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पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा, CM मान के नेतृत्व में मोहाली बनेगा मेडिकल हब

चंडीगढ़  पंजाब को “रंगला, सेहतमंद, और भविष्य के लिए तैयार” बनाने की मुहिम में एक बड़ा कदम उठाते हुए, फोर्टिस हेल्थकेयर ने मोहाली में अपने कैंपस के विस्तार के लिए ₹900 करोड़ का ऐलान किया है। उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि इस निवेश के तहत 400 से अधिक नये बेड्स जुड़ेंगे और इसे 13.4 एकड़ में फैला कर विश्वस्तरीय उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) बनाया जाएगा जिससे पंजाब मेडिकल, रोज़गार और आधुनिक सुविधाओं का नया गढ़ बन रहा है। प्रदेश सरकार की सक्रियता, मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदृष्टि और मज़बूत नेतृत्व के चलते, फोर्टिस का यह अभूतपूर्व निवेश प्रदेश के युवाओं के लिए 2,200 से अधिक नई नौकरियां और हजारों अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर लेकर आएगा। यह परियोजना सीधे–सीधे 2500 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देगी, जिससे पंजाब के युवाओं को भविष्य की हेल्थकेयर इंडस्ट्री में दमदार शुरुआत मिलेगी।   इस विस्तार में अत्याधुनिक ICU, कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, अंग प्रत्यारोपण, रोबोटिक सर्जरी, और 40 से ज़्यादा सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं शामिल होंगी। मौजूदा फोर्टिस कैंपस पहले ही 375 बेड्स और 194 ICU बेड्स सहित, क्षेत्र में उच्चतम क्वॉलिटी की सेवाएं दे रहा है। राज्य सरकार ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की मज़बूत साझेदारी (Public–Private Partnership) के ज़रिये, पंजाब को हेल्थ और मेडिकल का ग्लोबल हब बनाने का निश्चय कर लिया है। इस विज़न के तहत न केवल मोहाली, बल्कि लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और अन्य ज़िलों में भी मल्टी–स्पेशलिस्ट अस्पतालों की शुरुआत की गई है, ताकि हर नागरिक को उनके घर के पास बेहतरीन चिकित्सा मिले।   फोर्टिस हेल्थकेयर ने 2013 से अब तक पंजाब में ₹1,500 करोड़ से भी अधिक का निवेश किया है और राज्यभर में आधुनिक, विश्वस्तरीय अस्पतालों का नेटवर्क बनाया है। लुधियाना में 259 बेड वाले सुपरस्पेशलिटी कैंपस, अमृतसर और जालंधर में भी अग्रणी स्वास्थ्य सेवाएँ दी जा रही है। यह निवेश योजना पंजाब के “Sehatmand, Rangla Punjab” विजन को धरातल पर उतारने का प्रमाण है — जहां हर नागरिक को समय पर, सुलभ और उम्दा स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो। स्वास्थ्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा, “पंजाब सरकार हेल्थकेयर में संपूर्ण परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदेश के नागरिकों को वैश्विक स्तर की सुविधाएँ देने के लिए लगातार निवेश और सुधार कर रही है” पंजाब सरकार द्वारा हॉस्पिटल PPP एक्ट पास करने के बाद, प्रदेश में निजी और सरकारी सहयोग से कई पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू हो रहे है, जिससे चिकित्सा संसाधन, नई तकनीकी, और डॉक्टरों की उपलब्धता बेहतर हुई है। इसका सीधा लाभ आम लोगों को फ्री या सस्ती सेवाओं के रूप में मिलेगा।इस मेडिकल हब के विकास से न सिर्फ मोहाली बल्कि पूरे पंजाब को मेडिकल टूरिज़्म में नई पहचान मिलेगी, और आने वाले वर्षों में पंजाब हेल्थकेयर इनोवेशन का नायक बनेगा। फोर्टिस के इस निवेश के चलते पंजाब नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े और रणनीतिक रूप से अहम हेल्थकेयर सेंटर के तौर पर उभरेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यभर में 800 से भी अधिक आम आदमी क्लीनिक, मुफ्त दवाई, और मुफ्त 38 प्रकार की डायग्नॉस्टिक सेवाएं शुरू की है जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में पंजाब का रैंकिंग ऊपर आई है और प्रदेश का हर नागरिक “सस्ती, समय पर, और गुणवत्तापूर्ण” चिकित्सा सेवा का लाभ उठा रहा है।पंजाब सरकार और फोर्टिस हेल्थकेयर की यह साझेदारी भविष्य के स्वस्थ्य, उन्नत एवं खुशहाल पंजाब के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी और पंजाब का शोर्य, मज़बूती एवं सेहत पूरे भारत व विश्व में उदाहरण बनेगा।  

