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सिनेमा जगत को बड़ा झटका, KGF फेम एक्टर नहीं रहे

मुंबई मनोरंजन जगत से हाल ही में एक बुरी एक बुरी खबर सामने आई है। केजीएफ स्टार दिनेश मंगलुरु अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। फिल्म में उन्होंने बॉम्बे डॉन का किरदार निभाकर लोगों का खूब दिल जीता था। वहीं, 55 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनका निधन लंबी बीमारी से हुआ है। एक्टर के निधन की खबर सामने आते ही इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है और हर कोई उनके निधन पर दुख जाहिर कर रहा है।   कन्नड़ एक्टर और ऑर्ट डायरेक्टर दिनेश मंगलुरु का लंबी बीमारी से जूझने के बाद निधन हो गया। साल 1970 में 1 जनवरी को दिनेश का जन्म हुआ था। उन्हें बचपन से ही फिल्मों में जाने का शोक था और उन्होंने अपने काम के जरिए खुद को साबित भी किया। उन्होंने ‘नंबर 73 शांतिनिवास’ जैसी फिल्मों में काम किया था।  

विधानसभा चुनाव को लेकर डॉ. इरफान अंसारी का बयान—”बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है

रांची झारखंड के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है इसलिए उनका दावा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ता में परिवर्तन निश्चित रूप से होकर रहेगा। डॉ. अंसारी ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि उन्हें गांधी की इस यात्रा के दौरान काफी समय उनके साथ बिताने और नजदीक से जानने का मौका मिला। उनकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण अद्वितीय है। वह दिन- रात जनता की सेवा में जुटे रहते हैं और हर समस्या को नजदीक से समझने और उसका समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं। उनके चेहरे पर शिकन नहीं बल्कि एक जज्बा दिखायी देता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि असली संतोष लोगों की सेवा में ही है। डॉ. अंसारी ने कहा कि गांधी के जज्बे, जुनून और संघर्ष के कारण लोग उन पर पूरा विश्वास कर रहे हैं और उन्हें अपार जन समर्थन मिल रहा है। डॉ अंसारी ने कहा कि ऐसे नेता किसी समाज के लिए वरदान होते हैं जो न सिर्फ जनता के दर्द को समझते हैं बल्कि उसके समाधान के लिए पूरी ताकत झोंक देते हैं। गांधी का यह समर्पण और निष्ठा आने वाले समय में लोगों के दिलों पर अमित छाप छोड़ेगा।  

भोपाल मुसलमानों का नहीं’– BJP सांसद शर्मा के बयान से मचा बवाल

भोपाल देशभर में पाठ्यक्रम बदलने को लेकर चल रही बहस के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इतिहास को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने एक सार्वजनिक मंच से कहा कि भोपाल सिर्फ मुसलमानों का नहीं है, यह सम्राट अशोक, राजा भोज और रानी कमलापति का भोपाल है। सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल का 1000 साल का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह सम्राट अशोक का भोपाल है, परमार वंश के राजा भोज का भोपाल है और रानी कमलापति का भोपाल है। शर्मा का यह बयान सामने आते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। मुस्लिम समुदाय ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है। इतिहासकारों के अनुसार भोपाल की स्थापना करीब 1500 साल पहले गोंड शासकों ने की थी। बाद में परमार वंश के राजा भोज से इसका नाम जुड़ा। 14वीं सदी तक यह गोंड साम्राज्य का हिस्सा रहा। 17वीं शताब्दी में रानी कमलापति के शासनकाल के दौरान अफगान सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने यहां कब्जा कर इस्लामी शासन स्थापित किया, जो 1949 तक नवाबों के अधीन रहा। इसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण भोपाल को लंबे समय से ‘नवाबों का शहर’ कहा जाता रहा है।  PCC चीफ जीतू पटवारी ने उठाए सवाल? भाजपा सांसद आलोक शर्मा के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ‘आलोक शर्मा की बुद्धि पर तरस आता है। यह सांसद हैं या सिर्फ बयानबाज नेता… आपके पाप जितने होने थे, हो गए। अब बदलाव का वक्त आ गया है’ बता दें कि बीजेपी सांसद के इस बयान से एक बार फिर भोपाल के इतिहास और पहचान को लेकर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। 

