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स्वच्छता सर्वेक्षण में भोपाल को द्वितीय स्थान प्राप्त होने पर भोपालवासियों को बधाई:-रविंद्र यति

भोपाल  भोपाल नगर निगम के एमआईसी मेंबर एवं भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रविंद्र यति ने बताया कि देश के सबसे स्वच्छ शहरों में भोपाल को द्वितीय स्थान प्राप्त होने पर महापौर श्रीमती मालती राय, स्वच्छता एव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के महापौर परिषद् सदस्य श्री आर.के.सिंह बघेल, पार्षदगण, समस्त कार्यकर्ता,नगर निगम के समस्त  कर्मचारीयों व भोपालवासियों को बधाई दी है।  श्री रविंद्र यति ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में विकास को लगातार गति मिल रही है। मध्य प्रदेश के शहर लगातार स्वच्छता में अपना स्थान बनाए हुए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण मैं भोपाल को द्वितीय स्थान प्राप्त होने पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा भोपाल नगर को सम्मानित किया गया।  इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, नगर निगम कमिश्नर श्री हरेंद्र नारायण, डिप्टी कमिश्नर श्री चंचलेश गिरहर, श्री उदित  गर्ग, एमआईसी मेंबर श्री आरके सिंह बघेल उपस्थित थे।

आस्वस्थ लोकतंत्र सैनानी के स्वास्थ की जानकारी लेने पहुचे विधायक पहुचे, स्वास्थ की ली जानकारी,परिजनों से की चर्चा

आष्टा  मध्य प्रदेश के आष्टा नगर के लोकतंत्र सैनानी मीसाबंदी श्री लीलाधर वशिष्ठ विगत कुछ दिनों से आस्वस्थ है इसकी जानकारी मिलने पर आष्टा विधायक गोपालसिंह इंजीनियर मीसाबंदी श्री लीलाधर वशिष्ठ के सांई कालोनी स्तिथ निवास पर पहुचे एवं उनसे भेंट कर उनसे चर्चा कर स्वास्थ की जानकारी ली एवं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की । विधायक ने वशिष्ठ परिवार के सदस्यो से भी चर्चा कर विस्तृत जानकारी ली एवं हर तरह के सहयोग का आश्वाशन दिया । इस अवसर पर जिला भाजपा के मीडिया प्रभारी सुशील संचेती,नगर महामंत्री धनरुपमल जैन,पार्षद प्रतिनिधि कल्लु मुकाती, वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर भोजवानी, जितेंद्र सोनी,बूथ समिति के अध्यक्ष सुरेश परमार,भगवती सोनी,पूर्व पार्षद आनन्द जैन आदि साथ थे ।

