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आरक्षण नीति में बदलाव की तैयारी, उमर अब्दुल्ला के कदम से छिड़ा विवाद

जम्मू-कश्मीर  जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर आरक्षण नीति की समीक्षा प्रदेश की सबसे बड़ी राजनीतिक बहस बन गई है। साल 2024 में जब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के रूप में सीधे दिल्ली के प्रशासनिक नियंत्रण में था तब उपराज्यपाल (LG) ने पहाड़ी समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मंजूरी दी थी। यह समुदाय की लंबे समय से लंबित मांग मानी जा रही थी। इस निर्णय के बाद प्रदेश में कुल आरक्षण लगभग 60 प्रतिशत तक पहुंच गया। राजनीतिक विश्लेषकों ने उस समय माना था कि यह कदम बीजेपी के लिए संसदीय और विधानसभा चुनावों में राजनीतिक समर्थन जुटाने का प्रयास था। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति (SC) को 8%, अनुसूचित जनजाति (गुज्जर-बकरवाल) को 10%, अनुसूचित जनजाति (पहाड़ी) को 10%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 8%, नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र के निवासियों के लिए 4%, पिछड़े क्षेत्र के निवासी के लिए 10% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था है। सामान्य वर्ग के छात्रों का विरोध नीति में बदलाव के बाद सामान्य वर्ग के छात्रों में नाराजगी फैल गई। उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण बढ़ने से खुली प्रतिस्पर्धा (ओपन मेरिट) के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सीटें बहुत कम हो गई हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की लगभग 69 प्रतिशत आबादी सामान्य वर्ग से है। चुनाव बाद बढ़ी सियासी गर्मी 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद 2024 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि वह आरक्षण नीति की समीक्षा करेगी और किसी भी अन्याय या असंतुलन को दूर करेगी। अक्टूबर 2024 में सत्ता में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को इस मुद्दे पर भारी दबाव का सामना करना पड़ा। सरकार ने एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया, जिसने छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपी। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि कैबिनेट ने रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है और अब इसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास अंतिम विचार के लिए भेजा गया है। सड़क से सदन तक विरोध दिसंबर 2024 में श्रीनगर में मुख्यमंत्री के आवास के बाहर बड़ा प्रदर्शन हुआ। इसमें विपक्षी नेताओं के साथ एनसी सांसद आगा रुहुल्लाह भी शामिल हुए, जिन्होंने खुद आंदोलन की अगुवाई की। इस घटना के बाद से रुहुल्लाह और पार्टी नेतृत्व के बीच मतभेद सामने आए हैं। अब 11 नवंबर को होने वाला बडगाम विधानसभा उपचुनाव सरकार के लिए लोकप्रियता की परीक्षा माना जा रहा है। हालांकि, आगा रुहुल्लाह ने साफ कर दिया है कि वे इस चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे। रुहुल्लाह ने हाल ही में सामान्य वर्ग के छात्रों से मुलाकात की और कहा, “बडगाम उपचुनाव पर कोई भी निर्णय लेने से पहले आरक्षण उप-समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।” मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारी सरकार दबाव में काम नहीं करती। इस मुद्दे पर प्रक्रिया के अनुसार ही कदम उठाए जा रहे हैं।” इस बीच आरक्षण नीति से जुड़ी कई याचिकाएं जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दायर की गई हैं, जिन पर सुनवाई जारी है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले महीनों में जम्मू-कश्मीर की राजनीति का सबसे निर्णायक चुनावी विषय बन सकता है।  

धोखाधड़ी का बड़ा मामला: पंजाब में इमिग्रेशन सेंटर ने युवाओं की उड़ाई नींद!

