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मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल? भाजपा नेता श्यामलाल धाकड़ की हत्या से हड़कंप

 मंदसौर मंदसौर जिले के नाहरगढ़ थाने के गांव हिंगोरिया बड़ा में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात में भाजपा नेता पूर्व मंडल उपाध्यक्ष 45 वर्षीय श्यामलाल धाकड़ पुत्र दौलतराम धाकड़ की हत्या कर दी गई। शुक्रवार सुबह खून से सनी लाश मकान की दूसरी मंजिल पर कमरे में मिली। रात में धाकड़ अपने कमरे में अकेले ही सोए थे। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा का विधानसभा क्षेत्र होने से उन्होंने भी मामले में जल्द ही हत्यारों को पकड़ने को कहा। एसपी अभिषेक आनंद व एफएसएल टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। स्वजनों और ग्रामीणों से बातचीत भी की गई है। पुलिस को हत्यारे की तलाश है। धारदार हथियार से गले पर वार मिली जानकारी के अनुसार श्यामलाल धाकड़ गुरुवार रात में घर की ऊपरी मंजिल पर अकेले सो रहे थे, जबकि उनके स्वजन नीचे के कमरों में थे। रात के अंधेरे में किसी ने धारदार हथियार से हमला कर गले पर वार कर हत्या कर दी। गले में गहरी चोट होने से घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। शुक्रवार सुबह स्वजनों ने रक्त रंजित शव देखा। इसके बाद नाहरगढ़ थाना प्रभारी प्रभातसिंह गौड़ पुलिस बल के साथ पहुंचे। इधर पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद एवं एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में हत्या के कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। श्यामलाल धाकड़ भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे और मंडल उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। श्यामलाल का एक बेटा और बेटी है। हत्या की खबर मिलते ही भाजपा कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई थी। दोपहर 3 बजे शव को पोस्ट मार्टम के लिए मंदसौर ले जाया गया। एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि पुलिस कई एंगल पर जांच कर रही है। जब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचते कुछ भी कहना संभव नहीं है। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने तेजी से जांच करने को कहा उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सोशल मीडिया पर एक्स व फेसबुक पर पोस्ट की, जिसमें लिखा है कि नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के हमारे पार्टी समर्थित कार्यकर्ता श्यामलाल धाकड़ का शव घर में मिला। कार्यकर्ताओं ने हत्या उनकी आशंका व्यक्त की है। मैंने एसपी अभिषेक आनंद व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। घटना का जल्द से जल्द खुलासा हो। परिवार को न्याय दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

MP में भर्ती प्रक्रिया में क्रांति! अब 30 नहीं, सिर्फ 4 परीक्षाओं से मिलेगी नौकरी

