samacharsecretary.com

सर्वश्रेष्ठ फलदायी दिन: हरियाली अमावस्या पर त्रिगुणित शुभ योगों का दुर्लभ मेल

हरियाली अमावस्या 24 जुलाई गुरुवार को पूर्ण भक्तिभाव के साथ मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या की शुरुआत 24 जुलाई रात दो बजकर 28 मिनिट से होगी, इसका समापन 25 जुलाई को रात 12 बजकर 40 मिनट पर होगा। इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग बन रहा है। इस दिन से मंदिरों में श्रावण मास के उत्सव शुरू हो जाता है। अमावस्या को पितरों की शांति के लिए तर्पण करने से शांति मिलती है. हरियाली अमावस्या को सनातन धर्म सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में हरे परिधानों से अलौकिक श्रृंगार किया जाएगा। श्रद्धालु सामार्थ्य के अनुसार दान-पुण्य करेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विशेष विधि-विधान किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृकार्य और शिवपूजन दोनों करने से न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।अमावस्या को पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर पर ही बाल्टी या टब में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान कर सकते हैं।   हरियाली अमावस्या पर बनेंगे तीन शुभ योग अमावस्या के दिन काफी शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इस दिन तीन शुभ योगों का निर्माण होने वाला है। हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।     ब्रह्म मुहूर्त- सुबह सवां चार बजे से चर बजकर 57 मिनट तक     अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक     अमृत काल- दोपहर दो बजकर 26 मिनट से तीन बजकर 58 मिनट तक     सर्वार्थ सिद्ध योग- पूरे दिन रहेगा     गुरु पुष्य योग- शाम चार बजकर 43 मिनट से आरंभ होगा और अगले दिन सुबह पांच बजर 39 बजे तक रहेगा। हरियाली अमवास्या का महत्व सावन मास में चारों तरफ हरियाली होती है। बारिश की वजह से मौसम सुहावना होता है और पेड़-पौधों में अलग चमक दिखाई देती है। इस हरे-भरे वातावरण के चलते सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या के मौके पर पितर पूजा और नवग्रह शांति पूजा कराने का भी महत्व है। इसके साथ ही शिव पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है। इसके साथ ही पौधे लगाने का महत्व है। इस दिन आम, आंवला, नीम, बरगद, पीपल आदि के पौधे लगाने का बड़ा महत्व है।

यात्रियों को बड़ी राहत: भोपाल से सागर तक बिना रुकावट चलेगा सफर

विदिशा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सागर का सफर जल्द ही आसान और आरामदायक होगा। भोपाल-सागर के बीच हाईवे निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। कुल 6 टुकड़ों में बन रहे इस हाईवे का मोरीकोड़ी से विदिशा तक बन रहे खंड का काम लगभग 85 फीसदी पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि इस पर से नए साल के पहले महीने से आवागमन भी शुरू हो जाएगा। बाकी बचे तीन खंडों में भी जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। एनएचएआइ व तीन नई ठेका कंपनियों के बीच निर्माण कार्य को लेकर अनुबंध कर लिया गया है। 6 टुकड़ों में बन रहा भोपाल-सागर हाईवे भोपाल-सागर हाईवे के निर्माण कार्य को छह खंडों में विभाजित कर पूर्ण करने की योजना बनाई गई है। वर्तमान में दो खंडों में कार्य चल रहा है। विदिशा जिले के तीन खंडों में कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया था। निविदा सहित अन्य प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद अब जल्द ही कार्य शुरू होगा। चौथा खंड सागर जिले में है। वहां के लिए भी प्रक्रिया शुरू है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचएआइ) के परियोजना निदेशक सिद्धांत सिंघई के अनुसार विदिशा जिले में विदिशा से ग्यारसपुर, ग्यारसपुर से राहतगढ़ और राहतगढ़ से बेरखेड़ी का कार्य अधिकतम एक अक्टूबर से शुरू कर दिया जाएगा। बाकी चौथे खंड बेरखेड़ी से सागर तक का कार्य भी जल्द ही शुरू होगा। जबकि बेरखेड़ी से सागर तक लिंक रोड का निर्माण कार्य भी पूरा होने वाला है।

