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मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का शुभारंभ

भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद एवं स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का रवीन्द्र भवन भोपाल में गुरुवार को शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास से प्रात: 9 बजे से रवीन्द्र भवन तक रैली निकाली जायेगी। रैली में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद एवं स्वदेशी जागरण मंच के 300 प्रतिभागी सहभागिता करेंगे। महा-अभियान प्रदेश के 313 विकासखण्डों में 25 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। स्वदेशी जागरण सप्ताह में स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार-प्रसार करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में स्वदेशी जागरण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, स्वर्णिम भारत वर्ष फाउण्डेशन एवं अखिल भारतीय सह प्रमुख स्वदेशी मेला के सीईओ साकेत सिंह राठौर, स्वाबलंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय सह-समन्वयक जितेन्द्र गुप्त, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश के प्रादेशिक अध्यक्ष मोहन गुप्ता और स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहेंगे।  

रांची में एनसीबी की बड़ी कार्रवाई, नशा तस्करों की 48.6 लाख की संपत्ति सील

रांची,  नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रांची ज़ोनल यूनिट ने बड़ी कार्रवाई की है। ब्यूरो ने तस्करों की अवैध कमाई पर सीधी चोट करते हुए करीब 48.6 लाख रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी है। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा हेरफेर अधिनियम (साफेमा) के तहत की गई है और सक्षम प्राधिकरण ने इसे मंजूरी भी दे दी है। यह मामला पिछले साल 8 अगस्त को सामने आया था। उस समय एनसीबी को गुप्त सूचना मिली थी कि बड़ी मात्रा में डोडा (पोपी स्ट्रॉ) की खेप ले जाई जा रही है। टीम ने मांडर स्थित हेसमी टोल प्लाज़ा पर एक वाहन को रोका। तलाशी में 4,317 किलो से ज़्यादा डोडा बरामद हुआ। इस ऑपरेशन में मास्टरमाइंड मोहम्मद इमरान आलम समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क से जुड़े हैं, जिसकी डोर राजस्थान तक फैली हुई है। यही नेटवर्क लगातार बिहार और झारखंड में नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहा था। एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी की रणनीति सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, अब तस्करों की अवैध संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। साफेमा के तहत संपत्ति फ्रीज करना उसी दिशा में उठाया गया अहम कदम है। बताया गया कि जांच अभी जारी है और आरोपियों से जुड़ी अन्य संपत्तियों की भी छानबीन की जा रही है। एजेंसी ने साफ कर दिया है कि आगे भी ऐसी कार्रवाइयां होती रहेंगी। ब्यूरो ने आम लोगों से अपील की है कि वे नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोग करें। अगर किसी को नशीले पदार्थों की बिक्री या तस्करी की जानकारी मिले तो राष्ट्रीय नशा विरोधी हेल्पलाइन 1933 पर सूचना दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम और पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।  

