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MP में निवेश किसान भागीदारी, रोजगार सृजन एवं निर्यातोन्मुख उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मैड्रिड में निवेशकों संग वन-टू-वन चर्चा निवेशकों ने मध्यप्रदेश में निवेश का बनाया मन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव MP में निवेश किसान भागीदारी, रोजगार सृजन एवं निर्यातोन्मुख उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा एमपी बना वैश्विक निवेश का आकर्षण भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ स्पेन के निवेशकों के साथ हुई वन-टू-वन बैठक में मध्यप्रदेश की सरल औद्यौगिक नीतियों से निवेश की संभावनाएं बढ़ी है। अनेक निवेशकों ने प्रदेश में निवेश का मन भी बनाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की स्पेन यात्रा के पहले दिन मैड्रिड में निवेशकों के साथ बैठकें आयोजित हुईं, जिनमें मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। इन बैठकों में राज्य के औद्योगिक विकास, अधोसंरचना, पर्यटन, ऊर्जा और अन्य उभरते क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर विशेष रुचि दिखाई गई। नेचर बायो फूड्स (एलटी फूड्स लिमिटेड की सहायक इकाई) के सीईओ ने मध्यप्रदेश में 200 करोड़ रूपये के संभावित निवेश के साथ जैविक खाद्य और मूल्यवर्धित उत्पाद इकाई की स्थापना की संभावनाओं पर चर्चा की। यह निवेश किसान भागीदारी, रोजगार सृजन एवं निर्यातोन्मुख उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सैंटेंडर समूह के सीनियर एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट डेवलपमेंट) जोसे लुइस दे मोरा गिल-गालाडॉ ने सौजन्य भेंट की। सैंटेंडर समूह की भारत में प्रत्यक्ष उपस्थिति नहीं होने के बावजूद, यह भारत से जुड़े वित्त-पोषण, व्यापार सेवाओं और परियोजनाओं में भागीदारी करता रहा है। बैठक के दौरान आधारभूत संरचना परियोजनाओं के वित्त पोषण, व्यापार एवं निवेश प्रवाह को सशक्त बनाने तथा नवाचार आधारित वित्तीय समाधान के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के साथ संभावित सहयोग पर चर्चा हुई। मोएवे ग्रुप के प्रतिनिधि कार्लोस डियाज़ और बायोफ्यूल्स बिजनेस यूनिट की सुपिलार सिएनफुएगोस ने राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन, 2G बायोफ्यूल्स (सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल्स) तथा रसायन क्षेत्र में संभावित साझेदारी को लेकर रुचि जताई। कंपनी स्थानीय एजेंटों के साथ दीर्घकालिक फीडस्टॉक आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की संभावनाओं का अन्वेषण कर रही है। ग्रुपो ग्रैनसोलर, एसएल के कॉर्पोरेट व्यवसाय निदेशक सईद इस्ताम्बुली ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। ग्रैनसोलर, 30 से अधिक देशों में सक्रिय है, मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बरेठी में इंफ्राकॉन के सहयोग से दो परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये एनटीपीसी की मंजूरी के लिए उन्होंने अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से एयरो जॉयरोकॉप्टर स्पेन एस.ए. के सीईओ एवं पार्टनर मनीष जैन ने मुलाकात कर अल्ट्रालाइट जॉयरोकॉप्टर की श्रृंखला “डायमंड फ्लाई” को लेकर राज्य में संभावित निवेश पर चर्चा की। यह प्रणाली रक्षा, आपातकालीन सेवाएं, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स एवं कृषि जैसे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। उन्होंने संभावित लोकेशन, राज्य सरकार की सब्सिडी, कर लाभ एवं विमानन अवसंरचना पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आर्ट्स के सह-संस्थापक एवं सह-प्रमुख दिवाकर गांधी ने राज्य में वैश्विक एवीजीसी स्किलिंग कंपनी की स्थापना के लिये चर्चा की। बैठक में एमपी एवीजीसी नीति के अंतर्गत मिलने वाले प्रोत्साहनों, कौशल विकास, युवा रोजगार और डिजिटल मीडिया उद्योग को सशक्त करने के लिये भी संभावित सहयोग के विषय पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। ग्रुप के सीएफओ फेहमी ने भी निवेश संबंधी चर्चा की। इन बैठकों ने मध्यप्रदेश में विविध क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रस्तुत किया है, जिससे राज्य की आर्थिक प्रगति और रोजगार निर्माण को नई गति मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों से कहा कि वे एक बार मध्यप्रदेश का भ्रमण जरूर करें, उन्हें निवेश के बेहतर अवसर मिलेंगे।  

