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उत्तराखंड सरकार का ऐलान: मदरसा बोर्ड होगा भंग, लागू होगा नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून

देहरादून उत्तराखंड सचिवालय में  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल पांच प्रस्तावों पर मुहर लगी है. इनमें एक फैसला उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान अधिनियम, 2025 से जुड़ा है. कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है और इसे आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा. राज्य सरकार के मुताबिक, अब तक राज्य में अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा केवल मुस्लिम समुदाय को दिया जाता था, लेकिन प्रस्तावित अधिनियम के लागू होने के बाद सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदायों को भी यह सुविधा मिलेगी. सरकार का दावा है कि इस कदम के साथ उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जिसने सभी अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को मान्यता देने के लिए एकाकीकृत और पारदर्शी प्रक्रिया तैयार की है. अधिनियम लागू होने के बाद 1 जुलाई 2026 से उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड और उससे जुड़े अरबी-फारसी मदरसा मान्यता नियम, 2019 को भंग कर दिया जाएगा. बोर्ड की जगह अब उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. यह नया प्राधिकरण राज्य के सभी अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों की मान्यता और निगरानी करेगा. मदरसा बोर्ड के अंतर्गत 452 मदरसे पंजीकृत वर्तमान में राज्य में मदरसा बोर्ड के अंतर्गत 452 मदरसे पंजीकृत हैं. अधिनियम लागू होने के बाद इन्हें भी नए प्राधिकरण से मान्यता लेनी होगी. सरकार का कहना है कि यह नया ढांचा शिक्षा में क्वालिटी और ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करेगा और संस्थागत अधिकारों की रक्षा करेगा. मान्यता के लिए संस्थानों का सोसाइटी एक्ट, ट्रस्ट एक्ट या कंपनी एक्ट में पंजीकरण अनिवार्य होगा. साथ ही, संबंधित भूमि और संपत्तियाँ संस्थान के नाम पर दर्ज होना जरूरी होगा. कांग्रेस ने धामी कैबिनेट के फैसले पर उठाए सवाल कांग्रेस ने इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं. पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता पॉल ने इसे लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उनका कहना है कि विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है और सरकार के पास जनता से जुड़े कोई ठोस मुद्दे नहीं हैं. कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है, लेकिन सरकार केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने में जुटी है. सुजाता पॉल ने यह भी कहा कि हमारे संविधान में अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की गारंटी देते हैं. इसके अलावा, 1992 और 2004 में केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक शिक्षा से जुड़े कानून बनाए थे. ऐसे में यह कहना गलत है कि केवल मुसलमानों को ही अल्पसंख्यक होने का लाभ मिल रहा है. उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए. सुजाता पॉल के अनुसार, उत्तराखंड में आम शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है. कई जगह स्कूल और शिक्षक नहीं हैं, लेकिन सरकार को इस विधेयक को लाने की इतनी जल्दी है मानो यही सबसे बड़ी प्राथमिकता हो. मदरसा बोर्ड भंग करने के प्लान पर क्या बोले एक्सपर्ट? पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट के फैसले पर इस्लामिक मामलों के जानकार खुर्शीद अहमद का कहना है, "जो कानून बनाने की बात सरकार कर रही है वो आर्टिकल 30A का घोर उल्लंघन है. इसके साथ 2004 में लाए गए एक्ट के मुताबिक पहले से ही देश में अल्पसंख्यक आयोग मौजूद है, जो शैक्षिक संस्थानों को मान्यता देता है."

नक्सली हिंसा में जवान शहीद, CM विष्णुदेव साय ने दी श्रद्धांजलि, कहा- आतंक के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई

रायपुर  छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया में नक्सिलयों के आईईडी ब्लास्ट में DRG जवान दिनेश नाग शहीद हो गए. इस हमले में 3 अन्य जवान घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में बीजापुर DRG के जवान दिनेश नाग के शहीद होने एवं तीन जवानों के घायल होने की दु:खद सूचना मिली है. ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. उन्होंने कहा कि बस्तर में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान से नक्सली हताश हैं और इसीलिए ऐसी कायराना हरकतें कर रहे हैं. DRG के जवान दिनेश नाग की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. नक्सलवाद का खात्मा हमारा संकल्प है और इस दिशा में हम हर हाल में सफल होंगे. बता दें कि भोपालपटनम के उल्लुर इलाके में जवान सर्चिंग अभियान के लिए रवाना हुए थे. इस दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया. इसकी चपेट में आने से डीआरजी के जवान दिनेश नाग शहीद हो गए हैं. वहीं 3 जवान – भरत धीवर, पैकू इंला और मुंदारू राम कवासी घायल हुए हैं. फिलहाल घायलों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है. घटना के बाद इलाके में जवानों ने सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है.