भारत-ईएफटीए FTA लागू होने को तैयार, गोयल बोले- ऐतिहासिक अवसर

नई दिल्ली  भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौता एक अक्तूबर से लागू होगा। दोनों पक्षों ने 10 मार्च, 2024 को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानें। भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौता एक अक्तूबर से लागू होगा। दोनों पक्षों ने 10 मार्च, 2024 को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत, भारत को समूह से 15 वर्षों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है, जबकि स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे और पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर अनुमति दी गई है। गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत-ईएफटीए टीईपीए 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।" यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। समूह ने 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है – समझौते के कार्यान्वयन के बाद 10 वर्षों के भीतर 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तथा अगले पांच वर्षों में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर- जिससे भारत में 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। यह भारत द्वारा अब तक हस्ताक्षरित किसी भी व्यापार समझौते में सहमत अपनी तरह की पहली प्रतिज्ञा है। यह प्रतिबद्धता इस समझौते का मुख्य तत्व है, जिसे पूरा होने में लगभग 16 वर्ष लगे, जिसके बदले में भारत ने EFTA देशों से आने वाले कई उत्पादों के लिए अपने बाजार खोल दिए। इस समूह में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्विट्जरलैंड है। शेष तीन देशों के साथ भारत का व्यापार कम है। इस समझौते में भारत अपनी टैरिफ लाइनों या उत्पाद श्रेणियों का 82.7 प्रतिशत हिस्सा देने की पेशकश कर रहा है, जो ईएफटीए निर्यात का 95.3 प्रतिशत है, जिसमें से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोना है। घरेलू ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद, जैसे घड़ियां, चॉकलेट, बिस्कुट और घड़ियां, कम कीमत पर उपलब्ध हो जाएंगे, क्योंकि भारत व्यापार समझौते के तहत इन वस्तुओं पर सीमा शुल्क को 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देगा। सेवा क्षेत्र में, वाणिज्य मंत्रालय ने पहले कहा था कि भारत ने ईएफटीए को 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है, जैसे लेखांकन, व्यावसायिक सेवाएं, कंप्यूटर सेवाएं, वितरण और स्वास्थ्य। दूसरी ओर, देश ने स्विट्जरलैंड से 128 उप-क्षेत्रों में, नॉर्वे से 114, लिकटेंस्टीन से 107 और आइसलैंड से 110 उप-क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं। जिन क्षेत्रों में भारतीय सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा, उनमें कानूनी, दृश्य-श्रव्य, अनुसंधान एवं विकास, कंप्यूटर, लेखांकन और लेखा परीक्षा शामिल हैं। इसके अलावा, यह समझौता घरेलू निर्यातकों को यूरोपीय संघ (ईयू) के बाज़ारों में एकीकृत होने का अवसर प्रदान करेगा। स्विट्ज़रलैंड के वैश्विक सेवा निर्यात का 40 प्रतिशत से अधिक यूरोपीय संघ को होता है। भारतीय कंपनियाँ यूरोपीय संघ तक अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए स्विट्ज़रलैंड को एक आधार के रूप में देख सकती हैं। 2024-25 में भारत-ईएफटीए द्विपक्षीय व्यापार 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

हिमाचल में मानसून का तांडव! भारी बारिश से जनजीवन ठप, चेतावनी जारी

हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश इन दिनों मौसम के भीषण प्रकोप से जूझ रहा है। एक ओर पहाड़ों पर बर्फबारी ने सर्द हवाओं की दस्तक दी है, तो दूसरी ओर बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर लाहौल-स्पीति जिले में जुलाई के महीने में ही तीसरी बार हिमपात देखने को मिला है। शुक्रवार को शिंकुला, बारालाचा और तंगलंगला दर्रों पर ताजा बर्फबारी ने पहाड़ों को सफेद चादर से ढक दिया। लगातार हो रही बारिश से बिगड़े हालात प्रदेश के कई जिलों — शिमला, मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू और सोलन — में लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों, पुलों और पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। लगभग 250 सड़कें बंद हैं, जिनमें अकेले मंडी जिले में 182 सड़कें बाधित हैं। इसके अलावा सिरमौर में 26, कुल्लू में 23, कांगड़ा में 10, सोलन में 6, ऊना में 3 और चंबा में 2 सड़कें बंद पड़ी हैं। जल जीवन मिशन पर भी असर भारी वर्षा और लैंडस्लाइड के कारण 137 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। मंडी जिले में 113 और कांगड़ा में 18 स्कीमें प्रभावित हैं, जिससे आम जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग का अलर्ट: भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने आगामी 21, 22 और 23 जुलाई के लिए विशेष चेतावनी जारी की है। कांगड़ा, शिमला, सोलन, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। इस दौरान अचानक बाढ़ जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है। हालांकि 19 और 20 जुलाई को राज्य के अधिकतर हिस्सों में मौसम थोड़ा साफ रहने की संभावना है, लेकिन कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।   अब तक 112 लोगों की जान जा चुकी है 20 जून से अब तक, यानी मानसून की शुरुआत से लेकर 17 जुलाई तक, प्रदेश में 112 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 67 लोगों की मौत बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं में हुई है, जबकि 45 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं। अब तक का नुकसान 1200 करोड़ से अधिक राज्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किए गए प्रारंभिक आकलन के अनुसार, अब तक बारिश और इससे जुड़े हादसों से 1221 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें: लोक निर्माण विभाग को 546 करोड़ जलशक्ति विभाग को 434 करोड़ कृषि और बागवानी को लगभग 40 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रशासन की अपील प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें, पहाड़ी क्षेत्रों में न जाएं और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