भोपाल अब सरकारी विभागों के विभिन्न पदों के लिए सालभर भर्ती परीक्षाएं नहीं चलेंगी। अभ्यर्थियों को भी अलग-अलग परीक्षा नहीं देनी होगी। सरकार भर्ती परीक्षा की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है। मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ESB) के माध्यम से होने वाली सालभर में 30 भर्ती परीक्षाओं के स्थान पर केवल चार परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। ईएसबी ने शासन को भेजा प्रस्ताव ईएसबी ने इसका प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है। इसमें संयुक्त स्नातकोत्तर, संयुक्त स्नातक, संयुक्त उच्चतर माध्यमिक और संयुक्त वार्दीधारी परीक्षा प्रस्तावित की गई हैं। विभिन्न विभागों में एक जैसे या समकक्ष पदों के लिए संयुक्त परीक्षा आयोजित की जाएगी। विभिन्न विभागों के पदों को एक परीक्षा में शामिल करके मेधावी चयन सूची तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर नियुक्तियां होंगी। उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने भर्ती परीक्षा नियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षा में होने वाले खर्च और समय की भी होगी बचत ईएसबी का मानना है कि इससे परीक्षा में होने वाले खर्च और समय की भी बचत होगी। इस संबंध में मंडल ने शासन को कुल 30 प्रकार की परीक्षाओं को विलय कर केवल चार परीक्षाओं के संचालन का प्रस्ताव बनाकर भेजा है।सभी विभागों से सुझाव भी मांगें गए हैं। बता दें, कि इस साल विभिन्न विभागों में करीब 25,472 पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। चार प्रमुख श्रेणियों में परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी है स्नातक स्तरीय परीक्षा- सभी ग्रुप-सी के पदों के लिए हायर सेकेंडरी स्तरीय परीक्षा- 12वीं पास योगयता पर आधारित पदों के लिए तकनीकी पदों के लिए परीक्षा- इंजीनियरिंग,आइटीआइ आदि तकनीकी योग्यता वाले पद शिक्षक पात्रता परीक्षा- उच्च माध्यमिक,माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए आवेदन के समय करेंगे अभ्यर्थी करेंगे च्वाइस फिलिंग विभिन्न विभागों की एक जैसी भर्ती के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा होगी, लेकिन पेपर एक जैसा तैयार किया जाएगा। अभ्यर्थियों को आवेदन करते समय च्वाइस फिलिंग करनी होगी कि वे किसी पद के लिए आवेदन किया है और परीक्षा दी है।उसके हिसाब से मेरिट सूची तैयार होगी। इस बदलाव से लाभ एक ही परीक्षा से अनेक विभागों में चयन की संभावना। विभिन्न विभागों के लिए बार-बार आवेदन और परीक्षा की जरूरत नहीं। अभ्यर्थियों का समय, पैसा और मानसिक तनाव कम होगा। भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और जल्द होगी। मेरिट के आधार पर निष्पक्ष नियुक्तियां संभव होंगी। साल 2025 की आगामी ये परीक्षाएं प्रस्तावित हैं आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा-अगस्त 2025 प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा-अगस्त-सिंतबर 2025 समूह-02 उपसमूह-03 -अक्टूबर 2025 समूह-01 उपसमूह-02 -अक्टूबर 2025 संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग-सितंबर 2025 समूह-02 उपसमूह-04-नवंबर 2025 क्षेत्ररक्षक,जेल प्रहरी परीक्षा-नवंबर 2025 समूह-03 उपयंत्री-जनवरी 2026 आइटीआई में प्रशिक्षण अधिकारियों के पदों की चयन परीक्षा-फरवरी 2026 समूह-02 उपसमूह02 -मार्च 2026 सूबेदार,शीघ्रलेखक,सहायक उप निरीक्षक चयन परीक्षा-अप्रैल 2026 पुलिस आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा -अप्रैल 2026 सहायक उप निरीक्षक (कंप्यूटर) एवं प्रधान आरक्षक (कंप्यूटर) भर्ती परीक्षा- मई 2026 ईएसबी का क्या कहना है? ईएसबी के संचालक साकेत मालवीय ने कहा कि एक ही ग्रुप की एक जैसे समकक्ष पदों के लिए चार परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अब साल भर में करीब 30 परीक्षाओं के बदले चार परीक्षाएं होंगी। अगर शासन से मंजूरी मिलती है तो इसे लागू किया जाएगा।

