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पीएम मित्र पार्क आधुनिक भारत की औद्योगिक शक्ति का प्रतीक: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को करेंगे भूमिपूजन धार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि धार जिले के भैंसोला में बनने वाला पीएम मित्र पार्क आधुनिक भारत की औद्योगिक शक्ति का प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को इस पार्क का भूमिपूजन करेंगे। लगभग 2000 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला यह पार्क स्पिनिंग से लेकर डिजाइनिंग, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट तक की सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध कराएगा। यह देश का पहला और सबसे बड़ा पीएम मित्र पार्क होगा, जिसमें कपास से परिधान तक की पूरी वैल्यू चेन विकसित होगी। किसानों को अब कच्चे कपास की बिक्री तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा बल्कि उनकी उपज यहीं मूल्य संवर्धन की प्रक्रिया से गुजरकर परिधान बनेगी और वैश्विक बाजार तक पहुंचेगी। विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन इंडस्ट्रियल टाउनशिप जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस यह पार्क मध्यप्रदेश को कॉटन कैपिटल की नई पहचान दिलाएगा। किसानों को मिलेगा वास्तविक मूल्य और वैश्विक पहचान मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख से अधिक कपास उत्पादक किसान हैं। अब तक वे केवल कच्चे कपास की बिक्री तक सीमित थे, लेकिन पीएम मित्र पार्क के बाद उनकी फसल स्थानीय स्तर पर मूल्य संवर्धन की संपूर्ण श्रृंखला से जुड़ेगी। कपास से यार्न, फैब्रिक, गारमेंट और रेडीमेड परिधान तक की पूरी प्रक्रिया यहीं पूरी होगी। जैविक कपास से बने परिधान सीधे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स तक पहुंचेंगे। मध्यप्रदेश पहले ही विश्व के 24 प्रतिशत नॉन-जीएमओ ऑर्गेनिक कॉटन का उत्पादक है, और अब किसानों को उनकी फसल का वास्तविक मूल्य और वैश्विक पहचान दोनों मिलेंगे। विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित सबसे बड़ा पार्क धार का पीएम मित्र पार्क आकार और सुविधाओं दोनों में अद्वितीय है। यहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज आधारित कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 220 केवी सबस्टेशन और 20 एमएलडी पानी की उपलब्धता होगी। स्काडा और आईओटी आधारित यूटिलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम इस पार्क को डिजिटल और स्मार्ट बनाएगा। ग्रीन इंडस्ट्रियल टाउनशिप का प्रमाणन इसे टिकाऊ औद्योगिक विकास का मॉडल बनाएगा। भूमि, बिजली और पानी प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध होंगे, जिससे यह पार्क भारत का सबसे किफायती और प्रतिस्पर्धी टेक्सटाइल हब बनेगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेसऔर नीति प्रोत्साहन मध्यप्रदेश लगातार Ease of Doing Business में अग्रणी रहा है और टॉप अचीवर्स की श्रेणी में शामिल है। राज्य ने सबसे पहले जन विश्वास अधिनियम लागू किया और GIS आधारित पारदर्शी भूमि आवंटन प्रणाली स्थापित की। उद्योग शुरू करने की प्रक्रिया अब 30 दिनों में पूरी की जा सकती है और 13 विभागों की 54 सेवाएं सिंगल विंडो सिस्टम से उपलब्ध हैं। नीतिगत प्रोत्साहनों में उद्योगों को 40 प्रतिशत तक पूंजी सब्सिडी, पांच से सात प्रतिशत ब्याज अनुदान, ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन के लिए पचास प्रतिशत सहायता, निर्यात फ्रेट पर पचास प्रतिशत सब्सिडी और रोजगार आधारित अनुदान जैसी सुविधाएं मिलती हैं। केंद्र सरकार की Competitive Incentive Support योजना के अंतर्गत शुरुआती निवेशकों को 300 करोड़ रुपये तक का सहयोग मिलेगा और बिक्री पर तीन प्रतिशत तक टर्नओवर प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। प्रदेश की ताकत और मेजर प्लेयर्स की उपस्थिति मध्यप्रदेश से वर्ष 2024-25 में 9,200 करोड़ रुपये से अधिक का टेक्सटाइल निर्यात हुआ है। यहां 31 गीगावॉट से अधिक पावर क्षमता उपलब्ध है, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत क्लीन ग्रीन एनर्जी शामिल है। एक हजार मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक औद्योगिक जल संसाधन, छह इनलैंड कंटेनर डिपो और एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क से निर्यात प्रक्रिया बेहद सहज होगी। प्रदेश पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, वार्धमान, ग्रासिम, नाहर, रेमंड, प्रतिभा सिन्टेक्स, गोकलदास एक्सपोर्ट, महिमा ग्रुप और सागर ग्रुप जैसे बड़े औद्योगिक समूह है। इन कंपनियों की उपस्थिति से यार्न, फैब्रिक, गारमेंट और मशीनरी निर्माण की संपूर्ण वैल्यू चेन पहले से मौजूद है, जिसे पीएम मित्र पार्क और मजबूत करेगा। किसानों और युवाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव धार, झाबुआ, रतलाम और उज्जैन जैसे कपास उत्पादक जिलों के किसान अब औद्योगिक क्रांति के केंद्र में होंगे। आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी और लाखों परिवारों का जीवन स्तर ऊँचा होगा। पीएम मित्र पार्क किसानों को स्थायी लाभ, युवाओं को वैश्विक अवसर और उद्योगों को प्रतिस्पर्धी मंच प्रदान करेगा। यह परियोजना मध्यप्रदेश को कॉटन कैपिटल बनाने के साथ-साथ पूरे भारत के लिए टेक्सटाइल सेक्टर की नई औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात करेगी।  

