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समय पर शादी न करने वालों के लिए खतरे की घंटी! स्वास्थ्य पर पड़ सकता है भारी असर

पंजाब छाती के पास किसी गांठ होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह अनदेखा करने पर छाती का कैंसर बन सकता है। देर से शादी करना भी इसके प्रमुख कारणों में सामने आया है। उक्त जानकारी  कैंसर विशेषज्ञ प्रो. जे.एस. ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि अक्सर शुरुआत में दर्द नहीं होता, जिस कारण इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह आगे जाकर खतरनाक रूप ले सकता है। महिलाओं में छाती के कैंसर की दर अधिक है। उन्होंने इसके पीछे आधुनिक बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान को बड़ा कारण बताया है। पंजाब में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में इस बीमारी के मरीजों में लगभग 11% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जिंदगी गंवा चुकी हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं को समय पर स्क्रीनिंग और नियमित जांच कराने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, किसी भी तरह की असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जीवनशैली में सुधार लाएं। आंकड़े इस प्रकार हैं: 2019 – 6,037 2020 – 6,192 2021 – 6,347 2022 – 6,507 2023 – 6,667 40 साल के बाद जरूर करवाएं मैमोग्राफी 25 से 39 साल की उम्र में छाती की नियमित जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से लड़ सकते हैं। इसके अलावा सिगरेट और शराब छोड़ना, अच्छा खान-पान और व्यायाम के माध्यम से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। खान-पान में अधिक फल, सब्जियां, फाइबर से भरपूर भोजन और कम वसा वाला भोजन शामिल करना चाहिए। नियमित व्यायाम करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें। मोटापा कम करें, क्योंकि अधिक वजन होने से छाती के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि परिवार में पहले किसी को छाती का कैंसर हुआ हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। 

भाई दूज पर टीका लगाने का उत्तम समय, कब करें शुभ कार्य?

सनातन धर्म में भाई दूज का पर्व बेहद महत्वपूर्ण है. यह त्योहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. यह पर्व भाई और बहन के बीच स्नेह, विश्वास और प्रेम को मजबूत करने का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करके उनकी लंबी उम्र, सुख, समृद्धि और जीवन में खुशहाली की कामना करती हैं. इस दिन भाई अपनी ओर से बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपनी स्नेह और जीवन रक्षा का वचन देते हैं. इस वर्ष भाई दूज 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. यह तिथि यम द्वितीया के नाम से भी प्रसिद्ध है. भाई दूज 2025 शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. 22 अक्टूबर, बुधवार को भाई दूज की तिथि रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 अक्टूबर यानी अगले दिन रात 10 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. भाई को टीका करने का मुहूर्त – पहला मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. ये है सबसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त. – दूसरा अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो कि सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. – तीसरा विजय मुहूर्त रहेगा, जो कि दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. – चौथा गोधूली मुहूर्त रहेगा, जिसका समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. भाई दूज 2025 शुभ योग (Bhai Dooj 2025 Shubh Yog) भाई दूज का त्योहार सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में मनाया जाएगा, जो कि बहुत ही खास माने जाते हैं. भाई दूज 2025 पूजन विधि  भाई दूज के दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें. पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर भगवान गणेश और चित्रगुप्त की पूजा करें. इसके बाद बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर आरती करती हैं और मिठाई खिलाती हैं. भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है. इस दिन भाई-बहन के प्रेम और आशीर्वाद का विशेष महत्व होता है. भाई दूज का महत्व  भाई दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने का शास्त्रीय विधान है. यह पर्व भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है. इस दिन बहनें भाई को तिलक करने से पहले कुछ नहीं खाती हैं. इस अवधि को भाई द्विज व्रत कहा जाता है. यह जरूरी नहीं कि पूरी तिथि व्रत रखा जाए, लेकिन जब तक तिलक न किया जाए, तब तक व्रत का पालन करना शुभ माना जाता है. भाई को तिलक कराने के बाद यदि वह बहन के घर भोजन करता है, तो उसकी उम्र लंबी होती है, सुख और समृद्धि आती है और पारिवारिक दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है.

