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रविंद्र लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित

जयपुर मुंबई के अनुभवी खिलाड़ी रविंद्र पाटिल को दिव्यांग क्रिकेट वार्षिक पुरस्कार समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कर्नाटक के राजेश कन्नूर को प्लेयर ऑफ द ईयर का सम्मान मिला। दिव्यांग क्रिकेटरों की उपलब्धियों को औपचारिक रूप से मान्यता देने के लिए यह पुरस्कार स्थापित किए गए हैं। राजस्थान दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन (आरडीसीए) के सहयोग से भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) द्वारा आयोजित समारोह में देश भर के क्रिकेटरों को सम्मानित किया गया। विदर्भ के गुरुदास राउत को विशेष योगदान पुरस्कार, मुंबई के विक्रांत केनी को प्लेयर्स च्वाइस (लोकप्रिय खिलाड़ी) और कर्नाटक के शिवशंकर को आइकॉनिक प्लेयर पुरस्कार मिला। राजस्थान के सुरेंद्र खोरवाल को सर्वश्रेष्ठ शानदार खिलाड़ी, गुजरात के आदिल ननसोला को वर्ष का उभरता सितारा और उत्तर प्रदेश के अनवर अली को सर्वश्रेष्ठ जूनियर खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। हैदराबाद के चंद्रभान गिरि को सर्वश्रेष्ठ कोच चुना गया। जम्मू कश्मीर को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय टीम घोषित किया गया। समारोह के दौरान यह घोषणा की गई कि जयपुर भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली दिव्यांग क्रिकेट सीरीज की मेजबानी करेगा।  

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में ‘मोर गाँव मोर पानी’ अभियान को गति देने के निर्देश

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने मनरेगा योजनांतर्गत "मोर गाँव मोर पानी" अभियान के अंतर्गत जिले के क्रिटिकल एवं सेमी-क्रिटिकल ग्राम पंचायतों को लक्षित कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया है। साथ ही पूर्व से प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने तथा वित्तीय वर्ष 2026-27 हेतु श्रम बजट तैयार करने पर विशेष जोर दिया। जिला पंचायत के नर्मदा सभा कक्ष में शनिवार को आयोजित बैठक मे कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में जल-संरक्षण एवं भू-जल पुनर्भरण से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए तथा कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हों। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु नियमित निगरानी एवं निरीक्षण किया जाए। सभी अधिकारी एवं तकनीकी सहायक कार्य क्षेत्र पर रहकर कार्यों की गुणवत्ता एवं समय सीमा का पालन सुनिश्चित करें। बैठक में वर्ष 2026-27 हेतु श्रम बजट के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा की गई तथा अधिकारियों को आगामी समय-सीमा में पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।      मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुकेश रावटे ने कहा कि मनरेगा केवल रोजगार उपलब्ध कराने का माध्यम ही नहीं, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास, जल संरक्षण तथा सामुदायिक संपत्ति निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। अतः सभी अधिकारी योजनाओं को गंभीरता से लें और जनता को अधिकतम लाभ पहुँचाने हेतु कार्य करें। बैठक में सहायक परियोजना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत तथा समस्त तकनीकी सहायक उपस्थित थे।

फर्जी ऑनलाइन नौकरी का लालच, मेडिकल छात्र से 11.50 लाख रुपए हड़पे

रायपुर पंडरी मोवा क्षेत्र में रहने वाली एक मेडिकल स्टूडेंट पाखी वर्मा को घर बैठे ऑनलाइन टॉस्क के जरिये अच्छा मुनाफा होने का झांसा देकर ठगों ने पहले तीन किस्तों में 2 हजार रुपए उनके एकाउंट में ट्रांसफर किए. इसके बाद उनसे पांच हजार, 50 हजार और डेढ़ लाख रुपए जमा करा लिए गए. फिर उन्हें टॉस्क में गलती होने की बात कहकर फाइन के रूप में साढ़े चार लाख रुपए जैसी बड़ी जमा कराई गई और भुगतान करने से पहले और रुपए मांगे जाते रहे. फ्रॉड का अहसास होने तक मेडिकल छात्रा साढ़े 11 लाख रुपए ठगों के संदिग्ध एकाउंट में ट्रांसफर कर चुकी थी. पंडरी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. रिपोर्ट आदर्श कॉलोनी निवासी पाखी वर्मा पिता संतोष वर्मा ने लिखाई है. जानकारी के मुताबिक, 30 मई से लेकर एक डेढ़ महीने तक छात्रा के साथ ठगी की गई है. उनके मोबाइल फोन पर वॉट्सएप मैसेज भेजकर वेलफेयर टास्क वर्क फार्म होम ग्रुप से जोड़ा गया. टॉस्क मिलने पर स्क्रीनशॉट भेजना होता था. शुरू में दस से ज्यादा टॉस्क पूरा करने पर 30 मई 2025 को 1850 रुपये 3 किस्तों में भेजे गए. इसके बाद वेलफेयर टास्क में अत्यधिक लाभ की बात कहते हुए 5 हजार रुपए जमा कराए गए. फिर 15 हजार और 50 हजार जमा कराकर टॉस्क दिए गए. फिर टॉस्क में गलती बताकर साढ़े चार लाख मांगे गए. इसी तरह उन्हें बातों में उलझाकर साढ़े 11 लाख रुपए जमा करा लिये गए.