धान उत्पादक किसानों को दीपावली से पहले ही बोनस के रूप में दिया तोहफा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश का उदर-पोषण करने वाले अन्नदाताओं की खुशहाली में ही हम सबकी खुशहाली है। अन्नदाताओं की आर्थिक मजबूती ही देश और प्रदेश के विकास और समृद्धि का आधार है। हमारी सरकार ने किसानों के सभी हितों का विशेष ध्यान रखा है। हमारी विकास नीतियों के मूल में किसान ही हैं। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी कल्याण के लिए हम मिशन मोड में आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को उनके हर वाजिब हक के साथ-साथ हमारी सरकार किसान सम्मान निधि भी दे रही है। यह निधि किसानों के प्रति हमारे सम्मान की अभिव्यक्ति है। किसानों के कल्याण और इनकी समृद्धि के लिए हमारी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को बालाघाट जिले के कटंगी तहसील मुख्यालय में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के 6 लाख 69 हजार 272 धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ 12 लाख रुपये की प्रोत्साहन (बोनस) राशि सिंगल क्लिक से उनके बैंक खातों में अंतरित की। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जित करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4 हजार अधिकतम 10 हजार रूपये की बोनस राशि देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बालाघाट जिले में करीब 245 करोड़ रुपये की लागत वाले 78 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया। इसमें 39 करोड़ रूपए लागत से बालाघाट में सरेखा आर.ओ.बी. एवं परसवाड़ा में 31 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित सांदीपनि विद्यालय भवन का लोकार्पण भी शामिल है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित ग्रामों के 850 युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। इन सभी युवाओं को गृह विभाग के विशेष सहयोगी दस्ते में नियुक्ति दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बालाघाट जिले में हुए रोजगार महोत्सव के जरिए चुने गए 3700 से अधिक युवाओं को प्रतिष्ठित निजी कंपनियों में नियुक्ति पत्र भी दिए। इन चयनितों में लगभग 1000 युवतियां भी शामिल हैं, जिन्हें बेंगलुरु की निजी कंपनियों में नियुक्ति दी जा रही है। किसानों को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल किसानों की समृद्धि, बल्कि युवाओं के लिए भी नए अवसरों से भरपूर है। किसान और युवा विकास के सेतु की तरह हैं। प्रदेश के समग्र विकास के लिए हमारी सरकार इन दोनों के परिश्रम और असीम ऊर्जा को नई दिशा देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों के आशीर्वाद से ही किसान का बेटा आज मुख्यमंत्री है। किसानों को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गेहूं और सोयाबीन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की अतिरिक्त बोनस राशि भी दी जाएगी। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बालाघाट जिले के जीआई टैग प्राप्त चिन्नौर का चावल और जैविक गुड़ भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने दी अनेक सौगातें किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की कि कटंगी में नया सामुदायिक अस्पताल बनाया जाएगा। हाईस्कूल को हायर सेकेंड्री स्कूल में प्रोन्नत किया जाएगा। कटंगी से सिवनी राजमार्ग पर नया सेतु बनाया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र के किसानों की बड़ी समस्या का निदान करते हुए कहा कि पेंच नेशनल पार्क की परिधि क्षेत्र से लगे खेतों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए चारों ओर सोलर फेंसिंग कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राजीव सागर सिंचाई परियोजना से नहलेसरा बांध को इंटरलिंक कराने के लिए परीक्षण कराकर कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जंगली जानवरों के हमले में जान गंवाने वाले क्षेत्र के 5 मृतकों स्व. सुखराम, स्व. प्रकाश, स्व. अनिल, स्व. मंगरू एवं स्व. सेवकराम के परिजनों को मुआवजे की शेष राशि के रूप में 17-17 लाख रूपए देने की घोषणा की। इन सभी मृतकों के परिजन को 25-25 लाख रुपए मुआवजा मिलना था इसमें से 8-8 लाख रूपए परिजनों को पहले ही दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मां चंद्रघंटा के साथ ज्वाला मैया का आशीर्वाद भी कटंगी में मिला है। बालाघाट ने विकास का लंबा रास्ता तय किया है और आज विकास की अहम धुरी बन चुका है। यहां के किसानों और जवानों ने अपने परिश्रम से क्षेत्र का माहौल ही बदल दिया है। यहां के जीआई टैग वाले चिन्नौर के चावल की खुशबू दूर-दूर तक फैली हुई है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में बालाघाट के कुछ युवा पथ भ्रमित हो गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल उन्मूलन के लिए 31 मार्च 2025 की तारीख तय कर दी है। उन्होंने कहा कि आज बालाघाट के 850 जवानों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं। अब यहीं के युवा यहीं पर प्रशिक्षण लेकर अपने गांव, कस्बे, जल, जंगल, जमीन और वन्य प्राणियों की रक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने सभी संकल्पों को पूरा करते हुए तेजी से आगे बढ़ रही है। किसानों को सम्मान निधि के साथ-साथ प्रोत्साहन राशि का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार ने लाड़ली बहनों से किया वादा भी निभाया है। रक्षाबंधन पर उन्हें 1500 रुपए दिए, अब दीपावली की भाईदूज से हर माह 1500 रुपए देंगे। हम धीरे-धीरे यह राशि बढ़ाकर 3000 रुपए कर देंगे। गौमाता को संरक्षण और सम्मान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने गौमाता को संरक्षण देने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है। किसान भाई अधिक से अधिक गाय पालकर दुग्ध उत्पादन करें और अपनी आय बढ़ाएं। किसान भाई गौपालन के साथ-साथ प्राकृतिक खेती से जुड़ें। उन्होंने कहा कि जिसके घर गाय वो गोपाल, 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास गौमाता में होता है। कोई भी गौमाता को परेशान करेगा, उसे समाज में रहने की कोई जगह नहीं है। हमारी सरकार ने गौशालाओं के अनुदान की राशि बढ़ाई है। प्रदेश में बड़ी-बड़ी गौशालाएं खोली जा रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दीपावली से पहले ही किसानों को धान के बोनस के रूप में तोहफा मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी की दरों में छूट देकर देशवासियों को दीपावली का बचत गिफ्ट दिया है। हम स्वदेशी उत्पादों और स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक उपयोग करें और इस स्वदेशी भाव को … Read more

