samacharsecretary.com

शुक्रवार 25 जुलाई 2025 बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत

मेष: सामान्य दिन रहेगा। नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन हर एक कठिनाई से आप लाइफ में कुछ नया सीखेंगे। अपने काबिलियत पर भरोसा रखें। सकारात्मक रहें। इससे भविष्य में तरक्की की राह पर चलने में मदद मिलेगी। आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से सफलता की सीढ़ियां चढ़ेंगे। वृषभ: आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। चुनौतियों को पार करने में सक्षम होंगे। आपके सभी सपने साकार होंगे। कड़ी मेहनत का फल मिलेगा। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। जिससे भविष्य में सफलता की राह आसान होगी। मिथुन: जीवन के सभी पहलुओं पर थोड़ा ध्यान देना होगा। वाद-विवाद से रिश्तों में गलतफहमी बढ़ सकती है। इसलिए बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालें। चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। विचारों में स्पष्टता रखें। भावुक होकर कोई फैसला न लें। धैर्य बनाए रखें और रिश्तों में प्यार और समझ बढ़ाने की कोशिश करें। कर्क: शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। नौकरी-कारोबार में वातावरण अनुकूल रहेगा। ऑफिस में सहकर्मियों का सपोर्ट मिलेगा। पारिवारिक जीवन में खुशियों का माहौल रहेगा। जीवन में नए सकारात्मक बदलाव होंगे। रिश्तों में मिठास बढ़ेगी। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सबकुछ अच्छा रहेगा। सिंह: धैर्य बनाए रखने की कोशिश करें। आज आपको जॉब इंटरव्यू में सफलता मिलेगी, लेकिन असफलताओं से न घबराएं और कामयाबी पाने के लिए खूब मेहनत करें। तनाव से बचें। अपने लक्ष्यों पर फोकस करें। आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से हर चुनौती को पार कर लेंगे। कन्या: रिश्तों में प्यार और रोमांस की कमी महसूस हो सकती है। लव लाइफ को बेहतर बनाने के लिए किए गए छोटे प्रयास भी मददगार साबित होंगे और रिश्तों में मिठास बढ़ेगी। अगर आप सिंगल हैं, तो यह नई शुरुआत के लिए अच्छा समय है। हालांकि, रिलेशनशिप की जल्दबाजी न करें और एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश करें। तुला: प्रोफेशनल लाइफ में प्रतिस्पर्धा का माहौल रहेगा। विरोधी के किसी एक्शन से करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऑफिस के कार्यों को क्रिएटिविटी के साथ निपटाएं। मेहनत और आत्मविश्वास से चुनौतियों को पार करने में सक्षम होंगे। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। धैर्य बनाए रखें और शांत दिमाग से फैसला लें। वृश्चिक: सपने साकार होंगे। लंबे समय से चली आ रही परेशानियां दूर होंगी। मन प्रसन्न रहेगा। जीवन में कई सकारात्मक बदलाव होंगे। नए परिवर्तनों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें। यह नई हॉबी या एक्टिविटीज को फॉलो करने का अच्छा समय है। धनु: आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। सोच-समझकर किए गए निवेश भविष्य में अच्छा रिटर्न देंगे। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें और अपने मन की सुनें क्योंकि इससे सही फैसला लेने में मदद मिलेगी। आज आप आर्थिक मामलों में उत्तम फैसले लेने में सक्षम होंगे। मकर: वाद-विवाद से बचें। इससे तनाव हो सकता है। अपने भावनाओं को समझें, लेकिन बहुत भावुक होकर कोई फैसला न लें। अपने डेली रूटीन से थोड़ा ब्रेक लें और लाइफ में नई चीजों को एक्सप्लोर करें। नई लाइफस्टाइल अपनाएं। चुनौतियों का सामना करने में कठिनाई महसूस हो सकती है, लेकिन निरंतर किए प्रयास सफलता की ओर मार्गदर्शन करेंगे। कुंभ: लाइफ में पॉजिटिविटी भरपूर रहेगी। नए कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम दिन है। करियर में सफलता मिलने की संभावनाएं कहीं ज्यादा है। खुद पर भरोसा रखें और सफलका प्राप्त करने के लिए खूब मेहनत करें। आज आपको जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की के मौके मिलेंगे। मीन: स्वास्थ्य पर ध्यान दें। आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। करियर में तरक्की के नए मौके मिलेंगे, लेकिन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों का खास ख्याल रखें। नई एक्सरसाइज रूटीन फॉलो करें। रोजाना योग व मेडिटेशन करें। सैर पर जाएं। इससे आपको स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहने में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।