हंगामेदार होगा मानसून सत्र! विश्लेषकों ने बताया किन मुद्दों पर गरजेंगे नेता

नई दिल्ली  संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है और 21 अगस्त तक दोनों सदनों की कुल 21 बैठकें होंगी। सरकार की तरफ से इस सत्र में कई विधेयक पेश किए जाएंगे। इसमें से कुछ मुद्दे ऐसे है जिस पर हंगामा हो सकता है। इसमें पहलगाम से लेकर बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण तक कई मुद्दे शामिल है।    संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। पहले यह सत्र 12 अगस्त तक चलने वाला था, अब इसे बढ़ा दिया है। इस सत्र में कई मुद्दों पर हंगामा हो सकता है। इसमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष से लेकर बिहार में मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण और डोनाल्ड ट्रंप के भारत से जुड़े मुद्दों पर लगातार दिए जा रहे बयानों से लेकर पहलगाम में सुरक्षा तक के मुद्दे पर सियासी तीर चल सकते हैं। इस हफ्ते खबरों के खिलाड़ी में इसी पर चर्चा हुई। चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री, सुनील शुक्ल, अवधेश कुमार, विजय त्रिवेदी और बिलाल सब्जवारी मौजूद रहे। विजय त्रिवेदी: बिल पास कराना इस सत्र का मुद्दा नहीं है। अहम ये है कि जो मामले इस दौरान उठाए जाएंगे। चाहे ट्रंप का ही मुद्दा ही क्यों न हो। ट्रंप जो कहते रहे हैं उस पर चर्चा जरूर होगी। हमारी डिप्लोमेसी में जो बदलाव आया है उसे देखने की जरूरत है। संसद का सत्र होगा तो पहलगाम पर चर्चा पर होगी, ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा होगी। ये भी पूछा जाएगा कि पहलगाम के आतंकी कहां हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर का बटन अचानक क्यों दबाया गया इस पर सवाल पूछे जाएंगे।    अवधेश कुमार:  नेता प्रतिपक्ष ने 2024 के चुनाव बाद से जिस तरह का रुख दिखाया है मैं उसमें कोई बदलाव नहीं देखता हूं। देश में बाहर की राजनीति में और अंदर की राजनीति में सीमाएं टूट चुकी हैं।  अगर ट्रंप की बात आएगी तो जी-7 के बाद की बात भी आएगी। चुनाव आयोग की बात आएगी उसका भी जवाब कई बार दिया जा चुका है। क्या यह तथ्य नहीं कि वहां से लोग पकड़े गए हैं। बिहार चुनाव से पहले यह सत्र हो रहा है तो उसका असर इसमें जरूर दिखेगा। चीजों पर तथ्यात्मक बहस हो मैं यह जरूर चाहूंगा।  सुनील शुक्ल:  जो संघर्ष विराम हुआ उसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्यों की? उसके बाद क्यों संघर्ष विराम की घोषणा हुई? बिहार में जो मतदाता सूची का पुनर्निरीक्षण हो रहा वो मुद्दा भी उठेगा। बिहार बंद के दौरान भी ये दिखाई दिया। इस सत्र में विपक्ष के पास बहुत से मुद्दे हैं। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष इन मुद्दों को अच्छे से उठा पाएगा।  बिलाल सब्जवारी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला सत्र होने जा रहा है। सेना की सफलता से लेकर अल्पकालिक कूटनीतिक विफलता तक पर बात होगी। कुल मिलाकर संसद सत्र के दौरान राजनीति दोनों तरफ से होगी। टकराव दोनों तरफ से होगा। नैरेटिव भी दोनों तरफ से गढ़े जाएंगे, लेकिन अंत में बिल भी पास हो जाएंगे।  विनोद अग्निहोत्री:  सोमवार से शुरू हो रहा सत्र बहुत तूफानी और हंगामेदार होगा। किसी भी बिल को पास कराने में सरकार को दिक्कत नहीं होगी। वहीं, विपक्ष के पास भी बहुत से मुद्दे हैं। विपक्ष अगर हंगामा करने की जगह नियम के तहत अपनी बात रखेगा तो ज्यादा बेहतर होगा। विपक्ष के सामने चुनौती अपने को एकजुट रखने की भी है। विपक्ष के सामने चुनौती होगी कि वो कैसे सरकार विरोधी दलों को मुद्दों पर एकजुट रखे।

