samacharsecretary.com

सरकार का फैसला: कृषकों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण योजना रहेगी जारी

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने का निर्णय सतत् विकास लक्ष्य एसडीजी मूल्यांकन योजना का अनुमोदन 5 जिला चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या में उन्नयन एवं 810 नए पद सृजित करने की स्वीकृति निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरूवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। खरीफ 2025 सीजन की ड्यू डेट 28 मार्च, 2026 और रबी 2025-26 सीजन की ड्यू डेट 15 जून 2026 नियत की गयी है। योजनान्तर्गत खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित तिथि (ड्यू डेट) तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) द्वारा 3 लाख रूपये तक के दिये गये अल्पावधि फसल ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा। राज्य शासन द्वारा सभी किसानों के लिए 1.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज अनुदान और निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा। वर्तमान वर्ष में 23 हजार करोड़ रूपये वितरण का लक्ष्य रखा गया हैं। एसडीजी मूल्यांकन योजना का अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए "एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना" को आगामी 5 वर्षों (वर्ष 2025-30 तक) के लिए स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। योजना अंतर्गत सतत् विकास के लक्ष्यों का राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों के सतत् विकास लक्ष्यों और उनके संकेतक के आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से रैंकिंग तय की जायेगी। डैशबोर्ड आधारित रैंकिंग अनुसार दो शीर्ष प्रदर्शन किये जाने वाले जिलों को पुरस्कार राशि का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 1 करोड़ रुपए और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 75 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का वार्षिक प्रावधान किया जाएगा। चयनित जिला अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से किसी भी लक्ष्य में सुधार के लिए पुरस्कार राशि का उपयोग कर सकता है। प्रदेश के ऐसे जिले जिनका रैंकिंग में प्रदर्शन कमजोर स्तर का होगा, उन्हें प्रदेश में चल रही कल्याणकारी योजनाओं की सहायता से विकास की मुख्य धारा में सम्मिलित किया जायेगा, जो प्रदेश के समग्र विकास में सहायक होगा। योजना पर 19 करोड़ 10 लाख रूपये (3 करोड़ 82 लाख प्रतिवर्ष) का अनुमानित व्यय होगा। उल्लेखनीय है कि योजना अंतर्गत सतत् विकास लक्ष्य, जिन्हें वैश्विक लक्ष्य भी कहा जाता है, वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2030 तक के 17 अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को तय किया गया है। सतत् विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना है। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन द्वारा तैयार किया गया "विकसित मध्यप्रदेश@ 2047 दृष्टिपत्र" राज्य के दीर्घकालिक विकास की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करता है। "एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना विकसित मध्यप्रदेश और विकसित भारत के निर्माण के आधार में सहायक होगी। चिकित्सालयों में बिस्तरों की संख्या का उन्नयन और नए पद सृजन की मंजूरी मंत्रि-परिषद द्वारा जिला चिकित्सालय टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर एवं डिण्डौरी में 800 बिस्तरों का उन्नयन और चिकित्सालयों के संचालन के लिए 810 नए पद की स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें 543 नियमित, 04 संविदा एवं आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से 263 पदों की स्वीकृति दी गयी हैं। पदों के सृजन पर वार्षिक व्यय 39 करोड़ 50 लाख रूपये की भी स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में बिस्तर की संख्या 300 से बढ़ाकर 500, नीमच में 200 से बढ़ाकर 400, सिंगरौली में 200 से बढ़ाकर 400, श्योपुर में 200 से बढ़ाकर 300 और जिला चिकित्सालय डिंडौरी में बिस्तरों की संख्या 100 से बढ़ाकर 200 की गयी है। मालथौन कनिष्ठ खण्ड न्यायालय की स्थापना और नवीन पद की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर के न्यायिक जिला सागर की तहसील मालथौन में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड स्तर के एक नवीन पद और उनके अमले अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 6 पद इस प्रकार कुल 7 नवीन पदों का सृजन किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाईडलाईन अनुसार शत-प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य शासन को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। निर्णय अनुसार पुनर्घनत्वीकरण नीति 2022 की कंडिका 10.11 में संशोधन कर ऑफसेट मूल्य के निर्धारण में बदलाव की स्वीकृति दी गई। पहले 60% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर ऑफसेट मूल्य का निर्धारण होता था, अब 100% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर ऑफसेट मूल्य का निर्धारण होगा। इससे विकास कार्यों के लिये अधिक राशि उपलब्ध होगी।  