5 लाख लोगों की शपथ बनी पोषण जनआंदोलन

शाजापुर में ‘घर में पकायेंगे और घर का खायेंगे’ बना पोषण सूत्र भोपाल मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले ने राष्ट्रीय पोषण माह 2025 को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक जनांदोलन में बदल दिया है। “घर में पकायेंगे – घर का खायेंगे” नवाचार के माध्यम से जिले ने पोषण, स्वास्थ्य और पारिवारिक सहभागिता को एक सूत्र में पिरोते हुए राज्य स्तर पर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए, बाजार के अस्वास्थ्यकर खाद्य विकल्पों से दूर रहने का जो संदेश शाजापुर ने दिया है, वह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। पोषण माह पर 17 सितम्बर को स्थानीय पारंपरिक व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें दाल बाटी चूरमा, मक्के की रोटी, ज्वार-बाजरे की रोटियां, सोयाबीन से बने उत्पाद, अंकुरित अनाज और गुड़-चना जैसे पौष्टिक विकल्पों को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया। 5 लाख से अधिक लोगों ने ली शपथ जिलेभर में इस अभियान के अंतर्गत वृहद हस्ताक्षर और शपथ अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक 5 लाख से अधिक नागरिकों ने भाग लेकर “घर का खाना – सबसे अच्छा खाना” का संकल्प लिया है। अभियान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी, स्कूल शिक्षक, पंचायत प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन और आम नागरिक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। बाहर के खाने से होने वाले नुकसान पर विशेष फोकस अभियान के दौरान फास्ट फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के दुष्परिणामों पर विशेष रूप से जानकारी दी जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अभियान कार्यकर्ताओं द्वारा बताया जा रहा है कि बाहर के खाने से बच्चों में मोटापा, मधुमेह, पोषण की कमी और पाचन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। “पोषण भी, पढ़ाई भी” का संदेश अभियान को “पोषण भी, पढ़ाई भी” थीम से जोड़ा गया है। बच्चों को पोषण के साथ-साथ शिक्षा का महत्व भी बताया जा रहा है। अभियान का एक लोकप्रिय नारा “दादी/नानी बताएंगी, पापा लाएंगे, मम्मी पकाएंगी, बच्चे खायेंगे” अब हर गांव और मोहल्ले में गूंज रहा है। संपूर्ण परिवार की भागीदारी कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने बताया कि यह केवल पोषण अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक भागीदारी का उदाहरण है। “इस नवाचार ने यह साबित किया है कि यदि सही जागरूकता और समुदाय की भागीदारी हो, तो किसी भी योजना को जन आंदोलन में बदला जा सकता है।” सोशल मीडिया से भी जुड़ा जन-जागरूकता अभियान जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भी अभियान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। छोटे वीडियो, स्लोगन, पोस्टर और रील्स के ज़रिए खासकर युवाओं को इससे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। 

परिवहन विभाग में फेसलेस सेवाओं का विस्तारीकरण

परिवहन मंत्री श्री सिंह मंगलवार को करेंगे लोकार्पण भोपाल  परिवहन विभाग में फेसलेस सेवाओं का विस्तारीकरण का लोकार्पण मंगलवार 30 सितम्बर को दोपहर 03:00 बजे परिवहन स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। लोकार्पण समारोह क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कोकता, भोपाल में आयोजित किया गया है। फेसलेस सेवाओें का विस्तारीकरण का मकसद पारदर्शिता, जवाबदेही और व्यावसायिक दक्षता के साथ सेवाओं का विस्तार करना है। कार्यक्रम में हेलमेट एवं राहवीर पुरस्कार वितरण, फेसलेस सेवाओं पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया जायेगा। कार्यक्रम में सचिव परिवहन विभाग एवं आयुक्त परिवहन भी मौजूद रहेंगे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गोटेगांव पहुंचकर मंत्री पटेल की माताजी के निधन पर दी श्रद्धांजलि