टेक्सटाइल निवेश पर बार्सिलोना में सीएम यादव की बड़ी पहल, निवेशकों को उपलब्ध करायेंगे हर सुविधा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बार्सिलोना में टेक्सटाइल मशीनरी कंपनियों के पदाधिकारियों के साथ की राउंड टेबल बैठक मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बार्सिलोना में टेक्सटाइल कंपनियों संग की राउंड टेबल मीटिंग टेक्सटाइल निवेश पर बार्सिलोना में सीएम यादव की बड़ी पहल, निवेशकों को उपलब्ध करायेंगे हर सुविधा टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश अनुकूल माहौल और नीतियों की दी जानकारी निवेशकों को उपलब्ध करायेंगे हर सुविधा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पेन यात्रा के तीसरे दिन बार्सिलोना में विश्व की अग्रणी टेक्सटाइल मशीनरी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय राउंड टेबल बैठक की। बैठक का आयोजन मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने और यूरोपीय टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश के टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश के लिए अनुकूल माहौल और निवेशक अनुकूल नीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश टेक्सटाइल निवेश आकर्षित करने में भारत में अग्रणी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं, जैसे विशेष टेक्सटाइल पार्क, SEZ और निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने निवेशकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को समझने पर जोर दिया जिससे उनकी जरूरतों के अनुरूप नीतियां और सुविधाएं प्रदान की जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “मध्यप्रदेश टेक्सटाइल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी आदर्श है। राज्य सरकार वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी कर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सस्टेनेबल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। मेक इन इंडिया और मेक इन एमपी के तहत निवेश का आहवान बैठक में यूरोपीय टेक्सटाइल मशीनरी कंपनियों को मध्यप्रदेश में अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर आमंत्रित किया गया। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना, भारतीय और यूरोपीय कंपनियों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, और नॉलेज एक्सचेंज की संभावनाओं पर चर्चा की गई। यह पहल मेक इन इंडिया और मेक इन एमपी के तहत विश्व स्तरीय टेक्सटाइल मशीनरी के उत्पादन को बढ़ावा देने और विशेष टेक्सटाइल पार्क व SEZ की स्थापना पर केंद्रित थी। वैश्विक टेक्सटाइल कंपनियों की भागीदारी बैठक में वैश्विक स्तर की टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी कंपनियों आर्थर इमैनुएल, यूएस की अग्रणी टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप लॉन्च के फाउंडर, एनरिक सिला, जीनोलॉजिया के सीईओ और संस्थापक, जे जामिन्टरनेशनल, इटली की प्रीमियम वीविंग और स्पिनिंग मशीनरी निर्माता कंपनी,ग्राज़ियानो मैकटेक, इटली की फाइबर प्रोसेसिंग और यार्न प्रोडक्शन में विशेषज्ञता वाली कंपनी,जोसे मारिया ब्रोंको, इटली के टेक्सटाइल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ, शामिल थे। मध्यप्रदेश से प्रमुख टेक्सटाइल कंपनियों बेस्ट कॉर्प, प्रतिभा सिंटेक्स, श्रीजी पॉलिमर्स, और डीबी ग्रुप ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।  

विगत डेढ़ वर्षों में 1.80 लाख से अधिक सफल मोतियाबिंद ऑपरेशन संपन्न, डेढ़ वर्षों में हुए 351 नेत्रदान