धर्म में कोई जाति-सीमा नहीं, हाईकोर्ट ने मंदिर में पुजारी नियुक्ति पर जताई स्पष्ट राय

तिरुअनंतपुरम मंदिर का पुजारी किसी खास जाति या फिर वंश से जुड़ा व्यक्ति होगा, यह धर्म सम्मत नहीं है। केरल हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह बात कही है। अदालत ने कहा कि यह हिंदू धर्म के ग्रंथों में कहीं भी वर्णित नहीं है कि किसी विशेष जाति का शख्स ही मंदिर का पुजारी हो सकता है या फिर किसी वंश का व्यक्ति ही बन सकता है। यदि कोई ऐसा चाहता है कि किसी खास जाति के लोग ही मंदिर के पुजारी हों तो उसे संविधान से भी कोई संरक्षण नहीं मिल सकता। जस्टिस राजा विजयराघवन और जस्टिस केवी जयकुमार ने त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड और केरल देवस्वम रिक्रूटमेंट बोर्ड की ओर से सिर्फ तंत्र विद्यालयों की ओर से अनुभव प्रमाण पत्र रखने वालों की भर्ती पर यह बात कही। केरल में अखिल केरल तंत्री समाजम नाम की एक सोसायटी है। इस सोसायटी से जुड़े करीब 300 परंपरागत तंत्री परिवार जुड़े हैं। यह स्कूल सिखाता है कि कैसे मंदिरों में पुजारियों को परंपराओं का निर्वाह करना चाहिए और पूजा करानी चाहिए। इसी को लेकर अर्जी दाखिल हुई थी कि आखिर किसी एक खास स्कूल या वंश परंपरा से निकले लोगों को ही पुजारी के रूप में कैसे भर्ती किया जा सकता है। अर्जी में सवाल उठाया गया कि आखिर यह मांग कैसे की जा सकती है कि किसी खास स्कूल से आपकी डिग्री होगी, तभी आपको पुजारी के रूप में भर्ती किया जाएगा। इस पर अदालत ने कहा है कि हिंदू धर्म में ऐसी कोई परंपरा या विधान नहीं है कि किसी जाति या वंश से जुड़े लोगों को ही मंदिर के पुजारी के रूप में भर्ती किया जाएगा। बेंच ने इस दौरान 1972 के सुप्रीम कोर्ट के सेशम्मल बनाम तमिलनाडु केस के फैसले का भी उदाहरण दिया। बेंच ने कहा कि तब अदालत ने कहा था कि अर्चक यानी मंदिर के पुजारियों की भर्ती एक सेकुलर निर्णय होता है। इसमें धर्म का कोई मसला नहीं होता और यह काम ट्रस्टी की ओर से किया जाता है। दरअसल सवाल यह भी उठा था कि जिस सोसायटी की डिग्रियों की बात की जा रही है, उसमें पढ़ने वाले तो सिर्फ ब्राह्मण हैं। इसलिए सभी को मौका देने के यह नियम खिलाफ है।  

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दिए निर्देश: रीवा एयरपोर्ट के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए शीघ्र तैयार हो प्रस्ताव