एम्स में बंपर वैकेंसी: अच्छी सैलरी और सरकारी नौकरी का मौका

नई दिल्ली एम्स में सरकारी नौकरी पाना हर मेडिकल स्टूडेंट का सपना होता है। अगर आप भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMS में जॉब करना चाहते हैं, तो आपके लिए नई वैकेंसी निकली है। एम्स पटना ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की भर्ती निकाली है। यह पद नॉन एकेडेमिक होंगे। इस भर्ती के लिए 10 जुलाई से आवेदन चल रहे हैं, जिसमें अभ्यर्थी आखिरी तारीख 30 जुलाई तक ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। इसके बाद ऑफिशियल वेबसाइट api.aiimspatna.edu.in पर उपलब्ध फॉर्म लिंक बंद हो जाएगा। एम्स में नौकरी कैसे मिलेगी? सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को एम्स में कितनी सैलरी मिलेगी? सेलेक्शन कैसे होगा? सबकुछ जानें…. पद की डिटेल्स ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) पटना में सीनियर रेजिडेंट की यह रिक्तियां एनॉटमी, बायोकेमिस्ट्री, सीएफएम, डेंटिस्ट्री, डर्मेटोलॉजी, ईएनटी, फार्माकोलॉजी, रेडियो डायग्नोस्टिक समेत कुल 63 डिपार्टमेंट के लिए हैं। नीचे टेबल से आप वैकेंसी के साथ नोटिफिकेशन लिंक भी देख सकते हैं। योग्यता एम्स सीनियर रेजिडेंट के पद पर फॉर्म अप्लाई करने के लिए उम्मीदवारों का संबंधित डिपार्टमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन एमडी/एमएस/डीएनबी/डीएम/एम.सीएच या समकक्ष योग्यता मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया /एनएमएसी/एनबीई से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। क्लिनिकल हेमेटोलॉजी, जनरल मेडिसिन में एमडी और बाल रोग में एमडी वाले उम्मीदवार भी आवेदन करने के पात्र हैं। सभी पीजी स्टूडेंट्स जो फाइनल परीक्षाएं जुलाई 2025 में दे रहे हैं, वो भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि उन्हें इस भर्ती का परिणाम घोषित होने से पहले अपना पासिंग सर्टिफिकेट देना होगा। एज लिमिट     आयुसीमा- अधिकतम उम्र 45 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आयुसीमा की गणना आवेदन की लास्ट डेट के मुताबिक की जाएगी। ऊपरी आयुसीमा में आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट मिलेगी।     सैलरी- चयनित अभ्यर्थियों को 67,700/- रुपये लेवल-11 के मुताबिक प्रति माह सैलरी मिलेगी। इसके अलावा आपको अन्य वेतन भत्ते और सुविधाएं भी मिलेंगी।     चयन प्रक्रिया- लिखित परीक्षा में MCQ बेस्ड 100 सवाल पूछे जाएंगे।     आवेदन शुल्क- सामान्य/ओबीसी कैटेगिरी के अभ्यर्थियों को 1500/- रुपये आवेदन शुल्क देना होगा। एससी/एसटी/ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को 1200/- रुपये का भुगतान करना होगा।     परीक्षा की तारीख- 14 अगस्त 2025     एडमिट कार्ड- 8 अगस्त 2025     फॉर्म लिंक- AIIMS Senior Resident Recruitment 2025 Apply Online आवेदन कैसे करें? इस नई भर्ती में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को एम्स पटना की आधिकारिक वेबसाइट . www.aiimspatna.edu.in पर जाना होगा।     फॉर्म भरने से पहले आप वैलिड ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, सिग्नेचर, आधार कार्ड, ऑनलाइन आवेदन शुल्क ये सभी होना चाहिए।     यहां आवेदन करने के लिए भर्ती से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।     अब मांगी गई सभी डिटेल्स फटाफट भर दें।     सभी दस्तावेज सही साइज में अपलोड करने के बाद फीस सब्मिट कर दें।     फॉर्म को फाइनली सब्मिट करने के बाद इसका प्रिंट आउट निकालकर रख लें। इस भर्ती से संबंधित अन्य किसी भी जानकारी के लिए आपको एम्स पटना की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।  

