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NDRF ने बचाया गुरदासपुर में बाढ़ में फंसे अधिकारी, 15 घंटे तक राहत के लिए इंतजार

गुरदासपुर रावी दरिया में आई बाढ़ के कारण दीनानगर क्षेत्र में आम लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वहीं, लोगों की मदद के लिए फील्ड में गए कई अधिकारियों और कर्मचारियों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जब बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए फील्ड में गए दीनानगर के एसडीएम जसपिंदर सिंह आईएएस और डीएसपी राजिंदर सिंह मिन्हास भी अपनी टीमों के साथ बाढ़ के पानी से घिर गए और अधिकारियों को रावी दरिया के किनारे एक बाढ़ग्रस्त गांव के अंदर रात बितानी पड़ी। जहां से सुबह होने पर दोनों अधिकारियों को उनकी टीम के साथ एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 अगस्त को जब पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल दीनानगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे तो उनके साथ एसडीएम जसपिंदर सिंह और डीएसपी राजिंदर सिंह मिन्हास भी थे। लेकिन जब कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल जायजा लेने के बाद वापस लौटे तो दोनों अधिकारी रावी दरिया के धुस्सी तटबंध पर स्थिति और बचाव प्रबंधों का जायजा लेने के लिए आगे बढ़ गए। जब दोनों अधिकारी धुस्सी बांध पर पहुंचे तो रावी दरिया का पानी अभी ज्यादा तेज नहीं था, लेकिन जब अधिकारी शाम करीब 5 बजे गांव झबकरा से दीनानगर लौटने लगे तो दीनानगर जाने वाले सभी रास्ते छह फीट तक पानी से भर गए थे। जिसके बाद बाढ़ में घिरे दोनों अधिकारियों को रावी दरिया के किनारे स्थित गांव झबकरा में रात गुजारनी पड़ी और सुबह होने पर दोनों अधिकारियों को उनकी टीम के साथ एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू किया।