जयवीर सिंह ने कहा- ग्रामीण पर्यटन में यूपी के कारिकोट गांव ने पेश की मिसाल,अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से मिलेगी प्रेरणा

लखनऊ उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का कारिकोट गांव ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बना चुका है। गांव का चयन इंडियन सब कांटिनेंटल रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म (आईसीआरटी) अवार्ड 2025 के लिए किया गया है। कारिकोट गांव को यह सम्मान 13 सितम्बर को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया जाएगा। यह जानकारी उप्र के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।  पर्यटन मंत्री ने बताया कि कारिकोट गांव का चयन आईसीआरटी अवार्ड के लिए होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। भारत-नेपाल सीमा से सटे कारिकोट ने ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में मिसाल पेश की है। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग की पहल पर ग्रामीणों ने होमस्टे की शुरुआत की। साथ ही सीमा पर्यटन जैसे अभिनव पहल भी किए गए। इन प्रयासों से स्थानीय समुदायों, विशेषकर युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिला है। गांव की संस्कृति, खान-पान, हस्तशिल्प और लोक कलाओं को भी नई पहचान मिली है। दिल्ली में आगामी 13 सितम्बर को आयोजित होने वाले बीएलटीएम ट्रेड शो में भारत सहित उपमहाद्वीप की 17 संस्थाओं को रिस्पोंसिबल टूरिज्म सम्मान दिया जाएगा। इन संस्थाओं को वन टू वॉच, सिल्वर और गोल्ड श्रेणी में मान्यता दी जाएगी। मान्यता सूची में स्थान पाने वाली सभी संस्थाओं ने प्रमाणिकता, पुनरावृत्ति की क्षमता, नवाचार, प्रभाव, स्थिरता और जिम्मेदार पर्यटन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। भारतीय उपमहाद्वीप जिम्मेदार पर्यटन पुरस्कारों के निर्णायक मंडल में प्रो. हैरॉल्ड गुडविन शामिल हैं। गुडविन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पार्टनरशिप के प्रबंध निदेशक और आईसीआरटी ग्लोबल के संस्थापक हैं। साथ ही, मनीषा पांडे, प्रबंध निदेशक विलेज वेज़ और आईसीआरटी भारतीय उपमहाद्वीप की प्रतिनिधि तथा चार्मारी मेल्ज, निदेशक आईसीआरटी श्रीलंका सहित अन्य निर्णायक मंडल का हिस्सा रहे।  उल्लेखनीय है कि, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ग्रामीण पर्यटन को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है। विभाग का लक्ष्य है कि राज्य को धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में भी नई पहचान दिलाई जाए। राज्य सरकार का मानना है कि गांव केवल कृषि और परम्पराओं के केंद्र नहीं हैं, बल्कि वे सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और सामाजिक समरसता के प्रतीक भी हैं। ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से इन विशेषताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की योजना है। जयवीर सिंह ने बताया कि कारिकोट उत्तर प्रदेश के अन्य गांवों के लिए ग्रामीण पर्यटन में प्रेरणास्त्रोत बनेगा। नेपाल की सीमा से सटे और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के करीब स्थित कारिकोट गांव ने सामुदायिक नेतृत्व के जरिए पर्यटन को नई दिशा दी है। थारू समुदाय सहित समाज के अन्य लोगों की भागीदारी क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। विश्वास है कि यह उपलब्धि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन के समग्र विकास में सहायक सिद्ध होगी। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि राज्य में ग्रामीण पर्यटन को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 सहित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रूरल टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कारिकोट गांव को मिला सम्मान विभागीय प्रयासों और ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में सफलता का परिणाम है।  

