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अमित शाह का बड़ा बयान: बिहार में उद्योग क्यों नहीं फल-फूल रहे, बाढ़ मुक्ति के लिए पेश किया रोडमैप

 पटना बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का समय नजदीक आता जा रहा है। सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को 'हिन्दुस्तान बिहार समागम' कार्यक्रम के दौरान बिहार के विकास पर चर्चा की। शाह ने बिहार में औद्योगिक विकास की बाधाओं पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य में फैक्ट्रियां न लगने की सबसे बड़ी वजह भूमि की कमी है, जो निवेशकों को आकर्षित करने में प्रमुख बाधा बनी हुई है। साथ ही, उन्होंने बाढ़ मुक्ति का एक व्यापक प्लान भी साझा किया, जिसमें केंद्र सरकार की भूमिका और दीर्घकालिक उपाय शामिल हैं। हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर के साथ एबीपी न्यूज पर विशेष बातचीत में शाह ने कहा, "बिहार के अंदर हम सभी जानते हैं कि भूमि की कमी है। कोई भी बड़ी इंडस्ट्री लाना है तो बिहार में भूमि मिलने में बड़ी दिक्कत आती है। इसलिए बिहार में इस प्रकार की इंडस्ट्री लानी चाहिए जिसमें भूमि की कम जरूरत हो। इसीलिए हम बिहार को देश के AI का हब बनाना चाहते हैं।" दरअसल शाह से पूछा गया कि क्या वे ये घोषणा कर सकते हैं कि आने वाले 10 वर्षों में बिहार की यह स्थिति हो जाएगी कि ये मजदूरों का निर्यातक प्रदेश नहीं होगा? इस पर गृह मंत्री ने कहा कि इसे अलग तरीके से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बिहार को सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हब बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "हमें इस इंडस्ट्री के अनुकूल युवाओं के लिए मौके बनाने होंगे.. उन्हें तराशना होगा। इन विधाओं में शिक्षित मैन पावर बनाने का काम हम करेंगे।" बाढ़ मुक्ति का प्लान समझाया बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही मचती है। इसको रोकने के लिए अमित शाह ने अपनी सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार में चंद्रगुप्त मौर्य के काल से नेपाल का पानी आता है.. गंगा बिहार में आती हैं और यहां तबाही मचती है। शाह ने कहा, "नरेंद्र मोदी जी ने 2024 के बजट के अंदर बिहार की कोसी परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये घोषित किए। ये परियोजनाएं तेज गति से चल भी रही हैं। 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि सींचित भी होगी और आने वाले 10 सालों में बिहार पूरी तरह बाढ़ से प्रभाव से मुक्त हो जाएगा। अब समय आ गया है कि बिहार को बाढ़ मुक्त करना चाहिए और हम जरूर करेंगे।"

IAF की बड़ी ताकत बनने जा रहे हैं 1100 जेट इंजन, ₹65,400 करोड़ की डील से बदलेगा गेम

