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कई करोड़ खर्च के बाद भी कान्ह नदी प्रदूषित, अब 250 करोड़ के बॉन्ड से सुधार की कोशिश

इंदौर  इंदौर की कान्ह नदी को साफ करने के लिए अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन कान्ह अभी भी प्रदूषित ही है। कान्ह को साफ करने के लिए जनभागीदारी के अलावा स्मार्ट सिटी, नमामि गंगे, अमृत प्रोजेक्ट के तहत 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ को देखते हुए इसके पानी को टनल से निकालकर शिप्रा की जगह गंभीर नदी में शिफ्ट करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। वहीं इंदौर में कान्ह नदी के रीवर फ्रंट डेवलपमेंट पर भी काम होगा। इसकी डीपीआर को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। 19.385 किलोमीटर लंबी कान्ह नदी के लिए रीवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 510.32 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह पैसा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अर्बन चैलेंज फंड के तहत बाॅन्ड से पैसा जुटाया जाएगा। इसमें 25 फीसदी राशि केन्द्र और इतनी ही स्थानीय निकाय का प्राधिकरण को खर्च करना है। शेष 50 प्रतिशत पैसा बाॅन्ड या अन्य वित्तीय प्रावधानों से जुटाया जाएगा। इस योजना का मकसद शहरों में जल और स्वच्छता से जुड़ी चुनौतियों के लिए फंड उपलब्ध करवाना है। संजय सेतु तक आते-आते गुजरने पर कान्ह नदी की गंदगी और बढ़ जाती है। कृष्णपुरा छत्री के नजदीक होने के कारण यहां बने घाटों पर लोगों का बैठना मुश्किल हो जाता है। रीवर फ्रंट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में यह सब होगा अब जो रिवर फ्रंट कॉरिडोर बनाया जाएगा। उसमें बाउंण्ड्रीवॉल, फाउंटेन, पार्किंग के साथ-साथ लैंड स्कैपिंग, हाट बाजार, फुट ओवरब्रिज, टॉयलेट, वॉल पेंटिंग, पाथ-वे सहित अन्य कार्य होंगे, ताकि नदी शुद्धिकरण के साथ-साथ उसके दोनों किनारों पर सौंदर्यीकरण के कार्य भी हो सकें। कृष्णपुरा छत्री पर होता है कान्ह-सरस्वती संगम सरस्वती नदी का एक हिस्सा राजीव गांधी स्थित नहर भंडार से होते हुए बद्री बाग तो दूसरा हिस्सा तेजपुर गड़बड़ी से अमितेश नगर होते हुए बद्री बाग में मिलता है। यह लालबाग पैलेस के पीछे छत्रीबाग, हरसिद्धि, कृष्णपुरा छत्री तक पहुंचता है। वहीं, कान्ह नदी तीन इमली से छावनी होते हुए कृष्णपुरा छत्री पर पहुंचती है, जहां दोनों का संगम होता है और फिर कबीटखेड़ी पहुंचती है।

इस छठ पर खास ज्योतिषीय संयोग, सूर्य देव देंगे भरपूर आशीर्वाद

दिवाली खत्‍म ही छठ का इंतजार शुरू हो जाता है. छठ महापर्व कार्तिक शुक्‍ल की षष्‍ठी तिथि को मनाते हैं, इस दिन सूर्य देव को अर्घ्‍य दिया जाता है. लेकिन यह पर्व कुल 4 दिनों तक चलता है. नहाय खाय से शुरुआत के बाद खरना और फिर ढलते और उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ-साथ यह पर्व समाप्‍त होता है. इन 4 दिनों में बिहार राज्‍य में छठ की जबरदस्‍त धूम देखने को मिलती है. कई दिन पहले से छठ पर्व मनाने के लिए तैयारियां की जाती हैं. इसके अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल में भी छठ मनाया जाता है. इस साल छठ कब है और इस दौरान कौन-कौनसे शुभ योग बन रहे हैं, आइए जानते हैं.  साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो रही है और 28 अक्‍टूबर को समापन होगा. सबसे पहले 25 अक्टूबर को नहाय-खाय होगा, इसके अगले दिन 26 अक्टूबर को खरना होगा. फिर तीसरे दिन 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. फिर 28 अक्‍टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा. छठ में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करने का विधान है.  छठ पर शुभ योग  इस साल छठ पर्व पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें रवि योग का बनना अत्‍यंत शुभफलदायी माना जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठ पूजा पर रवि योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं. सूर्य का ही एक नाम रवि योग है. ऐसे में सूर्य की आराधना के पर्व छठ पर रवि योग का बनना व्रतियों को पूजा का कई गुना ज्‍यादा फल देगा.  27 अक्‍टूबर को रवि योग का संयोग देर रात 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं सुकर्मा योग का संयोग पूरी रात रहेगा. व्रती रवि योग में सूर्य देव को जल का अर्घ्य देंगे. इस योग में सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा. साथ ही सुख और समृद्धि में बढ़ती है. इसके अलावा छठ पूजा के दिन कौलव और तैतिल करण का भी संयोग निर्मित हो रहा है. इन योगों को भी शुभ माना गया है.  

