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मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना के आवेदन 31 अक्टूबर तक खुला

मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना के आवेदन 31 अक्टूबर तक आमंत्रित स्पर्श पोर्टल पर कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन भोपाल  दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री दिव्‍यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। इसमें मध्यप्रदेश के मूलनिवासी दिव्यांगजन, जिनमें अस्थिबाधित द्वारा गत परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक तथा अन्य श्रेणी में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है उनसे वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये है। विद्यार्थी अपना आवेदन 31 अक्टूबर तक स्पर्श पोर्टल पर ऑनलाइन जमा कर सकते है। आवेदन पत्रों की जांच 15 नवम्बर तक होगी और अंतिम सूची का प्रकाशन 30 नवम्बर तक किया जाएगा। स्वीकृत आवेदन पत्रों में पात्रतानुसार छात्रों को लैपटॉप अथवा मोट्रेट ट्राइसाइकल, विश्व दिव्यांग दिवस 3 दिसम्बर 2025 को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वितरित की जायेगी। आयुक्त सामाजिक न्याय ने बताया की स्पर्श पोर्टल ओपन कर दिया गया है। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने जिले से अधिक से अधिक पात्र दिव्‍यांग छात्र/छात्राओं को योजना हेतु आवेदन करने के लिये प्रोत्‍साहित करें एवं जिला अधिकारी आवेदनों का परीक्षण कर नियमानुसार निराकरण करना सुनिश्चित करें।  

इस बार लाड़ली बहनों को नहीं मिल पाएंगे 1500 रुपये? अक्टूबर में भुगतान पर लगी रोक की ये है वजह

भोपाल  अक्टूबर महीने में लाड़ली बहना योजना की 29वीं किस्त जारी की जाएगी। इस किस्त का इंतेजार प्रदेश की लाखों लाड़ली बहनों को है। इस बार की किस्त पहले जारी की गई किस्तों से बहुत खास भी है। क्योंकि इस बार मोहन सरकार पात्र लाड़ली बहनों को 1250 नहीं… ब्लकी 1500 रूपये ट्रांसफर करेगी। दिवाली-भाई दूज पर मिलने वाले इस सौगात की खबर ने महिलाओं की खुशी डबल कर दी है। लेकिन खुशखबरी देने वाली 'लाड़ली बहना योजना' ने प्रदेश की कई बहनों को बड़ा झटका भी दे दिया है। अक्टूबर में कई लाड़ली बहनों के खाते में 1500 रुपये नहीं पहुंचेंगे। 29वीं किस्त(Ladli Behna Yojana 29th Installment) आने से पहले यहां जानें… आखिर क्यों नहीं मिलेंगे 1500 रुपये। लाड़ली बहना योजना से कट गए महिलाओं के नाम जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में ई-केवाईसी सत्यापन के नाम पर सैकड़ों लोगों की समग्र आईडी डिलीट कर दी गई। जबकी उनकी समग्र आईडी पूरी तरह से सत्यापित थी। ऐसे में उन महिलाओं की भी आईडी डिलीट की गई जो लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी थीं। इससे ये महिलाएं लाड़ली बहना योजना के लाभ से वंचित हो गई हैं। इस कारण अक्टूबर में इन लाड़ली बहनों के खाते में 1500 रुपये नहीं आएंगे। समग्र आईडी डिलीट होने का ताजा मामला सतना जिले से सामने आया है। वहीं सिंगरौली से भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इन महिलाओं को भी नहीं मिलेंगे योजना के पैसे इसके आलवा, उन लाड़ली बहनों को भी अक्टूबर में मिलने वाली 29वीं किस्त का लाभ नहीं मिलेगा जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा हो गई है। दरअसल, लाड़ली बहना योजना की पात्रता शर्तों के मुताबिक, दस्तावेज में जो महिलाएं 60 वर्ष से अधिक उम्र की हो गई है तो वे अपात्र महिलाओं की लिस्ट में शामिल हो जाती हैं। इसी वजह से जनवरी 2025 में बड़ी संख्या में महिलाएं योजना से बाहर हो गई थी क्योंकि आधार कार्ड में उनकी उम्र 60 साल से ऊपर हो गई थी। अगर आपके दस्तावेज में भी आपकी उम्र 60 साल से अधिक हो गई है तो, आप भी अपात्र महिलाओं की लिस्ट में शामिल हो गई हैं। कई महिलाओं की राशि रोकी पर कारण नहीं बता रहे.. जानकारी के मुताबिक, जून महीने तक प्रदेश की 2,76,439 महिलाओं के खाते में राशि आती रही लेकिन अगले ही महीने इन आंकड़ों में अंतर देखने को मिला। जुलाई में लाड़ली बहनों की संख्या घटकर 2,75,178 रह गई। इस तरह 1261 महिलाएं योजना के लाभ से वंचित हो गई। वहीं अगस्त महीने में जून की तुलना में 1390 महिलाओं को योजना की राशि नहीं मिली। ऐसा ही अंतर बीते महीनों में जारी किस्तों में देखने को मिला। इस मामले में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी भी कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। कब-कब खातें में आए पैसे     पहली किस्त – 7 जून 2023     दूसरी किस्त – 11 जुलाई 2023     तीसरी किस्त – 10 अगस्त 2023     चौथी किस्त – 11 सितंबर 2023     6वीं किस्त – 10 नवंबर 2023     7वीं किस्त – 10 दिसंबर 2023     8वीं किस्त – 10 जनवरी 2024     9वीं किस्त – 10 फरवरी 2024     10वीं किस्त – 1 मार्च 2024     11 वीं किस्त – 5 अप्रैल 2024     12वीं किस्त – 4 मई 2024     13वीं किस्त – 4 जून 2024     14वीं किस्त – 5 जुलाई 2024     15वीं किस्त – 10 अगस्त 2024     16वीं किस्त – 9 सितंबर 2024     17वीं किस्त – 5 अक्टूबर 2024     18वीं किस्त -9 नवंबर 2024     19वीं किस्त -11 दिसंबर 2024     20वीं किस्त -12 जनवरी 2025     21वीं किस्त – 10 फरवरी 2025     22वीं किस्त – 8 मार्च 2025     23वीं किस्त – 16 अप्रैल 2025     24वीं किस्त – 15 मई 2025     25वीं किस्त – 16 जून 2025     26वीं किस्त – 12 जुलाई 2025     27वीं किस्त – 7 अगस्त 2025     28वीं किस्त – 12 सितंबर 2025

