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जितनराम मांझी ने किया बड़ा राजनीतिक कदम, गिरिराज सिंह को दिया समर्थन, मची हलचल

पटना आई लव मोहम्मद स्लोगन और पोस्टरबाजी पर बिहार में सियासी घमासान जारी है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह(Giriraj Singh) के साथ हम प्रमुख जीतनराम मांझी(Jitan Ram Manjhi) खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टर से सांप्रदायकिता की बू आ रही है। मांझी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बीजेपी को खुश करने के लिए मांझी ऐसी बात बोल रहे हैं ताकि कुछ ज्यादा सीट मिल जाए। यूपी से चली आई लव मोहम्मद  की हवा बिहार में भी जोर पकड़ रही है। ओवैसी के बयान पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने जवाब दिया तो तपिश और बढ़ गई है।अब जीतनराम मांझी भी गिरिराज सिंह के साथ खड़े दिख रहे हैं। गयाजी में पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कहा कि यह ठीक नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि आई लव मोहम्मद की बात कही जा रही है उसमें कहीं न कहीं सांप्रदायिकता है। इसी के चलते विरोध हो रहा है। पूजा करना सबका अधिकार है। सांप्रदायिकता फैलाना गलत बात है। धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए ऐसा किया जा रहा है तो इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह गलत नहीं कह रहे हैं। कोई आई लव मोहम्मद की बात करता है तो गिरिराज भी लव महादेव कहकर गलत नहीं करते हैं। इससे उनको जवाब मिलता है। इससे भी वे लोग सीख लें कि आई लव मोहम्मद कहकर संसार में प्रचारित नहीं करना चाहिए। धर्म धारण करने की चीज है। कुछ लोग प्रचार करके उन्माद फैलाना चाहते हैं। उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई का जिक्र किया। कहा, "विनय न माने जलधि जब गए तीन तीन बीत, बोले राम सकोप तब भय बिनु होई ना प्रीत। तो उनलोगों को भय तो देना होगा। गिरिराज सिंह उन्हीं के लहजे में बात करते हैं तो कोई गलत नहीं बोलते।" मांझी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तंज कसते हुए कहा है कि बीजेपी को खुश करने के लिए मांझी जी ऐसा बोल रहे हैं। स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें पार्टी की मान्यता के लिए अधिक सीट चाहिए। लोजपा, जदयू और बीजेपी नेताओं ने मांझी के बयान का सपोर्ट का किया है।  

वीडियो वायरल: MP में अंतरधार्मिक जोड़े के साथ हुई सार्वजनिक मारपीट, पुलिस ने 6 को किया गिरफ्तार