पीके का फंडा’ की पहली प्रति राज्यपाल को भेंट

पीके का फंडा' की पहली प्रति राज्यपाल को भेंट   प्रवीण कक्कड़ ने माँ की स्मृति को किया समर्पित  भोपाल/इंदौर  प्रख्यात सामाजिक चिंतक, लेखक और पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड़ ने अपनी नई चिंतनपरक कृति "पीके का फंडा" की प्रथम प्रति आज मध्य प्रदेश के राज्यपाल, माननीय श्री मंगूभाई पटेल को राजभवन में सादर भेंट की। यह अवसर केवल एक पुस्तक भेंट नहीं, बल्कि प्रेरणा, श्रद्धा और सार्थक विचारों के संगम का साक्षी बना। श्री कक्कड़ ने इस दिन को अपने जीवन का एक अत्यंत भावपूर्ण क्षण बताया, क्योंकि 16 जुलाई उनकी पूज्यनीय माता, स्व. श्रीमती विद्यादेवी कक्कड़ जी की जयंती भी है। उन्होंने भावुकता से कहा, "यह पुस्तक मैंने माँ की पावन स्मृति को समर्पित की है। जीवन में जो कुछ भी मैंने पाया, उसमें उनकी प्रेरणा, संस्कारों और मूल्यों की गहरी छाया है।" यह समर्पण पुस्तक के मूल भाव—आत्मिक जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन—से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह कृति प्रवीण कक्कड़ के प्रशासनिक, सामाजिक और निजी अनुभवों का ऐसा समावेश है, जो पाठकों को न केवल प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें आत्ममंथन की दिशा में ले जाती है—यह स्पष्ट करते हुए कि वास्तविक परिवर्तन की शुरुआत भीतर से होती है, न कि बाहरी परिवेश से। माननीय राज्यपाल महोदय को पुस्तक भेंट करने के इस विशेष अवसर पर प्रवीण कक्कड़ के सुपुत्र सलिल कक्कड़, तथा "पीके का फंडा" टीम से सुमित अवस्थी और प्रकृति चटर्जी भी उपस्थित रहे।  आत्ममंथन का निमंत्रण  शिवना प्रकाशन प्रमुख पंकज सुबीर ने एक प्रेरक और चिंतनपरक कृति बताया। उन्होंने कहा, "यह केवल एक किताब नहीं, बल्कि जीवन की आपाधापी में कुछ पल ठहरकर, भीतर झाँकने और स्वयं से संवाद करने का हार्दिक निमंत्रण है।"  बेस्टसेलर: पाठकों का अपार स्नेह  शिवना प्रकाशन के संपादक शहरयार ख़ान ने बताया कि "पीके का फंडा" ने अपनी रिलीज़ से पहले ही पाठकों के बीच असाधारण लोकप्रियता प्राप्त की है। अमेज़न की प्री-बुकिंग बेस्टसेलर रैंकिंग में यह पुस्तक पहले स्थान पर रही, और अब तक 1000 से अधिक प्रतियाँ ऑनलाइन प्री-बुक हो चुकी हैं। यह उपलब्धि लेखक की विचारशील लेखनी और पाठकों के अटूट विश्वास का प्रमाण है। गौरतलब है कि इससे पहले प्रवीण कक्कड़ की पहली पुस्तक "दंड से न्याय तक" को अंतरराष्ट्रीय "शिवनाकृति सम्मान" प्राप्त हो चुका है।

पुजारी के बहिष्कार से बच्चों की पढ़ाई बाधित, प्रशासन ने शुरू की जांच

उज्जैन बड़नगर तहसील के पीर झलार गांव में खाप पंचायत जैसा मामला सामने आया है। यहां मंदिर में हुई सामाजिक बैठक में पुजारी और उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया गया। सुनाए गए फैसले में बच्चों की पढ़ाई से लेकर पूजन, मजदूरी, घर के आसपास सफाई तक पर रोक लगा दी गई। फैसले का उल्लंघन करने पर 51 हजार रुपये जुर्माने की चेतावनी भी दी गई है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।   मंदिर दूसरी जगह स्थानांतरित करने की कोशिश जानकारी के अनुसार पीर झलार गांव में करीब 300 साल पुराना देव धर्मराज मंदिर है। पूनमचंद चौधरी उर्फ पूनाजी यहां पुजारी हैं। मंदिर की करीब सात बीघा जमीन पर पुजारी खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। चौधरी के मुताबिक कुछ ग्रामीण मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर चंदा इकट्ठा कर लिया। उसी राशि से मंदिर दूसरी जगह स्थानांतरित करने की कोशिश की जा रही है, जिसका पुजारी परिवार ने विरोध किया। पंचायत का फैसला माइक पर पढ़कर सुनाया पुजारी के बेटे मुकेश चौधरी ने बताया कि विरोध के बाद उन्हें और परिवार को निशाना बना लिया। गांव के प्रभावशाली लोगों ने 14 जुलाई को पंचायत बुलाकर बहिष्कार का फरमान सुना दिया। गांव के नागराज मंदिर परिसर में पूर्व सचिव गोकुल सिंह देवड़ा ने पंचायत का फैसला माइक पर पढ़कर सुनाया। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ग्रामीण बैठे नजर आ रहे हैं। इस घटना के बाद पुजारी पूनमचंद चौधरी ने कलेक्टर रौशन कुमार सिंह से शिकायत की है। पुजारी परिवार के तीन बच्चों को स्कूल से निकाला पुजारी के बेटे मुकेश ने बताया कि उसके तीन बच्चे 13 वर्षीय संध्या (आठवीं), 10 वर्षीय सतीश (पांचवीं) और छह वर्षीय विराट (तीसरी कक्षा) निजी विद्यालय में पढ़ते हैं। पंचायत के फैसले के बाद तीनों को स्कूल से निकाल दिया गया है। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि आपके परिवार का विवाद चल रहा है, इसलिए हम बच्चों को नहीं पढ़ा सकते। 'पुजारी परिवार की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मंदिर का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।' रौशन कुमार सिंह, कलेक्टर