डॉ. यादव ने जताया संकल्प: बहनों, युवाओं और किसानों के हित में सरकार निरंतर सक्रिय, लाड़ली बहनों के वादे होंगे पूरे

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में बहनों, युवाओं, किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनों को भाईदूज के अवसर पर लाड़ली बहना योजना में 250 रुपए की राशि देने का वादा पूरा किया जा रहा है। अब बहनों के योजना के अंतर्गत 1500 रुपए प्राप्त होंगे। भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा की तरह लाड़ली बहनों को यह राशि योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी लाड़ली बहनों को भाईदूज की बधाई भी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज के त्यौहार सौगात देने का अवसर बने हैं। इस क्रम में किसानों को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के लिए 1800 करोड़ की राहत राशिजिलों में दी गई। प्रत्येक क्षेत्र में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, पीला मोजेक जैसी समस्याओं का सर्वे करवाकर किसानों को मदद पहुंचाई गई। इसके लिए जिलों में आवश्यक प्रबंधन किया गया। सरकार अन्नदाता के जीवन में आए कष्ट में उसके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ईदगाह हिल्स में निर्धन बेटियों के साथ दीपावली मनाने के बाद टीवी चैनल प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।  

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लैलूंगा के भुईयांपानी में दीप महोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर दीपावली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ जिले के लैलूंगा तहसील के ग्राम भुईयांपानी पहुँचे। यहाँ उन्होंने गुरुधाम में आयोजित दीप महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होकर अपने आराध्य संत गुरुदेव स्वामी धनपति पंडा जी एवं श्रीमती प्रेमशीला पंडा की प्रतिमाओं के समक्ष नमन कर प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह दीपोत्सव हर घर में उजियारा और हर जीवन में सुख, समृद्धि, शांति एवं प्रेम का प्रकाश फैलाए। उन्होंने कहा कि गुरु का आशीर्वाद सदैव हम सब पर बना रहे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया तथा हनुमान मंदिर एवं वटवृक्ष की पूजा-अर्चना भी की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह संतों और प्रदेश की जनता का ही आशीर्वाद है कि एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री बना है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के 22 महीनों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी योजनाओं को धरातल पर उतारना उनकी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों के विकास के लिए राज्य सरकार सुशासन, पारदर्शिता और विकास के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस प्रदान किया गया है। धान खरीदी की सीमा 21 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। धान का मूल्य 3,100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। ई-गवर्नेंस प्रणाली की शुरुआत हो चुकी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। भूमिहीन मजदूर सहायता योजना, तेंदूपत्ता खरीदी 5,500 रुपए प्रति मानक बोरा, रामलला दर्शन योजना एवं मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना जैसी अनेक जनहितकारी योजनाएँ सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरुधाम में एक करोड़ रुपए की लागत से सर्वसुविधायुक्त भवन का निर्माण, महतारी सदन के लिए 29 लाख रुपए के साथ ही गुरुधाम परिसर में हाईमास्ट लाइट की स्थापना, तालाब का सौंदर्यीकरण, बोर खनन एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए घोषणा की। लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने उपस्थित सभी लोगों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि इस संसार में गुरु से बढ़कर कोई नहीं है। गुरु ही वह प्रकाशस्तंभ हैं जो हमें अंधकारमय जीवन से निकालकर ज्ञान, अनुशासन और नैतिकता के पथ पर अग्रसर करते हैं। गुरु की प्रेरणा ही जीवन में सच्चा आनंद, आत्मिक शांति और सर्वाेच्च सुख प्रदान करती है। उनका मार्गदर्शन जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, महापौर श्री जीवर्धन चौहान, संत सनातन धर्मदेवी संत समाज के अध्यक्ष श्री सहदेव पंडा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री दीपक सिदार, श्री सत्यानंद राठिया सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।

कोर सेक्टर की रफ्तार पर ब्रेक! सितंबर में किसका प्रदर्शन कैसा रहा, पूरी रिपोर्ट पढ़ें

