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चुनाव की तैयारी तेज: पंजाब में वोटर लिस्ट संशोधन शुरू, आयोग ने जारी की नई चुनावी टाइमलाइन

जालंधर पंजाब राज्य चुनाव आयोग ने जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों के लिए वोटर सूचियों में सुधार और संशोधन का कार्यक्रम जारी किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर-कम-जिला चुनाव अधिकारी डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा- आयोग के निर्देशों के अनुसार 17 अक्टूबर तक दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि मौजूदा वोटर लिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन 10 अक्टूबर को किया जा चुका है, और इस पर 17 अक्टूबर तक दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी। इन दावों और आपत्तियों का निपटारा 23 अक्टूबर तक किया जाएगा, जबकि अंतिम वोटर लिस्ट का प्रकाशन 24 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा। आवेदक की उम्र 18 वर्ष होनी आवश्यक डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नई वोट बनवाने के लिए आवेदक की उम्र पात्रता तिथि तक 18 वर्ष होनी आवश्यक है। नई वोट के लिए आवेदन फॉर्म-1 में, वोट कटवाने या आपत्ति दर्ज कराने के लिए फॉर्म-2 में और वोटर सूची में संशोधन के लिए फॉर्म-3 में किया जा सकता है। इस वेबसाइट पर हो पाएगी डाउनलोडिंग वहीं अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (पेंडू विकास)-कम-अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी नवदीप कौर ने कहा- ये सभी फॉर्म जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध हैं। साथ ही इन्हें पंजाब राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट sec.punjab.gov.in से डाउनलोड भी किया जा सकता है। बता दें कि पहले वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 9 सितंबर 2025 को किया जाना था, लेकिन बाढ़ प्रभावित जिलों को ध्यान में रखते हुए अब आयोग ने संशोधित कार्यक्रम जारी किया है।  

मतदाता सूचियों की त्रुटिरहित तैयारी हो प्राथमिकता : पंचायत व नगरीय निकायों पर विशेष ज़ोर

मतदाता सूचियों की त्रुटिरहित तैयारी हो प्राथमिकता : पंचायत व नगरीय निकायों पर विशेष ज़ोर पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करें राज्य निर्वाचन आयुक्त  वास्तव ने की मतदाता सूची के वार्षिक पुनरीक्षण तैयारियों की समीक्षा भोपाल पंचायत एवं नगरीय निकायों की मतदाता सूची की शुद्धता पर विशेष ध्यान दें। किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची में छूटना नहीं चाहिए। राज्य निर्वाचन आयुक्त  मनोज वास्तव ने यह निर्देश मतदाता सूची के वार्षिक पुनरीक्षण-2025 की तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा के दौरान दिये। फोटोयुक्त मतदाता सूची का प्रकाशन 13 नवम्बर 2025 को किया जाना है। इसके समय में वृद्धि नहीं की जायेगी।  वास्तव ने कहा कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य पूरा कराएं। प्रारूप मतदाता सूची पर प्राप्त होने वाले दावा-आपत्तियों का निराकरण गंभीरता से करें। उन्होंने कहा कि आगामी दिसम्बर माह में पंचायत एवं नगरीय निकायों के उप निर्वाचन प्रस्तावित हैं।  वास्तव ने नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्षों के प्रत्यक्ष प्रणाली से निर्वाचन और अध्यक्ष को पद से वापस बुलाये जाने के निर्वाचन के संबंध में जारी अध्यादेशों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों की शंकाओं का भी समाधान किया। इस दौरान सचिव राज्य निर्वाचन आयोग  दीपक सिंह, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन आयोग के उप सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

सिर्फ 8 दिन का मौका: 13 लाख वोटरों को करना होगा दस्तावेज़ जमा, वरना छूट जाएगा नाम

