samacharsecretary.com

गर्भपात की अनुमति न मिलने पर हरियाणा सरकार 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को देगी ₹4 लाख मुआवजा: हाईकोर्ट

चंडीगढ़ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने यह निर्णय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर लिया, जिसमें बताया गया कि पीड़िता की गर्भावस्था 29 सप्ताह छह दिन की हो चुकी है और उसकी स्वास्थ्य स्थिति गर्भपात के लिए उपयुक्त नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट का हवाला मेडिकल बोर्ड ने अदालत को सूचित किया कि पीड़िता की नाड़ी और रक्तचाप असामान्य हैं, ऐसे में गर्भपात चिकित्सकीय रूप से सुरक्षित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, इस स्थिति में गर्भपात से पीड़िता की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसी निर्णायक चिकित्सकीय राय के बाद संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत गर्भपात की अनुमति देना संभव नहीं है। अंतरिम राहत और सहायता हालांकि, अदालत ने पीड़िता को राहत देते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह उसे कम से कम चार लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा तत्काल प्रदान करे। इसके साथ ही, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी कहा गया है कि वह भारतीय न्यायतंत्र संहिता (BNS) की धारा 396(4) या किसी अन्य उपयुक्त योजना के अंतर्गत पीड़िता को अतिरिक्त मुआवजा और सहायता देने पर विचार करे। यह समस्त राहत अदालती आदेश प्राप्त होने के दो महीने के भीतर दी जानी चाहिए। चिकित्सकीय देखभाल की व्यवस्था अदालत ने निर्देश दिया कि पीड़िता को चंडीगढ़ के पीजीआई (PGIMER) में भर्ती कराया जाए, जहां बच्चे के जन्म तक उसे सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं और सहायता प्रदान की जाएंगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि बच्चे के जन्म के बाद उसका डीएनए नमूना संरक्षित किया जाए और जांच अधिकारी को सौंपा जाए, ताकि आपराधिक जांच आगे बढ़ सके। यदि पीड़िता बच्चे को गोद देने की इच्छुक होती है, तो हरियाणा सरकार व संबंधित एजेंसियां बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी लेंगी और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार पालन-पोषण या गोद लेने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी। गोपनीयता बनाए रखने का निर्देश कोर्ट ने यह स्पष्ट निर्देश दिया कि पीड़िता और उसके माता-पिता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाए। किसी भी न्यायिक, पुलिस या प्रशासनिक प्रक्रिया के दौरान उनकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी।

‘पोन्नियिन सेलवन 2’ के गाने से जुड़े विवाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने दी रहमान को राहत, 2 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश टला

नई दिल्ली,  दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘पोन्नियिन सेलवन-2’ के लोकप्रिय गाने ‘वीरा राजा वीरा’ से जुड़े कॉपीराइट विवाद में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस मामले में संगीतकार ए.आर. रहमान पर एक जज द्वारा जारी किया गया अंतरिम रोक आदेश अब दो जजों की बेंच ने रद्द कर दिया है। यह विवाद जूनियर डागर ब्रदर्स की शास्त्रीय रचना ‘शिव स्तुति’ के कथित उपयोग को लेकर शुरू हुआ था। इस मामले में पद्मश्री सम्मानित शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने आरोप लगाया था कि फिल्म के इस गीत की धुन उनके परिवार की प्राचीन रचना की हूबहू नकल है, जबकि ए.आर. रहमान और निर्माताओं ने इसे पूरी तरह मौलिक और स्वतंत्र कृति बताया था। इससे पहले, एकल न्यायाधीश ने ए.आर. रहमान और फिल्म निर्माता मद्रास टॉकीज और लाइका प्रोडक्शंस को निर्देश दिया था कि वे विवादित गाने के संबंध में दो करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करें और गाने के क्रेडिट में जूनियर डागर ब्रदर्स के दिवंगत उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर और उस्ताद नासिर जहीरुद्दीन डागर को उचित श्रेय दें। इसके बाद ए.आर. रहमान ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। अब दिल्ली हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इस एकल जज के आदेश को सैद्धांतिक तौर पर रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उन्होंने मामले की समान राय विकसित की है और विवादित आदेश को अब आगे नहीं मानेंगे। अदालत ने फिलहाल ए.आर. रहमान और निर्माताओं को राहत देते हुए उन्हें यह स्पष्ट किया कि वे दो करोड़ रुपए जमा करने के आदेश के तहत अभी बाध्य नहीं हैं। दरअसल, उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने दावा किया था कि ‘वीरा राजा वीरा’ गाना उनकी पारिवारिक शास्त्रीय रचना ‘शिव स्तुति’ की कॉपी है। यह रचना जूनियर डागर ब्रदर्स द्वारा 1970 के दशक में बनाई गई थी और उनके निधन के बाद इसका कॉपीराइट परिवार को मिला है। डागर परिवार का कहना था कि गाने के संगीत में उनके पूर्वजों की रचना का बिना अनुमति उपयोग किया गया और इसका श्रेय भी नहीं दिया गया। वहीं, ए.आर. रहमान और निर्माताओं की ओर से कहा गया था कि यह गाना 13वीं सदी के नारायण पंडित आचार्य की रचना से प्रेरित है और इसकी रचना स्वतंत्र है। उन्होंने तर्क दिया कि गीत के निर्माण में कई आधुनिक संगीत तत्वों और लेयर्स का उपयोग किया गया है, जिससे यह एक मौलिक कृति बनती है। बता दें कि भारत में शास्त्रीय संगीत की रचनाओं का संरक्षण कॉपीराइट कानून के अंतर्गत आता है।  