दिल्ली  कोर सेक्टर के ग्रोथ में सुस्ती आई है। देश के आठ प्रमुख कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर सितंबर, 2025 में तीन प्रतिशत रही। इंफ्रा सेक्टर की वृद्धि दर सालाना आधार पर सुधरी है लेकिन मासिक आधार पर इसमें सुस्ती दर्ज की गई है। अगस्त महीने में इन प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 6.5 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि पिछले साल सितंबर में यह वृद्धि 2.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान इन आठ कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर गिरकर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। पिछली वर्ष की समान अवधि में यह 4.3 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में स्टील और सीमेंट क्रमशः 11% और 7.7% की वृद्धि के साथ विकास के वाहक बने रहे। इसके विपरीत, इसी अवधि में कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस में गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि आठ कोर इंडस्ट्री – कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली- मिलकर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27% का योगदान करते हैं। अब सरकार अक्टूबर 2025 के लिए कोर सेक्टर के अगले आंकड़े 20 नवंबर को जारी करेगी। किस क्षेत्र में कितनी बढ़ोतरी संयुक्त उत्पादन वृद्धि दर के सकारात्मक रहने में इस्पात क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा। इसकी वृद्धि दर 14.1 प्रतिशत रही। पहली छमाही में उत्पादन 11 फीसदी बढ़ा है। सीमेंट क्षेत्र में सितंबर की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत और पहली छमाही की 7.7 प्रतिशत पर रही। सालाना आधार पर सितंबर में बिजली उत्पादन 2.1 फीसदी और पहली छमाही में 0.9 फीसदी बढ़ी। उर्वरक उत्पादन सितंबर में 1.6 प्रतिशत और छमाही में 0.4 प्रतिशत बढ़ा। इसके अलावा, प्राकृतिक गैस के उत्पादन में सितंबर में 3.8 प्रतिशत और पहली छमाही में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में भी सितंबर में 3.7 फीसदी और पहली छमाही में 0.3 प्रतिशत की गिरावट रही। कच्चे तेल का उत्पादन सितंबर में 1.3 प्रतिशत घट गया जबकि पहले छह महीने में यह गिरावट 1.1 प्रतिशत रही। कोयले का उत्पादन सितंबर में 1.2 प्रतिशत और छमाही में 0.7 प्रतिशत घट गया।छ।

किसानों और मंडी व्यापारियों के हित में किये जा रहे हैं कार्य: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उज्जैन  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन के तिलकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर गौशाला में गोवर्धन पूजा की। मुख्यमंत्री ने गौमाता की पूजा भी की और विशाल गौ-अन्नकूट में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-सेवा और प्रकृति के सम्मान में हर घर गौशाला और हर गांव में गोवर्धन पूजा आज पूरे प्रदेश में की जा रही है। हमारी सनातन संस्कृति हमें प्रकृति से सदैव जुड़े रहना सिखाती है। गौमाता अपने बछड़े के साथ हम सभी का भी ध्यान रखती है। भगवान श्रीकृष्ण गोपाल कृष्ण के नाम से भी जाने जाते हैं। वर्तमान में शासन और आमजन साथ मिलकर सभी त्यौ‍हार आनंद और हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। हमारा देश किसानों और गौ-पालकों का देश है। सही अर्थों में हम सब के लिए दीपावली तभी सार्थक है जब हमारे किसान और हमारा गौ-वंश उन्नत रहे, तभी समृद्धि आती है। गौ-शालाओं में प्रत्येक गौमाता की सेवा के लिए अनुदान राशि बढ़ाई गई है। जो लोग दुग्ध उत्पादन करना चाहते हैं, उन्हें भी शासन की और से अनुदान राशि दी जाएगी। हम हर घर गोपाल बनाने का कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई के रकबे को बढ़ाने के लिए नदी जोड़ो अभियान प्रारंभ किया गया है। सूर्य घर योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पंप लगाने पर 90 प्रतिशत तक अनुदान राशि दी जाएगी।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासन द्वारा सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना प्रारंभ की गई है। यह किसानों और व्यापारियों के बीच में सेतु का कार्य करेगी। अनाज मंडियों का मान व्यापारियों से बढ़ेगा और किसानों का सम्मान भी बढ़ेगा। शासन द्वारा किसानों और मंडी व्यापारियों के हित में कार्य किए जा रहे हैं। अलग-अलग फसलों के उत्पादन के साथ प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी अनुदान राशि दी जाएगी। फूड प्रोसेसिंग में किसान और उपज मंडी के व्यापारी आपसी सहयोग के साथ कार्य करें। मालवा क्षेत्र में फूड पार्क बनाया जाएगा, जिससे किसान अपनी उपज को अच्छे दामों में बेच सकेंगे और व्यापारी भी निश्चिंत होकर व्यापार कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तिलकेश्वर महादेव का अभिषेक कर पूजन-अर्चन किया और प्रदेशवासियों की उन्नति और मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री चिंतामणी मालवीय, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री संजय अग्रवाल, श्री मनीष तल्लेरा, श्री नारायण यादव, श्री रवि सोलंकी, एडीजी श्री उमेश जोगा, कलेक्टर श्री रोशन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अभिलाष मिश्रा और नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष श्री जि‍तेन्द्र अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदैव किसानों और व्यापारियों के हित के लिए कार्य किया है। व्यापारी संघ द्वारा मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह और गौमाता की मूर्ति भेंट कर सम्मान किया गया। श्री जगदीश पांचाल ने कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन किया। 