जबलपुर एवं ग्वालियर को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये मिलेगा मिनिस्ट्रियल अवार्ड

भोपाल नई दिल्ली में गुरुवार 17 जुलाई को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के मुख्य आतिथ्‍य एवं केन्‍द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर एवं केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री राज्‍य मंत्री श्री तोखन साहू की उपस्थिति में प्रात: 11 बजे विज्ञान भवन में स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में मध्यप्रदेश के आठ शहरों इन्दौर, उज्जैन, बुदनी, भोपाल, देवास, शाहगंज, जबलपुर एवं ग्वालियर को उनके उत्कृष्ट स्वच्छता प्रयासों के लिए विभिन्‍न श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा। राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रदेश के विजेता शहरों के गौरवशाली पलों के साक्षी बनने के लिये नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी उपस्थित रहेंगी। प्रदेश के इन 8 शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। यह सम्मान उनके सतत प्रयासों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी का परिणाम है। उल्‍लेखनीय है कि इस आयोजन में स्‍वच्‍छ भारत मिशन (शहरी) अंतर्गत केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरों के अथक प्रयासों को मान्‍यता देते हुए शहरी भारत के सबसे स्‍वच्‍छ शहरों को पुरस्‍कृत किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण-2024, जो कि भारत में शहरी स्वच्छता के आंकलन का विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। यह सर्वेक्षण इस वर्ष अपने 9वें संस्करण में प्रवेश कर चुका है। इस वर्ष 'सुपर स्‍वच्‍छ लीग शहर, पाँच जनसंख्‍या श्रेणियों में शीर्ष, स्‍वच्‍छ शहर, विशेष श्रेणी : गंगा शहर, छावनी बोर्ड, सफाई मित्र सुरक्षा, महाकुंभ, राज्‍य स्‍तरीय पुरस्‍कार आदि श्रेणियों में पुरस्‍कार प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश के इन्‍दौर, उज्‍जैन एवं बुदनी को सुपर स्‍वच्‍छ लीग श्रेणी, भोपाल, देवास और शाहगंज को राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार, जबलपुर को विशेष श्रेणी एवं ग्‍वालियर को राज्‍य स्‍तरीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाएगा। इसके अलावा कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग और खुले में शौच से मुक्‍त शहरों की श्रेणियों (ओडीएफ++, वॉटर+) के परिणाम भी इसी दिन जारी किए जाएंगे। इस वर्ष का सर्वेक्षण “रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल” की थीम पर आधारित था। इसमें शहरी स्‍वच्‍छता और सेवा स्‍तर का आंकलन करने के लिए एक सजग, संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें 54 संकेतकों सहित 10 सुपरिभाषित मापदंडों पर शहरों में स्‍वच्‍छता और अपशिष्‍ट प्रबंधन के आधार पर लगभग 3 हजार से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा 45 दिनों तक देशभर के लगभग 4 हजार 500 से अधिक शहरों के प्रत्‍येक वार्ड का गहन निरीक्षण किया