ग्रीस ने इजरायली जहाज को किनारे लगाने से रोका, 1600 यात्री परेशान

सायरोस इजरायल के खिलाफ दुनिया भर में फिलिस्तीन समर्थक ऐक्टिव हैं। पिछले दिनों अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों से लेकर सड़कों तक पर इजरायल के लोगों का विरोध हुआ था। यही नहीं इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की वॉशिंगटन में गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब ग्रीस में इजरायल के एक जहाज को समंदर के किनारे पर रुकने नहीं दिया गया। इसके चलते जहाज को मजबूरन वापस लौटना पड़ा। जहाज में 1600 यात्री सवार थे। ये प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे और नो-एंट्री टू इजरायल चिल्ला रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के चलते जहाज को वापस लौटना पड़ा और फिर साइप्रस के रास्ते आया। क्राउन इरिस नाम का क्रूज शिप 6 घंटे की यात्रा करके पहुंचा था, लेकिन उसे रुकने ही नहीं दिया गया। जहाज को ग्रीस के सायरोस में रुकना था और कुछ यात्रियों को उतरना था। फिर विरोध ऐसा हुआ कि जहाज को वापस ले जाया गया और वह साइप्रस के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचा। इस जहाज को लिमासोल जाना था, जो साइप्रस का ही दूसरा सबसे बड़ा शहर है। चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक जिस जहाज को रुकने ही नहीं दिया गया, उसमें करीब 400 बच्चे भी सवार थे। जहाज में सवार लोगों और क्रू मेंबर का कहना था कि बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी बैठे थे। ऐसे में विरोध प्रदर्शन हिंसक होने से उनकी जान को खतरा हो सकता था। उन्हें बचाने के लिए ही जहाज को वहां से आगे बढ़ा लिया गया। जहाज में सवार लोगों को सुरक्षा के नजरिए से अंदर ही बने रहने को कहा गया। उनसे खिड़कियां और दरवाजे बंद करने को कहा गया। इजरायली यात्री ने बताया कि हमने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इजरायल के झंडे लहराए और गाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग तो जहाज के अंदर सुरक्षित महसूस कर रहे थे, लेकिन उसमें सवार बच्चे थोड़ा डरे हुए थे। यह प्रदर्शन ग्रीस में मौजूद फिलिस्तीन समर्थकों की ओर से आयोजित किया गया था। फ्रांस में इजरायल की साइकिलिंग टीम को घेरा यही नहीं ऐसे ही एक विरोध का सामना इजरायल की साइकिलिंग टीम को फ्रांस में करना पड़ा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इजरायल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और टीम को घेर लिया। इन लोगों का कहना था कि फ्रांस की सरकार को इजरायल के लोगों को अपने देश में एंट्री नहीं देनी चाहिए।