तीरथगढ़ की बांस की नावें: रोमांच और इको टूरिज्म का नया अध्याय

रायपुर इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा: वन मंत्री श्री केदार कश्यपछत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीरथगढ़ जलप्रपात क्षेत्र में अब पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण जुड़ गया है। यहां बांस से बनी नावों पर राफ्टिंग की शुरुआत की गई है, जो रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा संगम पेश करती है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने तीरथगढ़ पहुंचकर इस नई पहल का जायजा लिया और मूंगाबाहर नाले में स्वयं बांस की नाव (बांबू राफ्टिंग) और कायाकिंग का अनुभव किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ इको टूरिज्म को बढ़ावा देंगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार  ग्रामीण और वन क्षेत्रों में पर्यटन के माध्यम से आजीविका के साधन उपलब्ध कराने प्रतिबद्ध है, जिससे स्थानीय लोगों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर प्राप्त हों। इस अवसर पर वन मंत्री श्री कश्यप ने इको विकास समिति के सदस्यों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बस्तर संभाग में पर्यटन को नए स्वरूप में विकसित किया जा रहा है। तीरथगढ़ जैसे प्राकृतिक स्थलों में इको टूरिज्म की पहल न केवल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगी।

प्रदूषण से बेहाल राजधानी, लेकिन कृत्रिम वर्षा अब भी अधर में

नई दिल्ली दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया है। हवा की बहुत कम गति और पटाखों के कारण पलूशन के स्तर में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिल्ली और उसके समीपवर्ती इलाकों में धुंध छाई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दीवाली के दिन यानी रविवार शाम 4 बजे एक्यूआई 345 दर्ज किया गया। दिल्ली का एक्यूआई मंगलवार को रात 10 बजे 344 अंक रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली कृत्रिम बारिश का इंतजार कर रही है लेकिन इसके लिए भी एक मौसम का अनुकूल होना जरूरी है। कृत्रिम बारिश की तैयारी लेकिन किस बात का इंतजार? दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में पलूशन को काबू करने के लिए दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश कराने पर काम कर रही है। लेकिन ऐसा तभी किया जाएगा जब मौसम विभाग (IMD) बादलों और नमी की उपयुक्त स्थिति देखते हुए इसकी मंजूरी देगा। माना जा रहा है कि मौसम विभाग दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए मंजूरी तभी देगा जब बादलों की आवाजाही भरपूर दिखेगी। दिल्ली एनसीआर से रूठे बदरा मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा वक्त में दिल्ली एनसीआर से बादल रूठे हुए हैं। इस हफ्ते बादलों के आने की संभावनाओं के बारे में भी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में कृत्रिम बारिश के लिए अनुकूल मौसम का इंतजार है। मौसम विभाग भी इसकी मंजूरी तभी देगा जब परिस्थितियां अनुकूल हों। अन्यथा यह प्रयास बेकार जाएगा। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ से ही उम्मीद मौसम विभाग के अनुसार, ताजा पश्चिमी विक्षोभ बेहद कमजोर है। इसका मैदानी इलाकों पर प्रभाव नहीं देखा जाएगा। ऐसे में राहत के लिए दिल्ली का इंतजार बढ़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मजबूत पश्चिमी विक्षोभ से ही दिल्ली एनसीआर में बारिश की उम्मीदें लगाई जा सकती हैं। ऐसे में नजरें मौसम के रुख पर रहेंगी। बादलों का इंतजार इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंज़िंदर सिंह सिरसा ने भी कृत्रिम बारिश पर सरकार की योजना को दोहराया। लेकिन उनका कहना भी साफ था कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश तभी कराई जा सकती है जब आसमान में बादलों की मौजूदगी हों। क्यों नहीं करा रहे कृत्रिम बारिश? सिरसा ने कहा कि लोग हमसे पूछ रहे हैं कि हम क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश क्यों नहीं करा रहे हैं? मैं बताना चाहता हूं कि जब बादल आते हैं तब कृत्रिम बारिश कराई जाती है। ऐसे में जिस दिन बादल आएंगे हम कृत्रिम बारिश करा देंगे। ऐसे में अब दिल्ली पलूशन से निजात के लिए बादलों का इंतजार कर रही है। 