लाड़ली बहनों के खातों में जल्द आएंगे ₹1500, सीएम मोहन यादव ने दी बड़ी सौगात

भोपाल  मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने योजना की राशि में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। अब लाड़ली बहना योजना के तहत हर पात्र बहन को 1250 नहीं, बल्कि 1500 रुपए हर महीने मिलेंगे। हालांकि, इस बार भाईदूज पर 250 रुपए अलग से ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे। दरअसल, सरकार ने तय किया है कि अब से यह पूरी बढ़ी हुई राशि नवंबर माह से एकमुश्त दी जाएगी। यानी आने वाले महीने में ही सीएम मोहन यादव करोड़ों बहनों के खातों में 1500 रुपए ट्रांसफर करेंगे। 250 रुपये की बढ़ोतरी, नया पड़ाव पहले लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये मिलते थे। अब भाईदूज से यह राशि बढ़कर 1500 रुपये हो गई है। सीएम ने कहा, "यह हमारी बहनों के लिए सम्मान और सशक्तिकरण का कदम है।" यह बढ़ोतरी लाखों महिलाओं के लिए आर्थिक सहारा मजबूत करेगी। भाईदूज की विशेष किस्त त्योहार को और खास बनाने के लिए सीएम ने लाड़ली बहनों के खातों में 1500 रुपये की अतिरिक्त राशि ट्रांसफर करने का ऐलान किया। यह राशि तत्काल प्रभाव से लाभार्थियों तक पहुंचेगी। सीएम ने भाईदूज की शुभकामनाएं देते हुए कहा, "यह योजना बहनों के आत्मविश्वास को बढ़ाने का हमारा वादा है।" भविष्य की योजना मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि सरकार का लक्ष्य इस राशि को भविष्य में 3000 रुपये तक ले जाना है। यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा। सूत्रों के मुताबिक, पहले की तरह यह भुगतान 10 से 15 नवंबर के बीच होगा। वहीं, 60 साल से अधिक आयु की महिलाएं इस बढ़ी हुई राशि का लाभ नहीं ले सकेंगी।सीएम मोहन यादव गुरुवार को सीएम हाउस में लाड़ली बहनों के साथ भाईदूज मनाएंगे। कार्यक्रम की जिम्मेदारी मंत्री निर्मला भूरिया और कृष्णा गौर को दी गई है। इस मौके पर मुख्यमंत्री बहनों को बढ़ी हुई राशि को भाईदूज का विशेष तोहफा बताएंगे। नवंबर से खाते में एक साथ आएंगे 1500 रुपए बता दें कि सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने ऐलान किया था कि लाड़ली बहना योजना के तहत जल्द ही लाड़ली बहनों को 1500 रुपए की राशि दी जाएगी। अपना वादा निभाते हुए सीएम ने अकटूबर से ही इस बढ़ी हुई राशि को देना शुरू कर दिया है। हालांकि इस महीने ये राशि दो बार में लाड़ली बहनों के खातों में भेजी गई है। जिसका एक हिस्सा 1250 रुपए दिया जा चुका है।  वहीं दूसरा हिस्सा 23 अक्टूबर को प्रदेश की लाड़ली बहनों के खाते (Ladli Behna Yojana 2025) में आएगा। वहीं नवंबर महीने से 1500 रुपए की राशि एक साथ लाड़ली बहना योजना के खातों में आएगी। 29वीं किस्त जारी करते हुए सीएम मोहन यादव ने घोषणा की थी कि अब धीरे-धीरे ये राशि बढ़ाई जाएगी। सिंहस्थ 2028 तक इस राशि को बढ़ाकर 3000 रुपए किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी Ladli Behna Yojana लाड़ली बहना योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी।  कहां से हुआ शुभारंभ –शुरुआत- 5 मार्च 2023, भोपाल से –क्यों शुरू की गई थी लाड़ली बहना योजना- महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना, परिवार में सम्मान दिलाना तथा पोषण सुधारना –पूर्व सीएम शिवराज की योजना को आगे बढ़ा रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मासिक आर्थिक सहायता — शुरुआत- 1000 रुपए –2023 अक्टूबर से – 1250 रुपए — 2025 नवंबर- 1500 रुपए का ऐलान — रक्षाबंधन पर बोनस- जुलाई 2025 की किस्त के साथ 250 रुपए का शगुन, पिछले साल भी मिला था बोनस, इस बोनस की शुरुआत भी शिवराज सिंह ने अपने शासनकाल में ही की थी। — दीपावली 2025 की भाईदूज पर भी 250 रुपए का शगुन: अब दीपावली की भाईदूज पर भी मोहन यादव ने लाड़ली बहनों (Ladli Behna Yojana 2025) को बोनस और शगुन के रूप में 250 रुपए भेजने की तैयारी कर ली है। — नवंबर 2025 से लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़कर हुई 1500 रुपए- खाते में एक साथ आएगी ये राशि। लाड़ली बहना योजना की पात्र कौन? उम्र- 21-60 साल स्थिति- विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता निवास- मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य आय सीमा- सालाना पारिवारिक आय 2.5 लाख से कम परिवार में कोई आयकरदाता, सरकारी कर्मचारी या पेंशनर नहीं होना चाहिए। परिवार के नाम पर पांच एकड़ जमीन से कम कृषि भूमि और निजी चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए। महिला का खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। कब आती है लाडली बहना योजना की किस्त? लाड़ली बहना योजना की किस्त हर महीने की 10-15 तारीख के बीच पात्र महिला के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है।  

