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आरपीएफ जवान को अंतिम सलामी, सड़क हादसे में मौत के बाद शव गृह ग्राम भेजा गया

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही ड्यूटी खत्म कर मोटरसाइकिल से खोंगसरा से वापस पेंड्रारोड लौट रहे आरपीएफ के जवान की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई. आरपीएफ ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर मृत जवान के शव को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला स्थित गृह ग्राम के लिए रवाना किया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. जानकारी के अनुसार, 36 वर्षीय राम आसरे सरोज सोमवार को ड्यूटी खत्म करने के बाद मोटरसाइकिल से खोंगसरा से वापस पेंड्रारोड लौट रहे था, इसी दौरान रास्ते में स्वराज माजदा की ठोकर से सिर पर गंभीर चोट लगी. आसपास के ग्रामीणों और राहगीरों ने जवान को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम के बाद दिवंगत जवान को आरपीएफ ने मंगलवार को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जिले स्थित गृह ग्राम के लिए रवाना किया गया. घटना से मृतक के परिजन जहां सदमे में हैं, वहीं स्थानीय आरपीएफ में मातम छा गया है.

युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन बनेगा योजना का मुख्य लक्ष्य: मुख्यमंत्री

संत कबीर के नाम पर उत्तर प्रदेश में स्थापित होंगे वस्त्र एवं परिधान पार्क: मुख्यमंत्री युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन बनेगा योजना का मुख्य लक्ष्य: मुख्यमंत्री बुनकरों की अपेक्षाओं को जानने-समझने के लिए हर जिले में हो संवाद, सस्ती बिजली और पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने के की जरूरत: मुख्यमंत्री निवेश सारथी पोर्टल पर मिले हैं 659 प्रस्ताव, 15,431 करोड़ निवेश और 1 लाख से अधिक रोजगार अवसर का अनुमान प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित होगा, सहायक इकाइयों व सीईटीपी की होगी अनिवार्यता युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन बनेगा योजना का मुख्य लक्ष्य: मुख्यमंत्री संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना से निवेश, उत्पादन और रोजगार के नए अवसरों के साथ-साथ परंपरा और आधुनिकता का संतुलन स्थापित होगा: मुख्यमंत्री प्रदेश से 2023-24 में 3.5 अरब डॉलर का वस्त्र और परिधान निर्यात, देश के कुल निर्यात में 9.6% योगदान प्रदेश में वस्त्र क्षेत्र से 22 लाख लोगों को रोजगार, जीडीपी में 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है, जिसकी क्षमता का सही उपयोग होने पर प्रदेश को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नई पहचान दिलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वस्त्र एवं परिधान का वैश्विक बाजार वर्ष 2030 तक 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है और भारत इसमें 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ते देशों में है। ऐसे परिदृश्य में उत्तर प्रदेश की भागीदारी इस क्षेत्र में निर्णायक सिद्ध हो सकती है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित योजना को महान संत कबीर के नाम पर समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत कबीर ने अपने जीवन दर्शन में श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता को सर्वोपरि माना और यही भाव इस योजना का आधार बनेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस योजना के माध्यम से निवेश, उत्पादन और रोजगार के नए अवसरों के साथ-साथ परंपरा और आधुनिकता का संतुलन स्थापित होगा। बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है। इस क्षेत्र का प्रदेश की जीडीपी में 1.5 प्रतिशत योगदान है, जबकि राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले लगभग 22 लाख लोग इससे जुड़े हैं। वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्जापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक क्लस्टरों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय परिधान मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र से जुड़े 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये आंका गया है और इसके फलस्वरूप लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है। प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा और इनमें प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना अनिवार्य होगी। साथ ही बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों के विकास की भी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश प्रस्तावों को शीघ्र गति से क्रियान्वित करने हेतु भूमि की पहचान और विकास कार्य को तेज़ किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अथवा नोडल एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा, ताकि निवेशकों को समयबद्ध और सुगम सुविधाएं प्राप्त हों। सरकार की ओर से पार्कों तक सड़क, विद्युत और जलापूर्ति जैसी आधारभूत सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन को इस योजना का मुख्य लक्ष्य बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना न केवल निवेश और रोजगार के नए द्वार खोलेगी बल्कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक वस्त्र एवं परिधान मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान भी दिलाएगी। बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम बुनकरों की उत्पादन लागत कम करने, आय बढ़ाने और परंपरागत वस्त्र उद्योग को नई मजबूती देने के उद्देश्य से बुनकरों के साथ संवाद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुनकर, परिश्रम और परंपरा के प्रतीक हैं। उनके हाथों से बना कपड़ा पूरे विश्व में पहचान रखता है। सरकार बुनकरों की मेहनत का सम्मान करते हुए उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है। बुनकरों से संवाद बनाकर उनकी अपेक्षाओं को जानने और समझने की आवश्यकता है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विभाग द्वारा प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए।

