samacharsecretary.com

एआई से न्यूक्लियर तक: भारत और जापान के बीच नई टेक्नोलॉजी साझेदारी

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नीक में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हैं। दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीआई और पे नाउ को डिजिटल कनेक्टिविटी का 'सफल उदाहरण' बताया। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर ने आसियान के साथ द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध तरीके से समीक्षा करने का निर्णय लिया है। पीएम ने कहा, "प्रौद्योगिकी और नवाचार हमारी साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। आज अंतरिक्ष क्षेत्र में हुआ समझौता अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग का एक नया अध्याय जोड़ रहा है। हमने अपने युवाओं को उनकी प्रतिभा से जोड़ने के लिए इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का अगला राउंड आयोजित करने का निर्णय लिया है। यूपीआई और पे नाउ हमारी डिजिटल कनेक्टिविटी के सफल उदाहरण हैं और यह खुशी की बात है कि आज 13 नए भारतीय बैंक उनसे जुड़ गए हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा, "मैं पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री वोंग की पहली भारत यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करता हूं। यह यात्रा इसलिए और भी खास है, क्योंकि इस वर्ष हम अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में अपनी सिंगापुर यात्रा को याद किया, जिसके तहत दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था, और उन क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जो दोनों देशों के बीच सहयोग का केंद्र बिंदु भी बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले साल सिंगापुर की मेरी यात्रा के दौरान हमने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। इस एक साल में हमारे संवाद और सहयोग में गति आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत में सिंगापुर से बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। हमारे रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। लोगों के बीच संबंध गहरे और जीवंत हैं। आज, हमने अपनी साझेदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। हमारा सहयोग केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय के साथ उन्नत विनिर्माण, ग्रीन शिपिंग कौशल विकास, परमाणु और शहरी जल प्रबंधन जैसे क्षेत्र भी हमारे सहयोग का केंद्र बिंदु बनेंगे।" उन्होंने सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के अपने संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आसियान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच संबंध कूटनीति से आगे हैं। यह साझा मूल्यों पर आधारित एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमने निर्णय लिया है कि द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान के साथ हमारे मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा की जाएगी, ताकि पारस्परिक व्यापार में तेजी आए।

100 करोड़ इंटरनेट यूजर्स का भारत, अप्रैल-जून में रिकॉर्ड इजाफा

नई दिल्ली ब्रॉडबैंड ग्रोथ के कारण भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स की संख्या 30 जून, 2025 तक 1 अरब को पार कर 1,002.85 मिलियन हो गई, जो मार्च की तुलना में 3.48 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 100 करोड़ से अधिक ग्राहकों में से 4.47 करोड़ के पास वायर्ड इंटरनेट कनेक्शन थे, जबकि 95.81 करोड़ के पास वायरलेस कनेक्शन थे। ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की संख्या 3.77 प्रतिशत बढ़कर 979.71 मिलियन हो गई, जबकि नैरोबैंड यूजर्स की संख्या घटकर 23.14 मिलियन रह गई। जून तिमाही में कुल टेलीफोन ग्राहकों की संख्या 1,218.36 मिलियन तक पहुंच गई, जो पिछली तिमाही की तुलना में 1.46 प्रतिशत अधिक है। आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इससे कुल दूरसंचार घनत्व बढ़कर 86.09 प्रतिशत हो गया, जो पिछली तिमाही में 85.04 प्रतिशत था। जनसांख्यिकी के संदर्भ में, शहरी इंटरनेट ग्राहकों की संख्या लगभग 57.94 करोड़ है, जबकि ग्रामीण इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 42.33 करोड़ है। आंकड़ों के अनुसार, वायरलेस सेवाओं के लिए मासिक औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) 186.62 रुपए है, जबकि प्रति वायरलेस ग्राहक औसत उपयोग मिनट (एमओयू) हर महीने 16.76 घंटे है। दूरसंचार क्षेत्र का सकल राजस्व 96,646 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही से 1.63 प्रतिशत कम है, लेकिन सालाना आधार पर 12.34 प्रतिशत अधिक है। समायोजित सकल राजस्व 81,325 करोड़ रुपए रहा, जो पिछली तिमाही से 2.65 प्रतिशत अधिक है। एक्सेस सेवाओं का समायोजित सकल राजस्व में 83.62 प्रतिशत का योगदान रहा है। प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है कि लाइसेंस शुल्क 2.63 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपए हो गया और पास-थ्रू शुल्क 19.45 प्रतिशत घटकर 10,457 करोड़ रुपए हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने लगभग 912 निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को अपलिंकिंग या डाउनलिंकिंग या दोनों के लिए अनुमति दी है। भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध 902 सैटेलाइट टीवी चैनलों में से, 30 जून, 2025 तक 333 सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं।