E20 फ्लाइंग टैक्सी डील: UAE और चीन ने मिलाया हाथ, इलेक्ट्रिक एविएशन में बड़ी छलांग

दुबई  चीन ने इलेक्ट्रिक और हवाई तकनीक में एक बड़ी छलांग लगाई है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने चीन की E20 फ्लाइंग टैक्सियों के लिए 1 अरब डॉलर का सौदा किया है, जिसमें 350 टैक्सियां शामिल हैं. यह अब तक का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) ऑर्डर है. ये टैक्सियां 5 सीटों वाली हैं, 320 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकती हैं. 200 किमी की रेंज रखती हैं. यह सौदा चीन के इलेक्ट्रिक विमानन क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.  कैसे होगी बुकिंग? लोग मोबाइल ऐप से एयर टैक्सी बुक कर सकेंगे। यह Uber की तरह ही होगा। Joby, Uber का ग्लोबल पार्टनर है। इसलिए मुमकिन है कि लोग एक ही ऐप से टैक्सी बुक कर सकें, उसमें चढ़ सकें और पैसे भी दे सकें। धीरे-धीरे, यह सेवा होटलों और खास जगहों तक भी पहुंच जाएगी। इससे एयरपोर्ट से सीधे अपनी मंजिल तक जाना आसान हो जाएगा। कितना होगा किराया? अभी तक किराये की सही जानकारी नहीं मिली है। लेकिन Conde Nast Traveller के अनुसार Joby का अनुमान है कि एक ट्रिप का किराया लगभग 75 डॉलर (करीब 6464 रुपये) होगा। यह उबर ब्लैक की महंगी राइड जैसा होगा। टैक्सी के अंदर कांच की दीवारें और छत तक विंडशील्ड होगी। इससे उड़ान के दौरान दुबई शहर का शानदार नजारा देखने को मिलेगा। कितने यात्री बैठ सकेंगे? जॉबी का कहना है कि एयर टैक्सी की सैकड़ों टेस्ट उड़ानें हो चुकी हैं। ये उड़ानें 60,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक हुई हैं। सभी विमानों को लाइसेंस वाले पायलट उड़ाएंगे। कंपनी का कहना है कि लोगों के लिए शुरू करने से पहले सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। हर एयर टैक्सी में एक पायलट और चार यात्री बैठ सकेंगे। इसकी टॉप स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। E20 फ्लाइंग टैक्सी क्या है? E20 एक आधुनिक इलेक्ट्रिक विमान है, जो वर्टिकल टेकऑफ कर सकता है. बिना रनवे के उतर सकता है. इसे शंघाई की TCab टेक्नोलॉजी कंपनी ने बनाया है. इसकी खासियतें हैं…     सीटें: 5 लोग (1 पायलट और 4 यात्री).     रफ्तार: अधिकतम 320 किमी/घंटा.     रेंज: 200 किमी तक उड़ान.     वजन: हल्का और पर्यावरण के लिए सुरक्षित.     डिजाइन: टिल्ट-रोटर तकनीक, जो इसे हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज का मिश्रण बनाती है. यह टैक्सी शोर कम करती है. प्रदूषण भी कम करती है, जो इसे शहरों के लिए आदर्श बनाता है. यूएई और चीन का सौदा यह सौदा पिछले साल चीन इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो में शुरू हुई साझेदारी का नतीजा है. यूएई की कंपनी ऑटोक्राफ्ट ने TCab टेक्नोलॉजी के साथ 350 E20 टैक्सियों के लिए करार किया. पहली डिलीवरी तभी होगी, जब चीन की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAAC) से एयरवर्थीनेस सर्टिफिकेट मिलेगा. यह सौदा मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में कम ऊंचाई वाले पर्यटन और शहरी हवाई गतिशीलता के लिए होगा. चीन के लिए यह क्यों खास है? चीन ने अपने ‘लो-ऑल्टिट्यूड इकोनॉमी’ प्रोग्राम के तहत इस तकनीक को बढ़ावा दिया है. सरकार का लक्ष्य 2030 तक 1 लाख ड्रोन और eVTOL विमान हवा में लाना है. E20 का सौदा दिखाता है कि चीन की तकनीक अंतरराष्ट्रीय बाजार में भरोसा जीत रही है. इसके पीछे चीन की सस्ती एविएशन और बैटरी सप्लाई चेन है, जो इसे यूरोप और अमेरिका से सस्ता बनाती है. यूएई को क्या फायदा? यूएई, जो पर्यटन और आधुनिक तकनीक में आगे है, इस सौदे से कई लाभ लेगा…     पर्यटन: दुबई और अबू धाबी में हवाई पर्यटन को नया रूप मिलेगा.     शहरी यातायात: भीड़भाड़ से बचने के लिए हवाई टैक्सी सेवा शुरू हो सकती है.     आर्थिक विकास: यह सौदा UAE की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और नई नौकरियां पैदा करेगा. चुनौतियां और भविष्य इस तकनीक को लागू करने में रेगिस्तानी मौसम, नियामक मंजूरी और बुनियादी ढांचे की जरूरतें चुनौती हैं. फिर भी, TCab टेक्नोलॉजी का प्लान अबू धाबी से शुरू कर आसपास के शहरों तक विस्तार करना है. कुछ लोग मानते हैं कि यह सौदा चीन को इलेक्ट्रिक विमानन में विश्व नेता बना सकता है.