जालंधर में सर्जिकल कॉम्प्लेक्स के Metro Milk Factory में हुई अमोनिया गैस लीक, 30 लोग फंसे

जालंधर  वेस्ट हलके में स्थित सर्जिकल कॉप्लैक्स के मैट्रो मिल्क फैक्टरी में अमोनिया गैस लीक हो गई। इस घटना में कर्मियों में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन द्वारा क्रेन की मदद से दीवार तोड़कर कर्मियों को बाहर निकाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस घटना के दौरान 30 लोग अंदर फंसे हुए है, जिन्हें क्रेन की मदद से बाहर निकाला जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। मेडिकल टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी घायल को तुरंत उपचार मिल सके। फिलहाल गैस रिसाव के कारणों का पता लगाया जा रहा है और हालात पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं।  

सरकार का नया फैसला, प्रभावित होंगे 55 लाख राशन कार्डधारी

चंडीगढ़ पंजाब में राशन कार्डों को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि केंद्र की ओर से पंजाब में 8 लाख राशन कार्ड काटने की साजिश रची जा रही है। इसके कारण राज्य के लाखों लोगों को मुफ्त राशन नहीं मिल सकेगा। इससे पहले भी 23 लाख लोगों को इस सुविधा से वंचित किया जा चुका है। अब सरकार की इस साजिश से कुल 55 लाख लोग इस सुविधा से वंचित हो जाएंगे। पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र द्वारा राशन कार्ड काटने के मानदंड गलत हैं। गौरतलब है कि इस समय राज्य में 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं, जिन्हें राशन कार्ड के माध्यम से सस्ता अनाज मिल रहा है। केंद्र ने इनकी जांच करने के लिए कहा है, जबकि पंजाब सरकार के मुताबिक 1.29 करोड़ लाभार्थियों का वेरिफिकेशन हो चुका है। केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री के इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि केंद्र ने सिर्फ अयोग्य लाभार्थियों की पहचान करने के लिए कहा है। मंत्री ने साफ किया है कि केंद्र सरकार ने मंज़ूर किए गए 1.41 करोड़ लाभार्थियों में से किसी को नहीं हटाया है। मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि हम अपने विभाग से इन कार्डों की जांच करवाएंगे। इससे पता लग सकेगा कि कहीं कोई ऐसा व्यक्ति तो नहीं है, जिसका राशन कार्ड नहीं बनना चाहिए था और बन गया हो।  

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को मिला स्टेट गेस्ट स्टेटस, जानें पूरी डिटेल

लखनऊ  उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को राज्य अतिथि (State Guest) का दर्जा दिया है. सरकार की ओर से उन्हें न केवल राज्य अतिथि का सम्मान दिया गया है, बल्कि उनकी सुरक्षा और ठहराव से जुड़े सभी इंतजाम भी पुख्ता कर दिए गए हैं. शुभांशु शुक्ला को राजधानी लखनऊ स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में रोका गया और प्रोटोकॉल के तहत उनका पूरा ख्याल रखा गया.  जानकारी के मुताबिक, सरकार ने शुभांशु शुक्ला की ओवरऑल सिक्योरिटी की जिम्मेदारी एक डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी है. यह अधिकारी उनकी हर गतिविधि पर नजर रखेगा और उनकी सुरक्षा से जुड़े सभी इंतजाम सुनिश्चित करेगा. साथ ही, ट्रैफिक पुलिस विभाग की ओर से उन्हें एस्कॉर्ट गाड़ी भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि उनके मूवमेंट के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो.  हालांकि, राज्य अतिथि होने के बावजूद शुभांशु शुक्ला पर घर जाने की कोई कानूनी रोक नहीं है. लेकिन प्रशासन ने साफ किया है कि फिलहाल उनके घर जाने के कार्यक्रम को टाल दिया गया है. दरअसल, जहां शुभांशु शुक्ला का घर है, वहां छोटी-छोटी गलियां हैं. ऐसे में वहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने की आशंका है. प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा. इसलिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने उनके घर जाने के कार्यक्रम को ‘एवॉइड’ किया है.  बिना प्रोटोकॉल कहीं नहीं जा सकेंगे शुभांशु सूत्रों के मुताबिक, शुभांशु शुक्ला को बिना प्रोटोकॉल और जानकारी दिए कहीं जाने की अनुमति नहीं होगी. राज्य अतिथि होने के नाते उनकी हर गतिविधि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में होगी. सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का प्रोग्राम तभी होगा, जब पहले से सूचना दी जाए और सुरक्षा इंतजाम पूरे हों.  सम्मान और सुरक्षा दोनों साथ राज्य अतिथि का दर्जा मिलना शुभांशु शुक्ला के लिए एक बड़े सम्मान की तरह देखा जा रहा है. साथ ही, यह सरकार की ओर से एक स्पष्ट संदेश भी है कि वह किसी भी तरह की सुरक्षा या व्यवस्था से समझौता नहीं करेगी. अब लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के हर कार्यक्रम और मूवमेंट पर सरकार की पैनी नजर रहेगी और उन्हें पूरा प्रोटोकॉल दिया जाएगा.

