रमिकों को श्रम कार्ड, 5070 लोगों को आधार कार्ड, 883 को किसान किताब, 814 पात्र आवेदकों को पेंशन, 1346 एचएसआरपी का लाभ देेने के साथ ही महिला एवं बाल विकास, पुलिस, आवास सहित अन्य योजनाओं से भी बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं।  गांव में ही लग रहा ‘वन-स्टॉप कैंप किसी भी गांव में सुशासन एक्सप्रेस पहुंचने से तीन दिन पहले सूचना जारी की जाती है। मौके पर पटवारी, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आधार व आयुष्मान कार्ड बनाने वाले कर्मचारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहते हैं। इस तरह गांव में ही छोटा ‘वन-स्टॉप शिविर’ तैयार हो जाता है। प्रथम चरण- पूर्ण, अब सुशासन एक्सप्रेस दूसरे चरण में  प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए जिला प्रशासन रायपुर ने इसी तर्ज पर सुशासन एक्सप्रेस की शुरूआत की, जिसका उद्देश्य शासकीय अमले का एक साथ गांवों में पहुंचकर उनकी समस्याओं और आवेदनों का तत्परता से निराकरण करना है। सुशासन एक्सप्रेस के प्रथम चरण की शुरूआत अभनपुर, आरंग, धरसींवा और तिल्दा विकासखण्ड के गांवों से हुई। उक्त चारों विकासखण्डों की 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में तथा नगर पंचायत आरंग के 17 वार्डों में सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से समस्याओं और आवेदनों का तत्परता से निराकरण किया गया। प्रथम चरण की सफलता के बाद अब जिला प्रशासन ने इसका दूसरा चरण भी प्रारंभ कर दिया है, जिसमें अभनपुर, धरसींवा एवं तिल्दा विकासखंड के ग्रामीण इलाके शामिल है, जहां सुशासन एक्सप्रेस निर्धारित तिथियों में पहुंच रही है। सुशासन एक्सप्रेस के साथ गांव-गांव में पहुंचकर विभिन्न विभागों का मैदानी अमला लोगों की समस्याओं और आवेदनों का निराकरण कर रहा है।  नाम मात्र खर्च में बड़ा बदलाव कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सुशासन एक्सप्रेस संचालित करने के आइडिया को मूर्तरूप देने के लिए कंडम हो चुकी चार एंबुलेंस को जिला प्रशासन द्वारा मरम्मत कराकर इन्हें सुशासन एक्सप्रेस में परिवर्तित किया गया। नाम मात्र खर्च में तैयार किए गए इन मोबाइल सेवा वैन ने ग्रामीण अंचलों में सुशासन की नई राह प्रशस्त की है। रायपुर जिले की सुशासन एक्सप्रेस की सफलता वास्तव में शासन-प्रशासन की इच्छाशक्ति, नवाचार और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति पहुंचाने की दिशा में एक अनुकरणीय मॉडल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले- ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ सप्ताह से विज़न 2047 को मिलेगा वैश्विक आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी जापान यात्रा से और मजबूत होंगे भारत-जापान संबंध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले- ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ सप्ताह से विज़न 2047 को मिलेगा वैश्विक आयाम ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ सप्ताह से विज़न 2047 को मिलेगा वैश्विक आयाम: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की आगामी यात्रा और ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ की सहभागिता पर कहा कि “हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बहुत जल्द जापान आ रहे हैं। भारत और जापान की मित्रता ऐतिहासिक और गहरी है। उनके इस दौरे से यह संबंध और भी मजबूत होंगे और हमारे देश को अनेक लाभ प्राप्त होंगे।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की यात्रा भारत और जापान के बीच तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग को और प्रगाढ़ बनाएगी। इससे दोनों देशों की जनता को लाभ होगा और साझा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। ओसाका में वर्ल्ड एक्सपो 2025 के संदर्भ में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “कल हमने छत्तीसगढ़ को समर्पित सप्ताह का शुभारंभ किया है। यह वर्ल्ड एक्सपो भारत की संस्कृति को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का एक बड़ा प्रयास है। छत्तीसगढ़ का सप्ताह न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी रहेगा।” उन्होंने कहा कि इस आयोजन से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और औद्योगिक प्रगति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। इससे निवेश और सहयोग के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि जापान यात्रा और ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी प्रदेश और देश दोनों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी।