पटना बिहार में जारी गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) के तहत 24 जून से 24 अगस्त 2025 यानी 60 दिनों में 98.2% लोगों ने अपने दस्तावेज़ जमा कर दिए हैं। इसका औसत लगभग 1.64% प्रतिदिन बैठता है। अब भी 1 सितंबर तक 8 दिन शेष हैं और केवल 1.8% (12 लाख 85 हजार 200) निर्वाचकों के दस्तावेज़ जमा होने बाकी हैं। बी.एल.ओ और स्वयंसेवकों की मदद से इन दस्तावेज़ों का संग्रहण कार्य जारी है। जिस तरह गणना प्रपत्र समय से पहले एकत्र किए गए थे, उसी प्रकार दस्तावेज़ों का संग्रहण कार्य भी समय से पहले पूरा हो जाने की संभावना है। दावे और आपत्तियों की अवधि से निर्वाचकों को ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली में किसी भी त्रुटि को सुधारने का अवसर मिलता है, साथ ही वो आवश्यक दस्तावेज़ भी जमा कर सकते हैं, जो उन्होंने गणना प्रपत्र भरते समय नहीं दिए थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 98.2% निर्वाचकों के दस्तावेज़ प्राप्त हो चुके हैं। चुनाव आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राफ्ट नामावली में कुल 7.24 करोड़ निर्वाचकों में से अब तक 0.16% दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इनमें से 10 आपत्तियां बिहार के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बी.एल.ए द्वारा, कुछ उन व्यक्तियों द्वारा जो उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक नहीं हैं, और 1,21,143 दावे/आपत्तियाँ संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचकों द्वारा दी गई हैं। 3,28,847 नए निर्वाचकों, जिन्होंने 1 जुलाई तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है या 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु पूरी करेंगे, उन्होने ने भी प्रपत्र 6 और घोषणा पत्र जमा किए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों (DEO), 243 निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (ERO), 2,976 सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (AERO), 90,712 बीएलओ (BLOs), लाखों स्वयंसेवकों और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं एवं जिला अध्यक्षों सहित उनके द्वारा नियुक्त लगभग 1.60 लाख बीएलए (BLAs) के प्रयासों की सराहना की है। आपको बता दें बिहार का विशेष गहन पुनरीक्षण निर्धारित समयानुसार चल रहा है। प्राप्त सभी दावे और आपत्तियों पर निर्णय तथा पात्रता दस्तावेज़ों का सत्यापन संबंधित ईआरओ/एईआरओ द्वारा 25 सितंबर 2025 तक पूरा किया जाना है और अंतिम जांच के बाद 30 सितंबर 2025 को अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी।  