शिक्षा की चुनौती: 13 करोड़ से अधिक लड़कियां आज भी नहीं जा पातीं स्कूल, UNESCO की चेतावनी

नई दिल्ली दुनिया में आज भी लड़के और लड़कों बीच भेदभाव देखने को मिलता है. खासकर पढ़ाई के मामले में लड़कों को स्कूल भेजने पर तवज्जो दी जाती है. हालांकि, पिछले कुछ सालों में दुनिया में कहीं ना कहीं यह भेदभाव थोड़ा कम हुआ है, लेकिन अभी भी कई लड़कियां इसका सामना कर रही हैं. यूनेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 30 सालों में दुनिया ने शिक्षा में लड़कियों और लड़कों के बीच बराबरी लाने में काफी प्रगति की है. यानी अब पहले की तुलना में ज़्यादा लड़कियाँ स्कूल जा रही हैं. लेकिन फिर भी समस्या खत्म नहीं हुई है. आज भी दुनिया में करीब 13.3 करोड़ लड़कियां स्कूल नहीं जाती हैं. 1995 में बीजिंग में एक घोषणा हुई थी, जिसमें कहा गया था कि महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में, खासकर शिक्षा में, बराबर मौका मिलना चाहिए. अब 30 साल बाद, कुछ सुधार तो हुआ है, लेकिन यूनेस्को के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि लैंगिक समानता की यह यात्रा अभी अधूरी है. जीईएम टीम के एक सदस्य ने पीटीआई को बताया, "1995 के बाद से, दुनिया शिक्षा में लैंगिक समानता के करीब पहुंच गई है. अब लड़कियां प्राथमिक, निम्न और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में लड़कों के बराबर नामांकन करा रही हैं. वैश्विक स्तर पर, तीन दशक पहले की तुलना में 9.1 करोड़ अधिक लड़कियां प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और 13.6 करोड़ अधिक लड़कियां माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रही हैं." 'उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन तीन गुना बढ़कर 4.1 करोड़ से 1.3 करोड़ 90 लाख हो गया है. ये आंकड़े मायने रखते हैं. ये बाधाएं दूर करने और अवसरों का विस्तार करने के दशकों के सामूहिक प्रयासों को दर्शाते हैं. फिर भी, तस्वीर पूरी तरह से अधूरी है. आज, 1.3 करोड़ लड़कियां स्कूल से बाहर हैं.' गरीब लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में शिक्षा में लैंगिक समानता की दिशा में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी भेदभाव होता दिखता है. ओशिनिया में पहले लड़के और लड़कियों को एक समान मानते थे लेकिन अब वहां ऐसा नहीं है. वहीं लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों में माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों की तुलना में लड़कों की स्थिति कमजोर है. जब गरीबी और स्थान जैसी सामाजिक परिस्थितियां जेंडर के साथ जुड़ती हैं, तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जैसे गिनी और माली जैसे देशों में लगभग कोई भी गरीब युवती स्कूल नहीं जाती. रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा में सुधार बहुत कम है. केवल दो-तिहाई देशों में प्राथमिक स्तर पर और लगभग तीन-चौथाई देशों में माध्यमिक स्तर पर ही यौन शिक्षा अनिवार्य है. कई जगहों पर स्कूल की किताबें ऐसी हैं, जिनमें अभी भी पुराने विचार हैं. हालांकि शिक्षकों में महिलाओं की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षा नेतृत्व में उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है. उच्च शिक्षा में केवल 30 प्रतिशत महिलाएं ही नेतृत्व की भूमिकाओं में हैं. यह असमानता शिक्षा को समानता और सशक्तिकरण का वास्तविक साधन बनने से रोकती है.

