वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को वेस्ट बैंक को लेकर स्पष्ट चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा कि इजरायल वेस्ट बैंक पर "कुछ नहीं करेगा"। यह बयान इजरायली संसद द्वारा वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को हड़पने वाले दो विधेयकों पर प्रारंभिक मतदान के एक दिन बाद आया। इस दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी इजरायल में ही थे। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि मौजूदा सरकार को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरह न समझा जाए।
इससे पहले ट्रंप ने वाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, "वेस्ट बैंक को लेकर चिंता न करें। इजरायल बहुत अच्छे काम कर रहा है। वे वेस्ट बैंक को लेकर कुछ नहीं करेंगे।" ट्रंप ने पिछले महीने ही कहा था कि वे इजरायल को यह विवादास्पद कदम उठाने की अनुमति नहीं देंगे। मीडिया को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "यह नहीं होगा क्योंकि मैंने अरब देशों को अपना वादा दिया है। अगर ऐसा होता है, तो इजरायल को अमेरिका का पूरा समर्थन खोना पड़ेगा।"
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने धमकाया
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इजरायल को बताया, "इजरायली हमसे जो बाइडेन की तरह व्यवहार नहीं कर सकते।" अधिकारी ने गुमनाम रहने की शर्त पर कहा कि नेतन्याहू ने बाइडेन प्रशासन के दौरान अक्सर झगड़े किए थे, जो घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए थे। यह टिप्पणी 2010 के ओबामा प्रशासन के दौरान उपराष्ट्रपति बाइडेन की इजरायल यात्रा के समय पूर्वी जेरूसलम में 1,600 आवास इकाइयों के निर्माण की घोषणा को भी याद दिलाती है, जिसने अमेरिका-इजरायल संबंधों में दरार पैदा की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने चेतावनी दी कि अगर नेतन्याहू गाजा युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के समझौते को खतरे में डालते हैं, तो ट्रंप "उन्हें सबक सिखाएंगे"। अधिकारी ने कहा, "नेतन्याहू राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत बारीक रेखा पर चल रहे हैं। अगर वे आगे बढ़े, तो गाजा समझौता बर्बाद हो जाएगा। और अगर समझौता बर्बाद होता है, तो डोनाल्ड ट्रंप उन्हें बर्बाद कर देंगे।"
वेंस भी भड़के
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने वेस्ट बैंक के विलय पर इजरायल की संसद में हुए मतदान की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम एक 'अपमान' है। वेंस ने इस सप्ताह अपनी इजरायल यात्रा के समापन पर प्रस्थान करने से पहले तेल अवीव के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कहा, ‘‘यदि यह मतदान एक 'राजनीतिक स्टंट' था, तो यह एक बहुत ही मूर्खतापूर्ण राजनीतिक स्टंट है।’’ वेंस ने इजरायल की संसद नेसेट में हुए मतदान को लेकर कहा, ‘‘ मैं व्यक्तिगत रूप से इसे अपमानजनक मानता हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीति यह है कि वेस्ट बैंक को इजरायल द्वारा नहीं हड़पा जाएगा।’’ इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो गुरुवार शाम को इजरायल पहुंचे और नेतन्याहू से जेरूसलम में मिले। दोनों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दो मिनट से कम समय के बयान दिए, वो भी बिना सवालों के।
अरब और मुस्लिम देशों ने हड़पने की निंदा की
दूसरी ओर, सऊदी अरब के नेतृत्व में दर्जन भर से अधिक अरब और मुस्लिम देशों ने संयुक्त बयान जारी कर वेस्ट बैंक हड़पने के मतों की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे "अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन" बताया। बयान में कहा गया, "हम इजरायली संसद द्वारा वेस्ट बैंक पर कथित 'इजरायली संप्रभुता' थोपने वाले दो ड्राफ्ट कानूनों की मंजूरी की सबसे कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।" बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में जॉर्डन, मिस्र, कतर, कुवैत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्की, ओमान, फिलिस्तीनी अथॉरिटी, लीबिया, मलेशिया, नाइजीरिया आदि शामिल हैं। मिडिल ईस्ट मॉनिटर के अनुसार, फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि "हड़पने की कोशिशें अवैध और अमान्य हैं। वेस्ट बैंक फिलिस्तीनी भूमि है, जो इतिहास, अंतरराष्ट्रीय कानून और 2024 के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के सलाहकारी फैसले पर आधारित है।"
नेतन्याहू के लिए वेस्ट बैंक हड़पना मुश्किल मुद्दा है। उनकी सरकार के कई गठबंधन सदस्य पश्चिमी शक्तियों द्वारा पिछले महीने फिलिस्तीन राष्ट्र की मान्यता के जवाब में हड़पने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा करना ट्रंप की सऊदी-इजरायल सामान्यीकरण की आशाओं को झटका दे सकता है, जो अब्राहम समझौतों का अगला कदम माना जाता है।





