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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर तीन दिवसीय लेखनशाला 19 अगस्त से

भोपाल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत जेण्डर रिसोर्स सेण्टर की एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय लेखन शाला 19 से 21 अगस्त तक भोपाल में आयोजित की जा रही है। लेखन शाला का शुभारंभ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल करेंगे। इस अवसर पर राज्यमंत्री श्रीमती राधा सिंह भी उपस्थित रहेंगी। लेखन शाला में संयुक्त सचिव भारत सरकार, ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती स्मृति शरण सहित 20 राज्यों के आजीविका मिशन प्रबंधन इकाई के सदस्य भाग लेंगे। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती हर्षिका सिंह सहित आजीविका मिशन की टीम भी उपस्थित रहेगी।  

PWD इंजीनियर के बेटे का डेम में हुआ लापता, दोस्तों से पूछताछ शुरू

रायगढ़ छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिला मुख्यालय में बीती रात डेम में नहाने उतरा पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर का बेटा अचानक लापता हो गया। घटना की सूचना मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस और नगर सेना की टीम मौके पर पहुंची और लापता युवक के पतासाजी में जुट गई है। साथ ही सुशांत के दोस्तों से पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार, बीती रात दो बजे के आसपास अपने दोस्तों पुरेन्द्र सिंह और अविनाश सारथी के साथ कार में सवार होकर लाखा डेम के पीछे तरफ गए पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर डीके प्रधान का बेटा सुशांत प्रधान 24 साल, छोटे अतरमुड़ा निवासी, केलो डेम से अचानक लापता हो गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर युवक की पतासाजी में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात सुशांत प्रधान अपने दो दोस्तों के साथ केलो डेम के पास किसी काम के सिलसिले में गया हुआ था, जहां सुशांत नहाने के लिए पानी में उतरा था और अचानक वह गायब हो गया। काफी खोजबीन के बाद सुशांत के नहीं मिलने पर उसके दोस्तों ने सिटी कोतवाली थाना पहुंचकर उक्त मामले की जानकारी दी है। आशंका जताई जा रही है कि युवक डेम के गहरे पानी में डूब गया होगा। बहरहाल, सुशांत के दोनों दोस्तों से पुलिस पूछताछ कर रही है।

प्रदेश का गौरव बढ़ाया छिंदवाड़ा की सरपंच श्रीमती कविता धुर्वे ने

स्वच्छ भारत मिशन में उत्कृष्ट कार्यों के लिये मिला राष्ट्रीय सम्मान भोपाल  "सफलता की कहानी" स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले में आयोजित समारोह में छिन्दवाड़ा जिले की जनपद पंचायत जुन्नारदेव की जनजातीय बहुल ग्राम पंचायत खुमकाल की सरपंच श्रीमती कविता शनिराम धुर्वे ने विशिष्ट अतिथि का गौरव पाकर पूरे मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है। श्रीमती धुर्वे पर आज छिंदवाड़ा के साथ संपूर्ण प्रदेश गर्व कर रहा है। श्रीमती कविता धुर्वे का यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि जनजातीय बहुल क्षेत्र से महिलाओं की सशक्त पहचान का भी प्रतीक है। राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान से जनजातीय समाज में गर्व और खुशी की लहर है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री के.आर. पाटिल तथा मंत्रालय की प्रमुख सचिव सुश्री देवोलीना मुखर्जी की उपस्थिति में उन्हें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत किए गए प्रेरणादायक नवाचारों और उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान पत्र प्रदान किया गया। खुमकाल सरपंच श्रीमती धुर्वे ने अपनी ग्राम पंचायत में स्वच्छता को जनआंदोलन बनाने में पूरी ताकत झोंक दी। उनके द्वारा ग्राम पंचायत खुमकाल में विभिन्न नवाचार किये गये। उनके द्वारा ‘कबाड़ से जुगाड़’ की थीम पर जनसहयोग से स्वच्छता पार्क तैयार किया गया, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन की टीम का विशेष योगदान रहा। ग्राम आराडोंगरी को ओडीएफ प्लस मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए चौपाल, ग्राम सभा एवं गृह भेंटों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया गया। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कम्पोज्ड पिट, प्लास्टिक संग्रहण यूनिट, सॉकपिट और मैजिक पिट का निर्माण कराया गया। सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त ग्राम की दिशा में कार्य करते हुए ग्रामीणों को कपड़े के थैले वितरित किए गए। सरपंच श्रीमती कविता धुर्वे के नवाचारों को ग्रामीणों के साथ ही छिंदवाड़ा जिला प्रशासन का भी पूरा-पूरा सहयोग मिला। नवाचारों को मिले प्रोत्साहन से महिला सरपंचों को नवाचार के लिए प्रेरणा मिली।  