नई दिल्ली  भारतीय वायु सेना (IAF) ने अगले दशक में अपनी ताकत को कई गुना बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. देश लगभग ₹65,400 करोड़ ($7.44 बिलियन) खर्च करने जा रहा है, ताकि 2035 तक 1,100 नए फाइटर जेट इंजन खरीदे जा सकें. ये इंजन कई विकसित हो रहे फाइटर जेट प्रोग्रामों के लिए इस्तेमाल होंगे और भारतीय रक्षा क्षमता को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. देश में लंबे समय से चल रहे घरेलू जेट इंजन कार्यक्रम को गति देने के लिए नई योजनाओं पर काम शुरू हो गया है. वर्तमान में लाइट कॉम्बैट जेट ‘तेजस’ को Kaveri इंजन से लैस करने की योजना तकनीकी चुनौतियों के चलते पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है. लेकिन अब नए इंजन की खरीद और विकास से यह सपनों को साकार करने वाला कदम माना जा रहा है. भारत की जेट इंजन की प्लानिंग S.V. रामाना मूर्ति, Gas Turbine Research Establishment (GTRE) के निदेशक और देश के होम-ग्रोन इंजन विकास के प्रभारी, ने बताया कि अगले दशक में भारत को लगभग 1,100 जेट इंजन की जरूरत होगी. ये इंजन विभिन्न फाइटर जेट प्रोग्रामों में इस्तेमाल किए जाएंगे, जिनकी निर्माण प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में है. मूर्ति ने कहा कि देश को मिशन मोड में काम करके घरेलू फाइटर इंजन का इकोसिस्टम तैयार करना होगा. घरेलू इंजन कावेरी का भविष्य तेजस जेट को कावेरी इंजन से लैस करने का प्रयास पिछले कई सालों से चल रहा है. लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इसका विकास अधूरा रहा.मूर्ति ने कहा कि कावेरी इंजन का अपग्रेडेड संस्करण घरेलू ड्रोन लड़ाकू विमानों (UCAV) में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे भारतीय रक्षा उद्योग को नए प्रकार की क्षमताएं हासिल होंगी. अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और 5वीं पीढ़ी का जेट GTRE के निदेशक ने यह भी बताया कि भारत अपने पहले 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में इंजन विकसित करने की योजना बना रहा है. इस परियोजना में फ्रांस की Safran, ब्रिटेन की Rolls-Royce और अमेरिका की General Electric जैसी कंपनियों ने रुचि दिखाई है. Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) का प्रोटोटाइप 2028 में रोलआउट होने की संभावना है. निजी क्षेत्र की भागीदारी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस नए फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए निजी कंपनियों को भी बोलियां लगाने का अवसर मिलेगा. इसका उद्देश्य भारतीय स्टेट-ओन्ड वॉरप्लेन निर्माता HAL पर दबाव कम करना और देश में रक्षा निर्माण क्षमता बढ़ाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने रक्षा उपकरण निर्माण को बढ़ावा देने और विदेशी निर्माताओं को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी में निवेश करने का आग्रह किया है. इंजन खरीद से भविष्य की ताकत ₹65,400 करोड़ के निवेश से भारत न केवल घरेलू इंजन विकास में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि अपनी वायु सेना की शक्ति को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई तक ले जाएगा. यह कदम IAF के अगले दशक की रणनीति और आधुनिक हवाई शक्ति सुनिश्चित करने की योजना का हिस्सा है.  

साफ-सुथरे मोहल्ले की ओर बढ़ाएं कदम, जीतें 1 लाख रुपए का पुरस्कार!