नए दौर के ट्रेंडी वर्कआउट्स

स्वस्थ और फिट बने रहने के लिए नियमित एक्सरसाइज जरूरी है। लेकिन रुटीन फिटनेस रजीम मसलन ट्रेडमिल, साइकिलिंग, जिमिंग और अन्य फिजिकल एक्सरसाइजेज से आधुनिक युवा बोर हो जाते हैं। यही वजह है कि अकसर लोग सप्ताह या महीने भर एक्सरसाइज के बाद नियम से भटकने या व्यायाम न करने के बहाने बनाने लगते हैं। फिटनेस एक्सपर्ट्स की मानें तो एक्सरसाइज रुटीन को रुचिकर बनाया जाना चाहिए। इससे उसका तारतम्य टूटता नहीं है। साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करके स्वस्थ जीवन का आनंद भी लिया जा सकता है। यहां फिटनेस एक्सपर्ट एवं न्यूट्रिशनिस्ट नीरज मेहता बता रहे हैं नए वर्कआउट ट्रेंड्स के बारे में, ताकि आपका फिटनेस रेजीम रुचिकर हो जाए। फिटनेस के नए तरीके न सिर्फ बेहद प्रभावी और कम समय लेने वाले हैं, बल्कि ये बॉडी की टोनिंग करने के साथ-साथ तनाव भी दूर करते हैं। इसलिए अगर आप अपने पुराने वर्कआउट रुटीन से बोर हो गए हैं तो फिट रहने के लिए यहां दिए गए नए तरीके अपना सकते हैं… रन एंड फन जैसा कि नाम से जाहिर है, इस वर्कआउट में कंप्लीट फन और फिटनेस मिलती है। इसमें कुछ रुकावटों के साथ विभिन्न गति वाली लंबी दौड मसलन एनिमल वॉक, डक वॉक, वॉल क्लाइम्बिंग, क्रॉलिंग, कोऑर्डिनेटेड डांस स्टेप्स, लॉन्ग और हाइ जंप्स शामिल होती हैं। इस तरह के वर्कआउट घर या बाहर कहीं भी कर सकते हैं। इस वर्कआउट का मकसद एक्सरसाइज को दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण बनाए रखना है। लेकिन साथ ही इसमें वर्कआउट के महत्वपूर्ण तत्वों जैसे गति, सामर्थ्य, लचीलापन और सहनशक्ति को भी कायम रखा जाता है। फ्यूजन फिटनेस अलग-अलग वर्कआउट के कॉम्बिनेशन को फ्यूजन फिटनेस कहते हैं। मसलन कोर स्ट्रेंथ, मस्कुलर स्ट्रेंथ, शरीर संतुलन, गति और सामर्थ्य। इसमें अलग-अलग तरह की क्रियाएं भी शामिल होती हैं जैसे- योग, एक्सट्रीम बॉडी स्ट्रेच, पिलातज, स्पिनिंग, सर्किट ट्रेनिंग, बूट कैंप, जुंबा, बॉडी वेट ट्रेनिंग, हाइ इंटेंसिटी कार्डियो, किक बॉक्सिंग, फन एंड रन, फ्लोर एरोबिक्स। इस तरह के वर्कआउट के परिणाम अच्छे होते हैं। खास तौर पर व्यस्त जीवनशैली वाले लोगों के लिए ऐसा वर्कआउट बेहतरीन होता है। हिट एंड फिट यह फिट रहने के लिए एक चुनौती भरा वर्कआउट है। लेकिन थोडा-बहुत बदलाव करके इसे कोई भी कर सकता है। यह एक फिटनेस प्रोग्राम है, जिसमें तमाम तरह की वेट रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और फंक्शनल मूवमेंट्स शामिल होते हैं। इनके साथ ही इसमें बॉडी वेट ट्रेनिंग, फ्री हैंड एक्सरसाइजज जैसे पुश-अप्स, स्कॉट्स, वेटलिफ्टिंग, हाइ जंप्स, जिमनास्टिक्स, रनिंग और रोइंग जैसे वर्कआउट्स आदि भी शामिल होते हैं। वॉक एंड टॉक यह खुली हवा में ग्रुप के साथ किया जाने वाला वर्कआउट है। यह आधुनिक जीवनशैली की दरकार भी है। यानी साथियों से बातचीत करते हुए टहलना भी हो जाता है। चाहें तो दो-तीन ग्रुप के साथ बात करते हुए तज चलने की प्रतियोगिता भी कर सकते हैं। इस तरह जोश में ब्रिस्क वॉक भी हो जाएगी। स्टील फ्लेक्स स्टील फ्लेक्स एक विशेष प्रकार का स्ट्रेचिंग रुटीन है, जो शरीर का लचीलापन बढाता है। यह डायनेमिक योग और स्टैटिक स्ट्रेचिंग का मिला-जुला रूप है, जिसमें डंबल्स और अन्य प्रॉप्स की मदद से किसी बॉडी पार्ट की अधिकतम स्तर तक स्ट्रेचिंगकी जाती है। ये फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग की नई तकनीक है, जिसमें शरीर के जोडों और कनेक्टिंग टिश्यूज को फायदा पहुंचाने वाले मूवमेंट्स, पोश्चर्स और ब्रीदिंग पैटर्न पर विशेष बल दिया जाता है। इस वर्कआउट तकनीक की सबसे अच्छी बात यह है कि इससे सभी 4 तरह की मसल्स कॉन्सट्रैक्शन प्रक्रिया को लाभ पहुंचता है। एक्स्ट्रीम स्ट्रेच मसल्स को टोन-अप करने और लचीलापन बढाने के लिए यह स्ट्रेचिंग रुटीन फायदेमंद है। फ्लाइव्हील यह बेहद तीव्र गति की स्पिन बाइक ग्रुप क्लास होती है, जिसमें व्यक्ति को 45-50 मिनट तक जिम में बाइकनुमा मशीन चलानी होती है। इस दौरान पहाड पर चढने जैसा उपक्रम करना होता है और इस दौरान हाथों में डंबल्स लेकर मूवमेंट्स भी करने होते हैं। म्यूजिक इस वर्कआउट का अहम हिस्सा है और इसकी कोरियोग्राफी आमतौर पर पहले ही कर ली जाती है। इस वर्कआउट में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी किए जा सकते हैं। इसमें व्यक्ति के कंफर्ट लेवल के हिसाब से फ्लाइव्हील पाजीशन तय की जाती है। जिम ट्रेनिंग में पहले जो इक्विपमेंट्स इस्तेमाल करते थे, वही आप नए जमाने के वर्कआउट ट्रेनिंग में भी कर सकते हैं। बस उनके मूवमेंट्स थोडे बदले होंगे।  