जनगणना कार्य के चलते स्थानांतरण पर अस्थायी प्रतिबंध, राजस्थान सरकार का आदेश

जयपुर   आगामी जनगणना-2027 की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। जनगणना कार्य में नियुक्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का कार्य पूर्ण होने से पहले स्थानान्तरण नहीं किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस प्रक्रिया में निरंतरता और सटीकता बनाए रखने के लिए कार्मिकों का उसी पद पर रहना अनिवार्य है। यदि बीच में तबादले होते हैं तो डेटा संग्रहण और कार्य प्रणाली पर असर पड़ सकता है। ऐसे में सभी कार्मिक अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाते हुए निर्धारित समय तक उसी स्थान पर बने रहेंगे, ताकि जनगणना का कार्य सुचारू और सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सके। राज्य स्तरीय समन्वय समिति की प्रथम बैठक सम्पन्न राजस्थान में प्रस्तावित जनगणना-2027 की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य के 19 विभागों के प्रशासनिक सचिवों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्य सचिव ने कहा कि यह बैठक आगामी फरवरी 2027 में होने वाली जनगणना की प्रारंभिक तैयारी है। इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल स्वरूप में की जाएगी, जिससे तहसील और गांव स्तर का सटीक डेटा उपलब्ध होगा। यह डेटा भविष्य की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का आधार बनेगा। एक जनवरी के बाद नहीं बदलेगी प्रशासनिक सीमाएं 31 दिसम्बर 2025 तक ही प्रशासनिक सीमाओं में परिवर्तन मान्य होगा। इसके बाद 1 जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार्य नहीं होगा। अत: विभागों को 1 दिसम्बर 2025 से पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने इसे एक राष्ट्रीय दायित्व बताते हुए सभी विभागों से समन्वयपूर्वक कार्य करने का आह्वान किया। जनगणना का पहला चरण: मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मई-जून 2026 में जनगणना का पहला चरण मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना का किया जाएगा। गर्मी की तीव्रता को देखते हुए प्रगणकों एवं सुपरवाइजर्स को ओआरएस और प्राथमिक दवाओं के किट उपलब्ध कराने के निर्देश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दिए गए। नए गांवों में 47 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का गृह मंत्रालय के जनगणना निदेशक बिष्णु चरण मल्लिक ने कहा कि ग्राम, नगर, तहसील और जिला स्तर की सीमाएं समय रहते स्थिर की जाएं। ताकि सटीकता बनी रहे। उन्होंने बताया कि भारत में बनी कुल नई तहसीलों में राजस्थान का 18 प्रतिशत और नए गांवों में 47 प्रतिशत हिस्सा है, इसलिए सीमाओं के निर्धारण का कार्य शीघ्र पूरा होना आवश्यक है। फरवरी 2027 में चलेगा जनगणना का दूसरा चरण उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी 2027 में जनगणना का दूसरा चरण जनसंख्या गणना का शुरू किया जाएगा। इस प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती और कार्यरत कार्मिकों का स्थानांतरण रोकने के निर्देश दिए गए। राज्य के नोडल अधिकारी एवं प्रमुख शासन सचिव, आयोजना एवं सांख्यिकी भवानी सिंह देथा ने अवगत कराया कि अब तक सभी तैयारियां निर्धारित समय में पूरी की गई हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि केन्द्र सरकार की समय सारणी के अनुसार जनगणना-2027 समय पर सम्पन्न होगी और राजस्थान देश की सबसे सटीक एवं डिजिटल जनगणना में अहम योगदान देगा।

