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हंगामा के बाद ग्वालियर की सड़कें बनीं प्राथमिकता, पेच रिपेयरिंग और निगरानी तेज

ग्वालियर ग्वालियर की सड़कों से लेकर जलजमाव को लेकर भोपाल तक बदहाली की रिपोर्ट पहुंचने के बाद अब सड़कों की पेच रिपेयरिंग का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। शनिवार को कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की ओर से मॉनीटरिंग शुरू की गई और अधिकारियेां को जिम्मे बांट दिए गए। ग्वालियर की बदहाली को लेकर हाल में ऊर्जा मंत्री और प्रभारी मंत्री ने सीएम के सामने स्थिति रखी थी और कहा था कि ग्वालियर में हालात ठीक नहीं है। इसके बाद भी मैदानी स्तर पर काम नहीं दिख रहा था लेकिन शनिवार से सरकारी अमला सक्रिय होकर काम करने लगा। निगम आयुक्त ने अब प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी वहीं कलेक्टर और निगम आयुक्त ने अब प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि नईदुनिया ने शनिवार के अंक में यह प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि ऊर्जा मंत्री और प्रभारी मंत्री द्वारा ग्वालियर की बदहाली भोपाल तक पहुंचाने के बाद हलचल मच गई। इसके बाद भी ग्वालियर शहर में सुधार कार्य नहीं दिख रहे हैं। यह मामला सामने आने के बाद शनिवार से नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियाें सबसे पहले सड़कों के गड्ढों को दुरूस्त करने का काम शुरू किया है। कलेक्टर रुचिका चौहान एवं नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय द्वारा मॉनीटरिंग की जा रही है।   कार्यों की प्रतिदिन मॉनिटरिंग करें नगर निगम एवं अन्य विभागों द्वारा सड़क बनाने के लिए डामर के सभी हॉट प्लांट प्रारंभ कर दिए गए हैं तथा शहर की सभी सड़कों को दुरुस्त करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय एवं जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि नगर निगम, पीडब्लूडी एवं स्मार्ट सिटी सहित अन्य संबंधित विभागों द्वारा सड़कों की मरम्मत के लिए किया जा रहे कार्यों की प्रतिदिन मॉनिटरिंग करें तथा प्रतिदिन की रिपोर्ट दें। सड़क रिपेयरिंग कार्य का निरीक्षण इसके साथ ही नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने विधानसभा बार अपर आयुक्तओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्र में सड़क रिपेयरिंग कार्य का निरीक्षण करें तथा फोटो ग्रुप पर साझा करें। इसके साथी सभी क्षेत्र के सहायक यंत्री एवं क्षेत्राधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सड़क रिपेयरिंग का कार्य गुणवत्ता पूर्वक तेजी से कराए।  

मध्य प्रदेश: फर्जी दुष्कर्म आरोप साबित, हाई कोर्ट ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए

जबलपुर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता के विरुद्ध दो वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म की एफआईआर को झूठा पाया। कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला पहले भी ब्लैकमेल की नीयत से इस तरह की कई झूठी रिपोर्ट दूसरों के विरुद्ध दर्ज करा चुकी है। कोर्ट ने अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज एफआईआर निरस्त कर दी। साथ ही रीवा एसपी को निर्देश दिए कि फर्जी शिकायत करने वाली महिला के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट की धारा 22(1) व बीएनएस की धाराओं 240 व 248 के तहत कार्रवाई की जाए। क्या है पूरा मामला? दरअसल, रीवा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश उपाध्याय की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि रीवा निवासी महिला उनके ऑफिस में 15 मई, 2024 को एक आपराधिक मुकदमा दायर करने के लिए आई। मुकदमा तैयार करते समय याचिका कर्ता को रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चला कि महिला ने पहले भी कई व्यक्तियों के विरुद्ध शिकायतें की थीं। वह झूठी शिकायत दर्ज करा कर लोगों को ब्लैकमेल करने की आदी थी।   महिला ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई यह देखते हुए उन्होंने उसके केस की पैरवी करने से इनकार कर दिया। इस पर महिला ने 30 नवंबर, 2024 को कि याचिका कर्ता के विरुद्ध लज्जा भंग करने की झूठी एफआईआर दर्ज कर दी। 27 दिसंबर, 2024 को महिला ने दूसरी एफआईआर दर्ज कराई । जिसमें कहा गया कि 20 दिसंबर, 2024 को हाई कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर-15 के सामने याचिका कर्ता ने उसकी दो वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। दोनों मामलों की जांच के बाद पुलिस ने झूठा पाया। इसके बाद 11 जून, 2025 को सिविल लाइन थाना रीवा में महिला ने एक और झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। झूठी एफआईआर दर्ज करने की आदी है महिला इस बार उसने आरोप लगाया कि उसके पति की अनुपस्थिति में याचिका कर्ता ने रात को उसके घर में घुसकर दो साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए इस तरह की झूठी एफआईआर दर्ज करने की आदी है। कोर्ट ने रिकॉर्ड के अवलोकन से पाया कि महिला पहले भी अपनी बच्चियों व स्वयं के नाम से इस तरह की कई फर्जी एफआईआर दर्ज करा चुकी है। इस मत के साथ कोर्ट ने याचिका कर्ता के विरुद्ध दर्ज की गई एफआईआर निरस्त कर दी। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में शिकायतकर्ता महिला अगर ऐसी कोई शिकायत करती है, तो कोई कठोर कार्रवाई करने से पहले प्रारंभिक जांच कर संतुष्टि कर ली जाए।

अमरपुर चुनाव: चिराग के समर्थन से जयंत राज कुशवाहा को बड़ी जीत की उम्मीद

अमरपुर  अमरपुर विधानसभा सीट बांका जिले में स्थित है…अमरपुर विधानसभा क्षेत्र बांका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह सीट साल 1951 से ही अस्तित्व में है। इस सीट पर पहली बार साल 1951 में विधानसभा के चुनाव हुए और कांग्रेसी कैंडिडेट पशुपति सिंह चुनाव जीते थे। 1957 और 1962 में भी इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा और शीतल प्रसाद भगत चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 1967 में एस.एन. सिंह और 1969 में सुख नारायण सिंह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। साल 1972 में भारतीय जन संघ के कैंडिडेट जनार्दन यादव विधायक बने थे। इसके बाद 1977 में भी जनार्दन यादव ही अमरपुर से विधायक चुने गए थे, लेकिन इस बार वे जनता पार्टी के तरफ से चुनावी मैदान में थे। इसके बाद 1980 और 1985 में कांग्रेस कैंडिडेट नील मोहन सिंह विधायक चुने गए थे। 1990 में इस सीट पर निर्दलीय माधो मंडल चुनाव जीते थे। 1995 से 2005 तक इस सीट पर आरजेडी का कब्जा रहा और सुरेंद्र प्रसाद सिंह लगातार तीन बार अमरपुर से विधायक चुने गए थे। 2010 और 2015 में जेडीयू कैंडिडेट जनार्दन मांझी लगातार दो बार विधायक चुने गए।  2020 में यहां से जेडीयू कैंडिडटे जयंत राज ने जीत हासिल की थी। जयंत राज प्रभावशाली कोइरी लीडर हैं। साथ ही में वे बिहार सरकार में मंत्री भी हैं, इसलिए अमरपुर में उनकी दावेदारी इस बार भी पक्की लग रही है। वहीं 2020 के चुनाव में अमरपुर सीट पर जेडीयू कैंडिडेट जयंत राज ने जीत हासिल की थी। जयंत राज को 54 हजार तीन सौ आठ वोट मिला था तो कांग्रेस कैंडिडेट जितेंद्र सिंह 51 हजार एक सौ 94 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से जयंत राज ने जितेंद्र सिंह को महज तीन हजार एक सौ 14 वोट के कम अंतर से हरा दिया। वहीं एलजेपी कैंडिडेट मृणाल शेखर 40 हजार तीन सौ आठ वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में अमरपुर सीट पर जेडीयू कैंडिडेट जनार्दन मांझी ने जीत हासिल की थी। जनार्दन मांझी ने बीजेपी कैंडिडेट मृणाल शेखर को 11 हजार सात सौ 69 वोटों से हराया था। जनार्दन मांझी को कुल 73 हजार सात सौ सात वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे मृणाल शेखर को कुल 61 हजार नौ सौ 34 वोट मिले थे तो वहीं 6 हजार आठ सौ 18 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं 2010 में अमरपुर सीट पर जेडीयू उम्मीदवार जनार्दन मांझी ने जीत हासिल की थी। मांझी ने आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र प्रसाद सिंह को 18 हजार 7 वोटों से हराया था। जनार्दन मांझी को कुल 47 हजार तीन सौ वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे सुरेंद्र प्रसाद सिंह को कुल 29 हजार दो सौ 93 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस कैंडिडेट राकेश कुमार सिंह को कुल 9 हजार पांच सौ 83 वोट मिले थे। वहीं 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में अमरपुर सीट पर आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की थी। सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जेडीयू उम्मीदवार वेदानंद सिंह को 2 हजार चार सौ एक वोट के अंतर से हराया था। सुरेंद्र प्रसाद सिंह को कुल 33 हजार छह सौ 79 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे वेदानंद सिंह को कुल 31 हजार दो सौ 78 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे लोजपा कैंडिडेट बेबी देवी को कुल 10 हजार 82 वोट मिले थे। अमरपुर विधानसभा सीट पर कोइरी,यादव,ब्राह्मण,भूमिहार,राजपूत,रविदास और कुर्मी वोटरों की निर्णायक संख्या है। वहीं मुस्लिम वोटरों का भी चुनावी नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। 2020 के चुनाव में अमरपुर सीट पर लोजपा कैंडिडेट ने 40 हजार तीन सौ आठ वोट लाया था। हालांकि इसके बावजूद जेडीयू लीडर जयंत राज ने कम मार्जिन से विधानसभा चुनाव जीत लिया था। इस बार अगर लोजपा का वोट जेडीयू की तरफ ट्रांसफर हुआ तो जयंत राज बड़ी मार्जिन से जीत दर्ज कर सकते हैं।