शोकाकुल परिजन से मिलकर दी सांत्वना भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को नरंसिहपुर जिले के गोटेगांव में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के निवास पहुंचे और उनकी पूज्य माताजी श्रीमती यशोदा पटेल के निधन पर गहन शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिवंगत श्रीमती यशोदा पटेल के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने दुख की इस कठिन घड़ी में शोकाकुल पटेल परिवार से भेंटकर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दिवंगत माताजी से पूर्व में भेंट हुई थी। किसी के भी जीवन में मां की कोई प्रतिपूर्ति नहीं हो सकती है। मंत्री श्री प्रहलाद एवं परिजनों ने माताजी की हर जरूरत का हमेशा ध्यान रखा। माताजी का आशीर्वाद सदैव हम सबको मिलता रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्यात्मा को मोक्ष प्रदान करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार और वे स्वयं व्यक्तिगत रूप से दु:ख की इस घड़ी में पटेल परिवार के साथ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिवंगत माताजी सादा जीवन, उच्च विचार की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने धर्मपरायण और सात्विक जीवन जिया। उनके आचार-विचार हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। इस दौरान स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, विधायक श्री महेन्द्र नागेश, वरिष्ठ समाजसेवी श्री मुलायम सिंह पटेल, श्री सरदार सिंह पटेल, पूर्व राज्यमंत्री श्री जालम सिंह पटेल, कमिश्नर जबलपुर श्री धनंजय सिंह भदौरिया सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बावड़िया पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को हरदा जिले के ग्राम बावड़िया में श्री राजेंद्र सिंह राजपूत के निवास पर पहुँचकर उनके पिता स्व. दयाराम राजपूत के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करने और शोक संतप्त परिवार को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करने की प्रार्थना की। इस दौरान केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री डी.डी. उइके, म.प्र. के स्कूल शिक्षा एवं परिवहन विभाग मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री श्री कमल पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गजेन्द्र शाह, पूर्व विधायक टिमरनी श्री संजय शाह सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

स्मार्ट मीटर की वजह से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ी, बिजली विभाग ने क्यों किया ये कदम?

सुलतानपुर उपभोक्ताओं की बिल संबंधी समस्या के निदान और अन्य सहूलियतों के लिए बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। ये मीटर सुविधा के बजाय संकट का कारण बन गए हैं। उपभोक्ताओं के पास अचानक बैलेंस समाप्त होने का संदेश आ रहा, जिससे उन्हें जोर का झटका लगता है। बिना आवेदन या सहमति के मीटर प्रीपेड कैसे हो जा रहे, इसको लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। विभागीय अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। जिले में अब तक 27725 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, इनमें 10775 प्रीपेड हो चुके हैं। प्रीपेड हुए मीटरों वालों उपभोक्ताओं के यहां बकाया माइनेस में दिखाकर कनेक्शन काटने का संदेश आ रहा है। ग्राहकों का कहना है कि मीटर की रीडिंग तेज चल रही है, जिससे कई गुणा अधिक बिल आ रहा है। ऐसे पीड़ित उपभोक्ता बिजली उपकेंद्रों का चक्कर काट रहे हैं। प्रस्तुत है यह रिपोर्ट…   केस एक: निजामपट्टी निवासी पूनम पटवा ने एक किलोवाट का कनेक्शन लिया है। बीते मार्च में उनके यहां स्मार्ट मीटर लगाया गया। तीन माह तक बिल नहीं आया। जून में 47 हजार का बिल आया। लोड के हिसाब से कई गुणा अधिक बिल आने से वह परेशान हैं। बीते दिनों उनके कनेक्शन नंबर 9615823582 पर बैलेंस समाप्त और माइनस 770.3 होने पर विच्छेदन से बचें, तुरंत रिचार्ज कराने का संदेश आया, तो वे चौंक गईं। ऐसा तब है जबकि प्रीपेड के लिए कोई सहमति या आवेदन नहीं लिया गया। केस दो: जेल रोड निवासी हरिश्चंद्र श्रीवास्तव का एक किलोवाट का कनेक्शन है। बताया कि फरवरी में उनके यहां स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पहले की अपेक्षा इस मीटर से बिल काफी अधिक आ रहा है। कुछ दिनों पहले उनके कनेक्शन संख्या 5120672000 पर बैलेंस समाप्त और रिचार्ज करने संबंधी संदेश आया। तब से परेशान हैं। केस तीन: चुनहा निवासी चंदा देवी ने भी एक किलोवाट का ही कनेक्शन लिया है। इनके भी मोबाइल पर बैलेंस समाप्त माइनस 1828.27 का संदेश आया है। उनके बेटे भोले ने बताया कि इससे अच्छा पहले वाला ही मीटर था। बिल सही कराने के लिए दौड़ रहा हूं। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यालय से प्रीपेड होते मीटर अधिशासी अभियंता विद्युत परीक्षण खंड आरएस वर्मा ने बताया कि घरों और प्रतिष्ठानों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर पावर कारपोरेशन से संचालित किए जा रहे हैं। वहीं से प्रीपेड किए जा रहे हैं। यहां से मीटरों की निगरानी की जाती है। उन्होंने बताया कि ज्यादा बिल आने की शिकायत आने पर चेक मीटर लगाकर जांच की जाती है।  