देश-विदेश के पर्यटकों को भा रहा है मध्यप्रदेश

भोपाल  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ‘विरासत से विकास’ के मार्ग पर चल कर सांस्कृतिक अभ्युदय और वैश्विक पुनर्जागरण के नए युग में प्रवेश कर रहा है। इसमें पर्यटन की भूमिका भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री का मानना है कि पर्यटन आर्थिक लाभ का साधन होने के साथ ही भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पटल पर स्थापित करने का साधन है। मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। यहां की ऐतिहासिक धरोहर, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल और लोक परंपराओं की समृद्धि इसे विश्व पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिला रही हैं। एक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ने विगत वर्ष मध्यप्रदेश को दुनिया के टॉप-10 टूरिज्म डेस्टिनेशन में शामिल किया, जो हमारे लिए गौरव का विषय है। इस संदर्भ का उल्लेख प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गत 25 दिसम्बर को खजुराहो में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती कार्यक्रम में करते हुए प्रदेश के प्रयासों की सराहना की थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश का पर्यटन क्षेत्र अभूतपूर्व विरासत से विकास के विस्तार पथ पर चल कर नये युग में प्रवेश कर चुका है। मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाकर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है। इस परिवर्तन की आधारशिला मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में बनी 'मध्यप्रदेश पर्यटन नीति-2025' है। यह नीति पर्यटन के संचालन और निवेश के क्षेत्र को नया आकार देने वाली व्यापक रणनीति है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में पर्यटन ईकोसिस्टम विकसित करना है, जो पर्यटन को बढ़ावा देने वाली अधोसंरचना विकसित करने में सहायक सिद्ध हुई है। साथ ही इस नीति ने प्रदेश को ग्लोबल संपर्क बढ़ाने की दिशा का रोडमैप भी उपलब्ध कराया है। यह नीति निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करती है, साथ ही ईको टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन और धरोहरों के संरक्षण के लिए व्यापक अवसर प्रदान करती है। प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को मिली अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि              खजुराहो नृत्य समारोह, तानसेन संगीत समारोह, भगोरिया उत्सव और लोकरंग जैसे आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।              विक्रमोत्सव जैसे आयोजन उज्जैन को विश्व सांस्कृतिक मानचित्र पर नई पहचान दे रहे हैं और भारतीय पुनर्जागरण के वाहक बन रहे हैं।              उज्जैन में डमरू वादन, ग्वालियर में ताल दरबार (तबला वादन), भोपाल में गीता पाठ और खजुराहो में कथक कुंभ (नृत्य मैराथन) ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है।              ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, चित्रकूट का राम वन पथ गमन, जानापाव और संदीपनि आश्रम जैसे केंद्र आध्यात्मिक पर्यटन की पहचान बन चुके हैं।              प्रदेश के धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थलों में लोक एवं स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें सागर में संत रविदास लोक, जबलपुर में रानी दुर्गावती स्मारक, सीहोर में देवी लोक सलकनपुर, ओरछा, जिला निवाड़ी में श्री रामराजा लोक, पांढुर्णा में जाम सॉवली श्री हनुमान लोक, मंदसौर में श्री पशुपतिनाथ लोक, ग्वालियर में अटल स्मारक, महू जिला इंदौर में श्री परशुराम लोक जानापाव, भोपाल में महाराणा प्रताप लोक, नीमच में भादवामाता लोक, जबलपुर में रानी अवंतीबाई स्मारक, अमरकंटक जिला अनूपपुर में माँ नर्मदा महालोक, खरगौन में देवी अहिल्या लोक और बड़वानी में नागलवाडी लोक बनाया जा रहा है। ग्रामीण, साहसिक और जलीय पर्यटन     होम-स्टे योजना से ग्रामीणों को सीधा आर्थिक लाभ और पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति का अनुभव हो रहा है।     साहसिक पर्यटन में उज्जैन स्काई-डाइविंग फेस्टिवल, पचमढ़ी और भोपाल मैराथन प्रमुख आकर्षण केन्द्र बने।     नर्मदा नदी पर जल पर्यटन परियोजनाएं, महेश्वर की पर्यावरण-अनुकूल नावें और पोंटून जेटी नई पहचान गढ़ रहे हैं। डबल-इंजन सरकार की सिनर्जी     स्वदेश दर्शन 2.0 और प्रसाद योजनाओं के तहत 2024-25 में 118.91 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत हुई।     अमरकंटक, दतिया पीताम्बरा पीठ, ग्वालियर फूलबाग और चित्रकूट घाटों का विकास हो रहा है।     ओरछा और मांडू को ‘चैलेंज बेस्ड डेस्टिनेशन’ के रूप में चुना गया है। वैश्विक पहचान              जापान में आयोजित विश्व गुलाब सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलनों में मध्यप्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही।              आगामी 29-30 अगस्त 2025 को ग्वालियर में होने वाला क्षेत्रीय पर्यटन सम्मेलन राज्य की नीतियों और निवेश संभावनाओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच देगा। आज मध्यप्रदेश पर्यटन केवल आर्थिक वृद्धि का साधन नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को दुनिया तक ले जा रहा है। मध्यप्रदेश पर्यटन की उपलब्धियां              वर्ष 2024 में अक्टूबर तक 10.70 करोड़ पर्यटक आए। यह संख्या वर्ष 2022 के 3.41 करोड़ से तीन गुना अधिक है।              मध्यप्रदेश में देश के सबसे अधिक 785 बाघ, 11 राष्ट्रीय उद्यान, 8 टाइगर रिजर्व और 25 वन्य अभयारण्य हैं।              राज्य के पास 14 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। ग्वालियर को “सिटी ऑफ़ म्यूज़िक” का दर्जा मिला है।              पर्यटन नीति 2025 के तहत 214 करोड़ रुपये से अधिक निजी निवेश आकर्षित हुए और लगभग 2 लाख रोजगार सृजित हुए।              महिला सुरक्षा हेतु ‘महिला सुरक्षित पर्यटन स्थल’ योजना को निर्भया फंड से समर्थन मिला है।              132 फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग से मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन का केंद्र बना है।  