हिमाचल प्रदेश के नैना देवी में भक्तों का सैलाब, हरियाणा डिप्टी स्पीकर ने भी टेका माथा

बिलासपुर,  हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी में नवरात्रि के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। भक्त माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा अर्चना कर रहे हैं। इस अवसर पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु नैना देवी मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर के बाहर श्रद्धालु सुबह से ही कतारों में खड़े होकर मां नैना देवी के दर्शन और आशीर्वाद लेने पहुंचे। मंदिर न्यास ने हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशों के तहत श्रद्धालुओं की सुविधा की व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण में गूंज उठा। हरियाणा सरकार के डिप्टी स्पीकर कृष्ण लाल ने भी शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर माता का आशीर्वाद लिया। पुजारी हरीश शर्मा ने बताया कि मंदिर में नवरात्रि के तीसरे दिन काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार के आदेशानुसार सारे कार्य किए जा रहे हैं। महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश और भूस्खलन की वजह से जो रास्ते बंद हो गए थे, उन्हें खोल दिया गया है और अन्य रास्तों को सही कराया जा रहा है। मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि इन शुभ नवरात्रि के दिनों में आकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करें। श्रद्धालुओं ने बताया, “आज का दर्शन बहुत शुभ था, यह एक बहुत ही सकारात्मक और संतोषजनक अनुभव था। आज के दिन ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है। माता भक्तों की मनोकामना जल्दी पूरी करती है।” श्रद्धालुओं ने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशों पर जिला प्रशासन एवं मंदिर ट्रस्ट द्वारा सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर और रास्तों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और जगह-जगह सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। श्रद्धालु लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र

भोपाल.  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट जिले के ग्रामीण एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र के करीब 4 हजार युवाओं को रोजगार के लिये नियुक्ति-पत्र वितरित किये। इसमें लगभग एक हजार युवतियॉ शामिल है, जिनका बैंगलोर की कंपनियों में प्लेसमेंट हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 850 युवाओं को गृह विभाग के विशेष दस्ते में नौकारी के नियुक्ति-पत्र भी सौंपे। इतनी बड़ी संख्या में जिले के ग्रामीण एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिलने से न केवल उनका एवं परिवार का भविष्य संवरेगा साथ ही नक्सलवाद जैसी चुनौती को खत्म करने में मदद मिलेगी। बालाघाट के कटंगी तहसील में हुए कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा, कंपनी के प्रतिनिधियों, चयनित अभ्यर्थी और उनके परिजन शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने देश की प्रतिष्ठित कंपनियों से चर्चा उपरांत सांदीपनि विद्यालय बालाघाट में 20 से 22 सितम्बर तक रोजगार महोत्सव का आयोजन कराया। कंपनियों द्वारा लगभग 5 हजार युवाओं की भर्ती की जाना है। तीन दिन के इस महोत्सव में सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं तथा शासकीय विभागों के सहयोग से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक से अधिक युवाओं को शामिल कराया गया और उन्हें बालाघाट पहुंचाने में मदद की गई। इस रोजगार महोत्सव में टाटा मोटर्स, टाटा इलेक्ट्रानिक्स, एमआरएफ, क्यूमयुईएसएस बैंगलुरू, एल एंड टी, सीआईआई छिंदवाड़ा, रेमंड कंपनी एवं अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा 10वीं पास, 12वीं पास एवं आईटीआई डिप्लोमा प्राप्त 2734 युवाओं का इंटरव्यू लेकर चयन किया गया है। इसमें 1889 युवक एवं 845 युवतियॉ शामिल है। पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये विशेष कैम्प लगाया गया जिसमें 500 युवाओं का चयन एल एंड टी कंपनी द्वारा किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में आयोजित किये गए रोजगार मेलों में भी 500 युवाओं का चयन किया गया है। इस प्रकार बालाघाट के ग्रामीण एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 3734 युवाओं को देश की प्रतिष्ठित कंपनी में रोजगार उपलब्ध कराया गया है।  