CM साय करेंगे ‘बिहान’ की दीदियों से संवाद, 31 अगस्त से शुरू होगा नया रेडियो कार्यक्रम

रायपुर  छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सफलता की कहानियों को नए मंच पर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार एक अनोखी पहल करने जा रही है। 'दीदी के गोठ' नाम से नया रेडियो कार्यक्रम 31 अगस्त 2025 से शुरू होगा। पहला प्रसारण दोपहर 12:15 बजे आकाशवाणी के सभी केंद्रों से किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री विजय शर्मा सीधे बिहान की दीदियों से संवाद करेंगे। 'दीदी के गोठ' में स्व-सहायता समूहों की महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से पाई हुई उपलब्धियों और प्रेरणादायी कहानियों को साझा करेंगी। इन कहानियों से न केवल अन्य समूहों को दिशा मिलेगी बल्कि पूरे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगी। बिहान के कार्यों का होगा प्रसार कार्यक्रम के जरिए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन-बिहान के अंतर्गत चल रहे कार्यों, महिलाओं की उपलब्धियों और आजीविका संवर्धन से जुड़े नवाचारों की जानकारी पूरे प्रदेश में प्रसारित होगी। राज्य सरकार का मानना है कि यह पहल महिलाओं को नई ऊर्जा देगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह में और मजबूत बनाएगी। 

रायपुर: CM साय ने वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ पैवेलियन का किया दौरा, प्रदेश की संस्कृति रही आकर्षण का केंद्र

वर्ल्ड एक्सपो 2025 में दिखी प्रदेश की संस्कृति और समृद्धि की अद्भुत झलक रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज ओसाका (जापान) में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो 2025 के भारत मंडपम के अंतर्गत स्थापित छत्तीसगढ़ पैवेलियन पहुँचे। यहाँ उन्होंने प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और आधुनिक प्रगति को दर्शाती प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि उद्घाटन दिवस पर ही छत्तीसगढ़ पैवेलियन में 22 हजार से अधिक दर्शक पहुँचे। यहाँ आने वाले लोग प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आदिवासी लोककला, उद्योग और पर्यटन की अनूठी झलक देखकर उत्साहित हुए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज अपनी परंपरा और आधुनिकता के अनूठे संगम के साथ दुनिया के सामने उभर रहा है। “हमारी पहचान केवल धरोहर और लोकसंस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि उद्योग, नवाचार और वैश्विक सहयोग की दिशा में भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।” पवेलियन में छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला, बुनाई, हस्तनिर्मित उत्पाद, हर्बल आइटम्स और पर्यटन स्थलों को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। साथ ही, प्रदेश की औद्योगिक क्षमता, निवेश अवसर और भविष्य की संभावनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। जापान और अन्य देशों से आए आगंतुकों ने छत्तीसगढ़ के पैवेलियन की सराहना करते हुए विशेष रूप से हस्तशिल्प और बांस उत्पादों, बस्तर आर्ट और लोकसंगीत पर आधारित प्रस्तुतियों की प्रशंसा की। इससे अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच प्रदेश की एक सकारात्मक छवि बनी। मुख्यमंत्री साय ने पवेलियन में मौजूद मेहमानों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश और साझेदारी के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रदेश के साथ जुड़कर विकास की नई दिशा में कदम बढ़ाने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “वर्ल्ड एक्सपो जैसे वैश्विक मंच पर हमारी भागीदारी यह संदेश देती है कि छत्तीसगढ़ केवल भारत का ही नहीं, बल्कि वैश्विक साझेदारी का भी एक मजबूत केंद्र बन सकता है।” इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न देशों से आए निवेशकों और प्रतिनिधियों से भी चर्चा की। औद्योगिक विकास, पर्यटन संवर्द्धन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित इन मुलाकातों ने भविष्य में सहयोग के नए अवसर खोले। छत्तीसगढ़ पवेलियन की भव्यता और उसमें प्रदर्शित सामग्री ने यह संदेश दिया कि प्रदेश न केवल अतीत की सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध है, बल्कि आने वाले कल का भविष्य-रेडी हब भी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह प्रवास छत्तीसगढ़ को विश्व मंच पर नई पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।  