675 पर PM2.5 का लेवल दिल्ली में मंगलवार को दिवाली के बाद बीते चार वर्षों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा और PM2.5 का लेवल 675 तक पहुंच गया। दिवाली के एक दिन बाद इसकी एक्यूआई रेड जोन में पहुंच गई। दिवाली को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत AQI 345 के साथ बेहद खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया जबकि 2024 में यह 330, 2023 में 218, 2022 में 312 और 2021 में 382 रहा। दिल्ली में मंगलवार को एक्यूआई सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक 350 से ऊपर रहा।

मुख्यमंत्री यादव का निर्देश: किसानों के लिए भावांतर योजना प्रक्रिया को बनाएं पूरी तरह सुगम

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के किसानों के हित में भावांतर योजना प्रारंभ की गई है, जिसका चहुंओर स्वागत हो रहा है। प्रदेश में तीन गुना से अधिक पंजीयन योजना में हुए हैं। कुल 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योजना की संपूर्ण प्रक्रिया में किसानों को कोई असुविधा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में किसानों से सोयाबीन खरीदी के लिए लागू की गई भावांतर योजना के संबंध में मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि भावांतर योजना में प्रदेश में सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। इसी तरह 21 जिलों से 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में किसानों को मंडियों और उपमंडियों में सोयाबीन विक्रय के लिए आवश्यक तैयारियां पूर्ण की जाएं। योजना से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियां किसानों को प्रदान की जाएं। इस माह किए गए योजना के प्रचार का ही अच्छा परिणाम है कि बड़ी संख्या में पंजीयन हुए हैं। ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से किसानों के पंजीकृत बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भावांतर राशि का भुगतान निर्धारित अवधि में किया जाए, साथ ही भुगतान के संबंध में किसान को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाए। मंडियों में की गईं तकनीकी और मानव संसाधन व्यवस्थाएं बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन की विक्रय अवधि रहेगी। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के बाद मंडी पोर्टल में ई-मंडी पोर्टल पर सभी कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किए गए हैं। सभी मंडियों और उप मंडियों में तकनीकी एवं मानव संसाधन की व्यवस्था की गई है। मंडी स्तरीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी हुआ है। प्रवेश गेट और प्रांगण की सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक मंडी में हेल्प डेक्स भी बनाई गई है। कलेक्टर्स और कमिश्नर्स के साथ ही कृषि सचिव द्वारा बैठकों में भावांतर योजना के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक अन्य बैठक में प्रदेश के किसानों के हित में सोलर पंप योजना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत विचार-विमर्श किया। नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में किसानों के लिए सोलर पम्प स्थापना अभियान के संबंध में की जा रही कार्यवाही का विवरण दिया गया। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री नीरज मंडलोई सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।  