मुख्यमंत्री साय राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह में हुए शामिल

रायपुर, व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर किया गया हर कार्य सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत देशभर में 4 लाख से अधिक विद्यार्थी स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं। हमारे प्रदेश में भी एक लाख से अधिक विद्यार्थी सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। आज जिन स्वयंसेवकों को उनके श्रेष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है, उन्हें हम हार्दिक बधाई देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई के समय यह माना जाता था कि स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग देना ही राष्ट्रसेवा है। आज जब देश स्वतंत्र हो चुका है, तो राष्ट्रसेवा का अर्थ है सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में अपना समग्र योगदान देना। एनएसएस के स्वयंसेवक इस दिशा में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवकों को राष्ट्रसेवा का स्वरूप समझाते हुए कहा कि जब हम एक पेड़ लगाते हैं तो राष्ट्रसेवा करते हैं। जब हम किसी को अस्पताल तक पहुँचाते हैं तो राष्ट्रसेवा करते हैं। किसी की आर्थिक मदद करना, किसी को पढ़ने-लिखने में सहयोग करना भी राष्ट्रसेवा ही है। हर कार्य जो हम अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से परे होकर करते हैं, वही सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य है। उन्होंने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक पूरे मनोयोग से सेवा करते रहें और शिक्षा के प्रचार-प्रसार में योगदान दें ताकि कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। नई औद्योगिक नीति के तहत उद्योगों में रोजगार देने वाले उद्यमियों को सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। पिछले 10 महीनों में लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि सेवा केवल दूसरों की मदद करना ही नहीं है, बल्कि यह चरित्र, सोच और जिम्मेदारी की भावना को आकार देने का माध्यम भी है। युवाओं की ऊर्जा और उत्साह ही समाज और राष्ट्र की असली पूंजी है। एनएसएस स्वयंसेवक जिस लगन और समर्पण से सेवा कार्य कर रहे हैं, वह हमारी युवा शक्ति का परिचायक है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता में एनएसएस स्वयंसेवकों की सक्रिय भूमिका रही है। उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य सहित अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की पत्रिका ‘समर्पण’ और विकसित भारत क्विज कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन किया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य कर रही संस्थाओं, अधिकारियों और स्वयंसेवकों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर सीएसआईडीसी के अध्यक्ष  राजीव अग्रवाल, सचिव उच्च शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष कुमार देवांगन, एनएसएस उप कार्यक्रम सलाहकार डॉ. अशोक कुमार श्रोती, राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. नीता बाजपेयी, सभी जिलों के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक और प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आए स्वयंसेवक उपस्थित थे।