रायपुर : राज्य के 11 जिलों को भारत सरकार से मिला कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस (सीबीबीएफएस) स्वास्थ्य विभाग द्वारा दृष्टिहीनता को रोकने के लिए वृहद स्तर पर किया जा रहा है कार्य विगत डेढ़ वर्षों में 1.80 लाख से अधिक सफल मोतियाबिंद ऑपरेशन संपन्न, डेढ़ वर्षों में हुए 351 नेत्रदान नेत्रदान को लेकर बढ़ रही है जागरूकता, डेढ़ वर्षों में हुए 351 नेत्रदान रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दृष्टिहीनता की रोकथाम हेतु वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। दृष्टिहीनता के प्रमुख कारणों में से एक मोतियाबिंद है, जो सामान्यतः एक आयुजन्य नेत्र रोग है। एक निश्चित आयु के पश्चात इसका होना सामान्य माना जाता है, किन्तु इसका ऑपरेशन कर दृष्टि पुनः प्राप्त की जा सकती है। इसके उपचार हेतु गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क नेत्र ऑपरेशन की सुविधा राज्य के 25 जिला चिकित्सालयों एवं 10 चिकित्सा महाविद्यालयों सहित कुल 43 स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है, जहाँ नियमित रूप से नेत्र ऑपरेशन किए जा रहे हैं। राज्य में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1,45,580 तथा अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 27,245 मोतियाबिंद ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं। प्रदेश में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी "राष्ट्रीय नेत्र ज्योति योजना" संचालित है, जिसके अंतर्गत सभी जिलों को ‘‘कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस’’ (सीबीबीएफएस) प्रदान किया जाना है। इस योजना के अंतर्गत दोनों आंखों में मोतियाबिंद से दृष्टिहीन रोगियों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर ऑपरेशन द्वारा उन्हें दृष्टिहीनता से मुक्त किया जाता है। अब तक राज्य के 11 जिलों — कबीरधाम, रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव, खैरागढ़, रायगढ़, कोरबा एवं बस्तर — को दृष्टिहीनता मुक्त घोषित किए जाने हेतु दावा भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। वहीं कांकेर एवं बेमेतरा जिलों के दावों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है, जिसके उपरांत प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा। दृष्टिहीनता के एक अन्य प्रमुख कारण "ग्लॉकोमा" की भी पहचान और उपचार हेतु विभाग सजग है। यह आंख की एक जटिल बीमारी है, जिसकी प्रारंभिक अवस्था में रोगी को जानकारी नहीं होती और जब पता चलता है, तब तक दृष्टि का ह्रास हो चुका होता है। इसकी गई दृष्टि वापस नहीं लाई जा सकती। इसकी पहचान केवल नियमित नेत्र परीक्षण से ही संभव है। अतः 40 वर्ष की आयु के बाद प्रत्येक 6 माह में नेत्र परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है। राज्य के सभी विकासखंड केन्द्रों में इसकी जांच की सुविधा उपलब्ध है। कॉर्नियल दृष्टिहीनता की रोकथाम के लिए "कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना" भी संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत सभी जिलों में कॉर्नियल दृष्टिहीन रोगियों की पहचान कर, नेत्र प्रत्यारोपण केन्द्रों से उनका सत्यापन कराते हुए नेत्र बैंक में पंजीयन कराया गया है। नेत्रदान प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर इनका प्रत्यारोपण किया जाता है। जनजागरूकता के माध्यम से नेत्रदान को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 263 और अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 88 नेत्रदान संपन्न हुए हैं। अन्य सामान्य नेत्र रोगों के उपचार की सुविधा राज्य के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। सभी जिला चिकित्सालयों में निर्धारित दिवसों पर स्पेशल क्लीनिक आयोजित किए जाते हैं, जिनके अंतर्गत ग्लॉकोमा, रेटिना, डायबिटिक रेटिनोपैथी, पीडियाट्रिक ऑप्थैल्मोलॉजी सहित अन्य नेत्र रोगों का उपचार किया जाता है। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक ऐसे 81,000 से अधिक तथा अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 25,000 से अधिक रोगियों का उपचार किया गया है। गुणवत्तापूर्ण नेत्र स्वास्थ्य सेवाएं, नियमित स्क्रीनिंग शिविर, आधुनिक उपकरणों से जांच तथा तत्काल सर्जरी की सुविधा के माध्यम से प्रदेशवासी निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता को बेहतर, प्रभावी और सुलभ नेत्र चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

कोतबा स्वास्थ्य केंद्र को मिलेगा सामुदायिक स्तर का दर्जा, 4.37 करोड़ स्वीकृत

कोतबा के स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन के लिए 4.37 करोड़ रूपए की स्वीकृति कोतबा स्वास्थ्य सेवाओं को बड़ा बढ़ावा, CHC अपग्रेड के लिए 4.37 करोड़ मंजूर कोतबा स्वास्थ्य केंद्र को मिलेगा सामुदायिक स्तर का दर्जा, 4.37 करोड़ स्वीकृत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल  रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल से जशपुर जिले के कोतबा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अब 50 बिस्तरीय  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन और वहाँ आवश्यक अधोसंरचना निर्माण के लिए 4 करोड़ 37 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। इस राशि से भवन निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। कोतबा क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी सौगात है। इससे पूर्व जशपुर जिले को 220 बिस्तर वाले आधुनिक अस्पताल की स्वीकृति मिल चुकी है, जो जिले की स्वास्थ्य सुविधा को एक नई मजबूती देगा। वहीं कुनकुरी विकास खंड के ग्राम गिना बहार में 8 करोड़ की लागत से 50 बिस्तरीय मातृत्व और शिशु अस्पताल बनाने की भी स्वीकृत दी जा चुकी है। जिससे मां और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कोतबा समेत आस-पास के ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की इससे कोतबा  क्षेत्र के लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सौगातें मिल रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