छत्तीसगढ़ में ‘महिला स्वास्थ्य सम्मेलन दिवस’ का भव्य आयोजन

हजारों महिलाओं ने स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, पोषण संवाद और जागरूकता गतिविधियों में लिया सक्रिय भाग रायपुर, ‘स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार’ अभियान के अंतर्गत आज पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में महिला स्वास्थ्य सम्मेलन दिवस का राज्यस्तरीय आयोजन बड़े उत्साह और व्यापक सहभागिता के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और मातृत्व संबंधी समग्र सेवाएं प्रदान करते हुए उन्हें जागरूक एवं आत्मनिर्भर बनाना था। राज्य के सुदूर ग्रामीण अंचलों से लेकर नगरीय क्षेत्रों तक फैले इस व्यापक अभियान में हजारों महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। स्वास्थ्य जांच शिविरों, टीकाकरण सत्रों, पोषण संवादों और जनजागरूकता गतिविधियों में महिलाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम के तहत आयोजित VHSND (Village Health Sanitation and Nutrition Day) सत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा महिलाओं की हीमोग्लोबिन, रक्तचाप और शर्करा स्तर की जांच की गई। । इस दौरान 1,889 गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीकाकरण, पोषण संबंधी परामर्श तथा आयरन और कैल्शियम की खुराक प्रदान की गई। किशोरी बालिकाओं को मासिक धर्म स्वच्छता, सेनेटरी नैपकिन के प्रयोग और संक्रमण से बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि संतुलित आहार, स्वच्छ जल, नियमित जांच और व्यायाम से कैसे अनेक रोगों की रोकथाम संभव है। पोषण शिक्षा, स्वच्छता व्यवहार और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उपायों पर विशेष बल दिया गया। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार: 6447 शिशुओं की स्वास्थ्य जांच 23,000 से अधिक  टीकाकरण बड़ी संख्या में किशोरी बालिकाओं को मासिक धर्म प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अनुसार, आगामी सप्ताह तक सभी जिलों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में विशेष रूप से हाई-रिस्क प्रेगनेंसी, कुपोषण और अन्य जटिल स्वास्थ्य स्थितियों से ग्रस्त महिलाओं की गहन जांच की जाएगी। यह कार्यक्रम न केवल चिकित्सकीय सेवाओं का विस्तार करता है, बल्कि महिलाओं को उनके स्वास्थ्य अधिकारों, जरूरतों और आत्मनिर्भरता के प्रति भी सजग करता है। स्वास्थ्य के साथ सामाजिक सशक्तिकरण को जोड़ते हुए यह पहल प्रदेश की महिलाओं के समग्र विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है।

बसपा से भाजपा में आए मक्खन सिंह लबाना को बड़ी जिम्मेदारी, अंबाला जिला परिषद चेयरमैन पद पर सर्वसम्मति से चयन