टीम वर्क का कमाल! इन 11 खिलाड़ियों ने इटली को दिलाई T20 वर्ल्ड कप जगह

नई दिल्ली इटली ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अगले साल होने वाले मेन्स टी20 वर्ल्ड कप में अपनी जगह पक्की कर ली थी. इटली की टीम ने पहली पार किसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया, ऐसे में ये उसके लिए ऐतिहासिक पल रहा. इटली ने टी20 वर्ल्ड कप यूरोप क्वालिफायर 2025 में दूसरा स्थान हासिल करके ये उपलब्धि हासिल की. अब इतालवी खिलाड़ी भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में होने वाले मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2026 में अपना जलवा बिखेरेंगे. इटली में फुटबॉल काफी लोकप्रिय है, हालांकि पिछले दो FIFA वर्ल्ड कप के लिए इटली की फुटबॉल टीम क्वालिफाई नहीं कर पाई. वहीं 2026 के वर्ल्ड कप में भी इटली की फुटबॉल टीम का भाग लेना तय नहीं है. फुटबॉल टीम क्वालिफाई करे या ना करे. लेकिन क्रिकेट टीम ने जरूर टी20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर लिया है. इटली की टीम में किस देश के कितने प्लेयर? इटली को टी20 वर्ल्ड कप टिकट दिलाने में बाहरी खिलाड़ियों का अहम रोल रहा है. नीदरलैंड्स के खिलाफ मैच में जिन 11 खिलाड़ियों ने भाग लिया, उसमें से 5 का ताल्लुक ऑस्ट्रेलिया से था. वहीं दो खिलाड़ी एशियाई मूल थे. जबकि दो खिलाड़ियों का संबंध ब्रिटेन से भी है. जबकि 2 प्लेयर इतालवी मूल के थे. 1. थॉमस ड्रेका: सिडनी में जन्मे थॉमस ड्रेका ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के मेगा ऑक्शन के लिए अपना नाम रजिस्टर कराया था, जिसके चलते वो सुर्खियों में आए थे. ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डेनिस लिली इस खिलाड़ी के 'अंकल' माने जाते हैं. ड्रेका की मां इतालवी मूल की हैं और उनका ताल्लुक नेपल्स के पास के एक गांव से है. इसी कारण ड्रेका को इटली के लिए खेलने का मौका मिला. 2. जो बर्न्स: इस खिलाड़ी के नाम से तो फैन्स अच्छी तरह वाकिफ होंगे. बर्न्स ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 23 टेस्ट और 6 वनडे मुकाबले खेले. साल 2024 में अपने बड़े भाई डोमिनिक के निधन के बाद उन्होंने इटली के लिए खेलने का निर्णय लिया. बर्न्स के नाना-नानी कैलाब्रिया से थे, जिसके चलते उन्हें इटली के लिए खेल पाने में आसानी हुई. 3. हैरी जॉन मैनेंटी: बिग बैश लीग (BBL) में हैरी मैनेंटी एडिलेड स्ट्राइकर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं. हैरी इटली के ऐसे पहले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने किसी टी20 इंटरनेशनल मुकाबले में 5 विकेट झटके. ऑस्ट्रेलिया में जन्मे हैरी की क्रिकेट जर्नी ग्रासरूट लेवल से शुरू हुई थी. ऑलराउंड प्रदर्शन के चलते हैरी टी20 वर्ल्ड कप यूरोप क्वालिफायर में 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' रहे. 4. बेन मैनेंटी: हैरी मैनेंटी के बड़े भाई बेन भी इटली के लिए खेलते हैं. ऑफ स्पिन गेंदबाज बेन ऑस्ट्रेलिया में सिडनी सिक्सर्स और तस्मानिया के लिए खेल चुके हैं. हैरी और बेन की दादी इतालवी मूल की थी. इसी चलते दोनों भाइयों को इटली के लिए खेलने का अवसर मिल गया. 5. ग्रांट स्टीवर्ट: ऑस्ट्रेलिया में जन्मे ग्रांट स्टीवर्ट की मां इटालियन हैं, जिसके कारण वो इटली की टीम में शामिल हुए. स्टीवर्ट ने साल 2017 में केंट के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. स्टीवर्ट फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 2000 से ज्यादा रन बना चुके हैं, साथ ही उन्होंने 100 से ज्यादा विकेट भी चटकाए हैं. 6. एमिलियो गे: 25 साल के एमिलियो का जन्म इंग्लैंड के ब्रेडफोर्ड में हुआ था. बाएं हाथ के बल्लेबाज एमिलियो की मां इतालवी हैं, जिसके चलते उन्हें इटली के लिए खेलने में आसानी हुई है. एमिलियो ने हाल ही में इंग्लैंड लॉयन्स की ओर से भारत-ए के खिलाफ दो फर्स्ट क्लास मुकाबले खेले थे. उसके कुछ दिनों बाद ही उनकी इतालवी टीम में एंट्री हुई. 7. मार्कस कैंपोपियानो: विकेटकीपर बल्लेबाज मार्कस कैंपोपियानो का जन्म टावर हैमलेट्स (इंग्लैंड) में हुआ था. 30 साल के मार्कस ने इटली के लिए 22 टी20 इंटरनेशनल और 19 लिस्ट-ए मुकाबलों में भाग लिया है. 8. जस्टिन मोस्का: जस्टिन मोस्का का जन्म इटली में हुआ था. जस्टिन को कम उम्र में ही क्रिकेट का शौक हो गया था, जिसके चलते उन्होंने इस खेल में आगे बढ़ने का फैसला किया. बाएं हाथ के बल्लेबाज जस्टिन ने इटली के लिए 17 टी20 इंटरनेशनल और 9 लिस्ट-ए मुकाबले खेले हैं.   9. एंथोनी जोसेफ मोस्का: दाएं हाथ के बल्लेबाज एंथोनी मोस्का का जन्म अगस्त 1991 में हुआ था. एंथोनी ने इटली टीम के लिए खेलने से पहले यहां काफी क्लब क्रिकेट खेला. एंथोनी मोस्का ने अब तक इटली के 15 टी20 इंटरनेशनल और 19 लिस्ट-ए मैचों में भाग लिया है. 10. जसप्रीत सिंह: पंजाब के फगवाड़ा में जन्मे जसप्रीत सिंह मध्यम गति के तेज गेंदबाज हैं. 32 साल के जसप्रीत ने अब तक इटली के लिए 24 टी20 इंटरनेशनल और 21 लिस्ट A मैच खेले हैं. 11. क्रिशन कालूगामागे: श्रीलंकाई मूल के क्रिशन कालूगामागे दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज हैं. 34 वर्षीय कालूगामागे ने इटली के लिए 15 टी20 इंटरनेशनल और 13 लिस्ट-ए मुकाबलों में शिरकत किया है.  