तीर्थयात्रियों के लिए बड़ा फैसला: बद्रीनाथ मंदिर में अब नहीं होगी भिक्षावृत्ति

चमोली उत्तराखंड के बद्रीनाथ मन्दिर परिसर में भिक्षा वृत्ति पर रोक लगाई गई है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी और शासन की ओर से कार्य पालक नियुक्त विजय प्रसाद थपलियाल ने बदरीनाथ मन्दिर एवं मन्दिर परिसर बाह्य सिंहद्वार परिसर, मंदिर मार्ग, दर्शन पंक्ति, अलकनंदा घाट, तप्तकुंड क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मन्दिर परिसर में कतिपय साधु भेषधारी तीर्थयात्रियों से दान-दक्षिणा ले रहे हैं तथा भिक्षा मांग रहे है जिससे मन्दिर समिति की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने मंदिर परिसर में भिक्षा वृत्ति पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिये।  अधिकारियों कर्मचारियों की समिति का किया गठन इस संबंध में कार्यपालक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर बीकेटीसी अधिकारियों कर्मचारियों की समिति का गठन किया गया है जो कि इस बावत कारर्वाई करेगी। इस बीच श्री थपलियाल ने रविवार को बदरीनाथ मन्दिर एवं मन्दिर परिसर के बाह्य क्षेत्र का भी स्थलीय निरीक्षण किया । उन्होंने बताया कि परिसर के बाहर प्रसाद की दुकानों के नाम पर अतिक्रमण किया जा रहा है जिसे हटाया जाना आवश्यक है। इस कारर्वाई समिति में मन्दिर अधिकारी-राजेन्द्र सिंह चौहान,अध्यक्ष ,प्रधान सहायक- राजेन्द्र सेमवाल तथा मुख्य सहायक जगमोहन बर्त्वाल को सदस्य नामित किया गया है।  साधू वेश में मन्दिर परिसर में अवैध रूप से भिक्षावृत्ति कर लोग  बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया मुख्य कार्याधिकारी द्वारा गठित समिति समय-समय पर मन्दिर एवं मन्दिर परिसर का निरीक्षण कर ऐसे लोग जो साधू वेश में मन्दिर परिसर में अवैध रूप से भिक्षावृत्ति कर रहे हैं। उन्हें मंदिर के दर्शन उपरान्त मन्दिर परिसर से बाहर करना सुनिश्चित करेगी। निरीक्षण के अवसर पर प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, अवर अभियंता गिरीश रावत सहित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। उन्होंने बताया भिक्षावृत्ति नियंत्रण तथा अतिक्रमण हटाने हेतु बनी कार्रवाई समितियां बदरीनाथ मन्दिर परिसर में भिक्षावृति नियंत्रण तथा मंदिर बाह्य क्षेत्र सहित मंदिर मार्ग से अतिक्रमण को हटाने संबंधित आख्या से कार्यपालक मजिस्ट्रेट/ बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी को अवगत करायेगी।  