अंबाला  हरियाणा के अंबाला जिले में जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी मक्खन सिंह लबाना ने शानदार जीत हासिल की। खास बात यह रही कि उनके सामने कोई अन्य प्रत्याशी मैदान में उतरा ही नहीं, जिसके चलते वे निर्विरोध चुने गए। जिला परिषद के 14 सदस्यों ने उनकी उम्मीदवारी पर पूर्ण सहमति जताई। विधायक का भी लड़ चुके हैं चुनाव मक्खन सिंह लबाना 2009 में बसपा से विधायक सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उनको 12 हजार वोट मिले थे। वह 2008 व 2009 में बसपा में रहे। इसके बाद वह काफी समय तक सक्रिय नहीं थे। इसी दौरान वह आम आदमी पार्टी में भी शामिल हुए थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के चिन्ह पर जिला परिषद का चुनाव जीता। मार्च 2024 में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। वहीं, उन्होंने सितंबर 2025 में भाजपा ज्वाइन की थी। लबाना ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं। तब से देश तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कार्यकाल में भी विकास कार्य हो रहे हैं।  चुनाव की दिशा में बदलाव अंबाला जिला परिषद में कुल 15 वार्ड हैं। इनमें से भाजपा समर्थित 8, कांग्रेस के 4 और बसपा के 3 पार्षद हैं। पहले संभावना जताई जा रही थी कि अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा, लेकिन सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से भाजपा हाईकमान की मंशा के अनुसार मक्खन सिंह लबाना के पक्ष में सहमति जताई। सूत्रों का कहना है कि पार्षदों का मानना था कि इस बार किसी भी तरह का दलगत खेल न कर, भाजपा के फैसले को स्वीकार कर लिया जाए। चूंकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लबाना पर विश्वास जताया था, लिहाजा उनके निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। राजनीतिक सफर रोचक रहा मक्खन सिंह लबाना कोई नए चेहरे नहीं हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वर्ष 2008-09 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से राजनीति की शुरुआत की। 2009 में वे बसपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे और करीब 12 हजार वोट हासिल किए। हालांकि उस समय उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन यह चुनाव उन्हें राजनीति की मुख्यधारा में पहचान दिलाने में अहम साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने स्थानीय स्तर पर अपने संगठन और जनता से जुड़े रहने का सिलसिला जारी रखा। वर्ष 2016 में वह पहली बार जिला परिषद सदस्य चुने गए। इसके बाद 2022 में भी उन्होंने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। दो बार पार्षद रहते हुए उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों से मजबूत जुड़ाव बनाया और अपनी सक्रिय छवि कायम रखी। यही वजह रही कि भाजपा में शामिल होते ही उन्हें जिला परिषद अध्यक्ष पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जाने लगा।

28 सितंबर को स्टार गोल्ड पर होगा फिल्म ‘सरज़मीं’ का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर

मुंबई,  काजोल, पृथ्वीराज सुकुमारन और इब्राहिम अली खान की फिल्म 'सरज़मीं' का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर 28 सितंबर को दोपहर 12 बजे स्टार गोल्ड पर होगा। धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित और कायोज़ ईरानी द्वारा निर्देशित, 'सरज़मीं' अटूट पारिवारिक रिश्तों, छुपे हुए रहस्यों और त्याग की कहानी है। इस फिल्म में काजोल ने एक ऐसी मां का किरदार निभाया है जिसके अतीत का एक राज उसके परिवार की नींव हिला देता है। वहीं, पृथ्वीराज सुकुमारन अपनी दमदार परफॉर्मेंस से फिल्म में जान डालते हैं, और इब्राहिम अली खान ने अपने किरदार में संवेदनशीलता और ताजगी भरी है। वर्ल्ड टीवी प्रीमियर पर बात करते हुए, इब्राहिम अली खान ने कहा, "यह फिल्म मेरे जीवन का सबसे अविश्वसनीय सीखने का अनुभव रहा है और एक ऐसी यात्रा जिसे मैं हमेशा संजोकर रखूंगा।यह फिल्म सिर्फ एक थ्रिलर नहीं, बल्कि प्यार, वफादारी और उन त्यागों के बारे में एक इमोशनल कहानी है जो परिवारों को एक साथ जोड़ती है।  