सिवनी रास्ता रोककर युवक से सरेआम मारपीट करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार कर 29 सितंबर सोमवार को न्यायालय में पेश कर दिया है। फरार एक अन्य आरोपित की तलाश की जा रही है। मारपीट की घटना 27 सितंबर की दोपहर की बताई जा रही है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार बुर्का पहनी युवती के साथ बस स्टैंड से पैदल जा रहे युवक को कुछ युवक ने रोक लिया। बाद में युवक से मारपीट की गई। मामले की शिकायत पीड़ित ने 28 सितंबर को कोतवाली थाना में दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने सात आरोपितों पर धारा 126(2),296, 115(2), 351(2), 3(5) बीएनएस का अपराध दर्ज कर छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।   युवक से की गई मारपीट कोतवाली थाना प्रभारी किशोर वामनकर ने बताया कि छपारा नांदियाकला निवासी अमन साहू कालेज से टीसी लेकर अपने दोस्त अंकित साहू के साथ बस स्टैंड के पास मेडिकल स्टोर से दवाई लेने पैदल जा रहा था। तभी रास्ते में पड़ोस गांव निवासी बहन की सहेली मिलने पर वह उससे बातचीत करने लगा। इसी बीच छोटी पुलिस लाइन निवासी असीम बैग ने अपनी बाइक से आकर दोनों का रास्ता रोककर पूछा तो किस लड़की के साथ घूम रहा है। इस दौरान गंदी-गंदी गालियां दी गई, जिसका विरोध करने पर असीम बैग और उसके दोस्तों अब्दुल मुजाहिद, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद हस्सान खान, नसीम, साकिब व नोमान ने हाथ-मुक्का से मारपीट की गई। आरोपियों को कोर्ट में किया गया पेश शिकायत पर कार्रवाई करते पुलिस ने छह आरोपितों मुजाहिद पुत्र मुजीब बैग (19) भगतसिंह वार्ड, आदिल पुत्र नूर मोहम्मद (19) हड्डी गोदाम, साकिब पुत्र यूनुस खान (21) पिंजारी मोहल्ला, मोहम्मद नसीम उर्फ अनीस पुत्र शेख रमजान (40) केजीएन कालोनी, मोहम्मद हस्सान पुत्र नूर मोहम्मद (19) भगतसिंह वार्ड, असीम पुत्र अलीम मिर्जा (18) छोटी पुलिस लाइन निवासी को गिरफ्तार कर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर न्यायालय में पेश कर दिया है। एक फरार आरोपित नोमान की तलाश की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो इस घटना का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने कहा है कि अवैध गतिविधियों व शहर में गुंडागर्दी कर अशांति फैलाने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। कार्रवाई में कोतवाली थाना प्रभारी किशोर बामनकर, एसआई दयाराम शरणागत, एएसआई दिनेश रघुवंशी, जसवंत ठाकुर, आरक्षक अमित रघुवंशी, अजेन्द्र पाल, प्रतीक बघेल, सिध्दार्थ दुबे, दिलीप उइके व आरक्षक चालक इरफान शामिल रहे।

कृषि महाविद्यालय रायपुर में हिंदी पखवाड़े पर चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

 रायपुर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय, रायपुर में हिंदी पखवाड़े के अवसर पर विविध साहित्यिक एवं रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ के निर्देशानुसार महाविद्यालय के शिक्षकों के सहयोग से चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. आरती गुहे, एनईपी समन्वयक डॉ. एस. बी. वेरुलकर, प्लेसमेंट सेल एवं एन.इ.पी. सारथी  सुश्री अनुष्का चौरसिया के मार्गदर्शन में संचालित किया गया।     कार्यक्रम के अंतर्गत “नशा मुक्त भारत” विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता तथा “विकसित भारत 2047 के निर्माण में हिंदी की भूमिका” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। महाविद्यालय के 155 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए अपनी रचनात्मकता, अभिव्यक्ति कौशल और सामाजिक चेतना का परिचय दिया।          चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने नशा मुक्ति को लेकर सारगर्भित संदेश प्रस्तुत कर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया। वहीं वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्रों ने हिंदी भाषा की प्रासंगिकता और उसकी भूमिका पर सशक्त तर्क रखते हुए विकसित भारत 2047 के परिकल्पना में इसकी महत्ता को स्पष्ट किया।     विद्यार्थियों की सक्रिय और ऊर्जावान भागीदारी इस आयोजन की प्रमुख विशेषता रही। हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत यह आयोजन विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व, राष्ट्रीय चेतना और संवाद कौशल को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल साबित हुआ। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर चयनित विद्यार्थियों को दिनांक 30 सितंबर, 2025 को आयोजित हिंदी पखवाड़ा के समापन दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा।