गरबा के दौरान अनुशासन बनाये रखने के लिए जबलपुर पुलिस ने जारी की नई गाइडलाइन

जबलपुर नवरात्र व दशहरा पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के उद्देश्य से पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक आयोजित की गई। जिलेभर से आए अधिकारियों को पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि धार्मिक पर्वों के दौरान सुरक्षा व शांति व्यवस्था में किसी तरह की ढिलाई न होने पाए। गरबा आयोजकों की बैठक लेकर स्पष्ट कर दें कि खुले स्थान में आयोजन न करें। पर्वों के दौरान कुछ विघ्न संतोषी तत्व सक्रिय हो जाते हैं। जो अशांति व आपराधिक घटनाओं का कारण बन सकते हैं। लिहाजा ऐसे तत्वों को अभी से चिह्नित करते हुए प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें। विशेष सतर्कता बरतने के दिए निर्देश पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि आने वाले दिन कानून व्यवस्था की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। संस्कार धानी में दुर्गा उत्सव पर्व बड़े ही धूमधाम एवं वृहत स्तर पर मनाया जाता है, जिसकी ख्याति पूरे प्रदेश में है। सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी को शाम से ही श्रद्धालु शहर में जगह-जगह सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित दुर्गा जी की प्रतिमाओं के दर्शन हेतु निकलते हैं, जिसको लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बैठक में मिले निर्देशों से सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र की दुर्गा उत्सव समितियों आदि को समय रहते अवगत करा दें।   बैठक में एसपी के निर्देश पारंपरिक स्थान पर ही स्थापित हों मां दुर्गा की प्रतिमा। पंडाल इस प्रकार बनाए जाएं कि आवागमन अवरुद्ध न हो। पंडालों में आग बुझाने के प्रर्याप्त इंतजाम हों। चारों तरफ कनात भी लगाएं। पंडाल अथवा जुलूस मार्ग पर डीजे प्रतिबंधित रहेगा। पंडाल की दानपेटी की जिम्मेदार समिति के अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष की रहेगी। जहां पूर्व में विवाद हुए, वहां विशेष नजर रखी जाए। विद्युत साजसज्जा में कटे तारों का उपयोग न किया जाए। पंडालों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाना समितियां सुनिश्चित करें। विसर्जन स्थलों पर होमगार्ड व स्थानीय गोताखोर तैनात किए जाएं। मंदिरों की सुरक्षा के लिए नियमित पेट्रोलिंग की जाए। रास्तों पर प्रकाश व्यवस्था बेहतर हो। पुलिस वाहनों में बलवा ड्रिल सामाग्री, टियर गैस, टार्च, वीडियो कैमरा, आवश्यक रूप से रखें। बैठक में ये रहे मौजूद बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर आयुष गुप्ता (आइपीएस), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 पल्लवी शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंजना तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध जितेन्द्र सिंह, सहित समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी तथा चौकी प्रभारी उपस्थित रहे।

बिहार को मिलेगी बड़ी सौगात! PM मोदी करेंगे नेशनल मखाना बोर्ड और एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन

पूर्णिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल कोलकाता में सशस्त्र बलों के संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. एक महीने से भी कम समय में प्रधानमंत्री का यह दूसरा बंगाल दौरा होगा. अधिकारियों ने बताया कि 15 से 17 सितंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह सहित अन्य लोग भी शामिल होंगे.  पीएम मोदी असम के जोरहाट से आज शाम कोलकाता पहुंचेंगे और यहां राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री 15 सितंबर की सुबह भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय विजय दुर्ग (पूर्व में फोर्ट विलियम) में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अगस्त को अपने पिछले पश्चिम बंगाल दौरे पर 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया था.    उन्होंने कोलकाता में तीन मेट्रो रेलवे लाइनों का उद्घाटन करने के बाद, नोआपाड़ा से जय हिंद एयरपोर्ट स्टेशन तक की यात्रा भी की थी, जिसके दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों और मेट्रो निर्माण श्रमिकों के साथ बातचीत की थी. प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता में शस्त्र बलों के संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद 15 सितंबर की दोपहर कोलकाता से बिहार के पूर्णिया के लिए रवाना होंगे. वह यहां 36,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री पूर्णिया एयरपोर्ट के नवनिर्मित टर्मिनल का भी उद्घाटन करेंगे, जो इस क्षेत्र की हवाई संपर्क की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगा. वह राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का उद्घाटन भी करेंगे, जिसकी स्थापना की घोषणा इस साल की शुरुआत में केंद्रीय बजट में की गई थी. पीएम मोदी मखाना को सुपर फूड कहते हैं, जिसकी बिहार में बहुतायत में खेती होती है. देश के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा बिहार में ही होता है. पीएम मोदी के दौरे को लेकर पूर्णिया में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जहां नेशनल और स्टेट हाईवे पर वाहनों का परिचालन भी आज मध्य रात्रि से 24 घंटे के लिए स्थगित रहेगा. 

कपास और रेशम उत्पादक किसानों की तकदीर बदल देगा पीएम मित्रा पार्क

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कृषि आधारित उद्योगों के प्रचार-प्रसार के लिए कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा आपसी तालमेल से बहुउद्देशीय कृषि मेले आयोजित किए जाएं। इन मेलों में किसानों को उनकी फसल सहित अन्य सहायक उत्पादों के लाभयुक्त विक्रय एवं मार्केटिंग की जानकारियां भी दी जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार जिले के भैंसोला गांव में निर्मित हो रहे पीएम मित्रा पार्क से प्रदेश के कपास और रेशम उत्पादक किसानों की जीवन रेखा बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम मित्रा पार्क से प्रदेश के 6 लाख से अधिक कपास उत्पादक किसानों को लाभ मिलने के साथ 1 लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं 2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पीएम मित्रा पार्क में निवेश करने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों ने रुचि व्यक्त की है। जिस तेजी से पीएम मित्रा पार्क में निवेश के लिए कंपनियां आ रही हैं, यह हमें और बेहतर करने के लिए उत्साहित करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार की देर रात मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क बनने से मालवा क्षेत्र के किसानों द्वारा उत्पादित कपास की खपत लोकल लेवल पर ही हो जाएगी। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और रॉ-मैटेरियल सप्लाई की एक पूरी चैन तैयार होगी। पीएम मित्रा पार्क प्रदेश के किसानों के लिए वरदान की तरह है। प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक सभी निवेशकों का सरकार पलक पावड़े बिछाकर स्वागत करेगी। हम निवेशकों को सभी जरूरी मदद और सहयोग भी उपलब्ध कराऐंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सार्वजनिक/लोक उपक्रमों में निजी भागीदारी से ही देश का विकास संभव है। पीएम मित्रा पार्क में निवेशकों द्वारा किए जाने वाले पूंजी निवेश से जितनी उच्च कोटि के परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं, हर संभव प्रयास कर हम यह करके दिखाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क का प्रचार-प्रसार इस तरह किया जाए कि प्रदेश में मौजूद सभी प्रकार के कृषि आधारित उद्योग को भी भरपूर प्रोत्साहन मिले। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में कुल 7 पीएम मित्रा पार्क मंजूर किए गए हैं। जहां दूसरे राज्य पीएम मित्रा पार्क की स्थापना के लिए प्राथमिक तैयारियां ही कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमारी सरकार 17 सितंबर को धार जिले के भैंसोला गांव में देश के पहले और सबसे बड़े पीएम मित्रा पार्क का भूमिपूजन कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि हम इसे देश का मॉडल पीएम मित्रा पार्क बनायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क प्रदेश की कॉटन इंडस्ट्री को पुनर्स्थापित करेगा। यहां कपास से धागा, धागे से कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स, होजियरी आइटम्स सहित ऑल वेदर वियरिंग्स तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क की स्थापना के बारे में प्रदेश के किसानों को हर तरीके से जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल पार्क (पीएम मित्रा पार्क) में भूमिपूजन होने से पहले ही लैंड एलॉटमेंट की कार्रवाई पूरी कर ली गई है। पीएम मित्रा पार्क में भूमि आवंटन के लिए 114 कंपनियों के आवेदन मिले थे। इन कंपनियों ने पीएम मित्रा पार्क में निवेश करने की प्रबल रुचि व्यक्त कर लैंड अलॉटमेंट के लिए के लिए आवेदन किया है। आवेदन करने वाली कंपनियों में से 91 कंपनियों के आवेदन मंजूर कर इन्हें लैंड एलॉटमेंट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम मित्रा पार्क में लैंड अलॉटमेंट कमेटी द्वारा विभिन्न कंपनियों और निर्माण इकाइयों को कुल 1294.19 एकड़ भूमि आवंटित करने की अनुशंसा कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क में अधोसंरचना विकास के लिए सभी जरूरी निर्माण कार्य जारी हैं। इन निर्माण कार्यों के साथ लैंड अलॉटमेंट पाने वाली कंपनियों द्वारा अपने कारखाने और निर्माण इकाइयां भी समानांतर रूप से निर्मित की जाएंगी। इससे आने वाले एक से डेढ़ साल के दौरान ही निवेशक कंपनियों की निर्माण इकाइयों में उत्पादन भी प्रारंभ हो जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण श्री अशोक वर्णवाल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय एवं ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई, सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री निशांत बरवड़े, आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपक कुमार सक्सेना सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।  