जीएसटी चोरी में बड़ी कार्यवाही: भीलवाड़ा में डीजीजीआई की छापेमारी

  भीलवाड़ा, महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस जयपुर जोनल यूनिट ने गुरुवार को भीलवाड़ा में जीएसटी चोरी और फर्जी बिलिंग के नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की। जयपुर से आई विशेष टीमों ने शहर के 10 से अधिक प्रोसेस हाउस और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड्स बरामद किए गए, जिनकी जांच शुरू हो गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई मुख्य रूप से निखिल डाड के ठिकानों पर केंद्रित थी, जो पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड के पुत्र हैं। इसके अलावा, माहेश्वरी केमिकल से जुड़े अनुज सोमानी के प्रतिष्ठानों पर भी डीजीजीआई ने तलाशी ली। प्रारंभिक जांच में 10 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि यह राशि और बढ़ सकती है, क्योंकि बरामद दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण अभी जारी है। डीजीजीआई की यह कार्रवाई राजस्थान में जीएसटी चोरी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी जीएसटी नियमों के उल्लंघन और फर्जी बिलिंग के जरिए बड़े पैमाने पर कर चोरी के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बरामद दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स की गहन जांच के बाद कर चोरी की पूरी तस्वीर सामने आएगी। इस कार्रवाई से भीलवाड़ा के व्यावसायिक समुदाय में हड़कंप मच गया है। डीजीजीआई ने स्पष्ट किया कि जीएसटी चोरी के खिलाफ ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी, ताकि कर चोरी पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में जीएसटी अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत संदेश देती है। जांच पूरी होने तक और जानकारी की प्रतीक्षा है।  