पंजाब की सियासत में भूचाल: कांग्रेस के भीतर गुटबाज़ी हुई तेज़

जालंधर संगठन सृजन अभियान के तहत जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान पद को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। जिला कांग्रेस शहरी में “कुर्सी का संग्राम” को लेकर सग्राम चल रहा है और गुटबाजी से हाईकमान चिंतित है। इसी के चलते आब्जर्वर व सह आब्जर्वरों ने फिर कमान संभालनी पड़ी है। कांग्रेस भवन जालंधर में आज ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से नियुक्त आब्जर्वर राजेश लिलोठिया ने सभी दावेदारों के साथ एक बार फिर अहम बैठक कर पैनल गठन को लेकर मंथन किया। बैठक में पंजाब प्रदेश कांग्रेस की ओर से नियुक्त सह आब्जर्वर टीना चौधरी, विकास सोनी और शाम सुंदर अरोड़ा भी मौजूद रहे।मीटिंग के अलावा आब्जर्वर और सह आब्जर्वरों ने कई पार्षदों, विभिन्न सेल के पदाधिकारियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। इससे संगठनात्मक हालात का जमीनी स्तर पर अंदाजा लगाया जा सके। हालांकि आज भी कई दावेदार अपनी-अपनी लिस्टें और समर्थकों के साथ दबदबा दिखाने में जुटे दिखाई दिए। हाईकमान किस पर भरोसा जताएगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। अब इतना तय है कि इस खींचतान ने कांग्रेस संगठन की अंदरूनी कमजोरी और गुटबाजी को पूरी तरह उजागर कर दिया है। आज आब्जर्वर से मीटिंग करने वाले दावेदारों में जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान राजिंदर बेरी, प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव दीपक खोसला, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मनु बडिंग, महिला कांग्रेस की कोऑर्डिनेटर डा. जसलीन सेठी, पूर्व पार्षद पति रवि सैनी, पार्षद बंटी नीलकंठ, पार्षद पवन कुमार, कांग्रेस व वाल्मीकि नेता राजेश भट्टी और राजकुमार राजू, युवा नेता संजय सहगल, दिनेश कुमार, हामिद मसीह व अन्य मौजूद रहे। वहीं 16 में से किसी एक को जिला प्रधान बनाए जाने की स्थिति में बाकी 15 दावेदारों में गुटबाजी और धड़ेबंदी की आशंका जताते हुए आब्जर्वर लिलोठिया ने सभी दावेदारों को स्पष्ट अनुशासन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मजबूती और संगठन की एकजुटता सर्वोपरि है। किसी एक के प्रधान बनने पर बाकी दावेदारों को अनुशासन में रहते हुए कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा। वहीं राजेश लिलोठिया द्वारा प्रत्येक दावेदार से 100-100 समर्थकों की लिस्ट सौंपने के मैसेज के बाद कई दावेदारों ने लिस्टों को मोबाइल नंबरों सहित ऑब्जर्वर को सौंप दिया। उन्होंने साफ कर दिया कि इन समर्थकों से कभी भी संपर्क कर फीडबैक लिया जा सकता है। कुछ दावेदारों ने लिस्ट तत्काल सौंप दी, जबकि कुछ ने 1-2 दिन का समय मांगा। ब्लॉक प्रधानों की राय, ”बेरी को रिपीट करो” आब्जर्वर राजेश लिलोठिया और सह आब्जर्वरों ने जालंधर नॉर्थ, सैंट्रल, वैस्ट और कैंट विधानसभा हलकों के ब्लॉक कांग्रेस प्रधानों में शामिल राजेश जिंदल टोनू, दीपक शर्मा मोना, रछपाल जाखू, हरमीत सिंह, जगदीप सिंह पवार, प्रेम नाथ के साथ भी बैठक की गई। जबकि नॉर्थ हलका-1 के ब्लाक प्रधान जगजीत सिंह कंबोज के अमेरिका में होने के कारण वह मौजूद नहीं हुए। इस दौरान कई ब्लॉक प्रधानों ने साफ राय दी कि 2027 के विधानसभा चुनाव अब महज डेढ़ साल दूर हैं। ऐसे समय जिला प्रधान में बदलाव करना उचित नहीं होगा। उनका कहना था कि मौजूदा जिला प्रधान राजिंदर बेरी को ही रिपीट किया जाए। उन्होंने दलील दी कि यदि अगले विधानसभा चुनाव में बेरी को टिकट मिलती है तो अन्य दावेदारों का पैनल हाईकमान के पास पहले से मौजूद है। उस समय किसी नए चेहरे को जिला प्रधान बनाया जा सकता है। हालांकि, कुछ दावेदारों ने बाद में ऑब्जर्वर से मिलकर इस पर आपत्ति भी जताई। उनका कहना था कि मौजूदा ब्लॉक प्रधानों की नियुक्ति खुद राजिंदर बेरी ने की है, इसलिए उनका झुकाव और समर्थन बेरी के पक्ष में होना स्वाभाविक है।