गया। स्‍वच्‍छता के विभिन्‍न मापदण्‍डों में समावेशिता, पारदर्शिता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता सहित 11 लाख से अधिक घरों का मूल्‍यांकन किया गया। यह राष्‍ट्रीय स्‍तर पर शहरी जीवन और स्‍वच्‍छता के मायने को समझने के लिए एक व्‍यापक और दूरगामी दृष्टिकोण को दर्शाता है। वर्ष-2024 के स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण के मूल्‍यांकन में लगभग 14 करोड़ देशवासियों द्वारा प्रत्‍यक्ष संवाद, स्‍वच्‍छता ऐप, माईगव और सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से अपना फीडबैक भी दिया गया। स्‍वच्‍छता में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले शहरों के लिए एक नई पहल सुपर स्‍वच्‍छ लीग (एसएसएल) की शुरूआत की गई है। सुपर स्‍वच्‍छ लीग का उद्देश्‍य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्‍वच्‍छता के उच्‍च मानकों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने के साथ ही अन्‍य शहरों को भी अपने प्रदर्शन में सुधार करने और शीर्ष रैंकिंग के लिए प्रतिस्‍पर्धा करने के लिये प्रोत्‍साहित करना है। स्‍वच्‍छ शहर लीग में वे शहर शामिल होंगे, जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में शामिल हुए हैं और वर्तमान में अपनी संबंधित जनसंख्‍या श्रेणी में शीर्ष 20 प्रतिशत में बने हुए हैं। इस अवसर पर देश के सभी शहरों के लिये कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग, खुले में शौच से मुक्ति ओडीएफ़ और उपयोगित जल के प्रबंधन के लिये वॉटर प्लस प्रमाणीकरण भी जारी किए जाएंगे। इनके अलावा 44 नगरीय निकायों ने वॉटर प्लस के लिये भी अपने दावे प्रस्तुत किए हैं। आठ शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विजेता शहरों को बधाई दी है। उन्होने अपने संदेश में इस उपलब्धि के लिए सभी सफाई मित्रों, नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, कर्मचारियों, अधिकारियों और सभी सहयोगियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वच्छता का जो संकल्प लिया है, उसमें मध्यप्रदेश कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।’’ समारोह में महापौर इंदौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, महापौर उज्जैन श्री मुकेश टटवाल, महापौर भोपाल श्रीमती मालती राय, महापौर ग्वालियर डॉ. शोभा सिकरवार, महापौर जबलपुर श्री जगत बहादुर सिंह और महापौर देवास श्रीमती गीता दुर्गेश अग्रवाल अपनी टीम के साथ भाग ले रहे हैं। इनके साथ नगर पालिका अध्यक्ष बुदनी श्रीमती सुनीता अर्जुन मालवीय एवं अध्यक्ष शाहगंज सुश्री सोनम भार्गव भी अपने टीम सदस्यों के साथ पुरुस्कार समारोह में उपस्थित रहेंगी। आयुक्त नगरीय प्रशासन श्री संकेत भोंडवे, मिशन संचालक डॉ. परीक्षित झाड़े, नगर निगम आयुक्त और मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के साथ इस समारोह में शामिल हो रहे हैं। इस आयोजन में अधिकारी, कर्मचारी, जन-प्रतिनिधि, स्वच्छता सहयोगियों और सफाई मित्रों सहित 100 से अधिक सदस्यों का प्रतिनिधि मण्डल मध्यप्रदेश का नेतृत्त्व करेगा।  