ग्रीस ने इजरायली जहाज को किनारे लगाने से रोका, 1600 यात्री परेशान

सायरोस इजरायल के खिलाफ दुनिया भर में फिलिस्तीन समर्थक ऐक्टिव हैं। पिछले दिनों अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों से लेकर सड़कों तक पर इजरायल के लोगों का विरोध हुआ था। यही नहीं इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की वॉशिंगटन में गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब ग्रीस में इजरायल के एक जहाज को समंदर के किनारे पर रुकने नहीं दिया गया। इसके चलते जहाज को मजबूरन वापस लौटना पड़ा। जहाज में 1600 यात्री सवार थे। ये प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे और नो-एंट्री टू इजरायल चिल्ला रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के चलते जहाज को वापस लौटना पड़ा और फिर साइप्रस के रास्ते आया। क्राउन इरिस नाम का क्रूज शिप 6 घंटे की यात्रा करके पहुंचा था, लेकिन उसे रुकने ही नहीं दिया गया। जहाज को ग्रीस के सायरोस में रुकना था और कुछ यात्रियों को उतरना था। फिर विरोध ऐसा हुआ कि जहाज को वापस ले जाया गया और वह साइप्रस के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचा। इस जहाज को लिमासोल जाना था, जो साइप्रस का ही दूसरा सबसे बड़ा शहर है। चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक जिस जहाज को रुकने ही नहीं दिया गया, उसमें करीब 400 बच्चे भी सवार थे। जहाज में सवार लोगों और क्रू मेंबर का कहना था कि बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी बैठे थे। ऐसे में विरोध प्रदर्शन हिंसक होने से उनकी जान को खतरा हो सकता था। उन्हें बचाने के लिए ही जहाज को वहां से आगे बढ़ा लिया गया। जहाज में सवार लोगों को सुरक्षा के नजरिए से अंदर ही बने रहने को कहा गया। उनसे खिड़कियां और दरवाजे बंद करने को कहा गया। इजरायली यात्री ने बताया कि हमने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इजरायल के झंडे लहराए और गाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग तो जहाज के अंदर सुरक्षित महसूस कर रहे थे, लेकिन उसमें सवार बच्चे थोड़ा डरे हुए थे। यह प्रदर्शन ग्रीस में मौजूद फिलिस्तीन समर्थकों की ओर से आयोजित किया गया था। फ्रांस में इजरायल की साइकिलिंग टीम को घेरा यही नहीं ऐसे ही एक विरोध का सामना इजरायल की साइकिलिंग टीम को फ्रांस में करना पड़ा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इजरायल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और टीम को घेर लिया। इन लोगों का कहना था कि फ्रांस की सरकार को इजरायल के लोगों को अपने देश में एंट्री नहीं देनी चाहिए।

हरेली की रौनक डिप्टी सीएम निवास पर: कृषि संस्कृति को किया नमन, पारंपरिक रस्मों में दिखा उत्साह

रायपुर छत्तीसगढ़ के पहले लोक पर्व हरेली आज पूरे प्रदेशभर में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव के नवा रायपुर स्थित शासकीय निवास में सुबह से ही हरेली की रौनक छाई रही। साव ने पत्नी संग हल और कृषि औजारों की पूजा कर गौमाता को आटे की लोंदी और गुड़ खिलाया, साथ ही साथ गेड़ी चढ़कर लोक आनंद का अनुभव भी लिया। पर्व के अवसर पर उप मुख्यमंत्री के निवास में छत्तीसगढ़ी संस्कृति, लोक जीवन और पारंपरिक खानपान की शानदार झलक देखने को मिली। वहां पहुंचे अतिथियों और आमजनों का स्वागत छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसे चौसेला, गुलगुला भजिया, बड़ा, टमाटर की चटनी आदि से किया गया। कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री ने शीशम का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस पारंपरिक आयोजन में कृषि मंत्री राम विचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक रोहित साहू और मोतीलाल साहू सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इसके अलावा रायपुर नगर निगम के सभापति सूर्यकांत राठौर, पूर्व खनिज विकास निगम अध्यक्ष छगन मूंदड़ा, पूर्व बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष यशवंत जैन, पवन साय और अनुराग अग्रवाल समेत अन्य अतिथियों ने भी पर्व की शोभा बढ़ाई। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हरेली छत्तीसगढ़ का साल का पहला और सबसे अहम लोक पर्व है, जो पूरी तरह कृषि और किसानों को समर्पित है। गेड़ी जैसे पारंपरिक खेलों के माध्यम से यह त्योहार बच्चों के लिए भी विशेष आनंद का कारण बनता है। हरेली से जुड़ी मेरी कई बचपन की यादें आज फिर से ताजा हो गई हैं।”