अमृतसर  महानगर में विदेश भेजने के नाम पर ट्रैवल एजैंट की तरफ से दर्जनों युवाओं के साथ ठगी करने का एक और नया मामला सामने आया है। इसमें खास बात यह है कि जिस ट्रैवल एजैंट ने युवाओं के साथ ठगी की है, वह गैर-लाइसैंसी इमीग्रेशन सैंटर नहीं, बल्कि जिला प्रशासन अमृतसर की तरफ से जारी लाइसैंसी इमीग्रेशन सैंटर चल रहा था। जानकारी के अनुसार अमृतसर जिले के अलग-अलग गांवो व कुछ अन्य जिलों से भी दर्जनों की संख्या में आए युवाओं ने ए.डी.सी. जनरल रोहित गुप्ता को लिखित रूप से शिकायत करके ट्रैवल एजैंट प्रभशरण सिंह रंधावा पर ठगी करने के आरोप लगाए हैं और अपने पैसे वापस लेने की मांग की है। मामले की जानकारी मिलने के बाद ए.डी.सी. की तरफ से एस.पी. हैड क्वार्टर और संबंधित पुलिस थाना को इस मामले की जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं और तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। शिकायत में बताया गया है कि उक्त इमीग्रेशन सैंटर का मालिक रणजीत एवेन्यू में अपना सैंटर चला रहा था और विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ रहा था। दूसरी तरफ प्रभशरण सिंह रंधावा के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो फोन बंद आया। अमृतसर के पॉश क्षेत्र रणजीत एवेन्यू की बात करें तो यहां पर दर्जनों की संख्या में इमीग्रेशन सेंटर चल रहे हैं, लेकिन एक किसी लाइसेंस धारी केंद्र की तरफ से कभी युवाओं के साथ भी देश भेजने के नाम पर ठगी नहीं हुई है। आम तौर पर फर्जी ट्रैवल एजैंट युवाओं को विदेश भेजने का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं और लाखों रुपए ठगते हैं। प्रशासन के पास 500 से ज्यादा लाइसैंसी इमीग्रेशन सैंटरों की लिस्ट युवाओं को पढ़ाई करने के लिए या विदेश में काम करने के लिए विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजैंटों की बात करें तो अमृतसर जिला प्रशासन के पास ऐसे 500 से ज्यादा लाइसैंसी ट्रैवल एजैंटों की लिस्ट है, जिनको ए.डी.सी. जनरल दफ्तर की तरफ से एक लंबी चौड़ी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद लाइसैंस जारी किया जाता है। इन लाइसैंसी इमीग्रेशन सैंटरों और ट्रैवल एजैंटों के नाम बकायदा जिला प्रशासन की ट्रैवल एजैंसी वाली वेबसाइट में भी दर्शाए गए हैं। इस वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति यह जान सकता है कि वह जिस ट्रैवल एजैंट के पास गया है, उसके पास सरकार की तरफ से जारी लाइसैंस है या नहीं है। क्या है इमीग्रेशन सैंटर का लाइसैंस लेने की कानूनी प्रक्रिया इमीग्रेशन सैंटर या ट्रैवल एजैंसी का लाइसैंस लेने के लिए डी.सी. दफ्तर में ए.डी.सी. जनरल दफ्तर को लाइसैंसिंग अथॉरिटी बनाया गया है। इसमें सबसे पहले लाइसैंस का आवेदन देने वाले व्यक्ति को अपने सैंटर वाले स्थान की रजिस्ट्री, यदि वह किराए पर रहता है तो किराएनामा जो बाकायदा रजिस्टर्ड होना चाहिए। इसके अलावा पैन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य जरूरी दस्तावेज आवेदन फार्म के साथ लगाकर ही अप्लाई किया जा सकता है। इसके तहत पुलिस को भी शामिल किया गया है। पुलिस की तरफ से एन.ओ.सी. मिलने के बाद ही ए.डी.सी. दफ्तर की तरफ से लाइसैंस शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है, जिसमें एस.डी.एम., तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी से भी रिपोर्ट मंगवाई जाती है। पुलिस और सिविल प्रशासन की तरफ से दोहरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही लाइसैंसिंग अथॉरिटी ए.डी.सी. की तरफ से लाइसैंस जारी किया जाता है, इसमें कम से कम 90 दिन की प्रक्रिया होती है।