MP कांग्रेस में अंदरूनी असहमति: CWC सदस्य ने अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भोपाल  मध्य प्रदेश में दो दशक से सत्ता से बाहर कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। प्रदेश में हाल ही में हुई जिला अध्यक्षों की नियुक्ति अभी तक विवादों में घिरी हुई है। कई दिग्गजों को जिला अध्यक्ष बनाए जाने से नाराजगी है। वहीं कई सीनियर नेताओं के क्षेत्रों में उनकी राय के खिलाफ जिलाध्यक्ष बनाए जाने से वे नाराज हैं। अब CWC मेंबर और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने प्रदेश प्रभारी और पीसीसी चीफ पर सवाल खड़े पर किए हैं। कमलेश्वर पटेल ने एमपी में संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी पर अपना बयान जारी किया है। इतनी गुटबाजी नहीं होना चाहिए उन्होंने कहा है कि गुटबाजी और प्रतिस्पर्धा हमेशा रही है। लेकिन इतनी गुटबाजी नहीं होना चाहिए, जो जिम्मेदार लोग हैं। उनकी जिम्मेदारी है। प्रदेश प्रभारी का काम समन्वय बनाने का है, न कि पार्टी बनने का। उन्होंने कहा कि मेरा तो प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से निवेदन है कि आपको खरगे जी, राहुल जी ने प्रदेश का महत्वपूर्ण पद दिया है, मुखिया बनाया है। आप सबको साथ लेकर चलिए। समाधान हो सकता है  पटेल ने एक दोहा बोलते हुए कहा कि मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक, पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक। इस तरह की भावना के साथ जिस दिन काम करना शुरू कर देंगे तो हम समझते हैं कि थोड़ी बहुत प्रतिस्पर्धा को लेकर आपस में नाराजगी हो सकती है लेकिन कोई बहुत बड़ी नाराजगी नहीं हैं। इसका समाधान किया जा सकता है और हमारे नेता कर भी रहे हैं। पटेल ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए चलाए गए संगठन सृजन अभियान को लेकर कहा कि संगठन सृजन में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल की भावनाओं को दरकिनार करने की कोशिश हुई है। जहां गड़बड़ियां हुई हैं, उनकी जांच कर रहे हैं जमीनी नेताओं को दरकिनार करना गलत उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को लेकर हाईकमान ने जाहिर भी किया कि गड़बड़ी हुई है। जमीनी नेताओं को दरकिनार करना गलत है। यह विसंगतियां हाईकमान के संज्ञान में हैं। व्यापार करने वालों को नहीं, जमीनी लोगों को मिलना चाहिए मौका।  

ICC का बड़ा फैसला: PCB की मांग खारिज, क्या अब एशिया कप 2025 से हटेगा पाकिस्तान?