तेज रफ्तार ने ली जान: यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना में 6 की मौत

मथुरा यूपी के यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसा हो गया। मथुरा जिले में थाना बलदेव के अंतर्गत यमुना एक्सप्रेस-वे पर माइल स्टोन 141 के समीप अनियंत्रित ईको कार पीछे से ट्रक से टकरा गई। इस घटना में कार सवार छह लोगों की मौत हो गई और दो महिला घायल हैं। मृतकों में पिता और दो पुत्र भी शामिल हैं। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेज घायल अस्पताल में भर्ती कराए हैं। वहीं यमुना एक्‍सप्रेसवे पर एक और सड़क हादसा हुआ है। दिल्ली से मध्य प्रदेश जा रही एक बस माइलस्टोन 131 पर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस हादसे में 30 यात्री घायल हो गए है। घायल हुए आठ लोग जिला अस्पताल में हैं और नौ लोग एसएन आगरा में भर्ती कराए हैं। बाकी लोगों के ज्यादा चोट नहीं है। ईको कार चालक नोएडा से सात सवारियां लेकर एक्सप्रेस वे से आगरा की ओर जा रहा था। बलदेव क्षेत्र में एक्सप्रेस वे पर माइल स्टोन 141 के समीप अनियंत्रित कार आगे चल रहे ट्रक में घुस गई। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस और टोल टीम ने काफी मशक्कत के बाद कार से लोगों को निकाला। इनमें छह की मौत हो गई जबकि दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि आशंका है कि कार चालक को नींद की झपकी आने से अनियंत्रित होकर कार ट्रक के पीछे जा भिड़ी। मृतकों में तीन आगरा जिले के हैं, दो मध्य प्रदेश के हैं और एक की अभी शिनाख्त नहीं हुई है। इस घटना में धर्मवीर पुत्र जवर सिंह, निवासी ग्राम हरलालपुरा, थाना बासोनी, तहसील बाह, जिला आगरा, उनके दो पुत्र रोहित और आर्यन, दलवीर उर्फ छुल्ले और पारस सिंह तोमर पुत्रगण विश्वनाथ सिंह, निवासीगण ग्राम बढ़पुरा हुसैद, थाना महोबा, जिला मुरैना मध्य प्रदेश तथा रोहित के दोस्त (नाम पता अज्ञात) की मौत हो गई। इस घटना में सोनी पत्नी धर्मवीर और पायल पुत्री धर्मवीर निवासीगण हलालपुर थाना बासोनी जिला आगरा घायल हो गए हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर बस पलटी, 30 सवारी घायल वहीं दूसरे हादसे में मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर बलदेव थाना क्षेत्र में माइलस्टोन 131 के निकट शनिवार तड़के नोएडा से आगरा की ओर जा रही बस पलटने से करीब 30 सवारियां घायल हो गई। यह बस दिल्ली से मध्य प्रदेश के भिंड के लिए जा रही थी। बस में गरीब 60-65 यात्री बैठे हुए थे। तड़के बस पलटने से चीख पुकार मच गईं। सूचना पर पुलिस और टोल टीम मौके पर पहुंच गई। इस घटना में ग्राम सुंदरपुर, थाना सिविल लाइन, मुरैना निवासी देवी पत्नी अहिवरन सिंह दुर्गेश पुत्र अहिवरन, त्रिलोकपुरी ओल्ड थाना मयूर विहार फेस वन नई दिल्ली निवासी चेतना पुत्री राम लक्ष्मण, पूजा पुत्री राम लक्ष्मण, राजाराम पुत्र बद्री प्रसाद, पीहू पुत्री बंटी ग्राम एरोली थाना अटेरनिवासी अक्षय बघेल पुत्र रूप सिंह बघेल सिपोई मध्य प्रदेश निवासी आकाश पुत्र मोहनश्याम, छतरपुर निवासी, सुनील पुत्र चगेंश, श्रीचन्द्र पुत्र रामदयाल, भिंड निवासी आकाश पुत्र नरेन्द्र, छतरपुर निवासी धर्मेन्द्र पुत्र जयकिशन, रूबी पुत्र बिल्लियां, मुरैना निवासी धनपत पुत्र रामजीलाल, दिल्ली निवासी दयाराम पुत्र सेवाराम, मानसिह पुत्र दयाराम, जुगलकिशोर पुत्र दयाराम, मुरैना निवासी लक्ष्मीनरायन पुत्र रामविलास, संजय शर्मा पुत्र रमेश निवासी वामोर कला, सुशील पुत्र महावीर, दीपक शर्मा पुत्र मोहनश्याम निवासी सिपोई, झांसी निवासी चन्द्रशेखर पुत्र दीनदयाल, छतरपुर निवासी मनीष चौवे पुत्र रामनरायन चौवे, रायपुर निवासी प्रीतमलाल पुत्र रामप्रकाश, राजा नगर निवासी पुष्पेन्द्र पुत्र प्रेमनरायण घायल हो गए। जिनमें से दीपक शर्मा, प्रीतमलाल, चन्द्रशेखर, पुष्पेन्द्र,रूव, श्रीचन्द्रअनुरागी, संजय शर्मा पुत्र रमेश , मनीष चौवे को जिला अस्पताल मथुरा रेफर किया गया। शेष सभी घायल अवस्था मे हैं, जिनका उपचार सीएचसी छौली मे हो रहा है। अन्य लोगों के मामूली चोट आई, जिन्हें अन्य साधनों से गंतव्य को रवाना कर दिया।