मोदी सरकार ने बिहार के लिए रेलवे और हाईवे विकास परियोजनाओं को दी मंजूरी

पटना  चुनावी साल में बिहार को केंद्र सरकार से एक और बड़ा तोहफा मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कुल 6 अहम फैसलों पर मुहर लगी. इन फैसलों पर करीब 94,916 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. रेलवे, सड़क, शिक्षा, जहाजरानी और रिसर्च जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी इन योजनाओं का सीधा फायदा बिहार और देश के बाकी हिस्सों को मिलेगा. रेलवे कर्मचारियों के लिए भी सरकार ने खुशी की सौगात दी है. उन्हें प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस देने का फैसला हुआ है, जिस पर 1,866 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेल लाइन डबलिंग परियोजना को मंजूरी दी गई है. इस पर 2,192 करोड़ रुपये खर्च होंगे. रेलवे का यह कदम न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा बल्कि मालगाड़ियों की आवाजाही को भी दोगुना कर देगा. इसके अलावा साहेबगंज-बेतिया एनएच-139W को चार लेन बनाने पर 3,822 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से सीमांचल और उत्तर बिहार के लोगों को तेज रफ्तार कनेक्टिविटी मिलेगी. चार-लेन ग्रीनफील्ड प्रोजेक्‍ट से पटना और बेतिया के बीच संपर्क को बेहतर बनाया जाएगा. इससे उत्तर बिहार के वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले भारत-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों तक जुड़ जाएंगे. मेड‍िकल, स्‍वास्‍थ्‍य से लेकर शिपबिल्डिंग प्रोजेक्‍ट पास     केंद्र ने मेडिकल कॉलेज और मेडिकल शिक्षा विस्तार पर 15,034 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है. इससे बिहार सहित देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और बेहतर होने की उम्मीद है.     इसके साथ ही सीएसआईआर की क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास योजना पर 2,277 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जिससे देश में रिसर्च और इनोवेशन को नई उड़ान मिलेगी.     कैबिनेट ने शिपबिल्डिंग और समुद्री विकास सुधारों के लिए सबसे बड़ा पैकेज द‍िया है. इस पर 69,725 करोड़ रुपये खर्च क‍िए जाएंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत की समुद्री ताकत और वैश्विक व्यापार में पकड़ मजबूत होगी. मरीन सिक्‍योरिटी नेशनल सिक्‍योरिटी का एक बहुत बड़ा ह‍िस्‍सा है और सरकार लगातार इसे बेहतर करने की कोश‍िश कर रही है. बिहार को एक साल में कई सौगात बीते एक साल में केंद्र सरकार ने बिहार के लिए कई योजनाओं पर मुहर लगाई है. रेलवे लाइन अपग्रेडेशन, नई सड़कों और पुलों के निर्माण, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर लगातार निवेश हो रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 12 महीनों में बिहार के लिए करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं को मंजूरी मिली है. इनमें सड़क, रेलवे, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट प्रमुख हैं. क्यों अहम है बिहार? बिहार में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं. इसल‍िए सरकार का फोकस बिहार पर ज्‍यादा है. बिहार की राजनीति हमेशा से दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करती रही है. राज्य में विधानसभा की 243 सीटें हैं और यहां का चुनाव सीधा-सीधा राष्ट्रीय राजनीति का रुख तय करता है. यही वजह है कि केंद्र सरकार चाहती है कि 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विकास की बड़ी तस्वीर जनता के सामने रखी जाए.  2024–25 में जिन योजनाओं को मंजूरी मिली है, जैसे रेलवे लाइन डबलिंग, हाईवे चौड़ीकरण, मेडिकल कॉलेज विस्तार, बिजली और शिक्षा योजनाएं—इनका फायदा सरकार चुनाव प्रचार में सीधे तौर पर दिखा सकती है. लोग जब नई सड़क, बेहतर अस्पताल या कॉलेज बनते देखते हैं तो यह सरकार की छवि पर असर डालता है.

प्रेग्नेंसी में क्रेविंग्स सामान्य, लेकिन समझदारी से करें मैनेज: क्या खाएं, क्या नहीं