AMU कुलपति नियुक्ति मामले में जज ने लिया अलग रुख, सुनवाई से हटे

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की कुलपति के रूप में प्रोफेसर नईमा खातून की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ मुजफ्फर उरुज रब्बानी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नईमा की नियुक्ति को बरकरार रखा गया था। वह संस्थान के इतिहास में इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। कोर्ट को बताया गया कि नईमा अपने पति का महत्वपूर्ण वोट पाकर कुलपति (वीसी) बनीं। उस समय उनके पति एएमयू के कुलपति थे। याचिकाकर्ता ने पति द्वारा अपनी पत्नी के पक्ष में दिए गए वोट को ''हितों का टकराव'' बताया। चीफ जस्टिस ने कहा कि आदर्श रूप से कुलपति को नियुक्ति प्रक्रिया में भाग नहीं लेना चाहिए था, बल्कि संस्थान के सबसे वरिष्ठ सदस्य को इसमें भाग लेने देना चाहिए था। जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने सुनवाई से खुद को किया अलग बहरहाल, जस्टिस चंद्रन ने इसी तरह की चयन प्रक्रिया में एक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में अपनी पिछली भूमिका का हवाला देते हुए मामले से खुद को अलग करने की पेशकश की। उन्होंने कहा, ''जब मैंने फैजान मुस्तफा का चयन किया था, तब मैं सीएनएलयू (कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटी) का कुलाधिपति था..इसलिए मैं खुद को सुनवाई से अलग कर सकता हूं।'' जस्टिस चंद्रन को फैसला करने दें- चीफ जस्टिस इस पर सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ''हमें (जस्टिस चंद्रन पर) पूरा भरोसा है। सुनवाई से अलग होने की कोई जरूरत नहीं है। आप पूरी तरह से फैसला कर सकते हैं।'' बहरहाल, चीफ जस्टिस ने कहा, ''मेरे भाई (जस्टिस चंद्रन) को फैसला करने दें। इस मामले को उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें जिसका हिस्सा जस्टिस चंद्रन नहीं हैं।'' यह याचिका अब एक अलग पीठ के समक्ष जाएगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चयन प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाया।  

ED की कार्रवाई तेज: शराब घोटाले में चैतन्य बघेल की फिर से न्यायिक रिमांड, कल होगी कस्टडी पर बहस

रायपुर  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 14 दिन की न्यायिक रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज उन्हें विशेष कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें तीसरी बार 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। मामले में अब 1 सितंबर को सुनवाई होगी। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लेने के लिए अदालत में आवेदन लगाया है। ईडी का कहना है कि जांच में नए तथ्य सामने आए हैं और इन पर पूछताछ करना जरूरी है। हालांकि अदालत में कंडोलेंस (श्रद्धांजलि कार्यक्रम) होने की वजह से आज सुनवाई नहीं हो सकी। अब ईडी के आवेदन पर कल यानी 19 अगस्त को सुनवाई होगी। 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से प्रेस नोट में दी गई जानकारी के अनुसार, ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई। चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया। 1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन इसके अलावा, उन पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी (POC) को संभालने का भी आरोप है। वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करते थे। ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है। पहले से गिरफ्त में हैं कई बड़े चेहरे ईडी ने इससे पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है। ED की कार्रवाई के खिलाफ चैतन्य ने HC में लगाई याचिका गौरतलब है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। याचिका में चैतन्य ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में ED की कार्रवाई के खिलाफ याचिका लगाई, जिस पर 12 अगस्त को हाई कोर्ट ने सुनवाई की और ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है। जेल अधीक्षक को भी दिए निर्देश चैतन्य बघेल के वकील ने कोर्ट में बताया कि चैतन्य को जेल में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा। जिस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