मशहूर तेलुगू एक्टर फिश वेंकट नहीं रहे, 53 साल की उम्र में हुआ निधन

हैदराबाद तेलुगू एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है. जाने-माने कॉमेडियन और एक्टर फिश वेंकट का निधन हो गया है. 18 जुलाई को 53 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. एक्टर कई महीनों से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे. फिश वेंकट को 'गब्बर सिंह' और 'डीजे टिल्लू' जैसी मूवीज के लिए जाना जाता है.  नहीं रहे फिश वेंकट फिश वेंकट के निधन की खबर ने उनके चाहने वालों का दिल तोड़ दिया है. वो कई महीनों से किडनी का इलाज करा रहे थे. उनका डायलिसिस चल रहा था. बीमारी की वजह से वो कमजोर होते चले गए, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. एक्टर को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. फिश वेंकट आर्थिक तंगी से भी जूझ रहे थे. यही वजह थी कि पवन कल्याण और विश्वक सेन ने उन्हें इलाज के लिए आर्थिक मदद दी. इलाज के दौरान उन्हें किडनी डोनर नहीं मिल पाया. हैदराबाद स्थित PRK हॉस्पिटल में किडनी फेल होने की वजह से उनका निधन हो गया.  कैसे बिगड़ी एक्टर की हालत? डॉक्टर्स ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए कहा था. पर उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपना इलाज करा सकें. एक्टर का परिवार उनके मेडिकल ट्रीटमेंट का खर्च नहीं उठा सका. पिछले कुछ हफ्तों से लगातार उनकी सेहत गिरती चली गई. उनकी तबीयत इतनी बिगड़ी कि वो दुनिया को अलविदा कह गए.  एक्टर के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 50 लाख रुपये की जरूरत थी. उनकी बेटी श्रावंथी ने आर्थिक मदद की अपील भी की थी. अगर सही समय एक्टर का इलाज हो जाता, तो हो सकता था कि उन्हें बचाया जा सकता. लेकिन अफसोस ये नहीं हो पाया.  कैसे मिली पहचान?  फिश वेंकट का जन्म 1971 में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था. अपने एक्टिंग करियर में फिश वेंकट ने लगभग 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. वो सहायक और हास्य किरदारों के लिए मशहूर थे. 2000 में उन्होंने फिल्म 'सम्मक्का सारक्का' से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. वो पर्दे पर अधिकतर विलेन के रोल में दिखे. वहीं कई फिल्मों में कॉमेडियन बन हंसाया भी.  'अधूर', 'गब्बर सिंह', और 'डीजे टिल्लू' जैसी मूवीज से उन्होंने अपनी पहचान बनाई. आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए हुए किरदार फैन्स के दिलों में बसे हुए हैं. 