प्रेग्नेंसी के दौरान फूड क्रेविंग्स बेहद आम हैं और ज्यादातर महिलाओं में पहली तिमाही के अंत से दूसरी तिमाही में यह बढ़ जाती हैं; मीठा, नमकीन, खट्टा और मसालेदार चीजों की चाह सामान्य है, लेकिन पोषण संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव, स्वाद और गंध की संवेदनशीलता, मॉर्निंग सिकनेस और पोषक तत्वों की कमी क्रेविंग को बढ़ाते हैं, इसलिए हेल्दी विकल्प चुनना मां और शिशु दोनों के लिए सुरक्षित रहता है। क्रेविंग्स क्यों होती हैं गर्भावस्था में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बदलने से स्वाद और गंध की समझ प्रभावित होती है, जिससे कुछ चीजें अधिक आकर्षक लगती हैं और कुछ से अरुचि हो जाती है। शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्वों (आयरन, कैल्शियम, ओमेगा-3, विटामिन C) की जरूरत पड़ती है; कमी होने पर शरीर संकेत के रूप में खास खाद्य पदार्थों की चाह पैदा कर सकता है। मॉर्निंग सिकनेस, थकान और मूड स्विंग जैसी स्थितियां भी त्वरित ऊर्जा और “कंफर्ट फूड” की इच्छा बढ़ा सकती हैं। क्या खाएं: स्मार्ट स्वैप्स मीठा खाने की क्रेविंग: डार्क चॉकलेट की छोटी मात्रा, खजूर, दही के साथ फलों की स्मूदी, घर की बनी सेब-ओट क्रम्बल जैसे विकल्प लें। नमकीन/क्रंची: भुने चने, मखाने, भुने बादाम-काजू, होल-ग्रेन क्रैकर्स के साथ हुमस या दही डिप चुनें। खट्टा: नींबू पानी, मौसमी/संतरा, कच्चे आम की हल्की चटनी, घर का प्रोबायोटिक दही; बाजारू अत्यधिक नमक वाले अचार और पैक्ड चटनी सीमित रखें। मसालेदार: घर का हल्का मसाला, तला-भुना और बहुत तीखा कम करें; दिल और पाचन पर बोझ घटेगा। कार्ब क्रेविंग: मल्टीग्रेन रोटी, ब्राउन राइस, ओट्स, सूजी-दलिया उपमा, सब्जियों से भरपूर मिलेट खिचड़ी जैसे कॉम्प्लेक्स कार्ब चुनें। जिन चीजों से बचें या सीमित करें कोल्ड डेली मीट, अधपका मांस/अंडा/मछली, अनपास्चराइज्ड डेयरी और प्रीमेड डेली सलाद में संक्रमण का जोखिम रहता है; इन्हें अवॉयड करें। सोडा, हाई-शुगर ड्रिंक्स, डीप-फ्राइड स्नैक्स और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वजन बढ़ने, एसिडिटी और ब्लड शुगर स्पाइक बढ़ा सकते हैं। कैफीन सीमित रखें; दैनिक अनुशंसित सीमा के भीतर रहें और देर शाम कैफीन से बचें ताकि नींद प्रभावित न हो। नॉन-फूड क्रेविंग (मिट्टी, चाक, डिटर्जेंट आदि) को पिका कहा जाता है—यह खतरनाक है; ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। दिनभर की सरल आदतें ब्रेकफास्ट जरूरी: प्रोटीन + फाइबर (अंडा/दही/पनीर + फल/ओट्स/मिलेट) से दिन की शुरुआत करें, इससे मीठी और जंक क्रेविंग घटती हैं। छोटी-छोटी फ्रीक्वेंट मील्स: 2-3 घंटे में हल्का और संतुलित खाएं, ब्लड शुगर स्थिर रहेगी और उल्टी/मिचली कम होगी। हाइड्रेशन: पानी, नारियल पानी, सूप, छाछ/लस्सी (कम नमक-शक्कर) लें; डिहाइड्रेशन क्रेविंग्स बढ़ा सकता है। स्मार्ट प्रेप: कटे फल, भुने नट्स, दही, हुमस, सलाद बॉक्स जैसे हेल्दी स्नैक पहले से तैयार रखें ताकि अचानक क्रेविंग पर बेहतर विकल्प हाथ में हों। जरूरी पोषक तत्वों पर फोकस आयरन: पालक, सरसों के साग, मेथी, चना/राजमा, गुड़-किशमिश; विटामिन C के साथ लें ताकि अवशोषण बेहतर हो। कैल्शियम: दूध, दही, पनीर, तिल; अगर डेयरी नहीं लेते तो कैल्शियम-फोर्टिफाइड विकल्प देखें। ओमेगा-3: सालमन/श्रिम्प जैसी लो-मर्करी मछली; मछली न लेने पर अखरोट, अलसी, चिया और ओमेगा-3 एग्स helpful हैं। प्रोटीन: दालें, पनीर, अंडे, दुबला मांस/चिकन, टोफू; हर मील में प्रोटीन का हिस्सा रखें। कब लें डॉक्टर की सलाह लगातार उल्टी/भोजन से अरुचि के कारण वजन घट रहा हो, पानी नहीं ठहर रहा हो या कमजोरी-चक्कर आ रहे हों। नॉन-फूड आइटम्स की क्रेविंग हो, फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षण दिखें, या गेस्ट्रिक/एसिडिटी अत्यधिक बढ़ जाए। मधुमेह, थायराइड, हाई बीपी जैसी स्थितियां हों—डायटीशियन/गायनो के साथ पर्सनलाइज्ड प्लान बनाएं। त्वरित 7 हेल्दी टिप्स घर की स्मूदी से फल-सब्जियां बढ़ाएं। “कुकीज की क्रेविंग” पर पहले फल/नट्स लें; फिर भी मन न माने तो छोटी सर्विंग। ब्रेकफास्ट कभी न छोड़ें। रोज 2-3 डेयरी सर्विंग्स या समकक्ष कैल्शियम लें। लो-मर्करी मछली सप्ताह में 1-2 बार; नहीं खाते तो प्लांट ओमेगा-3 लें। आयरन-समृद्ध भोजन के साथ विटामिन C जोड़ें। रात में भारी, तला-भुना और बहुत मसालेदार भोजन कम करें; नींद बेहतर होगी। डिस्क्लेमर: हर गर्भावस्था अलग होती है; कोई भी विशेष आहार परिवर्तन, सप्लीमेंट, या प्रतिबंध शुरू करने से पहले प्रसूति-विशेषज्ञ/डायटीशियन की सलाह लेना सुरक्षित रहता है।  