महिला डॉक्टर की मौत में ट्विस्ट, मकान मालिक का बेटा अब आरोपी

मुंबई  महाराष्ट्र पुलिस ने सतारा में महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान प्रशांत बांकर के तौर पर हुई। पुलिस के अनुसार, महिला को फलटण क्षेत्र के एक होटल के कमरे में फांसी पर लटका हुआ पाया गया था। सतारा पुलिस के एसपी तुषार दोशी ने बताया कि बांकर को शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में दूसरा आरोपी पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने है जो अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। मृतक के हाथ पर मराठी में लिखे नोट के जरिए गंभीर आरोप लगाए गए। इसमें कहा गया कि फलटण सिटी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने ने उसका 4 बार बलात्कार किया। उसके मकान मालिक के बेटे प्रशांत बांकर ने पिछले पांच महीनों से उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। फिलहाल इस मामले में शामिल पीएसआई को निलंबित कर दिया गया है। मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात थी पीड़िता पुलिस के अनुसार, पीड़िता सतारा के फलटण क्षेत्र में एक सरकारी अस्पताल में संविदा पर मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात थी। उसे गुरुवार रात होटल के कमरे में फांसी पर लटके हुए पाया गया था। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर ने अपने नोट में एक सब-इंस्पेक्टर पर कई बार बलात्कार करने, एक अन्य व्यक्ति पर पिछले चार से पांच महीनों तक मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। जांच में शामिल अधिकारी ने बताया कि पीड़िता और सस्पेंड पीएसआई दोनों बीड के रहने वाले हैं और रिश्तेदार हैं।  

नक्सलियों का खूनी खेल जारी, बीजापुर में दो ग्रामीणों की हत्या

बीजापुर नक्सलियों ने एक बार फिर दहशत फैलाने की कोशिश करते हुए खूनी वारदात को अंजाम दिया है। उसूर इलाके में बीती रात दो ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, बीती रात जिले के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम नेलाकांकेर में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों पर धारदार हथियार से हमला कर उनकी निर्ममपूर्वक हत्या कर दी। मृतकों की पहचान रवि कटटम और तिरूपति सोढी के रूप में हुई है। इधर नक्सलियों के द्वारा धारदार हथियार से मारकर हत्या करने की सूचना उसूर थाना को मिली है। सूचना पर थाना उसूर द्वारा घटना की तस्दीक की जा रही है।

वैशाली में बाढ़ पीड़ितों को दिए कैश के कारण पप्पू यादव को नोटिस

पूर्णिया  बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को इनकम टैक्स का नोटिस मिला है। सांसद ने आरोप लगाया कि आयकर विभाग ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कैश (रुपये) बांटने को अपराध बताया है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव में बाढ़ पीड़ितों की मदद की थी। बता दें कि विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद कैश बांटने पर वैशाली जिले में सांसद पर आचार संहिता उल्लंघन का केस भी दर्ज हुआ था। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में रुपये बांटने को अपराध बताया है। यह अपराध है तो मैं हर वंचित पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि वैशाली जिले के मनियारी गांव में बाढ़ से लोगों का घर-द्वार सब गंगाजी में विलीन हो गया था। उन्होंने इन लोगों की मदद की थी। पप्पू यादव ने सवाल भी किया कि अगर वह उनकी मदद नहीं करते तो क्या गृह राज्य मंत्री (नित्यानंद राय) और स्थानीय सांसद (चिराग पासवान) की तरह मूकदर्शक बने रहते? बता दें कि दो सप्ताह पहले पप्पू यादव वैशाली जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे थे। उन्होंने कुछ पीड़ित परिवारों को रुपये बांटकर आर्थिक मदद की थी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद सहदेई थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर विधानसभा चुनाव के बीच आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया।  