CM साय के निर्देश पर तुरंत राहत: बाढ़ प्रभावितों को राशन, इलाज और दस्तावेज सेवा शुरू

तत्काल मुआवजा और सहायता से मिली बड़ी राहत रायपुर, बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अपने विदेश दौरे से लौट कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा पहुंचकर संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत और बचाव कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये थे। अब मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर तेजी अमल किया जा रहा है।  बाढ़ पीड़ित नागरिकों को जहां एक ओर राशन, ईलाज और दवाईयां के साथ-साथ गैस चुल्हे और सिंलेण्डर दिये गये हैं वहीं राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की उपयोगी सभी व्यवस्थाएं भी की गई है। अब बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान का वास्तविक आंकलन और अन्य जरूरी सहायता तथा मुआवजा देने की कार्यवाही पर भी तेजी से अमल किया जा रहा है। बाढ़ के पानी में खराब या नष्ट हो गये जरूरी दस्तावेजों को बनाने का काम भी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया हैं। बाढ़ की इस भीषण आपदा में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य और सहायता-मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।       बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के लोहन्डीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।       सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके। स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण श्री मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला आधिकारियों की इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। जो यह दर्शाता है कि आपदा की घड़ी में सरकार न सिर्फ राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलती है।

रायपुर एनआईटी-एफआईई को राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार

स्टार्टअप्स को उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन के लिए मिलेगा पुरस्कार  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी शुभकामनाएँ एनआईटी-एफआईई ने छत्तीसगढ़ में अब तक 40 से अधिक स्टार्टअप्स को दिया बढ़ावा रायपुर एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईई) को चौथे भारत उद्यमिता शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन 13 सितंबर को नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में होगा। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एनआईटी रायपुर-एफआईई के उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। संस्था को यह सम्मान राज्य में 35 से आधिक नये स्आर्टअप्स को मार्गदर्शन और उन्हें उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग के लिए मिलेगा। भारत उद्यमिता शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय उद्यमी संघ (ईएआई) और एंटरप्राइजिंग जोन-ईजेड द्वारा किया जा रहा है, जो भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेशन केंद्र है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है। यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ में तेजी से बदल रहे औद्योगिक वातावरण को प्रोत्साहित करेगा। एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार मिलना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। स्टार्टअप्स के पोषण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एनआईटी रायपुर-एफआईई की टेक्नोलॉजी आधारित गतिविधियां हमारे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी, और छत्तीसगढ़ को नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी। मुख्यमंत्री ने पूरी टीम को बधाई देते देते हुए उम्मीद जताई कि यह संस्था युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में निरंतर सफलता हासिल करेगी। एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने कहा कि राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में संस्था की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि एफआईई लगातार एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने में जुटा है, जो तकनीकी स्टार्टअप्स को सहयोग देकर उन्हें सफल उद्यमों में बदलता है। यह उपलब्धि उन्हें नई पीढ़ी के उद्यमियों को और मजबूती देने की प्रेरणा देती है। गौरतलब है कि एनआईटी रायपुर-एफआईई एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में मार्च 2021 में स्थापित हुआ। जो एनआईटी रायपुर का प्रौद्योगिकी व्यापार इन्क्यूबेटर है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की राष्ट्रीय नवाचार विकास और दोहन पहल (निधि) योजना के तहत कार्य करता है। संस्था ने अब तक छत्तीसगढ़ में 35 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है। इनमें से कुछ स्टार्टअप्स गवर्नेंस और मेडिकल उपकरण निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जबकि कुछ एनालिटिक्स, डीप-टेक, क्लीन टेक और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हैं। एनआईटी रायपुर एफआईई का संचालन निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव और कैरियर डेवलपमेंट सेंटर प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी के नेतृत्व में हो रहा है। परिचालन टीम में डॉ. अनुज कुमार शुक्ला (फैकल्टी प्रभारी), श्री पवन कटारिया (अधिकारी प्रभारी) और सीईओ श्रीमती मेधा सिंह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। एफआईई ने तकनीकी स्टार्टअप्स को व्यापक सहयोग देकर खुद को देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित किया है। जिनमें स्टार्टअप शुरू करना, कंपनी बनाना, तकनीकी मार्गदर्शन समेत स्टार्टअप्स से जुड़े सभी तरह के समर्थन शामिल हैं। छत्तीसगढ़ का कोई भी युवा यदि अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो वह इसके लिए एनआईटी रायपुर एफआईई से संपर्क कर सकता है।

मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर त्वरित अमल, तत्काल मुआवजा और सहायता से मिली बड़ी राहत

बाढ़ पीड़ितों को राशन-ईलाज के साथ अब जरूरी दस्तावेज बनाने का काम भी शुरू रायपुर बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अपने विदेश दौरे से लौट कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा पहुंचकर संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत और बचाव कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये थे। अब मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर तेजी अमल किया जा रहा है।  बाढ़ पीड़ित नागरिकों को जहां एक ओर राशन, ईलाज और दवाईयां के साथ-साथ गैस चुल्हे और सिंलेण्डर दिये गये हैं वहीं राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की उपयोगी सभी व्यवस्थाएं भी की गई है। अब बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान का वास्तविक आंकलन और अन्य जरूरी सहायता तथा मुआवजा देने की कार्यवाही पर भी तेजी से अमल किया जा रहा है। बाढ़ के पानी में खराब या नष्ट हो गये जरूरी दस्तावेजों को बनाने का काम भी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया हैं। बाढ़ की इस भीषण आपदा में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य और सहायता-मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।       बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के लोहन्डीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।       सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके। स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण श्री मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला आधिकारियों की इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। जो यह दर्शाता है कि आपदा की घड़ी में सरकार न सिर्फ राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलती है।

केंद्र सरकार को घेरा ममता ने, बोली- अमेरिका और चीन के सामने रही कमजोर

पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने विदेशी ताकतों के सामने भारत की प्रतिष्ठा को बेच दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ‘‘कभी अमेरिका के सामने तो कभी चीन के सामने भीख मांग रही है''। अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासियों पर हमलों से संबंधित सरकारी संकल्प पर राज्य विधानसभा में चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की ‘‘तानाशाही मानसिकता'' है। भाजपा ‘‘पश्चिम बंगाल को अपना उपनिवेश बनाना'' चाहती है। बनर्जी ने जैसे ही इस संकल्प पर बोलना शुरू किया तो हंगामा होने लगा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने विदेशी ताकतों के सामने भारत की प्रतिष्ठा बेच दी है। केंद्र सरकार कभी चीन के सामने गिड़गिड़ा रही है, तो कभी अमेरिका के सामने। वे देश नहीं चला सकते, राष्ट्र के हितों की रक्षा नहीं कर सकते, फिर भी हमें उपदेश देने की हिम्मत रखते हैं।'' मुख्यमंत्री ने भाजपा पर भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों पर चर्चा को रोकने का भी आरोप लगाया। बनर्जी ने दावा किया, ‘‘भाजपा बंगाली प्रवासियों पर हमलों को लेकर चर्चा के खिलाफ क्यों है? ऐसा इसलिए है… क्योंकि ये घटनाएं पार्टी शासित राज्यों में हो रही हैं। वे सच्चाई को दबाना चाहते हैं।'' 'भाजपा स्पष्ट रूप से बांग्ला विरोधी है…' सदन में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्षी पार्टी की नारेबाजी के बीच अपनी बात कहने की कोशिश करते हुए बनर्जी ने पूछा, ‘‘भाजपा मुझे इस सदन में बोलने क्यों नहीं दे रही है?'' उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंदी या किसी अन्य भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन भाजपा स्पष्ट रूप से बांग्ला विरोधी है। उनका रवैया औपनिवेशिक और तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। वे पश्चिम बंगाल को अपना उपनिवेश बनाना चाहते हैं।'' भाजपा तानाशाहों की पार्टी है- ममता बनर्जी ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा के ‘‘वैचारिक पूर्वजों'' ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश के साथ विश्वासघात किया था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा तानाशाहों की पार्टी है। उनके पूर्वजों ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने देश के साथ विश्वासघात किया।'' नोकझोंक बढ़ने पर, सत्ता पक्ष के कुछ विधायक विपक्षी दलों की ओर दौड़ पड़े, जिससे मार्शलों को हस्तक्षेप करना पड़ा। हंगामे की स्थिति के बीच मुख्यमंत्री को अपना भाषण कुछ देर के लिए रोकना पड़ा।  

सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षा रायपुर  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में स्थित लुत्ती बांध के टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री साय ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए। साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने तथा निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट, इस प्रकार कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह कुल 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय होगी। इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उईके तथा बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग मंडलों के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

करमा तिहार के रंग में डूबा मुख्यमंत्री निवास

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग रायपुर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत – 2025 करमा तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। ऐसे पर्व और परंपराएँ समाज को एकजुट होने का अवसर देती हैं, जिससे स्नेह, सद्भाव एवं सौहार्द की भावना विकसित होती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कंवर समाज के युवाओं द्वारा राजधानी रायपुर में करमा तिहार का आयोजन किया जा रहा है। हमारी आदिवासी संस्कृति में अनेक प्रकार के करमा तिहार मनाए जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है, जो हमारी कुंवारी बेटियों का पर्व है। इस करमा तिहार का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को उत्तम वर और उत्तम गृहस्थ जीवन मिले। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर बेटियाँ अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का पर्व आता है, जिसमें विवाह के पश्चात पहली बार जब बेटी मायके आती है, तो वह उपवास रखकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। इसी प्रकार जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है, जिसमें माताएँ पुत्र-पुत्रियों के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। यह एक कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएँ चौबीस घंटे तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करती हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यदि छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां अंग्रेजों के विरुद्ध 12 आदिवासी क्रांतियाँ हुईं। हमारी सरकार नया रायपुर स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी संस्कृति के महानायकों की छवि को आमजन की जागरूकता के लिए प्रदर्शित करने मॉडल के रूप में उकेरा जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित किया जा रहा है। उनके करकमलों से इस म्यूजियम का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देती रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आजादी के लगभग 40 वर्षों बाद आदिवासी विभाग का पृथक मंत्रालय बनाकर आदिवासी समाज के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हीं के बताए मार्ग पर वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आदिवासी समाज के बेहतरी एवं समग्र विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के लिए पीएम जनमन योजना का संचालन कर रहे हैं, जिससे हितग्राहियों को शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह ने बस्तर, सरगुजा एवं मध्य क्षेत्र प्राधिकरण का गठन कर विकास को गति प्रदान करने का कार्य किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि युवा आदिवासियों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से हमने नई उद्योग नीति बनाई है, जिसमें बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतें दी गई हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आदिवासी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना राज्य में ही की जा रही है। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली परंपरा रही है। इसी परंपरा के निर्वहन में आज हम करमा तिहार मना रहे हैं। हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। साय जी के नेतृत्व में ही बस्तर संभाग में बस्तर पांडुम के नाम से ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिसकी चर्चा पूरे भारत में हुई। श्री कश्यप ने इस अवसर पर समस्त छत्तीसगढ़वासियों को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। संरक्षक, अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति पमशाला, जशपुर, श्रीमती कौशिल्या साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज और प्रकृति एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। आदिवासी समाज के लिए प्रकृति सदैव आराध्य रही है। करमा पर्व प्रकृति प्रेम का पर्व है। हमारी संस्कृति अत्यंत गौरवशाली रही है और उसका संरक्षण तथा समय के साथ संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि समाज की महिलाएँ आगे आकर इस संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने सभी को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।  

भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक अमित क्षत्रिय को नासा में नई जिम्मेदारी, अंतरिक्ष मिशन की अगुवाई

वाशिंगटन  अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारतीय-अमेरिकी अमित क्षत्रिय को  ‘अन्वेषण-केंद्रित' नया सह-प्रशासक नियुक्त किया है। नासा में 20 साल सेवा दे चुके क्षत्रिय हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अन्वेषण प्रणाली विकास मिशन निदेशालय (ईएसडीएमडी) में चंद्रमा और मंगल से जुड़े अभियान कार्यक्रमों के उप-प्रभारी थे। नासा के एक बयान में कहा कि कार्यवाहक नासा प्रशासक सीन पी डफी ने बुधवार को अमित क्षत्रिय को नासा का अन्वेषण केंद्रित नया सह-प्रशासक नियुक्त किया। विस्कॉन्सिन में भारतीय प्रवासी माता-पिता के घर जन्मे एवं कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक) तथा ऑस्टिन स्थित टेक्सास विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त क्षत्रिय इतिहास में मिशन नियंत्रण उड़ान निदेशक के रूप में सेवा करने वाले लगभग 100 लोगों में से एक हैं। नासा की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल के अनुसार, वह 2003 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी से जुड़े थे। क्षत्रिय को अंतरिक्ष स्टेशन के 50वें अभियान के वास्ते प्रमुख उड़ान निदेशक के रूप में उनके कार्यों के लिए नासा उत्कृष्ट नेतृत्व पदक से सम्मानित किया गया था।   नासा ने कहा कि अपनी नयी भूमिका में वह एजेंसी में सर्वोच्च रैंक वाले सिविल सेवक के रूप में तथा डफी के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम करेंगे। कैलटेक के पूर्व छात्र के ब्लॉग के अनुसार, क्षत्रिय के पिता इंजीनियर थे और उनकी मां केमिस्ट थीं – दोनों ही भारतीय प्रवासी थे – जिन्होंने गणित और विज्ञान में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। क्षत्रिय और उनकी पत्नी के तीन बच्चे हैं।     

प्याज महंगा नहीं होगा! जानें किन शहरों में मिल रही सब्सिडी और वजह

नई दिल्ली  केंद्र सरकार ने महंगाई को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। अब दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में ₹24 प्रति किलोग्राम की दर से सब्सिडी वाला प्याज बेचा जाएगा, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस पहल की शुरुआत की है।   24 रुपए प्रति किलो बिकेगा प्याज केंद्र सरकार ने दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में ₹24 प्रति किलोग्राम की discounted rate पर प्याज की बिक्री शुरू कर दी है। इसके लिए मोबाइल वैन का इस्तेमाल किया जा रहा है। शुरुआती चरण में नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी सरकारी एजेंसियों के ज़रिए लगभग 25 टन प्याज बेचा जाएगा। सरकार का कहना है कि जिन शहरों में प्याज का रिटेल रेट ₹30 प्रति किलो से ज्यादा है, वहां यह सब्सिडी वाला प्याज बेचा जाएगा। यह योजना शुक्रवार से चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में भी शुरू होगी और दिसंबर तक जारी रहेगी। सरकार का बफर स्टॉक सरकार के पास अभी 3 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है, जिसे Price Stabilisation Fund (PSF) योजना के तहत औसतन ₹15 प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा गया था। यह स्टॉक मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से खरीदे गए रबी (सर्दियों) प्याज का है। इस प्याज को ₹24 प्रति किलो की दर पर बेचने से सरकार को लागत वसूलने में भी मदद मिलेगी।   महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिश केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना है। हाल के महीनों में सरकार के हस्तक्षेप से महंगाई को कम करने में मदद मिली है। जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 1.55% पर आ गई थी, जो पिछले 8 सालों में सबसे कम थी। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि फसल वर्ष 2024-25 में प्याज का घरेलू उत्पादन 27% बढ़कर 30.77 मिलियन टन होने का अनुमान है। उन्होंने यह भी साफ किया कि प्याज के निर्यात पर कोई रोक नहीं है।