मध्यप्रदेश में 20 IAS अधिकारियों के तबादले: विशेष गढ़पाले ऊर्जा सचिव, वंदना वैद्य बनीं वित्त निगम MD

भोपाल  मध्य प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का दौर जारी है. राज्य सरकार ने एक बार फिर 20 आईएएस अफसरों के तबादले किए हैं, जो पिछले एक हफ्ते के अंदर दूसरा बड़ा कदम है. इस फेरबदल में कई वरिष्ठ और युवा अफसरों को नई ज़िम्मेदारियां दी गई हैं. इसमें 2008 बैच के विशेष गढ़पाले को ऊर्जा विभाग में उप सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि वंदना वैद्य को एमपी फाइनेंस कॉर्पोरेशन, इंदौर का एमडी बनाया गया है. तपस्या परिहार को कटनी नगर निगम का कमिश्नर और दलीप कुमार को देवास का कमिश्नर बनाया गया है. इसके अलावा किस अफसर को कौन सी ज़िम्मेदारी मिली है. MP में एक और बड़ा प्रशासनिक फेरबदल दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर 20 आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. इस बार जिन प्रमुख अधिकारियों को नई ज़िम्मेदारियां दी गई हैं, उनमें 2008 बैच के आईएएस विशेष गढ़पाले, वंदना वैद्य समेत कई अन्य अधिकारी शामिल हैं. बता दें कि ये तबादले ऐसे समय में हुए हैं जब सात दिन पहले ही 14 अन्य अधिकारियों का तबादला किया गया था. इनके हुए तबादले विशेष गढ़पाले: ऊर्जा विभाग में सचिव बने। गजेन्द्र सिंह नागेश– नरसिंहपुर के जिला पंचायत सीईओ बने। वंदना वैद्य: मप्र वित्त निगम की प्रबंध संचालक बनीं। गुरु प्रसाद– मुख्य सचिव कार्यालय में उप सचिव बने। दिव्यांक मिश्रा– नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त बने। तपस्या परिहार: कटनी नगर निगम आयुक्त बनीं। शिशिर गेमावत: नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त बने। नेहा जैन: नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इंदौर में उप संचालक बनीं। श्रेयांस कुमट: उज्जैन के जिला पंचायत सीईओ बने। तन्मय वशिष्ठ शर्मा: भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्त बने। दलीप कुमार: देवास नगर निगम कमिश्नर बने। नवजीवन विजय पवार: इंदौर के अपर कलेक्टर बने। अनिल कुमार राठौर: मप्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर में कार्यकारी संचालक बनाए गए। अंशुमान राज: स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के एमडी बने। राज्य कंप्यूटर सिक्योरिटी इंसीडेंट रिस्पांस टीम भोपाल के डायरेक्टर का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। अरविंद कुमार शाह: जबलपुर नगर निगम में अपर आयुक्त बने। टी प्रतीक राव: ग्वालियर नगर निगम में अपर आयुक्त बने। अनिशा श्रीवास्तव: मप्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर में कार्यकारी संचालक बनीं। श्रृंगार श्रीवास्तव: इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त बनाया गया है। अनिल भाना : रतलाम नगर निगम कमिश्नर बनाया गया है। 20 IAS इधर से उधर गजेन्द्र सिंह नागेश को नरसिंहपुर का जिला पंचायत सीईओ बनाया गया है. विशेष गढ़पाले ऊर्जा विभाग में उप सचिव बने. वंदना वैद्य मप्र वित्त निगम की प्रबंध संचालक बनीं. गुरु प्रसाद मुख्य सचिव कार्यालय में उप सचिव बने. दिव्यांक मिश्रा नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त बने. तपस्या परिहार कटनी नगर निगम आयुक्त बनीं. शिशिर गेमावत नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त बने. नेहा जैन  नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इंदौर में उप संचालक बनीं. श्रेयांस कुमट उज्जैन के जिला पंचायत सीईओ बने. तन्मय वशिष्ठ शर्मा  भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्त बने. जबकि दलीप कुमार को देवास नगर निगम के कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा  नवजीवन विजय पवार इंदौर के अपर कलेक्टर बने. अनिल कुमार राठौर मप्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर में कार्यकारी संचालक बनाए गए. अंशुमान राज स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के एमडी बने। राज्य कंप्यूटर सिक्योरिटी इंसीडेंट रिस्पांस टीम भोपाल के डायरेक्टर का अतिरिक्त प्रभार रहेगा. अरविंद कुमार शाह जबलपुर नगर निगम में अपर आयुक्त बने. टी प्रतीक राव ग्वालियर नगर निगम में अपर आयुक्त बने. अनिशा श्रीवास्तव: मप्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर में कार्यकारी संचालक बनीं. श्रृंगार श्रीवास्तव इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त बनाया गया है. अनिल भाना रतलाम नगर निगम कमिश्नर बनाया गया है.