लेह में हिंसक हुआ प्रदर्शन, BJP कार्यालय और CRPF वाहन जलाए; सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल से क्यों सुलग रहा लद्दाख?

 लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में छात्रों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़प हो गई. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पर्यावरणविद सोनम वांगुचक भूख हड़ताल पर हैं. सोनम वांगचुक के समर्थन में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. इस बीच प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई. पुलिस पर पथराव किया गया. सीआरपीएफ की गाड़ी भी फूंक दी गई. इस दौरान प्रदर्शनकारी बीजेपी के दफ्तर के बाहर भी प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी के दफ्तर में आग लगा दी गई. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी. साथ ही अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को भी फूंक डाला. पुलिस एक तरफ भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है और लाठीचार्ज कर रही है जबकि प्रदर्शनकारी पुलिस पर पथराव कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए. गुस्साई भीड़ ने CRPF की गाड़ी, पुलिस वैन और कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इतना ही नहीं, भीड़ ने लेह स्थित बीजेपी दफ्तर को भी निशाना बनाया और वहां आगजनी की. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कार्यालय से धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया. आंदोलन की वजह क्या है? यह विरोध लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर तेज हुआ है. आंदोलन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी कर रही है. LAB की युवा इकाई ने प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया, खासकर तब जब मंगलवार शाम 35 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. सोनम वांगचुक का समर्थन इस आंदोलन की सबसे बड़ी आवाज़ बनकर सामने आए हैं पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक, जिनका अनशन 15वें दिन में पहुंच चुका है. वांगचुक का कहना है कि बीजेपीने वादा किया था कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किया जाएगा, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी वादा अधूरा है. उनका कहना है, ‘हमारी मांगें पांच साल से लंबित हैं. संविधान दो साल में बन गया था लेकिन हमारी बात पर अब तक चर्चा पूरी नहीं हुई. लोगों का सब्र टूट रहा है. हम नहीं चाहते कि कुछ ऐसा हो जिससे भारत की छवि को धक्का लगे.ट केंद्र से बातचीत की तैयारी लगातार बढ़ते गुस्से के बीच गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल के साथ अगला दौर की बातचीत होगी. लेकिन LAB ने साफ कर दिया है कि जब तक राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा. उधर लद्दाख के लोगों का कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध से अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ, और अब वे जल्द से जल्द ठोस समाधान चाहते हैं. यही वजह है कि लेह में गुस्से की आग सड़कों तक फैल गई और हालात हिंसा में बदल गए. वांगचुक की अगुवाई में लद्दाख की एपेक्स बॉडी लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रही है. सोनम वांगचुक 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. आज लद्दाख बंद के बीच बड़ी संख्या में लोग लेह में इकट्ठा हुए. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है. वांगचुक की अगुवाई में छात्रों की चार मांगें हैं. इस दौरान रैली भी निकाली गई. दरअसल पांच अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया था. जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना जबकि लेह और कारगिल को मिलाकर लद्दाख अलग केंद्रशासित प्रदेश बना था. अब इसी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है.  कौन सी हैं चार मांगें:- 1) लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. 2) लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए. 3) लद्दाख में दो लोकसभा सीटों की मांग की गई है. 4) लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा.