रीवा एयरपोर्ट के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए शीघ्र बनायें प्रस्ताव : उप मुख्यमंत्री  शुक्ल विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण केंद्र रीवा भोपाल उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि विंध्य क्षेत्र में विकास की गति तेज़ हुई है और औद्योगिक विस्तार निरंतर गति पकड़ रहा है। रीवा एयरपोर्ट का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण समय की आवश्यकता है। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि रीवा एयरपोर्ट के रनवे को बड़ा करने और आवश्यक अधोसंरचना विकास के लिए विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार किया जाये। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ नियमित सामंजस्य बनाकर कार्यवाही को गति दी जाये। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने बताया कि रीवा एयरपोर्ट वर्तमान में एटीआर-72 विमान के संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त है और नाइट लैंडिंग की सुविधा से युक्त है। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए एयरपोर्ट के रनवे विस्तार और सुविधाओं के उन्नयन की दिशा में त्वरित कदम उठाए जाना आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि नई एविशन नीति के अंतर्गत रीवा एयरपोर्ट के लिए दो एयरलाइन मार्गों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिन्हें शीघ्र अंतिम रूप दिए जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में उन्होंने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए ताकि रीवा की हवाई सेवाओं के विस्तार में विलंब न हो। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि रीवा एयरपोर्ट के सुदृढ़ीकरण से विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी सशक्त होगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव (एविएशन)  संजय कुमार शुक्ला, आयुक्त (एविएशन)  चंद्रमौली शुक्ला, उप सचिव (एविएशन)  कैलाश बुंदेला और निदेशक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया भोपाल  रामजी अवस्थी उपस्थित थे।  

मैहर में हेल्पलाइन ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए फर्जी शिकायतें, SP ने दो पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

मैहर प्रदेशभर में जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन 181 अब कुछ जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की ही फर्जीवाड़े का शिकार हो गई है. मामला मैहर जिले के अमरपाटन थाना क्षेत्र का है, जहां पदस्थ प्रधान आरक्षक रवि सिंह और आरक्षक संतोष राय पर हेल्पलाइन में झूठी शिकायत दर्ज करवाने का गंभीर आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने थाना ग्रेडिंग में नम्बर एक पर आने की लालसा में यह पूरा फर्जीवाड़ा किया. ये है मामला  जानकारी के अनुसार दीपावली के दौरान अमरपाटन के लंका मैदान में पटाखा दुकानों की जांच के दौरान दोनों आरक्षक वहां पहुंचे और दुकानदारों से मोबाइल लेकर खुद ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर कॉल कर दी. कॉल सेंटर पर उन्होंने खुद को दुकानदार बताकर पुलिस पर ही गाली-गलौज और मारपीट की झूठी शिकायत दर्ज करवा दी. इतना ही नहीं शिकायत बंद करवाने के लिए इन पुलिसकर्मियों ने अपने दूसरे मोबाइल नंबर को संपर्क नंबर के रूप में दर्ज करवा दिया ताकि ओटीपी प्राप्त कर शिकायत निपटान दिखाकर ग्रेडिंग बढ़ाई जा सके. यह फर्जी खेल करीब पांच दुकानदारों अहमद रजा, मोहम्मद फिरोज, इरफान, मोहम्मद वसीम अकरम और अब्दुल मजीद के मोबाइल से किया गया. दुकानदारों ने दिया ये बयान  दुकानदारों ने बताया कि उनके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई थी, बल्कि पुलिसकर्मियों ने मोबाइल लेकर खुद ही कॉल कर दी. अब इस पूरे मामले का एक ऑडियो भी सामने आया है, जिससे दोनों आरक्षकों की करतूत उजागर हो गई है. मामले को संज्ञान में लेते हुए मैहर एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने दोनों आरक्षक रवि सिंह और संतोष राय को लाइन हाजिर किया है. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि सीएम हेल्पलाइन में फर्जी शिकायत करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए. अब देखना यह होगा कि क्या अमरपाटन थाने में पदस्थ इन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होती है या मामला दबा दिया जाता है. ग्रेडिंग में फर्स्ट आने की झूठी शिकायत आरोप है कि अमरपाटन थाने में पदस्थ इन दोनों पुलिसकर्मियों ने सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग में नंबर एक पर आने के लिए 181 सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतें दर्ज करई थीं। उन्होंने पटाखा दुकानदारों के मोबाइल फोन लेकर स्वयं को फर्जी कॉलर बताते हुए गाली-गलौज और मारपीट की शिकायतें दर्ज कराईं। यहां तक कि कॉल सेंटर पर मौजूद एग्जीक्यूटिव से यह भी कहा कि पुलिस उनकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है। पटाखा दुकानदारों के मोबाइल से की शिकायत इन पुलिसकर्मियों ने लगभग पांच पटाखा दुकानदारों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ऐसी शिकायतें दर्ज कराई थीं। साथ ही, प्रधान आरक्षक रवि सिंह और आरक्षक संतोष राय ने इन सभी सीएम हेल्पलाइन शिकायतों पर अपना दूसरा संपर्क नंबर भी दर्ज कराया, ताकि वे शिकायतें बंद कराने के लिए ओटीपी प्राप्त कर सकें और अमरपाटन थाना मैहर जिले में सीएम हेल्पलाइन बंद कराने की ग्रेडिंग में शीर्ष पर आ सके। ऑडियो भी आया सामने इस मामले में फर्जी शिकायत करने वाले आरक्षक का एक ऑडियो भी सामने आया है। इसके अलावा, शिकायत नंबर भी सार्वजनिक हुए हैं और दुकानदारों ने स्पष्ट रूप से बताया है कि उन्होंने कोई सीएम हेल्पलाइन शिकायत दर्ज नहीं की थी, बल्कि दो पुलिसकर्मी आए और मोबाइल मांगकर शिकायत दर्ज कर दी।

कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अनिवार्य किया गया

भोपाल         श्रम विभाग द्वारा राज्य में संचालित समस्त कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे संस्थान जहां बीस या इससे अधिक श्रमिक कार्यरत हैं और जिनका मासिक वेतन 21 हजार रूपये से कम है, उन्हें बोनस भुगतान किया जाना जरूरी है। अधिनियम के अनुसार हर लेखा वर्ष में किए गए कार्य के बोनस का भुगतान आगामी लेखा वर्ष में 30 नवंबर तक किया जाना चाहिए।  बोनस की राशि 7000 रूपये अथवा 8.33% जो भी अधिक हो वह देय होगी। उप श्रम आयुक्त श्री आशीष पालीवाल ने बताया है कि उक्त बोनस का भुगतान न होने की स्थिति में अपनी शिकायत संबंधित जिला श्रम कार्यालय में, एल.सी.एम. एस.पोर्टल पर, शासन द्वारा संचालित cmhelpline पोर्टल 181 पर अथवा श्रम विभागीय टोल फ्री नंबर 18002338888 पर दर्ज करवा सकते हैं।  

जिनके पास होती हैं ये 5 आदतें, उनसे टकराना आसान नहीं होता

दुनिया में हर इंसान की अपनी अलग पहचान होती है। लेकिन इनमें से कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों पर अपना कुछ खास इंप्रेशन छोड़ जाते हैं। उनका व्यक्तित्व ऐसा होता है जिससे लोग ना सिर्फ प्रभावित होते हैं, बल्कि उनसे पंगा लेने में भी कतराते हैं। दरअसल ऐसे इंसान के अंदर होती हैं कुछ ऐसी अनोखी खूबियाँ जो उन्हें बाकी सबसे अलग बनाती हैं। ये गुण ना केवल उन्हें आत्मविश्वासी बनाते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व को इतना दमदार बना देते है कि लोग उन्हें चुनौती देने से कतराते हैं। चाहे बात मानसिक मजबूती की हो या खुद पर भरोसे की; ये खूबियाँ उन्हें एक ताकतवर इंसान के रूप में रिप्रेजेंट करती हैं। आइए जानते हैं स्ट्रॉन्ग पर्सनेलिटी वाले व्यक्तियों की इन्हीं क्वालिटीज के बारे में। जो इंसान आत्मविश्वास से भरा हो कॉन्फिडेंस यानी आत्मविश्वास वह गुण है जो किसी भी व्यक्ति को भीड़ में सबसे अलग बनाता है। जो लोग खुद पर भरोसा करते हैं और अपने फैसलों को लेकर कॉन्फिडेंट होते हैं, वो लोग डंके की चोट पर अपने विचारों को दूसरों के सामने रखते है। ऐसे लोगों को अपनी क्षमता पर पूरा यकीन होता है, जिससे सामने वाला खुद-ब-खुद शांत हो जाता है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है, वो हमेशा राजा की तरह आगे बढ़ता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस में पतले धागे सा अंतर होता है। इसलिए कॉन्फिडेंट बनें लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट ना हों। जो व्यक्ति होता है इमोशनली स्ट्रॉन्ग एक इंप्रेसिव पर्सनालिटी बनाने के लिए इमोशनली स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी है। जो लोग भावनाओं पर काबू रखना जानते हैं, मुश्किल हालात में भी घबराने के बजाय सजगता से आगे बढ़ते हैं, गुस्से या दुख में भी संतुलन बनाए रखते हैं; उन्हें मानसिक रूप से कभी कोई भी तोड़ नहीं सकता। ऐसे लोग दूसरों के इरादों को पहचानने में भी काफी तेज होते हैं। ऐसे व्यक्तित्व वाले लोगों को उनके रास्ते से भटकाना आसान नहीं होता। जिनमें होती है सही डिसीजन लेने की कैपेबिलिटी ऐसे लोग जो हर सिचुएशन में सही डिसीजन लेने की कैपेबिलिटी रखते हैं, उनका व्यक्तित्व भी बहुत ही प्रभावशाली होता है। ऐसे लोगों को अपने लक्ष्य और रास्तों के बारे में साफ समझ होती है। इस तरह के लोग कभी जल्दबाजी में फैसले नहीं लेते, बल्कि सोच-समझकर ही हर कदम उठाते हैं। यही कारण है कि लोग इन्हें हल्के में लेने की भूल नहीं करते। इनकी रणनीतिक सोच इन्हें हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की काबिलियत देती है। जिनमें हो आत्म-संयम और अनुशासन इंपैक्टफुल पर्सनैलिटी बनाने के लिए व्यक्ति के अंदर आत्म-संयम और अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। अनुशासित जीवन जीने वाले लोग जीवन के हर मोड़ पर नियंत्रित रहते हैं और अपनी सारी एनर्जी जीवन की सही दिशा में लगाते हैं। ये कभी जीवन के गलत रास्ते पर नहीं चलते और इनका जीवन जीने का ये पॉजिटिव तरीका ही लोगों के लिए मिसाल बन जाता है। ऐसे लोग हमेशा दूसरों के लिए आदर्श बनते है और कोई कभी भी इनका विरोध नहीं करता। जो खुद का और दूसरों का करें सम्मान यकीनन हर इंसान को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। लेकिन सम्मान पाने के लिए पहले खुद का सम्मान करना भी जरूरी है। जो लोग अपना सम्मान करते हैं और जब बात उनके आत्मसम्मान पर आती है, तो किसी के सामने भी नहीं झुकते नहीं, किसी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते हैं; ऐसी पर्सनैलिटी के इंसान से भी जल्दी कोई पंगा नहीं लेता है।  

मधुमक्खी हमले से बचने के चक्कर में पिता-पुत्र की तालाब में डूबकर मौत

जगदलपुर करपावंड थाना क्षेत्र के ग्राम चोकनार में पिता-पुत्र की तालाब में डूबने से मौत हो गई. दोनों जंगल में शहद निकालने गए थे. इस दौरान मधुमक्खियों ने उनपर हमला कर दिया. मधुमक्खियों से बचने के लिए दोनों ने तालाब में छलांग लगा दी. तालाब में काफी देर तक डूबे रहने से उनकी मौत हो गई. काफी देर बाद भी उनके बाहर न निकलने पर ग्रामीणों ने तालाब में खोजबीन की और उनके शव को तालाब से बाहर निकाला. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

Drugs ने बुझाए 2 परिवारों के चिराग, 1 ही दिन में 2 युवकों की मौत, 2 वर्षों में करीब 30 युवक चढ़ चुके नशे की भेंट