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और अतावी बर्ड फाउंडेशन के आयोजित टूर में 45 से अधिक पक्षीप्रेमी हुए शामिल

भोपाल  मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा 14 सितंबर को भोपाल के बिसनखेड़ी और ग्वालियर के महाराजपुर क्षेत्र में बर्ड वॉचिंग टूर का आयोजन किया गया। अतावी बर्ड फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस टूर में 45 से अधिक पक्षीप्रेमी पर्यटकों ने लगभग 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का अवलोकन किया। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश पक्षी विविधता और प्राकृतिक धरोहर के लिए पूरे देश में विशेष पहचान रखता है। बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन न केवल प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि यह प्रदेश में सतत पर्यटन को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं। ऐसे कार्यक्रमों से स्थानीय समुदायों को रोजगार और नए अवसर मिलते हैं तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता भी बढ़ती है। हमारा प्रयास है कि बर्ड टूरिज्म को मध्यप्रदेश की एक खास पहचान बनाया जाए। अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश, पक्षी विविधता और प्राकृतिक धरोहर से समृद्ध प्रदेश है। यहां हर मौसम में पक्षीप्रेमियों को एक नया और अनोखा अनुभव मिलता है। बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। भोपाल में बड़े तालाब के किनारे बिसनखेड़ी क्षेत्र में बर्ड गाइड अंकित मालवीय ने प्रतिभागियों को वायर टेल्ड स्वैलो, पाइड बुशचैट, स्पॉटेड डव, ग्रे-हेडेड स्वाम्पहेन, ग्रे फ्रैंकोलिन, रॉक पिजन, इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर सहित कई प्रजातियों का नजदीकी अवलोकन कराया। इसी प्रकार ग्वालियर के महाराजपुरा में बर्ड गाइड विवेक वर्मा ने पर्यटकों को 50 से अधिक प्रजातियों के बारे में जानकारी दी और उनके व्यवहार व पारिस्थितिकी पर प्रकाश डाला। हर माह आयोजित होंगे टूर मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा पक्षी प्रेमियों को आकर्षित करने और प्रदेश में बर्ड टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्येक माह बर्ड वॉक आयोजित किए जाएंगे। इसी क्रम में 21 सितम्बर को छिंदवाड़ा एवं भोपाल और 28 सितम्बर को चिड़ीखो, नरसिंहगढ़ में बर्ड वॉचिंंग टूर होंगे। इन आयोजनों की बुकिंग वर्तमान में खुली है और इच्छुक पक्षीप्रेमी इसमें भाग लेकर मध्यप्रदेश की समृद्ध पक्षी विविधता का अनुभव कर सकते हैं।  

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुंचेगी महेश्वर–मांडू की पहचान