इन सब में न पड़ें, कुछ अच्छे काम करें – EVM याचिकाकर्ता को दिल्ली HC की नसीहत

नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनावों में EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। याचिका के जरिए मांग की गई थी कि चुनावों में EVM के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाए। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को 'इन कामों में न पड़ने' की सलाह दी है। खास बात है कि विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है। बार एंड बेंच के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनावों में मशीन के इस्तेमाल के खिलाफ पहुंची याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा, 'इन सब कामों में मत पड़िए। कुछ अच्छा काम करें।' चुनाव आयोग ने किए बदलाव EVM अब उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी और इसकी शुरुआत बिहार विधानसभा चुनावों से होगी। वर्ष 2015 से EVM पर उम्मीदवारों की श्वेत-श्याम तस्वीरें होती थीं, जिन्हें पहचानना कई मतदाताओं के लिए मुश्किल होता था। निर्वाचन आयोग ने EVM मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता बढ़ाने के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 की धारा 49बी के तहत EVM मतपत्रों के डिजाइन व मुद्रण के मौजूदा दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। आयोग ने बीते सप्ताह बताया, 'अब से EVM पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें छपी होंगी। बेहतर दृश्यता के लिए उम्मीदवार का चेहरा तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से पर होगा।' उम्मीदवारों के क्रमांक और इनमें से कोई नहीं (नोटा) विकल्प भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप में छपे होंगे। स्पष्टता के लिए फॉन्ट का आकार 30 होगा और बोल्ड में लिखा होगा। आयोग ने बताया कि एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सभी उम्मीदवारों के नाम और ‘नोटा’ विकल्प एक ही फॉन्ट प्रकार और आसानी से पढ़े जाने योग्य बड़े आकार में छपे होंगे। EVM मतपत्र 70 जीएसएम कागज पर मुद्रित किए जाएंगे। विधानसभा चुनावों के लिए निर्दिष्ट ‘आरजीबी वैल्यू’ वाले गुलाबी रंग के कागज का उपयोग किया जाएगा। आयोग ने बताया कि आगामी चुनावों में उन्नत EVM मतपत्रों का उपयोग किया जाएगा, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी। आयोग के मुताबिक, जब 10 साल पहले तस्वीरों का इस्तेमाल शुरू किया गया था, तब इसका उद्देश्य उन निर्वाचन क्षेत्रों में भ्रम की स्थिति से बचना था, जहां कई उम्मीदवारों के नाम एक जैसे थे या उनके नाम एक जैसे लगते थे। भारतीय निर्वाचन आयोग ने बताया कि मशीनों पर सीरियल नंबर भी अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।

बादशाह का नया गाना ‘कोकैना’ रिलीज

मुंबई, हिप-हॉप स्टार बादशाह का नया पार्टी एंथम 'कोकैना' रिलीज हो गया है। सारेगामा म्यूजिक द्वारा रिलीज किए गए इस गाने में बादशाह के साथ पंजाबी सिंगर सिमरन कौर ढडली और अभिनेत्री नताशा भारद्वाज भी हैं। 'पानी पानी' जैसी हिट्स के बाद, यह गाना बादशाह और सारेगामा म्यूजिक की एक और सफल पेशकश है। इस ट्रैक का म्यूजिक हितेन ने दिया है, जबकि इसकी कोरियोग्राफी पीयूष और शज़िया ने की है। बादशाह ने कहा, 'कोकैना' जिंदगी और आज के पल का जश्न मनाने के बारे में है। गाने का म्यूजिक वीडियो अब यूट्यूब पर लाइव है और यह सभी प्रमुख ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है।  

राज्यसभा चुनाव: जम्मू-कश्मीर का लंबा इंतजार हुआ खत्म, पंजाब में भी एक सीट के लिए वोटिंग

जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में 4 राज्यसभा सीटें 2021 से ही खाली चल रही हैं। अब तक इन पर चुनाव नहीं हो पाया था, लेकिन अब इंतजार खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग ने बुधवार को घोषणा की है कि केंद्र शासित प्रदेश की सभी 4 राज्यसभा सीटों पर 24 अक्तूबर को चुनाव होगा। संयुक्त जम्मू-कश्मीर में भी 4 ही राज्यसभा सीटें थीं और जब पुनर्गठन हुआ तो सभी को उसके साथ ही रखा गया। वहीं लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं है और वह चंडीगढ़ की तरह एक केंद्र शासित प्रदेश भर है। विधानसभा ना होने के चलते वहां राज्यसभा की सीट भी नहीं है। हालांकि लद्दाख में यह मांग उठती रही है कि उन्हें राज्य का दर्जा दिया जाए। फिलहाल वहां ऐसी मांग को लेकर प्रदर्शन भी चल रहा है। पंजाब की भी एक राज्यसभा सीट पर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ है। यहां भी 24 अक्तूबर को ही चुनाव होगा। इसी दिन शाम को जम्मू-कश्मीर की चारों सीटों और पंजाब की एक सीट पर हुए चुनाव के वोटों की गिनती होगी। संजीव अरोड़ा के इस्तीफे से पंजाब में सीट खाली हुई थी, जिनका कार्यकाल 2028 तक था। उन्होंने 1 जुलाई को ही इस्तीफा दिया था। वहीं जम्मू-कश्मीर की सीटों की बात करें तो पुनर्गठन के बाद जिन सांसदों का इस्तीफा हुआ था, उनके स्थान पर नए सांसदों का चुनाव नहीं हो सका था। इसकी वजह थी कि पहले विधानसभा के चुनाव कराए गए। उसके बाद अब कई मसले आने के चलते चुनाव टलते रहे।