रायपुर: ओसाका इन्वेस्टर कनेक्ट में छत्तीसगढ़ ने निवेशकों का दिल जीता

ओसाका इन्वेस्टर कनेक्ट: छत्तीसगढ़ बना निवेशकों का भरोसेमंद विकल्प छत्तीसगढ़ का निवेश-अनुकूल इकोसिस्टम: जापानी कंपनियों ने दिखाई गहरी रुचि रायपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान ओसाका में आयोजित प्रतिष्ठित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों, प्रतिभाशाली मानवबल और उद्योग-अनुकूल नीतियों का सशक्त संगम है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत और जापान विश्वास एवं साझा मूल्यों की गहरी डोर से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने जापानी साझेदारों से आह्वान किया कि वे नवाचार, अवसर और साझा समृद्धि से आगे बढ़ रही छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में भागीदार बनें। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सरताज फूड्स, ओसाका को छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए 11.45 मिलियन डॉलर (₹100 करोड़) का निवेश प्रस्ताव दिया। यह परियोजना राज्य के फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र को नई ऊँचाई देगी, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करेगी और किसानों को नए अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। बिजनेस-टू-गवर्नमेंट (B2G) बैठकों के अंतर्गत मुख्यमंत्री साय ने मोराबु हंशिन कंपनी के प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर नाओयुकी शिमाडा से भी भेंट की। यह कंपनी कुशल इंजीनियरों, सिस्टम डेवलपमेंट और वर्कफोर्स सॉल्यूशंस के क्षेत्र में अग्रणी है। बैठक में कौशल प्रशिक्षण और वर्कफोर्स एक्सचेंज के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए वैश्विक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा और राज्य का कौशल तंत्र और अधिक सशक्त बनेगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक विशेषताओं को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रचुर खनिज संपदा, सक्रिय सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम, विश्वस्तरीय औद्योगिक ढाँचा और वैश्विक निवेशकों को सहज वातावरण उपलब्ध कराना छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताकत है। राज्य में किए जा रहे सुधारों और निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की जापानी प्रतिनिधियों ने सराहना की। विशेषकर फूड प्रोसेसिंग, प्रौद्योगिकी और उन्नत वर्कफोर्स सॉल्यूशंस के क्षेत्र में निवेश की इच्छुक कंपनियों ने छत्तीसगढ़ को उपयुक्त अवसरों का प्रदेश बताया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ निवेश-अनुकूल इकोसिस्टम प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ वैश्विक साझेदारों को अवसर और सहयोग दोनों मिलते हैं। जापान के साथ हमारी साझेदारी विश्वास और साझा मूल्यों पर आधारित है। ओसाका में हुई चर्चाएँ न केवल निवेश लेकर आएँगी, बल्कि हमारे किसानों को सशक्त बनाएँगी, युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करेंगी और विकसित छत्तीसगढ़ की नींव को और अधिक मजबूत करेंगी।”

पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना प्रक्रिया होगी पूरी तरह पारदर्शी- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की पारदर्शी पहल: पदोन्नत प्राचार्यों की ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रारम्भ पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना प्रक्रिया होगी पूरी तरह पारदर्शी- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 अगस्त तक चलेगी ऑनलाइन काउंसिलिंग, अंतिम दिन अनुपस्थितों को मिलेगा अवसर संचालक लोक शिक्षण की उपस्थिति और मार्गदर्शन में कराया जा रहा काउंसिलिंग ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रारंभ : पदोन्नत प्राचार्यों को ऑनलाइन काउंसिलिंग से मिलेगा पदस्थापना स्थल 845 नव पदोन्नत प्राचार्यों के पदांकन हेतु ओपन काउंसिलिंग प्रारंभ रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन की सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी एवं व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आज से राजधानी रायपुर स्थित शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर, शंकर नगर में पदोन्नत प्राचार्यों के लिए ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग की शुरुआत हो गई है। इस प्रक्रिया में कुल 845 नव पदोन्नत प्राचार्य शामिल होंगे। संचालक लोक शिक्षण ऋतुराज रघुवंशी और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति और मार्गदर्शन में काउंसिलिंग 20 अगस्त से 23 अगस्त 2025 तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से आयोजित होगी। प्रत्येक दिन दो पालियों में क्रमशः 150-150 प्राचार्यों को शामिल किया जाएगा। पदोन्नति आदेश एवं रिक्त पदों की सूची पूर्व में ही स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है, जिससे चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी एवं सुगम हो। सरकार द्वारा तय नियमावली एवं वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता निर्धारित की जाएगी। दिव्यांग अभ्यर्थियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, इसके बाद महिला और फिर पुरुष अभ्यर्थियों को वरिष्ठता क्रम से संस्था चयन का अवसर मिलेगा। एक वर्ष से कम अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले प्राचार्यों को भी प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। काउंसिलिंग हेतु वेटिंग हॉल और काउंसिलिंग कक्ष निर्धारित कर दिए गए हैं, जहाँ केवल अभ्यर्थियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। सभी पदोन्नत प्राचार्यों को अपने सेवा प्रमाण पत्र और मान्य फोटोयुक्त पहचान पत्र अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने होंगे। काउंसिलिंग में अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों को अंतिम दिन 23 अगस्त को अवसर दिया जाएगा। काउंसिलिंग पूर्ण होने के पश्चात् शासन द्वारा पदस्थापना आदेश जारी किए जाएंगे तथा सभी को आदेश प्राप्ति के 7 दिवस के भीतर पदग्रहण करना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार ने शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और सरलता लाने का संकल्प लिया है। इस पहल से अब प्राचार्यों की पदस्थापना की प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और सुविधाजनक हो गई है। पहले से ही रिक्त पदों का स्थान सार्वजनिक कर दिया गया है, जिससे सभी को अपने अधिकार और विकल्प स्पष्ट रूप से उपलब्ध हो सके।

रायपुर: छीरपानी जलाशय योजना से बैगा बाहुल्य गांवों में पेयजल संकट होगा खत्म

रायपुर : बैगा बाहुल्य ग्रामों के पेयजल संकट को दूर करेगी छीरपानी जलाशय आधारित योजना रायपुर: छीरपानी जलाशय योजना से बैगा बाहुल्य गांवों में पेयजल संकट होगा खत्म मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल तेज, कलेक्टर ने विभागों को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के दिए निर्देश रायपुर, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की घोषणा को मूर्त रूप देने और विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहुल्य ग्रामों में वर्षों से चली आ रही पेयजल समस्या को सुलझाने के लिए कबीरधाम जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने छीरपानी मध्यम जलाशय पर आधारित नई जल प्रदाय योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना से दलदली ग्राम सहित 20 से 30 गांवों और बैगा बसाहटों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर वर्मा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) को निर्देशित किया कि वे तत्काल स्थल निरीक्षण करें और विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि यह देखा जाए कि कौन-कौन से गांव योजना से जुड़ेंगे और उनकी पेयजल आपूर्ति कैसे सुनिश्चित होगी। बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छीरपानी मध्यम जलाशय में हर साल पर्याप्त जल भराव होता है और इसकी जल आवक भी पर्याप्त है, सिंचाई कार्य के बाद भी पेयजल के लिए आपूति की जा सकती है। यही कारण है कि यहां से दीर्घकालीन पेयजल आपूर्ति संभव है। कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग को भी तकनीकी परीक्षण और व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। दलदली प्रवास से शुरू हुई पहल, मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तीन से चार माह पहले सुशासन तिहार के अंतर्गत कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के अंतिम ग्राम दलदली का दौरा किया था। इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें प्रमुखता से पेयजल संकट की समस्या से अवगत कराया। मुख्यमंत्री साय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए स्थानीय कनाई नाला से जल प्रदाय योजना की घोषणा की थी। हालाँकि, जिला प्रशासन और विभागीय टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया कि कनाई नाला में केवल बरसात के मौसम में ही पानी रहता है। ग्रीष्मकाल में जल प्रवाह लगभग समाप्त हो जाता है, जिससे नियमित और टिकाऊ पेयजल आपूर्ति संभव नहीं है। यही कारण रहा कि कलेक्टर वर्मा ने मुख्यमंत्री की घोषणा को व्यवहारिक रूप देने और स्थायी समाधान के लिए छीरपानी जलाशय पर आधारित नई योजना बनाने का निर्णय लिया। 65 ग्रामों के लिए 118.06 करोड़ की योजना प्रस्तावित बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि उपमुख्यंत्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासो से राज्य शासन को कुसुमघटा, बैजलपुर और राजा नवागांव सहित बोड़ला विकासखंड के 65 ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिए 118.06 करोड़ रुपए की जल प्रदाय योजना प्रस्तावित की गई है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह प्रस्ताव वर्तमान में स्वीकृति की अंतिम चरणों में है। इस योजना के लागू होने पर पूरे क्षेत्र के दर्जनों गांवों को राहत मिलेगी। कलेक्टर ने अन्य विकास योजनाओं की भी समीक्षा बैठक में कलेक्टर वर्मा ने पेयजल योजनाओं के साथ-साथ जिले की अन्य प्रमुख योजनाओं की भी समीक्षा की। इनमें प्रमुख रूप से महतारी सदन योजना, प्रधानमंत्री जनमन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और नगर पंचायतों के अधोसंरचना मद से स्वीकृत निर्माण कार्य शामिल थे। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर प्रारंभ और अप्रारंभ कार्यों की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें और निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरे करें। इसके साथ ही कलेक्टर ने राज्य शासन के निर्देश पर 15 अगस्त 2025 से 31 मार्च 2026 तक आयोजित होने वाले रजत जयंती वर्ष कार्यक्रमों की रूपरेखा का गहन मूल्यांकन किया और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अजय त्रिपाठी, अपर कलेक्टर नरेन्द्र पैकरा, डिप्टी कलेक्टर सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़: राजभवन में तीन नए मंत्रियों ने ली शपथ, राज्यपाल रमेन डेका ने दिलाई गोपनीयता की शपथ