भोपाल  मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रदेश के विश्वस्तरीय पर्यटन अनुभवों को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के बीच महेश्वर एवं मांडू जैसे ऐतिहासिक स्थलों को प्रमुखता से स्थापित करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय पर्यटक गाइड संघ (आरटीजीए) दिल्ली का एक अध्ययन दौरा एवं प्रोफेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा में 30 से अधिक अनुभवी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित गाइड्स भाग ले रहे हैं, जो भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। इस ट्रिप में शामिल गाइड्स कई अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में निपुण हैं। दिल्ली लौटने के बाद वे विदेशी पर्यटकों को भोपाल, मांडू और महेश्वर के पर्यटन स्थलों से परिचित कराएंगे, जिससे इन धरोहर स्थलों की वैश्विक पहचान मजबूत होगी। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हम धरोहर संरक्षण और पर्यटन विकास को साथ लेकर चल रहे हैं, जिससे मध्यप्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाया जा सके। इस भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से अनुभवी गाइड्स जब इन स्थलों की गहराई से जानकारी लेकर इन्हें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुंचाएंगे, तो निश्चित ही प्रदेश का पर्यटन और अधिक सशक्त होगा।  अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह एवं धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व और प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि महेश्वर और मांडू जैसे धरोहर स्थल मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के अनमोल रत्न हैं। आरटीजीए दिल्ली के अनुभवी गाइड्स जब इन स्थलों का गहराई से अध्ययन करेंगे, तो वे इन्हें और प्रभावशाली तरीके से अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के बीच प्रस्तुत कर पाएंगे। यह पहल प्रदेश के पर्यटन को वैश्विक पहचान दिलाने और मध्यप्रदेश को भारत का प्रमुख हेरिटेज डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। दर्शनीय स्थलों का भ्रमण अध्ययन दौरे की शुरूआत 14 सितंबर को आरटीजीए के प्रतिनिधियों के दिल्ली से भोपाल आगमन के साथ हुई। उन्होंने भोपाल में ताज–उल–मस्जिद, कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, बिरला म्युजियम और भारत भवन का भ्रमण किया। सोमवार, 15 सितंबर को प्रतिनिधि मांडू के लिए रवाना हुए। मांडू पहुंचकर उन्होंने रानी रूपमति महल, बाज बहादुर महल, जहाज महल, होशंगशाह का मकबरा, नीलकंठ महादेव मंदिर आदि का भ्रमण किया। मंगलवार, 16 सितंबर को वे मांडू से महेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। महेश्वर में प्रतिनिधि अहिल्या फोर्ट, घाटों, होम स्टे, पर्यटक सुविधा केंद्र आदि प्रमुख पर्यटन स्थलों का अवलोकन करेंगे। 18 सितंबर को सभी प्रतिनिधि दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। पुरातत्व विभाग के उपसंचालक प्रकाश परांजपे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सब-कनज़र्वेशन ऑफिसर प्रशांत पाटनकर तथा पुरातत्वविद् डॉ. देवी प्रसाद पांडे ने प्रतिनिधियों को प्रदेश की धरोहरों की ऐतिहासिक एवं संरचनात्मक महत्ता पर विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं। क्या है क्षेत्रीय पर्यटक गाइड संघ क्षेत्रीय पर्यटक गाइड संघ (आरटीजीए) दिल्ली, देश का सबसे बड़ा पंजीकृत संगठन है, जिसके सदस्य विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में दक्ष हैं और नियमित रूप से विदेशी पर्यटकों, उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों तथा वीआईपी यात्रियों के साथ कार्य करते हैं। ये गाइड्स पर्यटकों के सबसे नजदीक रहते हुए न केवल इतिहास बताते हैं, बल्कि भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय झलकियों को भी साझा करते हैं, जिससे "अतुलनीय भारत" की पहचान और मजबूत होती है।  

भैंसोला (धार) में पीएम मित्र पार्क कार्यक्रम के लिए ट्रैफिक प्लान जारी: भारी वाहन प्रतिबंधित

पी.एम. मित्र मेगा पार्क भैंसोला जिला धार कार्यक्रम के दौरान भारी माल वाहक वाहनों का प्रतिबंधित एवं वैकल्पिक मार्ग एवं एकांगी मार्ग व्यवस्था भोपाल  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगामी 17 सितंबर 2025 बुधवार को पी.एम. मित्र मैगा पार्क भैंसोला जिला धार कार्यक्रम में आगमन प्रस्तावित है। जिसमें जिला धार, झाबुआ, रतलाम, उज्जैन, इन्दौर, अलीराजपुर, देवास, खरगौन, बड़वानी से बड़ी संख्या में बसों एवं चार पहिया वाहनों से आम जनता सम्मिलित होगी। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले वाहनों को सुगमता से व दुर्घटना रहित गंत्वय स्थल तक पहुंचाने के लिए सभी प्रकार के भारी, मध्यम 407 जैसें माल वाहक वाहनों को प्रतिबंधित कर प्रस्तावित मार्गों से चलाया जा सकेगा जो निम्नानुसार हैः- प्रतिबंधित मार्ग एवं समय दिनांक 17.09.2025 को प्रातः 4 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक वैकल्पिक मार्ग झाबुआ से धार की ओर जाने आने वाले सभी प्रकार के भारी एवं माल वाहक वाहन प्रतिबंधित होगें। दाहोद, भावरां, अम्बुआ, अलिराजपुर, कुक्षी, मनावर, अमझेरा, धार धरमपुरी, धामनोद से इंन्दौर की ओर आ जा सकेगें। झाबुआ से रतलाम की ओर जाने आने वाले सभी प्रकार के भारी, मध्यम व हल्के माल वाहक वाहन प्रतिबंधित होगें। झाबुआ से मेघनगर, थादंला, बामनिया, रतलाम की ओर आ जा सकेंगें। पैटलावद से भैंसोला होकर बदनावर की ओर जाने आने वाले सभी प्रकार के भारी, मध्यम व हल्के माल वाहक वाहन प्रतिबंधित होगें। साथ ही जिनकों कार्यक्रम में सम्मिलित नही होना है वह सभी प्रकार के सवारी वाहन भी प्रतिबंधित रहेगें। पैटलावद से मेघनगर, थादंला, बामनिया, रतलाम बदनावर की ओर आ जा सकेगें। एकांगी मार्ग मुख्य कार्यक्रम स्थल भैंसौला की ओर वही सवारी वाहन आयेगें जिनको कार्यक्रम में सम्मिलित होना है शेष सभी सवारी वाहन प्रतिबंधित किये जायेगें। सरदारपुर से भैंसौला बदनावर से भैंसौला का मार्ग प्रातः 7 बजे से एकांगी मार्ग (One Way) अर्थात कार्यक्रम स्थल भैंसौला तक आने वाले वाहनों के लिये ही उपयोग किया जा सकेंगा। पेटलावद से भैंसौला प्रातः 10 बजे तक वही वाहन जा सकेंगें जिनको कार्यक्रम में सम्मिलित होना है। प्रातः 10.00 बजे के बाद यह मार्ग उपयोग नहीं हो सकेंगा।  