इंदिरा गांधी के बाद पहली बार फोर्ट विलियम जाएंगे पीएम मोदी, 15 सितंबर को होगा बड़ा सैन्य सम्मेलन

कोलकाता  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद फोर्ट विलियम (अब विजय दुर्ग) का दौरा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे. वह 15 से 17 सितंबर तक फोर्ट विलियम में आयोजित होने वाले एक हाई-प्रोफाइल त्रि-सेवा संयुक्त कमांडर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव मौजूद रहेंगे. इस सम्मेलन के मद्देनजर कोलकाता को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. प्रधानमंत्री मोदी रविवार रात कोलकाता पहुंचेंगे और राजभवन में रुकेंगे. सोमवार, 15 सितंबर की सुबह प्रधानमंत्री मोदी इस उच्च स्तरीय रक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे. कोलकाता में क्यों हो रहा है सम्मेलन? ये हैं वजह लेकिन यह सम्मेलन कोलकाता ही क्यों हो रहा है? क्या यह 2026 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हो रहा है? या पश्चिम बंगाल की वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर यहां सम्मेलन हो रहा है? पश्चिम बंगाल और सिक्किम की चार अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं हैं: 1. पूर्व में बांग्लादेश, 2. भूटान (उत्तर पूर्व), 3. चीन (उत्तर), 4. नेपाल (उत्तर पश्चिम). यदि 7 सिस्टर्स स्टेट को ध्यान में रखा जाए, तो पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा से लगे पड़ोसी देश हैं: 1. चीन, 2. म्यांमार, 3. बांग्लादेश, 4. भूटान और 5. नेपाल. 1) मणिपुर में अशांति, 2) म्यांमार में उग्रवाद, 3) बांग्लादेश में विद्रोह, 4) नेपाल में विद्रोह, 5) म्यांमार सीमा पर घुसपैठ, 6) बांग्लादेश और नेपाल सीमा से घुसपैठ, 7) भूटान के साथ संबंध, इस त्रि-सेवा सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे रहे होंगे, जो फोर्ट विलियम में आयोजित किया जाएगा. क्यों खास हैसंयुक्त कमांडर सम्मेलन? पूर्वी कमान के सूत्र और रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की ओर भारतीय सीमा के पास चीन ने जो कुछ विकसित किया है, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पूर्वी कमान में युद्ध की तैयारियों की वर्तमान आवश्यकताओं को समझने की कोशिश करेंगे. पूर्वी कमान में भारत की चीन के साथ सबसे ऊंची सीमा सिक्किम रामगढ़ में 19100 फीट की ऊंचाई पर, भूटान और चीन के साथ डोकलाम सीमा त्रि-जंक्शन 13700 फीट की ऊंचाई पर, चीन के साथ अरुणाचल सीमा (किबितु) 4300 फीट की ऊंचाई पर और समुद्र तल पर बांग्लादेश के साथ भी लगती है. यह भौगोलिक विविधता सेना पर रसद, गोला-बारूद और गोला-बारूद में विविधता बनाए रखने का दबाव डालती है.प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित यह त्रि-सेवा सम्मेलन भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा.