ब्लूमबर्ग रिपोर्ट: मिडिल ईस्ट बना रिलायंस की तेल खरीद का नया केंद्र

मुंबई  रिलायंस इंडस्‍ट्रीज ने मिडिल ईस्‍ट से कच्‍चे तेल की अपनी खरीद बढ़ा दी है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले हफ्ते कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा गया है. यह बदलाव ऐसे वक्‍त में सामने आया है, जब अमेरिका भारत पर रूसी कच्‍चे तेल के आयात पर अंकुश लगाने के लिए दबाव बढ़ा रहा है. इससे कंपनी के संचालन और भारत की एनर्जी रणनीति पर असर पड़ सकता है.  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में व्‍यापारियों के हवाले से कहा गया है कि मिडिल ईस्‍ट क्षेत्र में रिलायंस की खरीदारी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसे रूसी आपूर्ति के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. इस बदलाव का ग्‍लोबल क्रूड ऑयल मार्केट के साथ-साथ भारत की भूमिका पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा.  यहां से खरीदे 25 लाख बैरल तेल रिपोर्ट के अनुसार, इस प्राइवेट रिफाइनरी कंपनी ने इराक के बसरा मीडियम, अल-शाहीन और कतर लैंड से कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा है. ये खरीदारी मिडिल ईस्‍ट कच्चे तेल के लिए रिलायंस के सामान्य खरीद पैटर्न की तुलना में अधिक सक्रियता को दिखाती है. जबकि कंपनी पहले रूसी तेल पर ज्‍यादा निर्भर रही है, लेकिन हाल में मिडिल ईस्‍ट से बढ़ी खरीदारी बदलाव का संकेत दे रही है.  सामान्‍य से ज्‍यादा रही खरीदारी  रिपोर्ट में व्यापारियों के हवाले से कहा गया है कि हाजिर सौदों के अलावा, रिलायंस बड़ी संख्या में रूसी कच्चे तेल जैसी गुणवत्ता वाले क्षेत्र से तेल की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ कर रही है. व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में हुई खरीदारी में तेजी सामान्‍य से ज्‍यादा रही है.  भारत पर अमेरिका का दबाव  गौरतलब है कि अमेरिका बार-बार भारत और चीन पर रूसी तेल नहीं खरीदने को लेकर दबाव बढ़ा रहा है. रूसी तेल खरीदने के कारण अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी का एक्‍स्‍ट्रा टैरिफ भी लगा दिया है. इस महीने की शुरुआत में, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को वचन दिया है कि युद्ध समाप्त होने तक भारत मास्को से तेल की सभी खरीद बंद कर देगा. हालांकि नई दिल्ली ने ऐसी किसी भी बातचीत से इनकार किया है.  रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिफाइनरों ने कहा है कि स्थानीय रिफाइनरों ने मोटे तौर पर संकेत दिया है कि वे ओपेक+ उत्पादक से खरीद कम करेंगे – लेकिन बंद नहीं करेंगे. मुंबई 