नए नियम: हरियाणा के विधायक अब ले सकेंगे ज्यादा एडवांस राशि

चंडीगढ़ हरियाणा की नायब सरकार विधायकों पर मेहरबान है। विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन पारित एक विधेयक में गाड़ी व मकान के लिए दूसरी व तीसरी बार एडवांस राशि प्राप्त करने के लिए 60 वर्ष की आयु सीमा को हटा दिया गया है।  इसके अतिरिक्त विधायकों द्वारा मकान की मरम्मत आदि के लिए 10 लाख रुपये अतिरिक्त तौर पर प्राप्त करने का कानूनी प्रविधान भी कर दिया गया है। हरियाणा विधानसभा में बुधवार को हरियाणा विधानसभा (सदस्य सुविधा) द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 सर्वसम्मति से पारित किया गया। संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने यह संशोधन विधेयक पेश किया, जिस पर तत्काल विचार कर सदन द्वारा उसे पारित कर दिया गया। इस संशोधित कानून के माध्यम से प्रदेश के मूल कानून हरियाणा विधानसभा (सदस्य सुविधा) अधिनियम 1979 की धारा तीन को बदला गया है। छह माह पूर्व मार्च 2025 में हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी इस धारा को बदला गया था। पिछले छह सालों में तीन बार इसमें बदलाव हो चुका है। ताजा संशोधन के बाद हरियाणा विधानसभा का हर सदस्य अपने कार्यकाल के दौरान मकान/फ्लैट आदि खरीदने या उसके निर्माण के लिए और गाड़ी खरीदने के लिए या दोनों के लिए कुल एक करोड़ रुपये का एडवांस हरियाणा विधानसभा से ले सकेगा। इसमें यह भी प्रविधान किया गया है कि अगर विधायक एक करोड़ रुपये से कम मूल्य की गाड़ी खरीदता है तो उसे शेष बची धनराशि ही मकान/फ्लैट खरीदने/बनाने के लिए मिल सकेगी। बहरहाल, मकान/फ्लैट को बनाने/खरीदने के लिए एडवांस को ब्याज (जिसकी दर मात्र 4 प्रतिशत है) सहित लौटाने के बाद वह विधायक दूसरी बार भी इसी उद्देश्य के लिए दोबारा एडवांस लेने के लिए योग्य होगा, हालांकि उसे ताजा धनराशि पूरे एक करोड़ रुपये नहीं बल्कि एक करोड़ रुपये में से गाड़ी खरीदने हेतु ली गई एडवांस धनराशि (अगर उसने एडवांस लिया है) को कम करने के बाद ही मिलेगी।   तीसरी बार भी मकान/फ्लैट बनाने/खरीदने के लिए विधायक एडवांस ले सकेगा, अगर उसने पिछला एडवांस ब्याज सहित लौटा दिया है। हालांकि तीसरी बार विधायक को एक करोड़ रुपये में से गाड़ी खरीदने के लिए लिए गए एडवांस (अगर उसने एडवांस लिया है) को उसमें से कम कर उसका पचास प्रतिशत अर्थात आधा ही एडवांस प्राप्त होगा। संशोधित कानून में प्रविधान है कि अगर विधायक ने मकान/फ्लैट बनाने/खरीदने के लिए एक करोड़ रुपये से कम एडवांस लिया है तो उसे शेष बची राशि के लिए मोटर का खरीदने के लिए एडवांस मिल सकेगा। कुल दो बार गाड़ी खरीदने के लिए एडवांस लिया जा सकता है।  