बच्चों को गाली देते देख युवक हुआ हक्का-बक्का, आखिरकार सिर फोड़ दिया

अलीगढ़ यूपी के अलीगढ़ राम राम बोलने को लेकर विवाद हो गया। इस घटना में दो लोग बुरी तरह से घायल हो गए। दरअसल गांव जिरोली डोर के समीप राह चलते एक मौलवी से बच्चों ने राम राम कर दी। ये सुनकर मौलवी भड़क गया और वह बच्चों को गाली देने लगा। जिसका बच्चों के परिजनों ने विरोध किया। इसके बाद भी मौलवी के तेवर कम नहीं हुए। इस पर विवाद बढ़ता चला गया। देखते ही देखते एक युवक ने ईंट उठाकर मौलवी के सिर में मार दी। जिससे वह बुरी तरह से लहूलुहान हो गया। मौलवी ने भी युवक को घायल कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौलवी को उपचार के लिए सीएचसी में भर्ती कराया है। मामले में पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली है। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बिहार के भागलपुर निवासी मुस्तकीम पुत्र दिलाबर लोधा के गांव भगवानपुर में बनी मस्जिद में मौलवी हैं। शनिवार की शाम को करीब चार बजे वह जिरोली डोर में बच्चों को पढ़ाने के लिए जा रहे थे, तभी गांव बुलाकगढ़ी के समीप कुछ बच्चों ने उनसे राम राम किया। आरोप है कि बच्चों के राम राम करने पर मौलवी भड़क गया। मौलवी ने जवाब में बच्चों को गाली देने शुरू कर दी।  बच्चों के परिजन ने गाली गलौच का विरोध किया। इस पर विवाद बढ़ गया। आसपास के लोगों की भीड़ गई। मामला पता चला तो एक युवक ने मौलवी के सिर में ईंट से प्रहार कर दिया। ईंट लगते ही मौलवी का सिर फट गया और बुरी तरह से वह लहूलुहान हो गया। इसके बाद मौलवी ने भी युवक से ईंट छीनकर मार दी। विवाद में दोनों घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को उपचार के लिए सीएचसी नहरा में भर्ती कराया है। जहां दोनों का उपचार चल रहा है।  

रोशना पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 231.33 लीटर विदेशी शराब के साथ तीन तस्कर दबोचे

कटिहार,  रोशना थाना पुलिस ने अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एक चार पहिया वाहन से कुल 231.33 लीटर विदेशी शराब के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर वाहन जांच की और तस्करों को पकड़ लिया। गिरफ्तार तस्करों में मोनू कुमार (25 वर्ष) पिता मनोज राय, निर्भय कुमार यादव (35 वर्ष) और विकास कुमार (18 वर्ष) शामिल हैं। ये सभी आरोपी समस्तीपुर जिले के निवासी हैं। पुलिस ने इनके पास से 231.33 लीटर विदेशी शराब और एक चार पहिया वाहन बरामद किया है। पुलिस ने कांड दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है और गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ कर रही है।  