भारत रूस के साथ कर रहा 10,000 करोड़ की बड़ी रक्षा डील, S-400 की कामयाबी के बाद

नई दिल्ली भारत और रूस के बीच S-400 को लेकर जारी डील को और मजबूती देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए करीब 10,000 करोड़ मूल्य के एक बड़े शस्त्र पैकेज की खरीद को लेकर काम चल रहा है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह कदम वायु रक्षा क्षमता को और मजबूती देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इस संबंध में रूस के साथ बातचीत चल रही है। सैन्य सूत्रों ने दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना के S-400 प्रणाली ने पाकिस्तान को परास्त करने में अहम भूमिका निभाई। उसी दौरान पाकिस्तान की 5-6 लड़ाकू विमान व एक जासूसी विमान को 300 किमी से अधिक दूरी पर ही मार गिराने में मदद मिली। अधिकारियों ने S-400 को भारत की वायु रक्षा रणनीति में गेम चेंजर बताया है। रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस खरीद प्रस्ताव को मंजूरी के लिये डिफेंस अक्विजिशन काउंसिल (DAC) की बैठक में पेश करने की संभावना रहेगी, जिसकी अगली बैठक 23 अक्तूबर को प्रस्तावित है। सूत्रों का कहना है कि जरूरतों के मद्देनजर मिसाइलों की खरीद बड़ी संख्या में की जाने की योजना है। 2018 में रूस के साथ हुए समझौते के तहत कुल 5 स्क्वाड्रन S-400 प्राप्त करने पर सहमति बनी थीस जिनमें से तीन स्क्वाड्रन अब डिलीवर कर संचालित किए जा चुके हैं। चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-युक्रेन युद्ध के प्रभाव से धीमी पड़ी थी। दोनों पक्षों के बीच आगे और S-400 तथा उन्नत S-500 प्रणालियों को शामिल करने पर भी विचार-विमर्श जारी है। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना रूसी निर्मित बीयॉन्ड-विजुअल-रेंज (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइलों की खरीद तथा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और उसके विविध वेरिएंटों को और मजबूत करने के विकल्पों को भी परख रही है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इन कदमों से भारत और मजबूत होगा। रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से अभी तक किसी खरीद अनुबंध की पुष्टि नहीं की है; हालांकि बातचीत और आवश्यक तकनीकी, वित्तीय पहलुओं पर दोनों पक्ष सक्रिय हैं। रक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि सीमाओं पर बदलते खतरों और तकनीकी गतिशीलता को देखते हुए देश की वायु रक्षा प्रणालियों का विस्तार आवश्यक बना हुआ है।

टीम इंडिया की ‘डू ऑर डाई’ जंग: क्या कोहली-रोहित पलट पाएंगे ऑस्ट्रेलिया पर पासा?