BLO और सुपरवाइजरों पर FIR, चुनाव से पहले उठाया गया सख्त कदम

प्रयागराज वोटर लिस्ट रिवीजन ( SIR) के खिलाफ पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा नजर आ रहा है। चुनाव आयोग की प्रेसकॉन्फेंस के बाद भी विपक्ष SIR को लेकर संतुष्ट नजर नहीं आ रही है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से बड़ी खबर सामने आई है। प्रशासन ने उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। चुनावी ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले 75 BLO और 9 सुपरवाइजर पर एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज करा दिया है। 27 BLO और 9 सुपरवाइजर पर एक्शन सूत्रों के अनुसार, अब तक 27 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और 9 सुपरवाइजर ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की। चुनावी कार्य में जुटने के बजाय ये मोबाइल बंद कर गायब हो गए। संबंधित उप जिलाधिकारियों ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। 1854 BLO की लगाई गई ड्यूटी जिले के कुल 1540 गांवों में 1854 BLO की तैनाती की गई है। इनमें शिक्षक, शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, लेखपाल और अन्य कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन शुरुआती दिनों में ही बड़ी संख्या में लापरवाह कर्मचारियों के नाम सामने आ गए हैं। सोरांव और फूलपुर तहसील में सबसे ज्यादा लापरवाही सोरांव तहसील: यहां 309 BLO और 56 सुपरवाइजर तैनात किए गए थे। इनमें से 27 BLO और 9 सुपरवाइजर अब तक प्रपत्र-10 उपलब्ध नहीं करा सके। इस पर एसडीएम एचएस सैनी ने विभागीय कार्रवाई और एफआईआर के निर्देश दिए हैं। फूलपुर तहसील: यहां भी 27 BLO के खिलाफ एसडीएम दिग्विजय सिंह ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। प्रशासन का संदेश प्रशासन ने साफ किया है कि चुनावी ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

राधाकृष्णन ने पीएम मोदी से मुलाकात की, NDA का उपराष्ट्रपति पद उम्मीदवार बनाए गए

नई दिल्ली  महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह मुलाकात सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन द्वारा उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के एक दिन बाद हुई. वह एनडीए की विभिन्न बैठकों में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे और कई नेताओं से मुलाकात की. मुलाकात के तुरंत बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सी. पी. राधाकृष्णन जी से मुलाकात की. एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें शुभकामनाएं दीं. जनसेवा के लंबे अनुभव और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता हमारे देश को समृद्ध बनाएगी. वह पहले की तरह ही समर्पण और दृढ़ निश्चय के साथ देश की सेवा करते रहें.’’ राधाकृष्णन 20 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक में उन्हें सम्मानित किए जाने की उम्मीद है. इससे पहले सोमवार को नई दिल्ली पहुंचने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल और एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का केंद्रीय मंत्री किरेन रीजिजू, राम मोहन नायडू. प्रह्लाद जोशी के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व अन्य ने स्वागत किया. चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन वर्तमान में 31 जुलाई, 2024 से महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं. इससे पहले उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था. उन्होंने मार्च और जुलाई 2024 के बीच तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था. वरिष्ठ भाजपा नेता राधाकृष्णन कोयम्बटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए तथा इससे पहले तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस ने एनडीए द्वारा सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की आलोचना की है और उन्हें "एक और आरएसएस का आदमी" कहा है. बता दें कि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, हालांकि, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद यह पद रिक्त हो गया था. उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सांसद शामिल होते हैं. उपराष्ट्रपति के चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं. चुनाव आयोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 द्वारा उपराष्ट्रपति चुनावों को अधिसूचित करता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा तथा ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त मतदान द्वारा होगा.