हद से ज्यादा नमक खा रहे भारतीय …ICMR ने बताया कितना है सुरक्षित सेवन, जानें कितनी मात्रा सुरक्षित

नई दिल्ली  नमक खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि यह शरीर के लिए भी काफी जरूरी होता है. बिना नमक के खाना फीका लगता है, चाहे वह कितना भी अच्छा पकाया गया हो. लेकिन नमक के सेवन की भी एक लिमिट होती है. हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारतीय नमक का अत्यधिक सेवन कर रहे हैं और ऐसे में साइलेंट महामारी को बढ़ावा मिल रहा है जिससे लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हृदय रोग और किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. वैज्ञानिकों ने इस समस्या के समाधान के लिए नमक के कम सेवन और कम सोडियम वाले नमक का प्रयोग करने की सलाह दी है. नमक की कितनी मात्रा लोगों के लिए सुरक्षित होती है और नमक के और कौन से ऐसे सोर्स हैं जिनके माध्यम से नमक आपके शरीर में जा रहा है, इस बारे में भी जान लीजिए ताकि नमक के सेवन को कंट्रोल किया जा सके. नमक की कितनी मात्रा सुरक्षित? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रति व्यक्ति प्रति दिन 5 ग्राम से कम नमक लेने की सिफारिश करता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया कि भारतीय की शहरी आबादी रोजाना लगभग 9.2 ग्राम और ग्रामीण आबादी लगभग 5.6 ग्राम नमक का सेवन करती है. यानी कि दोनों आबादी नमक का सेवन तय सीमा से अधिक कर रहा है. राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआईई) के सीनियर साइंटिस्ट और रिसर्च हेड डॉ. शरण मुरली ने कहा, 'सोडियम का कम सेवन ब्लडप्रेशर कम करने और ओवरऑल हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है, जिससे कम सोडियम वाले ऑपशंस हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं. सिर्फ कम सोडियम वाले नमक पर स्विच करने से ब्लडप्रेशर औसतन 7/4 mmHg तक कम हो सकता है. यह एक छोटा सा बदलाव है जिसका बड़ा असर होता है.' 'यह सिर्फ नमक कम करने की बात नहीं है. यह हमारी डाइट, हमारे शरीर और हमारे हृदय में संतुलन को बैलेंस करने के बारे में है. कम नमक के सेवन से ब्लडप्रेशर संबंधी समस्याओं में भी कमी देखी जा सकती है.' सोडियम और नमक में क्या अंतर है? सोडियम और नमक को अक्सर एक ही माना जाता है. लेकिन ये दोनों एक जैसे नहीं हैं. सोडियम एक मिनरल है जो खाने में प्राकृतिक रूप से पाया जा सकता है या खाने के दौरान उसमें मिलाया जा सकता है. खाने का नमक लगभग 40 प्रतिशत सोडियम और 60 प्रतिशत क्लोराइड होता है. टेबल नमक में सोडियम की मात्रा मोटे तौर पर इस प्रकार है. 1/4 चम्मच नमक = 600 मिलीग्राम (मिलीग्राम) सोडियम 1/2 चम्मच नमक = 1,200 मिलीग्राम सोडियम 3/4 चम्मच नमक = 1,800 मिलीग्राम सोडियम 1 चम्मच नमक = 2,400 मिलीग्राम सोडियम सोडियम को किन नामों से पहचान सकते हैं? सोडियम कई रूपों में पाया जाता है. खाने वाली पैकेज्ड चीजों पर कंपनियों सीधे सोडियम न लिखने की जगह नीचे बताए हुए नाम लिख सकती हैं. आप उन्हें देखकर सोडियम का पता लगा सकते हैं.     डिसोडियम ग्वानिलेट     डिसोडियम इनोसिनेट     मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG)     सोडियम बाईकारबोनेट     सोडियम नाइट्रेट     सोडियम सिट्रट     सोडियम क्लोराइड (नमक)     सोडियम डायएसीटेट     सोडियम एरिथोर्बेट     सोडियम लैक्टेट     सोडियम मेटाबाइसल्फाइट     सोडियम फास्फेट     ट्राइसोडियम फॉस्फेट भोजन में इतना सोडियम क्यों होता है? सोडियम हमारे भोजन में कई भूमिकाएं निभाता है. स्वाद बढ़ाना इसका सबसे आम काम है. सोडियम भोजन को एक संरक्षक के रूप में सुरक्षित भी रख सकता है, खाने की बनावट में सुधार कर सकता है. उदाहरण के लिए, बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट) ब्रेड और अन्य बेक्ड खाद्य पदार्थों को फूलने में मदद करता है. लेकिन अक्सर, जरूरत से अधिक नमक डालने के कारण कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं. सोडियम के इनडायरेक्ट सोर्स क्या हैं? अमेरिकी रिसर्च से पता चलता है कि लोगों की डाइट में लगभग 14 प्रतिशत सोडियम कुछ खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. इसके अलावा, कई लोग खाना बनाते और खाते समय नमक डालते हैं. यह कुल सोडियम सेवन का केवल लगभग 11 प्रतिशत होता है. भले ही आप खाने में नमक कम डाल रहे हों लेकिन फिर भी आप शायद बहुत ज़्यादा सोडियम ले रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सोडियम अक्सर पैकेज्ड और तैयार की गई चीजों जैसे डिब्बाबंद सूप, लंच मीट और फ्रोजन चीजों में अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसे नमक के रूप में या बेकिंग सोडा जैसे सोडियम के अन्य सामान्य रूपों के रूप में मिलाया जा सकता है. अमेरिका में जो लोग सोडियम खाते हैं, उसका 70 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा पैकेज्ड या रेस्टोरेंट के खाने से आता है. वहीं जब हम जो पैकेज्ड या बना हुआ खाना खरीदते हैं, उसमें सोडियम पहले से ही मिला हुआ होता है जिससे हमारी दैनिक सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है. सोडियम का सेवन कम करने के लिए हमेशा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहें और घर पर ही खाना बनाएं. दवाइयां भी सोडियम का सोर्स होती हैं. बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली दवाओं के लेबल पर एक्टिव और निष्क्रिय अवयवों की जांच करें और डॉक्टर से पूछें कि आपकी दवाई में कितना नमक है.