इंडिया से हायरिंग पर ट्रंप का ऐक्शन! टेक दिग्गजों को सख्त हिदायत

नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों को एक सख्त मैसेज दिया है, जिसमें भारत समेत दूसरे देशों से हायरिंग करने को मना किया है. इसमें Google, Microsoft, Meta जैसे नाम शामिल हैं. बुधवार को वॉशिंगटन में आयोजित AI Summit के दौरान ट्रंप ने अमेरिकी टेक कंपनियों को ये संदेश दिया है. साथ ही अमेरिकी टैलेंट को हायरिंग करने की भी सलाह दी है.  यहां आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में बहुत से कर्मचारी यहां तक कि CEO तक के पोस्ट पर कई भारतीय मूल के लोग पहुंच चुके हैं. इसमें Google CEO सुंदर पिचाई और Microsoft CEO सत्य नडेला जैसे नाम शामिल हैं. हाल ही में Meta ने भी एक बड़ी AI टीम की हायरिंग की है, जिसमें कई भारतीय नाम शामिल हैं.  डोनाल्ड ट्रंप ने AI Summit  के दौरान के दौरान टेक इंडस्ट्री में ग्लोबल माइंडेस्ट की आलोचना की. उन्होंने आगे कहा कि इस वजह से कई अमेरिकी नागरिक और अमेरिकी टैलेंट को इग्नोर किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया है कि कई टॉप कंपनियां प्रोफिट के लिए अमेरिका की आजादी का फायदा उठा रहे हैं और बाहरी लोगों पर बड़ा इनवेस्ट कर रहे हैं.  चीन में लगा रहे फैक्ट्री और भारत से कर रहे भर्तीः ट्रंप  ट्रंप ने आगे कहा कि बहुत सी टेक कंपनियां अमेरिकी आजादी की वजह से अपनी फैक्टरी को चीन में लगा रहे हैं और भारत से कर्मचारियों को भर्ती कर रहे हैं, ये सब बातें आप जानते हैं. इन सब के बावजूद वे अपने ही देश के लोगो को नकार रहे हैं और आलोचना तक कर रहे हैं.  अमेरिका AI टेक कंपनियां Sr No- कंपनी का नाम संस्थापक / CEO स्पेशल प्रोडक्ट 1 OpenAI सैम ऑल्टमैन (CEO), एलन मस्क (Co-founder) ChatGPT, GPT मॉडल्स 2 Google DeepMind डेमिस हासाबिस (CEO) Gemini, AlphaGo, AI रिसर्च 3 Anthropic डारियो अमोदेई (CEO, Ex-OpenAI) Claude AI मॉडल 4 xAI एलन मस्क (Founder) Grok AI, Twitter/X इंटीग्रेशन 5 NVIDIA जेन्सेन हुआंग (CEO) AI चिप्स (GPU), AI हार्डवेयर 6 Microsoft सत्या नडेला (CEO) Azure AI, Copilot, OpenAI में निवेशक 7 Amazon (AWS AI) एंडी जेसी (CEO), रूहित प्रसाद (Alexa AI Chief) Alexa, Amazon Bedrock 8 IBM Watson अरविंद कृष्णा (CEO) Watson AI, एंटरप्राइज AI समाधान 9 Meta AI (Facebook) मार्क ज़ुकरबर्ग (Founder & CEO) LLaMA, FAIR रिसर्च, AI चैटबॉट 10 Palantir Technologies एलेक्स कार्प (CEO) AI डेटा एनालिटिक्स, गोथाम प्लेटफॉर्म अमेरिकी फर्स्ट पॉलिसी को फिर से दोहराया  ट्रंप ने एक बार फिर से अमरिकी फर्स्ट पॉलिसी को याद दिलाया. उन्होंने आगे कहा कि AI की रेस में न्यू स्प्रिट की मांग है, साथ ही राष्ट्र के प्रति लगाव जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमें अमेरिकी कंपनियों की जरूरत है, जो अमेरिका में ही रहें. साथ ही वह अमेरिकी फर्स्ट पॉलिसी को फॉलो करें. ये सब आपको करना ही पड़ेगा.   