शासन की मंशा है हर युवा को रोजगार उपलब्ध हो: राजभर

प्रदेश भर के युवाओं को रोजगार हेतु किया जाएगा प्रेरित 26 से 28 अगस्त तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगा रोजगार महाकुंभ एआई प्रशिक्षण मंडप और कौशल प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण होंगे -प्रमुख सचिव प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन बनाया है लखनऊ: श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने सोमवार को विधान सभा, लखनऊ से रोजगार महाकुंभ 2025 हेतु महाकुंभ अभियान का शुभारम्भ किया।  इस कार्यक्रम में मंत्री जी ने हरी झंडी दिखाकर रोजगार रथ को प्रदेश के जनपदों में प्रचार-प्रसार के लिए रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि हर युवा के हाथों रोजगार उपलब्ध हो। इसी के दृष्टिगत श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा बीसीएस कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ और द इकोनॉमिक टाइम्स ऑफ इंडिया के सहयोग से 26 से 28 अगस्त 2025 तक राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में रोजगार महाकुंभ 2025 का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार रथ का उद्देश्य अधिक से अधिक युवाओं को इस महाकुंभ में प्रतिभाग के लिए प्रेरित करना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध अवसरों से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि रोजगार महाकुंभ 2025 के अंतर्गत 50 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्री जी ने अवगत कराया कि सेवायोजन विभाग द्वारा रोजगार संगम पोर्टल तवरहंतेंदहंउण्नचण्हवअण्पद विकसित किया गया है, जिसमें भर्ती एजेंसियों, नियोजकों और नौकरी चाहने वालों के लिए पंजीकरण की सुव्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग ने हाल ही में प्रदेश के 5978 निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजा है, जिसकी सराहना न केवल देश में बल्कि अन्य देशों में भी की जा रही है। वर्तमान में जर्मनी, जापान और इजराइल से नर्स तथा केयरगिवर की रिक्तियां प्राप्त हुई हैं, जिनमें एक लाख पचास हजार रुपये तक का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही खाड़ी देशों से भी विभिन्न क्षेत्रों की रिक्तियां प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने युवाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन किया है। प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ0 एम0के0 शन्मुगा सुन्दरम् ने बताया कि रोजगार महाकुंभ 2025 उत्तर प्रदेश को रोजगार और कौशल उत्कृष्टता का केंद्र बनाने की ऐतिहासिक पहल है। इस आयोजन में वैश्विक नियोक्ता, उद्योग जगत के नेता, नीति निर्माता और नौकरी चाहने वाले एक ही मंच पर आएंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन करना, युवाओं के कौशल विकास को प्रोत्साहन देना और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करना है। रोजगार महाकुंभ में एक लाख से अधिक युवाओं का पंजीकरण अपेक्षित है और पचास हजार से अधिक नौकरियों के अवसर उपलब्ध होंगे। इनमें पंद्रह हजार से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रिक्तियां शामिल हैं, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जापान और जर्मनी जैसे देशों में प्लेसमेंट की संभावनाएं हैं। इसी प्रकार पैंतीस हजार से अधिक घरेलू अवसर देश की अग्रणी कंपनियों के माध्यम से विनिर्माण, आईटी, सेवाओं और उभरते उद्योगों में प्रदान किए जाएंगे। एक सौ से अधिक भर्ती साझेदारों के भागीदारी करने की संभावना है, जिनमें बीस अंतर्राष्ट्रीय भर्तीकर्ता भी होंगे। आयोजन के दौरान दस हजार से अधिक ऑफर लेटर जारी किए जाएंगे, जिनमें दो हजार से अधिक विदेशी प्लेसमेंट के लिए होंगे। इस अवसर पर एआई प्रशिक्षण मंडप विशेष आकर्षण रहेगा जिसमें उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञों के सहयोग से डिजिटल कौशल और एआई-संचालित नौकरी की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। रोजगार एवं कौशल प्रदर्शनी में सरकारी पहलों और भविष्य के कौशल रुझानों को प्रदर्शित किया जाएगा। द इकोनॉमिक टाइम्स के सहयोग से आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में नीति निर्माता, कॉर्पाेरेट नेता और वैश्विक विशेषज्ञ भविष्य के रोजगार बाजार और कौशल रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त राज्य के स्टार्टअप अपने नवाचार और समाधान प्रस्तुत करेंगे तथा मुख्यमंत्री युवा स्टॉल के माध्यम से स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही दस सेक्टर स्किल काउंसिल्स के सहयोग से लक्षित कौशल और रोजगार अवसरों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। स अवसर पर प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन, विशेष सचिव नीलेश कुमार, निदेशक सेवायोजन श्रीमती नेहा प्रकाश, सचिव बी0ओ0सी0डब्ल्यू, पूजा यादव, अपर निदेशक, सेवायोजन, पी0के0पुन्डीर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

यूपी के बाद अब राजस्थान में ड्रम से मिली लाश, हत्या के बाद पत्नी प्रेमी संग हुई गायब