राज्यपाल रमेन डेका ने सर्वगजेन्द्र यादव, राजेश अग्रवाल और गुरु खुशवंत साहेब को मंत्री पद की शपथ दिलाई छत्तीसगढ़: राजभवन में तीन नए मंत्रियों ने ली शपथ, राज्यपाल रमेन डेका ने दिलाई गोपनीयता की शपथ सर्वगजेन्द्र यादव, राजेश अग्रवाल और गुरु खुशवंत साहेब बने मंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ राज्यपाल डेका ने दिलाई मंत्रियों को शपथ, राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न रायपुर राज्यपाल रमेन डेका ने आज राजभवन के छत्तीसगढ़ मण्डपम् में सर्वगजेन्द्र यादव, राजेश अग्रवाल एवं गुरू खुशवंत साहेब को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव एवं विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मंत्रीपरिषद के सदस्यगण, विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ कैबिनेट विस्तार: कल हो सकता है तीन मंत्रियों का शपथ ग्रहण

रायपुर  इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली हैं। जल्द ही छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। संभवत: कल यानी बुधवार को साय कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। सीएम विष्णुदेव साय ने इस संबंध में पहले ही संकेत दिये थे। वहीं बीजेपी हाईकमान से भी हरी झंडी मिल चुकी है। ऐसे में प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए छत्तीसगढ़ मंडपम में तैयारियां शुरू हो गई हैं। सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि 21 अगस्त से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। तीन नये मंत्री बनाये जा सकते हैं। साय मंत्रिमंडल का विस्तार करीब-करीब तय हो गया है। दुर्ग संभाग से दुर्ग विधायक विधायक गजेंद्र यादव, सरगुजा संभाग से अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और रायपुर संभाग से आरंग विधायक और सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब नए मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हाल ही में सीएम साय ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि इंतजार करिए, जल्द ही विस्तार होगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार उनके विदेश दौरे से पहले भी हो भी सकता है। सीएम साय 22 अगस्त से पहले विदेश दौरे पर जा रहे हैं। बता दें कि सीएम साय ने हाल ही में दिल्ली से आने के बाद संकेत दिया था कि इंतजार खत्म होने वाला है।  CM के विदेश दौरे से पहले शपथ ग्रहण की तैयारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 21 अगस्त को जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर रवाना होंगे। इससे पहले शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी चल रही है। मंत्रिमंडल विस्तार पर सीएम साय ने कहा था कि इंतजार करते रहिए, हो सकता है। बीजेपी में इस फॉर्मूले की चर्चा बीजेपी संगठन के नेताओं के अनुसार, सामाजिक और भौगोलिक संतुलन को प्राथमिक महत्व दिया जाएगा। माना जा रहा है कि एक मंत्री सामान्य वर्ग से, दूसरा अनुसूचित जनजाति वर्ग से और तीसरा पिछड़ा वर्ग से लिया जा सकता है। इसी के साथ बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग से एक-एक मंत्री बनाए जाने की बात कही जा रही है। कैबिनेट में तीन नए चेहरे जुड़ेंगे बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार, संगठन विस्तार के दौरान तीन नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुमान है कि एक मंत्री सामान्य वर्ग से, दूसरा अनुसूचित जनजाति से और तीसरा पिछड़ा वर्ग से चुना जा सकता है। ये हैं संभावित नाम     दुर्ग संभाग से विधायक गजेंद्र यादव     सरगुजा संभाग से अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल      रायपुर संभाग से आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। बड़ी बात ये है कि ये तीनों विधायक कभी भी मंत्री नहीं रहे हैं। पहली बार मंत्री बन सकते हैं।  