MPTET प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025: जानें आवेदन प्रक्रिया और कुल पदों का विवरण

भोपल  मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPTET) की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा-2025 के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। अगर आप भी मध्य प्रदेश में प्राइमरी टीचर के पद पर नौकरी करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। इन पदों पर आवेदन प्रक्रिया 18 जुलाई, 2025 से शुरू हो गई है। अब उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट esb.mp.gov.in पर जाकर प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा-2025 के लिए आवेदन कर सकते है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 01 अगस्त, 2025 निर्धारित की गई है। साथ ही उम्मीदवार 18 जुलाई से लेकर 06 अगस्त, 2025 तक अपने आवेदन-पत्र में सुधार कर सकते हैं। परीक्षा शुल्क इस पद पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को परीक्षा शुल्क का भुगतान भी करना होगा। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा शुल्क 500 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश के मूल निवासी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए परीक्षा शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है। जरूरी योग्यता     प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा-2020 अथवा 2024 में निर्धारित प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही आवेदन करने के पात्र होंगे।     आवेदन करने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ हायर सेकेंडरी अथवा इसके समकक्ष प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्ष का डिप्लोमा होना चाहिए।     कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ हायर सेकेंडरी अथवा इसके समकक्ष प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में चार वर्षीय बीएलएड की डिग्री होनी चाहिए। आयु-सीमा आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। साथ ही पुरुष अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु 40 वर्ष, मध्य प्रदेश की मूल स्थानीय निवासी महिला, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु 45 वर्ष निर्धारित की गई है। परीक्षा पैटर्न प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा में उम्मीदवारों से हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से 100 अंकों के 100 बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। 