तत्काल टिकट अब फटाफट: टाइमिंग, मास्टर लिस्ट और पेमेंट ट्रिक्स

नई दिल्ली आईआरसीटीसी से तत्काल टिकट बुकिंग कई यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि टिकट खुलते ही कुछ ही मिनटों में भर जाते हैं। ऐसे में तेज़ इंटरनेट और स्मार्ट ट्रिक अपनाकर आप कंफर्म टिकट पाने की संभावना बढ़ा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बता रहे हैं, जिनसे आप फटाफट तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे। तत्काल टिकट बुकिंग का सही समय तत्काल टिकट केवल ट्रेन यात्रा से एक दिन पहले ही बुक की जा सकती है। एसी श्रेणी (1AC, 2AC, 3AC) के लिए बुकिंग सुबह 10 बजे से शुरू होती है। स्लीपर क्लास के लिए तत्काल बुकिंग दोपहर 11 बजे से शुरू होती है। एक पीएनआर नंबर पर अधिकतम 4 यात्री ही जोड़े जा सकते हैं। पहले से सेव रखें जरूरी डिटेल्स यात्रियों का नाम, उम्र और लिंग जैसी जानकारी पहले से सेव करके रखें। आईआरसीटीसी ऐप या वेबसाइट पर मास्टर लिस्ट फीचर का इस्तेमाल करें। इससे बुकिंग के दौरान केवल क्लिक करके तुरंत यात्री डिटेल भरी जा सकती है। मास्टर लिस्ट बनाने के फायदे मास्टर लिस्ट में आप अपने परिवार या अक्सर यात्रा करने वाले लोगों का नाम, उम्र, लिंग और आईडी प्रूफ सेव कर सकते हैं। इससे हर बार डिटेल टाइप करने की ज़रूरत नहीं पड़ती और टिकट बुक करने की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है। पेमेंट ऑप्शन पहले से रखें सेव बुकिंग के दौरान पेमेंट प्रोसेस में समय बचाने के लिए अपना पसंदीदा पेमेंट मोड पहले से सेव रखें। आप नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, यूपीआई और मोबाइल वॉलेट जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर लगातार एक ही कार्ड या यूपीआई अकाउंट से भुगतान करते हैं, तो उसे फास्ट पेमेंट ऑप्शन में सेव कर लें। तेज इंटरनेट कनेक्शन है जरूरी तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान हर सेकंड मायने रखता है। धीमा इंटरनेट बुकिंग फेल या टिकट वेटिंग लिस्ट में जाने की संभावना बढ़ा सकता है। कोशिश करें कि आपके पास हाई स्पीड वाई-फाई या 4G/5G इंटरनेट कनेक्शन हो। अतिरिक्त टिप्स बुकिंग ओपन होने से कुछ मिनट पहले ही आईआरसीटीसी वेबसाइट या ऐप में लॉग-इन कर लें। ऑटॉफिल विकल्प का इस्तेमाल करें, जिससे डिटेल भरने का समय कम लगे। बार-बार OTP एंटर करने की झंझट से बचने के लिए अपने अकाउंट को पहले से वेरिफाई रखें। आईआरसीटीसी की तत्काल टिकट बुकिंग भले ही काफी चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन अगर आप ये तैयारी पहले से कर लें तो आपके कंफर्म टिकट मिलने की संभावना कहीं ज्यादा बढ़ जाती है।