चीन ने TRF को आतंकी माना, PAK को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगा झटका, पहलगाम पर जताई चिंता

बीजिंग पहलगाम आतंकी हमला करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है। इस पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को झटका दिया है। चीन ने शुक्रवार को क्षेत्रीय देशों से क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, "चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है और 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है।" उन्होंने कहा, "चीन क्षेत्रीय देशों से आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता को संयुक्त रूप से बनाए रखने का आह्वान करता है।" चीन का यह बयान उसके दोस्त पाकिस्तान के नजरिए से झटका माना जा रहा है, क्योंकि पहलगाम हमले के बाद यूएनएससी में टीआरएफ और लश्कर जैसे शब्दों को चीन की आपत्ति के बाद हटा दिया गया था। ऐसे में पाकिस्तान को उम्मीद रही होगी कि इस बार भी चीन टीआरएफ के सवाल पर या तो पल्ला झाड़ लेगा या फिर पहलगाम हमले में किसी पाकिस्तानी आतंकी संगठन की संलिप्तता से इनकार कर देगा, लेकिन उसने आतंकवाद के खिलाफ बयान देकर पाकिस्तान के मन-मुताबिक बात नहीं की। वहीं, बार-बार पहलगाम हमले की निंदा करना भी पाकिस्तान को रास नहीं आया होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पहले एक बयान में कहा था कि विदेश विभाग टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित कर रहा है। टीआरएफ को अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित किए जाने की बात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति, जो आतंकवादियों और उनके संगठनों को प्रतिबंधित करने वाली एक महत्वपूर्ण आतंकवाद-रोधी व्यवस्था है, में गूंजने की उम्मीद थी। कई पाकिस्तानी आतंकवादी समूह और व्यक्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध व्यवस्था के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं, जिसके अंतर्गत संपत्ति जब्त, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाए जाते हैं। इनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के साथ-साथ हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे प्रमुख आतंकवादी शामिल हैं। पहलगाम हमले के बाद, सयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को हमले की निंदा करते हुए एक कड़ा बयान जारी किया, लेकिन पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों के बाद कथित तौर पर बयान से टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा का उल्लेख हटा दिया गया। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे। टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। US से TRF को कैसे घोषित कराया आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 लोगों की नृशंस हत्या के एक महीने के भीतर भारत ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ तैयार डोजियर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) को सौंप दिया था। इसी का परिणाम है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने TRF को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, भारत को यह जानकारी चार दिन पहले ही दे दी गई थी कि TRF को अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया जा रहा है। यह घोषणा पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि 'आतंकवाद पर जोरो टॉलरेंस' की नीति में भारत और अमेरिका कोई रियायत नहीं देगा। आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद यह फैसला हुआ है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 27-29 मई के वॉशिंगटन दौरे के दौरान यह डोजियर अमेरिकी विदेश विभाग को सौंपा। इसी प्रकार की जानकारी संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को भी न्यूयॉर्क में दी गई। लश्कर का मुखौटा है टीआरएफ टीआरएफ की कमान शेख सज्जाद गुल उर्फ सज्जाद अहमद शेख के हाथ में है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का 'कश्मीरी चेहरा' बनाकर तैयार किया गया है। TRF ने 2020 से 2024 तक कश्मीर घाटी में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया। इसने पहलगाम नरसंहार के अलावा, मध्य कश्मीर (2023) में ग्रेनेड हमले, 2023 में अनंतनाग के बिजबेहरा इलाके में जम्मू-कश्मीर पुलिस पर घात लगाकर हमला, गगनगीर, जेड-मोड़ सुरंग हमला और 2024 में गंदेरबल हमला किया है। कौन है सज्जाद गुल? सज्जाद गुल वर्तमान में रावलपिंडी में रहता है और जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथीकरण, भर्ती, आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल है। उसका भाई परवेज अहमद शेख 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में एक आतंकवादी था। परवेज अपने परिवार के साथ सऊदी अरब गया और फिर पाकिस्तान चला गया। वह खाड़ी देशों में स्थित भारतीय भगोड़ों के साथ आतंकी फंडिंग और हवाला गतिविधियों में शामिल है। दिल्ली में हुआ था गिरफ्तार सज्जाद गुल को 2022 में यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। वह श्रीनगर के एचएमटी इलाके का रहने वाला है। उसने अपनी बुनियादी शिक्षा श्रीनगर में पूरी की और फिर बेंगलुरु से एमबीए किया। इसके बाद उसने केरल में लैब टेक्नीशियन का कोर्स किया और श्रीनगर लौटकर एक डायग्नोस्टिक लैब स्थापित की और साथ ही लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया। उसे दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया और उसके पास से पांच किलोग्राम आरडीएक्स बरामद किया गया। वह दिल्ली में बम विस्फोटों की साजिश रचने और ठिकानों की टोह लेने में शामिल था। गुल और उसके दो साथियों को 7 अगस्त, 2003 को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। अपनी सजा पूरी होने और जेल से रिहा होने के बाद, सज्जाद 2017 में अपने परिवार के साथ पाकिस्तान भाग गया। आईएसआई ने ही 2019 में सज्जाद को लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख बनाने और यह दिखाने के लिए टीआरएफ का प्रमुख चुना था कि आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में ही पनप रहा है। आईएसआई ने फरवरी 2019 में पुलवामा बम विस्फोट के बाद इस कदम की रणनीति बनाई थी। इसी समय पाकिस्तान आतंकवादियों और आतंकी समूहों को प्रायोजित करने और पनाह देने के लिए दुनिया की नजरों में आया था। … Read more