मध्यप्रदेश की नदियाँ भारत की सनातन संस्कृति की संवाहक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश है नदियों का मायका भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत का हृदय मध्यप्रदेश, यहां के अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य और अथाह, अविरल जल राशि के लिए समूचे विश्व में जाना जाता है। मध्यप्रदेश में बहने वाली नदियां भारत की सनातन संस्कृति की संवाहक हैं, जिनके किनारे सदियों से हमारी शाश्वत सभ्यता फल फूल रही है। यहाँ की पहचान केवल प्राचीन धरोहरों, मंदिरों, किलों और जनजातीय संस्कृति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की छोटी-बड़ी 750-800 नदियों से भी है।प्रदेश की इस समृद्ध जल राशि के कारण ही मध्यप्रदेश को ‘नदियों का मायका’ कहा जाता है। मध्यप्रदेश से उद्गमित छोटी-बड़ी नदियाँ, गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही और महानदी जैसे विशाल नदी प्रवाह तंत्रों में समाहित होकर पूरे भारत की जीवन-रेखा बनाती हैं। मध्यप्रदेश की नदियाँ केवल भौतिक जल स्रोत नहीं, बल्कि संस्कृति की वाहक भी हैं। नदियों के किनारे प्राचीन नगरों, धार्मिक स्थलों और व्यापारिक मार्गों का विकास हुआ। क्षिप्रा नदी के तट पर बसा उज्जैन प्राचीन समय से ही खगोल विज्ञान और श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लंग के कारण धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है। प्राचीन उज्जयिनी सिंहस्थ ‘कुंभ’ समागम का तीर्थ क्षेत्र भी है। नर्मदा नदी के तट पर बसे महेश्वर और ओंकारेश्वर शहर शैव परंपरा के प्रमुख तीर्थ-स्थल हैं। ओंकारेश्वर 12 ज्योर्तिलिंगों में एक है। बेतवा नदी के तट औऱ प्रवाह क्षेत्र के ओरछा, सांची और विदिशा मध्यकालीन भारत की सांस्कृतिक यशोगाथा के प्रतीक होने के साथ ही बौद्ध संस्कृति के उदयावसान के साक्षी भी रहे हैं। मध्यप्रदेश का अधिकांश भूभाग विंध्य और सतपुड़ा की पहाड़ियों से आच्छादित है। यही कारण है कि यह अनेक महत्वपूर्ण नदियों का उद्गम स्थल है। नर्मदा और ताप्ती पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ हैं, जबकि सोन, क्षिप्रा, चंबल, बेतवा उत्तर और पूर्व की ओर बहकर अपनी अथाह जलराशि के साथ गंगा-यमुना में समाहित हो जाती हैं। माही, वैंगंगा, तवा जैसी नदियाँ भी अलग-अलग बेसिन को जल-पोषित करती हैं। इस भौगोलिक विविधता ने ही प्रदेश को नदी समृद्ध राज्य के रूप में प्रतिष्ठा दी है। पुण्य सलिला मां नर्मदा का दूसरा नाम रेवा भी है।भगवान शिव की पुत्री मानी जाने वाली रेवा मध्यप्रदेश और गुजरात दोनों की जीवन रेखा है। मान्यता है कि मां नर्मदा के दर्शन मात्र से ‘गंगा स्नान’ का पुण्य मिलता है। श्रद्धालुओं के लिए 3000 किमी से अधिक लंबी नर्मदा परिक्रमा जीवन का सबसे बड़ा तप माना जाता है। मां नर्मदा अमरकंटक से जन्म लेकर लेकर जबलपुर में धुआंधार जलप्रपात बनाती हुई गुजरात को अभिसिंचित कर लगभग 1312 किलोमीटर की यात्रा तय कर अरब सागर की खंभात की खाड़ी में विराम पाती हैं। महाभारत काल में चंबल नदी का नाम चर्मणवती था। यह भगवान परशुराम के जन्म-स्थल जानापाव से निकली। यह राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा बनाती है। जानापाव से निकलकर चंबल नदी मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित ‘पंचनदा’ संगम पर यमुना में परिमित जलराशि के साथ समाहित हो जाती है। बेतवा (वेत्रवती)  को मध्यप्रदेश की गंगा भी कहा जाता है। इसके तट पर राम राजा का ऐतिहासिक शहर ओरछा बसा है। विदिशा और सांची जैसे नगरों को भी इसने पोषित किया है। विंध्यांचल पर्वत से निकल कर लगभग 590 किलोमीटर दूरी तय कर यमुना नदी में जा मिलती है।  मोझदायिनी क्षिप्रा नदी के तट पर प्राचीन उज्जयिनी शहर बसा है। ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर और सिंहस्थ कुम्भ समागम का यह तीर्थ क्षेत्र विश्वविख्यात है। क्षिप्रा को भी मालवा की गंगा कहा जाता है। क्षिप्रा नदी इंदौर जिले में उज्जैनी-मुंडला गांव के ककड़ी-बड़ली नामक स्थान से निकल कर लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा के बाद चंबल नदी में मिल जाती है। रामायण और महाभारत में सोन नदी का उल्लेख मिलता है। इसे पुरुष वाचक ‘नद’ की संज्ञा भी दी गई है। महर्षि वाल्मीकि ने इसे सुभद्र कहा है। यह नदी प्रदेश में शहडोल और रीवा के क्षेत्रों को सींचती हुई बिहार में प्रवेश कर लगभग 784 किलोमीटर लंबी यात्रा के बाद पतितपावनी गंगा से संगम करती है। ताप्ती नदी सतपुड़ा की पहाड़ियों से निकलकर गुजरात तक जाती है और लगभग 724 किलोमीटर की दूरी तय कर खंभात की खाड़ी में मिल जाती है। माही नदी की विशेषता है कि यह कर्क रेखा को दो बार पार करती है। माही नदी भी मध्यप्रदेश से गुजरात तक 583 किलोमीटर की यात्रा कर खंभात की खाड़ी में मिल जाती है। मध्यप्रदेश से उद्गम पाने वाली अन्य प्रमुख नदियों में वैंनगंगा गोंडवाना क्षेत्र की जीवनरेखा है। तवा नर्मदा की सहायक नदी है, जिस पर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा बाँध बना है। कालीसिंध, पार्वती, केन, शक्कर, जोहिला  स्थानीय कृषि और वन्य जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। मध्यप्रदेश की नदियों पर अनेक सिंचाई एवं जलविद्युत परियोजनाएँ बनी हैं, जिनसे लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होती है। चंबल-पार्वती-कालीसिंध रिवर लिंक परियोजना मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों के साझा महत्व की परियोजना है। केन-बेतवा रिवर लिंक परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए समृद्धि की गंगोत्री मानी जा रही है। ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्च परियोजना मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा और महाराष्ट्र के अकोला, अमरावती और बुलढाणा ज़िलों के भू-जल संकट और अनियमित वर्षा की समस्या का स्थायी समाधान मानी जा रही है। बाणसागर परियोजना सोन नदी पर बनी है। इससे शहडोल, रीवा और सीधी जिलों को लाभ पहुंच रहा है। तवा परियोजना नर्मदा की सहायक तवा पर निर्मित है। इससे होशंगाबाद क्षेत्र को सिंचाई और पेयजल की पूर्ति हो रही है। गांधीसागर परियोजना चंबल नदी पर बनाई गई है। इससे  जलविद्युत बनाई जा रही है, साथ ही बड़े क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। ओंकारेश्वर एवं बरगी परियोजना नर्मदा नदी पर निर्मित है।  