रानियां रानियां क्षेत्र के गांव ओटू में नशे की लत ने एक बार फिर दो परिवारों के चिराग बुझा दिए। बुधवार को नशे की ओवरडोज से दो युवकों, सुखचैन (20) और विक्की (19) की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया। दोनों शिक्षित, कुंवारे और बाजीगर समुदाय से थे। पिछले दो वर्षों में करीब 30 युवा इस लत की भेंट चढ़ चुके हैं, जबकि एक महीने पहले भी दो मौतें हुई थीं। गांव में नशे का जाल इतना गहरा चुका है कि ग्रामीण अब पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। गुरुवार को इस मुद्दे पर ग्रामीण मीटिंग करेंगे, जिसमें नशे के खिलाफ ठोस कदमों पर चर्चा होगी। बुधवार सुबह 6 ले बजे सुखचैन पुत्र दयालूराम का शव ले रानियां ट्रक यूनियन के पास मिला। वह क मंगलवार शाम से लापता था। परिजनों स ने उसे कई जगह ढूंढा, लेकिन सुबह क किसी की सूचना पर शव मिला। उसी के दिन शाम 7 बजे दूसरी दुखद खबर मि आई। विक्की नामक युवक का शव जु गांव अभोली बस अड्डे के पास अचेत नि पड़ा मिला। उसे डॉक्टर के पास ले त जाया गया, लेकिन उसे मृत घोषित अ कर दिया गया। रानियां थाना के क एडिशनल एसएचओ गुरमिंदर सिंह इन ने कहा कि अभी तक थाने में कोई रा शिकायत नहीं आई। शिकायत मिलने अ पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। 

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर बैन, कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड उत्तराखंड में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर बड़ी पाबंदी लगने वाली है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को सख्त सिफारिश भेजी है, जिसके बाद जल्द ही इस दिशा में कानूनी बदलाव हो सकते हैं। पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों के बाद केंद्र ने दवा निर्माण और बिक्री के नियमों को सख्त करने का फैसला किया है, जिसमें ऑनलाइन दवाओं की बिक्री और होम डिलीवरी पर नियंत्रण शामिल है। उत्तराखंड में 20 हजार से अधिक मेडिकल स्टोर हैं, जिनमें से कई ऑनलाइन दवाओं की बिक्री में लगे हुए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान इस कारोबार ने जबरदस्त गति पकड़ी थी और तब से ऑनलाइन दवाओं का व्यापार करोड़ों रुपये का हो गया है। हालांकि, यह कारोबार नियंत्रण से बाहर हो चुका है और रिकॉर्ड रखना भी मुश्किल हो गया है। एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि ऑनलाइन दवाओं की खरीद-फरोख्त के रिकॉर्ड छिपाने और गड़बड़ी की संभावना बहुत अधिक रहती है। किसने कौन-सी दवा कब और कहां से मंगाई, इस बात का सही ब्यौरा रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है, जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है। इसी कारण कई राज्यों ने भी ऑनलाइन दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस बदलाव के साथ ही ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में संशोधन किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन दवाओं की बिक्री और वितरण पर कड़े नियम लागू होंगे। सरकार की यह पहल मरीजों की सुरक्षा और दवाओं के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है। जल्द ही इस मामले में आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश में श्रमिकों की आयु गणना के लिए जारी किए नए निर्देश

भोपाल मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत श्रमिक की आयु गणना के लिये श्रम विभाग द्वारा नवीन निर्देश जारी किये गये हैं। अब आयु गणना के लिये "आधार कार्ड के आधारपर" शब्द विलोपित किया गया है। आयु के प्रमाण के लिये परीक्षा लेने वाले बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया गया प्रमाण पत्र या अंकसूची या उस अंतिम विद्यालय द्वारा, जिसमें उसने अध्ययन किया, जारी किया गया विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र मान्य होगा। इसी तरह जन्म तथा मृत्यु के रजिस्ट्रार से प्रमाण पत्र एवं ग्राम पंचायत या मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्रमाण पत्र मान्य होगा। श्रम विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री बसंत कुर्रे ने बताया है कि उपरोक्त प्रमाण-पत्रों के न होने पर उस चिकित्‌सा अधिकारी का प्रमाण पत्र, जो शासकीय सेवा में सहायक शल्य चिकित्सक की पदश्रेणी से निम्न पद श्रेणी का न हो का प्रमाण पत्र मान्य होगा। उक्त चारों दस्‌तावेजों अथवा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य आयु संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर आयु संबंधी निर्णय लिया जायेगा।