जयपुर  राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की लाश घर की छत पर रखे प्लास्टिक ड्रम  में बरामद हुई। शव पर धारदार हथियार से हमला किए जाने के निशान मिले हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मृतक की पत्नी और तीनों बच्चे वारदात के बाद से लापता हैं। इसके साथ ही जिस मकान में मृतक किराए से रह रहा था, उस मकान मालिक का बेटा भी गायब है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गले पर धारदार हथियार से वार डीएसपी राजेंद्र सिंह निर्वाण के अनुसार, मृतक की पहचान हंसराम उर्फ सूरज (निवासी शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। वह पिछले डेढ़ महीने से किशनगढ़बास के आदर्श कॉलोनी में पत्नी और तीन बच्चों के साथ किराए पर रह रहा था। पास ही की एक ईंट-भट्टी पर मजदूरी कर अपना गुजारा करता था। रविवार को मोहल्ले में दुर्गंध फैलने के बाद जब पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी तो छत पर रखे ड्रम की तलाशी ली गई। उसमें हंसराम का शव बरामद हुआ। पुलिस जांच में पाया गया कि शव पर नमक डाला गया था, ताकि तेजी से सड़न हो और बदबू कम हो। मृतक के गले पर धारदार हथियार से वार के गहरे निशान मिले। पत्नी, बच्चे लापता पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या के बाद से हंसराम की पत्नी सुनीता और उनके तीनों बच्चे लापता हैं। इतना ही नहीं, मकान मालिक का बेटा जितेंद्र भी शनिवार शाम से गायब है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हंसराम शराब का आदी था और अक्सर जितेंद्र के साथ बैठकर शराब पीता था। डीएसपी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जिस घर में हंसराम किराए पर रह रहा था, वह मकान प्रॉपर्टी कारोबारी राजेश शर्मा का है। घटना के वक्त घर में केवल राजेश की पत्नी मिथिलेश और 14 वर्षीय पोता मौजूद थे। मिथिलेश ने पूछताछ में बताया कि जितेंद्र की पत्नी की 12 साल पहले मौत हो चुकी है और वह लंबे समय से यहीं रह रहा था। उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी के दिन जब वह बाजार गई थीं, तब तक सुनीता और उसके बच्चे घर पर थे। लेकिन शाम को लौटने के बाद वे नजर नहीं आए। उसी दिन से जितेंद्र भी घर नहीं लौटा। अगली सुबह जब घर में बदबू आने लगी तो उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। हत्या की वजह पर कई शक फिलहाल हत्या की असल वजह साफ नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि यह मामला शराब पीने के दौरान हुए विवाद, पारिवारिक कलह या किसी गहरी साजिश से जुड़ा हो सकता है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है और लापता परिवार की तलाश जारी है। पहले भी मिले हैं ड्रम से शव गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है जब शव को ड्रम में छिपाया गया हो। इसी साल मार्च में उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की थी। आरोप है कि दोनों ने शव के टुकड़े कर उसे ड्रम में भरकर छिपा दिया था। मामला तब उजागर हुआ जब बेटी बार-बार पड़ोसियों से कहती रही – "पापा ड्रम में हैं।" इसके अलावा जून में पंजाब के लुधियाना के शेरपुर क्षेत्र में भी ड्रम से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ था। राजस्थान पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। मृतक के परिजनों को सूचित किया गया है और लापता पत्नी-बच्चों व मकान मालिक के बेटे की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस रहस्यमयी हत्या की गुत्थी सुलझा ली जाएगी।

विधानसभा चुनाव 2027: जीत सुनिश्चित करने बीजेपी के पुराने विधायकों के टिकट होंगे जोखिम में