दशहरा 2025: भोपाल में रावण दहन के दौरान बदले रहेंगे ट्रैफिक रूट, जानें समय और वैकल्पिक मार्ग

भोपाल  दशहरा पर्व के अवसर पर राजधानी में शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक 10 से अधिक स्थानों पर रावण दहन का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के कारण शहर की अधिकतर सड़कों पर यातायात का काफी दबाव रहेगा। इस वजह से कार्यक्रम के दौरान कई मार्ग परिवर्तित किए जाएंगे। आयोजन स्थलों के आसपास पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है। प्रमुख दशहरा स्थल टीटी नगर दशहरा मैदान, कोलार रोड, बंजारी दशहरा मैदान, छोला दशहरा मैदान, बिट्टन मार्केट दशहरा मैदान, एमवीएम दशहरा मैदान, गोविंदपुरा भेल दशहरा मैदान, कलियासोत एडवेंचर ग्राउंड दशहरा मैदान, बैरागढ़ दशहरा मैदान, जंबूरी दशहरा मैदान, सलैया दशहरा मैदान। उपरोक्त स्थानों के अतिरिक्त, लहारपुरा दशहरा मैदान, अशोका गार्डन दशहरा मैदान, कोहेफिजा दशहरा मैदान, गांधी नगर दशहरा मैदान, हाउंसिग बोर्ड दशहरा मैदान, अयोध्या नगर दशहरा मैदान, पांच नंबर बस स्टाप दशहरा मैदान,ओल्ड कैंपियन दशहरा, मैदान रानी अवंती बाई तिराहा त्रिलंगा रोड दशहरा मैदान आदि स्थानों पर भी रावण दहन का कार्यक्रम होगा। परिवर्तित एवं वैकल्पिक मार्ग इस तरह रहेंगे     वाहन चालक टीटी नगर दशहरा मैदान के आसपास के मार्ग का उपयोग ना करते हुए बाणगंगा से रोशनपुरा, प्लेटिनम प्लाजा चौराहा से जवाहर चौक की ओर आ-जा सकेंगे।     बंजारी चौराहा से दानिश हिल्स की ओर जाने वाले वाहन चालक इस मार्ग का उपयोग ना करते हुए सर्वधर्म चौराहा से अमरनाथ कालोनी, दानिशहिल्स तक आवागमन कर सकेंगे।     डी मार्ट चौराहा से मानसरोवर, मेडिकल कालेज चौराहा, दानिश कुंज चौराहा होकर चूनाभट्टी चौराहा व शाहपुरा की ओर आ-जा सकेंगे।     बिट्टन मार्केट दशहरा मैदान की पार्किंग रोड साइड होने से यातायात का अत्यधित दबाव हो जाता है। इस कारण वाहन चालक सुभाष स्कूल चौराहा से राजीव गांधी चौराहा तक आने-जाने से बचें। इसके स्थान पर राजीव गांधी चौराहा की ओर आने वाले वाहन चालक कोलार गेस्ट हाउस तिराहा से चूनाभट्टी चौराह, बाबा नगर/बंसल तिराहा, शाहपुरा, रानी अंवती बाई चौराहा, हनुमान मंदिर, साढ़े 10 नंबर चौराहा से आवागमन कर सकते हैं।     अर्जुन नगर चौराहे से सुभाष स्कूल चौराहा, सात नंबर, ओल्ड कैंपियन से 10 नंबर की ओर आ-जा सकेंगे।     एमवीएम के सामने से होकर लिलि टाकीज चौराहे की ओर जाने वाले वाहन चालक रोशनपुरा से बाणगंगा, खटलापुरा, पीएचक्यू गेट- दो, सातवीं वाहिनी के सामने से आ-जा सकेंगे।     गोविंदपुरा भेल दशहरा मैदान के सामने यातायात का दबाव अधिक रहेगा इस कारण वैकल्पिक मार्ग एमपीनगर चेतक ब्रिज से अवधपुरी जाने वाले वाहन गोंविदपुरा टर्निंग से नर्मदा क्लब, कस्तूरबा स्कूल होकर अवधपुरी आ-जा सकेंगे। इसी प्रकार चेतक ब्रिज उतार से बायें मुड़कर सुभाष विश्रामगृह तिराहा से प्रभात चौराहा होकर रायसेन रोड, अवधपुरी आ-जा सकेंगे। बैरागढ़ दशहरा दहन के दौरान मुख्य सड़क पर ट्रैफिक का ज्यादा दबाव रहेगा। भोपाल से सीहोर की ओर जाने-आने वाले वाहन चालक लालघाटी से गांधी नगर, मुबारकपुर जोड़, खजूरी बायपास फंदा वाले मार्ग का उपयोग कर सकेंगे। यहां से निकलेगा विजय जुलूस श्री रामविजय रथ यात्रा गुरुवार को बांके बिहारी मंदिर (मारवाड़ी रोड) से शाम पांच बजे शुरू होगी। जो चिंतामन चौराहा, यूनानी सफाखाना, सुल्तानिया रोड, घोड़ा नक्कास, छोटे भैया चौराहा, नादरा बस स्टैंड, छोला रोड, अग्रवाल धर्मशाला होते हुए विजय भूमि छोला दशहरा मैदान तक जाएगी। इन स्थानों के निकटम मार्गों पर यातायात दबाव अधिक होने की संभावना हैं। भारी वाहन डायवर्सन दो अक्टूबर को दोपहर दो बजे से शहर में किसी भी प्रकार के अनुमति प्राप्त भारी वाहन खजूरी बायपास मुबारकपुर चौराहा नया बायपास लांबाखेड़ा, भानपुर, बेस्टप्राइज, करोंद चौराहा, लालघाटी, प्रभात पेट्रोल पंप चौराहा, जिंसी चौराहा, हबीबगंज नाका, मिसरोद 11 मील से शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। आकस्मिक सेवा एंबुलेंस, फायरब्रिगेड के लिए सभी मार्ग खुले रहेंगे।  

50 साल पूरे हुए गांधी सागर बांध, राज्य सरकार ने 465 करोड़ की राशि से मरम्मत का किया ऐलान