रिपोर्ट में खुलासा: US ने मिसाइलों का उत्पादन बढ़ाने का दिया आदेश

वाशिंगटन  बीते दिनों अमेरिका के पास हथियारों की कमी की खबर सामने आने के बाद अब एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अमेरिका इसे लेकर बेहद अलर्ट मोड में है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि पेंटागन ने कुछ अहम मिसाइलों के प्रोडक्शन को दोगुना, चौगुना करने के आदेश दे दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका चीन के साथ संभावित जंग को देखते हुए यह कदम उठा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ संभावित भावी संघर्ष को देखते हुए पेंटागन अपने मिसाइल सप्लायर्स से उत्पादन दर को दोगुना, चौगुना करने की बातचीत कर रहा है। मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया गया है कि सबसे ज्यादा मांग वाले महत्वपूर्ण हथियारों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए पेंटागन के अधिकारियों ने कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मिशन की देखरेख अमेरिका के उप रक्षा सचिव स्टीव फीनबर्ग खुद कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुआबिक स्टीव फीनबर्ग इस पर चर्चा करने के लिए हर हफ्ते कुछ कंपनी के अधिकारियों को बुलाते हैं। हालांकि रिपोर्ट सामने आने के बाद पेंटागन या अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इससे पहले बीते जुलाई महीने में अमेरिका ने अपने हथियारों के भंडार में कमी को लेकर चिंता जताते हुए यूक्रेन को कुछ हथियारों की आपूर्ति रोक दी थी। वाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने एक बयान में कहा था, “हमारे देश के सैन्य सहयोग और दुनिया भर के अन्य देशों को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा के बाद अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।” रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि अमेरिका के भंडार में कई जरूरी हथियारों का स्टॉक कम हो गया है, जिनमें एंटी एयर मिसाइलें भी शामिल हैं। इसके अलावा लॉन्ग रेंज की मिसाइलें, 155 एमएम आर्टिलरी शेल्स की भी कमी की बात कही गई थी।

भोपाल में मंच से कहा—’गैर‑हिंदुओं से प्रसाद मत खरीदो, मिले तो उन्हें सबक सिखाओ’ : साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी.

भोपाल पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर का एक बयान सुर्खियों में है। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में मंदिरों के पास प्रसाद बेचने वालों पर नजर रखने को कहा है। कहा कि अगर कोई गैर हिंदू प्रसाद बेचता दिखे तो उसकी जितनी पिटाई कर सकते हो पिटाई करो फिर शासन के हवाले करो। भोपाल की पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार को अपने एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने भोपाल में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कार्यक्रम में हिंदू श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे ग्रुप बनाकर जांच करें कि मंदिरों के आसपास कौन प्रसाद बेच रहा है। अगर प्रसाद बेचने वाला हिंदू नहीं हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि अगर आपको कोई गैर-हिंदू प्रसाद बेचता हुआ मिले तो उसकी जितनी पिटाई कर सकते हो करो और फिर शासन के हवाले कर दो। उन्होंने आगे कहा कि श्रद्धालुओं को गैर-हिंदू विक्रेताओं से प्रसाद खरीदने से मना कर देना चाहिए और उन्हें इसे बेचने या मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने घरों को हथियारबंद करने की बात दोहराते हुए कहा कि हां, मैंने कहा था कि आपको अपने घरों में हथियार रखने चाहिए। मैंने आग्रह किया कि हथियार धारदार रखे जाएं ताकि परिवार अपनी रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि अगर दुश्मन आपके घर की दहलीज पार करे तो उसे दो टुकड़े कर दो। उन्होंने आगे कहा कि जब हमारी बेटियों और बहनों को उनके घरों से उठाया जाता है, उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके सड़क पर बिखेर दिए जाते हैं, तो हमें बहुत पीड़ा होती है। इस पीड़ा को दूर करने के लिए जब दुश्मन आपके घर की दहलीज लांघने की कोशिश करे तो आपको उन्हें बीच से काट देना चाहिए। दुर्गा वाहिनी का काम हर घर में एक दुर्गा तैयार करना है। हर घर में हथियार रखने का आह्वान करना है। हम हर घर में नियम और कानून का पालन करते हैं, क्योंकि यह देश हमारा है। प्रज्ञा ठाकुर ने अपने भाषण में राष्ट्रवादी विषयों का हवाला दिया। उन्होंने उन लोगों की आलोचना की जिन्होंने राष्ट्र की सांस्कृतिक परंपराओं को विफल बताया।