अल्ज़ाइमर का दुर्लभ रूप: सिर्फ़ याददाश्त ही नहीं, नज़र और समझ भी छीन लेता है

जब कोई बुजुर्ग अचानक अखबार पढ़ते हुए शब्द पहचान न पाए या घर की जानी-पहचानी चीजों को देखकर उलझन में पड़ जाए, तो अक्सर परिवार को लगता है कि समस्या आंखों में है। लोग तुरंत आई स्पेशलिस्ट के पास पहुंच जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह हमेशा आंखों की कमजोरी नहीं होती है? जी हां, कई बार इसके पीछे दिमाग से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी होती है, जिसे पोस्टीरियर कॉर्टिकल एट्रोफी कहते हैं। आइए, 21 सितंबर को मनाए जा रहे World Alzheimer's Day के मौके पर डॉ. संजय पांडे (हेड ऑफ न्यूरोलॉजी एंड स्ट्रोक मेडिसिन, अमृता अस्पताल, फरीदाबाद) से इस विषय के बारे में समझते हैं। आंखें ठीक, मगर दिमाग नहीं PCA दरअसल अल्जाइमर का एक असामान्य रूप है। इसमें दिमाग का पिछला हिस्सा प्रभावित होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की देखने और पहचानने की क्षमता कमजोर होने लगती है। हैरानी की बात यह है कि आंखें पूरी तरह से हेल्दी रहती हैं, लेकिन दिमाग उन्हें सही तरह से काम करने नहीं देता। स्टडी से मिली चौंकाने वाली जानकारी Neurology जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन बताता है कि ऐसे मरीजों को सही निदान मिलने में औसतन तीन से चार साल लग जाते हैं। ज्यादातर लोग शुरुआत में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि परेशानी आंखों में है, लेकिन असल में यह समस्या मस्तिष्क की होती है। एक दिलचस्प केस स्टडी में सामने आया कि 82 वर्षीय महिला, जिन्हें अल्जाइमर की शुरुआती समस्या थी, अचानक पेंटिंग करने लगीं। जीवनभर कभी कला से न जुड़ी इस महिला की यह “नई शुरुआत” वैज्ञानिकों के लिए हैरान करने वाली थी। विशेषज्ञ मानते हैं कि कभी-कभी दिमाग में होने वाले बदलाव छिपी हुई रचनात्मक क्षमताओं को भी सामने ला देते हैं। लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें     अचानक पढ़ने या लिखने में कठिनाई होना     परिचित वस्तुओं को पहचानने में समस्या     आंखों की जांच सामान्य आने के बावजूद दृष्टि संबंधी दिक्कत बने रहना     रोजमर्रा के काम करते समय दृश्य भ्रम महसूस होना अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो इसे केवल “बुढ़ापे की निशानी” मानकर न टालें। डॉक्टरों की सलाह विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में केवल आंखों की जांच तक सीमित न रहें। तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना जरूरी है। जितनी जल्दी सही कारण सामने आएगा, उतनी जल्दी इलाज की दिशा तय हो पाएगी। परिवार की भूमिका भी है अहम मरीज को पॉजिटिव एक्टिविटीज में शामिल करें। अगर उन्हें अचानक पेंटिंग, संगीत या लेखन में रुचि हो तो उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे न केवल मानसिक सुकून मिलेगा बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है।

सैनिक कल्याण कोष में 22 लाख रूपए का योगदान

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादवने कहा कि राज्य सरकार भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी स्मृतियों को संजोने और उनसे जुड़े स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लिये अनुकूल समय है, जब राष्ट्र के हित में सही निर्णय हो रहे हैं। विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को वृंदावन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे भगवान कृष्ण कन्हैया की पावन धरा पर पहुंचे हैं। यहां पहुंचने पर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं याद आती हैं जो आज भी समसामयिक हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने विशाल दृष्टिकोण और गरीबों के प्रति उदार भाव रखने की शिक्षा दी। मध्यप्रदेश की धरती पर सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने से लेकर सुदामा के साथ मैत्री, रुकमणी से विवाह और भगवान परशुराम से सुदर्शन चक्र प्राप्त करने के प्रसंग घटित हुए। इस नाते मध्यप्रदेश भी गौकुल का आनंद प्रदान करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वृंदावन धाम स्थित केशव नगर पहुंचकर साध्वी सरस्वती दीदी की श्रीमद भागवत कथा का श्रवण किया और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। साध्वी सरस्वती दीदी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा मध्यप्रदेश में गौवंश संरक्षण, कृष्ण पाथेय के विकास के लिए की गई पहल और वैदिक घड़ी की स्थापना, भारतीय संस्कृति से युवा पीढ़ी को अवगत करवाने के प्रयासों की सराहना की। साध्वी सरस्वती दीदी ने सैनिक सहायता कोष के लिए साध्वी सरस्वती फाउंडेशन, वृंदावन की ओर से 11 लाख रुपए की राशि का चेक मुख्यमंत्री डॉ यादव को प्रदान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सैनिक सहायता कोष के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ओर से 11 लाख रुपए की राशि शामिल करते हुए कोष में कुल 22 लाख रुपए देने को कहा। मुख्यमंत्री डॉ. यावदव ने स्व. जनक सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगरा के निकट ग्राम बाकंदा पहुंचकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मध्यक्षेत्र के "क्षेत्र सेवा प्रमुख" श्री ओम प्रकाश सिसोदिया के पिता श्री जनक सिंह सिसोदिया के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री जनक सिंह सिसोदिया की बाकंदा आगरा स्थित समाधि परिसर में पौध रोपण भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आगरा एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री द्वय श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं श्री ब्रजेश पाठक ने आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उप मुख्यमंत्री द्वय का हृदय से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के वृंदावन पहुंचने पर उत्तर प्रदेश के जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।  