मंदसौर   साठ के दशक में बने गांधी सागर बांध की 50 साल की उम्र पूरी हो गई है. अब राज्य सरकार ने इसका जीवन बढ़ाने की पहल शुरू कर दी है. सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं के साथ ही बांध से अब मंदसौर और नीमच जिलों को पेयजल भी मिलने वाला है. बांध से जल छोड़े जाने के बाद यहां बिजली उत्पादन भी होता है. बांध में लगे टरबाइन पुराने होने और बांध की नींव की मजबूती को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जीर्णोद्धार के लिए बजट की मंजूरी दी है. गांधी सागर बांध की उम्र 50 साल बढ़ जाएगी दो साल में पूरे होने वाले इस काम के बाद बांध की उम्र 50 साल और बढ़ जाएगी. बिजली उत्पादन भी पहले की तरह होने लगेगा. मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बने गांधी सागर बांध के जीर्णोद्धार को लेकर राज्य सरकार ने 465 करोड रुपए की मंजूरी दी है. बांध के निर्माण को 50 साल पूरे होने के बाद इसकी उम्र बढ़ाने की मंशा से सरकार ने जीर्णोद्धार और यहां हो रहे बिजली उत्पादन के संयंत्रों के नवीनीकरण का प्रोजेक्ट तैयार किया है. 1960 में तैयार हुए इस बांध का 2019 की बाढ़ में खतरा बढ़ गया था. हालांकि बांध की मजबूती के कारण यहां किसी भी तरह की खतरे की कोई बात नहीं है. उम्र और समय के हिसाब से सरकार ने बांध में लगे बिजली उत्पादन के टरबाइन को बदलने की तैयारी की है. मंदसौर और नीमच जिले के लिए पेयजल परियोजना मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा से बहने वाली चंबल नदी पर बने इस बांध में करीब 65 किलोमीटर वर्ग किलोमीटर एरिया में जलभराव रहता है. राज्य सरकार ने मंदसौर और नीमच जिलों में सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं के साथ ही दोनों जिलों में पेयजल परियोजना का भी आधार इसी डैम को माना है. दो जिलों की कृषि और पेयजल समस्या से निजात दिलाने वाले इस डैम के बांध को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. मंदसौर और नीमच जिले में बड़े प्रोजेक्ट मंदसौर जिले की सभी 8 और नीमच जिले की 5 तहसीलों में गांधी सागर बांध से पानी पहुंचाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिन पर दो तिहाई काम पूरा हो चुका है. ऐसी स्थिति में इस बांध की उम्र बढ़ाई जानी की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी. राज्य सरकार द्वारा मंजूर किए गए इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में 2 साल का समय पूरा लगेगा. इसके बाद यहां बांध में लगे 5 टरबाइन से रोजाना 115 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. साथ ही बांध से छोड़े जाने वाले पानी से राजस्थान के रावतभाटा और कोटा बैराज में पानी मिलने से वहां सिंचाई और बिजली उत्पादन भी हो सकेगा. पेयजल और सिंचाई के अलावा बिजली उत्पादन इसके बाद यहां से छूटने वाले पानी से फिर मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिले श्योपुर, भिंड और मुरैना जिलों में किसानों को चंबल के पानी का लाभ मिल सकेगा. चरणबद्ध तरीके से छोड़े जाने वाले पानी और बिजली उत्पादन से मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों को दोहरा लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है. मंदसौर कलेक्टर अदिति गर्ग ने बताया "वर्ष 2019 की बाढ़ में अचानक लबालब भरे बांध से यहां लगे टरबाइन को आंशिक नुकसान हुआ था. इसे बदलने के लिए राज्य सरकार ने अब बड़ी पहल करते हुए करोड़ों रुपए की मंजूरी दी है. डैम के पानी का पेयजल और सिंचाई के अलावा बिजली उत्पादन में भी लाभ मिल सकेगा. गांधी सागर बांध के जीर्णोद्धार की इस पहल के बाद बांध की उम्र अगले 50 साल और बढ़ना तय माना जा रहा है."  