त्वचा और बालों की समस्याओं का घर बैठे इलाज: जानें 4 असरदार देसी मसालों के फायदे

नई दिल्ली क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में रखे कुछ साधारण मसाले आपकी त्वचा और बालों की कई समस्याओं का शानदार समाधान हो सकते हैं? हम अक्सर महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर हजारों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन शायद ही कभी अपनी दादी-नानी के नुस्खों पर ध्यान देते हैं। दरअसल, हमारी रसोई में मौजूद हल्दी, दालचीनी, लौंग और मेथी जैसे मसाले सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि इनमें ऐसे औषधीय गुण भी छिपे होते हैं, जो त्वचा और बालों को भीतर से पोषण देते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर जुश्या भाटिया सरीन भी इन मसालों के गुणों की तारीफ करती हैं और इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं। आइए जानते हैं ये 4 देसी मसाले (Desi Spices For Skin And Hair) कैसे आपकी ब्यूटी के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।   हल्दी हल्दी को आयुर्वेद में सदियों से एक शक्तिशाली औषधि माना गया है। इसमें मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये गुण त्वचा के मुंहासे, दाग-धब्बे और सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे चेहरा साफ और चमकदार बनता है। इसके अलवा, यह स्कैल्प के हल्दी बनाती है, रूसी को कम करती है और हेयर फॉल को भी कम करने में मददगार साबित हो सकती है। दालचीनी दालचीनी की मीठी और तीखी खुशबू जितनी मनमोहक होती है, उतने ही कमाल के इसके फायदे भी हैं। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है, जिससे त्वचा को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है। इससे चेहरे पर एक प्राकृतिक और गुलाबी चमक आती है। बालों के लिए, दालचीनी बालों के रोम को मजबूत करती है, जिससे बालों का टूटना कम होता है और वे घने व चमकदार बनते हैं। लौंग लौंग में पाए जाने वाले एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-फंगल गुण इसे त्वचा और स्कैल्प की समस्याओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। यह मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ती है और त्वचा को साफ रखने में मदद करती है। बालों के मामले में, लौंग का तेल या पानी डैंड्रफ को कम करने में बहुत प्रभावी होता है, जिससे स्कैल्प हेल्दी रहता है और बालों की ग्रोथ अच्छी होती है। मेथी मेथी दाना, जिसे हम अक्सर तड़के में इस्तेमाल करते हैं, बालों के लिए एक 'सुपरफूड' है। इसमें प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं, जो बालों के झड़ने को रोकने और उनकी ग्रोथ को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। मेथी का पेस्ट बनाकर लगाने से बाल मजबूत, मुलायम और चमकदार बनते हैं।  