सीएम योगी का संकल्प “हर हाथ को काम, हर युवा को सम्मान” भरने जा रहा है नई उड़ान

रोज़गार महाकुंभ 2025 यूपी में लगेगा सैकड़ों कंपनियों का जमावड़ा, युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के सुनहरे अवसर  सीएम योगी का संकल्प “हर हाथ को काम, हर युवा को सम्मान” भरने जा रहा है नई उड़ान  युवाओं को मिलेगा उद्योग जगत से जुड़ने का सीधा मौका, सपनों को मिलेगी उड़ान – 100 से अधिक दिग्गज कंपनियां 50 हजार से अधिक युवाओं के देगी रोजगार के अवसर – तीन दिन में तीन मंच से युवाओं के सपने होंगे साकार, कंपनियों को मिलेगा नई ऊर्जा और स्किल्ड टैलेंट लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प “हर हाथ को काम, हर युवा को सम्मान” अब नई उड़ान भरने जा रहा है। सीएम योगी की पहल पर राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 26 से 28 अगस्त तक आयोजित होने वाला तीन दिवसीय “रोज़गार महाकुंभ 2025” प्रदेश के लाखों युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यह आयोजन उत्तर प्रदेश की रोजगार और कौशल क्रांति की नई पहचान बनेगा, जहां युवाओं को सीधे उद्योग जगत से जुड़ने और अपने भविष्य को नई दिशा देने का सुनहरा मौका मिलेगा। इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें देश-विदेश की नामी कंपनियों का बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है। देश की करीब 100 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियां इसमें हिस्सा लेंगी, जो विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। इसमें 100 से अधिक कंपनियों की ओर से 50 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी का अवसर दिया जाएगा।  रोजगार महाकुंभ में शामिल होंगी दिग्गज कंपनियां  लखनऊ में आयोजित रोजगार महाकुंभ में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में और डेटा-ड्रिवेन सॉल्यूशंस पर काम करने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Wadhwani AI, Microsoft और Intel जैसी अंतरराष्ट्रीय दिग्गज कंपनियां शामिल होंगी, जो इससे तकनीक और शोध से जुड़े युवा सीधे स्टार्टअप इकोसिस्टम में प्रवेश कर सकेंगे। ये कंपनियां सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हार्डवेयर डिजाइन जैसे क्षेत्रों में नौकरियां देंगी। इससे यूपी के इंजीनियरिंग और तकनीकी पृष्ठभूमि के युवाओं को बड़ा लाभ मिलने वाला है।  इसके अलावा ई-कॉमर्स सेक्टर से Flipkart और Amazon Web Services (AWS) जैसी कंपनियों की उपस्थिति से युवाओं को सप्लाई चेन मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, डेटा एनालिटिक्स और ऑनलाइन रिटेल ऑपरेशंस में अवसर मिलेंगे। इस तीन दिवसीय रोजगार महाकंभ में जहां वित्तीय और बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी कंपनियां भी शामिल होंगी वहीं मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर से Mahindra जैसी कंपनियां रोजगार की बड़ी संभावनाएं लेकर आएंगी। यहां मैकेनिकल इंजीनियर्स और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग वाले युवाओं को लाभ मिलेगा। तीन दिन में तीन मंच से हजारों सपनों को मिलेगी उड़ान रोज़गार महाकुंभ 2025 में जहां एक ओर हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कंपनियों को भी नई ऊर्जा और स्किल्ड टैलेंट उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में  यह आयोजन प्रदेश की अर्थव्यवस्था, निवेश और औद्योगिक विकास को नई गति देने वाला साबित होगा। इस तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ में तीन मंच के माध्यम से हजारों युवाओं के सपने को उड़ान मिलेगी। जिसमें प्रमुख रूप सें रोज़गार कॉन्क्लेव होगा जिसमें नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ युवाओं की सीधी बातचीत होगी। वहीं रोज़गार महाकुंभ में कंपनियां ऑन-स्पॉट इंटरव्यू और प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित करेंगी। जिसमें 50 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी का अवसर दिया जाएगा। वहीं एग्ज़िबिशन पवेलियन के माध्यम से युवाओं को प्रदेश की प्रगति, नई औद्योगिक नीतियों और कौशल विकास मॉडल की झलक मिलेगी।