वोटर बनने की प्रक्रिया में हुए अजीब बदलाव, साजन और सजनी की कहानी

पूर्णिया एसआईआर की समीक्षा में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसके अलावा, बीएलओ द्वारा आंख बंदकर दस्तावेज अपलोड करने का भी मामला सामने आ रहा है। मतदाता बनने की जुगाड़ में कहीं किसी का साजन बदल गया है तो कहीं किसी की सजनी बदल गई है। पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने गुरुवार को पूर्णिया के विधानसभा क्षेत्रों के एसआईआर की समीक्षा में इस तरह के कई खामियां पकड़ी है। आयुक्त ने इस मामले में संबंधित मतदान केन्द्र के बीएलओ को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए गलत कागजात प्रस्तुत करने वाले मतदाता सहित उसे अपलोड करने वाले बीएलओ के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश पूर्णिया के जिलाधिकारी अंशुल कुमार को दिया है। अमौर विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-85 के सभी अभिलेखों गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि की जांच में कई कॉलम खाली पाए गए। बीएलओ के स्तर से गणना प्रपत्र पंजी तथा गणना प्रपत्र एवं कागजात प्रमाण पत्र का सही-सही संधारण नहीं किया हुआ पाया गया। जांच के क्रम में इस मतदान केन्द्र के तीन गणना प्रपत्र संदेहास्पद पाए गए। एक गणना प्रपत्र में निर्वाचक का नाम-सुखफजा, इपिक नंबर- जेडओएल .2718922 जन्म तिथि-01.1.1949, पिता का नाम-ईसा फली, माता का नाम-जैनफ एवं पति का नाम-मो मुस्लिम गणना प्रपत्र प्रारूप में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक 744 अंकित किया गया है। जबकि गणना प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 मतदाता सूची में इस क्रमांक पर नाम सुरब्जा अंकित है। इस प्रकार गलत कागजात गणना प्रपत्र के साथ पाया गया। उक्त निर्वाचक 2003 के मतदाता सूची में नाम अंकित नहीं पाया गया। दूसरे मामले में निर्वाचक का नाम-आसमीन इपिक-जेडओएल 1955384 जन्म तिथि-01.1.1980, पिता-मो अफाक, माता-नूर दाना, पति-आजाद गणना प्रपत्र प्रारूप में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक 137 अंकित किया गया है, जबकि उक्त गणना प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची में क्रमांक-137 पर नाम आसमीन, पति-सरीफ अंकित है। जांच में यह कागजात भी गलत पाया गया। तीसरे मामले में निर्वाचक का नाम-रुकसाना बेगम, इपिक जीक्यूबी 5273362, पिता-हनीफ, माता-मुरनपा, पति-मोहम्मद फैयाज गणना प्रपत्र में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक-865 अंकित किया गया है, जबकि उक्त प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची के क्रमांक-865 पर निर्वाचक का नाम फकरीन, पति-फैयाज अंकित है। यह भी जांच में गलत पाया गया। समीक्षा के बाद आयुक्त ने माना कि अमौर विधान सभा के मतदान केन्द्र संख्या 85 के बीएलओ ने गणना प्रपत्र को बिना जांच पड़ताल किये कागजात संलग्न कर दिया है जो उनके लापरवाही का परिचायक है। इस संबंध में पृच्छा करने पर बीएलओ द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। इस मामले में इआरओ को आदेश दिया गया कि तत्काल इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। इस मामले में बीएलओ सहित गलत कागज देने वाले दोषी लोगों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें। बायसी विधानसभा में भी पकड़ी गई कई गड़बड़ी आयुक्त ने 57-बायसी विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-115 एवं 205 के सभी अभिलेखों यथा-गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि के जांच में भी अनियमितताएं पायी। यहां जांच के क्रम में पाया गया कि गणना प्रपत्र प्रारूप में निर्वाचक का नाम जीरानी बेगम, जन्म तिथि-01.1.1960, पिता-महमुद आलम, माता-तहमीना खातून, पति-मो० अकबर हुसैन अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-172 क्रमांक-352 अंकित किया गया है, जबकि उक्त प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची के क्रमांक-352 में निर्वाचक का नाम सैदा खातून, पति-अकबर अंकित है। इससे बीएलओ की कार्य के प्रति लापरवाही पाई गई। इस संबंध में संबंधित इआरओ को इसकी जांच कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया। इसके अलावा इस मतदान केन्द्र के बीएलओ को बदलते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बनमनखी विधानसभा की जांच में मिली कई खामियां 59-बनमनखी विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-45 एवं 115 के सभी अभिलेखों यथा-गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि के जांच की गई। जांच के क्रम में गणना प्रपत्र पंजी के कई कॉलम खाली पाया गया। कई गणना प्रपत्र प्रारूप में लगे फोटो अस्पष्ट एवं संलग्न कागजात सही नहीं पाए गए तथा कुछ गणना प्रपत्र में निर्वाचकों का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं पाया गया। इस संबंध में संबंधित इआरओ को अभियान चलाकर उक्त त्रुटियों के सुधार के लिए निर्देश दिया गया। समीक्षा बाद आयुक्त ने जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी को वरीय पदाधिकारी के माध्यम से समय-समय पर इनके कार्यों की औचक जांच कराने तथा कार्य में लापरवाही पाये जाने की स्थिति में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।  