उज्जैन: नागचंद्रेश्वर मंदिर में इस बार विशेष दर्शन व्यवस्था, जारी हुई समयसारिणी

उज्जैन उज्जैन में श्रावण मास (shravan month) के पावन अवसर पर आगामी मंगलवार 29 जुलाई को नागपंचमी पर्व के उपलक्ष्य में श्री महाकालेश्वर मंदिर (mahakal mandir) के मुख्य शिखर में विराजमान नागचंद्रेश्वर मंदिर (nagchandreshwar mandir darshan) के पट खुलेंगे। दर्शन का सिलसिला 28 जुलाई की रात 12 बजे शुरु होकर अगले दिन 29 जुलाई की रात 12 बजे खत्म होगा। इस विशेष दिन पर लाखों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। वर्ष में केवल एक दिन के लिए दर्शनार्थ खुलने वाले भगवान श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन का सौभाग्य सभी प्राप्त हो, इसके लिए अधिकारियों ने बैठक बुलाई। ये है मंदिर खुलने और बंद होने का समय जिला और मंदिर प्रशासन के अनुसार 28 जुलाई की रात 12 बजे से 29 जुलाई की रात 12 बजे तक मंदिर के पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे। नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के उज्जैन आने की संभावना जताई जा रही है। पर्व की तैयारियों को लेकर कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक, महंत विनीत गिरि, नगर निगम, स्वास्थ्य, पीएचई, लोक निर्माण विभाग समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं के लिए होंगी ये व्यवस्थाएं     एयरो ब्रिज का तकनीकी परीक्षण कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए कि भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए बनाए गए एयरो ब्रिज की तकनीकी क्षमता और मजबूती की जांच कर प्रमाण-पत्र लिया जाए।     साफ-सफाई एवं पेयजल व्यवस्था मंदिर परिसर और उसके आसपास नगर निगम द्वारा सफाई सुनिश्चित की जाएगी।     साथ ही पेयजल पाइंट, टैंकर, और मोबाइल लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।     दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए व्हील चेयर, जूता स्टैंड और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी।     यातायात, पार्किंग एवं सुरक्षा पार्किंग के लिए कर्कराज पार्किंग, बड़ा गणेश, और अन्य स्थानों पर समुचित व्यवस्था की जाएगी। दर्शन मार्ग पर बैरिकेडिंग, पुलिस बल, और फायर स्टेशन, खोया-पाया केन्द्र भी तैनात किए जाएंगे। दर्शन मार्ग निर्धारित     श्रद्धालु कर्कराज पार्किंग में वाहन पार्क कर, भील समाज धर्मशाला में जूते उतारेंगे।     वहां से गंगा गार्डन, चारधाम पार्किंग, हरसिद्धि चौराहा, रुद्रसागर की दीवार, विकम टीला, बड़ा गणेश मंदिर होते हुए द्वार कमांक- 4 से प्रवेश करेंगे।     दर्शन के उपरांत विश्रामधाम, एयरो ब्रिज, मार्बल गलियारा से होते हुए हरसिद्धि चौराहा की ओर निकलेंगे।

इंटरनेट स्पीड में सबसे आगे निकला यह देश, चौंक गए जापान और अमेरिका भी

जापान  जापान ने हाल ही में इंटरनेट स्पीड के मामले में एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। जापान के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (NICT) के वैज्ञानिकों ने दुनिया की अब तक की सबसे तेज़ इंटरनेट स्पीड का परीक्षण कर सबको चौंका दिया है। वैज्ञानिकों ने 1.02 पेटाबिट्स प्रति सेकंड यानी लगभग 1,27,500 Gbps की स्पीड से इंटरनेट डेटा ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह स्पीड अमेरिका के औसत होम ब्रॉडबैंड की स्पीड से लगभग 30 लाख गुना अधिक है। यह सफलता एक खास ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी के ज़रिए संभव हो सकी है, जो भविष्य में इंटरनेट की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। हालांकि, इतना तेज़ इंटरनेट हासिल करने के बावजूद जापान का नाम फिलहाल उन देशों की सूची में शामिल नहीं है जो इंटरनेट सर्विस स्पीड में सबसे आगे हैं। Speedtest Global Index की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शीर्ष पर है, जहां औसत मोबाइल इंटरनेट स्पीड 546.14 Mbps है। वहीं, होम ब्रॉडबैंड इंटरनेट की बात करें तो सिंगापुर पहले स्थान पर है, जहां की औसत स्पीड 393.15 Mbps है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश भले ही दुनिया में सबसे अधिक इंटरनेट उपयोग करने वाले देशों में शामिल हैं, लेकिन इंटरनेट की औसत स्पीड के मामले में यह देश अभी भी पीछे हैं। भारत की क्या स्थिति है? भारत की स्थिति देखें तो मोबाइल इंटरनेट स्पीड में देश ने 26वां स्थान प्राप्त किया है और औसत स्पीड 133.51 Mbps है। लेकिन होम ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत काफी पिछड़ा हुआ है और 98वें स्थान पर है, जहां औसत ब्रॉडबैंड स्पीड केवल 59.51 Mbps है। दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में भारत नेपाल से भी पीछे है। नेपाल 88वें स्थान पर है और वहां की औसत ब्रॉडबैंड स्पीड 77.90 Mbps दर्ज की गई है। यह स्थिति भारत के टेलीकॉम सेक्टर के लिए एक संकेत है कि अभी भी ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्पीड सुधारने के लिए बहुत काम करना बाकी है।