‘तुम मेरी ज़िंदगी हो’—डायरेक्टर ने किया स्मृति मंधाना से इश्क का इज़हार

मुंबई  स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ. इसके अलावा उनका क्रिकेट से पूराना नाता है. साल 2014 में इंग्लैंड में अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत करने वाली स्मृति आज भारतीय टीम की एक स्टार प्लेयर हैं. उन्होंने भारत के लिए अभी तक कुल 7 टेस्ट मैच, 103 वनडे और 153 टी20I खेले हैं. जिसमें टेस्ट में 629 रन, वनडे में 4501 रन 46.40 के औसत से बनाए हैं. वहीं टी20I में 123.97 के स्ट्राइक रेट से 3982 रन बनाए हैं.  Smriti Mandhana: स्मृति के अनसुने किस्से स्मृति मंधाना एक ऐसे परिवार से आती हैं जहाँ क्रिकेट का गहरा जुड़ाव रहा है. उनके पिता और भाई सांगली जिले के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं, और उनका भाई महाराष्ट्र की अंडर-16 टीम का भी हिस्सा रह चुका है. क्रिकेट का यह माहौल बचपन से ही स्मृति के आसपास था, और इसी प्रेरणा से उन्होंने बहुत छोटी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. सिर्फ 9 साल की उम्र में उनका चयन महाराष्ट्र की अंडर-15 टीम में हुआ और 11 साल की उम्र में वह राज्य की अंडर-19 टीम का हिस्सा बन गईं. 2013 में स्मृति ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. उन्होंने वेस्ट जोन अंडर-19 टूर्नामेंट में गुजरात के खिलाफ 150 गेंदों पर 224 रनों की जबरदस्त पारी खेली और वनडे में दोहरा शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बन गईं. क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण इतना गहरा था कि उन्होंने 2014 के वर्ल्ड टी20 के लिए अपनी 12वीं की परीक्षा छोड़ दी और इंग्लैंड दौरे के चलते कॉलेज में दाखिला भी नहीं लिया. मैदान पर भले ही स्मृति गंभीर नज़र आती हों, लेकिन निजी जीवन में वह काफी मस्तमौला हैं. उन्हें मजाक करना, अरिजीत सिंह के गाने सुनना, किताबें पढ़ना और अच्छा खाना बहुत पसंद है. उनके बड़े भाई को राहुल द्रविड़ ने जो बैट गिफ्ट किया था, उसे स्मृति आज भी अपने किट बैग में सहेजकर रखती हैं, हालाँकि वह उससे खेलती नहीं हैं. शुरुआती दिनों में वह मैथ्यू हेडन की तरह बैटिंग करना चाहती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने श्रीलंका के दिग्गज कुमार संगकारा को अपना आदर्श बना लिया क्योंकि उन्हें उनकी टाइमिंग बहुत पसंद आई. उनकी शानदार बैटिंग देखकर ऑस्ट्रेलिया के हेडन ने भी उनकी प्रशंसा की थी. सितंबर 2016 में स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर को वीमेन बिग बैश लीग में खेलने का मौका मिला, जिससे वे इस लीग में खेलने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर्स बन गईं. उनके क्रिकेट करियर में उनके परिवार का बड़ा योगदान है. पिता उनका शेड्यूल तय करते हैं, माँ उनका खानपान संभालती हैं और भाई उनकी प्रैक्टिस में मदद करता है. उनकी काबिलियत और मेहनत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2016 में उन्हें आईसीसी की महिला टीम ऑफ द ईयर में जगह दी गई, और वह उस वर्ष इस टीम में शामिल होने वाली अकेली भारतीय खिलाड़ी थीं. स्मृति मंधाना आज भारतीय महिला क्रिकेट का एक चमकता सितारा हैं और लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी. पलाश के साथ क्या है स्मृति का रिश्ता बात अगर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य समृति मंधाना की हो और उसमें जिक्र उनके बॉयफ्रेंड पलाश का न हो ये संभव ही नहीं है. बता दे कि स्मृति के  बॉयफ्रेंड पलाश मुच्छल एक संगीतकार और फिल्म निर्देशक हैं. दोनों ही साल 2019 से इस रिश्ते में बने बंधे हुए हैं. इसके अलावा पलाश, गायिका पलक मुच्छल के भाई हैं. दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ कार्यक्रमों और समारोहों में साथ दिखाई देते हैं. 