‘चिराग’ योजना के तहत हरियाणा में EWS बच्चों के लिए फंड जारी, स्कूलों को सीधे मिलेगा भुगतान

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए 1 करोड़ 24 लाख 87 हजार 200 रुपये जारी किए हैं। यह राशि मुख्यमंत्री हरियाणा समान शिक्षा राहत, सहायता व अनुदान (चिराग) योजना के अंतर्गत दी जा रही है। इस धनराशि से निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे ईडब्ल्यूएस छात्रों की अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक की पूर्ण फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह भुगतान जिलेवार किया जाएगा। सबसे अधिक राशि सिरसा जिले को 23 लाख 62 हजार 800 रुपये मिलेगी, जबकि हिसार को 18 लाख 74 हजार 400 और भिवानी को 17 लाख 55 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा फरीदाबाद को 7 लाख 12 हजार 800 और जींद को 17 लाख 68 हजार 800 रुपये का भुगातन होगा। करनाल को 5 लाख 28 हजार, नूंह को 16 लाख 23 हजार 600, सोनीपत को 9 लाख 37 हजार, कुरुक्षेत्र को 3 लाख 16 हजार 800, पानीपत को 5 लाख 1 हजार 600, अंबाला और रेवाड़ी को 52-52 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि वे लंबे समय से इस प्रतिपूर्ति का इंतजार कर रहे थे। सरकार की ओर से भुगतान में देरी के कारण उन्हें वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। कई स्कूल संचालकों ने तो हाल ही में सरकार को अल्टीमेटम तक दे डाला था कि यदि शीघ्र राशि जारी नहीं हुई तो वे नए शैक्षणिक सत्र में ईडब्ल्यूएस छात्रों का दाखिला रोकने पर मजबूर होंगे। शिक्षा विभाग ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि यह व्यय स्वीकृत बजट के भीतर ही किया जाएगा और नियमों के अनुरूप खर्च होना चाहिए। यह राशि ‘2202-जनरल एजुकेशन-02 सेकेंडरी एजुकेशन-110 असिस्टेंस टू नॉन-गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल्स (94) चीफ मिनिस्टर पॉलिसी फॉर इक्वल एजुकेशन रिलीफ, 34 अदर चार्जेज’ हेड से देय होगी। इस निर्णय से राज्य के हजारों ईडब्ल्यूएस छात्रों और निजी स्कूलों को बड़ी राहत मिलेगी। शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार ने कहा है कि विभाग सुनिश्चित करेगा कि राशि निर्धारित समय में ही स्कूलों तक पहुंचे और छात्र निर्बाध शिक्षा प्राप्त कर सकें। निजी स्कूल संचालक अब उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में सरकार समय पर प्रतिपूर्ति की राशि जारी करेगी, ताकि गरीब बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े और स्कूलों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।

जीएसपी में सेंट्रल जोन की वर्कशॉप में भविष्य की स्किलिंग और शिक्षा-प्रशिक्षण एकीकरण पर हुआ मंथन