नई दिल्ली एशिया कप 2025 मैच में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के दौरान पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा से हाथ नहीं मिलाया था। मैच खत्म होने के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था और ड्रेसिंग रूम का दरवाजा भी बंद कर लिया था। इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। इस मामले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने आईसीसी से भी शिकायत की, लेकिन आईसीसी ने पीसीबी की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने डिमांड की थी कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को एशिया कप से हटाया जाए, अन्यथा वे एशिया कप का बॉयकॉट कर देंगे। क्रिकबज की रिपोर्ट की मानें तो इसकी जानकारी कल रात पीसीबी को दे दी गई है। यह पीसीबी की मांग पर आईसीसी का औपचारिक जवाब है। कहा जा रहा है कि पीसीबी, पाइक्रॉफ्ट की उस भूमिका से नाराज है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा को टॉस के दौरान भारतीय कप्तान से हाथ न मिलाने के लिए कहा था। हालांकि, आईसीसी ने इसका कारण बताते हुए कहा है कि ऐसा समझा जाता है कि मैदान पर मौजूद एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) अधिकारियों ने पाइक्रॉफ्ट को बताया था कि टॉस के दौरान कोई कप्तान हाथ नहीं मिलाएगा। आईसीसी के पत्र ने इस बात को स्पष्ट कर दिया और पाकिस्तान के इस विश्वास का खंडन किया कि मैच रेफरी भारतीय टीम की ओर से काम कर रहे थे। भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव और कोच गौतम गंभीर ने मैच के बाद बताया भी था कि उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ क्यों नहीं मिलाया? दोनों ने एक सुर में कहा था कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए नागरिकों के दर्द को समझते हुए और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं के सम्मान में उन्होंने ऐसा किया था। अब देखना ये है कि क्या पाकिस्तान अपनी उस धमकी पर टिका रहेगा? जिसमें उसने कहा था कि अगर मैच रेफरी नहीं हटाए गए तो वे एशिया कप से बॉयकॉट कर देंगे?  

अब फर्जीवाड़े में फंसे अनवर कादरी: महिला की संपत्ति बेचने पर दर्ज हुई FIR

इंदौर   खजराना थाना पुलिस ने लगभग 20 साल पुराने एक संपत्ति धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी अनवर कादरी को गिरफ्तार कर लिया है। जूनी इंदौर की रहने वाली पीड़िता जोहरा बी की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। सोमवार को पुलिस ने आरोपी अनवर कादरी को पांच दिन के प्रोडक्शन वारंट पर रिमांड पर लिया है, जिससे मामले से जुड़े अन्य आरोपियों और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह के बारे में पूछताछ की जाएगी। टीआई मनोज सेंधव ने बताया कि अनवर कादरी से विस्तृत पूछताछ जारी है। किराएदार ने फर्जी मुख्तयारनामे से हड़पा मकान पीड़िता जोहरा बी ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि यह मकान उनके माता-पिता का था और उनकी किराएदार समीना बी उर्फ किरण ने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। समीना ने एक फर्जी 'मुख्तयारनामा' (पॉवर ऑफ अटॉर्नी) तैयार करवाया, जिसके आधार पर मुख्य आरोपी अनवर कादरी ने 1 नवंबर 2006 को मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली। इस फर्जीवाड़े में साजिद खान, मोहम्मद फारूख, सईद मोहम्मद, शादाब खान और जहूर मोहम्मद भी शामिल थे। बाद में आरोपियों ने मकान किसी और को बेच दिया। अलमारी से चुराए थे असली दस्तावेज जोहरा बी के अनुसार, शादी के बाद वह अपने माता-पिता के इस घर में ज्यादा नहीं रह पाती थीं। इसी बात का फायदा उठाकर किराएदार समीना ने अलमारी से मकान के मूल दस्तावेज चुरा लिए। इन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पूरी साजिश रची गई, जिसका मुख्य सूत्रधार अनवर कादरी था। पुलिस अब इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि सभी आरोपियों को पकड़ा जा सके और यह पता लगाया जा सके कि फर्जी दस्तावेज कहां और कैसे तैयार किए गए।  