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में बीजेपी इस बार जिताऊ और लोकप्रिय चेहरों पर दांव लगा सकती है। साथ ही उन सभी मौजूदा विधायकों के टिकट खतरे में है, जो पिछले चुनाव में बीजेपी के दम पर अपनी सीट निकलने में कामयाब हुए थे और इस बार भी इसी फिराक में बैठे हैं। सूत्रों की माने तो बीजेपी इस बार बड़ी संख्या में यानी 100 से 115 के बीच विधायकों का टिकट काट सकती है। इस तरह बीजेपी के मौजूदा विधायकों में से आधे विधायकों के टिकट पर तलवार लटक सकती है। इनकी जगह पर इस बार नए चेहरों के साथ ही विपक्षी दलों से आये मौजूदा विधायकों को बीजेपी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने का दांव खेल सकती है। हालांकि इस सर्वे से बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी के बागी विधायकों की भी मुश्किलें बढ़ गई है। सपा का PDA बीजेपी की हैट्रिक में बन रहा रोड़ा राजनीतिक जानकारों की माने तो सपा से आने वाले विधायक ये न सोचे कि बीजेपी में उनका टिकट पक्का है। उनका कहना है कि बीजेपी विधायकों के साथ ही सपा के बागी विधायकों को भी इंटरनल सर्वे के इम्तिहान में पास होना पड़ेगा। दरअसल बीते लोकसभा चुनाव के आए नतीजो ने 2027 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राह मुश्किल कर दी है। बीजेपी इस बार जहां जीत की हैट्रिक लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं समाजवादी पार्टी के पीडीए ने बीजेपी की हालत पतली कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार जनता से जुड़े मुद्दे उठाते हुए पीडीए का नारा दे रहे हैं। साथ इस बार बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात भी पूरे दमखम के साथ कह रहे हैं। इन्ही सब चीजों को देखते हुए बीजेपी अभी से अंदर ही अंदर बिना किसी को भनक लगे अपनी तैयारियों में जुट गई है। सर्वे और BJP विधायकों की कीकत सूत्रों की माने तो बीजेपी इस बार टिकटों से पहले हर विधानसभा सीट पर इंटरनल सर्वे करा सकती है। इससे जिन सीटों पर बीजेपी के विधायक है उनकी असलियत का पता लग जाएगा। साथ ही जो सीट सपा समेत अन्य दलों के खाते में हैं वहां के किये क्या रणनीति तैयार करनी है उसका खाका भी तैयार हो जाएगा। इस तरह बीजेपी एक तीर से कई निशाने साध सकती है। उधर इंटरनल सर्वे की बात सुनकर विधायकों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि सूत्रों की माने तो कई ऐसे मौजूदा विधायक है, जिनके टिकट पर तलवार लटकी है। कहा ये भी जा रहा है कि इस बार के टिकट वितरण में पैरवी और परिवारवाद की झलक नहीं दिखाई देगी। पूजा पाल को भी टिकट मिलने की संभावना समाजवादी पार्टी से निष्कासित होने के बाद से चायल सीट से विधायक पूजा पाल चर्चाओ में आ गई हैं। उन्होंने जन्माष्टमी के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चाएं चलने लगी है। हालांकि पूजा पाल अभी बीजेपी में शामिल नहीं हुई है, लेकिन आने वाले समय में ऐसा देखने को मिल सकता है। साथ ही बीजेपी अगर पूजा पाल को टिकट दे देती है तो ये कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही सपा के बागी अभय सिंह, मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह समेत अन्य बागियों को भी बीजेपी मौका देकर समाजवादी पार्टी की मुसीबतें खड़ी कर सकती है। 