भोपाल कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल ने अपने वर्चुअल संदेश में कहा कि विभिन्न राज्यों और संस्थानों की सक्रिय भागीदारी हमारे मज़बूत स्किलिंग इकोसिस्टम की झलक है। उन्होंने एनसीवीईटी को बधाई देते हुए कहा कि अवार्डिंग बॉडीज और असेसमेंट एजेंसियों के लिए नए मानक तय किए गए हैं। योग्यताओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यताओं के ढाँचे (NSQF) से जोड़ा गया है साथ ही प्रशिक्षकों व अवसरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था को सशक्त बनाया गया है। मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि ये सुधार न केवल युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ा रहे हैं, बल्कि सॉफ्ट स्किल्स और जीवन कौशल के माध्यम से आधुनिक उद्योगों और तकनीकी क्षेत्रों में नए अवसर भी खोल रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की पहल, जैसे संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क और राज्य कौशल विकास मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि कौशल विकास एक कार्यक्रम नहीं बल्कि युवाओं के सशक्तिकरण का मिशन है, जो विकासित भारत के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएगा। नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनसीवीईटी), भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा मध्यप्रदेश शासन के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग और संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल के सहयोग से सोमवार को सेंट्रल जोन के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग एवं अवेयरनेस वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वर्कशॉप का उद्देश्य कौशल विकास एवं प्रशिक्षण (VET) इकोसिस्टम को सुदृढ़ बनाना, गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करना और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के अनुरूप वोकेशनल एजुकेशन के एकीकरण को गति देना है। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने वीडियो संदेश में कहा कि कौशल विकास केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि राष्ट्रीय अनिवार्यता है और भारत के भविष्य को गति देने वाली ताकत है। उन्होंने एनसीवीईटी द्वारा आयोजित जोनल वर्कशॉप की श्रृंखला को सराहते हुए कहा कि ये प्लेटफॉर्म अवार्डिंग बॉडीज, उच्च शिक्षा संस्थानों, राज्य बोर्ड्स और स्किल मिशन्स को साझा अनुभव और दिशा प्रदान करते हैं। राज्यमंत्री श्री चौधरी ने नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क, NEP 2020 में स्किल्स के एकीकरण, पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत नए जॉब रोल्स तथा Skilling for AI Readiness (SOAR) पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत को “भविष्य की स्किल राजधानी” बनाने के लिए हर युवा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा योग्य कौशल से लैस करना आवश्यक है। श्री विनीता अग्रवाल, कार्यकारी सदस्य, एनसीवीईटी ने कहा कि एनसीवीईटी राष्ट्रीय रेगुलेटर के रूप में गुणवत्ता मानकों की सुरक्षा और पहचान ढांचे की मजबूती पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को न केवल रोजगारपरक बल्कि युवाओं के लिए आकर्षक बनाने की आवश्यकता है। श्री नीना पाहुजा, कार्यकारी सदस्य, एनसीवीईटी ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, जीवन कौशल, उद्योग सहयोग और एआई जैसी नई स्किल्स के एकीकरण पर बल दिया। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार प्रमुख सचिव श्री मनीष सिंह ने कहा कि कौशल विकास, कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण ही भारत की विकास यात्रा की वास्तविक आधारशिला है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से सशक्त करना न केवल देश की कार्यशक्ति को मजबूत बनाता है, बल्कि नवाचार, उत्पादकता और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करता है। तकनीकी सत्रों में एनसीवीईटी, एमएसडीई और विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रक्रियागत सुधार, सामान्य लागत मानक, और केंद्र-राज्य स्किलिंग पहलों के समन्वय पर विस्तृत विचार साझा किए। पैनल चर्चाओं में शिक्षा और उद्योग के विशेषज्ञों ने वोकेशनल एजुकेशन को उच्च शिक्षा और सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ने, नवाचार अपनाने और युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने की दिशा में विचार प्रस्तुत किए। वर्कशॉप में सभी प्रतिभागियों ने इस संकल्प को दोहराया कि सरकार, नियामक संस्थाएं, उद्योग और शिक्षा जगत मिलकर केंद्रीय क्षेत्र में एक भविष्य कार्यबल तैयार करेंगे और भारत को वैश्विक कौशल शक्ति बनाने में सहयोग करेंगे।  