दिल्ली में मल्टीलेवल पार्किंग का नया रूप: वसंत विहार डिपो की योजना में बदलाव

नई दिल्ली दिल्ली में भाजपा की सरकार आने के बाद से प्रशासनिक स्तर पर भी बहुत से बदलाव देखे जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार के समय परियोजनाएं हरे पेड़ों के न हट पाने के कारण अधर में लटकी गई थीं। अब उन पेड़ों को हटाने की मंजूरी मिल गई है। वहीं डीडीए की मंजूरी न मिलने से वसंत विहार डिपाे में प्रस्तावित बहुस्तरीय पार्किंग के साथ शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स बनाने की जो योजना रुक गई थी, अब उस योजना के शुरू होने की भी उम्मीद बढ़ गई है। दिल्ली सरकार ने डीटीसी से इस परियोजना का प्रस्ताव फिर तैयार कर डीडीए में मंजूरी के लिए भेजने को कहा है। माना जा रहा है मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो सकेगा। पांच वर्षों से वसंत विहार बस डिपो में यह निर्माण शुरू होने का इंतजार है। बता दें कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने पांच साल पहले अपनी आय बढ़ाने के लिए हरि नगर के साथ ही वसंत विहार डिपो में भी बहुस्तरीय पार्किंग के साथ शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स बनाने की योजना बनाई थी। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) के साथ एमओयू साइन किया गया था। इस परियोजना के तहत सबसे पहले वसंत विहार डिपो में ही काम शुरू होना था। इस योजना पर काम शुरू होने में लगातार देरी होती गई। उस समय की सरकार को लगने लगा कि इस योजना पर काम ही शुरू नहीं हो पाएगा तो परेशान होकर आप सरकार ने याेजना में बदलाव कर दिया था और केवल बहुस्तरीय पार्किंग बनाने का फैसला किया गया था। इस परियोजना का आप सरकार के समय पिछले साल अगस्त में उपराज्यपाल वीके सक्सेना और तत्कालीन परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शिलान्यास किया था। लेकिन उस सरकार को डीडीए से इसकी भी मंजूरी नहीं मिल पाई और काम शुरू नहीं हाे सका। यह डिपो करीब 6.21 एकड़ में है। इस डिपाे में सात मंजिला पार्किंग में 2.6 लाख वर्ग फुट से अधिक की बेसमेंट पार्किंग भी होंगी, यहां 690 से अधिक गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। अब यहां भी वाणिज्यिक स्थान उपलब्ध होगा। इस पार्किंग पर 409 करोड़ृ रुपये खर्च होने थे। मगर अब राशि बढ़ जाएगी। वसंत डिपो जिस स्थान पर बना है, वहां की जमीन डीडीए से लीज पर ली गई है। करार के अनुसार डिपो के अलावा अगर वहां पर अन्य कोई गतिविधि शुरू की जाती है तो इसके लिए जीडीए से अनापत्ति प्रमाण लेना आवश्यक है, इसके बाद ही कोई काम वहां पर किया जा सकता है। अन्यथा डीडीए को अधिकार है कि वह लीज निरस्त कर सकता है।  