बार्सिलोना मेले में सीएम यादव ने जाना स्मार्ट सिटी का ग्लोबल विजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ‘फीरा दे, बार्सिलोना मेले में देखा स्पेन के स्मार्ट नगर का माडल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ‘फीरा दे बार्सिलोना’ में देखा स्पेन के स्मार्ट सिटी का मॉडल बार्सिलोना मेले में सीएम यादव ने जाना स्मार्ट सिटी का ग्लोबल विजन फीरा दे बार्सिलोना में स्पेन के स्मार्ट नगर मॉडल से प्रभावित हुए सीएम यादव मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान की स्थापना पर हुआ विचार-विमर्श भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पेन प्रवास के तीसरे दिन बार्सिलोना स्थित ‘फीरा दे बार्सिलोना – मोंटजुइक’ मेला परिसर का भ्रमण किया। यह मेला यूरोप के प्रमुख प्रदर्शनी एवं व्यापार मेलों में से एक है। वर्ष 1932 में स्थापित यह केंद्र बार्सिलोना के ऐतिहासिक मोंटजुइक क्षेत्र में स्थित है, जो सांस्कृतिक और स्थापत्य कला की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य स्पेन के स्मार्ट नगर मॉडल, पर्यावरणीय प्रबंधन, शहरी गतिशीलता एवं नवाचार प्रणाली का प्रत्यक्ष अवलोकन करना था, जिससे मध्यप्रदेश में भी इन क्षेत्रों में विकास को गति दी जा सके। ‘फीरा दे बार्सिलोना’ जैसे संस्थानों के सहयोग से मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निवेश सम्मेलनों तथा स्थायी प्रदर्शनी केंद्र की स्थापना की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। मेला भ्रमण के दौरान मेले के प्रतिनिधि एवं मध्यप्रदेश के अधिकारियों की टीम भी मौजूद रही। फीरा दे बार्सिलोना परिसर अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है तथा प्रति वर्ष 150 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेज़बानी करता है, जिनमें औद्योगिक, तकनीकी, नवाचार, पर्यटन तथा शहरी विकास जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। लगभग एक लाख 65 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला यह प्रदर्शनी परिसर ‘स्मार्ट नगर प्रदर्शनी विश्व अधिवेशन’, ‘चलित दूरसंचार विश्व अधिवेशन’, ‘एलिमेंटेरिया खाद्य एवं पेय व्यापार मेला’ तथा ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स समाधान विश्व अधिवेशन’ जैसे वैश्विक आयोजनों का सफल संचालन करता है।  