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ईडी की नजर: ऑनलाइन सट्टेबाज़ी में गूगल-मेटा को नोटिस

नई दिल्ली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के प्रमोशन मामले में गूगल और मेटा को नोटिस जारी किया है. ईडी का आरोप है कि दोनों कंपनियों ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को प्रमुखता से दिखाया है. 21 जुलाई को दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. यह जांच ऑनलाइन सट्टेबाजी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के प्रयासों का हिस्सा है. ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स का प्रमोशन अब गूगल और मेटा को भारी पड़ने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि ईडी का आरोप है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी के ऐड हर किसी को प्रमुखता से दिखाए गए हैं. इसके कारण लोगों तक उनकी पहुंच आसानी से हुई है. यही कारण है कि ईडी ने अब दोनों ही कंपनियों के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया है. 21 जुलाई को होगी पूछताछ ईडी ने जो नोटिस जारी किया है. उसके मुताबिक दोनों ही कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ पूछताछ की जाएगी. इसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी के ऐड इस तरह से दिखाए जाने को लेकर सवाल जवाब होंगे. माना जा रहा है कि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपये की काली कमाई की गई है. ईडी की कार्रवाई देशभर में जारी ईडी देशभर में ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने तेलंगाना के कई बड़े फिल्मी सितारों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसमें विजय देवरकोंडा से लेकर राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज जैसे नाम शामिल हैं. कुल मिलाकर 29 एक्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसके अलावा देशभर में कई ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क के खिलाफ छापेमारी की जा रही है. ईडी द्वारा आने वाले दिनों में उनके बयान दर्ज किए जाने की उम्मीद है, इसके साथ ही ईडी उन शिकायतकर्ताओं की तलाश कर रहा है, जिन्हें इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों द्वारा ठगा गया था. देशभर में ईडी की कार्रवाई जारी है. 15 जुलाई को ईडी ने मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क के खिलाफ की गई थी. इस छापेमारी के दौरान टीम ने 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी और कई लग्जरी घड़ियों के साथ ही कई गाड़ियां जब्त की थी.  