टोल कर्मियों ने ड्यूटी पर जा रहे सैनिक को पीटा और बांधा

मेरठ देश की सरहद पर रहकर अपनी जान की बाजी लगाते हुए देश की सुरक्षा करने वाले सेना के जवान को टोल कर्मियों ने खंबे से बांधकर जमकर पीटा । टोल कर्मियों के द्वारा सेना के जवान की खंभे से बांधकर पिटाई किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । इस वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह करीब दर्जन पर दबंग टोलकर्मी सेना के जवान को खंभे से बांधकर बेतहाशा पीटते हुए नजर आ रहे हैं । दरअसल,  यह पूरा मामला जिले के थाना सरूरपुर क्षेत्र के भूनी टोल प्लाजा का है । सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह टोल पर मौजूद दबंग टोल कर्मचारियों के द्वारा एक युवक को खंबे से बांधकर पीटा है। करीब दर्जन भर टोलकर्मी बेतहाशा जिस युवक को पीट रहे हैं उसका नाम है कपिल जोकि थाना क्षेत्र के ही गोटका गांव का रहने वाला है और वो सेवा की राजपूत बटालियन में श्रीनगर में तैनात है। सेना के जवान को श्रीनगर ड्यूटी पर जाना था बताया जा रहा है कि कांवड़ यात्रा की छुट्टी के बाद कपिल वापस श्रीनगर जा रहे थे और इसीलिए वो रात के वक़्त कार से अपने भाई के साथ घर से निकले । लेकिन जैसे ही कार मेरठ करनाल हाईवे पर स्थित भूनी टोल प्लाजा पर पहुंची तो वहां वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी जिसके चलते कपिल ने टोल कर्मियों को अपना सेना का पहचान पत्र दिखाते हुए कहा कि वो सेना के जवान है और उन्हें जल्दी जाना है जिससे कि वो श्रीनगर पहुंचने के लिए दिल्ली से अपनी फ्लाइट पकड़ सके । इसी बात को लेकर सेना के जवान कपिल और टोलकर्मियों के बीच बहस शुरू हुई जिसके चलते बहस हाथापाई में बदल गई और एकाएक टोल प्लाजा पर मौजूद करीब दर्जन भर दबंग टोलकर्मियों ने सेना के जवान कपिल और उनके भाई पर जानलेवा हमला कर दिया। इस दौरान पास में मौजूद किसी व्यक्ति ने इस पूरी घटना को अपने मोबाइल में कैद कर लिया और इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । मारपीट करने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार वहीं इस मामले पर एसपी देहात राकेश मिश्रा का कहना है कि सेना के जवान से मारपीट करने वाले चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि सेना के जवान से मारपीट करने वाले बाकी लोगों की पहचान सीसीटीवी और वीडियो के आधार पर की जा रही है और जल्द से जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा ।  