नौसेना को मिली नई ताकत: पहला स्वदेशी डीएसवी ‘आईएनएस निस्तार’ शामिल

नई दिल्ली भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ गई है। दरअसल आज नौसेना के बेडे़ में देश का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आईएनएस निस्तार शामिल हो गया है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की मौजूदगी में विशाखापत्तनम स्थित नेवल डॉकयार्ड में आईएनएस निस्तार को नौसैनिक बेड़े में शामिल किया गया। आईएनएस निस्तार को देश में ही डिजाइन और इसका निर्माण किया गया है। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने 8 जुलाई 2025 को ही भारतीय नौसेना को सौंपा दिया था। इस युद्धक जहाज का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर के नियमों के तहत किया गया है। 'हथियार आयातक से निर्यातक बन रहा भारत' केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि 'भारतीय नौसेना का इतिहास गौरवशाली है और आईएनएस निस्तार भारत की ताकत को और बढ़ाएगा।' उन्होंने कहा कि 'भारत आज सैन्य मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है और अब आयातक से निर्यातक बन रहा है। भारत ने 23,622 करोड़ रुपये हथियार निर्यात किए हैं और अब लक्ष्य 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार निर्यात करने का है।' इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि 'नए आईएनएस निस्तार से नौसेना की डाइविंग क्षमता और गहरे पानी में भी काम करने की क्षमता बेहतर होगी।' उन्होंने कहा कि 'पुराने जहाज कभी नहीं मरते, वे सिर्फ नए रूप में हमारे पास वापस आते हैं।' रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह अहम कदम है। सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल 120 एमएसएमई कंपनियों ने मिलकर इस युद्धक जहाज को बनाने का काम किया। आईएनएस निस्तार के 80 फीसदी उपकरण स्वदेशी हैं। यह युद्धक जहाज आधुनिक तकनीक से लैस है और इसकी मदद से समुद्र में गहरे तक उतरा जा सकता है। इस डाइविंग सपोर्ट वेसल की मदद से राहत और बचाव कार्य चलाने, मरम्मत के काम आदि में काफी मदद मिलेगी। दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही अभी आईएनएस निस्तार जैसी ताकत है। नौसेना की बढ़ेगी ताकत निस्तार नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है आजादी या बचाव। आईएनएस निस्तार की खासियत की बात करें तो यह 118 मीटर लंबा और 10 हजार टन वजनी जहाज है, जो समुद्र में गहराई तक जाने में मदद करने वाले उपकरणों से लैस है। इसकी मदद से 300 मीटर तक समुद्र की गहराई में जाया जा सकता है। यह जहाज डीएसआरवी के लिए मदर शिप का काम करता है। अगर किसी पनडुब्बी में कोई आपात स्थिति आती है तो मरम्मत कार्य या बचाव कार्य के लिए जवानों को एक हजार मीटर की गहराई तक उतारा जा सकता है। भारतीय नौसेना को पहली बार साल 1969 में सोवियत संघ से पहला डाइविंग सपोर्ट वेसल मिला था। करीब दो दशकों की सेवा के बाद उसे रिटायर किया गया था। अब आईएनएस निस्तार स्वदेशी और भारत में ही डिजाइन किया गया है। 

नेशनल एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड के 4 सदस्य राज्यों में शामिल है छत्तीसगढ़

रायपुर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में नेशनल एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड की बैठक संपन्न छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हुए शामिल नेशनल एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड के 4 सदस्य राज्यों में शामिल है छत्तीसगढ़ रायपुर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा जी की अध्यक्षता में नेशनल एआरटी ऐंड सेरोगेसी एक्ट 2021 के तहत छठवें नेशनल एआरटी ऐंड सेरोगेसी बोर्ड की बैठक हाइब्रिड मोड में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं बोर्ड के सदस्य राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बोर्ड के सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ , चंडीगढ़, तमिलनाडु एवं तेलगांना राज्य शामिल हैं।  छत्तीसगढ़ राज्य की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया तथा आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ प्रियंका शुक्ला बैठक में उपस्थित रहे।  बोर्ड की बैठक में तीन अहम मुद्दों को सर्व सहमति से पारित किया गया। इसके तहत देश के अंदर या बाहर भ्रूण/युग्मक के अंतरण के अनुमति हेतु 884 मामलों के प्रकरणों को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही भारतीय मूल के दंपत्ति (ओसीआई) के 14 मामलों में अधिनियम के तहत सरोगसी हेतु स्वीकृति दी गई। एक अन्य मामले में एक केंद्र से दूसरे केंद्र में क्रायोप्रिजर्व के सामूहिक हस्तांतरण (केंद्र के बंद होने के कारण) के तीन प्रकरणों में स्वीकृति दी गई। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैठक में एक अहम सुझाव देते सरोगेसी के लिए अधिनियम में निर्धारित उम्र सीमा पर पुर्नविचार कर एक्ट में संशोधन किये जाने की बात कही, इसके लिये केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की सराहना की गई।  बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एआरटी एवं सेरोगेसी एक्ट को मानवता के विकास के कदम में एक आवश्यक कदम बताया। उन्होंने बैठक में कहा कि आज जो एजेंडा पारित हुए हैं उससे समाज को लाभ मिलेगा।