ट्रेड डील की उम्मीद ने बढ़ाई सेंसेक्स की रफ्तार, बाजार ने छुआ 82,000 का निशान

मुंबई  भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर आज नई दिल्ली में बड़ी बैठक होने वाली है. तमाम मुद्दों को लेकर ये समझौता अटका हुआ है और इसे सुलझाने के लिए अमेरिका से प्रमुख वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में टीम सोमवार को यहां पहुंची है. दोनों देशों के बीच इस डील को लेकर मिले पॉजिटिव संकेतों का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला है और खुलते ही सेंसेक्स-निफ्टी दौड़ लगाते हुए नजर आए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स का झटके में 82,000 के पार निकल गया. इस बीच बैंकिंग समेत अडानी पोर्ट्स, एमआरएफ, महिंद्रा जैसे शेयरों में तेज उछाल देखने को मिला.  खुलते ही सेंसेक्स ने लगाई छलांग  शेयर मार्केट में कारोबार की शुरुआत होने के साथ ही बीएसई का सेंसेक्स अपने पिछले बंद 81,785.74 की तुलना में बढ़त लेकर 81,852.11 के लेवल पर खुला और फिर कुछ ही मिनटों में ये एक बार फिर 82,000 का आंकड़ा पार कर गया. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 380 अंक के आसपास की तेजी लेकर 82,163.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा था.  न सिर्फ सेंसेक्स, बल्कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 भी ओपनिंग के साथ ही तूफानी तेजी पकड़ता हुआ नजर आया. निफ्टी अपने पिछले बंद 25,069.20 के लेवल से मामूली बढ़त लेकर 25,073.60 पर ओपन हुआ और फिर तेज रफ्तार के साथ 25,181.05 पर ट्रेड करने लगा.  MRF से अडानी पोर्ट तक दौड़े बाजार में तूफानी तेजी के बीच जिन शेयरों में शुरुआती कारोबार के दौरान सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला. उनमें लार्जकैप कैटेगरी में एक्सिस बैंक (1.70%), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.50%), कोटक बैंक (1.40%) और अडानी पोर्ट (1.20%) शामिल रहे. इसके अलावा मिडकैप कंपनियों में एमआरएफ स्टॉक (2.66%), महिंद्रा फाइनेंस (2.30%), कॉनकोर (2%) की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे. इसके अलावा स्मॉलकैप कैटेगरी में शामिल रेडिंगटन (12%), रामा स्टील (8.21%) और गुडफ्राई फिलिप (6.86%) की जोरदार बढ़त लिए हुए थे.  1635 शेयरों ने की तेज शुरुआत  मार्केट में कारोबार शुरू होने के दौरान ग्लोबल पॉजिटिव संकेतों के बीच सेंसेक्स-निफ्टी ने जहां ग्रीन जोन में ओपनिंग की. तो वहीं बाजार में मौजूद 1635 कंपनियों के शेयर अपने पिछले बंद के मुकाबले तेज बढ़त लेकर खुले. हालांकि, 665 कंपनियों के शेयरों की शुरुआत गिरावट के साथ लाल निशान पर हुई, वहीं 162 कंपनियों के स्टॉक्स की फ्लैट ओपनिंग हुई, यानी इनके भाव में कोई भी चेंज देखने को नहीं मिला.  भारत-US ट्रेड डील पर आज बैठक  गौरतलब है कि ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ अटैक के चलते India-US के बीच ट्रेड डील अटक गई थी, लेकिन एक बार फिर इसपर बातचीत आगे बढ़ रही है. इसके लिए मंगलवार नई दिल्ली में एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें शामिल होने के लिए अमेरिका के प्रमुख वार्ताकार ब्रेंडन लिंच सोमवार को दिल्ली पहुंचे हैं और US Team का नेतृत्व करेंगे. बता दें कि एग्री-डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर दोनों देशों के बीच डील में पेंच फंसा था और उसके बाद रूसी तेल को मुद्दा बनाकर अमेरिका ने भारत पर लागू 25% टैरिफ को बढ़ाकर 50% कर दिया था. इससे पहले भारत-अमेरिका में पांच दौर की बातचीत हो चुकी थी और छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई थी. अब आज की बैठक में ट्रेड डील और टैरिफ पर सकारात्मक बात होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

देश के लिए शहीद, पहचान में लगे 19 दिन: सूबेदार दिलबाग सिंह को दी गई सम्मानजनक विदाई