विधानसभा-लोकसभा चुनाव से पहले MP में कांग्रेस जांचेगी वोटर लिस्ट

भोपाल  बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के शुद्धिकरण में कई लाख नाम काटे जाने पर आपत्ति के बीच कांग्रेस को मध्य प्रदेश की मतदाता सूचियों में भी खामियों की आशंका है। इसको तलाशने के लिए पार्टी प्रदेश के हर बूथ स्तर पर सत्यापन कराएगी। इसमें 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव के समय जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए, जोड़े या संशोधित किए गए, उनकी पहचान करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह काम जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 65 हजार कार्यकर्ताओं को बूथों पर भेजकर मतदाताओं का सत्यापन कराने की रणनीति बना ली गई है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी राहुल गांधी के निर्देश पर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश इकाई से मतदाता सूची का सत्यापन कराने को कहा है। प्रदेश के पदाधिकारियों के अनुसार, 65 हजार कार्यकर्ताओं को लगाकर सभी बूथों पर सत्यापन कराया जाएगा। इसकी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी। खामियां मिलने पर मुद्दे को उठाते हुए चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई जाएगी। 24 नाम शिकायत के बाद हटाए गए थे बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के अन्य नेता यह दावा कर चुके हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी थी। लगभग 24 नाम पार्टी की शिकायत के बाद हटाए गए थे। 2023 के चुनाव में भी प्रमाण सहित शिकायतें की गई थीं, जिनमें से कुछ पर कार्रवाई भी हुई। पार्टी ने तय किया है कि बूथ लेवल एजेंटों के माध्यम से सूची का पड़ताल कराई जाएगी। 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद जो परिवर्तन हुआ था, उसकी जांच होगी। दोनों चुनाव के समय की मतदाता सूची लेकर बूथ लेवल एजेंट मतदान केंद्रों पर जाएंगे। यहां चिन्हित मतदाताओं के घर जाएंगे और यह पता करेंगे कि जो परिवर्तन हुए थे, वे सही थे या नहीं। बूथवार जांच कराएंगे, सतर्क भी रहेंगे कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कामले का कहना है कि मध्य प्रदेश में मतदाता सूची की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसी माह 230 विधानसभा के प्रभारी नियुक्त कर दिए जाएंगे। पार्टी के 65 हजार बूथ लेवल एजेंट स्थिति देखेंगे। सूची से जिनके नाम हटाए, जोड़े या संशोधित किए गए, सबको देखा जाएगा। रिपोर्ट बनाकर पार्टी मुख्यालय भेजेंगे और चुनाव आयोग में भी जाएंगे। जांच कराएं, कोई बुराई नहीं पर एक वर्ग विशेष पर फोकस न करें भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि मतदाता सूची पारदर्शी और प्रमाणिक रहे, पार्टी हमेशा इसकी पक्षधर रही है। इसको लेकर पार्टी काम भी करती है। कांग्रेस एक मजहब को लेकर चुनाव आयोग के नियमों को दरकिनार करने की बात कर रही है। कांग्रेस मतदाता सूची का सत्यापन कराए, इसमें कोई बुराई नहीं। हम तो हमेशा कहते हैं कि सूची शुद्ध होनी चाहिए पर कांग्रेस का ध्येय मतदाता सूची का शुद्धीकरण नहीं तुष्टिकरण की राजनीति है। उसका संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा ही नहीं है। एक मजहब विशेष को लेकर बात करना कहां से उचित है। चुनाव चोरी पर रिपोर्ट जारी करेगी कांग्रेस कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने की खुली दुर्भावना रखने वालों की साजिशों को बेनकाब करना अब जरूरी हो गया है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में क्या हुआ था, इसे सबके सामने लाया जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव-2023 को लेकर चुनाव-चोरी पर रिपोर्ट जारी की जाएगी।

जबलपुर में नेपाली नागरिक के वोटर आईडी प्रकरण की जांच शुरू, पुलिस कर रही गहन पड़ताल