ट्रंप के सपनों को झटका! चीन ने उतारा हाई-टेक ‘गोल्डन डोम’ डिफेंस सिस्टम

चीन अमेरिका महज सपने बुन रहा था, लेकिन चीन ने उसे हकीकत का जामा पहना दिया। यूं कहें तो पूरी दुनिया ने एक ऐसी अभूतपूर्व शक्ति परिवर्तन का साक्ष्य देखा, जिसकी कोई कल्पना भी न कर सकता। दशकों से अमेरिका यह सोच रहा था कि वह पृथ्वी को मिसाइल रक्षा के एक नए युग में ले जाएगा। मानवता को तबाही से बचाने वाला एक अंतरिक्ष-आधारित किलेबंदी तैयार करेगा। लेकिन वाशिंगटन अभी-अभी योजनाएं गढ़ ही रहा था कि बीजिंग ने इसे साकार कर दिखाया। और दुनिया को स्पष्ट संदेश दे दिया कि तय कर लो, सुपरपावर कौन है? दरअसल चीन ने 'बिग डेटा प्लेटफॉर्म' नामक एक वास्तविक, कार्यशील वैश्विक मिसाइल रक्षा नेटवर्क का प्रोटोटाइप विकसित कर लिया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने किसी अनुमति या पूर्णता के इंतजार के बिना इसे सीधे तैनात कर दिया। अब इस प्रोटोटाइप के सक्रिय होते ही एक चमत्कारिक परिवर्तन हो चुका है। जहां अमेरिका के पास केवल एक अवधारणा है, वहीं चीन के पास ठोस हकीकत। अमेरिका ने अपने इस दृष्टिकोण को 'गोल्डन डोम' नाम दिया था। एक ग्रहीय सुरक्षा कवच, जो अंतरिक्ष-आधारित और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से संचालित हो, तथा पृथ्वी के किसी भी कोने से प्रक्षेपित किसी भी मिसाइल का पता लगाकर उसे नष्ट करने में सक्षम हो। 2025 में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित यह प्रणाली वैश्विक सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव का वादा कर रही थी। लेकिन जब पेंटागन बजट और डेटा प्रवाह पर बहसों में उलझा था, चीन के इंजीनियर मैदान में कूद पड़े थे। चीन के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्थान, नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी में ली जुदोंग की टीम के अनुसार, यह सफलता महज मिसाइलों या उपग्रहों में नहीं, बल्कि डेटा प्रसंस्करण की क्रांति में छिपी है। उनका सिस्टम पृथ्वी के किसी भी भाग से एक साथ चीन पर दागी गईं 1000 मिसाइलों को ट्रैक कर सकता है। अंतरिक्ष, समुद्र, वायु और भूमि पर फैले सेंसरों के विशाल जाल के सहारे, यह वास्तविक समय में खतरों को संग्रहित, विश्लेषित और प्राथमिकता निर्धारित करता है। हर प्रक्षेप पथ, हर वारहेड, हर छलावे की पहचान होती है, उसे सूचीबद्ध किया जाता है और प्रभाव से पहले ही केंद्रीय कमांड को सूचना भेजी जाती है। पीएलए की यह प्रणाली केवल रडार या उपग्रहों पर निर्भर नहीं है; यह विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं से, अलग-अलग समयों में और विविध सैन्य मंचों से प्राप्त डेटा को एकीकृत करती है। उधर, प्रशांत महासागर के उस पार अमेरिकी गोल्डन डोम अभी भी एक सपना मात्र है, जो आंतरिक विवादों में फंसा पड़ा है। इसकी अनुमानित लागत 140 अरब पाउंड से लेकर खरबों पाउंड तक बताई जा रही है। जुलाई में अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलिन ने कबूल किया था कि किसी को, यहां तक कि उन्हें भी 'गोल्डन डोम' के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।