फेरबदल हुआ तो ये नाम भी संभावित यदि उपरोक्त नामों में कुछ फेरबदल हुआ तो अमर अग्रवाल बिलासपुर संभाग से, राजेश मूणत रायपुर संभाग से, अजय चंद्राकर रायपुर संभाग से, किरण सिंहदेव बस्तर संभाग से नये मंत्री हो बन सकते हैं। हरियाणा की तर्ज पर हो सकता है साय कैबिनेट का विस्तार हरियाणा की विधानसभा में भी 90 विधायक हैं। हरियाणा में बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हैं। लिहाजा, हरियाणा के फॉर्मूले को छत्तीसगढ़ में भी लागू करते हुए 3 और मंत्री बनाए जा सकते हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ में राज्य बनने के बाद से 13 मंत्री ही बनते आए हैं, जबकि नियम के तहत विधयकों की संख्या के 15 प्रतिशत ही मंत्री बन सकते है। इस नियम के तहत 90 विधायकों में 13।5 मंत्री बन सकते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री भी हो सकते हैं। इन नामों पर चल रही चर्चा वहीं अगर नामों की बात करें तो दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव, रायपुर आरंग विधायक गुरु खुशवंत, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल का नाम चर्चा में है. वहीं गोमती साय, पुरंदर मिश्रा के अलावा बस्तर से विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी और नीलकंठ टेकाम के नाम भी चर्चा में है. मंथन का दौर चल रहा है. नामों पर एक राय बनाने की कोशिश जारी है. अब देखना होगा सरकार किन पर मुहर लगाती है. पुराने मंत्रियों की कुर्सी सुरक्षित बीजेपी संगठन के अनुसार, नए मंत्रियों की कैबिनेट में एंट्री होगी, लेकिन मौजूदा मंत्रियों के विभाग या पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि वर्तमान टीम से किसी को बाहर नहीं किया जाएगा। हालांकि पिछले कुछ समय से राजनीतिक हलकों में लक्ष्मी राजवाड़े, दयालदास बघेल और टंकराम वर्मा को लेकर अटकलें चल रही थीं, लेकिन अब ऐसे संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण के आधार पर होगा मंत्रिमंडल का विस्तार साय कैबिनेट में अभी मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं। सबसे ज्यादा सरगुजा संभाग से मंत्री हैं। रायपुर दुर्ग और बस्तर संभाग से मात्र एक-एक मंत्री हैं। इसलिए रायपुर से राजेश मूणत और अजय चंद्राकर का नाम चर्चा में है। वहीं, बस्तर से केदार कश्यप अकेले मंत्री हैं, ऐसे में बस्तर से प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव का नाम भी सामने आ रहा है। बिलासपुर से रमन सरकार में मंत्री रहे अमर अग्रवाल का नाम चर्चा में है। इसके अलावा यादव समाज को प्रतिनिधित्व देने दुर्ग से गजेंद्र यादव, रायपुर से बीजेपी विधायक खूशवंत साहेब के नाम की चर्चा भी तेज है। साय कैबिनेट में मुख्यमंत्री सेत 12 मंत्री थे, लेकिन लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से मुख्यमंत्री साय 10 मंत्रियों के साथ काम कर रहे हैं। साय कैबिनेट के वर्तमान में मंत्री 1 विष्णुदेव साय,  मुख्यमंत्री 2 अरुण साव, उप मुख्यमंत्री 3 विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री 4 ओपी चौधरी, वित्त मंत्री 5 मंत्री केदार कश्यप, वन मंत्री 6 दयाल दास बघेल, खाद्य मंत्री 7 टंकराम वर्मा, खेल मंत्री 8 लखन लाल देवांगन, उद्योग मंत्री 9 श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री  10 रामविचार नेताम, आदिम जाति कल्याण मंत्री 11 लक्ष्मी राजवाड़े, महिला बाल विकास मंत्री संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर भी लग सकती है मुहर अगस्त महीने में ही बीजेपी संसदीय सचिव और रिक्त निगम मंडल के अध्यक्षों की भी नियुक्त कर सकती है। इस नियुक्ति में सीनियर और जूनियर का औसत देखने को … Read more