Dream11 का बड़ा फैसला: अब नहीं होगी टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप

नई दिल्ली एशिया कप 2025 से पहले भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) को बड़ा झटका लगा है. ड्रीम11 (Dream11) ने बीसीसीआई को ये सूचित कर दिया है है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम को अब स्पॉन्सर नहीं करेगा. संसद ने हाल ही में प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पास किया है. इस बिल के तहत भारत में रियम मनी गेमिंग पर रोक लग गई है, जिसके कारण ड्रीम11 का बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हुआ है.  रिपोर्ट के मुताबिक ड्रीम11 के प्रतिनिधि मुंबई स्थित बीसीसीआई ऑफिस आए और सीईओ हेमांग अमीन को इस फैसले की जानकारी दी. अब बीसीसीआई जल्दी ही नया टेंडर जारी करेगा. एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में होनी है. अब ड्रीम11 के हटने के बाद BCCI को जल्द ही नया स्पॉन्सर खोजना होगा. बीसीसीआई के अधिकारी ने इस अंग्रेजी अखबार को बताया, 'ड्रीम11 के प्रतिनिधियों ने बीसीसीआई कार्यालय का दौरा किया. उन्होंने सीईओ हेमांग अमीन को सूचित किया कि ड्रीम11 अब इस डील को आगे जारी रखने में असमर्थ है. इसके चलते वो एशिया कप के लिए भारतीय टीम का प्रायोजक नहीं होगा. बीसीसीआई जल्द ही एक नया टेंडर जारी करेगा.' ड्रीम11 में कितने में की थी डील? ड्रीम11 ने जुला्ई 2023 में बीसीसीआई के साथ 358 करोड़ रुपये की भारी भरकम डील की थी. इसके तहत ड्रीम11 ने भारतीय महिला टीम, भारतीय मेन्स टीम, इंडिया अंडर-19 टीम और इंडिया-ए टीम की किट के लिए स्पॉन्सर राइट्स हासिल किए थे. तब ड्रीम11 ने बायूज ( Byju’s) को रिप्लेस किया था. कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने के बावजूद ड्रीम11 को किसी तरह का जुर्माना नहीं भरना होगा. कॉन्ट्रैक्ट में साफ लिखा है कि अगर भारत सरकार के नए कानून से कंपनी के मुख्य बिजनेस पर असर पड़ता है, तो कंपनी बोर्ड को कोई पेनल्टी नहीं देगी. ड्रीम11 की शुरुआत 18 साल पहले हुई थी और आज इसकी वैल्यू लगभग 8 बिलियन डॉलर है. ड्रीम11 ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी बड़ा निवेश किया. इसने एमएस धोनी, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया. साल 2020 में ड्रीम11 ने आईपीएल ट्रॉफी को भी स्पॉन्सर किया. ड्रीम11 कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) का आधिकारिक फैंटेसी पार्टनर है. साथ ही यह न्यूजीलैंड में आयोजित होने वाले सुपर स्मैश का टाइटल स्पॉन्सर भी रहा है. ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग (महिला और पुरुष दोनों) से भी इसका जुड़ाव रहा है. साल 2018 में इसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के साथ भी पार्टनरशिप की थी. क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी इसने निवेश किया हुआ है

बिहार में पुलों की क्रांति: गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर तेज़ी से हो रहा निर्माण