रतलाम   भारतीय सेना की डिफेंस सिक्योरिटी कोर (डीएससी) इकाई के ट्रेनी सूबेदार (46) दिलबाग सिंह, निवासी अमृतसर (पंजाब), लापता नहीं हुए थे बल्कि उनकी मौत चलती ट्रेन से गिरने से हुई थी। यह हादसा 19 दिन पहले मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर रतलाम से करीब 80 किलोमीटर दूर लुनी रीछा-विक्रमगढ़ आलोट रेलवे स्टेशन के बीच हुआ था। पहचान न होने की वजह से पुलिस को उनके परिजनों की जानकारी नहीं मिल पाई थी। इधर, घर न पहुंचने से उनकी पत्नी और परिवारजन परेशान होकर उनकी खोजबीन कर रहे थे और गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। बाद में जब शव की पहचान हुई तो 15 सितंबर को आलोट में ही दिलबाग सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। कैसे हुआ हादसा? जानकारी के मुताबिक, 28 और 29 अगस्त 2025 की दरमियानी रात डाउन ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गई थी। सुबह पुलिस को शव की सूचना मिली। मृतक का चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत था और कोई पहचान संबंधी दस्तावेज भी नहीं मिले थे। इसलिए शव की पहचान न होने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर उसे दफना दिया था। 14 सितंबर को दिलबाग सिंह की पत्नी पलकप्रीत को जानकारी मिली कि कुछ दिन पहले आलोट क्षेत्र में एक अज्ञात शव मिला था। वे परिजनों के साथ थाने पहुंचीं। पुलिस ने शव के फोटो दिखाए जिन्हें देखकर परिवार ने मृतक की पहचान दिलबाग सिंह के रूप में की। इसके बाद एसडीएम न्यायालय के आदेश से शव कब्र से निकलवाया गया और परिजनों को सौंपा गया। अगले दिन सेना के महू कैंप से आए अधिकारियों और जवानों की मौजूदगी में दिलबाग सिंह का आलोट स्थित मुक्तिधाम में तिरंगे में लिपटे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ट्रेनिंग से लौट रहे थे घर दिलबाग सिंह ने 17वीं सिखलाई बटालियन में सूबेदार के पद पर 26 साल सेवा की थी और 30 मई 2024 को रिटायर हुए थे। इसके बाद वे फिर से सेना में डीएससी (डिफेंस सिक्योरिटी कोर) में भर्ती हुए। अप्रैल 2025 में वे ट्रेनिंग के लिए केरल के कन्नूर कैंट गए थे और ट्रेनिंग पूरी कर 27 अगस्त को अमृतसर लौटने के लिए रवाना हुए थे। 28 अगस्त की रात तक उनकी पत्नी से फोन पर बात हुई थी। लेकिन 29 अगस्त की सुबह जब पत्नी ने कॉल किया तो फोन उठाने वाले यात्री ने बताया कि दिलबाग सिंह पिछली रात तक पास की सीट पर थे, लेकिन सुबह से दिखाई नहीं दे रहे हैं। उनका सामान वहीं रखा हुआ है। इसके बाद परिजन अलग-अलग शहरों में खोजबीन करते रहे और 14 सितंबर को रतलाम जीआरपी थाने में जानकारी मिलने पर आलोट पहुंचे। पुलिस ने शव का डीएनए टेस्ट भी कराया है और मामले की जांच जारी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दिलबाग सिंह ट्रेन से कैसे गिरे।                  

नीतीश कुमार का चुनावी दांव: शिक्षा लोन होगा इंटरेस्ट फ्री, EMI चुकाने को मिलेगा ज्यादा समय

पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से नीतीश सरकार ने छात्र-छात्राओं को बिना ब्याज के एजुकेशन लोन देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह घोषणा की। सीएम ने कहा कि अभी 12वीं कक्षा पास विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एजुकेशन लोन दिया जाता है। इस पर 4 फीसदी ब्याज दर लागू थी, जिसे अब पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। साथ ही, लोन को चुकाने के लिए EMI (किस्त) की मियाद भी बढ़ा दी गई है। सीएम नीतीश ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सात निश्चय योजना के तहत बिहार में 12वीं पास छात्र जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए 2 अक्टूबर 2016 से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत अधिकतम 4 लाख रुपए का शिक्षा ऋण सामान्य आवेदक को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर तथा महिला, दिव्यांग एवं ट्रांसजेन्डर आवेदक को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है। अब इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले एजुकेशन लोन की राशि सभी आवेदकों के लिए ब्याज रहित होगी।” लोन चुकाने के लिए अब ज्यादा समय मिलेगा मुख्यमंत्री ने बताया कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन को 60 मासिक किस्तों (5 साल) में वापस करने का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर अधिकतम 84 मासिक किस्तों (7 साल) कर दिया गया है। वहीं, 2 लाख से ऊपर के लोन को चुकाने की अवधि अब तक 7 साल थी, जिसे बढ़ाकर अधिकतम 120 मासिक (10 साल) किस्तों में कर दिया गया है। सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोगों का उद्देश्य है कि राज्य के अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उच्च शिक्षा के लिए दिए जाने वाले एजुकेशन लोन की सुविधा से छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक उत्साह एवं लगन से हायर एजुकेशन ले सकेंगे। इस तरह वे अपने भविष्य के साथ-साथ राज्य एवं देश का भविष्य भी संवार सकेंगे। बता दें कि नीतीश की इस घोषणा को चुनावी दांव के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनावों की घोषणा संभव है। इससे पहले नीतीश सरकार ने कई लोकलुभावन फैसले लिए हैं। ब्याज फ्री एजुकेशन लोन से पहले बिहार के लोगों को 125 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को रोजगार के लिए 10 हजार रुपये समेत अन्य कई घोषणाएं हो चुकी हैं।  

ED का शिकंजा कसा, सट्टेबाजी मामले में रॉबिन उथप्पा-युवराज सिंह से अगले हफ्ते पूछताछ

नई दिल्ली  प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कथित अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा और युवराज सिंह को तलब किया है। 22 सितंबर को रॉबिन उथप्पा को पूछताछ के लिए बुलाया है, जबकि युवराज सिंह को अगले दिन यानी 23 सितंबर को पेश होने के लिए कहा है। खबर के मुताबिक, सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 39 वर्षीय उथप्पा को 1xBet नामक एक प्लेटफॉर्म से जुड़े एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें 22 सितंबर को गवाही देने के लिए कहा गया है। रॉबिन उथप्पा और युवराज सिंह अब तक दिल्ली में इस मामले में तलब किए जाने वाले तीसरे और चौथे पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। संघीय जांच एजेंसी पिछले कुछ हफ्तों में पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में सोमवार को पूर्व टीएमसी सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती का भी बयान दर्ज किया गया। सूत्रों ने बताया कि बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा इस मामले में अपने निर्धारित समन पर मंगलवार को ईडी के समक्ष पेश हुए, जबकि 1xBet की भारत ब्रांड एंबेसडर और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला मंगलवार को अपनी निर्धारित तिथि पर अभी तक पेश नहीं हुई हैं। यह जांच कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप्स से संबंधित है, जिन पर कई लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने या भारी मात्रा में कर चोरी करने का आरोप है। कंपनी के अनुसार, 1xBet एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सट्टेबाज है, जो सट्टेबाजी उद्योग में 18 वर्षों से कार्यरत है। कंपनी के अनुसार, इस ब्रांड के ग्राहक हजारों खेल आयोजनों पर दांव लगा सकते हैं और कंपनी की वेबसाइट और ऐप 70 भाषाओं में उपलब्ध है। हालांकि, अब भारत में ऑनलाइन रीयल मनी बेस्ड गेम्स को बैन कर दिया गया है। इसके बाद इस तरह के मामलों पर और भी ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। हालांकि, इन भारतीय क्रिकेटरों पर लगे ये आरोप थोड़े पुराने हैं, जब तक यह नियम लागू नहीं हुआ था।