किसी भी कार्य की जीएडी निरस्त नहीं की गयी, आईआरसी कोड और मोर्थ के मापदंडों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाता

भोपाल ब्रिज परियोजनाओं का तकनीकी मापदंडों के अनुसार निर्माण सुनिश्चित करने की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा सतत कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने एक व्यापक दक्षता संवर्द्धन कार्यक्रम निर्धारित किया है, जिसके अंतर्गत राज्य के सभी अभियंताओं को इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) कोड्स और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज़ (मोर्थ) के दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर उनके आधार पर कार्यों का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैं। ब्रिज परियोजनाओं के गुणवत्तापूर्ण निर्माण, मापदंड अनुसार डिजाइन, सतत सुपरविजन प्रणाली अपनाने एवं निर्माण के दौरान सतत निरीक्षण के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। रेलवे अथवा नगर निगम जैसे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है। मुख्य अभियंता सेतु परिक्षेत्र पीसी वर्मा द्वारा स्पष्ट किया गया है कि पुराने अलाइनमेंट्स को रद्द नहीं किया गया है अपितु गलती से जारी हुआ एक त्रुटिपूर्ण आदेश उसी दिन निरस्त कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि पुलों और फ्लायओवर की जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) रेलवे और लोक निर्माण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जारी की जाती हैं। मुख्य अभियंता को इन्हें निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसी कोई आवश्यकता किसी परियोजना में परिलक्षित नहीं हुई है। निर्माण कार्यों के दौरान अक्सर स्थान विशेष की परिस्थिति अनुसार अलाइनमेंट और डिजाइन में परिवर्तन की आवश्यकता होती है, जो कि सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे परिवर्तनों के दौरान संबंधित आईआरसी कोड और मोर्थ के मापदंडों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाता है। राज्य शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि निर्माण के दौरान होने वाले सभी परिवर्तन अन्य स्टेकहोल्डर्स जैसे नगर निगम और रेलवे के समन्वय से ही किए जाएं। परियोजनाओं के रुकने जैसी कोई स्थिति नहीं है। ब्रिज परियोजनाओं में आने वाली जटिल बाधाओं के शीघ्र निराकरण के लिये प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें आवश्यकता अनुसार शासकीय या निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया जा सकता है। अब समस्याओं का तकनीकी स्तर पर शीघ्र समाधान हो सकेगा और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। राज्य शासन ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी अभियंताओं का दक्षता संवर्द्धन किया जाए। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के तकनीकी सलाहकार को इंडियन अकादमी फॉर हाईवे इंजीनियरिंग के साथ मिलकर पुलों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग बड़ी परियोजनाओं के लिए अनुबंध के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है, जिससे कार्यों की गुणवत्ता और डिजाइन में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। बड़ी परियोजनाओं को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर करने की कार्ययोजना पर विचार किया जा रहा है। साथ ही राज्य शासन विभागीय क्रियान्वयन में अधिकतम सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी विचार कर रहा है, जिसमें बड़ी परियोजनाओं की कैमरा युक्त निगरानी भी शामिल है। इस संबंध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सेतु परिक्षेत्र द्वारा किसी भी कार्य की जीएडी निरस्त नहीं की गई है और ना ही किसी कार्य को रोका गया है।  

WHO ने HIV की रोकथाम के लिए लेनाकापाविर के इस्तेमाल को मंजूरी दी

नई दिल्ली विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ह्यूमन इम्युनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (HIV) की रोकथाम के लिए लेनाकापाविर (Lenacapavir) के इस्तेमाल को मंदूरी दे दी है. यह दवा HIV की रोकथाम की दिशा में एक मील की पत्थर की तरह साबित हो सकती है. यह दवा उन लोगों के लिए खासतौर पर जीवनरक्षक है जिन्हें HIV एक्सपोजर का रिस्क ज्यादा होता है, यानी सेक्स वर्कर या ऐसे लोग एचआईवी मरीजों के इलाज या देखरेख के काम से जुड़े हैं. WHO ने वैश्विक एचआईवी रोकथाम के प्रयासों को मजबूत करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए और इस दौरान उन्होंने लॉन्ग टर्म सुरक्षा देने वाली इस एंटीरेट्रोवायरल दवाई को मंजूरी दी. लेनाकापाविर को मंजूरी घोषणा 14 जुलाई को पूर्व अफ्रीकी देश रवांडा की राजधानी किगाली में आयोजित 13वें अंतर्राष्ट्रीय एड्स सोसाइटी सम्मेलन में की गई. अमेरिका पहले ही दे चुका है मंजूरी हालांकि अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने लेनाकापाविर को पहले ही मंजूरी दे दी थी. एचआईवी की रोकथाम के लिए ये इंजेक्शन साल में दो बार प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) उपचार की स्थिति में दिया जाता है. इस इंजेक्शन को 2022 में एचआईवी के इलाज के लिए मंजूरी मिली थी. यह ट्रायल के दौरान एचआईवी संक्रमण से बचाने में असरदार साबित हुआ है. Theweek.in की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक Tedros Adhanom Ghebreyesus ने कहा कि हालांकि एचआईवी का टीका अभी तक नहीं बन पाया है लेकिन यह नई दवा, जिसे साल में केवल दो बार बस लेने की जरूरत होती है, अभी की सबसे अच्छी नई दवा है. बढ़ता बोझ, घटती सुरक्षा यह कदम दुनिया भर में एचआईवी रोकथाम के वित्तपोषण में आ रही कमी के कारण उठाया गया है.  केवल 2024 में ही लगभग 13 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हुए. इनमें से ज्यादातर लोग सेक्स वर्कर, पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुष, ट्रांसजेंडर, नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, जेल में बंद लोग और बच्चे व किशोर थे. लेनाकापाविर क्या है? लेनाकापाविर (LEN) अमेरिकी दवा को कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है. यह Capsid Inhibitor नामक दवाओं के एक नए समूह से संबंधित है जो HIV Replication Cycle के कई चरणों को बाधित करके एचआईवी से सुरक्षा देने का काम करता है. LEN पहला PrEP इंजेक्शन है जिसे साल में केवल दो बार दिया जा सकता है.  लंबे समय तक मानव शरीर में असरदार रहने वाला यह इंजेक्शन गोलियों और बाकी ट्रीटमेंट्स की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली है इसलिए यह उन लोगों के लिए काफी मददगार है जिन्हें एचआईवी संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है.