क्या सच में कांग्रेस की वजह से बनी ‘आप’? सांसद संजय सिंह ने बताई पूरी कहानी

नई दिल्ली साल 2011 में लोकपाल जनआंदोलन हुआ। आंदोलन से निकलकर आम आदमी पार्टी का गठन हुआ। आंदोलन का केंद्रीय चेहरा रहे अन्ना हजारे नई गठित पार्टी से ओझल हो गए। सांसद संजय सिंह ने पार्टी के गठन से जुड़ी बातचीत के दौरान आप के राजनीतिक दल बनने की एक वजह कांग्रेस को भी बताया। उन्होंने अन्ना हजारे द्वारा पार्टी न ज्वाइन करने और इसे एक राजनीतिक दल न बनाने की सलाह पर भी अपनी बात रखी। जानिए संजय सिंह के मुताबिक कांग्रेस की किस खामी के कारण आप का गठन हुआ? संजय सिंह ने आप के गठन की क्या वजह बताई? संजय सिंह ने पार्टी के गठन से जुड़ी कहानी को बताते हुए कहा- “पार्टी का गठन करना उस वक्त की जरूरत हो गई थी। अगर उस समय की कांग्रेस सरकार लोकपाल कानून पास कर देती तो शायद ये जरूरत ही नहीं पड़ती। और फिर कोई बहाना भी नहीं था कि आप इंडिया अगेंस्ट करप्शन को किसी राजनीतिक पार्टी में तब्दील कर दें।” कांग्रेस ने मिस हैंडल किया, इसलिए आप बनी राजनीतिक पार्टी भारत समाचार से बातचीत के दौरान संजय सिंह ने कहा- “अगर उस समय की कांग्रेस सरकार इस आंदोलन को ठीक से हैंडल करती तो शायद हम लोगों को राजनीतिक पार्टी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। लोकपाल कानून पास कर देते तो सब लोग अपने-अपने काम में लग जाते। कोई संस्था चला रहा था, कोई कुछ और काम कर रहा था।” आगे बातचीत के दौरान कहा- "कांग्रेस ने मिस हैंडल किया। उन्होंने वादा करके बिल पास नहीं किया। इसी कारण आम आदमी पार्टी एक राजनीतिक पार्टी बनी"। अन्ना द्वारा आप न ज्वाइन करने पर संजय सिंह अन्ना हजारे द्वारा आम आदमी पार्टी में शामिल न होने वाले सवाल पर संजय सिंह ने बताया- "डेमोक्रेसी के अंदर हर व्यक्ति का निर्णय लेने का तरीका होता है, जिसका सम्मान करना चाहिए। अन्ना जी ने जो फैसला लिया उसका हम सम्मान करते हैं।" लोग अन्ना जी को ही प्रधानमंत्री बनाते अन्ना हजारे पर बोलते हुए कहा, “अगर अन्ना जी ने शायद उस समय चुनावी राजनीति में आने का निर्णय लिया होता, तो परिणाम कुछ और होते। जिस तरह से लोगों का उनके प्रति उल्लास, उत्साह और जुनून था; हो सकता है लोग अन्ना जी को ही प्रधानमंत्री बना देते।” संजय सिंह ने ये भी दावा किया- “मुझे लगता है कि उनसे राजनीतिक पार्टी बनाने की सहमति पहले ली गई थी, लेकिन बाद में उन्होंने जो भी निर्णय लिया, हम उसका सम्मान करते हैं।”

मंत्री कुशवाहा बोले – वृद्धजनों के सशक्त और समावेशी भविष्य की दिशा में कार्य करेगी सरकार

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर होंगे विविध कार्यक्रम भोपाल  सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री  नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि इस वर्ष एक अक्टूबर, अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस "समावेशी भविष्य के लिए वृद्धजन की पहचान को सशक्त बनाना" विषय पर केन्द्रित रहेगा। एक अक्टूबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालायों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। इसका मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों की समाज में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना और उन्हें समावेशी भविष्य के निर्माण में सशक्त पहचान दिलाना है। मंत्री  कुशवाहा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के आयोजन से प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता की भावना को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही समाज में उनके अनुभव और मार्गदर्शन की उपयोगिता को भी पुनः रेखांकित किया जाएगा। यह आयोजन प्रदेश की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें बुजुर्गों को समाज की धरोहर मानते हुए उन्हें सम्मान और सहयोग प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मती सोनाली वायगणकर ने बताया कि कार्यक्रम की थीम “समावेशी भविष्य के लिए वृद्धजन की पहचान को सशक्त बनाना” निर्धारित की गई है। जिला स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, संवाद-सत्र एवं जनजागरूकता गतिविधियां होंगी। इन आयोजनों का मुख्य फोकस यह रहेगा कि वृद्धजन केवल परिवार और समाज के अनुभव का आधार ही नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी के माध्यम से समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। जिलास्तर पर शतायु सम्मान विशेष आकर्षण के रूप में प्रत्येक जिले में ‘शतायु सम्मान’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 100 वर्ष या उससे अधिक आयु पूर्ण कर चुके वृद्धजनों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस पहल से राज्य सरकार का उद्देश्य बुजुर्गों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का संदेश देना है। सभी जिला कलेक्टर और विभाग के जिला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। कार्यक्रमों का स्वरूप स्थानीय परिस्थितियों और संसाधनों के अनुरूप होंगे और प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।