बाघों की गणना को लेकर राष्ट्रीय कार्यशाला, वन्यजीव सर्वेक्षण पर मंथन

भोपाल  ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन–2026 विश्व का सबसे बड़ा वन्यजीव सर्वेक्षण की शुरुआत मध्य भारत से हुई। इस राष्ट्रीय अभियान की पहली क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला सोमवार को पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्कूल के बच्चों द्वारा “बाघ राखी” से हुआ, जो बाघ संरक्षण की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस अवसर पर लघु डॉक्यूमेंट्री “एक नई सहर” तथा फिल्म “बाघ रक्षक : साइलेंट वॉरियर्स ऑफ पेंच” का टीज़र भी लॉन्च किया गया। साथ ही पेंच के समर्पित फ्रंटलाइन स्टाफ को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। कार्यशाला में लगभग 150 अधिकारी 22 टाइगर रिज़र्व और बाघ कॉरिडोर से जुड़े परिदृश्यों से इस भाग ले रहे हैं। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एल. कृष्णामूर्ति, NTCA के डीआईजी डॉ. वैभव माथुर, पेंच टाइगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर देवप्रसाद जे. तथा डॉ. नातेशा, डॉ. बिलाल हबीब नोडल अधिकारी टाइगर सेल (WII) सहित पाँच राज्यों के फील्ड डायरेक्टर, डीएफओ/डिप्टी डायरेक्टर, एसीएफ, रेंज ऑफिसर, फील्ड बायोलॉजिस्ट और फ्रंटलाइन स्टाफ सम्मिलित हुए। विशेषज्ञ अधिकारियों को टाइगर एस्टीमेशन की वैज्ञानिक कार्यप्रणालियों, MSTrIPES ऐप आधारित डिजिटल मॉनिटरिंग, कैमरा ट्रैपिंग, ऑक्यूपेंसी सर्वे और फील्ड अभ्यास पर प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। कार्यशाला ज्ञान और अनुभव साझा कर सहभागी अधिकारी एक-दूसरे के व्यावहारिक अनुभवों से सीख सकें और वैज्ञानिक पद्धतियों को और अधिक सुदृढ़ बना सकें। कार्यशाला प्रशिक्षकों की तैयारी का महत्वपूर्ण प्रथम चरण है, जो आगे अपने क्षेत्रों में फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगे और टाइगर एस्टीमेशन-2026 को सफल बनाएंगे।  