वैश्विक निवेशकों का भरोसा जीता डॉ. यादव ने, वन-टू-वन संवाद रहा अहम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की वन-टू-वन बैठकों से खुले वैश्विक निवेश के नए द्वार सीएम यादव की सीधी बातचीत ने खोले विदेशी निवेश के नए रास्ते वैश्विक निवेशकों का भरोसा जीता डॉ. यादव ने, वन-टू-वन संवाद रहा अहम टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल से लेकर औद्योगिक ट्रांसफॉर्मेशन पर हुई निवेश वार्ता विश्वस्तरीय कंपनियों ने जताई मध्यप्रदेश में निवेश की गहरी रुचि भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बार्सिलोना प्रवास के तीसरे दिन विश्व की अग्रणी कंपनियों के शीर्ष पदाधिकारियों से वन-टू-वन मुलाकात कर मध्यप्रदेश में निवेश, तकनीकी सहयोग और रोजगार के नए अवसरों को लेकर विस्तृत चर्चा की। सेनेटरीवेयर, वस्त्र, स्वास्थ्य सेवाएं, डाटा सेंटर, एनीमेशन, ब्रांडिंग और मीडिया नीति जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी वैश्विक कंपनियों ने मध्यप्रदेश में निवेशकों की संभावनाओं को लेकर गंभीर रुचि प्रदर्शित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सबसे पहले स्पेन की अग्रणी सेनेटरीवेयर कंपनी रॉका ग्रुप (Roca Group) के कॉर्पोरेट संचालन निदेशक पाउ अबेलो से भेंट की। इस दौरान देवास स्थित कंपनी की इकाई ‘रॉका बाथरूम प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ (Roca Bathroom Products Pvt. Ltd.) द्वारा किए गए ₹164.03 करोड़ के निवेश और 445 लोगों को दिए गए रोजगार पर संतोष व्यक्त किया गया। कंपनी ने मध्यप्रदेश में अपनी इकाई के विस्तार और विविधीकरण की योजना भी साझा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की वस्त्र क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हेलोटेक्स ग्रुप (Helotex Group) के मालिक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोर्डी बोनारो ट्रियोलार्ट से भेंट हुई। कंपनी पहले से ही इंदौर स्थित ‘प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड’ (Pratibha Syntex Ltd.) के साथ साझेदारी में कार्यरत है। बैठक में वस्त्र उद्योग के विस्तार और निवेश प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने पर चर्चा हुई। अमेक (Association Multisectorial de AMEC) के निदेशक एलेजांद्रो गैलेगो अल्काइडे से मुलाकात में राज्य की वैश्विक ब्रांडिंग, मीडिया एनालिटिक्स, एआई आधारित संचार रणनीतियों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मध्यप्रदेश की पहचान को सशक्त करने की दिशा में सहयोग की सहमति बनी। एसएसएल-कोटिंग्स (पावर सॉइल) के प्रतिनिधि जीफ विशेप के साथ हुई बैठक में टिकाऊ सड़क निर्माण तकनीक “टेरा-3000” के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई, जो विशेष रूप से ग्रामीण सड़कों, नींव और सख्त मिट्टी में उपयोगी है। इस समाधान के माध्यम से पारंपरिक निर्माण सामग्रियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित होता है। सोगो समूह के सतीश रायसिंघानी के साथ बातचीत में भारत और विशेष रूप से मध्यप्रदेश में एसओजीओ ब्रांड के उत्पादों के विस्तार की संभावनाएं तलाशी गईं। एसओजीओ घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स का एक मजबूत यूरोपीय ब्रांड है, जो भारतीय उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादों की पहुँच बढ़ाना चाहता है। सर्विटाइज के सीईओ मार्क विंटर के साथ बैठक में औद्योगिक परामर्श, डिजिटल परिवर्तन और ग्राहक अनुभव आधारित समाधानों पर चर्चा हुई। यह कंपनी सेवा-आधारित व्यापार मॉडल के जरिये उद्यमों की दक्षता बढ़ाने में विशेषज्ञता रखती है और मध्यप्रदेश में MSME सेक्टर को स्मार्ट मॉडल से जोड़ने में रुचि रखती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की नॉर्सेक ग्लोबल के निवेशकों के साथ भी सार्थक चर्चा हुई। स्पोर्ट्सफन टीवी एस.एल. के सह-संस्थापक सिद्धार्थ तिवारी से हुई बैठक में मध्यप्रदेश में फुटबॉल खेल के विकास हेतु प्रतिभा खोज, प्रशिक्षण शिविरों और अकादमियों की स्थापना के माध्यम से सहयोग की संभावनाएँ तलाशी गईं। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी झारखंड सरकार के साथ पहले से इस दिशा में कार्यरत है और अब मध्यप्रदेश में भी इसी तरह की पहल को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों के समक्ष राज्य की निवेश-अनुकूल नीतियों का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए आवश्यक भूमि, जल, ऊर्जा और मजबूत आधारभूत संरचना सहज रूप से उपलब्ध है। उन्होंने राज्य की उत्कृष्ट लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी, दक्ष मानव संसाधन, सुगम और पारदर्शी प्रशासनिक प्रक्रियाओं तथा ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ में हासिल उल्लेखनीय उपलब्धियों को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए एक सुरक्षित, स्थिर और समर्थ राज्य है, जो वैश्विक कंपनियों के लिए दीर्घकालिक सहयोग के द्वार खोलता है।  