Google Pixel 10 सीरीज का बड़ा खुलासा! लॉन्च से पहले जानें फीचर्स और खासियतें

नई दिल्ली अगले 2 दिनों मे गूगल अपना Made by Google इवेंट करने जा रहा है। इसमें गूगल अपनी नई पिक्सल 10 सीरीज लॉन्च करेगा। लॉन्च से पहले गूगल लगातार अपने छोटे-छोटे टीजर जारी कर रहा है। इन टीचर्स में गूगल ने संकेत दिए हैं कि पिक्सल 10 में और भी ज्यादा पर्सनल AI फीचर्स मिलने वाले हैं। दरअसल गूगल स्मार्टफोन में AI फीचर्स को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है। ऐसे में अगर आप AI पावर्ड फोन का मज़ा लेना चाहते हैं, तो पिक्सल 10 आपके लिए खास हो सकता है। चलिए लॉन्च से दो दिन पहले एक बार उन तमाम चीजों को दोहरा लें, जो अभी तक पिक्सल 10 सीरीज के बारे में हमें पता है। Google Pixel 10 में मिलेंगे नए AI फीचर्स दो दिन बाद लॉन्च होने वाली पिक्सल 10 सीरीज में नए और जबरदस्त AI फीचर्स देखने को मिलेंगे। इसे लेकर गूगल ने एक टीजर में कहै है कि “क्या होगा अगर कैमरा बहुत-बहुत दूर से भी बहुत-बहुत पास दिखा सके?” इससे साफ है कि Pixel 10 में AI और computational photography की मदद से जबरदस्त ज़ूम क्वालिटी मिलेगी। इसके अलावा गूगल ने अपने टीजर में यह भी कहा है कि “क्या होगा अगर आप ग्रुप फोटो में खुद भी दिखें, भले ही आपने फोटो खींची हो?” इसका मतलब है Pixel 10 में ऐसा AI फीचर भी होगा जो फोटोग्राफर को भी स्मार्ट तरीके से ग्रुप फोटो में जोड़ देगा। अपने वीडियो टीजर के आखिर में गूगल यह भी कहता है कि “जहां पहले आप कैमरे के दूसरी तरफ थे, अब कैमरा आपकी तरफ है।” इससे साफ है कि पिक्सल 10 सीरीज में AI की मदद से कई नई और अनोखी स्मार्ट कैमरा ट्रिक्स देखने को मिलेंगी। कुल मिलाकर इसमें बेहतर फोटो, ज्यादा पर्सनलाइजेशन और दमदार AI एक्सपीरियंस पर फोकस रहेगा। कैसे देखेंगे लाइव इवेंट अगर आप गूगल का इवेंट लाइव देखना चाहते हैं, तो इसे आप गूगल के ऑफीशियल यूट्यूब चैनल पर भारतीय समय के अनुसार रात 10:30 बजे से देख पाएंगे। इस इवेंट को जल्द गूगल अपने यूट्यूब चैनल पर शेड्यूल भी कर देगा। ऐसे में आप चाहें, तो इस इवेंट का नोटिफिकेशन भी अपने लिए सेट कर सकते हैं। ऐसा करने पर इवेंट शुरू होते ही आपको इसका नोटिफिकेशन मिल जाएगा। Google Pixel 10 के संभावित स्पेसिफिकेशंस फिलहाल लीक्स से Google Pixel 10 के संभावित स्पेसिफिकेशंस की कुछ जानकारी सामने आ चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार Google इस बार Pixel 10 सीरीज में बड़े बदलाव करने जा रहा है। इस सीरीज के सभी मॉडल्स में Google Tensor G5 प्रोसेसर मिलेगा, जो 3nm टेक्नोलॉजी पर बना होगा। यह फोन आउट ऑफ दे बॉक्स एंड्रॉयड 16 के साथ आ सकता है। Google Pixel 10 में पहली बार ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया जा सकता है, जिसमें पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस भी शामिल होगा। बता दें कि यह पिछले मॉडल में नहीं था। इसमें प्राइमरी कैमरा 50MP का, अल्ट्रा-वाइड सेंसर 48MP का और अल्ट्रा-वाइड सेंसर 12MP का रहने की संभावना है। इसके अलावा कुछ जानकारी Pixel Fold Variant की भी निकल कर आई है कि इसमें 48MP का प्राइमरी कैमरा, 10.8MP का टेलीफोटो लेंस और 10.5MP का अल्ट्रा-वाइड लेंस दिया जा सकता है। इन सभी फोन में FHD+ डिस्प्ले और 120Hz रिफ्रेश रेट मिलने की पूरी संभावना है। इससे स्क्रॉलिंग और गेमिंग और भी स्मूद हो सकती है।

जानिए किस मामले में ओपी राजभर ने किया कोर्ट में सरेंडर

लखनऊ  योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर चर्चा में आ गए है। उन्होंने आज मऊ के एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। राजभर ने कहा कि वो इसीलिए यहां पर पेश होने के लिए पहुंटे है।  इस मामले में हुआ केस दर्ज  बता दें कि ओपी राजभर पर आचार संहिता उल्लंघन के मामले में हलधरपुर थाने में उनपर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद कोर्ट ने वारंट जारी किया था। आज राजभर कोर्ट में सरेंडर किया है। इस दौरान उन्होंने कहा, कोर्ट से वारंट आया, जिसके बाद हम उनके समक्ष पेश होने पहुंचे। कैबिनेट मंत्री के कोर्ट में सरेंडर होने के दौरान सुभासपा के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। कोर्ट ने दी जमानत ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान बिगड़े बोल पर मुकदमा दर्ज हुआ था। ये मुकदमा हलधरपुर थाने में दर्ज हुआ था। राजभर कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे, लेकिन आज कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में हाजिर हुए। कोर्ट ने राजभर को इस मामले में जमानत भी दे दी है।