इंदौर  डॉ. आंबेडकर नगर (महू) में खुशियों वाली जगमग दिवाली पर शहर में एक बार फिर रंगारंग सजावट होगी। गली-नुक्कड़ से लेकर महू छावनी परिषद क्षेत्र के मोहल्लों-कॉलोनियों में रंग-बिरंगी रांगोली और जगमगाती रोशनी का अनूठा नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, शहर में इस साल 21 अक्टूबर को धोक पड़वा पर्व पर रंगोत्सव मनाया जाएगा। कोविड के दौर के बाद दीपावली के जगमग उजास को नई रंगत देने के लिए शहर में रंगोत्सव समिति द्वारा रंगोली प्रतियोगिता (Rangoli Competition) की शुरुआत की गई। इसमें शहर की गलियों में न्यूनतम 16 वर्गफीट से लेकर करीब 500 वर्गफीट तक की आकर्षक रांगोली सजाई जाती थी।  समिति के संयोजक ने दी जानकारी समिति के संयोजक सुचित बंसल ने बताया कि इस साल यह महोत्सव एक नया स्वरुप लेने जा रहा है। इसमें रंगोली के साथ ही गली-मोहल्लो और कॉलोनियों की सजावट (Diwali Decoration) भी शामिल की गई। प्रतिभागियों को न्यूनतम 70 से 80 फीट का दायरा चुनना होगा। इसमें रंगोली के साथ ही निर्धारित एरिया को अलग-अलग तरीके से सजाना होगा। इसमें रंग-बिरंगी लाइटिंग सहित आकर्षक सजावट आइटमों का उपयोग किया जा सकेगा।     अनेकता में एकता की दिखेगी झलक इस अनूठे महोत्सव में अलग-अलग राज्यों की संस्कृति के साथ ही पारंपरिक, धार्मिक और पौराणिक महत्वों की झलक दिखेगी। बंसल ने बताया कि प्रतिभागी पंजाबी, साउथ इंडियन, गुजराती सहित धार्मिक, सांस्कृतिक थीम पर सजावट कर सकते हैं।   पारदर्शिता : अन्य शहरों के निर्णायक करेंगे फैसला स्पर्धा के विजेता का फैसला निर्णायक दल करेगा। इसके लिए करीब 5 से 6 निर्णायकों की पैनल बनाई जाएगी। प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निर्णायक अन्य शहरों से बुलाएंजाएंगे। जो धोक पड़वा पर सुबह 11 बजे से निरीक्षण शुरु करेगी।   2023 में बनाया हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड रंगोत्सव की अनूठी परंपरा ने वर्ष 2023 में शहर का नाम हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया। बंसल ने बताया कि साल 2023 में करीब 325 प्रतिभागियों ‌द्वारा सबसे लंबी रंगोली बनाई गई। जिन्हें हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए। स्पर्ध में पहला स्थान राधिका तायल ने पाया था। जिन्हें 51 हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया था।  तिथियों में असमंजस से बीते साल रही अड़चन बीते साल दीपावली पर अमावस्या की दो तिथियां होने के कारण धोक पड़वा को लेकर असमंजस बना था। बंसल ने बताया कि इसके कारण बीते साल रंगोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था। इसके पहले गोपाल मंदिर से अग्रसेन चौराहा और ड्रीमलैंड से हरिफाटक तक रंगोली स्पर्धा होती थी। अब इसका दायरा संपूर्ण छावनी परिषद किया गया है।  सर्वश्रेष्ठ सजावट को मिलेगा एक लाख का इनाम स्पर्धा में एक व्यक्ति के साथ ही समूह बनाकर भी भाग लिया जा सकता है। बंसल ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ सजावट करने वाले प्रतिभागी को एक लाख रुपए का इनाम प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा दूसरे विजेता को 51 हजार, तीसरे को 21 हजार और 11-11 हजार के पांच सांत्वना पुरस्कार भी देंगे।   25-75 के फार्मूले पर होगी सजावट स्पर्धा में इस साल 25-75 का फार्मूला अपनाया जा रहा है। बंसल के अनुसार इस साल प्रतिभागियों को 25 प्रतिशत अंक रांगोली बनाने 75 प्रतिशत अंक क्षेत्र को सजावट पर मिलेंगे। इसमें स्वागत द्वार, वंदन द्वार, कॉरपेट सहित विद्युत साज-सज्जा भी की जा सकती है।  

23 अक्टूबर से पीएम मोदी का मेगा प्रचार अभियान, बिहार के 12 जिलों में भरेंगे चुनावी हुंकार

पटना   बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है और इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यभर में 12 जनसभाओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री की ये रैलियां अलग-अलग चरणों में आयोजित की जाएंगी. पीएम मोदी इस रैली से भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाएंगे. किस दिन कहां-कहां करेंगे रैली सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी अपनी पहली तीन रैलियां 23 अक्टूबर को करेंगे. इस दिन वे सासाराम, भागलपुर और गया में जनसभाओं को संबोधित करेंगे. इन रैलियों में प्रधानमंत्री केंद्र सरकार की उपलब्धियों, बिहार में विकास योजनाओं और राज्य के लिए केंद्र सरकार क्या-क्या कर रही है उसको जनता के सामने रखेंगे. इसके बाद 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की तीन और रैलियां निर्धारित हैं. वे इस दिन पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में जनता को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि इन सभाओं में मोदी रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी योजनाओं पर बात करेंगे. अगले चरण में 1 नवंबर को प्रधानमंत्री पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और छपरा में रैलियां करेंगे. इन इलाकों में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में बड़ी संख्या में जनता के जुटने की संभावना है. अंतिम चरण में 3 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी पश्चिमी चंपारण, सहरसा और अररिया में चुनावी सभाएं करेंगे. बिहर के नेताओं को पीएम मोदी की रैली से बड़ी उम्मीद भाजपा संगठन इन रैलियों की तैयारी में जुट गई है. बिहार बीजेपी के नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी पर बिहार की जनता सबसे ज्यादा भरोसा करती है. केंद्र सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ गरीब वर्ग के लोगों को मिलता है. ऐसे समय में पीएम मोदी की रैलियां बिहार में NDA उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनायेंगे.