आम आदमी के लिए राहत! पंजाब सरकार ने डेयरी उत्पादों के दाम घटाए

चंडीगढ़  पंजाब सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता आम आदमी का हित और रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाना है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वेरका के दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों की कीमतों में बड़ी कटौती का फैसला लिया है, वह न केवल उपभोक्ताओं को राहत देता है बल्कि राज्य की सहकारी व्यवस्था को भी नई मजबूती प्रदान करेगा. यह कदम पंजाब के हर घर की जरूरतों को ध्यान में रखकर उठाया गया है. वेरका, जो पंजाब की किसान सहकारी संस्था मिल्कफेड का एक भरोसेमंद ब्रांड है, अब और भी अधिक सुलभ होगा. दूध, घी, मक्खन, पनीर और आइसक्रीम जैसे रोजाना इस्तेमाल होने वाले उत्पादों की कीमतों में की गई कमी सीधे उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगी. उदाहरण के लिए, घी 30-35 रुपये प्रति लीटर/किलोग्राम सस्ता हो जाएगा, पनीर की कीमत 15 रुपये प्रति किलोग्राम कम होगी और टेबल बटर व अनसाल्टेड बटर की कीमतें भी घटा दी गई हैं. इस तरह का सीधा आर्थिक लाभ हर घर की थाली तक पहुंचेगा.   महंगाई के इस दौर में जब आम आदमी का बजट लगातार दबाव में है, यह निर्णय जीवनयापन की लागत को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए यह राहत बड़ी अहमियत रखती है. अब उपभोक्ता सस्ते और शुद्ध डेयरी उत्पादों तक आसानी से पहुंच सकेंगे, जिससे उनका पोषण स्तर भी बेहतर होगा. इसके साथ ही, इससे उपभोक्ताओं की मांग और बिक्री में बढ़ोतरी होगी, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी. यह पहल सिर्फ उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं है. वेरका उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी का सीधा लाभ पंजाब के डेयरी किसानों तक पहुंचेगा. किसानों की आमदनी बढ़ेगी और सहकारी संस्थाएं मजबूत होंगी. यह कदम किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक संतुलन बनाने का बेहतरीन उदाहरण है. पंजाब सरकार का यह निर्णय किसानों और जनता दोनों के हितों की रक्षा करता है, जिससे सहकारी मॉडल और अधिक सशक्त होगा. मुख्यमंत्री मान ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पहल से राज्य की वित्तीय स्थिति को भी मजबूती मिलेगी. उत्पादों की कीमतें घटने से मांग और खपत में वृद्धि होगी, जिससे कर वसूली बढ़ेगी. इसका उपयोग राज्य के विकास, गुणवत्तापूर्ण सेवाओं और बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने में होगा. इस प्रकार, यह कदम एक व्यापक और दूरदर्शी नीति का हिस्सा है जो उपभोक्ताओं, किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था, सभी को लाभ पहुंचाता है. पंजाब सरकार की यह पहल महज कीमतों में कटौती नहीं है, बल्कि आम आदमी को केंद्र में रखकर बनाई गई एक ठोस नीति है. यह पंजाब को उपभोक्ता-हितैषी और किसान-हितैषी राज्य के रूप में और मजबूत करेगी. वेरका जैसे ब्रांड की कीमतों में की गई कमी आने वाले समय में “रंगला पंजाब” की नींव को और मजबूत बनाएगी. इससे न केवल हर घर तक राहत पहु.चेगी, बल्कि पंजाब के लोगों के चेहरे पर मुस्कान भी आएगी.  