अपने मन को रखें पॉजिटिव, चाहे आसपास हों निगेटिव लोग

पढ़ाई में पिछड़ने का डर, ऑफिस में असफल होने का विचार, दूसरों से कमतर होने का भय- ये सभी नकारात्मक विचार हैं, जो हमें दिन-रात परेशान कर सकते हैं। जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च के अनुसार, हमारे 80% विचार नकारात्मक होते हैं। ये सभी विचार जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं-रिश्ते, काम, स्कूल पर आधारित होते हैं। इनमें से ज्यादातर विचार दूसरों के द्वारा कही गई बातों पर आधारित होते हैं। दरअसल, रोजमर्रा के जीवन में हमें घर-बाहर कई ऐसे लोगों का सामना करना पड़ सकता है, जो न केवल नकारात्मक बातें कहते हैं, बल्कि उनका व्यवहार भी नकारात्मक होता है। कैसे प्रभावित करती है नकारात्मकता जर्नल ऑफ मेंटल हेल्थ में प्रकाशित शोध बताते हैं कि अगर आप लगातार नकारात्मकता यानी निगेटिविटी से सामना करती रहती हैं, तो यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है। यह डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकती है। यह कुछ लोग हमेशा दूसरों के सामने अपना दुखड़ा रोते रहते हैं। किसी और के प्रति अपनी भड़ास निकालते रहते हैं। मनस्थली की संस्थापक और सीनियर साइकोलोजिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘ऐसे लोगों की बातों को सुनने में अपनी ऊर्जा खर्च करने की बजाय उन्हें उनकी सीमाओं के बारे में विनम्रता से बता दें। उन्हें दृढ़ता के साथ बताएं कि आप लगातार नकारात्मक बातें नहीं सुन सकती हैं। नकारात्मक विषयों पर चर्चा करना भी आपके लिए मुश्किल है। कई बार लंच के दौरान कुछ सहकर्मी शिकायतों का पिटारा खोल देते हैं। आप उसी समय उन्हें टोक दें और किसी भी नकारात्मक बातचीत को सख्ती के साथ मना कर दें। यह आपकी मानसिक सेहत के लिए सबसे अधिक जरूरी है।’ कारण समझने की कोशिश करें डॉ.  कहना हैं की , ‘कई बार व्यक्ति नकारात्मक लोगों से घिरा होता है और उनके कारण वह व्यथित होता रहता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति उसकी बात सुन लेता है, तो वह उसके सामने नियमित रूप से अपनी पीड़ा प्रकट करने लगता है। यदि आप सुनने वालों में से एक हैं, तो उस व्यक्ति के नकारात्मक होने का कारण समझने की कोशिश करें। इससे उनसे निपटना आसान हो जाएगा। आप उन चुनौतियों पर विचार कर सकती हैं, जिनका वे सामना कर रहे हैं, ताकि आप उनकी नकारात्मकता के प्रति सहानुभूति रख सकें। आप उनकी समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने की भी कोशिश करें। इससे आप व्यक्तिगत रूप से सामने वाले की नकारात्मकता से कम प्रभावित होंगी।’ साथ करें गतिविधियां अगर आप किसी व्यक्ति की नकारात्मकता से परेशान हैं, तो उसे अपर्नी ंजदगी से पूरी तरह से बाहर करने के बारे में नहीं सोचें। आप उससे मिलना-जुलना कम कर सकती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ बहुत अधिक समय नहीं बिताएं। उनके साथ अपनी मुलाकात की समय-सीमा छोटी रखें। यदि उनसे रोज मिलना होता है, तो ऐसी गतिविधियां शेड्यूल करें, जिससे आपकी उनके साथ होने वाली बातचीत सीमित हो जाए। उनके साथ फिल्म देखने या कोई गेम खेलने की योजना बना सकती हैं। लें ध्यान-योग का सहारा किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ समय बिताने से पहले ध्यान और गहरी सांस लेने, अनुलोम-विलोम जैसी योगिक प्रक्रियाएं अवश्य करें। इससे आपको अपना ध्यान केंद्रित करने और शांत बने रहने में मदद मिलेगी। जब आप नकारात्मक व्यक्ति के साथ हों, तो अपनी सांसों पर ध्यान दें और वर्तमान में रहने की कोशिश करें। जर्र्नंलग या कम दूरी के लिए टहलना जैसी गतिविधियों के माध्यम से तनाव को दूर करने के लिए समय निकालें। नकारात्मक व्यक्ति को भी हमेशा ध्यान-योग से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। ध्यान-योग से मानसिक सेहत मजबूत होती है और व्यक्ति का मन भी सकारात्मक विचारों से भरता है। राय बनाने से बचें किसी को नकारात्मक मान लेना और उसकी भावनाओं को खारिज करना आसान है। पर, ऐसा करने से सामने वाले के साथ तनाव और गलतफहमी पैदा हो सकती है। यह भी संभव है कि उस व्यक्ति के पास दूसरे गुण हों। अपनी राय बनाने की बजाय उनके प्रति दयालु बनें। उनकी नकारात्मकता को उनके अनुभवों और संघर्षों के प्रर्तिंबब के रूप में देखने का प्रयास करें। उनके प्रति सहानुभूति रखते हुए उनसे ईमानदारी के साथ बातचीत करें। बातचीत को सकारात्मक बनाए रखने के तरीके उन्हें भी बताएं। सामने वाले के दृष्टिकोण को सुनने का भी प्रयास करें। नकारात्मक होने के कारण उनसे सम्मानपूर्वक संवाद करना कभी नहीं छोड़ें। निर्णय लेने से बचें और अपना खुद का सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करें।

क्विक टीवी ने टीवी जगत के बड़े सितारों को अपने शो में शामिल किया

मुंबई, क्विक टीवी अब टीवी जगत के बड़े सितारों को अपने शो में शामिल किया है। करण बोहरा, हितेन तेजवानी, अमन वर्मा, मौली गांगुली और पियूष सहदेव जैसे कलाकार हीरो नं. 1, आख़िरी रास्ता, हमारी अधूरी कहानी, फिर ले आया दिल जैसे शोज़ में नज़र आ रहे हैं, जबकि कई अन्य प्रोजेक्ट्स निर्माणाधीन हैं।  टीवी इंडस्ट्री के इन दिग्गज कलाकारों के अलावा क्विक टीवी ने फ़िल्म अभिनेता अंकुर नायर के साथ शुगर डैडी और किशोरी शाहाने के साथ मदर्स सैक्रिफ़ाइस का निर्माण किया है, जो अक्टूबर की शुरुआत में रिलीज़ होंगे। करण बोहरा, जिनका टीवी करियर 30 साल से भी ज़्यादा लंबा है, हाल ही में रिलीज़ हुए तेरी मेरी हेट स्टोरी में भी मुख्य भूमिका में नज़र आए हैं।