इस दिवाली करें इन शेयरों में निवेश, आपकी किस्मत हो सकती है चमकदार

मुंबई   इस साल की तीसरी तिमाही की शुरुआत में ही शेयर बाजार को लेकर निवेशकों की उम्मीदें बढ़ने लगी हैं. एक तरफ सरकार की ओर से जीएसटी में सुधार के कदम उठाए गए हैं, तो दूसरी ओर भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी कई बार ब्याज दरों में कटौती कर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश की है. वहीं, नवंबर में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होने की भी उम्मीद है. लगभग एक साल के कमजोर प्रदर्शन के बाद अब ऐसा लग रहा है कि इक्विटी मार्केट के लिए हालात धीरे-धीरे अनुकूल दिशा में बढ़ रहे हैं. इसी माहौल को देखते हुए JM Financial Services Ltd ने दिवाली के मौके पर कुछ खास स्टॉक्स की सिफारिश की है, जिनमें आने वाले एक साल में मजबूत रिटर्न मिलने की संभावना जताई गई है. इन स्टॉक्स को अगले एक साल के निवेश दृष्टिकोण से चुना गया है. कंपनी का मानना है कि मौजूदा स्तर पर या आने वाले दिनों में गिरावट पर इन स्टॉक्स में निवेश करने का अच्छा मौका हो सकता है. इन स्टॉक्स का औसतन 62% तक अपसाइड संभावित है, जो निवेशकों के लिए एक आकर्षक मौका माना जा रहा है. कुल 5 स्टॉक्स को इस बास्केट में शामिल किया गया है, जिन पर ₹10 लाख का समान निवेश मॉडल तैयार किया गया है. एक स्टॉक में 87 प्रतिशत की संभावना सबसे पहले बात करें SAMMAANCAP की तो यह स्टॉक ₹162.7 के कॉस्ट प्राइस पर शामिल किया गया है, जिसका टारगेट ₹300 रखा गया है. इसका मतलब है कि इसमें करीब 84% तक की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है. दूसरा बड़ा दांव HINDCOPPER पर लगाया गया है. इसका टारगेट ₹600 तय किया गया है, जो मौजूदा स्तर से 74% की संभावित तेजी को दर्शाता है. तांबा सेक्टर में बढ़ती मांग और वैश्विक कीमतों में मजबूती इसके लिए सहायक हो सकती है. तीसरा स्टॉक BANKINDIA है, जिसे ₹127.1 के कॉस्ट प्राइस पर चुना गया है और इसका टारगेट ₹200 रखा गया है. इसमें 57% तक की संभावित अपसाइड बताई गई है. बैंकिंग सेक्टर में हाल के समय में सुधार के संकेत मिले हैं और NPA की स्थिति में सुधार भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकता है. चौथा स्टॉक BORORENEW है, जिसका टारगेट ₹1000 रखा गया है. इस स्टॉक में 67% तक की संभावित तेजी की संभावना जताई गई है. कंपनी अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में काम करती है और इस सेक्टर में सरकार की नीतिगत मदद से अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जा रही है. स्विगी भी दे सकता है अच्छा रिटर्न पांचवां और आखिरी स्टॉक SWIGGY है, जिसका टारगेट ₹550 रखा गया है. इसमें 28% की संभावित बढ़ोतरी बताई गई है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले साल में इस कंपनी के बिजनेस के विस्तार की संभावना को देखते हुए इसमें निवेश की सिफारिश की गई है. कुल मिलाकर, इन पांचों स्टॉक्स में समान राशि यानी 2-2 लाख रुपये का निवेश दिखाया गया है, जिससे कुल निवेश 10 लाख रुपये का होता है. अगर यह बास्केट अपने औसतन टारगेट तक पहुंचती है, तो निवेशकों को लगभग 62% का रिटर्न मिलने की संभावना है. यह किसी भी पारंपरिक निवेश साधन के मुकाबले काफी बेहतर माना जा सकता है. कंपनी का कहना है कि इस निवेश के लिए एक साल का टाइम फ्रेम रखा गया है और 20% बास्केट स्टॉप लॉस सुझाया गया है, ताकि निवेशक जोखिम को सीमित रख सकें. मौजूदा आर्थिक माहौल और बाजार की दिशा को देखते हुए यह रणनीति संतुलित और अवसरों से भरी मानी जा सकती है. इस तरह देखा जाए तो दिवाली से अगले दिवाली तक ये पांच स्टॉक्स निवेशकों के लिए एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाने का मौका दे सकते हैं.