टर्मिनल ट्रायल में कामयाब नोएडा एयरपोर्ट, कर्मचारियों ने किया असली यात्री अनुभव

नोएडा चार वर्षों की अथक मेहनत, दिन-रात जारी निर्माण कार्य और अनगिनत घंटों की तपस्या…..इन सबका परिणाम शनिवार को उस वक्त झलका जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने खुद को पहली बार यात्री के रूप में महसूस किया. एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में हुए इस विशेष ट्रायल में कर्मचारियों ने टिकट और पहचान पत्र के साथ सभी यात्री प्रक्रियाओं का अनुभव लिया. बिलकुल वैसे ही जैसे वास्तविक उड़ान के समय यात्री करते हैं. एयरपोर्ट बना उत्साह का केंद्र सुबह से ही माहौल उत्साहपूर्ण था. यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) की ओर से चयनित कर्मचारियों को बसों से टर्मिनल बिल्डिंग लाया गया. सुरक्षा जांच पूरी करने के बाद वे चेक-इन काउंटर पर पहुंचे, जहां टिकट और पहचान पत्र दिखाकर ऑनलाइन चेक-इन किया गया और बोर्डिंग पास सौंपे गए. लगेज कराया जमा कर्मचारियों ने अपने बैग और लगेज को बोर्डिंग प्रक्रिया के अनुसार जमा कराया. सामान का वजन करने के बाद उस पर बारकोड टैग लगाया गया और कन्वेयर बेल्ट के जरिए उसे स्कैन कर उड़ान क्षेत्र में भेजा गया. इस दौरान कर्मचारियों ने हैंड बैगेज और व्यक्तिगत वस्तुओं की सुरक्षा जांच भी पूरी की.   सुविधाओं की बारीकी से हुई जांच इस ट्रायल का मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट के हर सिस्टम, सुरक्षा प्रक्रिया और यात्री सुविधा की बारीकी से जांच करना था. यापल की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि संचालन शुरू होने के बाद किसी भी यात्री को असुविधा न हो. ट्रायल के दौरान टर्मिनल की स्वचालित सीढ़ियां, कोर्ट यार्ड एरिया, एयरो ब्रिज कनेक्टिविटी और बैगेज हैंडलिंग सिस्टम की जांच की गई.

चोरी की बाइक बनी सबूत, बीकानेर महिला जज पर लूटकांड का पर्दाफाश

बीकानेर बीकानेर में महिला जज पूजा जनागल के साथ हुई हाई प्रोफाइल लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस वारदात में शामिल मुख्य आरोपी कुशाल मेहरा पुत्र मघाराम, उम्र 29 वर्ष, निवासी इंद्रा कॉलोनी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका नाबालिग साथी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इस मामले में सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। गुरुवार को कुछ संदिग्धों की धरपकड़ के बाद कुशाल मेहरा की पहचान पुख्ता हुई। एडिशनल एसपी सौरभ तिवाड़ी ने बताया कि पुलिस ने इंद्रा कॉलोनी, प्रताप बस्ती, बल्लभ गार्डन और रामपुरा बस्ती में संदिग्धों के फोटो एकत्र किए और महिला जज से पहचान कराई। इसके बाद कुशाल मेहरा को गिरफ्तार किया गया। कुशाल और उसके नाबालिग साथी ने पहले पीबीएम के बच्चा अस्पताल से एक मोटरसाइकिल चोरी की। चोरी की बाइक पर सवार होकर वे कलेक्टर आवास के सामने पहुंचे। वहां उन्होंने स्कूटी से गुजर रही महिला जज पूजा जनागल को धक्का मारकर गिरा दिया और लूट की वारदात को अंजाम दिया। लूट के दौरान बाइक के कुछ पार्ट टूट गए थे, जिन्हें पुलिस ने मौके से जब्त किया। इन हिस्सों के आधार पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से बाइक और आरोपियों की पहचान की। यह सबूत जांच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। पुलिस के अनुसार, कुशाल मेहरा और उसका नाबालिग साथी दोनों नशे के आदी हैं। कुशाल पर पहले से ही चार मुकदमे दर्ज हैं, दो सदर थाना और दो बीछवाल थाना क्षेत्र में। उस पर हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि महिला जज के पिता, जो पेशे से वकील हैं, उन्हीं पुराने मामलों में कुशाल के खिलाफ पैरवी कर रहे थे। इस हाई प्रोफाइल केस में एडिशनल एसपी सौरभ तिवाड़ी और आईपीएस विशाल जांगिड़ की अहम भूमिका रही। साथ ही सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह, जेएनवीसी थानाधिकारी सुरेंद्र पचार और साइबर सेल के एएसआई दीपक की सतर्कता ने आरोपी तक पुलिस को पहुंचाया।