सिंहस्थ 2028 में हर दिन लाखों श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे बाबा महाकाल के द्वार

भोपाल मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 2028 सिंहस्थ महाकुंभ के लिए तैयारियों को गति देते हुए उज्जैन और खंडवा जिलों का सुरक्षा ऑडिट करवाया है। इसमें सामने आया है कि उस दौरान उज्जैन में प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का दर्शन कराया जा सकेगा। इससे अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने पर प्रशासन उनके ठहरने की व्यवस्था करेगा और अगले दिन दर्शन कराया जाएगा। सुरक्षा ऑडिट के माध्यम से दोनों जिलों की स्थानीय पुलिस ने यह पता लगाया कि भीड़ की दृष्टि से कौन-कौन से स्थान संवेदनशील हैं? सुरक्षा के कहां क्या प्रबंध किए जाने हैं? सीसीटीवी कैमरे कहां लगाए जाएंगे? इनका डिस्प्ले किस-किस जगह पर होगा? इसी रिपोर्ट के आधार पर अब विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। 60 हजार पुलिसकर्मी होंगे तैनात पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन और खंडवा जिलों की आडिट रिपोर्ट मुख्यालय को मिल गई है। इसमें पिछले सिंहस्थ में किए गए प्रबंध और इस सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए प्रबंध के उपाय सुझाए गए हैं। शाही स्नान के दिनों में सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अलग से ऑडिट कर जरूरतों के बारे में बताया गया है। सभी जगह मिलाकर लगभग 60 हजार पुलिसकर्मियों को पदस्थ किया जाएगा। दूसरे राज्यों के पुलिस बल की भी मदद ली जा सकती है। सेटेलाइट रेलवे स्टेशन और बस स्टैंडों के आसपास पार्किंग की व्यवस्था और जरूरी सुरक्षा प्रबंध का भी आकलन किया गया है। उज्जैन आएंगे, तो ओंकारेश्वर में भी करेंगे दर्शन उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं में 15 से 20 प्रतिशत के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर दर्शन के लिए पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए ओंकारेश्वर का भी ऑडिट कराया गया है। इसमें श्रद्धालुओं की संभावित संख्या, आने-जाने के रास्ते, प्रतिदिन दर्शन की क्षमता, नर्मदा में स्नान के लिए घाटों की उपलब्धता और क्षमता, पार्किंग व्यवस्था, खंडवा में श्रद्धालुओं को ठहराने की सुविधा और सभी जगह के लिए सुरक्षा प्रबंध की रूपरेखा बताई गई है। सिंहस्थ से जुड़े सभी कार्य समय सीमा में पूरा करें : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार रात अपने आवास स्थित समत्व भवन में उज्जैन में वर्ष 2028 में होने जा रहे सिंहस्थ की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने घाटों के विस्तार,सड़क निर्माण, शिप्रा को निर्मल बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए कहा है। उन्होंने निर्माण कार्यों के अतिरिक्त अन्य तैयारियां जैसे सुरक्षा, शाही स्नान के दिन की जाने वाली व्यवस्थाओं की अद्यतन जानकारी अधिकारियों से ली। बैठक में उज्जैन के जनप्रतिनिधि वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने भी आयोजन के संबंध में कई सुझाव दिए और सिंहस्थ से जुड़े पुराने अनुभव साझा किए।