खिलाड़ियों की चयन नीति पर मांजरेकर की सलाह, केवल फिट और प्रदर्शन वाले होंगे वरीय

मुंबई पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अगर लगातार दो से अधिक मैच नहीं खेल सकते तो उन्हें मुख्य गेंदबाजी आक्रमण में जगह न देते हुए आराम दिना चाहिये। मांजरेकर के अनसार फिट और बेहतर प्रदर्शन करने के इच्छुक खिलाड़ियों को ही पहले प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि मेरे लिए, मैच फिट, उत्साही, और प्रदर्शन करने के इच्छुक खिलाड़ी पहले आते हैं और इन्हें बड़े खिलाड़ियों से पहले टीम में जगह देनी चाहिये। मांजरेकर ने ये बातें बुमराह के कार्यभार प्रबंधन के कारण टीम के लिए लगातार उपलब्धि न रहने को देखते हुए कही है। बुमराह हाल में समाप्त हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में केवल तीन मैच ही खेले। ये भी संयोग रहा कि जिन मैचों में भी वह शामिल नहीं थे। उसमें टीम को जीत मिली।  मांजरेकर ने इसी को लेकर कहा, “खेल हमेशा हमें आईना दिखाएगा, चाहे हम चीजों को कितना भी बेहतर बताने का प्रयास करें।भारत ने जिन दो टेस्ट मैचों में जीत हासिल की, वे दो मैच थे जिनमें बुमराह नहीं खेले इस सीरीज ने उन्हें और हमें भी एक बड़ा सबक सिखाया है, भारत ने जिन दो टेस्ट जीत हासिल कीं उसमें युवा खिलाड़ी ही शामिल थे। संजय ने आगे कहा, “इस बार टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा औार मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी नहीं थे। इसने हमें खेल ने बताया कि इसी तरह भारत को बुमराह को संभालना चाहिए। अगर वह लगातार दो से अधिक मैच नहीं खेल सकते या कभी-कभी एक से भी अधिक नहीं खेल सकते, तो उन्हें मुख्य टीम में नहीं होना चाहिए।” पूर्व क्रिकेटर ने जोर देकर कहा कि फिट और प्रदर्शन करने के इच्छुक खिलाड़ियों को बड़े नामों से पहले प्राथमिकता दी जानी चाहिए. “मेरे लिए, मैच फिट, उत्साही, खेलने और प्रदर्शन करने के इच्छुक खिलाड़ियों को किसी भी दिन एक उच्च कुशल खिलाड़ी से पहले चुना जाना चाहिए.”  

राजा गार्डन दिल्ली: आग में 3 लोगों की हुई जान, दो लड़कियां भी शामिल

नई दिल्ली  पश्चिम दिल्ली के राजा गार्डन इलाके में सोमवार को बड़ा हादसा हो गया। बताया जाता है कि दोपहर लगभग 3:08 बजे महाजन इलेक्ट्रॉनिक्स की इमारत में भीषण आग लगने से 3 लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य की हालत नाजुक बताई जाती है। मरने वालों में 2 लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि उसकी टीमें मौके पर पहुंचीं। हादसा कैसे हुआ इसको लेकर जांच चल रही है। बताया जाता है कि इस इमारत में बेसमेंट भी है। बेसमेंट के साथ तीन मंजिलों वाली इस इमारत में हादसा तीसरी मंजिल पर स्थित दफ्तर में हुआ। हादसे के शिकार लोगों ने तीसरी मंजिल पर दफ्तर में खुद को कैद कर लिया था। इस वजह से ये लोग आग की चपेट में आ गए। सूचना पर दमकल विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने के बाद तीसरी मंजिल पर फंसे लोगों को निकाला और अस्पताल भेजा। पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। खबर लिखे जाने तक इस घटना में दो युवतियों समेत तीन की मौत हो चुकी थी। बताया जाता है कि एक अन्य गंभीर रूप से जख्मी हुआ है जिसका इलाज जारी है। फिलहाल मृतकों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा। मृतकों में शामिल एक युवती का नाम आयुषी उम्र 23 साल जबकि दूसरी का नाम अमनदीप कौर बताया जाता है। अमनदीप की उम्र 21 साल है। हादसे में जान गवाने वाले लड़के का नाम रवि बताया जा रहा है। पुलिस घटना की छानबीन कर रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमने दमकल की 5 गाड़ियों को मौके पर भेजा। बचाव कर्मियों ने देखा कि 4 लोग धुएं के कारण बेहोश हो गए थे। उन्हें कैट्स एम्बुलेंस से पास के अस्पताल में ले जाया गया। अधिकारी ने यह भी बताया कि आग को बुझाने और बचाव अभियान शाम 4.10 बजे समाप्त हो गया।  