जबलपुर   भारतीय पासपोर्ट के साथ पकड़े गए नेपाली नागरिक को पहचान पत्र जारी करने के जिम्मेदार पुलिस के निशाने पर है। इसके लिए सिविल लाइंस पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्रशासन से नेपाल के युवक का नाम केंट विधानसभा क्रमांक 99 की मतदाता सूची में दर्ज करने वालों के नाम पूछे गए है। मामले में पुलिस ने गुरुवार को रांझी एसडीएम को एक पत्र भेजा है। इसमें नेपाली नागरिक दीपक थापा को मतदाता परिचय पत्र जारी करने की प्रक्रिया से जुड़ी कई जानकारी चाही गई है। संबंधित प्रक्रिया के तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी है, जिन्होंने मतदाता परिचय पत्र जारी करने में चूक की है। नेपाली नागरिक दीपक थापा को भारतीय नागरिता के लिए फर्जीवाड़ा में सहयोग किया है। मामले की छानबीन से निवार्चन प्रक्रिया से जुड़े कई कर्मचारी और अधिकारी लपेटे में आ सकते है। नेपाली नागरिक दीपक थापा कुछ वर्षों पूर्व भारत आया। वह जबलपुर पहुंचा और यहीं बस गया। कुछ समय से वह सिविल लाइंस के पवित्र अपार्टमेंट रह रहा था। 22 मई को वह नेपाल जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। जहां, से उसे काठमांडू की फ्लाइट में सवार होना था। एयरपोर्ट पर चेकइन के दौरान सुरक्षा कर्मियों को उस पर संदेह हुआ। उसका भारतीय पासपोर्ट और मतदाता परिचय पत्र जांचा गया। छानबीन में पता चला कि वह मूलत: नेपाल का निवासी है। कुछ समय पूर्व उसने अपना नाम जबलपुर के केंट विधानसभा क्रमांक 99 में मतदाता के रूप में जुड़वाया था। जिसके आधार पर उसने भारतीय पासपोर्ट हासिल किया है। जिसकी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग के माध्यम से जिला निर्वाचन कार्यालय तक पहुंची। उसके बाद सिविल लाइंस थाना में मामला पंजीबद्ध किया गया है। युवक के घर तक पहुंची पुलिस रांझी एसडीएम की ओर से मामले की शिकायत किए जाने के बाद सिविल लाइंस पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आरंभिक जांच में पता चला है कि दीपक थापा का नाम वर्ष 2019 की केंट विधानसभा की मतदाता सूची में शामिल किया गया था। उन जाली अभिलेखों को भी ढूंढा जा रहा है जिसके सहारे उसने स्वयं को केंट विधानसभा का नागरिक बताया। सिविल लाइंस पुलिस का एक दल गुरुवार को आरोपित दीपक थापा का घर ढूंढते हुए पवित्र अपार्टमेंट पहुंचा। आसपास के लोगों से पवित्र के संबंध में पूछताछ की। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि वह कब से वहां पर रह रहा था।

9 पार्षद सीटों पर उप निर्वाचन के नतीजे आए, नगरीय निकायों में बदला सियासी समीकरण

भोपाल 9 नगरीय निकायों में आज एक-एक पार्षद के उप निर्वाचन के परिणाम घोषित किये गये। घोषित परिणामों में 6 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के और 3 पार्षद इंडियन नेशनल कांग्रेस के हैं।  सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री अभिषेक सिंह ने जानकारी दी है कि भोपाल जिले के नगरीय निकाय बैरसिया के वार्ड 7 में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री शाइस्ता सुल्तान, नगरीय निकाय सिवनी के वार्ड 11 में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री निधि, इंदौर जिले के नगरीय निकाय सांवेर के वार्ड 7 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की सुश्री हसीना और नगरीय निकाय गौतमपुरा के वार्ड 15 में भारतीय जनता पार्टी के श्री शंकरलाल, मंडला जिले के नगरीय निकाय बिछिया के वार्ड 13 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की सुश्री राजकुमारी धुर्वे, शहडोल जिले के नगरीय निकाय खांड के वार्ड 8 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के श्री शशिधर त्रिपाठी, छिंदवाड़ा जिले के नगरीय निकाय न्यूटन चिखली के वार्ड 4 में भारतीय जनता पार्टी की सुश्री निकिता बरखे और खरगोन जिले के नगरीय निकाय भीकनगाँव के वार्ड 5 में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमती कमलेश कौशल को विजेता घोषित किया गया है। पन्ना जिले के नगरीय निकाय ककरहटी के वार्ड 13 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्री हीरालाल आदिवासी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये हैं।