बिना लाइन लगाए बच्चों का ब्लू आधार कार्ड पाएं, जानें ऑनलाइन प्रक्रिया

नई दिल्ली आधार कार्ड एक बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट है। इसकी जरूरत सिर्फ बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी पड़ती है। स्कूल एडमिशन हों या सरकारी योजना से जुड़ा कोई काम हर जगह इसकी जरूरत पड़ती ही है। ऐसे में अगर आपके घर में कोई 5 साल से छोटा बच्चा है, तो आप ऑनलाइन बहुत आसानी से आधार कार्ड बनवा सकते हैं। इसमें खास बात यह है कि बच्चों का आधार कार्ड बनवाते समय आंखों के रेटिना को स्कैन करने की जरूरत नहीं पड़ती और न ही फिंगरप्रिंट स्कैन करना पड़ता है। इस वजह से आप बिना आधार सेंटर पर जाए बेहद आसानी से बच्चों का आधार कार्ड बनवा सकते हैं। चलिए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं। ऐसे बनेगा ब्लू आधार कार्ड बता दे कि बच्चों के आधार कार्ड को ब्लू आधार कार्ड भी कहा जाता है। इस आधार कार्ड की खासियत यह होती है कि यह बच्चे के माता-पिता के आधार कार्ड से लिंक्ड होता है। ऐसे में इसके लिए आपको आधार सेंटर पर जाना जरूरी नहीं है और आप घर बैठे ऑनलाइन ही ब्लू आधार कार्ड के लिए अपलाई कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात ऊपर बताए सभी स्टेप्स को फॉलो करने के बाद आपके घर पर पोस्ट ऑफिस से कुछ लोग जरूरी मशीन लेकर बच्चे का आधार कार्ड बनाने के लिए पहुंच जाएंगे। इसमें करीब 10 दिन का समय लग सकता है। अगर कोई 10 दिनों में आपके घर नहीं आता, तो आप एक बार जाकर नजदीकी पोस्ट ऑफिस पर अपनी ऑनलाइन रिक्वेस्ट के बारे में बता सकते हैं। इसके बाद हो सकता है कि पोस्ट ऑफिस से उसी दिन कोई आपके घर आ जाए। याद रहे कि जब आपका बच्चा 5 साल की उम्र पार कर जाएगा, तो आपको उसके फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन को अपडेट कराना होगा। इसके लिए आपको किसी तरह की कोई फीस नहीं देनी होगी।