भाईजान’ नहीं आएंगे MP के गरबा में, MLA ने रखी हिंदू रीति से ही प्रवेश की शर्त

भोपाल भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने गैर हिंदुओं को गरबा आयोजन से दूर रहने की चेतावनी दी है। राजधानी में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गैर हिंदू गरबा में आ सकते हैं, शर्त यह है कि उन्हें सनातन धर्म अपनाना होगा। तुलसी पत्र खिलाकर और एक चम्मच गंगाजल पिलाकर उनका हिंदू धर्म में स्वागत करने को तैयार हैं। गैर हिंदूओं को गरबा से दूर रहने की चेतावनी सोमवार से नवरात्रि शुरू हो रही है। शहर में कई जगह गरबा का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर पिछले कुछ वर्षों से माहौल एकदम बदला हुआ है। विश्व हिंदू परिषद और उससे जुड़े कई हिंदूवादी संगठन मतांतरण और लव जिहाद की कोशिशों का आरोप लगाकर गैर हिंदुओं का इस आयोजन में उग्र विरोध करते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से इन संगठनों ने अलग-अलग चेतावनियां दी हैं। प्रशासन को भी पत्र सौंपे हैं। इस संदर्भ में हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा एक कदम और आगे बढ़े हैं।   'हिंदू बनना चाहते हैं, तो उन्हें गरबा में आएं' पत्रकारों से औपचारिक चर्चा में विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि उनके माता-पिता ने धर्म छोड़कर गलती की है और वे गलत धर्म में पैदा हुए हैं। वे हिंदू बनना चाहते हैं, तो उन्हें गरबा में आना चाहिए। माथे पर तिलक लगाना चाहिए। देवी का प्रसाद खाना चाहिए। आरती करनी चाहिए और धोती-कुर्ता पहनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर तुम राम बनकर आ रहे हो, तो गरबा खेलने के लिए तुम्हारा स्वागत है। अगर तुम हमारी बहन-बेटियों को परेशान करने आए, तो तुम्हारे साथ ऐसा सलूक किया जाएगा जिसे तुम कभी नहीं भूल पाओगे।

बस्तर संभाग के दूरस्थ क्षेत्र अबूझमाड़ से लगे ग्राम कोंडे तक पहुँची स्वास्थ्य सेवाएँ

इंद्रावती नदी में स्वयं नाव चलाकर गाँव पहुँचे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच और परामर्श नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच रायपुर  छत्तीसगढ़ में जब बस्तर के दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने की बात होती है तो सबसे पहले दुर्गम जंगलों और उफनती इंद्रावती नदी का ख्याल आता है। बरसात के मौसम में दुर्गम गाँवों तक पहुँचना बेहद जोखिमपूर्ण माना जाता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में प्रदेश का प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए लोगों की जान बचाने की प्राथमिकता के साथ कार्य कर रहा है। नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब आमजन तक पहुँच रहा है। यह मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन का परिणाम है, जिसने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया और आयुक्त-सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में प्रदेशव्यापी “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान ने बीजापुर जिले के सबसे दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित की है। बीते शनिवार को स्वास्थ्य दल ने स्वयं नाव चलाकर उफनती इंद्रावती नदी पार की और अबूझमाड़ से लगे ग्राम कोंडे में शिविर लगाया। इस शिविर में कुल 132 मरीजों की जांच की गई, जिनमें मलेरिया, सर्दी-खाँसी और त्वचा रोग से पीड़ित रोगी प्रमुख रहे। विशेष रूप से 10 गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और परामर्श प्रदान किया गया। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत महिलाओं को पोषण, एनीमिया से बचाव और सुरक्षित मातृत्व संबंधी विस्तृत जानकारी भी दी गई। बीजापुर जिले में बीते तीन दिनों के दौरान अभियान की गति उल्लेखनीय रही है। इस अवधि में हजारों लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें उच्च रक्तचाप के 3,177 मामले सामने आए। इसके अतिरिक्त, महिलाओं में मुख, स्तन और सर्वाइकल कैंसर की 2,823 स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराया गया। साथ ही 314 गर्भवती महिलाओं को जांच, टीकाकरण और परामर्श का लाभ मिला। अभियान के अंतर्गत दूरस्थ अंचलों में आयोजित शिविरों के माध्यम से अब तक 1,200 से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग और 800 से अधिक व्यक्तियों की सिकल सेल जांच भी की जा चुकी है। ये आँकड़े केवल संख्याएँ नहीं, बल्कि उस संकल्प का प्रमाण हैं जिसके तहत प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजापुर जिले के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में भी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बाधित न हो। यही कारण है कि स्वास्थ्य कर्मी नदी, पहाड़ और जंगल पार करके महिलाओं और बच्चों तक जीवन रक्षक सेवाएँ पहुँचा रहे हैं। प्रदेश सरकार का यह प्रयास इस विचार को सशक्त करता है कि “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है।” इसी दिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतर पहुँच इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता है। बस्तर संभाग में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे ये सुधार न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊँचा उठा रहे हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित कर रहे हैं कि सुशासन और समर्पित प्रयासों से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।