बिहार बन रहा पुलों का प्रदेश, गंगा-सोन-गंडक-कोसी पर पुलों का हो रहा तेजी से निर्माण बिहार में पुलों की क्रांति: गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर तेज़ी से हो रहा निर्माण बदलती तस्वीर: बिहार बन रहा पुलों का प्रदेश, नदियों पर जुड़ रहे नए सफर पटना बिहार अब पुलों का प्रदेश बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता संभालने के बाद से पुल निर्माण में ऐतिहासिक तेजी आई है। पिछले दो दशकों में गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदियों पर 15 बड़े पुल बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 21 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। हाल ही में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी पर बने 6 लेन वाले औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन किया। यह पुल देश का सबसे चौड़ा पुल है, जिसकी लंबाई 8.15 किलोमीटर है। इसके चालू हो जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क और मजबूत हुआ है। राज्य के अधिकांश जिलों में नदियों के जाल के कारण आवागमन लंबे समय से चुनौती रहा है। तीन घंटे में पटना पहुंचने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नदियों पर मजबूत पुलों का निर्माण जरूरी है।  गंगा नदी पर पुलों का विस्तार गंगा नदी पर फिलहाल 8 पुल चालू हैं। नौ पुलों का निर्माण चल रहा है, जबकि तीन और नए पुलों की योजना पर काम शुरू हो गया है। इनमें औंटा-सिमरिया पुल राज्य की जीवनरेखा बनकर उभरा है। सोन नदी पर सातवां पुल सोन नदी पर अब तक पांच पुल बन चुके हैं। एक का निर्माण जारी है और दो और पुलों की मंजूरी मिल चुकी है। नया सातवां पुल कोइलवर से 10 किलोमीटर दूर बिंदौल और कोशीहान के बीच बनेगा। वहीं, छठा पंडुका घाट पुल डेहरी ऑन सोन से अकबरपुर-सदुनाथपुर मार्ग को जोड़ेगा। इससे न केवल बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश के लोगों को भी सीधा फायदा मिलेगा। गंडक और कोसी पर लंबी छलांग गंडक नदी पर सात पुल तैयार हैं। तीन और निर्माणाधीन हैं तथा चार नए प्रस्तावित हैं। दूसरी ओर कोसी नदी पर अब तक 4 पुल बन चुके हैं और 3 पुल निर्माणाधीन हैं । खासकर मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल के बकौर तक बनने वाला पुल पूरे देश का सबसे लंबा पुल होगा। 10.02 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 1200 करोड़ की लागत से हो रहा है। इसके चालू होते ही मधुबनी और सुपौल की दूरी 30 किलोमीटर घट जाएगी और यातायात में क्रांतिकारी सुधार आएगा। बिहार में पुलों का यह विस्तार न सिर्फ परिवहन व्यवस्था को सुगम बना रहा है, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की नई राह खोल रहा है। आने वाले वर्षों में जब ये सभी पुल तैयार हो जाएंगे, तब तीन घंटे में पटना का सपना हकीकत बन जाएगा।

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: पांच साल में 2317 बच्चों की धड़कनें फिर से हुईं मजबूत

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना से पांच साल में 2317 बच्चों को मिला नया जीवन मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: पांच साल में 2317 बच्चों की धड़कनें फिर से हुईं मजबूत पांच साल की सफलता: सीएम बाल हृदय योजना से हजारों बच्चों को जीवनदान पटना बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी बनकर उभरी है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर उनका निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 से अब तक कुल 2317 बच्चों के हृदय का सफल इलाज किया जा चुका है। इनमें सबसे अधिक 1565 बच्चों का निःशुल्क इलाज अहमदाबाद के प्रशांति मेडिकल सर्विसेज और रिसर्च संस्थान (श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल) में हुआ है। वहीं, पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) में 402, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में 149 और जयप्रभा मेदांता अस्पताल में 201 बच्चों के हृदय रोग का इलाज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 338, 2022-23 में 410, 2023-24 में 556, 2024-25 में 764 और 2025-26 में अब तक 249 बच्चों का सफल इलाज हो चुका है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विशेष सहायता मिली है। योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चे का आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो और माता-पिता का बिहार का निवासी होना अनिवार्य है।