2023 में महिला अपराधों के मामले बढ़े, पिछले साल की तुलना में 0.7% अधिक रिपोर्ट

नई दिल्ली  सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद साइबर अपराधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। साइबर अपराधों में 2022 की तुलना में 2023 में 31.2 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराधों में 28.8 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई है। अनुसूचित जातियों, महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध भी अपराध बढ़े हैं। जबकि हत्या के मामलों और वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध अपराधों में मामूली कमी आई है।  2023 में ये बढ़कर 86,420 हो गए एनसीआरबी के अनुसार, 2022 में देशभर में साइबर अपराध से जुड़े 65,893 मामले दर्ज किए गए थे। 2023 में ये बढ़कर 86,420 हो गए। इनमें लगभग 70 प्रतिशत (59,526) मामले धोखाधड़ी के थे। इससे देश में साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और अपराधियों के बढ़ते हौसले का अंदाजा लगाया जा सकता है। देश में बच्चियों से दुष्कर्म के कुल 38968 मामले दर्ज किए गए. इसमें मध्य प्रदेश में देश में महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए. मध्य प्रदेश में बच्चियों से रेप की 3876 घटनाएं हुई हैं, यानी हर दिन 10 नाबालिग बच्चियां रेप की शिकार हो रही हैं. महाराष्ट्र में नाबालिग बच्चियों से 4666 मामले दर्ज किए गए. पति, रिश्तेदार ही सबसे ज्यादा अपराध देश में महिला अपराधों के मामलों में 0.7 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2023 में देश में 4 लाख 48 हजार 211मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में 4 लाख 45 हजार 256 मामले दर्ज किए गए थे. देश में सबसे ज्यादा महिला अपराध उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. महिला अपराधों के टॉप फाइव स्टेट में मध्य प्रदेश का स्थान 5 वां है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में महिलाओं को सबसे ज्यादा क्रूरता के जख्म अपने पति, रिश्तेदारों के द्वारा ही मिल रहे हैं. देश में कुल महिला अपराधों में 14 फीसदी मामले दुष्कर्म और 19.8 फीसदी मामले अपहरण के हैं. उत्तर प्रदेश में – 66381 महिला अपराध दर्ज हुए महाराष्ट्र में – 47101 महिला अपराध दर्ज हुए राजस्थान में – 45450 महिला अपराध दर्ज हुए पश्चिम बंगाल – 34691 मामले दर्ज हुए मध्य प्रदेश – 32342 महिला अपराध दर्ज हुए मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा महिला अपराध से जुड़े मामले भोपाल और इंदौर में दर्ज किए गए, जबकि दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है. महिला अपराध के मामले में उज्जैन 5 वें स्थान पर है. कांग्रेस ने साधा भाजपा पर निशाना एनसीआरबी की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, ''भाजपा की सरकार आखिर कब तक महिलाओं के साथ मजाक करती रहेगी. एक तरफ लाड़ली बहना योजना चला रहे हैं, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. क्या है कानून व्यवस्था क्या कर रही है सरकार. बच्चियों को बचाइये, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.'' शीलभंग करने के इरादे से हमले 2023 में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के 4,48,211 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में 4,45,256 और 2021 में 4,28,278 मामले दर्ज हुए थे। 