लव-जिहाद का संगठित खेल? पूछताछ में सामने आया युवतियों को फंसाने और धर्म बदलवाने का बड़ा राज

 आगरा आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह के गंदे खेल की परतें दिन व दिन खुलती जा रही हैं। पुलिस ने दिल्ली के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के दो बेटों अब्दुल्ला, अब्दुल रहीम और रोहतक की दलित युवती से जबरन निकाह करने वाले जुनैद को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह ने न जाने कितनी युवतियों की जिंदगी को बर्बाद कर दिया। अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर ये गिरोह युवतियों को जाल में फंसाता कैसे है। आइये बताते हैं पूरी कहानी…  अवैध धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान का पूरा परिवार ही इस घिनौने खेल का हिस्सा है। अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी भी सामने आई थी। वह धर्मांतरण के लिए युवतियों को लेकर आने की बात कर रही थी। उसका एक वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने आरोपी अब्दुल रहमान के घर दोबारा दबिश दी थी मगर उसकी पत्नी नहीं मिली। वह लापता हो गई।  एसबी कृष्णा ने किया खुलासा  गोवा की रहने वाली एसबी कृष्णा भी इस्लाम कबूल कर आयशा बनी थी। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। तभी कश्मीरी छात्राओं ने उसे जाल में फंसाया। शबा नाम की छात्रा उसे कश्मीरी लेकर गई थी। परिजन ने दिल्ली में अपहरण का केस दर्ज करा दिया। वह कश्मीर में रह रही थी। वह पांच बार की नमाज पढ़ा करती थी। स्थानीय लोग भी नमाज पढ़ने आते थे। फिर करने लगी ये काम  मगर, उसके साथ वो व्यवहार नहीं होता था जो स्थानीय लोगों से किया जाता था। इस दाैरान उसे जिस घर में रखा गया था, वहां काम भी कराया जाता था। दो महीने बाद उसका मन वापस आने के लिए हुआ। तब वह दिल्ली आ गई। मगर, उसके मित्र मुस्तफा को जेल भेज दिया गया। वह धर्मांतरण कर चुकी थी इसलिए एक बार फिर गिरोह के संपर्क में आ गई। उसे कोलकाता बुला लिया गया। इसके बाद वह धर्मांतरण के लिए आने वाले लोगों के लिए रुपये मुहैया कराने का काम करने लगी। बंधक बनाकर रखी गई थी युवती  पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के घर से रोहतक की युवती को बरामद किया। वह बंधक बनाकर रखी गई थी। उसका धर्मांतरण और निकाह भी कराया गया था। उसने भी पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं। बताया कि