शहबाज की प्रतिक्रिया: डोनाल्ड ट्रंप के नाम नोबेल के लिए नामांकन की वजह

इस्लामाबाद  पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ का कहना है कि उनकी सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नामांकन नोबेल पुरस्कार के लिए किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने ही भारत के साथ हमारी जंग रुकवा दी थी। शहबाज शरीफ ने कहा कि इससे बड़ी बर्बादी होने से रुक गई। शहबाज शरीफ की सरकार इसलिए डोनाल्ड ट्रंप को क्रेडिट दे रही है ताकि भारत से मिली मार को छिपाया जा सके और उस हकीकत को भी दबाया जाए, जिसके तहत पाकिस्तान के डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष से हॉटलाइन पर बात की थी और जंग रोकने की अपील की थी। ऐसे में तीसरे पक्ष यानी अमेरिकी की एंट्री कराकर अपनी कमजोरी छिपाने की कोशिश पाकिस्तान कर रहा है। पाकिस्तानी सरकार ने जून 2025 में औपचारिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का निर्णय लिया, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य टकराव को समाप्त करने में उनके 'निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और नेतृत्व' की सराहना की गई। यह घोषणा 21 जून 2025 को की गई थी। वहीं भारत की ओर से अमेरिकी दखल की खबरों को लगातार खारिज किया जाता रहा है। माना जाता है कि भारत की ओर से अमेरिकी दखल को खारिज किए जाने से ही डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन नाराज है। भारतीय अधिकारियों ने अमेरिकी हस्तक्षेप की भूमिका को खारिज किया है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 10 मई को कहा कि पाकिस्तान की सेना ने युद्धविराम के लिए संपर्क किया था और दोनों पक्षों ने सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी, जिसमें अमेरिका की भूमिका का कोई उल्लेख नहीं था। 28 जुलाई को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "सभी राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य पूरे होने के बाद ही ऑपरेशन रोका गया" और किसी बाहरी दबाव से इनकार किया। बता दें कि जून 2025 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच उच्च स्तरीय बैठकें हुईं, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए। इस बीच, पाकिस्तान के भीतर ट्रंप की नोबेल नामांकन पर बहस भी हुई, खासकर अमेरिका द्वारा ईरान पर हमलों के बाद ऐसा हुआ।  

सजग पुलिस ने मंदिर डकैती रचने वालों को पकड़ा, सात साल जेल की सजा

भिंड विशेष न्यायाधीश डकैती क्षेत्र क्रमांक-1 मनोज कुमार तिवारी के न्यायालय ने सोमवार को डकैती की योजना बनाते हुए पकड़े गए पांच आरोपितों को दोषी मानते हुए सात-सात वर्ष का कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन के अनुसार घटना 23 मई 2019 की है। पुलिसकर्मियों ने छिपकर आरोपियों की बातचीत सुनी रात लगभग 11 बजे थाना रौन के प्रभारी अमर सिंह सिकरवार को मुखबिर से सूचना मिली कि बहादुरपुरा और बघेली के बीच स्थित एक ट्यूबवेल पर 4-5 व्यक्ति छिपे हुए हैं। वे कालिका माता मंदिर पर डकैती डालने की योजना बना रहे हैं। सूचना की पुष्टि करने थाना प्रभारी फोर्स मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों ने छिपकर आरोपितों की बातचीत सुनी। वे आपस में चर्चा कर रहे थे कि मंदिर में रहने वाले पुजारी के पास काफी माल होगा और उसी रात वहां डकैती डालनी है।   घेराबंदी कर पांचों आरोपी गिरफ्तार बातचीत सुनने के बाद थाना प्रभारी ने पुलिस फोर्स के साथ चारों ओर से घेराबंदी कर पांचों आरोपितों को मौके पर ही पकड़ लिया। पुलिस ने सुखपाल सिंह उर्फ सुक्कू से 12 बोर की दुनाली बंदूक, 2 कारतूस, राघवेंद्र सिंह उर्फ कन्हैया से 12 बोर की अधिया, एक कारतूस, अतुल सिंह से 315 बोर का कट्टा, एक कारतूस, शैलेंद्र सिंह से 12 बोर की दुनाली बंदूक, 2 कारतूस, पूरन सिंह से 12 बोर की बंदूक, 2 कारतूस जब्त किए। न्यायालय में 8 गवाह पेश किए पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। साथ ही प्रकरण न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में 8 गवाह पेश किए। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल आठ साक्षियों को न्यायालय में परीक्षित कराया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपित सुखपाल सिंह उर्फ सुक्कू, राघवेंद्र सिंह उर्फ कन्हैया, अतुल सिंह, तीनों निवासी ग्राम बहादुरपुरा थाना रौन, शैलेंद्र सिंह और पूरन सिंह निवासी तखत की गढ़िया जिला भिंड को सात-सात साल की सजा सुनाते हुए 25-25 जुर्माना किया है।