बालाघाट देश में अटल पेंशन योजना में पहले स्थान पर, 10 जिले टॉप पर

भोपाल  देश में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को 60 वर्ष की आयु के बाद एक निश्चित पेंशन राशि प्रदान करने के लिए अटल पेंशन योजना चलाई जा रही है। योजना में अधिक से अधिक असंगठित क्षेत्र के लोगों को जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा इस वर्ष 1 मई से 15 जुलाई 2025 तक पूरे देश में विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान में नए लोगों को जोड़ने और उनका पंजीयन कराने में मध्यप्रदेश के 10 जिलों ने देश के टॉप टेन जिलों में स्थान बनाया है। इसमें बालाघाट जिले ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि राज्य के साथ ही बालाघाट के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। इस अभियान का फाइनल स्कोर पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण के द्वारा 18 जुलाई को जारी किया गया। इस अभियान में बालाघाट जिले ने 2992 लक्ष्य के विरूद्ध 12 हजार 507 लोगों को अटल पेंशन योजना से जोड़कर 418 प्रतिशत उपलब्धि हासिल किया है। श्योपुर जिले ने 836 के विरूद्ध 2538 लोगों को जोड़कर 304 प्रतिशत उपलब्धि के साथ दूसरे, अलीराजपुर जिले ने 880 के विरूद्ध 1705 लोगों को जोड़कर 194 प्रतिशत उपलब्धि के साथ तीसरे, उज्जैन जिले ने 5676 के विरूद्ध 10813 लोगों को जोड़कर 191 प्रतिशत उपलब्धि के साथ चौथे, अनूपपुर जिले ने 1342 के विरूद्ध 2542 लोगों को जोड़कर 189 प्रतिशत उपलब्धि के साथ पांचवे, उमरिया जिले ने 990 के विरूद्ध 1819 लोगों को जोड़कर 184 प्रतिशत उपलब्धि के साथ छटवें, छिंदवाड़ा जिले ने 4994 के विरूद्ध 9148 लोगों को जोड़कर 183 प्रतिशत उपलब्धि के साथ सातवें, डिंडोरी जिले ने 946 के विरूद्ध 1720 लोगों को जोड़कर 182 प्रतिशत उपलब्धि के साथ आठवें, शहडोल जिले ने 1936 के विरूद्ध 3445 लोगों को जोड़कर 178 प्रतिशत उपलब्धि के साथ नौवें और दमोह जिले ने 1870 के विरूद्ध 3314 लोगों को जोड़कर 177 प्रतिशत उपलब्धि के साथ देश में दसवां स्थान हासिल किया है। अभियान के अंतर्गत अटल पेंशन योजना में अधिक से अधिक लोगों के नाम जोड़ने मे देश में प्रथम 10 स्थान पर रहे इन जिलों को अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस प्रदान किया जाएगा। बालाघाट जिले में कलेक्टर मृणाल मीणा के नेतृत्व एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक सराफ के साथ समन्वय कर इस योजना में लोगों को जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अग्रणी बैंक प्रबंधक संजीव कुमार ने इस संबंध में बताया कि सम्पूर्ण देश में अटल पेंशन योजना में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। बालाघाट जिले में अभियान के बाद भी जिले में पात्र लोगों को इस योजना से जोड़ने का काम निरंतर जारी रहेगा और 50 हजार के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। अटल पेंशन योजना भारत सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए तैयार की गई है। यह योजना उन लोगों को पेंशन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित रहना चाहते हैं। इसके लिए 18 से 40 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक, जो असंगठित क्षेत्र के कामगार जैसे दिहाड़ी मजदूर, छोटे व्यापारी, घरेलू कामगार, रेहड़ी-पटरी वाले, किसान, आदि पात्र हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक का किसी बैंक या डाकघर में बचत खाता होना चाहिए, जो आधार से लिंक हो। इस योजना का लाभ उन लोगों को दिया जाता है जो आयकर दाता नहीं हैं। इसी के साथ आवेदक को किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना जैसे एनपीएस, ईपीएस का लाभार्थी नहीं होना चाहिए। यह योजना 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की मासिक पेंशन प्रदान करती है, जो 60 वर्ष की आयु के बाद मिलती है।