40 करोड़ के एक्वा पार्क से भोपाल में नया जल रोमांच, वॉटर टनल और 3D जोन का होगा उद्घाटन

भोपाल  राजधानी भोपाल का आकर्षण जल्द ही और बढ़ जाएगा। यहां एक्वा पार्क के रूप में अत्याधुनिक मछलीघर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को इसका भूमि-पूजन करेंगे। भोपाल के विख्यात मछलीघर को यह नया और भव्य रूप दिया जाएगा। अब यहां मछलियों की नई दुनिया बसेगी। अधिकारियों के अनुसार मछली घर से नए एक्वा पार्क तक का सफर, इतिहास से भविष्य को जोड़ने की कवायद भी होगी। यह अत्याधुनिक एक्वा पार्क करीब 40 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया जा रहा है। भोपाल आने वाले पर्यटकों के लिए मछलीघर की खास पहचान रही है। यहां रंग-बिरंगी मछलियों को देखने पूरे प्रदेश से लोग आते थे। नीली रोशनी में तैरती सुनहरी मछलियों को देख टूरिस्ट मंत्र मुग्ध रह जाते थे। समय के साथ मछलीघर अतीत को साथ में समेटे हुए फिर से भोपाल में एक नई पहचान के साथ लौट रहा है। यहां अब देश का सबसे सुंदर और आधुनिक “एक्वा पार्क” बनाया जा रहा है। 

राष्ट्रपति पद पर आसिम मुनीर? शहबाज शरीफ से मुलाकातों से अटकलें तेज

कराची  पाकिस्तान में बड़े सियासी बदलाव की अटकलें हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ सेना प्रमुख आसिम मुनीर और राष्ट्रपति आसिफ जरदारी की मुलाकात ने चर्चाएं और बढ़ा दी हैं। कहा जा रहा था कि मुनीर राष्ट्रपति पद पर जरदारी की जगह ले सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। पाकिस्तान सरकार के मंत्री भी इन्हें खारिज कर रहे हैं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति आवास में पीएम शरीफ ने जरदारी से मुलाकात की। इसके कुछ देर पहले ही मुनीर पीएम आवास पर पहुंचे और शरीफ से मीटिंग की। मंगलवार शाम हुईं एक के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक ने राष्ट्रपति बदलने की अटकलों को हवा दे दी है। अखबार से बातचीत में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि राष्ट्रपति के इस्तीफे और उनकी जगह सेना प्रमुख के लेने का मुद्दा राष्ट्रपति जरदारी और पीएम शहबाज की मीटिंग में उठा जरूर था, लेकिन उन्होंने ऐसी सभी खबरों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि ये अटकलें एक मीडिया स्टोरी के बाद सामने लगने लगी थी, जिसे बाद में संभवत: वापस ले लिया था। आसिफ ने सभी अटकलों को खारिज किया है और कहा है कि राष्ट्रपति जरदारी को सभी घटनाक्रमों की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने सरकार और मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था में पूरा भरोसा दिखाया है। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति इस मुद्दे से अवगत हैं और सरकार में पूरा भरोसा दिखाया है।' उन्होंने कहा कि पीएम ने राष्ट्रपति को अपुष्ट खबरों और घटनाक्रमों से अवगत कराया है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि पीएम की अगुवाई वाली प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रपति से मिलने से पहले शहबाज शरीफ ने आसिम मुनीर से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए हफ्ते में तीन बार मुलाकात करते हैं। आसिफ ने कहा, 'सेना प्रमुख को राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है।'