उत्तराखंड फिर कांपा! चमोली में महसूस किए गए भूकंप के हल्के झटके

चमोली सुबह की शांति को तोड़ते हुए उत्तराखंड के चमोली जिले में आज तड़के सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 3.3 थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह भूकंप रात 12:02:44 बजे महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र चमोली से 22 किलोमीटर दूर जोशीमठ के पास बताया जा रहा है। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। हाल के दिनों में भूकंप की लगातार सक्रियता यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में प्रकृति ने अपनी ताकत दिखाई हो। हाल ही में, 8 जुलाई को उत्तरकाशी जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। यह कंपन दोपहर 1:07 बजे 5 किलोमीटर की गहराई पर महसूस हुआ था। चमोली में आए इस नवीनतम भूकंप ने लोगों को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में ऐसी घटनाओं पर नजर रखना जरूरी है। अफगानिस्तान में फिर कांपी धरती, 4.6 तीव्रता का भूकंप अफगानिस्तान में शनिवार को भूकंप दो जबरदस्त झटके महसूस किए गए। इाके अलावा म्यांमार में भी भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के एक बयान में कहा गया है कि शनिवार को अफगानिस्तान में दो भूकंप के झटके महसूस किए गए। ताजा भूकंप रिक्टर पैमाने पर 4.0 तीव्रता का था। देर रात 2.11 बजे आए भूकंप का केंद्र जमीन से 125 किमी गहराई में था। इससे पहले अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। राम 01.26 बजे आए भूकंप का केंद्र जमीन से 190 किमी गहराई में था। इससे पहले राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के एक बयान में कहा गया था कि शुक्रवार देर रात अफगानिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया। 17 जुलाई को भी रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है। रेड क्रॉस के अनुसार, हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। म्यांमार में 3.7 तीव्रता का भूकंप एनसीएस के मुताबिक, शनिवार को म्यांमार में भी 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप 105 किलोमीटर की गहराई में आया। सुबह 03.26 बजे भूकंप के बाद लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए। इससे पहले शुक्रवार को म्यांमार में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। 17 जुलाई को भी 80 किमी की गहराई में भूकंप आया था। यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों के बीच टकराव की वजह से म्यांमार एक उच्च भूकंपीय खतरे वाला क्षेत्र है। अंतरराष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से संक्षेपित भूकंप मापदंडों के अनुसार, 1990 से 2019 तक म्यांमार और उसके आसपास के क्षेत्रों में हर साल 3.0 से अधिक या उसके बराबर तीव्रता वाली लगभग 140 घटनाएं घटी हैं।

उत्तराखंड फिर कांपा! चमोली में महसूस किए गए भूकंप के हल्के झटके

चमोली सुबह की शांति को तोड़ते हुए उत्तराखंड के चमोली जिले में आज तड़के सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 3.3 थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह भूकंप रात 12:02:44 बजे महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र चमोली से 22 किलोमीटर दूर जोशीमठ के पास बताया जा रहा है। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। हाल के दिनों में भूकंप की लगातार सक्रियता यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में प्रकृति ने अपनी ताकत दिखाई हो। हाल ही में, 8 जुलाई को उत्तरकाशी जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। यह कंपन दोपहर 1:07 बजे 5 किलोमीटर की गहराई पर महसूस हुआ था। चमोली में आए इस नवीनतम भूकंप ने लोगों को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में ऐसी घटनाओं पर नजर रखना जरूरी है। अफगानिस्तान में फिर कांपी धरती, 4.6 तीव्रता का भूकंप अफगानिस्तान में शनिवार को भूकंप दो जबरदस्त झटके महसूस किए गए। इाके अलावा म्यांमार में भी भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के एक बयान में कहा गया है कि शनिवार को अफगानिस्तान में दो भूकंप के झटके महसूस किए गए। ताजा भूकंप रिक्टर पैमाने पर 4.0 तीव्रता का था। देर रात 2.11 बजे आए भूकंप का केंद्र जमीन से 125 किमी गहराई में था। इससे पहले अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। राम 01.26 बजे आए भूकंप का केंद्र जमीन से 190 किमी गहराई में था। इससे पहले राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के एक बयान में कहा गया था कि शुक्रवार देर रात अफगानिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया। 17 जुलाई को भी रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है। रेड क्रॉस के अनुसार, हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। म्यांमार में 3.7 तीव्रता का भूकंप एनसीएस के मुताबिक, शनिवार को म्यांमार में भी 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप 105 किलोमीटर की गहराई में आया। सुबह 03.26 बजे भूकंप के बाद लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए। इससे पहले शुक्रवार को म्यांमार में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। 17 जुलाई को भी 80 किमी की गहराई में भूकंप आया था। यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों के बीच टकराव की वजह से म्यांमार एक उच्च भूकंपीय खतरे वाला क्षेत्र है। अंतरराष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से संक्षेपित भूकंप मापदंडों के अनुसार, 1990 से 2019 तक म्यांमार और उसके आसपास के क्षेत्रों में हर साल 3.0 से अधिक या उसके बराबर तीव्रता वाली लगभग 140 घटनाएं घटी हैं।