नमी से निखरेगी खूबसूरती

सुन्दर व आकर्षक त्वचा पाने के लिए कई तरह के उपाय आजमाए जाते हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता। सिर्फ कॉस्मेटिक्स के बल पर मनचाही खूबसूरती हासिल नहीं की जा सकती। खूबसूरत दिखना है तो त्वचा को भीतर से चाहिए नमी। पानी क्यों जरूरी है आपकी खूबसूरती के लिए…. हम खूबसूरत त्वचा पाने के लिए क्या कुछ नहीं करते! टीवी पर आने वाले विज्ञापनों को देखकर कभी कोई क्रीम लगाते हैं तो कभी किसी खास फेसवॉश पर जोर देते हैं। इस दौरान आस-पड़ोस के लोगों द्वारा बताए गए नुस्खे भी बड़े महत्वपूर्ण लगते हैं। पर नतीजा जीरो ही आता है। पता है ऐसा क्यों? क्योंकि खूबसूरती सिर्फ बाहरी लेप लगाने से नहीं आती। इसके लिए हमारा खानपान भी बेहद मायने रखता है। बात अगर सुंदर त्वचा की हो रही है तो यहां यह बात भी मायने रखती है कि आप दिन भर में कितना पानी पीती हैं। डॉक्टरों की रिपोर्ट भी यही कहती है। लेडी हार्डिंग कॉलेज की डॉक्टर मोनिका पुरी के अनुसार त्वचा में निखार सिर्फ ब्यूटी प्रोडक्ट से नहीं आता, बल्कि इसके लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण है। त्वचा जब तक हाईड्रेटेड नहीं होगी, उसमें चमक आना नामुमकिन है। हालांकि डॉ. मोनिका यह भी कहती हैं कि त्वचा को हाईड्रेटेड रखना सिर्फ त्वचा की सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे शरीर की सेहत के लिए भी जरूरी है। हमारा शरीर 70 फीसदी पानी से बना हुआ है। इसलिए यह और भी जरूरी हो जाता है कि हम दिन में खूब सारा पानी पिएं, ताकि शरीर के भीतर पानी का स्तर बना रहे। त्वचा का महत्व इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि त्वचा पसीने के रूप में हमारे शरीर से विषाक्त बाहर निकालता है और यह तभी संभव है, जब त्वचा में भरपूर नमी होगी। खाने में करें बदलाव… चमकदार त्वचा चाहिए तो खाने-पीने के मामले में भी आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। अंदाजा लगाएं तो शरीर में जाने वाले 20 फीसदी पानी का स्रोत हमारा खाना ही होता है, जिसमें फल और सब्जियां शामिल हैं। इसलिए अगर आप खूब सारा पानी नहीं पी सकतीं तो ऐसे फल या सब्जी खाएं, जिनमें 90 फीसदी पानी होता है, जैसे खीरा। खीरे में 96.6 फीसदी पानी होता है। टमाटर में 95 प्रतिशत पानी होता है। ऐसे ही शिमला मिर्च, गोभी, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, गाजर आदि को ज्यादा-से-ज्यादा मात्रा में अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इन सब में 90 फीसदी से ज्यादा पानी होता है। इनसे बनाएं दूरी… -सिगरेट, शराब, बीड़ी, गुटखा आदि से त्वचा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। जिस चीज में निकोटीन होगी, उससे आपकी त्वचा के हाईड्रेशन को खतरा है। कई बार आपने सुना होगा कि चाय ज्यादा पीने से रंग काला हो जाता है। यह मिथक है, पर इस बात में थोड़ी सच्चाई भी है। चाय में भी निकोटीन होती है। इसलिए आप चाय और कॉफी पर ज्यादा जोर न दें। -बाहर का तला-भुना, फास्ट फूड आदि पर अपनी निर्भरता कम करें। इससे हमारा पूरा सिस्टम प्रभावित होता है, त्वचा भी इससे अछूती नहीं है। -त्वचा काली हो, गोरी हो या सांवली, अगर सेहतमंद नहीं है तो कोई भी ब्यूटी प्रोडक्ट लगाकर वह खूबसूरत व आकर्षक नहीं बन सकती। इसलिए खूब पानी पिएं। सेहतमंद खाना खाएं और अपनी हाइजीन का ध्यान रखें। हाईड्रेशन की खातिर देखभाल जरूरी…. कभी-कभी चीजें बहुत सरल होती हैं, लेकिन हम उनसे इतने डरे होते हैं कि उन समस्याओं में खुद को बेहद उलझा हुआ महसूस करते हैं। त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी कुछ ऐसी ही होती हैं। त्वचा को हाईड्रेटेड रखने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि आप त्वचा को साफ पानी से धोती रहें और धोने के तुरंत बाद चेहरा पोछें नहीं। त्वचा को कुछ देर पानी के साथ छोड़ दें और कुछ देर के बाद पोछ लें। इसके अलावा रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह धोना न भूलें। घर में अगर मलाई और बेसन है तो दोनों को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद उसके सूखने से पहले हल्के हाथ से रगड़ते हुए उसे हटाएं। यह पूरे दिन की गंदगी निकाल बाहर करेगा। बाजार में आने वाले फेसवॉश को इस्तेमाल करने से अच्छा है कि आप घर में ही एक लेप बनाकर रख लें। 100 एमएल रोज वाटर, 90 एमएल वेजिटेबल ग्लिसरीन, 90 एमएल एलोवेरा, किसी एसेंशियल ऑयल की 8 बूंदें और रोज एसेंशियल ऑयल को एक बाउल में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। इस मिश्रण को एक कांच की बोतल में रख लें और जब भी इस्तेमाल करें, पहले बोतल को अच्छी तरह हिला लें। इस लेप से चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें और फिर साफ पानी से धो लें। ना नहाएं ज्यादा देर… अगर आपको गुनगुने पानी से नहाने की आदत है तो दस मिनट से ज्यादा न नहाएं। गर्म पानी त्वचा की नमी चुरा लेता है। यही नहीं, त्वचा से निकलने वाले प्राकृतिक तेल, जो त्वचा के लिए मॉइस्चराइजर का काम करते हैं, उन्हें भी खत्म कर देता है। ठंडे पानी से ही नहाएं। ठंड के मौसम में भी ज्याद गर्म पानी से न नहाएं। 10 नियम हर दिन त्वचा को ताजा रखने के… -रोजाना दिन में दो से ढाई लीटर पानी जरूर पिएं। ज्यादा काम करने से भी पानी की कमी हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि आप शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। -पूरा दिन पानी पीती रहें, फिर चाहे आपको प्यास लगी हो या नहीं। अगर प्यास नहीं लग रही है तो इसका मतलब यह हुआ कि डीहाइड्रेशन की शुरुआत हो चुकी है। -जो भी ड्रिंक पसंद है, उसे साथ लेकर चलें। इससे ये होगा कि आप थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ लिक्विड लेती रहेंगी। -आप हाईड्रेटेड रहने के लिए पानी के अलावा हर्बल टी, सॉफ्ट ड्रिंक्स, जूस, दूध आदि भी पी सकती हैं। -फल और सब्जियां भी आपकी सहायता कर सकती हैं। इनमें काफी मात्रा में पानी होता है। -शराब से दूर रहें। शराब पीने के बाद बार-बार पेशाब लगती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। -अगर आप कोई खेल खेलती हैं तो खेल शुरू करने से पहले पानी पी लें, क्योंकि खेल के दौरान और उसके बाद पसीने के रूप में शरीर से ज्यादा … Read more