स्कूली गतिविधि के साथ शिक्षकों की फोटो भी विभाग को उपलब्ध करने का निर्देश

–    स्कूलों को उपलब्ध कराने होंगे चेतना सत्र, मध्याहन भोजन, विज्ञान एवं आईसीटी लैब की कक्षाओं के साथ शिक्षकों के भी ग्रुप फोटो पटना, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं की ससमय उपस्थिति और उनके कार्यकलापों की निगरानी के सम्बन्ध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों के लिए गुरुवार को एक नया निर्देश जारी किया है। दरअसल, शिक्षा विभाग ने अपने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को यह निर्देश दिया है कि वह स्कूलों से समय-समय पर विद्यालयों के कार्यकलापों की तस्वीरें मंगाई जाएं। लेकिन इस निर्देश के बावजूद राज्य के कई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों ने कॉल सेंटर के ऑपरेटर से इस संबंध में लिखित पत्र की मांग की है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा फोटो मांगे जाने पर उसे निश्चित रूप से फोटो उपलब्ध कराया जाए। यदि किसी को कॉलर के संबंध में कोई शक हो तो कमांड एंड कंट्रोल सेन्टर के 14417 अथवा 18003454417 पर सम्पर्क कर उसे कंफर्म कर सकते हैं। अपर मुख्य सचिव ने स्कूलों में चेतना सत्र, मध्याहन भोजन योजना, भौतिकी, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान, आईसीटी लैब की कक्षाओं से संबंधित, स्कूल के शौचालय की स्थिति, स्कूल की कार्यावधि में शिक्षकों का ग्रुप फोटो कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर को उपलब्ध कराया जाए। दरअसल, विभाग के अपर मुक्य सचिव को ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि कुछ स्कूलों से शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर लापता हो जाते हैं। उन्होंने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। साथ ही इस संबंध में विद्यालय प्रधान को भी सूचित किया जाए।

30 अगस्त तक हड़ताल से लौटे विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों के योगदान पर होगा विचार

सेवा नियमितीकरण की अफवाह से रहें सावधान, बर्खास्त लोगों पर कोई विचार नहीं करेगा विभाग पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि 30 अगस्त की शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटकर अपने बंदोबस्त कार्यालय को लिखित सूचना देने वाले कर्मियों पर ही विभाग विचार करेगा। तय तिथि के बाद लौटने वालों को अवसर नहीं दिया जाएगा। साथ ही बर्खास्त संविदा कर्मियों के मामलों में भी कोई विचार नहीं किया जाएगा। ज्ञात हो कि अगस्त से राजस्व महा-अभियान की शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी हड़ताल पर चले गये।मानदेय आधारित संविदा नियोजन नियमावली के तहत कार्यरत विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण अमीन और विशेष सर्वेक्षण लिपिक 16 अगस्त से तथाकथित संघ के आह्वान पर हड़ताल पर हैं। विभाग को जिलों से बड़ी संख्या में संविदाकर्मियों के हड़ताल छोड़ने और योगदान देने की सूचना मिल रही है। अभी तक 2087 संविदा कर्मी हड़ताल से वापस आकर काम पर लौट चुके हैं। इनके मामलों में विचार किया जा रहा है। सेवा नियमितीकरण पर फैलाई जा रही अफवाह विभाग ने यह भी साफ किया है कि सेवा नियमितीकरण या संविदा अवधि 60 वर्ष तक करने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। इसके बावजूद तथाकथित संघ द्वारा सरकार से सकारात्मक वार्ता होने की झूठी खबर फैलाई जा रही है और इस आधार पर संविदाकर्मियों से चंदा वसूला जा रहा है। निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा संविदा कर्मियों से अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और समय रहते अपने कार्यस्थल पर योगदान सुनिश्चित करें। बताते चलें कि अभी तक कुल 383 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त कर्मियों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। वहीं 2083 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों के हड़ताल से लौट आने के बाद जिलों द्वारा भेजे गये प्रतिवेदन के आधार पर उनके मामलों में पुनः विचार किया जा रहा है। वहीं इस दौरान विभिन्न पदों के 407 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी हड़ताल पर नहीं गए थे।

बिहार के दरभंगा के अतरबेल में कांग्रेस-आरजेडी की रैली में दी गई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भद्दी-भद्दी गालियां

मातृ शक्ति का अपमान करने पर भड़के योगी, कहा- एक साधारण मां ने संघर्ष से गढ़ा राष्ट्रसेवक, आज मोदी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के दरभंगा के अतरबेल में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्रयोग की गई बेहद अभद्र भाषा की कड़ी निंदा की है। यह कार्यक्रम बिहार यूथ कांग्रेस के नौशाद द्वारा कराया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लोकतांत्रिक मर्यादा और भारतीय संस्कृति पर सीधा प्रहार बताया।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति इस्तेमाल की गई अपमानजनक भाषा न केवल प्रधानमंत्री का अपमान है, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। योगी आदित्यनाथ ने लिखा, "कांग्रेस और आरजेडी के मंच से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए प्रयुक्त अभद्र भाषा अत्यंत निंदनीय एवं राजनीतिक मर्यादा का पतन है। यह कृत्य सिर्फ प्रधानमंत्री जी का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाओं का अपमान है।" उन्होंने आगे कहा कि एक साधारण मां ने अपने संघर्ष और संस्कारों से ऐसे पुत्र को गढ़ा, जिसने स्वयं को राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित कर दिया और आज वह विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में करोड़ों भारतीयों के हृदय में बसते हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि बिहार की जनता इस तरह की 'घृणित राजनीति' का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देगी और भारतीय संस्कृति तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगी।