2023 में सबसे अधिक अपराध पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (1.33 लाख मामले, 29.8 प्रतिशत) के थे। इसके बाद महिलाओं के अपहरण (88,605 मामले, 19.8 प्रतिशत) और शीलभंग करने के इरादे से हमले (83,891 मामले, 18.7 प्रतिशत) के थे। हालांकि, महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दर लगभग अपरिवर्तित (66.2 प्रति लाख) रही। आत्महत्या के मामले 0.3 प्रतिशत बढ़े  बच्चों के विरुद्ध बढ़ते अपराध भी चिंताजनक हैं। 2022 में बच्चों के विरुद्ध अपराध की दर 36.6 (प्रति एक लाख बच्चे में) थी, जो 2023 में बढ़कर 39.9 हो गई। बच्चों के विरुद्ध सबसे अधिक मामले अपहरण (45 प्रतिशत) और यौन अपराधों (38.2 प्रतिशत) से जुड़े थे।  आत्महत्या के मामले 0.3 प्रतिशत बढ़े हैं। ये 1,71,418 दर्ज किए गए। इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 22,687 और तमिलनाडु में 19,483 मामले दर्ज हुए। किसानों की आत्महत्या के 10,700 मामले दर्ज हुए। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 38 प्रतिशत और कर्नाटक में 22.5 प्रतिशत मामले दर्ज हुए।  अपहरण के मामलों में 5.6 प्रतिशत की बढ़त बुजुर्गों के विरुद्ध अपराधों के कुल 27,886 मामले दर्ज हुए। अपहरण के मामलों में 5.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2022 के 1,07,588 के मुकाबले 2023 में ये 1.16 लाख दर्ज किए गए। हत्या के मामलों में 2.8 प्रतिशत की कमी आई है। ये 2022 के 28,522 की तुलना में 2023 में 27,721 दर्ज हुए। किशोरों के विरुद्ध अपराधों में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि किशोरों के विरुद्ध अपराधों में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिनकी संख्या 2023 में 31,365 रही। दिल्ली में इसकी दर प्रति एक लाख बच्चों पर 41 थी, जो देश में सबसे अधिक है। किशोर अपराध की दर भी बढ़कर 6.9 से बढ़कर 7.1 हो गई। सभी महानगरों में किशोर अपराधों की सबसे अधिक संख्या भी दिल्ली में दर्ज की गई, जहां कुल 2,278 घटनाएं हुईं। विभिन्न वर्गों के विरुद्ध अपराध वर्ग वृद्धि (%में) कमी  बुजुर्ग 2.3 0 बच्चे 9.2 0 महिला 0.7 0 किशोर 2.7 0 एसटी 28.8 0 एससी 0.4 0 (2022 की तुलना में 2023 में) बच्चियां देश में बड़ी संख्या में लैंगिक अपराध का शिकार हो रही हैं. एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के ताजा आंकड़े चिंता में डालने वाले हैं. देश में बच्चों से जुड़े अपराधों में 9.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. देश में बच्चों से जुड़े सबसे ज्यादा अपराध मध्य प्रदेश में हुए हैं. जबकि पिछले साल मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर था. मध्य प्रदेश में आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन 10 नाबालिग लड़कियों से यौन अपराध हो रहे हैं. वहीं महिला अपराध के मामले में मध्य प्रदेश देश में पांचवे स्थान पर है. बच्चों से बढ़ रहे अपराध देश में बच्चों से जुड़े आपराध के आंकड़े चिंताजनक है. आंकड़ों के मुताबिक देश में मध्य प्रदेश बच्चों के मामले में सबसे ज्यादा असुरक्षित प्रदेश बन गया है. मध्य प्रदेश में 2023 में 22 हजार 393 मामले दर्ज किए गए. साल 2022 में मध्य प्रदेश में 20 हजार 415 मामले और साल 2021 में 19173 मामले दर्ज किए गए थे. महाराष्ट्र बाल अपराधों के मामले में दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र में 22 हजार 390 मामले दर्ज किए गए. उत्तर प्रदेश … Read more