स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र के संकल्प को साकार करने की ओर बढ़ रहा है म.प्र. : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

धार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण राष्ट्र और मध्यप्रदेश स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र के संकल्प को साकार करने की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के मध्यप्रदेश प्रवास के संदर्भ में सोशल मीडिया के माध्यम से दिए संदेश में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी 17 सितम्बर बुधवार को प्रधानमंत्री धार जिले में पीएम मित्रा पार्क की आधारशिला रखेंगे। यह देश का अपने तरह का पहला पीएम मित्रा पार्क है। यह अवसर हमारे लिए सौभाग्यशाली है। मध्यप्रदेश में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा भी मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी धार जिले के ग्राम भैंसोला में 17 सितम्बर को स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का शुभारंभ करेंगे। अभियान के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य और पोषण के उद्देश्य से शिविर लगाए जाएंगे। स्वैच्छिक रक्तदान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्यव्यापी स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एनीमिया, क्षय रोग की स्क्रीनिंग और जांच भी की जाएगी। माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए प्रसव पूर्व जांच और पोषण परामर्श भी दिया जाएगा। किशोरियों के लिए माहवारी स्वच्छता और पोषण पर प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित होंगे। यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री के स्वस्थ समाज, सशक्त राष्ट्र के संकल्प को साकार करने का महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को विकसित भारत 2047 के मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। हम निरंतर स्वस्थ समाज की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। महिलाओं का स्वास्थ्य और सशक्तिकरण प्रगति का आधार है। प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन के अवसर पर मध्यप्रदेश पधार रहे हैं। वे सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ करेंगे और प्रदेशवासियों को संबोधित कर मार्गदर्शन देंगे।  

सही पोषण की सात अच्छी आदतें

हम क्या खाते हैं और कितना पानी पीते हैं, यह तय करता है कि हम कितने फिट और स्वस्थ रहेंगे। अच्छी सेहत के लिए खान-पान में पोषण का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जानते हैं कुछ बातें, जो कर सकती हैं इसमें आपकी मदद… नाश्ता जरूर करें खुद को यह बताएं कि सुबह का नाश्ता अच्छी सेहत के साथ-साथ शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए जरूरी है। टोंड दूध के साथ ओट्स लें। उच्च फाइबरयुक्त फल और एक चुटकी दालचीनी खाएं। इससे रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। आप चाहें तो मल्टीग्रेन ब्रेड और कुछ अंडे, हल्के तले हुए मशरूम और हरी पत्तेदार सब्जियां भी खा सकते हैं। ज्यादा चाय-कॉफी ठीक नहीं चाय और कॉफी की मात्रा का ध्यान देना बहुत जरूरी है। ग्रीन टी भी अधिक न पिएं। पांच कप से अधिक ग्रीन टी लेना शरीर में पानी की कमी पैदा करेगा। अगर आप सिर्फ दूध और चीनी वाली चाय पीते हैं तो यह तय है कि आप सीमा से अधिक चीनी डाइट में ले रहे हैं। खूब खाएं हरी पत्तेदार सब्जियां यह ध्यान रखें कि हररोज कितनी मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर रहे हैं। पालक और मेथी में फोलेट प्रचुरता में होते हैं। इस विटामिन से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से बनती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कैलरी बहुत कम होती है। तीनों समय हरी सब्जियों को भोजन में शामिल करें। पानी है अनमोल हर आधे घंटे में पानी पिएं। पानी शरीर के पोषक तत्वों को भीतरी अंगों और ऊतकों तक ले जाता है। यह ध्यान रखें कि जूस और अन्य ड्रिंक्स पानी की बराबरी नहीं कर सकते। नींद का रखें ध्यान पोषक तत्व नींद पर भी असर डालते हैं। सोने से पहले कैफीन, चॉकलेट, अधिक चिकनाई वाली चीजें न खाएं। ये चीजें आंतों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए सोने से पहले अधिक तला हुआ खाना पित्त बनाता है और पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है। हर रोज व्यायाम करें अपने वर्कआउट में हृदय के लिए लाभकारी व्यायाम करें। शरीर को मजबूत और लचीला बनाए रखने वाले व्यायामों को शामिल करें। हेल्दी स्नेक्स हल्के-फुल्के नाश्ते के लिए स्वस्थ तरीके आजमाएं। इससे भूख नियंत्रित रहती है। सेब, अनार के दाने और बादाम का सलाद खाएं। शाम के समय गाजर और खीरे का सलाद खाएं।  

3 महीने में दूसरी ट्रॉफी: रजत पाटीदार ने सेंट्रल जोन को बनाया दलीप ट्रॉफी चैंपियन