उसे मुस्लिम धर्म के बारे में बताया गया। फिर धर्म परिवर्तन कराया गया। उसकी मदद की गई। उसे रुपयों से लेकर आवास तक दिया गया। बाद में वह धोखे का शिकार हो गई। जिस जुनैद नाम के युवक ने दोस्ती की थी। उसने पहले ही शादी कर ली थी। इसके बावजूद वो उसे अपने साथ रखना चाहता था। बाद में तलाक दे दिया। तब उसे अब्दुल रहमान ने रख लिया। गिरोह का है चरणबद्ध तरीका 1- पुलिस की पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग राज्यों के शिक्षण संस्थान में फैले हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में युवतियां भी शामिल हैं। वह छात्राओं को फंसाने का काम करती हैं। वह मिलकर और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें इस्लाम धर्म के बारे में बताती हैं। अपने धर्म से अलग और सहूलियत के बारे बताया जाता है। जन्नत में जाने का रास्ता दिखलाया जाता है। संसार में सबके एक सामान होने की बात कही जाती थी। इससे प्रभावित होकर ही लोग जाल में फंस जाते थे। 2- एक बार किसी के राजी होने पर धन भी उपलब्ध कराया जाता था। बताया जाता था कि उनकी मदद की जाएगी। रहने और खाने की दिक्कत नहीं होगी। काम भी मिलता रहेगा। बताया जाता था कि किसी तरह की समस्या होने पर धर्म के लोग आपकी मदद करेंगे। सदर की सगी बहनों को भी दिल्ली ले जाने के बाद रुपये दिए गए थे। कोलकाता में कमरा भी दिलाया गया था। गिरोह के सदस्य उनके धर्मांतरण और निकाह से संबंधित कागजात भी तैयार करा रहे थे।   3- धर्मांतरण होने के बाद युवतियों को बुर्के में रखा जाता था। उनसे पांच बार की नमाज अदा कराई जाती थी। इस दाैरान उन्हें धार्मिक पुस्तकें भी पढ़वाई जाती थी, जिससे वो अपनी आस्था को कम नहीं कर सकें। सदर की एक युवती को इतना प्रभावित किया गया था वह मुजाहिद बनने के लिए भी तैयार हो गई थी। वह हथियार हाथ में लेना चाहती थी। सारे दस्तावेज बनने के बाद अगर, कोई वापस भी जाना चाहता है, तो वह नहीं जा सकता। खासकर युवतियों का घर वापसी करना आसान नहीं होता है। 4- धर्मांतरण और निकाह होने के बाद युवतियों को धोखा मिलता था। उन्हें अपना तो लिया जाता था लेकिन अपनों जैसा व्यवहार नहीं होता था। धर्मांतरण से पहले आवास और धन दिया जाता था, मगर हर तरफ से जाल में फंसने के बाद ऐसा कुछ नहीं होता था। ऐसे में निकाह करने वाली युवतियां का वापस जा पाना भी आसान नहीं होता था। वह गिरोह से जुड़ी होने के कारण पुलिस से भी मदद नहीं मांग पाती थीं।  