आजीविका मिशन की महिलाओं ने प्राकृतिक पेंट बनाकर दिखाया हुनर, सीएम डॉ. यादव ने किया सराहना

आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने प्राकृतिक पेंट बनाकर की अनूठी पहल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव पर्यावरण-संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के 'लोकल फॉर वोकल' के मंत्र और महिला सशक्तिकरण संकल्प को प्रदेश की महिलाओं ने सार्थक कर दिखाया है। ग्वालियर की आजीविका मिशन से जुड़ीं महिलाओं ने बडी, पापड़, अगरबत्ती और अचार से भी आगे बढ़कर अब गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण की अनूठी पहल कर महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। गोबर से प्राकृतिक पेंट ग्वालियर जिले के भितरवार विकासखंड की खेड़ापति स्व-सहायता समूह की सक्रिय सदस्यों ने एकजुट होकर गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का कार्य प्रारंभ किया। उनके द्वारा किए गए नवाचार को न केवल सराहा गया, बल्कि उन्हें आर्थिक संबल भी मिला। उनका यह कार्य पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में भी एक अनुकरणीय पहल है। आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने प्राकृतिक पेंट बनाकर एक अनोखी और सफल पहल की है। इस पहल से महिलाओं को न केवल अतिरिक्त आय का साधन मिला है बल्कि पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान हुआ है। यह पेंट गोबर से बनाया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल का उपयोग नहीं होता। इस कारण यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और दीवारों को आकर्षक रंग भी प्रदान करता है। साथ ही मात्र 4 घंटे में दीवार पर लगा ये पेंट सूख भी जाता है। कलेक्टर मती रुचिका चौहान ने समूह की महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रेरित कर तकनीकी प्रशिक्षण एवं विपणन (मार्केटिंग) में भी आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया। जिले के भितरवार ब्लॉक के ग्राम करहिया में गठित खेड़ापति स्व-सहायता समूह के सक्रिय सदस्यों ने आजीविका मिशन के माध्यम से आत्मनिर्भर की सच्ची मिसाल पेश की है। प्राकृतिक पेंट का उत्पादन स्थानीय स्तर पर रोजगार के साथ पर्यावरण-अनुकूल विकल्प साबित हो रहा है। और समूह की महिला सदस्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। समूह की सदस्य मती संध्या कहती हैं कि हम पहले केवल घर तक सीमित थे, लेकिन अब अपने हाथों से बने पेंट को बेचकर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्च में मदद मिल रही है। प्राकृतिक पेंट बनाने की ट्रेनिंग से हमें नया हुनर मिला है। लोग हमारे पेंट की सराहना कर रहे हैं, जिससे हमें आगे और काम करने की प्रेरणा मिलती है। प्रशासन अब इस उत्पाद को सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों में भी उपयोग हेतु बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठा रहा है। यह पहल आने वाले दिनों में प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा बनेगी।