बेंगलुरु  सेंट्रल जोन ने कुछ उतार-चढ़ाव भरे क्षणों से उबरते हुए सोमवार को साउथ जोन को छह विकेट से हराकर 11 साल के अंतराल के बाद दलीप ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। सेंट्रल जोन के सामने 65 रन का मामूनी लक्ष्य था लेकिन साउथ जोन के गेंदबाजों ने उनके बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली। लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं था और ऐसे में सेंट्रल जोन को उसे हासिल करने में बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई। अक्षय वाडकर (नाबाद 19 रन, 52 गेंद) और पहली पारी के शतकवीर यश राठौड़ (नाबाद 13 रन, 16 गेंद) तब क्रीज पर थे, जब सेंट्रल जोन ने 20.3 ओवर में चार विकेट पर 66 रन बनाकर लक्ष्य हासिल किया और दलीप ट्रॉफी में अपना सातवां खिताब जीता। बाएं हाथ के स्पिनर अंकित शर्मा ने दानिश मालेवार (05) को आउट किया। उनकी गेंद तेजी से घूमी और बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर मोहम्मद अजहरुद्दीन के पास पहुंची। बाद में उन्होंने सेंट्रल जोन के कप्तान रजत पाटीदार का विकेट भी लिया, जो जल्दबाजी में स्लॉग स्वीप खेलने के चक्कर में मिड-ऑन पर एमडी निधिश के हाथों कैच आउट हो गए। रविवार को भारत ए टीम में शामिल किए गए तेज गेंदबाज गुरजपनीत सिंह ने शुभम शर्मा और सारांश जैन (जिन्हें बाद में श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया) के विकेट चटकाए। रजत पाटीदार ने दलीप ट्रॉफी जीतने के बाद क्या कहा? मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी राठौड़ और वाडकर ने इसके बाद सेंट्रल जोन को लक्ष्य तक पहुंचाया। पाटीदार का कप्तान के रूप में यह इस वर्ष का दूसरा खिताब है। इससे पहले उन्होंने आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को जीत दिलाई थी और वह इससे काफी खुश हैं। उन्होंने मैच के बाद, ‘हर कप्तान को ट्रॉफी जीतना पसंद होता है। हमारे खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट में ज़बरदस्त जज्बा दिखाया और मैं इससे बहुत खुश हूं।’ साउथ जोन के कप्तान अजहरुद्दीन ने कहा कि दलीप ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचना उनके लिए लंबे घरेलू सत्र में प्रेरणा का काम करेगा, जो अब 15 अक्टूबर से रणजी ट्रॉफी चरण में प्रवेश करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘आगे घरेलू सत्र काफी लंबा है और मुझे पूरा विश्वास है कि हमें यहां मिले अनुभव का फायदा मिलेगा।’ आखिरी दिन हुआ मैच का फैसला दलीप ट्रॉफी 2025 के फाइनल मैच की बात करें, तो सेंट्रल जोन की टीम के कप्तान रजत पाटीदार ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया था। पहली पारी में साउथ जोन की टीम 149 रनों पर ही ढेर हो गई थी। वहीं, सेंट्रल जोन ने पहली पारी में 511 रन बना डाले थे। फिर दूसरी पारी में साउथ जोन 426 रन ही बना सकी। फिर मैच के आखिरी दिन सेंट्रल जोन ने 66 रन बनाकर जीत अपने नाम कर ली। रजत पाटीदार ने आरसीबी के बाद अपनी टीम को एक और खिताब जीता दिया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर रजत पाटीदार की कप्तानी की काफी तारीफ हो रही है। आरसीबी फैंस एक बार फिर से अपने कप्तानी की जीत से काफी खुश हैं।  यश राठौड़ ने खेली 194 रनों की पारी दलीप ट्रॉफी 2025 (Duleep Trophy 2025) के फाइनल में खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस के बारे में बात करें, तो साउथ जोन की पहली पारी के खिलाफ सारांश जैन ने 5 विकेट और कुमार कार्तिकेय ने 4 विकेट अपने नाम किए हैं। पहली पारी में साउथ जोन का एक भी बल्लेबाज हाफ सेंचुरी भी नहीं लगा सका। वहीं, सेंट्रल जोन की बल्लेबाजी ने साउथ जोन के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा थी। खासतौर पर यश राठौड़ ने, उन्होंने पहली पारी में सेंट्रल जोन के लिए 194 रन का आंकड़ा बनाया। इस दौरान यश राठौड़ ने 17 चौके और दो छक्के भी लगाए थे। इसी के साथ ही कप्तान रजत पाटीदार ने भी 104 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी। वहीं, सारांश जैन ने 69 रन और दानिश मालेवार ने 53 रन बनाए थे। साउथ जोन की ओर से 4-4 विकेट गुरजपनीत सिंह और अंकित शर्मा को मिले थे। इसके बाद दूसरी पारी में साउथ जोन ने 426 रन बनाए। इस तरह महज 65 रनों का लक्ष्य सेंट्र जोन को मिला। साउथ जोन की ओर से कोई शतक तो नहीं लगा, लेकिन 99 रनों की पारी अंकित शर्मा ने खेली। 84 रन आंद्रे सिद्धार्थ ने बनाए और 67 रन स्मरण रविचंद्रन ने बनाए। इसके बाद मैच के आखिरी दिन 65 रनों का लक्ष्य हासिल करके सेंट्रल जोन ने 4 विकेट के नुकसान पर जीत हासिल की और दलीप ट्रॉफी अपने नाम कर ली।