लव-जिहाद का संगठित खेल? पूछताछ में सामने आया युवतियों को फंसाने और धर्म बदलवाने का बड़ा राज

 आगरा आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह के गंदे खेल की परतें दिन व दिन खुलती जा रही हैं। पुलिस ने दिल्ली के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के दो बेटों अब्दुल्ला, अब्दुल रहीम और रोहतक की दलित युवती से जबरन निकाह करने वाले जुनैद को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह ने न जाने कितनी युवतियों की जिंदगी को बर्बाद कर दिया। अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर ये गिरोह युवतियों को जाल में फंसाता कैसे है। आइये बताते हैं पूरी कहानी…  अवैध धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान का पूरा परिवार ही इस घिनौने खेल का हिस्सा है। अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी भी सामने आई थी। वह धर्मांतरण के लिए युवतियों को लेकर आने की बात कर रही थी। उसका एक वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने आरोपी अब्दुल रहमान के घर दोबारा दबिश दी थी मगर उसकी पत्नी नहीं मिली। वह लापता हो गई।  एसबी कृष्णा ने किया खुलासा  गोवा की रहने वाली एसबी कृष्णा भी इस्लाम कबूल कर आयशा बनी थी। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। तभी कश्मीरी छात्राओं ने उसे जाल में फंसाया। शबा नाम की छात्रा उसे कश्मीरी लेकर गई थी। परिजन ने दिल्ली में अपहरण का केस दर्ज करा दिया। वह कश्मीर में रह रही थी। वह पांच बार की नमाज पढ़ा करती थी। स्थानीय लोग भी नमाज पढ़ने आते थे। फिर करने लगी ये काम  मगर, उसके साथ वो व्यवहार नहीं होता था जो स्थानीय लोगों से किया जाता था। इस दाैरान उसे जिस घर में रखा गया था, वहां काम भी कराया जाता था। दो महीने बाद उसका मन वापस आने के लिए हुआ। तब वह दिल्ली आ गई। मगर, उसके मित्र मुस्तफा को जेल भेज दिया गया। वह धर्मांतरण कर चुकी थी इसलिए एक बार फिर गिरोह के संपर्क में आ गई। उसे कोलकाता बुला लिया गया। इसके बाद वह धर्मांतरण के लिए आने वाले लोगों के लिए रुपये मुहैया कराने का काम करने लगी। बंधक बनाकर रखी गई थी युवती  पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के घर से रोहतक की युवती को बरामद किया। वह बंधक बनाकर रखी गई थी। उसका धर्मांतरण और निकाह भी कराया गया था। उसने भी पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं। बताया कि उसे मुस्लिम धर्म के बारे में बताया गया। फिर धर्म परिवर्तन कराया गया। उसकी मदद की गई। उसे रुपयों से लेकर आवास तक दिया गया। बाद में वह धोखे का शिकार हो गई। जिस जुनैद नाम के युवक ने दोस्ती की थी। उसने पहले ही शादी कर ली थी। इसके बावजूद वो उसे अपने साथ रखना चाहता था। बाद में तलाक दे दिया। तब उसे अब्दुल रहमान ने रख लिया। गिरोह का है चरणबद्ध तरीका 1- पुलिस की पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग राज्यों के शिक्षण संस्थान में फैले हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में युवतियां भी शामिल हैं। वह छात्राओं को फंसाने का काम करती हैं। वह मिलकर और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें इस्लाम धर्म के बारे में बताती हैं। अपने धर्म से अलग और सहूलियत के बारे बताया जाता है। जन्नत में जाने का रास्ता दिखलाया जाता है। संसार में सबके एक सामान होने की बात कही जाती थी। इससे प्रभावित होकर ही लोग जाल में फंस जाते थे। 2- एक बार किसी के राजी होने पर धन भी उपलब्ध कराया जाता था। बताया जाता था कि उनकी मदद की जाएगी। रहने और खाने की दिक्कत नहीं होगी। काम भी मिलता रहेगा। बताया जाता था कि किसी तरह की समस्या होने पर धर्म के लोग आपकी मदद करेंगे। सदर की सगी बहनों को भी दिल्ली ले जाने के बाद रुपये दिए गए थे। कोलकाता में कमरा भी दिलाया गया था। गिरोह के सदस्य उनके धर्मांतरण और निकाह से संबंधित कागजात भी तैयार करा रहे थे।   3- धर्मांतरण होने के बाद युवतियों को बुर्के में रखा जाता था। उनसे पांच बार की नमाज अदा कराई जाती थी। इस दाैरान उन्हें धार्मिक पुस्तकें भी पढ़वाई जाती थी, जिससे वो अपनी आस्था को कम नहीं कर सकें। सदर की एक युवती को इतना प्रभावित किया गया था वह मुजाहिद बनने के लिए भी तैयार हो गई थी। वह हथियार हाथ में लेना चाहती थी। सारे दस्तावेज बनने के बाद अगर, कोई वापस भी जाना चाहता है, तो वह नहीं जा सकता। खासकर युवतियों का घर वापसी करना आसान नहीं होता है। 4- धर्मांतरण और निकाह होने के बाद युवतियों को धोखा मिलता था। उन्हें अपना तो लिया जाता था लेकिन अपनों जैसा व्यवहार नहीं होता था। धर्मांतरण से पहले आवास और धन दिया जाता था, मगर हर तरफ से जाल में फंसने के बाद ऐसा कुछ नहीं होता था। ऐसे में निकाह करने वाली युवतियां का वापस जा पाना भी आसान नहीं होता था। वह गिरोह से जुड़ी होने के कारण पुलिस से भी मदद नहीं मांग पाती थीं।  