नई दिल्ली भारतीय टीम की ऑलराउंडरों पर बहुत अधिक निर्भरता की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार को एडिलेड में होने वाले दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में कड़ी परीक्षा होगी। एक बार फिर से सभी की निगाहें विराट कोहली और रोहित शर्मा पर टिकी रहेंगी जो अच्छा प्रदर्शन करके श्रृंखला बराबर करने में अपना योगदान देना चाहेंगे। तीन मैचों की श्रृंखला का पहला एकदिवसीय मैच में भारत के लिए कुछ भी अच्छा नहीं रहा। बारिश के लगातार व्यवधान के कारण भारतीय बल्लेबाजी प्रभावित हुई और आखिर में उसे सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय गेंदबाज भी प्रभावित नहीं कर पाए थे लेकिन मोहम्मद सिराज और अक्षर पटेल जैसे गेंदबाजों को केवल 131 रन के लक्ष्य का बचाव करना था जो आसान काम नहीं था। एडिलेड ओवल में भी चुनौतियां अलग नहीं होंगी, क्योंकि मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजों के सामने कड़ी चुनौती पेश करने के लिए तैयार हैं। ऑस्ट्रेलियाई ग्रीष्म ऋतु के शुरू होने के साथ ही, देश की नई पिचों पर उछाल और गति होती है और ऐसी परिस्थितियों में बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने पिछले मैच के हीरो बाएं हाथ के स्पिनर मैट कुहनेमैन को रिलीज कर दिया है और अनुभवी लेग-ब्रेक गेंदबाज एडम ज़म्पा अपने बच्चे के जन्म के बाद वापस आ गए हैं। इसके अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी की भी वापसी हुई है। यशस्वी जायसवाल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के बेंच पर बैठे रहने से रोहित शर्मा पर अच्छा प्रदर्शन करने का भारी दबाव है। यह पूर्व कप्तान इससे अच्छी तरह वाकिफ है और इसलिए उन्होंने मैच से पहले जमकर अभ्यास किया। वह एडिलेड ओवल के अभ्यास मैदान में कम से कम 45 मिनट पहले पहुंच गए, जबकि कुछ अन्य सदस्य वैकल्पिक नेट सत्र के लिए उनके साथ शामिल हुए। कोचिंग स्टाफ से एकमात्र व्यक्ति जो नेट्स पर मौजूद था, वह थे मुख्य कोच गौतम गंभीर। उनके साथ दो थ्रो-डाउन विशेषज्ञ दयानंद गरानी और राघवेंद्र भी थे। बाकी कोचिंग स्टाफ कुछ देर बाद आया। वास्तव में, रोहित जिस पहले नेट पर उतरे थे, वह गीला था और थ्रो-डाउन गेंदें सीधे गेंद की लम्बाई से बाहर जा रही थीं। यह भांपते हुए कि टीम का सबसे सीनियर खिलाड़ी चोटिल हो सकता है, कोच गंभीर ने उन्हें दूसरे नेट पर अभ्यास करने के लिए कहा जिस पर रोहित ने लंबे समय तक बल्लेबाजी की। रोहित ने जहां जमकर अभ्यास किया वहीं कोहली ने मंगलवार को नेट पर काफी समय बिताने के बाद विश्राम किया। बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक ने दूसरे वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे दोनों बहुत अच्छी लय में दिख रहे हैं। उन्होंने कल बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। इसलिए मुझे लगता है कि वे वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं।’’ हार्दिक पंड्या की अनुपस्थिति हमेशा ही सीमित ओवरों की टीम के संतुलन को प्रभावित करती है और यह एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में स्पष्ट हुआ, जहां उनकी कमी खल रही है। वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी के साथ नंबर आठ तक बल्लेबाज रखने का गंभीर का तरीका एक व्यावहारिक विकल्प है या नहीं, यह श्रृंखला समाप्त होने तक स्पष्ट हो जाएगा। कोटक ने कहा, ‘‘हार्दिक जैसे खिलाड़ी का न होना हमेशा बड़ा नुकसान होता है। लेकिन अगर हम सकारात्मक पक्ष देखें तो नीतीश को खेलने का मौका मिल रहा है और हम उसे निखारने की कोशिश कर रहे हैं।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘हर टीम को एक ऑलराउंडर की ज़रूरत होती है और हम उसे उस भूमिका में ढालने की कोशिश कर रहे हैं। इस लिहाज़ से यह एक अच्छी तैयारी है। लेकिन हार्दिक जैसे खिलाड़ी की कमी किसी भी टीम को खलेगी।’’ इस बात की पूरी संभावना है कि भारत दूसरे मैच में भी उन्हें 11 खिलाड़ियों के साथ खेलेगा जो पहले मैच में खेले थे। वॉशिंगटन सुंदर की जगह कुलदीप यादव गेंदबाजी में अच्छे विकल्प होते लेकिन एडिलेड ओवल की बाउंड्री छोटी हैं और यहां कलाई का यह स्पिनर रन लुटा सकता है। टीम इस प्रकार हैं: भारत: शुभमन गिल (कप्तान), रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, नितीश कुमार रेड्डी, मोहम्मद सिराज, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), यशस्वी जयसवाल, कुलदीप यादव, प्रसिद्ध कृष्णा। ऑस्ट्रेलिया: मिशेल मार्श (कप्तान), जेवियर बार्टलेट, एलेक्स केरी, कूपर कोनोली, नाथन एलिस, जोश हेजलवुड, ट्रैविस हेड, मार्नस लाबुशेन, मिशेल ओवेन, जोश फिलिप, मैथ्यू रेनशॉ, मैथ्यू शॉर्ट, मिशेल स्टार्क, एडम ज़म्पा। समय: मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9:00 बजे शुरू होगा।