योगी सरकार के प्रयासों से देश-विदेश में खुल रहे रोजगार के अवसर

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार ऐतिहासिक पहल कर रही है। श्रम एवं सेवायोजन विभाग की योजनाएं जिस दूरदर्शिता से रोजगार सृजन की बहुआयामी रणनीति अपनाई है। रोजगार को लेकर प्रदेश सरकार की नीति अब सिर्फ स्थानीय नौकरियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन की शुरुआत की है।  मिशन के मुख्य उदेश्यों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न रोजगार के अवसरों को पता लगाना, स्किलगैप का अध्ययन कर उसको दूर कराना, रोजगार कार्यक्रम संचालित करना, कॅरियर काउन्सिलिंग कराना तथा राज्य के रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थियों एवं अल्परोजगार युवाओं को पोस्ट प्लेसमेन्ट स्पोर्ट प्रदान करना है जिसमें घरेलू एवं विदेशी प्लेसमेन्ट के जरिए राज्य सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हो। विदेश में नौकरी के लिए युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से युवाओं को प्रोफेशनल रूप से तैयार किया जायेगा तथा बाजार मांग के अनुरूप ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किये जाएंगे। जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और यूएई में श्रमिकों की भारी मांग इस अभियान को और विस्तार देते हुए प्रदेश सरकार ने जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भी नर्सों, केयर गिवर्स, ड्राइवरों और निर्माण श्रमिकों की मांग प्राप्त की है। इसमें लगभग 1.50 लाख रूपये तक का वेतन मिलेगा, साथ ही खाड़ी देशों से भी विभिन्न सेक्टर की रिक्तियों की प्राप्ति सम्भावित है। श्रम विभाग इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है ताकि उत्तर प्रदेश के कुशल श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सम्मानजनक और बेहतर वेतनमान वाली नौकरियां मिल सकें। यह पहल युवाओं को विदेश जाने का सुरक्षित और कानूनी विकल्प उपलब्ध कराकर अवैध माध्यमों पर भी रोक लगाने में सहायक है। 10,830 रोजगार मेलों के माध्यम से 13,64,501 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में नौकरियां मिली रोजगार सृजन को लेकर प्रदेश सरकार की दूसरी बड़ी उपलब्धि रोजगार मेलों के माध्यम से निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाना है। 1 अप्रैल 2017 से लेकर 30 अप्रैल 2025 तक सेवायोजन विभाग की ओर से आयोजित 10,830 रोजगार मेलों के माध्यम से 13,64,501 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में नौकरियां मिली हैं। ये मेले राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित किए गए, जिनमें सैकड़ों कंपनियों ने हिस्सा लिया और युवाओं को मौके पर ही चयनित कर नौकरी दी। इससे न केवल युवाओं को अवसर मिले बल्कि कंपनियों को भी प्रशिक्षित और कुशल जनशक्ति उपलब्ध हुई। इस मिशन के तहत अब तक 5,978 श्रमिकों को इज़राइल में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं, 1,383 और निर्माण श्रमिकों को भेजने की प्रक्रिया तेज़ी से प्रगति पर है। इस प्रयास से राज्य में न केवल विदेशी मुद्रा का आगमन बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अनुमान है कि इजराइल भेजे गए श्रमिकों से प्रदेश को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का रेमिटेन्स प्राप्त हो सकता है, जो ‘वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था’ के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। योगी सरकार का मानना है कि केवल नौकरी उपलब्ध कराना पर्याप्त नहीं, बल्कि युवाओं को सही दिशा देना भी उतना ही जरूरी है। इसी सोच के तहत सेवायोजन विभाग की ओर से अबतक 24,493 करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 26,51,727 युवाओं को करियर मार्गदर्शन मिला। इन कार्यक्रमों ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है, जहां जानकारी की कमी के कारण प्रतिभाएं पीछे छूट जाती थीं। सेवामित्र पोर्टल पर 52,349 श्रमिक पंजीकृत स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने ‘सेवामित्र योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत कुशल कामगारों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जिस पर अब तक 52,349 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। ये श्रमिक प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, एसी मैकेनिक, ब्यूटीशियन आदि सेवाओं के लिए लोगों को घर बैठे उपलब्ध हो रहे हैं। यह योजना एक ओर जहां श्रमिकों की आय सुनिश्चित कर रही है, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल रही हैं। उत्तर प्रदेश अब केवल नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि श्रम और प्रतिभा का निर्यात करने वाला राज्य बन रहा है। आने वाले वर्षों में यह पहल राज्य को सामाजिक और आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।