साय मंत्रिपरिषद का बड़ा फैसला: सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग खोलने को मिलेगा रियायती भूखंड

रायपुर  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि, सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 90 एकड़ भूमि के भूखंड को रियायती प्रीमियम दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। चना खरीदी का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया है। पढ़िए फैसलों को डिटेल- 1. मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया है कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्र एवं माडा पॉकेट क्षेत्र में रहने वाले अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत हर माह वितरित किए जाने वाले 2 किलो चना की आवश्यक मात्रा नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा NeML ई-ऑक्शन प्लेटफार्म के माध्यम से खरीदी जाएगी। यह खरीदी वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 0.25 प्रतिशत या इससे कम ट्रांजैक्शन/सर्विस चार्ज पर की जाएगी। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने कहा है कि जुलाई 2025 से नवंबर 2025 तक जिन हितग्राहियों ने चना नहीं लिया है, उन्हें पात्रतानुसार यह चना दिसंबर 2025 तक वितरित कर दिया जाए। 2. मंत्रिपरिषद ने नवा रायपुर में सूचना प्रौद्योगिकी (IT/IITS) उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 90 एकड़ भूमि के भूखंड को रियायती प्रीमियम दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले का उद्देश्य आईटी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना और औद्योगिक विकास को गति देना है। रियायती दर पर भूमि उपलब्ध होने से निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस पहल से नवा रायपुर में न सिर्फ तकनीकी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यहां की बसाहट और शहरीकरण की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। आईटी कंपनियों की स्थापना से क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं विकसित होंगी, जिससे स्थानीय निवासियों को भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया है कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्र एवं माडा पॉकेट क्षेत्र में रहने वाले अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत हर माह वितरित किए जाने वाले 2 किलो चना की आवश्यक मात्रा नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा NeML ई-ऑक्शन प्लेटफार्म के माध्यम से खरीदी जाएगी। यह खरीदी वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 0.25 प्रतिशत या इससे कम ट्रांजैक्शन/सर्विस चार्ज पर की जाएगी। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने कहा है कि जुलाई 2025 से नवंबर 2025 तक जिन हितग्राहियों ने चना नहीं लिया है, उन्हें पात्रतानुसार यह चना दिसंबर 2025 तक वितरित कर दिया जाए। मंत्रिपरिषद ने नवा रायपुर में सूचना प्रौद्योगिकी (IT/IITS) उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 90 एकड़ भूमि के भूखंड को रियायती प्रीमियम दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले का उद्देश्य आईटी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना और औद्योगिक विकास को गति देना है। रियायती दर पर भूमि उपलब्ध होने से निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस पहल से नवा रायपुर में न सिर्फ तकनीकी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यहां की बसाहट और शहरीकरण की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। आईटी कंपनियों की स्थापना से क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं विकसित होंगी, जिससे स्थानीय निवासियों को भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।