कैथल से अमेरिका पोस्टल सर्विस पर रोक, भारतीय डाक ने भेजना बंद किया

कैथल  अब आप भारतीय डाक द्वारा अमेरिका में सामान नहीं भेज सकते। क्योंकि भारतीय डाक विभाग ने 25 अगस्त से अमेरिका के लिए ज्यादातर डाक सामानों की बुकिंग सस्पेंड कर दी है फिलहाल ये फैसला अस्थाई रूप से लागू होगा। आपको बता दे की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बीच भारत सरकार ने कड़ा रूख अपनाया है। भारत सरकार के डाक विभाग ने ऐलान किया है कि उसने अमेरिका के लिए सभी तरह की डाक वस्तुओं के आयात को अस्थाई तौर पर निलंबित करने का एक आदेश जारी किया है। डाक विभाग का यह एक्शन अमेरिका की ओर से 50 फीसदी टैरिफ के ऐलान के बाद आया है। मौजूदा समय में भारत से अमेरिका के लिए निर्यात किए जाने वाले सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगता है। 27 अगस्त से इसे बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है। डाक विभाग ने 25 अगस्त से अमेरिका जाने वाले सभी तरह के अंतरराष्ट्रीय डाक की बुकिंग बंद कर दी है लेकिन पत्र/दस्तावेज और 100 अमेरिकी डॉलर तक के गिफ्ट आइटम जैसी कुछ चीजें भेजी जा सकेंगी।  सरकार के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई, 2025 को विशेष आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार 800 डॉलर तक के सामान पर लगने वाली ड्यूटी (सीमा शुल्क) की छूट खत्म कर दी गई है। पहले, कम कीमत वाले सामान बिना ड्यूटी के अमेरिका में आ जाते सकते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।ड्यूटी-फ्री छूट को 29 अगस्त 2025 से खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन उसे पहले ही भारतीय डाक का यह आदेश जारी करना बड़ा कदम माना जा रहा है इस बारे में कैथल मुख्य पोस्टमास्टर संजय सोनी ने क्या जानकारी दी सुने।

डिजिटल भुगतान की सुविधा से रोडवेज यात्राएं होंगी आसान और तेज़

चंडीगढ़ हरियाणा रोडवेज की बसों में जल्द ही यात्री टिकट खरीदने के लिए डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। राज्य परिवहन विभाग ने यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) व दूसरे माध्यमों से टिकटों के भुगतान के लिए क्यूआर कोड विकसित करने के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी साैंपी है। अगले करीब दो सप्ताह में क्यूआर कोड विकसित करने की योजना है जबकि 15 अक्तूबर तक साइबर सिक्योरिटी से संबंधित कार्य होगा। इसके बाद यूपीआई व डिजिटल भुगतान के दूसरे माध्यमों से टिकट खरीदा जा सकेगा। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज के आदेश पर राज्य परिवहन विभाग क्यूआर कोड विकसित करा रहा है। यात्री के भुगतान के बाद ई-टिकट मशीन से टिकट जेनरेट हो जाएगा। मशीन के माध्यम से जो भी टिकट जेनरेट होंगे उन पर हर बार नया क्यूआर कोड प्रिंट होकर निकलेगा। इसका लाभ यह होगा कि एक यात्री संबंधित टिकट का उपयोग एक ही बार कर सकेगा। इस क्यूआर कोड में बस संख्या, कहां से कहां तक का टिकट लिया है यह ई-टिकट मशीनों के माध्यम से स्कैन करके पता चल जाएगा। ऐसे में कोई भी यात्री दूसरी बार टिकट का उपयोग नहीं कर सकेगा।