इंदौर के बीएसएफ म्यूजियम की शान बनी सदी पुरानी ऐतिहासिक रिवाल्वर

इंदौर  केंद्रीय शस्त्र और रणनीति स्कूल बीएसएफ में बने हथियारों के संग्रहालय में कई प्रमुख और पुराने हथियारों का संग्रहित है। अब झारखंड के चाईबासा से जुड़े रूंगटा परिवार की एतिहासिक रिवाल्वर संग्रहालय की शान बढ़ाएगी। चाइबासा निवासी रूंगटा भाइयों की ओर से पिता सीताराम रूंगटा की स्मृति को जीवंत रखने के लिए सीएसडब्ल्यूटी संग्राहालय को रिवाल्वर .45 वेबली मार्क-वी दान की गई है। यह रिवाल्वर साल 1914 का माडल है, जिसे इंग्लैंड की कंपनी द्वारा बनाया गया था। जानकारी के अनुसार, इसका उपयोग प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा किया जाता था। राम रुंगटा के नाम पर थी यह रिवाल्वर यह रिवाल्वर एनएल रुंगटा के पिता सीता राम रुंगटा के नाम थी। उनका 1994 में निधन हो गया था। इसके बाद इसे आर्म्स डीलर के पास जमा करवा दिया गया था। इसी बीच दो साल पूर्व रुंगटा परिवार ने कोलकाता के एक अखबार में सीएसडब्ल्यूटी हथियार संग्रहालय पर एक लेख पढ़ा था, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने रिवाल्वर बंदूक संग्रहालय को सौंपने का निश्चय किया। रुंगटा परिवार ने हमारे झारखंड ब्यूरो के प्रतिनिधि को बताया कि जिला शस्त्र मजिस्ट्रेट, चाईबासा, झारखंड से अनुमति प्राप्त होने के बाद यह रिवाल्वर सीएसडब्ल्यूटी बीएसएफ इंदौर के डीआईजी सह कार्यवाहक महानिरीक्षक राजन सूद की उपस्थिति में दान की गई है। नान सर्विसेबल की गई बंदूक बता दें कि यह बंदूक पूर्व में चालू अवस्था में थी। इसे दान करने से पूर्व सभी औपचारिकरताएं पूरी की गई और इसे नान सर्विसेबल किया गया। ताकि इसका दोबारा उपयोग न किया गया जा सके। अब यह बंदूक सीएसडब्ल्यूटी बीएसएफ इंदौर के शस्त्र संग्रहालय में सुरक्षित रखी जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह संग्रहालय बीएसएफ के पुराने संग्रहालयों में से एक है, जिसकी स्थापना सन् 1967 में सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक केएफ रूस्तम द्वारा की गई थी। संग्रहालय में 300 से अधिक हथियार प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें 14 वीं शताब्दी से लेकर वर्तमान तक उपयोग में लाए जा रहे विभिन्न प्रकार के छोटे हथियार शामिल हैं।

चुनाव आयोग सख्त: ‘बेबुनियाद आरोप न लगाएं’, राहुल गांधी को दी चेतावनी

बंगलूरू राहुल गांधी के कर्नाटक चुनाव संबंधी आरोपों पर भारत निर्वाचन आयोग करारा जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि अगर चुनाव याचिका दायर की गई है तो माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो पा रहा, तो अब बेबुनियाद आरोप क्यों लगा रहे हैं? इससे पहले राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि कांग्रेस के पास इस बात के 100 फीसदी सबूत हैं कि चुनाव आयोग ने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में धांधली होने दी। उन्होंने चुनाव आयोग को चेतावनी दी कि वह इससे बच नहीं पाएंगे, क्योंकि हम ऐसा होने देंगे और आपके पीछे आएंगे। इस पर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि अगर चुनाव याचिका दायर की गई है, तो माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करें। अगर नहीं, तो अब बेबुनियाद आरोप क्यों लगा रहे हैं? 'भारत के चुनाव आयोग की तरह काम नहीं कर रहा ECI' दरअसल, चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिनों के अंदर फैसले से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति चुनाव याचिका दायर कर सकता है। ऐसी याचिकाएं संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के राज्य के उच्च न्यायालयों में दायर की जा सकती हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग की तरह काम नहीं कर रहा है। वह अपना काम ही नहीं कर रहा है। '100 प्रतिशत ठोस सबूत' जब राहुल से बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और राजद नेता तेजस्वी यादव की बिहार विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने के विकल्प वाली टिप्पणी के बारे में पूछा गया उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी के पास कर्नाटक की एक सीट पर चुनाव आयोग की ओर से धोखाधड़ी की अनुमति देने के 100 प्रतिशत ठोस सबूत हैं। विपक्ष क्यों कर रहा SIR का विरोध? कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दल मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह मतदाताओं, खासकर हाशिए पर पड़े समुदायों के लोगों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास है। उनका दावा है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए किया जा रहा है, जिसका असर आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों पर पड़ सकता है।

बच्चों के हित में हाईकोर्ट का आदेश, परिषदीय स्कूलों के विलय पर फिलहाल विराम

लखनऊ उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्राथमिक स्कूलों के विलय मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया है। सीतापुर के बच्चों द्वारा दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इसके बाद विलय प्रक्रिया में अनियमितताओं के मद्देनजर सीतापुर के स्कूलों के विलय पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया। याचिकाओं पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 अगस्त नियत की गई है। चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश से सीतापुर के बच्चों को बड़ी राहत मिली है।