अधूरी स्विमिंग पूल की मरम्मत, अधिकारियों को मिली दैनिक प्रगति रिपोर्ट देने की हिदायत

इंदौर शहर के मध्य स्थित नेहरू पार्क में बन रहे स्विमिंग पूल और लाइब्रेरी के काम में हो रही लेटलतीफी पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नाराजगी जताई है। जिस स्विमिंग पूल का काम अप्रैल 2025 तक पूरा हो जाना था, वह अक्टूबर तक भी अधूरा है।  महापौर ने दोनों निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण किया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि काम की गुणवत्ता बनाए रखते हुए इसे दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए। महापौर ने जताई नाराजगी, तय की नई समय सीमा निरीक्षण के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने काम की गति और गुणवत्ता की समीक्षा की। उन्होंने कहा, "नेहरू पार्क परिसर शहर के बीचोंबीच है और यह स्विमिंग पूल स्पोर्ट्स की दृष्टि से व लाइब्रेरी अध्ययन की दृष्टि से आम जनता के लिए बहुत जरूरी है।" उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोनों निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ दिसंबर तक पूर्ण कर जनता के लिए प्रारंभ किए जाएं। महापौर ने अधिकारियों को कार्य की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए, ताकि परियोजना निर्धारित समय में पूरी हो सके। निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्य नंदू पहाड़िया, अभय राजनगांवकर और संबंधित अधिकारी नागेंद्र भदौरिया भी उपस्थित रहे। अप्रैल की डेडलाइन चूका ठेकेदार नेहरू पार्क स्विमिंग पूल के जीर्णोद्धार का यह कार्य करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है। इसका ठेका भोपाल की एक कंपनी को दिया गया है। पुराने पूल को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा रहा है। पहले इस काम को अप्रैल 2025 के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। लापरवाही पर पहले भी लग चुकी है फटकार यह पहली बार नहीं है जब काम में देरी और लापरवाही सामने आई है। सामान्य प्रशासन प्रभारी नंदकिशोर पहाड़िया ने मार्च में भी काम में लेटलतीफी पर ठेकेदार को फटकार लगाई थी। इस बार निरीक्षण के दौरान भी टाइल्स लगाने के काम में लापरवाही दिखी, जिस पर पहाड़िया ने ठेकेदार को फिर से फटकार लगाई। मिलेंगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं इस जीर्णोद्धार के बाद पूल अंतरराष्ट्रीय मानकों का हो जाएगा। इसमें वाटरप्रूफ टाइल्स और आधुनिक लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यहां दो फिल्टर प्लेट की विशेष व्यवस्था की जा रही है, जो पूरे प्रदेश में कहीं और नहीं मिलेगी। इसके अलावा, नई बिल्डिंग में डाइविंग टॉवर, चेंजिंग रूम, शॉवर रूम भी बनाए जा रहे हैं। नई बिल्डिंग में ऊपरी हिस्से पर दर्शकों के बैठने के लिए कुर्सियां भी लगाई जाएंगी, ताकि किसी भी स्पर्धा के दौरान दर्शकों को परेशानी न हो। 

MP के अकेले सांसद वी.डी. शर्मा करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेंगे

खजुराहो   मध्यप्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में शामिल होने के लिए नामित किया है। यह सत्र 27 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक न्यूयॉर्क (अमेरिका) में आयोजित होगा। इस दौरे में देशभर से कुल 15 सांसद संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में शामिल होंगे, जिनमें मध्यप्रदेश से केवल विष्णुदत्त शर्मा को प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है। इस चयन को राज्य के लिए गर्व का विषय माना जा रहा है।   जानकारी के अनुसार, इस अंतरराष्ट्रीय दौरे के लिए सांसदों का चयन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया है। माना जा रहा है कि दिल्ली द्वारा खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा को यह जिम्मेदारी सौंपना, उनके प्रति केंद्र सरकार के विश्वास और भरोसे को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) विश्व के सबसे प्रतिष्ठित कूटनीतिक मंचों में से एक है, जहां सदस्य देशों के प्रतिनिधि वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और अपने देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करना किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि माना जाता है। बता दें भारत समय-समय पर अपने सांसदों और प्रतिनिधियों को विभिन्न वैश्विक मंचों पर भेजता रहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत किया जा सके और वैश्विक नीतिगत चर्चाओं में भारत की सक्रिय भूमिका बनी रहे।   मध्य प्रदेश से एकमात्र प्रतिनिधि इस दौरे की खास बात यह है कि विष्णुदत्त शर्मा 15 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में मध्य प्रदेश से शामिल होने वाले एकमात्र सांसद हैं। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक गौरव का विषय माना जा रहा है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके अनुभव और संगठनात्मक कौशल को देखते हुए इस चयन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएमओ ने दी जिम्मेदारी सूत्रों के अनुसार, इस दौरे के लिए सांसदों का चयन सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की देखरेख में हुआ है। निश्चित तौर पर दिल्ली द्वारा वीडी शर्मा को यह जिम्मेदारी देना उनके ऊपर विश्वास का प्रतीक है। संयुक्त राष्ट्र महासभा दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंचों में से एक है, जहाँ विभिन्न देशों के प्रतिनिधि वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और अपने देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। इस मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना एक बड़ी उपलब्धि है। यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय सांसद यूएन के कार्यक्रमों में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भारत समय-समय पर अपने सांसदों और प्रतिनिधियों को वैश्विक मंचों पर भेजता रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूती दी जा सके और वैश्विक नीति-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई जा सके।

चार नवंबर को कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सजेगा हरि-हर मिलन महोत्सव

सीहोर सीहोर के निकट चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर धाम परिसर में इस वर्ष 4 नवंबर को हरि-हर मिलन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन अत्यंत भव्य रूप में संपन्न होगा। निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में इन दिनों तैयारियों का दौर तेजी पर है। मंच साज-सज्जा, प्रसादी व्यवस्था और भक्तों के ठहरने हेतु विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सान्निध्य में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में हर वर्ग के श्रद्धालु भाग लेते हैं। सुबह से ही बाबा कुबेरेश्वर महादेव की आरती, अभिषेक और भोग लगाने के बाद नि:शुल्क भंडारा आरंभ हो जाता है। भक्तों की भीड़ में उमंग और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई देता है। पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर कार्तिक मास में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दीपदान करने कुबेरेश्वरधाम पहुंच रहे हैं। दीप ज्वलन और दान को इस पवित्र महीने में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इन दिनों चारों ओर जलते दीपक और हरि-हर के जयघोष से मंदिर परिसर अलौकिक आभा से भर उठता है। इस वर्ष भी गुरुदेव के आदेश अनुसार 29 अक्टूबर को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। यह आयोजन हर बार भक्तों के लिए सेवा और समर्पण की प्रेरणा लेकर आता है। भोग प्रसादी के रूप में हजारों श्रद्धालु खाद्यान्न वितरण में सहभागी बनते हैं। यह परंपरा गांव-गांव में संस्कारों का विस्तार करती है। चार नवंबर को होने वाला हरि-हर मिलन उस क्षण का प्रतीक है, जब भगवान विष्णु और भगवान शंकर का आध्यात्मिक मिलन दर्शाया जाता है। यह दृश्य भक्तों को जीवन में एकता, प्रेम और सहअस्तित्व का संदेश देता है। मंदिर के प्रांगण में गूंजते शंखनाद और भजन इस मिलन को दिव्यता के चरम पर पहुंचाते हैं। महोत्सव के दौरान देशभर से आने वाले श्रद्धालु यहां अपने परिवार सहित उपस्थित रहेंगे। निरंतर चलने वाले भंडारे, कथा वाचन, मंत्र उच्चारण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब जाएगा। कुबेरेश्वर धाम एक बार फिर जीवंत साक्षी बनेगा उस दिव्य अनुभूति का, जो केवल आस्था से संभव है।